Abdullah ibn Abd al-Muttalib is the name of mahamad father meaning of Abdullah is servent of allah. that describe Allah word is in existence before mahamad and quran. but before that how does people know supreme creator name? when neither bible nor old testament have this word for supreme creator. And there is no evidence of Islam before Mahammad. So by word allah who were they describing too before islam. its like someone has name Hanumandas without knowing hanuman. And their were even idol worship in madina at those times. and by time every word can change with ponetic like rasgulla is also called rashogulla and that too only 1000km apart. does that mean both people were eating something else. . . Indian people were merchant and it could be posible our culture have infulence over there also so the word with its meaning travel there even before mahamad. just like word God, God in english come from word gutam which is german word which come from hutam from Sanskrit word which mean aahuti or sacrificial offering pour in yajna. . .
@@MrRahul6464 phone Badal gaya hai aur isme keyboard nahi hai Hindi ka. English alphabet meh Hindi Likhna bhi toe sahi nahi Peace bhai. .... Neeyat meri apki tarah hi ek dharmik Hindu ki hi hai
@@Dhruv_Dogra mere vichar se roman lipi mein hindi likhana adhik uchit hai bajaye angrezi mein bharatiyo se samvaad karne mein. Mere pass dusra mobile hai mein usme devanagari tipni karta hoon.
नित्यानंद मिश्र जी को जबसे सुनना प्रारंभ किया है तब से उनके लिए सम्मान और आदर उत्तरोत्तर बढ़ता गया है। में उनको श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूं। कितने सौम्य, दृढ़ और ज्ञानी है हमारे नित्यानंद जी। ईश्वर इनको स्वस्थ और शतायु बनाएं।
Islam does not care about whether the ancestors were same or not. Its fundamental point is that the last message was brought by Prophet Mohammad and that is the final word: a message that overrides all previous injunctions. When our Swamis try to insist that the ancestors were same, they are simply giving legitimacy to an unconnected desert cult.
Sanskriti being taught but the way it is taught is not proper. Compare English book teaching vs Sanskrit, English is taught with grammar but Sanskrit is taught without grammar
This kind of sessions uplifts Sanjay ji's already existing credibility even higher. Loved it. It is very factual and forces us, Sanatanis to revisit our fundamentals and keep our foot rooted to the ground. Thanks
संजय सर आज का ये सेशन कोई विशेष नहीं रहा मिश्रा ने ऐसी कोई ऐसी विशेष बातें नहीं कहीं....संस्कृत के जानकार के रूप आपने इन्हे लाया..खंडन करवाना भी सही था.. बस ये 15मिनिट का सेशन बहुत था ऐसे लोगों को ज्यादा समय ना दे अगर दिया है तो ध्यान रखें ये मंच का दुरूपयोग ना कर पायें आपकी कृपा से ही संजय जी आप स्वयं, अभिजीत चावड़ा, प्रो सुभाष काक जैसे खुले दिमाग़ के विद्वानों को सुन ने के बाद ये बहुत बचकाने और स्कॉलर होने को desperate मालूम होते हैं। आपकी ही शिक्षा ने ये विश्लेषण और प्रतिकार का साहस दिया है बहुत धन्यवाद 🙏🏻
कैसा खंडन ये कम्युनिस्ट लौग हैं अपने आप कौ ऊँचा दिखाते हैं जबकि आपने देखा होगा इन युटुबर अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती था जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये संजय पहले भी कम्युनिस्ट था और आज भी उसी सोच का हैं
स्वामी करपात्री जी सही कहे हैं। पूरी दुनिया में शब्द घूमते हुए ध्वनि में बदलाव आ जाता है। सनातन पूरी दुनिया में था,तभी तो हर जगह खुदाई में मंदिर मिलता है।
See As someone who studies linguistics Answer is no Not everywhere same word is copied dude why to go in whole "duniya" Go from Sanskrit to any regional language for example Marwadi I have not very much knowledge of Marwari but it suits for my example pyas is Marwari is tees tees lag reyo he while sanskrit word for pyas from which hindi word pyas came is Pipasa Pa dhatu se pipasa jaise bubhuksha se bhook to every language has it's unique vocabulary jo is not important everyword that it contains derived from Sanskrit
Yes it is written by great Archeologist and researcher in ASI names Mr P. A Oak written book " Krist-Nitty. He was ambassador in various countries like Jerrusalem, Israel and many places where he did lots of research as an Historians and wrote many books to expose on Taj Mahal as Tajo Mahal being a Shiv Madir etc...
यह अहंकार भी ठीक नहीं की अब आप सनातन के सर्वोच्च पद पर पदाधीस्थ जगद्गुरु शंकराचार्य जी के शब्दों को इस प्रकार से प्रस्तुत करेंगे। विश्व के समग्र शब्द एवम भाषा संस्कृत से उद्धृत है, बाकी किसी में इतना सामर्थ्य नहीं। लोगों को अपने पूर्वजों का स्मरण करना चाहिए की वो हिन्दू हैं बस यही अर्थ है शंकराचार्य जी के उस वक्तव्य का। आपसे ऐसी अपेक्षा नहीं थी की आप उन्हें इस प्रकार प्रस्तुत करेंगे। राम राम 🙏
पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामि श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज ने सही कहा है कि IAS का प्रशिक्षण जिस ब्रिटिश शिक्षा के आधार पर होता उससे निकले लोग सञ्जयजी जैसे धर्मच्युत ही होंगे।
Constructive critcism should be welcomed, and these folks don't even insulted or ridiculed Puri Shankaracharya. Shankarachaya should provide evidence for his claims to avoid confusion among the masses.
हर हर महादेव 🚩🚩🚩 परमपूज्य श्रीमद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के वचनों का मर्म जानने के लिए आप लोगो को उन्हीं से सम्पर्क करना चाहिए। उनके बातो का इस प्रकार खंडन करना अनुचित है। 🚩🙏
@JagdambaSemwal सत्य कहा आपने गुरू के चरणों में तो परम् आनन्द हैं परन्तु जब भी कोई गुरू निन्दा करता है तो मेरा खून खौल उठता है, ऐसे गुरू जो इस अवस्था में साल भर ट्रेन के स्लीपर क्लास में चलते हैं लोगो को राष्ट्र व धर्म के प्रति जागृत करते हैं, कोई खुद का स्वार्थ नहीं है। राजनेताओं की चाटुकारिता करने वालो को, सम्मान आदर मिल रहा।
Mishra ji is right on this, however he has a very poor view on Indian Maths and Astronomy and other knowledge.... If u think about it the ENTIRE EUROPEAN RENAISSANCE was fuelled only after Europe got hands on Indic knowledge either directly or through Arabic translations..... Ever wondered why RENAISSANCE started in Italy and not UK or France?? It is simple bcos VENICE N GENOA had strong maritime trade n connect with ARABIA.
सही कहाँ ऐसा था आप सोचे अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती थी वहाँ मुर्ती मिली हैं जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये
Ek baar phir bhool kar rahe ho phir kisi ke kahe pe biswas kar le rahe ho. Abhi video se ye baat saaf hui ki jab tak praman na diya jaye tab tak koi baat mat mano. To phir Nityanand ji ko bhi praman dena padega ki vedo me vigyan aur ganit nai hai aur dusre paksha ko bhi praman dena padega ki Vedo me vigyan aur ganit hai. Ham aur aap kisi bhi paksha ki baat kaise man sakte hai isliye aapka Nityanand ji ki baat turant man lena darshata hi ki aapne video ki sabse mukhya baat ignore kar diya...'Pramān' Ya to aap adhyan kijiye kisi ek paksha ko siddha karne ka ya phir kabhi dono paksho me sastarth hua to waha se result nikalne ka wait kijiye. Abhi to ye stithi hai ki kisi bhi paksha ki baate suni to jarur Jaye lekin abhi mani kisi ki bhi nahi jaye...yahi uchit hai.
आदरणीय आपको बहुत धन्यवाद सत्य से अवगत कराने के लिए। हम हमारे धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्य शंकराचार्य को मानते हैं ।यदि आपके द्वारा सत्य उद्धरित नहीं होता तो हम उन्हीं के कथन को सत्य मानते। आपको बारम्बार धन्यवाद। नमस्कार।
पहली बार आपकी इस एपिसोड से असहमत हुआ, वो जगद्गुरू है आप पीठ जाये अपनी उलझन रखे उनके तर्क सुने तदुपरांत किसी निर्णय पर पहुंचे। ऐसा लगा मात्र एक दो बातों की कमी का आधार बनाकर परम पूज्य की आभामंडल, तप और ज्ञान को आप कम करने की कोशिश कर रहे है।
Mahamahopadhyaya Chandrasekhara Singha Harichandana Mahapatra Samanta (Odia: ମହାମହୋପାଧ୍ୟାୟ ଚନ୍ଦ୍ରଶେଖର ସିଂହ ହରିଚନ୍ଦନ ମହାପାତ୍ର ସାମନ୍ତ), better known as Pathani Samanta (Odia: ପଠାଣି ସାମନ୍ତ), was an Indian astronomer, mathematician and scholar who measured the distance from the Earth to the Sun with a bamboo pipe, and traditional instruments.
@@rupesharya4051 "Jug sahasra jojan par Bhanu" - pankti se ye siddha nahi hota ki Tulsidas ji ne swayam Prithvi se Surya tak ki duri napi. Ye duri unke samay tathya ke roop mein prachalit ho sakta hai.
ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश जगद्गुरु निश्चलानंद सरस्वती के चरणों में बारंबार नमन । 🌹🌹🌹 शंकराचार्य श्री निश्चलानंद मेरे लिए साक्षात् शिवस्वरूप हैं। उनके कथन से यदि आपको मतभेद है तो आप पुरी में सादर आमंत्रित हैं।
@@vishakhduttsingh1752 बिलकुल इसलिए किसी पर भी आंख मूंद कर सिर्फ भक्ति में डूबकर विश्वास नहीं करना चाहिए आज का युग विस्वास का नही प्रमाणों का युग है न अपना उपहास उड़वाए न अपने धर्म का।
@@sharad9697 हम कहाँ यह कह रहे तुम विश्वास करो , हम गुरू और हरिहर पर विश्वास करेंगे और रही बात तार्किकता की तो आमंत्रण दे दिया है , आकर शास्त्रार्थ कर लें।
पूज्य महाराज श्री सरकार की चाटुकारिता नहीं करते एवं सरकार भले ही उनको कुछ भी करने का प्रयास करे सरकार को भी आजकल वही साधु संत चाहिए जो हमारे अनुसार बोले लेकिन ये बात याद रखना चाहिए सचिव वैद्य गुरु तीनही जो बोलहि प्रिय आस राज धर्म तन बेगही
प्रकाश का विज्ञान है, अंधेरा प्रकाश का अभाव है,.... सूर्य उदय रात्रि की स्वतः निःशुल्क पूर्ण सही समाप्ति है, रात्रि सूर्य अस्त की शुरुआत-वृद्धि-विस्तार है,
Sanjay Dixit ji, Please interview CAPT AJIT VADAKAYIL who will be a very good guest to explain about how Issac Newton literally stole concepts from Kerala during British Colonia rule. CAPT will be a great debator with Mr. Nityanand Mishra on this subject and more on Mathematics and how Electromagnetic spectrum concept was stolen from the 7 chakra concept as in Vedic Meditation practices.
In the context of pragmatic empirical world, pratyaksha itself is taken as logical means of knowledge. Only in the case of aloukika things pratyaksha can't be taken as means of knowledge. Where ever possibility of applying pratyaksha is there, everywhere there it should be applied.
Very timely talk. Some people call Sanatan science, some call art of living (life style). When I call it a religion because most hindus do believe in Ishwar and worship him then I get trolled that religion is a abrahmic concept.. When hindus got attacked during Durga puja, we concerned hindus had only way to ask UN to intervene under Human Rights Declaration 1948 which gaurantees religious freedom . That is why Buddhists call their Dharma a religion when use English to stay legal world over. This hate for the word religion can take all rights away to practice Hinduism in other countries.
श्रीमान् संजय दिक्षित जी , धर्म के सम्बंध में एक बात आपके माध्यम से जनता को बताना चाहता हूं कि :-सभी धर्म सनातन धर्म की गोद से उत्पन्न हुए हैं। ब्रह्मा जी के पुत्रों ने सनातन धर्म बनाया था। जो धर्म उस समय बनाया गया उसके तीन स्तंभ बनाए। जो मनुष्य सनातनी है उसे तीन बातें जरूर माननी थी।ये तीन बातें या सर्तें थी - १) भक्ति या श्रद्धा। २) ज्ञान। ३) वैराग्य। यह अनिवार्य बात सभी धर्मों में अब भी लागू होती है। कि १) भगवान,या गौड,या खुदाया गुरु पर विश्वास हो और श्रद्धा हो। २) समाज में सभी स्त्री- पुरुष ज्ञान अर्जित करें। ज्ञानी बनें। ३) सभी में वैराग्य हो। वैराग्य के बिना इन्सान राक्षस बनता है। दूसरों की सम्पत्ति पर कब्ज़ा करता है और उनका शोषण करता है। ये तीन मुख्य बातें सभी धर्मों में लागू होती है। पर अफ़सोस है कि इन तीनों सर्तों को मानने वाले कम लोग होते हैं। इसीलिए संसार में झगड़े लड़ाई होते रहते हैं।
@@jaybhaiya8764 Sanskrit kr Alla shabd ka Allah bahuvachan jiska maylab 3 mataye hoti hai jaisa ki Mishra ji ne kaha hai. Pre-Islamic Arabia me Al-Lat, Al-Uzza aur Manat in 3 deviyon ki puja hoti thi. To Allah shabd Sanskrit se aya ho aisa ho sakti hai..aisa bhi ho sakta hai ki Pre-Islamic Arabia aur Bharat ke bich Trade ka relations rahe ho jisse ye word waha gaya.
Nah, unme v problem hay, Arya Samaj Vedanta nhi samajhta thik se, Avatarbaad nhi samajhta thik se, Ishwar akaar le sakta hay ye v nhi samajhta. Humlog Vedantic hay Adi Sankara k followers. Dayanand Saraswati kuchh achha kaam kiya hay Veda Karmakand k upar. Bas utna hi.
ये युटुबर अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती था जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये संजय पहले भी कम्युनिस्ट था और आज भी उसी सोच का हैं
महोदय जब से हमने स्वयं अपने संस्कृत व अपनी भाषा के ग्रंथ पढ़ना बंद किया है, हम कन्फ्यूज हुए हैं । हम सनातनियों में एक और कभी है हम बड़ी जल्दी दूसरे के सही ग़लत सबको स्वीकार लेते हैं। जबकि वे हमारे सत्य पर भी प्रश्न उठा देते हैं।
26:49 आदि शंकराचार्य जी का जन्म 7वी ईस्वी को नही बल्कि 2500 साल पहले हुआ था । उस समय भारत के सम्राट सुधानवा थे । आप गलत बोल रहे है मान्यवर। आधुनिक इतिहासकार गलत है ।
I am not a big fan of theories that suggest Abrahamic religions have terms and mention in the Vedas - the Vedas is way older than concept of God in West Asia. However, that the West Asian tribes were idolators is written in Quran itself before the fights began to gain supremacy over the Jewish religion - that gave rise to two faiths , Christianity and Islam , whose pioneers tried to explain Judaism better. Anyway , Jehova and Eloh are not the same. Jehova, Yahuva or Jadava is the Supreme being , on whom the monotheistic tradition of Judaism, Christianity are based. Eloh are the deities and is plural in its definition of Divine in Judaism . It is definitely not Jehova the Supreme being but are polytheistic divinities .The tribes of Arab worshiped Goddesses and the Jews collectively called them Elohim - they are described as the daughters of Eloh in Quran. The Prophet of Islam sought monotheistic worship like that of Jehova and hence commenced the destruction of plurality in worship of Eloh as the name changed to Al Eloh or Allah . Even in modern Hebrew , Ella means Goddess . If the angel Gabriel who visited the pioneers of Christianity and Islam is the same - then why are their Gods not the same ? Jehova and Allah ? They dont even sound the same and it is important to remember that in ancient phonetics represented the concept. There is more evidence about the plurality of Eloh - all these Abrahamic angels had names - GabriEL, MaikEL, AzraEL , there is an EL for all spirits of Eloh. I am definitely not associating it with Sanskrit but Christianity and Islam have roots and Sanatan , even though ancient and forgotten and they represent the Bhakti vs Shakti divide of old Vedic traditions . Infact very early converts of Islam offered prayers in direction of Jerusalem - but when fight between early muslims and jews broke out ,the Prophet changed the direction towards the altar that housed the daughters of Eloh - Kaba in Mecca. The incident which kept Islam from becoming a neo Judeo faith.
Crowd Fund Link - jddigital.in/noida-event-2023
Event Registration Link - pages.razorpay.com/nyayjd
@Jeff Wright yes... You said true.. I think this is happened in borak valley
Problem is that our Sankaracharyas & Hindus gurus doesn't read other religious texts & also doesn't have any knowledge of history & linguistics.
@Jeff Wright so true bro
@@surojeetchatterjee our proxy gurus has hypocrisy n selective secularism
I'm really happy to see a Torkalonkar like Nityananda Mishra giving proper reply on all types of pakhands.
ज्ञानवर्धक। धन्यवाद जयपुर डायलॉग्स। धन्यवाद मिश्रा जी को ।
Abdullah ibn Abd al-Muttalib is the name of mahamad father meaning of Abdullah is servent of allah. that describe Allah word is in existence before mahamad and quran. but before that how does people know supreme creator name? when neither bible nor old testament have this word for supreme creator. And there is no evidence of Islam before Mahammad. So by word allah who were they describing too before islam. its like someone has name Hanumandas without knowing hanuman. And their were even idol worship in madina at those times.
and by time every word can change with ponetic like rasgulla is also called rashogulla and that too only 1000km apart. does that mean both people were eating something else.
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Indian people were merchant and it could be posible our culture have infulence over there also so the word with its meaning travel there even before mahamad. just like word God, God in english come from word gutam which is german word which come from hutam from Sanskrit word which mean aahuti or sacrificial offering pour in yajna.
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Nityanand is my inspiration to learn Sanskrit. Because of him I have learnt Sanskrit @50
Wonderful! My turn now. I am 48 😇
@@Dhruv_Dogra kamse kam apni matra bhasha mein tipni karne ka prayas kare. 🙏
@@MrRahul6464 phone Badal gaya hai aur isme keyboard nahi hai Hindi ka. English alphabet meh Hindi Likhna bhi toe sahi nahi Peace bhai. ....
Neeyat meri apki tarah hi ek dharmik Hindu ki hi hai
@@Dhruv_Dogra mere vichar se roman lipi mein hindi likhana adhik uchit hai bajaye angrezi mein bharatiyo se samvaad karne mein.
Mere pass dusra mobile hai mein usme devanagari tipni karta hoon.
तत् त्वम् असि
नित्यानंद मिश्र जी को जबसे सुनना प्रारंभ किया है तब से उनके लिए सम्मान और आदर उत्तरोत्तर बढ़ता गया है। में उनको श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूं। कितने सौम्य, दृढ़ और ज्ञानी है हमारे नित्यानंद जी। ईश्वर इनको स्वस्थ और शतायु बनाएं।
Islam does not care about whether the ancestors were same or not. Its fundamental point is that the last message was brought by Prophet Mohammad and that is the final word: a message that overrides all previous injunctions. When our Swamis try to insist that the ancestors were same, they are simply giving legitimacy to an unconnected desert cult.
💯 fact
शिव अपनी पूजा करवा रहे है मक्का में, महाराज ने यही बात घुमा के बोल दिया तो क्या दिक्कत है, शिव खुद अपनी पूजा krwa रहे है मक्का में,
आदरणीय श्रीयुत् मिश्रा जी, आपकी विद्वता को ह्रदय से प्रणाम।
Tum bhi kuchh gyan prapta kar lo
@@mesmerizingindulgent8924
Sanskrit: Prashna
Macedonian Greek: Prasanje
@@VM-ee5hc kya ho gaya
@@mesmerizingindulgent8924 पहला ज्ञान यह ही प्राप्त किया है कि किचड़ में पत्थर नहीं मानना चाहिए।
@@bipinchandraharbola8036 bahut badhiya aage se mat karna
Every Hindu must teach their kids Sanskrit.
& demand govt. to fund Sanskrit schools.👍👍👍
Great idea bro 👍
निश्चलानन्द से अवश्य प्रश्न पूछने चाहिए
Sanskrit: Prashna
Macedonian Greek: Prasanje
Sanskriti being taught but the way it is taught is not proper. Compare English book teaching vs Sanskrit, English is taught with grammar but Sanskrit is taught without grammar
Aapne abtak kya prayatna kiye hain iss disha mein
Excellent talk. Thank you Sanjaya Dixitji.
This kind of sessions uplifts Sanjay ji's already existing credibility even higher. Loved it. It is very factual and forces us, Sanatanis to revisit our fundamentals and keep our foot rooted to the ground. Thanks
हमारे ग्रंथों और संतों ने बहुत ऐसी बातें बताई हैं जो आज प्रासंगिक नहीं है। परंतु हमारे उपर कोई दबाव नहीं है।हम स्वतंत्र है। यही सनातन की विशेषता है।
संजय जी आपके श्री चरणों में कोटी कोटी नमन.
Long life to Sanjayji 🙏
Dhanyawad Sanjay ji, Nityanand ji ke saath Samvad karne ke liye. Hamare do favourites ek saath sunnney ki Khushi prapt Hui
Great Sanjay sir bringing great scholar
संजय सर आज का ये सेशन कोई विशेष नहीं रहा मिश्रा ने ऐसी कोई ऐसी विशेष बातें नहीं कहीं....संस्कृत के जानकार के रूप आपने इन्हे लाया..खंडन करवाना भी सही था.. बस ये 15मिनिट का सेशन बहुत था ऐसे लोगों को ज्यादा समय ना दे
अगर दिया है तो ध्यान रखें ये मंच का दुरूपयोग ना कर पायें
आपकी कृपा से ही
संजय जी आप स्वयं, अभिजीत चावड़ा, प्रो सुभाष काक जैसे खुले दिमाग़ के विद्वानों को सुन ने के बाद ये बहुत बचकाने और स्कॉलर होने को desperate मालूम होते हैं।
आपकी ही शिक्षा ने ये विश्लेषण और प्रतिकार का साहस दिया है बहुत धन्यवाद 🙏🏻
Kya ho gaya aisa gita naaraz lagti ho
कैसा खंडन ये कम्युनिस्ट लौग हैं अपने आप कौ ऊँचा दिखाते हैं जबकि आपने देखा होगा इन युटुबर अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती था जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये संजय पहले भी कम्युनिस्ट था और आज भी उसी सोच का हैं
स्वामी करपात्री जी सही कहे हैं। पूरी दुनिया में शब्द घूमते हुए ध्वनि में बदलाव आ जाता है। सनातन पूरी दुनिया में था,तभी तो हर जगह खुदाई में मंदिर मिलता है।
See As someone who studies linguistics
Answer is no
Not everywhere same word is copied dude
why to go in whole "duniya"
Go from Sanskrit to any regional language
for example Marwadi
I have not very much knowledge of Marwari but it suits for my example
pyas is Marwari is tees
tees lag reyo he
while sanskrit word for pyas from which hindi word pyas came is Pipasa
Pa dhatu se pipasa
jaise bubhuksha se bhook
to every language has it's unique vocabulary
jo is not important everyword that it contains derived from Sanskrit
Both of you are scholarly and progressive. Very nice. Thank you.
जो भी बात रखी जाए
तथ्यात्मक होनी चाहिए।
और JD में यही रहता है🙏
Nityanand ji ko salute . Real scholar. Keep enlightening people. No match .
धन्य है भारत मां ऐसे पुत्र मिले है और उनका आभार प्रकट करते हैं 🙏
Yes it is written by great Archeologist and researcher in ASI names Mr P. A Oak written book " Krist-Nitty. He was ambassador in various countries like Jerrusalem, Israel and many places where he did lots of research as an Historians and wrote many books to expose on Taj Mahal as Tajo Mahal being a Shiv Madir etc...
यह अहंकार भी ठीक नहीं की अब आप सनातन के सर्वोच्च पद पर पदाधीस्थ जगद्गुरु शंकराचार्य जी के शब्दों को इस प्रकार से प्रस्तुत करेंगे।
विश्व के समग्र शब्द एवम भाषा संस्कृत से उद्धृत है, बाकी किसी में इतना सामर्थ्य नहीं।
लोगों को अपने पूर्वजों का स्मरण करना चाहिए की वो हिन्दू हैं बस यही अर्थ है शंकराचार्य जी के उस वक्तव्य का।
आपसे ऐसी अपेक्षा नहीं थी की आप उन्हें इस प्रकार प्रस्तुत करेंगे।
राम राम 🙏
पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामि श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज ने सही कहा है कि IAS का प्रशिक्षण जिस ब्रिटिश शिक्षा के आधार पर होता उससे निकले लोग सञ्जयजी जैसे धर्मच्युत ही होंगे।
Constructive critcism should be welcomed, and these folks don't even insulted or ridiculed Puri Shankaracharya. Shankarachaya should provide evidence for his claims to avoid confusion among the masses.
सत्य: शास्वत: वैष्णव: धर्म: तत् सदा विजय ✌✌✌
आज बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई🙏
Best program so far , Sanjay sir
Very very educative video 🙏🏻🙏🏻👌🏼👌🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼
नित्यानंद मिश्र जी को जयपुर डायलॉग में लाने के लिए धन्यवाद। वास्तव में मिश्र जी संस्कृत के प्रकांड विद्वान हैं।
हर हर महादेव 🚩🚩🚩
परमपूज्य श्रीमद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के वचनों का मर्म जानने के लिए आप लोगो को उन्हीं से सम्पर्क करना चाहिए।
उनके बातो का इस प्रकार खंडन करना अनुचित है।
🚩🙏
@JagdambaSemwal हां उन्हीं के चेले हैं, बड़ी यातनाएं मिल रही हैं हम वैदिकों को
@JagdambaSemwal सत्य कहा आपने गुरू के चरणों में तो परम् आनन्द हैं परन्तु जब भी कोई गुरू निन्दा करता है तो मेरा खून खौल उठता है, ऐसे गुरू जो इस अवस्था में साल भर ट्रेन के स्लीपर क्लास में चलते हैं लोगो को राष्ट्र व धर्म के प्रति जागृत करते हैं, कोई खुद का स्वार्थ नहीं है।
राजनेताओं की चाटुकारिता करने वालो को, सम्मान आदर मिल रहा।
Mishra ji is right on this, however he has a very poor view on Indian Maths and Astronomy and other knowledge.... If u think about it the ENTIRE EUROPEAN RENAISSANCE was fuelled only after Europe got hands on Indic knowledge either directly or through Arabic translations..... Ever wondered why RENAISSANCE started in Italy and not UK or France?? It is simple bcos VENICE N GENOA had strong maritime trade n connect with ARABIA.
Wud be interesting to know Dixit ji n Mishra ji's view on this...
Absolutely.
Murkh hai mishra
22:05-22:16 इस्लाम से पहले अरब में तीन मुख्य देवियों की पूजा होती थी। कदाचित उन्हीं को तीन माताएँ, यानी अल्ला: कहा जाता होगा।
सही कहाँ ऐसा था आप सोचे अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती थी वहाँ मुर्ती मिली हैं जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये
बिलकुल सही है, चारो वेद केवल और केवल मनुष्य को जीवन जीने का मार्गदर्शन करते है।
Ek baar phir bhool kar rahe ho phir kisi ke kahe pe biswas kar le rahe ho.
Abhi video se ye baat saaf hui ki jab tak praman na diya jaye tab tak koi baat mat mano.
To phir Nityanand ji ko bhi praman dena padega ki vedo me vigyan aur ganit nai hai aur dusre paksha ko bhi praman dena padega ki Vedo me vigyan aur ganit hai.
Ham aur aap kisi bhi paksha ki baat kaise man sakte hai isliye aapka Nityanand ji ki baat turant man lena darshata hi ki aapne video ki sabse mukhya baat ignore kar diya...'Pramān'
Ya to aap adhyan kijiye kisi ek paksha ko siddha karne ka ya phir kabhi dono paksho me sastarth hua to waha se result nikalne ka wait kijiye.
Abhi to ye stithi hai ki kisi bhi paksha ki baate suni to jarur Jaye lekin abhi mani kisi ki bhi nahi jaye...yahi uchit hai.
Shankaracharya maharaj ki Jay 🙏
श्रीगुरूंसारखा असता पाठीराखा
इतरांचा लेखा कोण करी🙏
🙏
आदरणीय आपको बहुत धन्यवाद सत्य से अवगत कराने के लिए। हम हमारे धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्य शंकराचार्य को मानते हैं ।यदि आपके द्वारा सत्य उद्धरित नहीं होता तो हम उन्हीं के कथन को सत्य मानते। आपको बारम्बार धन्यवाद। नमस्कार।
पहली बार आपकी इस एपिसोड से असहमत हुआ,
वो जगद्गुरू है आप पीठ जाये अपनी उलझन रखे उनके तर्क सुने तदुपरांत किसी निर्णय पर पहुंचे।
ऐसा लगा मात्र एक दो बातों की कमी का आधार बनाकर परम पूज्य की आभामंडल, तप और ज्ञान को आप कम करने की कोशिश कर रहे है।
Nityanand misra ji ke channel mei alloupanishad bare mein explain kia tha... Mera toh has has bura haal hua tha 😂😂😂😂
Great knowledge
Nm ji you did a courageous job 🙏
Good 👍 Discussion. 🙏Nityanandaji and Dixitji
Jai Hind Vande Matram 🚩
Ye Gyan Sanatan ka hai...Mishra ji ko sat sat naman..yuba samaj ko inko sunna chahiye.
नित्यानंद जी आज भटक गये लगता है। संगति का असर
Aap bhatke hue hain, Mishra ji is a proper Torkalonkar.
@@surojeetchatterji9966 सत्य कहा।
For "vasudhaiva kutumbakam", see Sarvesh Tiwari's three-part essay on The Hoax that is Vasudhaiva Kutumbakam.
Great session!! Sanjay sir please have him regular on channel
Really it's needed
Even the claim of St Thomas the Apostle coming to India is a myth - see Ishwar Sharan's book on the Mylapore Shiva Temple.
Great job sir jee 👍
Mahamahopadhyaya Chandrasekhara Singha Harichandana Mahapatra Samanta (Odia: ମହାମହୋପାଧ୍ୟାୟ ଚନ୍ଦ୍ରଶେଖର ସିଂହ ହରିଚନ୍ଦନ ମହାପାତ୍ର ସାମନ୍ତ), better known as Pathani Samanta (Odia: ପଠାଣି ସାମନ୍ତ), was an Indian astronomer, mathematician and scholar who measured the distance from the Earth to the Sun with a bamboo pipe, and traditional instruments.
Tulasidasji measured it even before him and that too without any instrument.
@@rupesharya4051 "Jug sahasra jojan par Bhanu" - pankti se ye siddha nahi hota ki Tulsidas ji ne swayam Prithvi se Surya tak ki duri napi. Ye duri unke samay tathya ke roop mein prachalit ho sakta hai.
इति ते ज्ञानमाख्यातं गुह्याद्गुह्यतरं मया।
विमृश्यैतदशेषेण यथेच्छसि तथा कुरु।।18.63।।
प पु स्वमी निश्चलानंद जी से सामने बैठ कर इस पर विचार करे।
तर्क तो पुछा नही और निष्कर्ष निकाल दिया।
य सही नही।
It’s a fact that much of the knowledge had moved from India to Mideast to Europe. So don’t be so closed to idea what swami ji might be saying.
Islam is 1500 years old. Sanskrit language is extremely ancient lsnguage spiritual wisdom in the world. Jai Hind 🇮🇳
ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश जगद्गुरु निश्चलानंद सरस्वती के चरणों में बारंबार नमन । 🌹🌹🌹
शंकराचार्य श्री निश्चलानंद मेरे लिए साक्षात् शिवस्वरूप हैं। उनके कथन से यदि आपको मतभेद है तो आप पुरी में सादर आमंत्रित हैं।
किसी को भी अपने सर पर।नही बिठाना चाहिए हमेशा तर्को और प्रमाणों के विपरीत हो उसे नही मानना चाहिए
@@sharad9697 तर्कों और प्रमाणों के विपरीत कौन है इसका निर्णय तो तर्काधिरत शास्त्रार्थ से ही होगा।
@@vishakhduttsingh1752 बिलकुल इसलिए किसी पर भी आंख मूंद कर सिर्फ भक्ति में डूबकर विश्वास नहीं करना चाहिए आज का युग विस्वास का नही प्रमाणों का युग है न अपना उपहास उड़वाए न अपने धर्म का।
Jagatguru Puri shankaracharya bhagwan ki jai
@@sharad9697 हम कहाँ यह कह रहे तुम विश्वास करो , हम गुरू और हरिहर पर विश्वास करेंगे और रही बात तार्किकता की तो आमंत्रण दे दिया है , आकर शास्त्रार्थ कर लें।
उन्होंने नैरेटिव के रूप में कहा था जैसे मदनी ने ओम को अल्लाह कहा ठीक वैसे उन्हें जवाब हेतु अल्लाह को देवी कहा..
Kahne ka tarika v sahi hona chahiye, kahne ka tarika agar sahi nhi hota hay, toh galat matlab nikalta hay & confusion payda hota hay.
Sanskrit is mother of all languages
yes...........but south Indian languages are Father of all languages................
Only of indo European languages not all language.
@@saththiyambharathiyan8175 who told u for ur information other languages r born out of sanskrit
@@saththiyambharathiyan8175 is it u follow only South languages come out of the region
@@bimladhar6575 we also ancient days studied sanskrit... our kings patronized sanskrit....
विद्वत्ता पूर्ण वीडियो
Nityanand Mishra ji aapki baten bilkul sahi hain
पूज्य महाराज श्री सरकार की चाटुकारिता नहीं करते एवं सरकार भले ही उनको कुछ भी करने का प्रयास करे सरकार को भी आजकल वही साधु संत चाहिए जो हमारे अनुसार बोले लेकिन ये बात याद रखना चाहिए सचिव वैद्य गुरु तीनही जो बोलहि प्रिय आस राज धर्म तन बेगही
नित्यानंद जी को सुनना हमेशा सुखद होता है।
सच को ही मानेंगे ❤❤❤❤🎉🎉
प्रकाश का विज्ञान है, अंधेरा प्रकाश का अभाव है,.... सूर्य उदय रात्रि की स्वतः निःशुल्क पूर्ण सही समाप्ति है, रात्रि सूर्य अस्त की शुरुआत-वृद्धि-विस्तार है,
आप दोनों की ज्ञान वर्धक चर्चा के लिए धन्यवाद। हमें गहराई से सब तथ्यों के अध्ययन होना चाहिए।
Very informative video 👌
Excellent debate.
Sanjay Dixit ji, Please interview CAPT AJIT VADAKAYIL who will be a very good guest to explain about how Issac Newton literally stole concepts from Kerala during British Colonia rule. CAPT will be a great debator with Mr. Nityanand Mishra on this subject and more on Mathematics and how Electromagnetic spectrum concept was stolen from the 7 chakra concept as in Vedic Meditation practices.
FOR SAYING SAME FOR LAST 4YEARS. I WAS RIDICULED BY IGNORANTS !
In the context of pragmatic empirical world, pratyaksha itself is taken as logical means of knowledge. Only in the case of aloukika things pratyaksha can't be taken as means of knowledge. Where ever possibility of applying pratyaksha is there, everywhere there it should be applied.
Sanatan ka baudhik vaibhav dekh ke man behad prasann hota hai , abhaar sanatan , pranam sanatana.
Very timely talk. Some people call Sanatan science, some call art of living (life style). When I call it a religion because most hindus do believe in Ishwar and worship him then I get trolled that religion is a abrahmic concept.. When hindus got attacked during Durga puja, we concerned hindus had only way to ask UN to intervene under Human Rights Declaration 1948 which gaurantees religious freedom . That is why Buddhists call their Dharma a religion when use English to stay legal world over. This hate for the word religion can take all rights away to practice Hinduism in other countries.
Logical analysis and reasoning. Prehistoric records 👍
शास्त्रार्थ करे महाराज श्री से अगर समर्थ है मेधा क्षमता है किस परिपेक्ष्य में कहा क्या उद्देश्य है
श्रीमान् संजय दिक्षित जी , धर्म के सम्बंध में एक बात आपके माध्यम से जनता को बताना चाहता हूं कि :-सभी धर्म सनातन धर्म की गोद से उत्पन्न हुए हैं।
ब्रह्मा जी के पुत्रों ने सनातन धर्म बनाया था।
जो धर्म उस समय बनाया गया उसके तीन स्तंभ बनाए। जो मनुष्य सनातनी है उसे तीन बातें जरूर माननी थी।ये तीन बातें या सर्तें थी -
१) भक्ति या श्रद्धा।
२) ज्ञान।
३) वैराग्य।
यह अनिवार्य बात सभी धर्मों में अब भी लागू होती है।
कि १) भगवान,या गौड,या खुदाया गुरु पर विश्वास हो और श्रद्धा हो।
२) समाज में सभी स्त्री- पुरुष ज्ञान अर्जित करें। ज्ञानी बनें।
३) सभी में वैराग्य हो। वैराग्य के बिना इन्सान राक्षस बनता है। दूसरों की सम्पत्ति पर कब्ज़ा करता है और उनका शोषण करता है।
ये तीन मुख्य बातें सभी धर्मों में लागू होती है।
पर अफ़सोस है कि इन तीनों सर्तों को मानने वाले कम लोग होते हैं। इसीलिए संसार में झगड़े लड़ाई होते रहते हैं।
मां भुवनेश्वरी के हजार नामों में एक नाम अल्ला भी है।
Alla or Allah me fark he murkh
@@jaybhaiya8764 Sanskrit kr Alla shabd ka Allah bahuvachan jiska maylab 3 mataye hoti hai jaisa ki Mishra ji ne kaha hai. Pre-Islamic Arabia me Al-Lat, Al-Uzza aur Manat in 3 deviyon ki puja hoti thi. To Allah shabd Sanskrit se aya ho aisa ho sakti hai..aisa bhi ho sakta hai ki Pre-Islamic Arabia aur Bharat ke bich Trade ka relations rahe ho jisse ye word waha gaya.
Great sir
उन्होंने अल्लाह नहीं अल्ला कहा है
आप से आर्य समाज की सुगंध आ रही है।
Nah, unme v problem hay, Arya Samaj Vedanta nhi samajhta thik se, Avatarbaad nhi samajhta thik se, Ishwar akaar le sakta hay ye v nhi samajhta. Humlog Vedantic hay Adi Sankara k followers. Dayanand Saraswati kuchh achha kaam kiya hay Veda Karmakand k upar. Bas utna hi.
आज जुमला डायलॉग ने अपने आपको पूर्ण रूप से समलैंगिक संघ के प्रवक्ता के रूप प्रतिष्ठित कर दिया ।
निकृष्ट प्रयास ।
चाटुकारिता के कारण ही सनातन संस्कृति, इतिहास और देश की स्थिति दयनीय हो गई है
ये युटुबर अपनी पुरानी विडियों में ये कह चुके हैं वहाँ 1400 वर्ष पहले पुजा होती था जैसे तुफैल, निरज अत्री , संजय, और अन्य भी पर ये कहें तो ठिक कौई और कहे तो गलत ये संजय पहले भी कम्युनिस्ट था और आज भी उसी सोच का हैं
jai hind
good to see only one side of it without anyone defending with no one in panel.. Kudos JD way to go for loosing trust and be lallan tap 2.0
There is Ali in Deepavali, Ram in Ramzan and God in Godse.
And gand in gandhi 😂😂
and mullas in nav vedik cult arya samaj😇
And 'Gand' in Gandhi
छत्रपति सम्भाजी महाराज के बलिदान दिवस पर आपके कार्यक्र्म कि अपेक्षा हैं। धन्यवाद
Nitayananda mishra ji ko bolne diya karo whoever the host is. Hum nityananda mishra ji ko sunne ke liye aaye hai
Pranam... Anand aayo.v
दो कालनेमियों की धर्म व शास्त्र पर चर्चा से अधिक और कुछ नहीं यह चर्चा।
Aap mujhe Vedo ke mantro se Differentiation, Functions, Monotonicity, Integral Equations dikha dijiye.
महोदय जब से हमने स्वयं अपने संस्कृत व अपनी भाषा के ग्रंथ पढ़ना बंद किया है, हम कन्फ्यूज हुए हैं । हम सनातनियों में एक और कभी है हम बड़ी जल्दी दूसरे के सही ग़लत सबको स्वीकार लेते हैं। जबकि वे हमारे सत्य पर भी प्रश्न उठा देते हैं।
🚩🚩🚩Always hail Satya Sanatan Vaishnav Dharma🚩🚩🚩
सोच रहे थे कि नोएडा आएं पर पिछले 8 माह से देख रहे हैं कि आप हिन्दुओं के विरुद्ध एक एजेंडा चला रहे हैं
26:49 आदि शंकराचार्य जी का जन्म 7वी ईस्वी को नही बल्कि 2500 साल पहले हुआ था । उस समय भारत के सम्राट सुधानवा थे । आप गलत बोल रहे है मान्यवर। आधुनिक इतिहासकार गलत है ।
Allah is Arabic word for God and in Sanskrit we have Ishwar, Palanhaar, Rachaita etc the God is One, Us Ek Ishwar Allah ko mera Namah❤🙏
जगद्गुरू पुरी शंकराचार्य जी ने सही कहा है वैसे
ऋग्वेद,5/84/2स्तोमासस्त्वा विचारिणी:::इस मन्त्र में पृथ्वी को विचारिणी, ,विचरणशीला, कहा गया है।
Alter in Sanskrit or in front of idol of Eshwar was called aalah👍🙏
These things should be seen by many people 🙂
Agree atishyokti karna anuchit hai.
Atishyokti kar sakta hay, lekin Bolne ka logic dene ka tarika v sahi hona chahiye.
पुरी की शंकाराचार्य जी ईश्वर के दर्शन करने वाले संत है वो मिथ्या भाषण नही करते है । उन्होंने जो भी कहा है सत्य ही कहा है ।
He can be wrong also , thats our dharma says . He is human at last . He can so mistakes . And esa bhi nhi unhe sab chiz ka gyan ho .
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।😊🎉
Namaste 🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹
I am not a big fan of theories that suggest Abrahamic religions have terms and mention in the Vedas - the Vedas is way older than concept of God in West Asia.
However, that the West Asian tribes were idolators is written in Quran itself before the fights began to gain supremacy over the Jewish religion - that gave rise to two faiths , Christianity and Islam , whose pioneers tried to explain Judaism better.
Anyway , Jehova and Eloh are not the same.
Jehova, Yahuva or Jadava is the Supreme being , on whom the monotheistic tradition of Judaism, Christianity are based.
Eloh are the deities and is plural in its definition of Divine in Judaism . It is definitely not Jehova the Supreme being but are polytheistic divinities .The tribes of Arab worshiped Goddesses and the Jews collectively called them Elohim - they are described as the daughters of Eloh in Quran. The Prophet of Islam sought monotheistic worship like that of Jehova and hence commenced the destruction of plurality in worship of Eloh as the name changed to Al Eloh or Allah . Even in modern Hebrew , Ella means Goddess .
If the angel Gabriel who visited the pioneers of Christianity and Islam is the same - then why are their Gods not the same ? Jehova and Allah ? They dont even sound the same and it is important to remember that in ancient phonetics represented the concept.
There is more evidence about the plurality of Eloh - all these Abrahamic angels had names - GabriEL, MaikEL, AzraEL , there is an EL for all spirits of Eloh.
I am definitely not associating it with Sanskrit but Christianity and Islam have roots and Sanatan , even though ancient and forgotten and they represent the Bhakti vs Shakti divide of old Vedic traditions .
Infact very early converts of Islam offered prayers in direction of Jerusalem - but when fight between early muslims and jews broke out ,the Prophet changed the direction towards the altar that housed the daughters of Eloh - Kaba in Mecca. The incident which kept Islam from becoming a neo Judeo faith.
बहुत बढ़िया
Salman Rushdie par yahi fatwa tha. Pre-Islamic Arab mein teen matayein thi Allat, Uzzat aur Mannat. Kahi connection to sambhav hai.
आप्त वाक्य प्रमाण