@@milindmachale7645 abe oy achyut akal ke khandani aandhe , abe mand budhhi kon hai be bhagvat use ham pekate kya tum nich dhedo ka bap hai kya ?🤣🤣 sale yhsan farosh aulad tay vale ki history padh chhatrapati shahuraje ne hi tay ke kabil banaya , sale coppy pest ke siva kya khasiyat hai tum nich achhyut dhedo ki .
संत रामपालजी महराज जी तो यही कर रहे हैं, जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म कोई नहीं न्यारा, अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ज्ञान गंगा बुक,,
संपूर्ण पृथ्वी पे एकही खंड भारतवर्ष नामसे था| ऊस वक्त धर्म और अधर्म यही दो प्रकार के मनुष्य पृथ्वी पर थे| धर्म कोई जाती नही थी| धार्मिक मनुष्य यानी अच्छे कर्म करणे वाला व्यक्ती, पशु, दानव, देव, पक्षी, और अन्य सभी जीव जो अच्छे कर्म करते हे| अधर्मी ओह होते थे जो बुरा कर्म करते थे| जैसे आज भी लोगोकें अलग अलग समूह होते हे उशि तरह समोह बन गये| उसमेसे कुछ लोग धर्म के समोह मे गये, तो कुछ लोग अधर्म मे| याद रखना सिर्फ दो ही प्रकार के मनुष्य श्रेणी थी| आज जो धर्म की व्यख्या की जाती हे वह गलत हे| सिर्फ इतना याद रखना धर्म यांनी अच्छा कर्म , और अधर्म याने गलत कर्म|
खुद को बुद्धिमान समझ कर किसी एक Brilliant नेता को Jhutha बोलते hai l Half knowledge is dangerous. बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है l हर शाख पे उल्लू बैठें हैं, अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा।
घंटा सच है सिर्फ गरीबों का शोषण अमीरों के द्वारा हुवा चाहे कोई भी जाति का हो हमेशा से अमीरों ने गरीबों का शोषण किया है तुम लोग बस गरीबों को बहकावो और अपना रोटी सेंको क्योंकि सबको कुछ भी पता नहीं बकलोल बनाओ और बनो । एक काम करो बस सबकी मदद करो और कुछ नही लेकिन तुमलोग जनता के सामने आकर सिर्फ अपना काम निकलोगे और बाकी को गरीब का गरीब ही छोड़ दोगे मैने देखा है सभी नेताओं द्वारा बस जनता को लूटा जाता है।
अमीरों के द्वारा गरीबों का शोषण हु है और हमेशा होता रहेगा। वह तुम्हारे पिताजी भी न कभी रोक पाए और न कभी रोक पाएंगे। क्योंकि किसी विद्वान ने कहा जैकी वीरों का बाल न बांका हुआ बकरे बलि वेदी चढ़ाए गए। कभी शेर का मांस तुम्हारे पिताजी अथवा तुमने खाया है नहीं अगर खा रहे हो तो मुर्गे और बकरे का इसका मतलब जब तुम गरीबों का शोषण कर रहे हो तो उपदेश किसको दे रहे हो। खुद सुधरो समाज अपने आप सुधर जाएगा नहीं तो मूर्खों की तरह केवल चिल्लाते रहो होने वाला कुछ नहीं। क्यों वास्तव में गरीबों का शोषण तुम कर रहे हो कोई दूसरा नहीं।
एक और ज्ञानी पैदा हो गया। जब दिमाग में दूसरो के प्रति गनदगी भरी हो तो मन में अच्छे विचार पैदा नहीं होते हैं 40 प्रति शत दिमाग वाला सिर्फ गनदगी ही उगल सकता है क्योंकि 60 प्रति शत तो खाली है
अच्छा,स्रवण लोग कौन सा धर्म मानते थे उस समय? ब्राह्मण लोग कब आए भारत मे,राम और कृष्ण से पहले या बाद मे? क्या राजा हरिश्चंद्र भारत के ही थे या ये भी बाहर से आए?
बिल्कुल सही..... इस्लाम महंमद से शुरू हुवा.... ख्रिस्ती समाज येशु के बाद शुरू हुवा....शिख समाज गुरू नानक देवजी के बाद आये..बौद्ध गौतम के बाद आया.........फिर हिंदू कितने पुराणे....हिंदू सनातन है, पुरातन है....
भाई मेरे ये भीम वाले पैदाइशी दो गले है बास्टर्ड।मैं साबित करता हूं ।इनकी तरह केवल हिन्दुओं से द्वेष नहीं करता।बास्टर्ड ऐसे कि नाम रखेंगे गंगाधर और बुराई करेंगे भगवान शिव की । नाम रखेंगे सीता राम और दोनों की बुराई करेंगे ।एक दोगला रावण है बुद्धिष्ट नाम रखा है चंद्रशेखर आजाद मूछ पर ताव अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की तरह लेकिन इस दोगले को पता भी है कि चंद्रशेखर आजाद ब्राह्मण थे मनुवादी थे। चंद्रशेखर भी भगवान शिव का ही एक नाम है लेकिन शिव मंदिर का विरोध करेगा।
भाई जिस हिंदू समाज ने हजारो सालो सें दलित,आदिवासीयों को इन्सान नही समझा!पिने को पानी तक नही देते थे! उनका साया भी पडे तो आप के लोगों को तकलीफ होती थी! उन लोगों की गलती क्या थी? क्योंकी हिंदू समाज वर्ण और जातीव्यवस्था सें बना हुआ हैं! नाकी समानता और भाईचारे से! जो बडी जाती में पैदा हुआ वोह बडा और भले ही कितना भी अच्छा हो लेकिन छोटी जाती में पैदा हुआ तो छोटा! हिंदू समाज में जाती के आधार पे ही इन्सान का मूल्यमापन होता हैं, ना की उसकी काबिलीयत के आधार पे!
Daliton se chhua chhut kisne kiya tha? Kinhon ne dalit nariyon par breast tax lagaya tha? Iska matlab malum hai? Aj bhi chhua chhut kaunse Sikh, musalman Christian daliton se karte hain shivay tere community ke? Kaun humara mandir humen allow nahi karte?
Garibi or dukho se purit kamjor mansikta wale logo ko murkh banane wale Manav samaj or Bharat ko kamjor karne wale or videshi arjent ke roop mein satta pe kabij hone ke liye ye samaj ko tor rahe hai swarthi logo ke jhase main na aaye Budh ka itihas bhi hai Budh ke pahle unke MAA BAAP ka bhi itihas hai budh ek Rajkumar the patni se chupke Raat mein ghar chhod diya or Mahatma bane sanatan dharm ka itihas bahut purana hai
Jyada samazdar mat bano Mahavir Aakhiri tirthankar the Srashti ke aarambh me Hanare aur sare jag ke pratham Saman jain tirthankar Risgabh dev ji the Jinke putra mahan bharat chakravarti samrat ke nam par he Bgaratvarsh pada
@@AshokKumar-fr7pematlab tu Pakistan main rehta hai kya Savidhan nahi manta kya ...yehi hai tere dharm k sanskar isliye humne laat maar di aisey dharm ko aur Buddhism le liya bahut accha kiya humne..thanks .Dr.Babasaheb Ambedkar.
ना तुम्हारी भाषा सही ना तुम बाबा साहब को पढ़े हो तो ये भी पढ़ा होगा की ब्रह्मण छत्री वैश्य और शूद्र सभी भारत के मूल है और संस्कृत सभी भाषाओं की जननी। यहां लड़ाई समानता की है और हमे पूरा भरोसा है अपने संविधान पे की भारत वामपंथियों से मुक्त होगा । देश को तोड़ने नही जोड़ने की बात करें । बाबा साहब को ब्रह्मण से कोई समस्या होती तो ओ अपना सरनेम अम्बेडकर बदलते, उन्हे पता था ब्राहमण कोई जाति नही योग्यता है जो ज्ञानी वही ब्राह्मण और ज्ञान पे किसी का अधिकार नही जो ग्रहण कर लिया वही योग्य। लोगो को तोड़ो नही जोड़ो ❤ जय श्री राम ❤
पता नहीं लोग कहां कहां से ज्ञान पलते हैं... बौद्ध धर्म में भी जो 27 बोधिसत्व हुए हैं उनमें भी सारे के सारे ब्राह्मण और छतरी ही हुए हैं... तो यह सब कहां से आए थे....
गौतम बुद्ध भी क्षत्रिय थे भगवान कृष्ण बिग क्षत्रिय थे भगवान राम भी क्षत्रिय थे हमारी सभ्यता 5000 साल पुरानी है संविधान आने के बाद यह सबहो रहा है अपना ज्ञान देते रहो
@@DharmendrasinhChavda-dt1on इनमें पहले भी बुद्धि और अध्यात्म की कमी थी जिसके कारण मनुष्य जन्म के बाद भी नीच हो जाता है और आज भी दोनों का अभाव बहुत ज्यादा है।
बौद्ध धर्मीय कौनसा भी भेदभाव नहीं करते थे और घुलमील के रहते थे, लेनिन जबसे डॉ. आंबेडकर जी ने बौद्ध धर्म का स्विकार किया, और उनके अनुभव से ठराविक जातिसे टार्गेट किया, और फेसबुक, यूट्यूब माध्यम आया तो उनके अनुयायी ने अधीक प्रमाणात जातिभेद करने के लिये प्रसार और प्रसार सुरू किया.
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा
ह्यमारे पड़ोसी sc है। गोरे वर्ण हैं। ऐसा कुछ भी नही है। सबबढिया है। यह कुछ भी फैला रहे।मैँ तो सनातनी bhrahmn हूँ। मुझे खुशी है brhmn त्त्व में जन्म हुआ। देखो। पुराण उपनिषद गीता जी रामायण सब है मिलती। पढो पहले। यह झूठा फोबिया फैलाने से कुछ नही होगा। और जैन बौद्ध से पहले है।
संसार की सबसे अधिक प्राचीन पुस्तक ऋग्वेद में आर्य और अनार्य (दस्यु) इन दो जातियों का उल्लेख है भारत में सृष्टि काल से ही आर्य मूल निवासी है इस बात को अंबेडकर ने भी माना है । आर्यों से हिंदू मुस्लिम सिख इसाई जैन बौद्ध आदि बने और आगे अनेक वर्ग बनते जाएंगे। वेद के आधार पर महर्षि मनु ने मनु संविधान लिखा जो मानव जाति को कर्म के आधार पर चार भागों में बांटा। मनु संविधान को करोड़ों वर्षों तक राजा महाराजा मानते आए। अंबेडकर ने भी इसी के आधार पर मनुष्य को चार भागों में बांटा सवर्ण, पिछड़ा, अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति, मनुस्मृति में तो शूद्र अच्छे कर्म से ब्राह्मण बन सकता है और ब्राह्मण नीच कर्म से शूद्र बन जाता है लेकिन भारतीय संविधान में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है सवर्ण तो सवर्ण ही रहेगा और अनुसूचित, अनुसूचित ही जाति में रहेगा। इससे सिद्ध होता है कि अंबेडकर ने देश में घोर जातिवाद फैलाया। इसलिए दलित ब्राह्मण से और ब्राह्मण दलित से नफरत करता है। अंबेडकर ने मानवता को जातिवाद में बांट दिया। इसलिए जरूरी है कि भारतीय संविधान को बदलने की।
काश आपने जो भी तथ्य लीखा है उसे परसेप्शन के आधार पर न लीखकर सबुत के साथ लीखते तो रोचक और विचार करने योग्य लगता ईस देश में आप जैसों के पुरखों ने सम्राट असोक और भगवान बुद्ध का सही इतिहास कभी नहीं लिखा । यहींसे सब समस्या शुरू हो गई
आज बौद्ध धर्म भी इस्लाम और इसाई की तरह "एक धर्म एक मत " की राह पर चल रहे है। " बौद्ध ही सर्वश्रेष्ठ है" इस विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। बौद्ध धर्म के मानने वालो के लिए यह सही भी है। एक हिन्दू धर्मावलंबी ही है जो सबको तृष्टीकरण करने पर लगे हैं । अपने ही धर्म के प्रति नैराश्यता हिन्दूओं में है । हिन्दू जाग जाय । या तो समर्पित हिन्दू बने, नहि तो हिन्दू धर्म छोड़ कर दुसरा कुछ भी बने । स्वधर्म के प्रति समर्पित बनना आवश्यक है। " सर्व धर्म समभाव" हिन्दूओं पर ही लागू होता है। सभी धर्म का सम्मान का ठेका अकेले हिन्दू ने हि लिया है ।
Dharm matlab Sanatan dharm Jinko brahmano se taklif thi, irsha thi UN nastiko ne apna apna darshan ke hisab se apna mat, panth, mazhab chalaya aage ja kr unke anuyayiyo ne dharm ka roop le liya.
ये भी इंग्लैंड में पढा बैरिस्टर था।ये भी भगतसिंह जी का केश लड़ सकता था।पर। आप जानते हैं अगर आप स्वतंत्रता आंदोलन को वास्तविकता में पढ़ें। महोदय स्वतंत्रता आंदोलन पढना है तो क्रान्तिकारियों की जीवनी जो उन्होंने लिखी है पढ़ लो। हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान।।
सर जी गोल का मतलब वर्त है। और धरती गोल है। इसलिए इसे वर्त कहते है। और इस पर सबसे पहले आर्य रहते थे इसलिए इसे आर्यावर्त कहते थे। इसलिए संसार की सबसे पहली जाती आर्य है। और आर्य ही सबसे पहले थे। इसलिए आर्य सनातन धर्म कहलाता है। और सनातन का मतलब ही शुरू से होता है। उनकी मातृ भाषा संस्कृत थी। उसके बाद ही सारे धर्म सनातन धर्म से टूट कर बने हैं। और संस्कृत ही सब भाषाओं की जननी है। और इसीलिए व्याकरण में तत्सम तद्भव व देशज पढ़ाया जाता है।
शुक्ला जी ,इन कबख्तों से हम सनातन हिन्दू दलित वर्ग बड़ा दुखी है। आप ब्राह्मण चेतना का विस्तार करें ,अपने सनातन धर्म संस्कृति को नए आयाम दे। श्री हरि:हर हर महादेव, जय माता दी।
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा ❤❤
ब्राह्मणों ने भारतीयों को चार वर्णों में बाटा । सर्वविदित है । आधुनिक भारत के निवासियों को SC , ST , OBC और जनरल में किए गए वर्गीकरण को हम क्या कहेंगे ? यहाँ भी तो चार वर्गों में बांटा गया है । अर्थात वर्ण व वर्गीकरण में क्या अंतर है ? कृपया इस पर अवश्य प्रकाश डाले । धन्यवाद
सुनो जी आपके अनुसार 2700 वर्ष तक तो आप पहुंच गए तो आप बताइए की उस समय भी तो पठन पाठन व शिक्षा भी तो होती थी तो वो शिक्षा पहले आपको पता है वो कहा मिलती थी तो हम आपको बता दें वो शिक्षा गुरूकलों से प्राप्त होती थी ओर गुरूकुलिऐ शिक्षा केवल संस्कृत में मिलती थी तो लोगो को बहकाओ ना की संस्कृत बहुत प्राचीन है।
सुधीर राज जी, एक प्रश्न है कि सम्राट असोक के शिलालेखों, स्तंभ लेखों आदि में बार-बार "बमण" शब्द के साथ ही "समण" शब्द आया है। अर्थात "बमण-समण" इस तरह लिखा होता है। इस विडियो में जो आप जानकारी दे रहे हैं वो बिल्कुल अलग है जबकि असोक के अभिलेखों के अनुसार अर्थ बिलकुल अलग है। मेरी जानकारी के अनुसार दोनों शब्द भिक्खूओं के लिए प्रयोग किए जाते थे, बमण भिक्खू एक जगह रहकर अध्यापन का कार्य करते थे जबकि समण भिक्खू घूम-घूम कर धम्म प्रचार करते थे। कृप्या इस भ्रम को दूर करें। Baba saheb ke baad aur bhi bahut research hue jisme bhaksha vigyan bhi ek hai. Baba saheb ke samay tak jo bhi research available the aur unhone jo khud research kiya oos adhar par unhone apni baat likhi. ye sahi hai 8th century ke baad Brahmano ne kshadyantra karna shuru kiya. Par aaj jo update jankari hai. Eureshian ka India me migration aur Baman shabd ko apne liye sanskritize karke Brahman bnakar istemal karna ya Ariya shabd ko Arya bnakar Eureshian (So called Brahman) ne apne liye istemal kiya aur hamare education centres (Nalanda University etc) ko nast kar hame shiksha se vanchit kar Jhoothe kathaen rachkar hame hindu (Gulam) banaya. Aap ek baar jankari update karen.
मैं समन और ब्राह्मण संस्कृति को नहीं स्वीकारता न ही ब्राह्मण बाहर से आए ये भी गलत है सोचो जरा 700 तक व्हेनसांग के अनुसार भारत बौद्धमय था पाली भाषा थी पुष्यमित्र शुंग की कहानी भी गलत है वह बौद्ध था भरहुत महाविहार महाविद्यालय का जीर्णोद्धार कराया था। वेद शास्त्र 700 के बाद लिखे गए रामायण महाभारत भी 700 के बाद के है चार युग स्वर्ग नर्क 700 के बाद के है संस्कृत भी 700 के बाद की है कहानी कुछ और है मुस्लिम आए बुद्ध धम्म खंड खंड हुआ जान के लाले पड़े महायान आया इसमें बौद्धिसत्वों की पूजा शुरू हुई बुद्ध को भूल गए जो भिक्षु थे वे ही ब्राह्मण बन गए चार वर्ण स्थापित कर दिए बहु ईश्वरवादी हो गए। जब पूरा देश बौद्धमय था तो वैदिक की कल्पना करना गलत है अगर गलत है तो बताएं।
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा
हरामी तू हैं ..conversion विचार से हूवा हैं..पैसे लेकरर ...आये थे...ख्रिश्चन,इस्लाम,शीख समाज के लोग..लेकीन बाबसाहेब आंबेडकर आपने विचार से गड्डारी नहीं की..
अति उत्तम , जल्दी से सब जात पात मिटा के सब समान हो जाओ , सभी तरह की सुविधाएं और लाभ पूरे भारतीय समाज में बाँट दो , जातीय आरक्षण समाप्त कर समता मूलक व्यवस्था सुनिश्चित कर दो । क्योंकि 95% तो समन ही हैं ।
श्रवण सुन्ना वाले भाव। brahmn समर्पण भाव। यह ओशो ने महावीर वाणी में बताया है। प्रूफ है यह। कॉपी करके कुछ भी बोल्दो।श्रवन है। आलरेडी वेद में है। कुछ भी।
हम सिंधु सभ्यता के वंशज हैं | बाबा साहेब ने यह कहा, " सत्य है |" आर्यो को छोड़कर सभी जाति के लोग सिंधु सभ्यता के लोग हैं, जिन्हें समय- समय पर नाम बदलते हुये जाना गया | क्या बुद्ध जी के समय ब्राहमण नहीं थे? थे तभी तो बुद्ध जी ने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का विचार दिया | आर्य या सवर्णों को छोड़कर सभी समण, समण ही बौद्ध , बौद्ध ही सिक्ख , सिक्ख - जैन और मुसलमान बने | वर्ण व्यवस्था में शूद्र- अछूत ही जातियों में बंटे | जिन्हें बाबा साहेब ने एससी, एसटी और ओबीसी कहा |
Sir आज के समय मे आप और साइंस जर्नी दोनो इंटेलेक्चुअल है और वीडियो अपलोड कर रहे हो। हमे आप दोनो सही लग रहे हो। परंतु समन और बमन की व्याख्या मे कुछ फर्क है। आपस मे बात करके इसे ठीक करे।
अबे मूर्ख त्रिपिटिक तो ब्राह्मणों ने लिखा है जो आधे से ज्यादा मिलावटी है।क्योंकी 12 सदी से तो कागजी इतिहास शुरू हुआ भारत देश में 8वी सदी में ना कोई वर्ण व्यवस्था न कोई जाती मिलती है अगर पुरात्विक इतिहास जाने तो😂😂😂😂 @@Hindu_rashtra_78
करुषों की भूमि हिस्ट्री आफ भारत भारत का इतिहाष कश कुश काशी कन कनेत कंस कौरव कुरुक्षेत्र कर्ण कैश्पियन सागर से कश्मीर और कश्मिर कन्या कुमारी तक का इतिहाष आवाज दे रही है। करुषवार वंश कषरवार वंश कहरवार वंश गहरवार वंश खरवार वंश कोल कोया किरात नांग निषाद कोया आदिवासी आदिम जाति शंभू -शेक अठ्ठासी पीढ़ी मुल है। बाकी अवर्ण सवर्ण जो भी कुछ सिर्फ सत्ता लोभियों का रचा हुआं चक्रव्यूव है। दुनियां का कोई भी विद्वान यदि ब्राह्मण विदेशी तो वह झुट बोलता है। जो चाहें जब चाहे तर्क वितर्क कर सकता है। आरक्षण यह एक ऐसा विष निजी महत्वां काक्षा आरक्षण के लिये झुठ पर झुठ बोले जा रहा है। हम हमारा सिर्फ आजाद भारत में गुलाम पैदा हो रहा उसके पहले मुगलों ने हमारे धन धरती सम्पूर्ण सम्पदा छीन लिया फिर हम गुलाम नही हुऐ अग्रेजों ने हमारे लोगों पर क्रिमिनल ट्राईब्स एक्ट लगाकर जरायम पेशा अपराधी घोषित कर देखते गोली मार देने की आदेश जारी कर तब भी हम गुलाम नही जो समाज मुगल अंग्रेज और सामंत वाद का कवच बने थे वे लोग नशिहत देते है .आज भी ट्राईबल इतिहाष हमें अपना कहने वाले ही विलुप्त करना चाहते है। जीस आदिवासी का इतिहाष लाखों वर्ष तक वहां लोगों की नजर क्यू नही पड़ता । आदिवासी नृत्य बाद्य वेष भूषा काली दुर्गा शिव पार्वती गणेश कार्तिकेय के जो चित्रण मंचन नृत्य के माध्यम से आज भी कुछ बताना चाहता है। ऐसा लगता है.लोग कुछ जानते नहीं जानते बहुत लोग है.पर अपनी अपने समाज के छबी निखारने पर लगें । लोग पाने के लिये झुठ बोलते है.हम भगत सिंह की तरह फासी पर लटकने के लिये सत्य बोलते है। आदिवासी कर्मा गीत गाते है । गीत का बोल है. छम छम बाजे पैयजनियां इसका मतलब माता पार्वती जब सज धज कर मांयेके गई। और हवन यज्ञकुंड में धू धू कर जल गई। दुसरी गीत की बोल अगूरी चपले गुरुजी इसका मतलब एकलब्य की अगूठा कटने की दास्तान । झुठ से बढ़कर झुठ को देखा झुठ का मिल गया बाप झुठ अभी बाकी है। असत्य याने जीवन के गर्भ से सत्य मतलब मृत्यु निकला असत्य का बन गया बाप झुठ अभि बाकी है।
The books written by Chanakya and others of the same era were written in Sanskrit and not in Pali. Pali was the language of outsiders. Since Ashoka wanted to spread the Baudha teachings to even those foreigners who settled in Bharata, he got the inscriptions written in the Pali language.
Dr Ambedkar British agent tha. Mamuli insaan tha.Apani pratistha ke liye sanatan sabhyata ka apmaan Kiya.Bhayankar garmi me bhi koat pahanta tha.Bada hi mahatwakanshi insaan tha.Bharat ka khalnayak tha.
सभी मूल निवासियो को सरनेम मे समण ही लिखना चाहिए। यह एकता का महत्वपूर्ण सूत्र है।धन्यवाद।
nich canvrted achyut dhedo ka to chhatrapati shahuraje ne udhhar kia aur kabiliyat di 😂😂😂😂
@@rajshrishahuraje4395अरे अकलके गंजे शाहू महाराज के पहले हमारे लोग योध्दा थे। यह महाराष्ट्र के भागवत ने लिखा है।
@@milindmachale7645 abe oy achyut akal ke khandani aandhe , abe mand budhhi kon hai be bhagvat use ham pekate kya tum nich dhedo ka bap hai kya ?🤣🤣 sale yhsan farosh aulad tay vale ki history padh chhatrapati shahuraje ne hi tay ke kabil banaya , sale coppy pest ke siva kya khasiyat hai tum nich achhyut dhedo ki .
@@rajshrishahuraje4395q
नाम बुद्ध
सिर्फ दो ही जाति होनी चाहिए महिला और पुरुष की और धर्म मानव का ! 💯
संत रामपालजी महराज जी तो यही
कर रहे हैं,
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म कोई नहीं न्यारा,
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें ज्ञान गंगा बुक,,
@@RamSudarsan-yi7lj - "जाती " ❌❌❌❌❌ ------- >>> " जाति " ✅✅✅✅✅
संपूर्ण पृथ्वी पे एकही खंड भारतवर्ष नामसे था| ऊस वक्त धर्म और अधर्म यही दो प्रकार के मनुष्य पृथ्वी पर थे| धर्म कोई जाती नही थी| धार्मिक मनुष्य यानी अच्छे कर्म करणे वाला व्यक्ती, पशु, दानव, देव, पक्षी, और अन्य सभी जीव जो अच्छे कर्म करते हे| अधर्मी ओह होते थे जो बुरा कर्म करते थे|
जैसे आज भी लोगोकें अलग अलग समूह होते हे उशि तरह समोह बन गये| उसमेसे कुछ लोग धर्म के समोह मे गये, तो कुछ लोग अधर्म मे|
याद रखना सिर्फ दो ही प्रकार के मनुष्य श्रेणी थी|
आज जो धर्म की व्यख्या की जाती हे वह गलत हे|
सिर्फ इतना याद रखना धर्म यांनी अच्छा कर्म , और अधर्म याने गलत कर्म|
@@ramanand6566 Jai shree Ram
तो ठीक है,,सभी जाति प्रमाण पत्र रद्द करवा देने चाहिए।
वम यानी वामपंथी जिसने भारतीय संस्कृति का सर्वनाश कर दिया। और अब हमारे ही समाज के लोग भी इस एजेंडे में शामिल है। कड़वा सच है।
Bilkul theek kaha hai aapne yah makkar hai
खुद को बुद्धिमान समझ कर किसी एक Brilliant नेता को Jhutha बोलते hai l
Half knowledge is dangerous.
बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी है l हर शाख पे उल्लू बैठें हैं, अंजाम ऐ गुलिस्तां क्या होगा।
Kyu aya na line pe van yani viprit vichardhara ke or vam hi baman h jo aaj bhrahman h bhrahman videshi ne pure desh ka Satya nash kar diya h😂😂😂
@@parmatmakumar-co8jb Jai shree Ram 🚩🙏🙏
हिम्मत है तो बताइए ब्राह्मण किस देश से आये थें और कब आये थें किसके शासनकाल में आये थें। और किस मार्ग से आये थें।@@Anup-k6r
Hahahaha अब तो तुम समन हो गए कोटा छोड़ दो आरक्षण का अंबेडकर जी ने भी सिर्फ 10साल के लिए कोटा दिया था
हम हिन्दू है और बुद्ध भगवान विष्णु के नवम अवतार है अतः हमारे पूज्य है
यह झूठी बातें मत फैलाओ भाई बुद्ध कोई तूम्हारे काल्पनिक विष्णु के अवतार नहीं है
घंटा सच है सिर्फ गरीबों का शोषण अमीरों के द्वारा हुवा चाहे कोई भी जाति का हो हमेशा से अमीरों ने गरीबों का शोषण किया है तुम लोग बस गरीबों को बहकावो और अपना रोटी सेंको क्योंकि सबको कुछ भी पता नहीं बकलोल बनाओ और बनो ।
एक काम करो बस सबकी मदद करो और कुछ नही लेकिन तुमलोग जनता के सामने आकर सिर्फ अपना काम निकलोगे और बाकी को गरीब का गरीब ही छोड़ दोगे मैने देखा है सभी नेताओं द्वारा बस जनता को लूटा जाता है।
अमीरों के द्वारा गरीबों का शोषण हु है और हमेशा होता रहेगा। वह तुम्हारे पिताजी भी न कभी रोक पाए और न कभी रोक पाएंगे। क्योंकि किसी विद्वान ने कहा जैकी वीरों का बाल न बांका हुआ बकरे बलि वेदी चढ़ाए गए। कभी शेर का मांस तुम्हारे पिताजी अथवा तुमने खाया है नहीं अगर खा रहे हो तो मुर्गे और बकरे का इसका मतलब जब तुम गरीबों का शोषण कर रहे हो तो उपदेश किसको दे रहे हो। खुद सुधरो समाज अपने आप सुधर जाएगा नहीं तो मूर्खों की तरह केवल चिल्लाते रहो होने वाला कुछ नहीं। क्यों वास्तव में गरीबों का शोषण तुम कर रहे हो कोई दूसरा नहीं।
एक और ज्ञानी पैदा हो गया। जब दिमाग में दूसरो के प्रति गनदगी भरी हो तो मन में अच्छे विचार पैदा नहीं होते हैं 40 प्रति शत दिमाग वाला सिर्फ गनदगी ही उगल सकता है क्योंकि 60 प्रति शत तो खाली है
अच्छा,स्रवण लोग कौन सा धर्म मानते थे उस समय?
ब्राह्मण लोग कब आए भारत मे,राम और कृष्ण से पहले या बाद मे?
क्या राजा हरिश्चंद्र भारत के ही थे या ये भी बाहर से आए?
बिल्कुल सही..... इस्लाम महंमद से शुरू हुवा.... ख्रिस्ती समाज येशु के बाद शुरू हुवा....शिख समाज गुरू नानक देवजी के बाद आये..बौद्ध गौतम के बाद आया.........फिर हिंदू कितने पुराणे....हिंदू सनातन है, पुरातन है....
🤦🤦🤦
भाई ने बताया नही की उससे पहले यहुदी धर्म था जो सृष्टी के सुरवात सही
Hindu word ka janam kab hua? Kaunse sastron mein hai jo purana hai?
Hindu yani gali
@@ratanchaurpagar457. Yah Kaisa naam hai. Tumhare naam mein bhi to Gali dikh raha hai😅😅 apne aap ko Gali Kyon dete Ho😅 Kuchh To sharm karo
भाई साहब अरब तुर्क मंगोल सब आपके भाई ख्रिस्ती मुस्लिम भी आपके आगे भाई लेकिन हिंदू आपके दुश्मन , वाह री वाह क्या मानसिकता है
भाई मेरे ये भीम वाले पैदाइशी दो गले है बास्टर्ड।मैं साबित करता हूं ।इनकी तरह केवल हिन्दुओं से द्वेष नहीं करता।बास्टर्ड ऐसे कि नाम रखेंगे गंगाधर और बुराई करेंगे भगवान शिव की । नाम रखेंगे सीता राम और दोनों की बुराई करेंगे ।एक दोगला रावण है बुद्धिष्ट नाम रखा है चंद्रशेखर आजाद मूछ पर ताव अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की तरह लेकिन इस दोगले को पता भी है कि चंद्रशेखर आजाद ब्राह्मण थे मनुवादी थे। चंद्रशेखर भी भगवान शिव का ही एक नाम है लेकिन शिव मंदिर का विरोध करेगा।
यही तौ ईनकी निचता है और हिन्दू और कै घर की भिख खाते है
भाई जिस हिंदू समाज ने हजारो सालो सें
दलित,आदिवासीयों को इन्सान नही समझा!पिने को पानी तक नही देते थे! उनका साया भी पडे तो आप के लोगों को तकलीफ होती थी! उन लोगों की गलती क्या थी?
क्योंकी हिंदू समाज वर्ण और जातीव्यवस्था सें बना हुआ हैं! नाकी समानता और भाईचारे से! जो बडी जाती में पैदा हुआ वोह बडा और भले ही कितना भी अच्छा हो लेकिन छोटी जाती में पैदा हुआ तो छोटा! हिंदू समाज में जाती के आधार पे ही इन्सान का मूल्यमापन होता हैं, ना की उसकी काबिलीयत के आधार पे!
@@rajup2420 Jai shree Ram
Daliton se chhua chhut kisne kiya tha? Kinhon ne dalit nariyon par breast tax lagaya tha? Iska matlab malum hai?
Aj bhi chhua chhut kaunse Sikh, musalman Christian daliton se karte hain shivay tere community ke? Kaun humara mandir humen allow nahi karte?
दुनिया एक नाटक है इस को चला ने वाला विधाता है आप सभी नाटक के पात्र हैं विधाता निदेशक है
Duniya ka sabse behtarin jawwab❤
सीधे सच्चे लोगों को कुछ लोगों ने बहकाने का काम चालू कर दिया है शिक्षा के अभाव करण सभी परेशान, बहका लो
Bahu sahi kaha aapne.
Dost mauka ayega jald hi
Garibi or dukho se purit kamjor mansikta wale logo ko murkh banane wale Manav samaj or Bharat ko kamjor karne wale or videshi arjent ke roop mein satta pe kabij hone ke liye ye samaj ko tor rahe hai swarthi logo ke jhase main na aaye Budh ka itihas bhi hai Budh ke pahle unke MAA BAAP ka bhi itihas hai budh ek Rajkumar the patni se chupke Raat mein ghar chhod diya or Mahatma bane sanatan dharm ka itihas bahut purana hai
गलत क्या बोला ये बताओ ?
Jyada samazdar mat bano
Mahavir
Aakhiri tirthankar the
Srashti ke aarambh me
Hanare aur sare jag ke pratham
Saman jain tirthankar
Risgabh dev ji the
Jinke putra mahan bharat chakravarti samrat ke nam par he
Bgaratvarsh pada
टाइटल सब लोग पढ़ते है।। बाबा साहेब का नाम सम्मान से लिखना चाहिए ।।
जिसने भी टाइटल बनाया है, वह बाबा साहब का सम्मान नहीं करता है। जुबान खींच लेनी चाहिए जो शख्स बाबासाहेब को झूठा साबित कर रहा है।
@@AmbarSahare-mc1bsjhuta ko jhut kahna kya guna hai kya chor ko chor bolna guna hai kya goolam kahika😅
E hindu dharm se jo narrative kare chahe vo koii bhi hoo hum usee passed nahee kartee
Tumhare liye hoga baba saheb , tum ise mausa bna ki
@@AshokKumar-fr7pematlab tu Pakistan main rehta hai kya Savidhan nahi manta kya ...yehi hai tere dharm k sanskar isliye humne laat maar di aisey dharm ko aur Buddhism le liya bahut accha kiya humne..thanks .Dr.Babasaheb Ambedkar.
ना तुम्हारी भाषा सही ना तुम बाबा साहब को पढ़े हो तो ये भी पढ़ा होगा की ब्रह्मण छत्री वैश्य और शूद्र सभी भारत के मूल है और संस्कृत सभी भाषाओं की जननी। यहां लड़ाई समानता की है और हमे पूरा भरोसा है अपने संविधान पे की भारत वामपंथियों से मुक्त होगा । देश को तोड़ने नही जोड़ने की बात करें । बाबा साहब को ब्रह्मण से कोई समस्या होती तो ओ अपना सरनेम अम्बेडकर बदलते, उन्हे पता था ब्राहमण कोई जाति नही योग्यता है जो ज्ञानी वही ब्राह्मण और ज्ञान पे किसी का अधिकार नही जो ग्रहण कर लिया वही योग्य। लोगो को तोड़ो नही जोड़ो ❤ जय श्री राम ❤
पता नहीं लोग कहां कहां से ज्ञान पलते हैं... बौद्ध धर्म में भी जो 27 बोधिसत्व हुए हैं उनमें भी सारे के सारे ब्राह्मण और छतरी ही हुए हैं... तो यह सब कहां से आए थे....
ये अंग्रेज़ों ,वामपंधियों आदि से पैसे लेकर यहाँ कोरा झूठ बकवास करते हैं !
😂😂चल झुटे
@@siddharth9635 to sacche bata na koi obc ya sc ka bodhisatv hua...naam bata de
@@satyanuveshi9644 😂😂bhag chutiye... सच सुनने के लिये 'तेरी औकात अभीभी घुटणे के उपर नाही है... बडा आया... 😂😂
@@satyanuveshi9644बोधिसत्व परम पूज्य डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर.
भाईयों, बाबा साहेब और बहुजन महापुरूषों के जब भी नाम बोलो या लिखों तो हमेशा सम्मान और तमीज से लिखो ।
Dala ta farm todny bala
Tumhare tiye hoga sammaanit
आप लोग हिन्दू भगवानों और सन्तों के नाम सम्मान से लेते हैं क्या?
Chamaro reservation choro
@@YadavYadav-mn3osTera bap bhi nhi hata payega
गौतम बुद्ध भी क्षत्रिय थे भगवान कृष्ण बिग क्षत्रिय थे भगवान राम भी क्षत्रिय थे हमारी सभ्यता 5000 साल पुरानी है संविधान आने के बाद यह सबहो रहा है अपना ज्ञान देते रहो
@@DharmendrasinhChavda-dt1on इनमें पहले भी बुद्धि और अध्यात्म की कमी थी जिसके कारण मनुष्य जन्म के बाद भी नीच हो जाता है और आज भी दोनों का अभाव बहुत ज्यादा है।
Mujhe bhi yhindar lga rhta hai purani bate sach na ho jaye😂@@devdutt700
Bhai ambedkar bhi kshtriya the hai na 😊
👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼👍🏼
बौद्ध धर्मीय कौनसा भी भेदभाव नहीं करते थे और घुलमील के रहते थे, लेनिन जबसे डॉ. आंबेडकर जी ने बौद्ध धर्म का स्विकार किया, और उनके अनुभव से ठराविक जातिसे टार्गेट किया, और फेसबुक, यूट्यूब माध्यम आया तो उनके अनुयायी ने अधीक प्रमाणात जातिभेद करने के लिये प्रसार और प्रसार सुरू किया.
तुमच्या वर्चस्वाखाली दबलेले होते मिळुन राहाण्याची त्यांना तूम्ही संधीच कधि दिली नाही
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा
Bhagwan shiv kan kan me hai to fir jitne bhi galat kaam ho raha hai ..wahi krwa rahe hain...
उससे पहले तू था क्योंकि तुझे ज्यादा पता है तो मेरे साथ तो उससे पहले तू था😅😅😅😅
ह्यमारे पड़ोसी sc है। गोरे वर्ण हैं। ऐसा कुछ भी नही है। सबबढिया है। यह कुछ भी फैला रहे।मैँ तो सनातनी bhrahmn हूँ। मुझे खुशी है brhmn त्त्व में जन्म हुआ। देखो। पुराण उपनिषद गीता जी रामायण सब है मिलती। पढो पहले। यह झूठा फोबिया फैलाने से कुछ नही होगा। और जैन बौद्ध से पहले है।
When you don't have history except fictional stories 🤡
सिर्फ हिंदू विरोध,,,और कुछ भी नहीं।
कुछ लोग बताते हैं कि बुध्द के पहले 27 बुध्द हुए तो उन लोगों को बुध्दत्व कि प्राप्ती कहाँ से हुई?
नवयान से 😂😂
Ak bi 27 me se sudry nahin tha
Vaisehi jaise bramha ne apne muh Jangh Bahu aur pair se insan ko paida kiya
@@Upanishad11😂😂😂😂
संसार की सबसे अधिक प्राचीन पुस्तक ऋग्वेद में आर्य और अनार्य (दस्यु) इन दो जातियों का उल्लेख है भारत में सृष्टि काल से ही आर्य मूल निवासी है इस बात को अंबेडकर ने भी माना है । आर्यों से हिंदू मुस्लिम सिख इसाई जैन बौद्ध आदि बने और आगे अनेक वर्ग बनते जाएंगे। वेद के आधार पर महर्षि मनु ने मनु संविधान लिखा जो मानव जाति को कर्म के आधार पर चार भागों में बांटा। मनु संविधान को करोड़ों वर्षों तक राजा महाराजा मानते आए। अंबेडकर ने भी इसी के आधार पर मनुष्य को चार भागों में बांटा सवर्ण, पिछड़ा, अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति, मनुस्मृति में तो शूद्र अच्छे कर्म से ब्राह्मण बन सकता है और ब्राह्मण नीच कर्म से शूद्र बन जाता है लेकिन भारतीय संविधान में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है सवर्ण तो सवर्ण ही रहेगा और अनुसूचित, अनुसूचित ही जाति में रहेगा। इससे सिद्ध होता है कि अंबेडकर ने देश में घोर जातिवाद फैलाया। इसलिए दलित ब्राह्मण से और ब्राह्मण दलित से नफरत करता है। अंबेडकर ने मानवता को जातिवाद में बांट दिया। इसलिए जरूरी है कि भारतीय संविधान को बदलने की।
Varna was always birth based . It was never merit based convertible institution.
Tu swapn paht rha nighala mota sanvidhan badalayla
abe murkh ki awlad oadhayi likhayi to karte nhi ho mentaly backward sare murkho ki awlado pahle padho achese murkho
काश
आपने जो भी तथ्य लीखा है उसे परसेप्शन के आधार पर न लीखकर सबुत के साथ लीखते तो
रोचक और विचार करने योग्य लगता
ईस देश में आप जैसों के पुरखों ने सम्राट असोक और भगवान बुद्ध का सही इतिहास कभी नहीं लिखा । यहींसे सब समस्या शुरू हो गई
||विनाशकाले विपरीत बुद्धी|| भगवान बुद्ध ऐसे लोगोंको सद्बुद्धी दे.
🚩🔱जय सनातन
आज बौद्ध धर्म भी इस्लाम और इसाई की तरह "एक धर्म एक मत " की राह पर चल रहे है। " बौद्ध ही सर्वश्रेष्ठ है" इस विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। बौद्ध धर्म के मानने वालो के लिए यह सही भी है। एक हिन्दू धर्मावलंबी ही है जो सबको तृष्टीकरण करने पर लगे हैं । अपने ही धर्म के प्रति नैराश्यता हिन्दूओं में है । हिन्दू जाग जाय । या तो समर्पित हिन्दू बने, नहि तो हिन्दू धर्म छोड़ कर दुसरा कुछ भी बने । स्वधर्म के प्रति समर्पित बनना आवश्यक है। " सर्व धर्म समभाव" हिन्दूओं पर ही लागू होता है। सभी धर्म का सम्मान का ठेका अकेले हिन्दू ने हि लिया है ।
❤️❤️❤️🍀🍀🍃🍃🍃🌜🌜🌛🌛🌛✨✨
Dharm matlab Sanatan dharm
Jinko brahmano se taklif thi, irsha thi UN nastiko ne apna apna darshan ke hisab se apna mat, panth, mazhab chalaya aage ja kr unke anuyayiyo ne dharm ka roop le liya.
@@anuprashpradhaan kattar hindu kaun hai? Jo tilak lagaye ,janau pahne ya brahman ko mane. Khud me hi virodhabhas hai to kaise ummed karen.
संविधान सिर्फ नाम के लिये है.. ओ अमीर के लिये अलग ..गरीब के लिये अलग न्याय करता है.... राजनीती वाले हमेशा संविधान का खीलऊना बना देते है.....
संविधान पढ़ा है कभी
Kam karvana padta hai mera bhai tumko kya karvana hai
Sanvidhan is dead
भिखारी की औलाद संविधान कभी पड़ाहै तूने सरकार अनपढ़ लोग गधे लोग चला रहे हैं तो उसमें संविधान को क्यों गलत बोल रहा है तुम बोल पाखंडी तू😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Sanvidhan apni jagah accha hain usko chalane wale..galat ho to sanvidhan Kay karega
इस मूर्खतापूर्ण वक्तव्य से देश में जातिवाद और वैमनस्य फैला रहा है।
हमारे देश में जूतियां की कमी नहीं है जिनके पास कुछ नहीं होता है वह आग लगने चल देते हैं ऐसा ही यह माइक पर बोल रहा है वह भी उसी में का है
Well Bro , Saale in jaise Dogs ne hi to Samaj mein Zahar ghol Rakhaa hai.
Brahman Mane vaman , to too gaar se nikla hua hai na
😂 good 👍
1400 साल मे ये खुद भी पैदा हुवा था क्या ?
TEAM TWENTY TWO यहां पर झूठे बातें मत फैलाओ अगर दम है तो राशनल वर्ल्ड चैनल पर आकर एस जे सर से डिबेट कर के अपने आप को सच साबित करके दिखाओ
ये भी इंग्लैंड में पढा बैरिस्टर था।ये भी भगतसिंह जी का केश लड़ सकता था।पर। आप जानते हैं अगर आप स्वतंत्रता आंदोलन को वास्तविकता में पढ़ें। महोदय स्वतंत्रता आंदोलन पढना है तो क्रान्तिकारियों की जीवनी जो उन्होंने लिखी है पढ़ लो।
हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान।।
बुद्ध कौनसे समुदाय से थे?
Sakya wanshi, Kaha koi Varna vyavastha Nahi Thi.
Padhai Karo Bhai
बाबासाहेब भी देश आजाद हुआ तो हीथे 70साल पुराना है
सनातन धर्म धर्म है
बाकी सब पंथ है
Tum log sanatani nahi ho. Tanatani ho🤣😉😉😉😉
धरातल पर कुछ करने से कोई कार्यसिद्ध होता है । भाषण देने भर से राजनीति की बु आने लगती है और स्वार्थ झलकता है
जिसे जनता केवल मनोरंजन ही समझ सकती है
नादान प्राणी तुम भूल गए हो इसलिए तुम्हें याद दिला दूँ कि मैं तुम्हारा बाप हूँ अगर फिर भी मन ना माने तो डीएनए करवा के देख लेना
भारत देश का बाप ब्राह्मण नही है डॉ बाबासाहेब आंबेडकर है,,,
Sanatani log hi mul hai.
तेरा बाप बनाले तू क्या चिज भारत का बाप बोलने वाला
Bramhan na dr. Babasahan santan vedic
Tyanche Aadnaav Brahmanane ch dilele aahe Bala.😂😂😮😮😢😢😊
Baap hoha tum Nule kabutaro👉 ka dalit dalit dalit dalit dalit are nule kabutaro👉 Babasaheb ka Baap bhi👉 hindu hi thha nule kabutaro
सर जी गोल का मतलब वर्त है। और धरती गोल है। इसलिए इसे वर्त कहते है। और इस पर सबसे पहले आर्य रहते थे इसलिए इसे आर्यावर्त कहते थे। इसलिए संसार की सबसे पहली जाती आर्य है। और आर्य ही सबसे पहले थे। इसलिए आर्य सनातन धर्म कहलाता है। और सनातन का मतलब ही शुरू से होता है। उनकी मातृ भाषा संस्कृत थी। उसके बाद ही सारे धर्म सनातन धर्म से टूट कर बने हैं। और संस्कृत ही सब भाषाओं की जननी है। और इसीलिए व्याकरण में तत्सम तद्भव व देशज पढ़ाया जाता है।
आजादी की लड़ाई मे तुम लोग कहा थे. ..क्यो देश को खंडित कर रहे हो ..स्वतन्त्रता की लडाई मे तुम लोग कहा थे.. तुम कितना पैसा लिया है देश को तोड़ने मे ..
आज के समय मे कुछ भी भौंकने की आजादी है सोशल मिडिया इन्ही के लिए बना है भौंकते रहो
Bhaee g ye bhi ek tarah ka bhikshatan hi hai
शुक्ला जी ,इन कबख्तों से हम सनातन हिन्दू दलित वर्ग बड़ा दुखी है। आप ब्राह्मण चेतना का विस्तार करें ,अपने सनातन धर्म संस्कृति को नए आयाम दे। श्री हरि:हर हर महादेव, जय माता दी।
🙏आप जैसे लोगों ने ही समाज के बीच में जहर घोल दिया है क्या मालूम मजहब के नशे के कुएं से आप कब बाहर आओगे .
सबसे पहले हम इंसान हैं
सबसे पहले दुनिया में नवयान संगठन आया है 😂😂
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा ❤❤
इस आधार pr app जन जाति हो
@@Goodwealth94 जी
@@TravelTourism-li6bv कौन सी बात पर brainwash किया गया??
@@PRSINGH2572chuwa choot , future me na hindu bachega na dalit.Sab Asmani chat milegi aisi position ban chuki hai.
Bhuddism 28 hai unme se shankeracharya bhudda b hai jesko shambu khte h . Bhuddism se Hindu &Muslim religion aya bibile bhi
मानसिक इलाज की जरूरत है
ब्राह्मणों ने भारतीयों को चार वर्णों में बाटा । सर्वविदित है ।
आधुनिक भारत के निवासियों को SC , ST , OBC और जनरल में किए गए वर्गीकरण को हम क्या कहेंगे ? यहाँ भी तो चार वर्गों में बांटा गया है ।
अर्थात वर्ण व वर्गीकरण में क्या अंतर है ? कृपया इस पर अवश्य प्रकाश डाले । धन्यवाद
iska jawab jaroor doonga lekin bramha ke mukh se brahaman kaise paida huye😂😂😂😂😂
@@ashoksarita6203asmani kitab ko jin ne banaya Mohmmad ne phir kiya kiya hoga 55 Sadi ki , third admi ne likha Ashmani kitab.
@@omsharansingh7333 woh muslim se pucho unhe hi pta hoga tu bs itna bata brahman muh se kaise paida hua
सुनो जी आपके अनुसार 2700 वर्ष तक तो आप पहुंच गए तो आप बताइए की उस समय भी तो पठन पाठन व शिक्षा भी तो होती थी तो वो शिक्षा पहले आपको पता है वो कहा मिलती थी तो हम आपको बता दें वो शिक्षा गुरूकलों से प्राप्त होती थी ओर गुरूकुलिऐ शिक्षा केवल संस्कृत में मिलती थी तो लोगो को बहकाओ ना की संस्कृत बहुत प्राचीन है।
ये कैसे साबित होता है की समण भी एक वर्ग था...
हम तो भगवान बुद्ध भी पेहले सनातनी हिंदू थे और इसके सबुत भी है.
झुठ प्रचार हैं ये
अर्ध का अनर्थ करना हो तो कुछ पड़ा लिखा होना जरूरी हे शायद।।
सुधीर राज जी, एक प्रश्न है कि सम्राट असोक के शिलालेखों, स्तंभ लेखों आदि में बार-बार "बमण" शब्द के साथ ही "समण" शब्द आया है। अर्थात "बमण-समण" इस तरह लिखा होता है।
इस विडियो में जो आप जानकारी दे रहे हैं वो बिल्कुल अलग है जबकि असोक के अभिलेखों के अनुसार अर्थ बिलकुल अलग है। मेरी जानकारी के अनुसार दोनों शब्द भिक्खूओं के लिए प्रयोग किए जाते थे, बमण भिक्खू एक जगह रहकर अध्यापन का कार्य करते थे जबकि समण भिक्खू घूम-घूम कर धम्म प्रचार करते थे। कृप्या इस भ्रम को दूर करें।
Baba saheb ke baad aur bhi bahut research hue jisme bhaksha vigyan bhi ek hai. Baba saheb ke samay tak jo bhi research available the aur unhone jo khud research kiya oos adhar par unhone apni baat likhi. ye sahi hai 8th century ke baad Brahmano ne kshadyantra karna shuru kiya. Par aaj jo update jankari hai. Eureshian ka India me migration aur Baman shabd ko apne liye sanskritize karke Brahman bnakar istemal karna ya Ariya shabd ko Arya bnakar Eureshian (So called Brahman) ne apne liye istemal kiya aur hamare education centres (Nalanda University etc) ko nast kar hame shiksha se vanchit kar Jhoothe kathaen rachkar hame hindu (Gulam) banaya. Aap ek baar jankari update karen.
भ्रमित भ्रम दूर नहीं कर सकते
नवयान संगठन का अलग ही दुनिया चल रही है 😂😂 चरमपंथी दलित आतंकवाद और नवयान बौद्धिक आतंकवाद
To batao Aaj ke Jo Brahman hai vo kaun hai? Bahar se aaye Eurasian?
@@sanonmars पहले तो यह बता यूरेशिया किसी कहते हैं 😂😂
Dont divide Hindus, I am dalit please dont divide hindus. Dont be a victim of Jai bheem jai meem.
Land pe jaye hindu kya hai be hum indo civilization saman hai to Dalits niche hai bramhino ka
मैं समन और ब्राह्मण संस्कृति को नहीं स्वीकारता न ही ब्राह्मण बाहर से आए ये भी गलत है सोचो जरा
700 तक व्हेनसांग के अनुसार भारत बौद्धमय था पाली भाषा थी पुष्यमित्र शुंग की कहानी भी गलत है वह बौद्ध था भरहुत महाविहार महाविद्यालय का जीर्णोद्धार कराया था। वेद शास्त्र 700 के बाद लिखे गए रामायण महाभारत भी 700 के बाद के है चार युग स्वर्ग नर्क 700 के बाद के है संस्कृत भी 700 के बाद की है कहानी कुछ और है
मुस्लिम आए बुद्ध धम्म खंड खंड हुआ जान के लाले पड़े महायान आया इसमें बौद्धिसत्वों की पूजा शुरू हुई बुद्ध को भूल गए जो भिक्षु थे वे ही ब्राह्मण बन गए चार वर्ण स्थापित कर दिए बहु ईश्वरवादी हो गए। जब पूरा देश बौद्धमय था तो वैदिक की कल्पना करना गलत है
अगर गलत है तो बताएं।
फिर तो लड़ाई खत्म , संघर्ष खत्म ,
बाबासाहेब आंबेडकर तो 100 साल लगबग पैदा हूयए है तो उन्होंने की स आधार पर लिखाण, किया है, कुछ भी बोल ने के लिये youtube अच्छा platform hai 🤔🤔🤔😄😄😄😄😄😄😄
भगवान शिव कड़ कड़ में वास करते हैं पर ब्रेनवाश से कन्वर्जन किए गए पापी अम्बेडकर वादी बुद्धिस्ट को कभी दिखाई नहीं देंगे । क्योंकि जो अपने धर्म को पैसे लेकर परिवर्तित कर लिया वो भगवान का क्या होगा
Tujhe Kyun lagta Hai Ki jo tu Dekh raha Hai who sahi Hai?? Aur Baki sab galat?
Yehi to bhrama Hai.
भगवान शिव कड कड मैं वास करते हैं...फिर भारत के बाहार शिव का नाम की क्यू मालूम नहीं?
Ambedkar को पापी बोलणे वाले तेरी औकात नहीं...हैं..अंबेडकर का नाम लेणे की..m
हरामी तू हैं ..conversion विचार से हूवा हैं..पैसे लेकरर ...आये थे...ख्रिश्चन,इस्लाम,शीख समाज के लोग..लेकीन बाबसाहेब आंबेडकर आपने विचार से गड्डारी नहीं की..
भगवान. बुद्ध से नाता पेहले भी था.. आगे भी रहेगा...तू तेरे सनातन, आर्य, ब्रहमन धर्म की देखं..
कृपया वीडियो का टाइटल विषय के अनुरूप रखना चाहिए ।
Ha yar sahi bat bevkuf bana diya 😅😅
आप बुद्धिमान हो पर अपनी बुद्धि का दुरुपयोग कर रहे हो
जैसे जैसे कलयुग बड़ेगा अनेक मत संप्रदाय जन्म लेंगे लोग कनफुज होते रहेंगे।सही गलत का निर्णय लेना बड़ा ही कठिन हो जायेगा।
Kaliyuga: Ha ab ye karlo pehle.😒
अति उत्तम , जल्दी से सब जात पात मिटा के सब समान हो जाओ , सभी तरह की सुविधाएं और लाभ पूरे भारतीय समाज में बाँट दो , जातीय आरक्षण समाप्त कर समता मूलक व्यवस्था सुनिश्चित कर दो । क्योंकि 95% तो समन ही हैं ।
❤❤जय भीम, नमों बुद्धाय❤❤
ये किस तरह का अज्ञान फैलाया जा रहा है। यहां पर तो identity crisis हो रहा है
बहुत ज्ञान वान लोग है दुनिया मे परंतु सारे लोग थे नहीं तो पाक बंगला अफगान के श्रमण कहा गए
श्रवण सुन्ना वाले भाव। brahmn समर्पण भाव। यह ओशो ने महावीर वाणी में बताया है। प्रूफ है यह। कॉपी करके कुछ भी बोल्दो।श्रवन है। आलरेडी वेद में है। कुछ भी।
बुद्ध के पिताश्री हिन्दू थे , तो ये नया बुद्ध कहासे आया.😅😅
इसका उत्तर दे हिंदू कहां से आया?
बुद्ध के बाप मुस्लिम थे ❤❤❤❤
शुरुआत सचाई के साथ कीया।
फीर उसकी आड में, झुठ हगते गया😂
भैया जी बाते बनाने की जगह प्रमाण के साथ बात कीजियेगा।
संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है
📌संत्त गुरुनानक जी का जन्म 1469 AD मे हुआ
सिर्फ सनातन धर्म सबका FATHER है
MOTHER kaun hai ????
सही कहा आपने
मनघडत बनाई कहानि
तथागत बुद्ध के पहले 27 बुद्ध हो गये है इसको मालूम नही क्या
ठीक अधिक -अधिक 2700 वर्ष और मान लें उस से पहले कौन थे भारत में
Jai bhim
Namo bhudhay
हम सिंधु सभ्यता के वंशज हैं | बाबा साहेब ने यह कहा, " सत्य है |"
आर्यो को छोड़कर सभी जाति के लोग सिंधु सभ्यता के लोग हैं, जिन्हें समय- समय पर नाम बदलते हुये जाना गया |
क्या बुद्ध जी के समय ब्राहमण नहीं थे? थे तभी तो बुद्ध जी ने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का विचार दिया |
आर्य या सवर्णों को छोड़कर सभी समण, समण ही बौद्ध , बौद्ध ही सिक्ख , सिक्ख - जैन और मुसलमान बने |
वर्ण व्यवस्था में शूद्र- अछूत ही जातियों में बंटे | जिन्हें बाबा साहेब ने एससी, एसटी और ओबीसी कहा |
भीमटों का अलग ही ज्ञान है। बा बा बौद्ध धम्म मे क्यों चले गये इसका सीधा सा मतलब है कि मूल निवासी का अस्तित्व था ही नहीं।
आप किताबों के संदर्भ पेज सहित दे दीजिए, हमे पढ़ने में मदत मिलेगी
बमण समण पर व्याख्याकार की टिप्पणी मानसिक दिवालियापन
Ab suno dhobi adi to ram ke yu g me bhi the tum 500_700sal ki bat karte ho
मानव मानव एक समान,, 🙏
Namo buddhay 🙏🙏🙏
अपना ज्ञान अपने पास रख किसी को ज्ञान देने की ज़रूरत नहीं है,
👆🏿गलत जानकारी
Teri chuchu 😂😂glt
Sir
आज के समय मे आप और साइंस जर्नी दोनो इंटेलेक्चुअल है और वीडियो अपलोड कर रहे हो। हमे आप दोनो सही लग रहे हो। परंतु समन और बमन की व्याख्या मे कुछ फर्क है।
आपस मे बात करके इसे ठीक करे।
Saste Nashe ka parinaam hai ye self-claimed gyaani.
महान लोगो पर कीचड उछालते लोग कोई इनसे पुछे इन्होने जन्म लेके क्या उखाड लिया 😂😂😂
कहा कहा से दिव्य ग्यान लाते है पता नही 😂
भाई साहब आपको बहुत बहुत धन्यवाद समण एकताजिंदाबाद
समन संस्कृति बौद्ध संस्कृति है । नमोबुद्धाय जयभीम जयसंविधान जयभारत
Chup sa --- बनकर
आरे तू साला पागल है, तेरे पास कोणासी डिग्री है.
Is liye tirupitak me sudro ke liye alag or kathor saja he .
अबे मूर्ख त्रिपिटिक तो ब्राह्मणों ने लिखा है जो आधे से ज्यादा मिलावटी है।क्योंकी 12 सदी से तो कागजी इतिहास शुरू हुआ भारत देश में 8वी सदी में ना कोई वर्ण व्यवस्था न कोई जाती मिलती है अगर पुरात्विक इतिहास जाने तो😂😂😂😂 @@Hindu_rashtra_78
जय हनुमान 🚩
या भीम।❤🎉
सभी जाति प्रमाण पत्र कैंसिल कर दे ,,, जाति की जरूरत ,,किसे है,,पता चल जाएगा।
बहुत अच्ची जानकारी दी है अपने जय भीम 🌹
करुषों की भूमि हिस्ट्री आफ भारत भारत का इतिहाष कश कुश काशी कन कनेत कंस कौरव कुरुक्षेत्र कर्ण कैश्पियन सागर से कश्मीर और कश्मिर कन्या कुमारी तक का इतिहाष आवाज दे रही है।
करुषवार वंश कषरवार वंश कहरवार वंश गहरवार वंश खरवार वंश कोल कोया किरात नांग निषाद कोया आदिवासी आदिम जाति शंभू -शेक अठ्ठासी पीढ़ी मुल है।
बाकी अवर्ण सवर्ण जो भी कुछ सिर्फ सत्ता लोभियों का रचा हुआं चक्रव्यूव है।
दुनियां का कोई भी विद्वान यदि ब्राह्मण विदेशी तो वह झुट बोलता है।
जो चाहें जब चाहे तर्क वितर्क कर सकता है।
आरक्षण यह एक ऐसा विष निजी महत्वां काक्षा आरक्षण के लिये झुठ पर झुठ बोले जा
रहा है।
हम हमारा सिर्फ आजाद भारत में गुलाम पैदा हो रहा उसके पहले मुगलों ने हमारे धन धरती सम्पूर्ण सम्पदा छीन लिया फिर हम गुलाम नही हुऐ अग्रेजों ने हमारे लोगों पर क्रिमिनल ट्राईब्स एक्ट लगाकर जरायम पेशा अपराधी घोषित कर देखते गोली मार देने की आदेश जारी कर तब भी हम गुलाम नही जो समाज मुगल अंग्रेज और सामंत वाद का कवच बने थे वे लोग नशिहत देते है .आज भी ट्राईबल इतिहाष हमें अपना कहने वाले ही विलुप्त करना चाहते है। जीस आदिवासी का इतिहाष लाखों वर्ष तक वहां लोगों की नजर क्यू नही
पड़ता ।
आदिवासी नृत्य बाद्य वेष भूषा काली दुर्गा शिव पार्वती गणेश कार्तिकेय के जो चित्रण मंचन नृत्य के माध्यम से आज भी कुछ बताना चाहता है।
ऐसा लगता है.लोग कुछ जानते नहीं जानते बहुत लोग है.पर अपनी अपने समाज के छबी निखारने पर लगें ।
लोग पाने के लिये झुठ बोलते है.हम भगत सिंह की तरह फासी पर लटकने के लिये सत्य बोलते है।
आदिवासी कर्मा गीत गाते है ।
गीत का बोल है. छम छम बाजे पैयजनियां
इसका मतलब माता पार्वती जब सज धज कर मांयेके गई।
और हवन यज्ञकुंड में धू धू कर जल गई।
दुसरी गीत की बोल अगूरी चपले गुरुजी इसका मतलब एकलब्य की अगूठा कटने की दास्तान ।
झुठ से बढ़कर झुठ को देखा झुठ का मिल गया बाप झुठ अभी बाकी है।
असत्य याने जीवन के गर्भ से सत्य मतलब मृत्यु निकला असत्य का बन गया बाप
झुठ अभि बाकी है।
The books written by Chanakya and others of the same era were written in Sanskrit and not in Pali. Pali was the language of outsiders. Since Ashoka wanted to spread the Baudha teachings to even those foreigners who settled in Bharata, he got the inscriptions written in the Pali language.
Baap re baap itna Bada jhut? Shame shame.🤦🤦🤦
कौन बाबा । कुछ भी कुछ भी।ओशो से कॉपी करके बोल दिया😂😂।कॉपी कैट। सब भीमवादी।
Zutha Ambedkar 😂😂😂
Thakur jinadbad jai chatriye dharm
भारत देश को तर्क, विचार, विश्लेषण पर आगे बढ़ना चाहिए
Dr Ambedkar British agent tha. Mamuli insaan tha.Apani pratistha ke liye sanatan sabhyata ka apmaan Kiya.Bhayankar garmi me bhi koat pahanta tha.Bada hi mahatwakanshi insaan tha.Bharat ka khalnayak tha.
नमो बुद्धा जय भीम
सहारनपुर यूपी
कब आना है
देर से पता चला
नमो बुद्धा जय भीम
थंब नेलं नीट भाषेत लिहा विश्वरत्न, बोधिसत्व, परमपूज्य, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर असं लिहा. उगाच अपमान करू नका. 💙🧡💯🙏🏻
Jab Se Mukesh Ambani ne net Sasta Kiya Hai
Tab Se Roj Ek Gyan Chod Paida ho jata hai😅
Jaybhim. Namo. Buddhay
लल्लू लाल पाली भाषा भी संस्कृत की अपभ्रंश है।
बाबा साहेब का नाम आदर से लें
INKI BATO PR PHLE B VISHWASH NI THA AAJ B VISHWASH NI H...
ISLIYE LOG HINDU DHARM KO TEJI SE CHOD RHE H...
JAI BHIM NAMO BHUDHAY..❤❤❤
समय को देख कर ज्ञान दे , बंगलादेश में होते तो आज तार फेंसिंग के उस पार चिल्ला रहें होते बचालो ।