बाबासाहेब जी के वजह से ही मैं आराम से बैठ कर आप का वक्तव्य सुन रहा हूं , उन्हीं के संघर्ष से हमें मान,सम्मान और स्वाभिमान की जिंदगी मिली है वो हमारे लिए भगवान ही है...हम उनका अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे ~I am Indian firstly and lastly - Jay Bhim Jay Bharat 🙏🏼
OBC or general wale ke wajah se aaj aarakshan bacha hai,kal hamlog iske vidroh me aa jayega na to tumhare jai bheem ho jayega 😅😅😅, thanks OBC or general wale ko karo jo St or sc act ko accept kiya
मनु ने लिखा है : 9.18 - स्त्रियों को पढ़ने का अधिकार नहीं है,स्त्रियां ऐसे ही अपवित्र हैं जैसे असत्य। आप google पर देखें, मां- बहनों कोअपवित्र,असत्य ? कहने वाले का संस्कार बाबा साहब से अच्छा कैसे ? आगे आप की मर्जी आप कैसे चलेंगे पर देश तो संविधान से ही चलेगा
मैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से ज्यादा ज्ञानी किसी को नहीं मानता क्योंकि वह अपने जमाने के दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति थे भारत में तो आज भी उनसे ज्यादा कोई पढ़ा लिखा नहीं है
सम्पूर्ण जगत में डाक्टर बी आर आंबेडकर सबसे ज्यादा विद्धवान माने जाते है. उनके लायब्ररी में सबसे ज्यादा किताबे थी. तो इतने बडे पुस्तक प्रेमी ने मनुस्मृती यह ग्रंथ क्यों जलाया. सिर्फ इतना ही सोच विचार कर देखो. बाकी आप खुद समझदार है. जय भीम, जय भारत, जय संविधान...
You told really fact sir. Country should be governed by constitution . According to our religion, faith, tradition it is a part of our social life. But politician divide and use us as vote bank caste religion basics per. Jaya samvidhan, Thank you guruji 🙏♥️ such a informative sessions.
ऐसा है भई आप जो भी है वो है कि आप वेदांत पर भरोसा अधिक करते हैं जबकि जितना भी पुराना वेदांत होगा , वो समकालीन में कभी भी सटीक नहीं होता है। और आप एक बात भूल गए कि पहले काबिलों में मनुष्य रहता था और कबिलौ में जिस घर से एक बार कबिले का सरदार बन गया,तो उसका लड़का अथवा उसके कुटुम्ब का ही व्यक्ति सरदार बनता था। और बाबा सहाब ने पुरातत्व समय और उसकी सब मुख्य बातों को लेकर और सारी दुनिया की समस्त खुशहाली बातों को लेकर भारतीय संस्कृति को भी जौडकर संविधान की रचना की।जो आज तक के किसी भी प्रकार से पैदा हुए मनुष्य के लिए नामुमकिन है। क्योंकि बाबा साहेब का नौलिज संसार के हर क्षेत्र में आता है। इसलिए ही बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी को विश्व के सबसे बड़े बड़े देशों के व्दारा सिम्बल आफ नौलिज का प्रतीक माना गया। जिससे उन लोगों को हद से ज्यादा वैमनस्यता बाबा सहाब के साथ निभानी इस लिए पड़ रही है कि जो दूसरों को तुच्छ समझता है वास्तविकता में वोहि व्यक्ति या पूरा समुदाय तुच्छ समझा जाता है। और ब्राह्मण कहने से कोई व्यक्ति ब्राह्मण नहीं कहलाता बल्कि उसको ब्रह्म का ज्ञान निश्चित तौर पर होना भी चाहिए।इस प्रकार क्षत्रिय, वैश्य का तात्पर्य भी ये सिर्फ कहने मात्र होता है जो इन कार्यों को सावधानी पूर्वक करते हुए , कोई भी क्षेत्र हो अपने आप को शहीद कर जाते हैं। माना एक व्यक्ति किसी कुटुम्ब से शहीद हो जाता है और उसी कुटुम्ब से एक कायर हो गया ,तो इसका मतलब यह नहीं रह जाता है कि उस कुटुम्ब में अब सभी कायर हो गये या सभी शहीद, और बस हो गया शहीदों का परिवार। कुछ परिवार तो उस एक शहीद हुए व्यक्ति से अपने पूरे परिवार के सुख के लिए अर्जी देते हैं , जबकि वो सुविधा केवल उसके मां बाप तक सीमित हो। तात्पर्य यह है कि अगर एक परिवार मे कोई ब्रह्म का ज्ञान रखने वाला है तो वो सारा परिवार, कुटुम्ब, या समुदाय ब्राह्मण कैसे हो सकता है।तो इस प्रकार से फिर जातियता उकेरना गलत हुआ ना। जबकि हम बन्दे तो एक ही सर्वशाली महापुरुष के बनाए हुए हैं। और जिसने भी हमको बनाया है उसने हमारा भोग नहीं किया है जबकि सारी दुनिया तो भोग -रोग का ही तमाशा है।इस लिए उसे जानने के लिए कि मैं उसे बेहतरीन तरिको से जानता हूं ये भी कहना ग़लत है। उसको श्रेष्ठता से जानने वाला भी उसने उसे छौंड़ा ही कहां है। अर्थात शरीर यहां किसी का भी नहीं रहा है।हा इतनी बड़ी संख्या में हम है वो सब के लिए समान रुप से नियम कानून , कायदे बना कर ही हम अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं जों उच्च श्रेणी का संविधान सब की समानता के लिए बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी ने बनाया है और वो ही सब को समानता देता है बस ओर कोई दण्ड विधान समानता का परिचायक नहीं है।इति उत्तम एवं सिद्धम।
और जैसे सुमित जी आप कह रहे हो ना कि कोई कैसे भी चलें या मानें,तो जब इस चमार,महार, जाटव आदि आदि जितने भी अपने आप को गौरव शाली मानते हैं जब इन कमजौर तबकों के व्यक्तियो से सब कुछ ही छीन लिया गया, यहां तक कि मजदूरी भी, काम भी नहीं दिया गया और अगर काम दिया तो उसकी मजदूरी भी नहीं दी तो ऐसी-ऐसी अवस्थाओं में इन्हें मेरे हुए सडे गले पशुओं के मांस को खाकर ही भूख को मिटाने का नाकाम प्रयास किया गया। और ऐसी अवस्था देकर फिर हमसे छू्वाछूत निभाई गयी।और आज भी आप मलाईदार पदों पर बैठे हों और मलाई ही खा रहे हो। अब आप को डर ये सता रहा है कि कहीं आगे आने वाले समय मे हमारी, आने वाली पिढि का भोजन ना छीन जावें।भई छीनना तो जरूर ही है जब बोया पेड़ बबूल का ,तो अनार काहें लगें। और ये दलित अथवा मजलूम नहीं कर रहा है इसे कर रहा है स्वयं वो कर्ता धर्ता जिसने ये संसार रचा है। और आप देखना कि जो ये हक मारने वाले शैतान लोग हैं धीरे-धीरे स्वयं हार की ओर ही बढ़ रहें हैं। और हमको ये भी ज्ञान है कि अगर सत्ता में आकर हम भी तुम्हारे जैसे तुम लोगों को व्यवहार देंगे फिर से बुरा हाल हो सकता है। किन्तु पहले सत्ता हाथ में आयें तो सही, और सत्ता तो उन लोगों के हाथ में आकर रहेगी जिनके ऊपर क्रूर लोगों ने क्रूरता पूर्वक राज किये है।उसका भी इतिहास गवाह है। अब आप ही देख लीजिए कि जब आपको कोई भी काम नहीं मिला जो आपके करने से बहार था,तो आपने अपनी टी आर पी को बढ़ाने के लिए ये पत्रकारिता पकड़ ली। और वो काम नहीं पकड़ा मल-मूत्र उठाने का, जिसमें मोदी कहते हैं कि गरीब आदमी जब मल-मूत्र उठाने का काम करता है तो वह कहता है कि मुझे फक्र महसूस होता है।तो वो काम करने में, उसे ही गरीब को क्यों फक्र होता है आपको क्यों नहीं?है ना अति उत्तम बात।
मनुस्मृति उस समय के मानव रचित है।स्मृति से संविधान तक यात्रा को देखना है।स्मृतियों का रोना रोते रहना सही नहीं ,यह समय की यात्रा है।मानव विकास की यात्रा।।।😂
मनुस्मृति सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ है उसकी तुलना ही संविधान से नहीं कर सकते संविधान हमारे लिए मनुस्मृति, रामायण, महाभारत, कुरान बाइबल से भी ऊपर है, ये किसी को नही पता की मनुस्मृति कब लिखी गई है? किस भाषा में लिखी गई? या यदि ये 2000 साल पहले लिखी गई है तो इसकी लिपि को कोई पढ़ पाया है या नहीं? या इसकी मूल प्रति कहा पर है???????
Hum to savindhan ko paisa lutne ka kitab mante hai jo paisa ek paksha se lekar dalito ke Jeb me bhar diya jata hai....jiske Jeb me Paisa free me jayega Bina kuch kiye to wo ambedkar ambedkar ambedkar karega hi
I am born as brahman ....maine ramayan,geeta ,mahabhrta sunii jani....manusmriti koi book hai ye to social media rajniti se pta chla....Abhi bhi 80% log is book ko na jante na mante.....sirf rajnitik ki wajah se heights kiya ja rha......I am brahman by chance ....I say proudly nhi chahiye koi esi smiriti.....
🙏मनु स्मृति में एक बात बहुत अच्छी कही गई है 🙏10 उपाध्याय 1 आचार्य के बराबर है, 100आचार्य एक पिता के बराबर है, 1पिता की हजार गुणों से ज्यादा माता का गौरव है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मेरे विचार से मनुस्मृति को आज के आधुनिक समय के हम किसी समाज में नही थोप सकते है ये सत्य है की मनुस्मृति में कुछ बाते महिलाओं के विपक्ष में लिखी है और कुछ बाते अच्छी भी लिखी है। परिवर्तन हो संसार कर नियम है 🙏 संविधान ही हम सबके लिए सही है और हम इसी को मानेंगे मनुस्मृति हमारे लिए एक धार्मिक ग्रंथ है 🙏
Is Constitution correct in all respect? Let us examine it once. Manusruti is essential for Hindus. Our Rishis are never wrong. Only the British mentaly people blem Manusruti. Hindus can not.
મોગલ રાજાઓએ હીન્દુ ઓ એક હતા જેભવીષ્યમા એકતાના કારણે નડે નહીં એટલે બ્રાહ્મણ દ્વારા હીન્દુ ઓની એકતા તોડવા બે ભાગમાં વહેંચી બ્રાહ્મણ અને ક્ષુદ્ગ ક્ષુદ્ગ માં બધા ક્ષત્રિય વેશ્ય અને બાકીના બધાને ક્ષુદ્ર ગણેલા આમ બે ભાગ પડાવેલા પછી જાતિઓ પણ કર્મ પ્રમાણે પડાવી જેથી ખુબજ ભાગ પડે અને હીન્દુ ની એકતા ટોટલ તુટી જાય અને આપણેવર્ષોસુધી રાજ કરી શકીએ જેમને રા કર્યું પણ ખરું હજુ પણ એકતા ન રહે તે ચાલશે જેથી ભારતને ગુલામ બનાવી શકાય અંગ્રેજો એ હીન્દુ મુસ્લીમ કરી ભાગલા પડાવીને ગયા જેથી ભારત તાકાતવાન ન રહે આજે એજ અંગ્રેજ અંશ હીન્દુ મુસ્લીમ કરી ને ભારતને નબળો બનાવી રહ્યા છે
Sabhi purane dharmgranth jo jativad ko badhava dete hai usko debarred kar dena chahiye. Kisi bhi jatiki supremacy acceptable nahi hai. Jay Bhim Namo Buddhay
मनुस्मृति मे जो क्षेपक श्लोक जोड़े गए हैं आप उसके आधार पर मनुस्मृति को विवादित होने की बात कर रहे हैं । पहले इसके क्षेपक श्लोकों को पृथक करें तब इसकी समीक्षा करें । शेष आपकी समीक्षा सही है ।
Bharat mein jitne bhi Rahane wale log Hain unko acche aur buri baton ki jankari honi chahie tabhi ek gulab district apna sakte hain sanvidhan bhi kahta Hai
क्या लोग चाहते हैं भारतीय संविधान हजारों वर्ष पहले ही दे देना चाहिए था।फिर मानव विकास का क्या अर्थ हैं कुछ दिमाग और अक्ल लगाओ।।विकास यात्रा है। रोना मत करो,शिक्षा ग्रहण करो। रोना कब तक करोगे।।।😢😅😅😅
हे भारत के लोगों,पुराने ग्रंथों को क्यों रोते हो।अब मानवीय विकास हो गया है,,उस समय के किसी के विचार क्यों मन रहे हो ।।उस समय के मानव से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं ,वे लोग लिख कर मर चुके हैं।।।।😢😂😂😂😂😂
यदि आपको सही मनुस्मृती की जानकारी देना है तो इंडस व्हॅली सिव्हिलायझेशन की मनुस्मृती उठाव पुरानी सबसे पुरानी इस मनुस्मृतीने कुछ अध्याय बदल के कुछ अच्छा डाल दिया है.
Aur bhi bahut sari gandi baten likhi Hai jise aapane jikr hi nahin kiya mahoday Shayad jise log Jaan jaaye to nishchit Roop se sadkon mein Aakar roj Koi Na Koi Smriti Dahan Karega
Sir ham apne samaj ko andhvishvas se door karne or shiksha ki or lejene ka prayas karte hai lekin jo hamara samaj us andhvishvas me jakda huaa hai to use vahan se nikalne ke liya usko hamre parti likhi gai un baton ko batate hai To kuchh logo ko lagta hai ki ham unke dharm ke khilap bol rahe hai yadi esa hota to ham kisi muslim ke khilap kyu nahi ya kisi sikkh yajain ya or koi ke khilaf kyu nahi bolte hai or yadi kisi ko hamara bolna galat lagta hai ho to maf kare ap hamre prati apni sochh badlen ham kuchh nahi bolenge
Time to time Hinduism ne buraiyo ko chhoda hai...sati pratha ho ya parda pratha....manusmriti ko bhi chhod chuka...jinda kiye hai to bus Rajniti.... Bahut dher sari smirit books likhi gyi unhe me ek smiriti ye bhi hai bus.....
Ek Manus ka kya krtbay honi chaiye usekis prakar ki freedom milni chahiye 200 salo ki bato se jor kr ek dalit ki jindagi ke bare me thora aaklan krte to aapko ruh kapjata
Manusmriti ko padane ki jarurat nahi hai .use har sal jalane ki bat hai ❤galat chij kabhi sahi nahi ho sakti hai udaran bahut sare hai❤short trick me samjhe sir ji Thora padane ka tarika badlo❤
Hindu hi hai jo pramanit dharaam hai. Banki adharam hai. Manusmriti. Truth hai, purane time me Karama ko sikhlana parta thah.mandbudhi ke logo ko. Aaj bhi dalit mandbudhi ka hai, chahe IAS hi kyon na ho sambidhan I prakriya se.
Sir to aap bataiye ki Aaj bhi log kyon tathakathit unchi jati me janm leke apni unchi jati ka danka bajate Hain aur usi ke sahare kyon dalit logon ki barat ko ghodi pe chadhne se kyon rokte Hain Ye ghatnaye to suni hi hongi apne Munshi premchand ne jo upanyas aur kahaniyan likhi o to padhi hi hongi unki koi bhi kahani kalpanik nhi hai sabhi samaj me ho rhi ghatnao pe adharit hain Aur Jo Aaj bola ja rha hai ki Manusmriti karm pe adharit thi o jhoothe manuvadi itihaskar hain Jo samrat chandragupt ko bhi shudra bolte Hain Aise unchi jati ke logon se nafrat hai mujhe Agar aap bhi aisi soch rkhte hain to aapse bhi
●▬▬▬▬⚜۩۞۩⚜▬▬▬▬●
BIGGEST CHRISTMAS DAY OFFER
Use Code - MJT
get 85% Discount on Video Courses and eBooks
📲 MJT App - bit.ly/newMJTApp
●▬▬▬▬⚜۩۞۩⚜▬▬▬▬●
‼ महत्वपूर्ण Links‼
📲 Telegram - t.me/mjteducation
📲WhatsApp Channel - shorturl.at/bkHSZ
📲 Whatsapp - 7235939467
😊
App eska Etna jankari Nehi hai
बाबासाहेब जी के वजह से ही मैं आराम से बैठ कर आप का वक्तव्य सुन रहा हूं , उन्हीं के संघर्ष से हमें मान,सम्मान और स्वाभिमान की जिंदगी मिली है वो हमारे लिए भगवान ही है...हम उनका अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे ~I am Indian firstly and lastly - Jay Bhim Jay Bharat 🙏🏼
OBC or general wale ke wajah se aaj aarakshan bacha hai,kal hamlog iske vidroh me aa jayega na to tumhare jai bheem ho jayega 😅😅😅, thanks OBC or general wale ko karo jo St or sc act ko accept kiya
Lord maikaale ne isme Manu smriti me kuch alag se add kiya tha
Kyo bhai usse pahle log nahi padte the kya
Read Frist reservation act@@Ex-muslim-c1m
आ जाओ विरोध मे फिर पुलिस का डंडा याद दिलाएगा 3000 साल वाला 100% आरक्षण और शोषण @@Ex-muslim-c1m
❤️देश संविधान से चलेगा कोई धार्मिक ग्रंथ से नहीं❤
Fir shariya se kyu chal rha h bhai muslimo pe tera samvidhan lagu nhi h vo toh shariya se chalte h
मनु ने लिखा है : 9.18 - स्त्रियों को पढ़ने का अधिकार नहीं है,स्त्रियां ऐसे ही अपवित्र हैं जैसे असत्य। आप google पर देखें, मां- बहनों कोअपवित्र,असत्य ? कहने वाले का संस्कार बाबा साहब से अच्छा कैसे ? आगे आप की मर्जी आप कैसे चलेंगे पर देश तो संविधान से ही चलेगा
E sala dogo jaat muslim or ek Jo hai manusmiriti Mane wala desh me gandgi felaye hua hai . Sala kya chahta logo ko bato or raj karo
मैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से ज्यादा ज्ञानी किसी को नहीं मानता क्योंकि वह अपने जमाने के दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति थे भारत में तो आज भी उनसे ज्यादा कोई पढ़ा लिखा नहीं है
Tune khud padi he kitab pahile pad bad me ghyan pel bhram mat faila
सम्पूर्ण जगत में डाक्टर बी आर आंबेडकर सबसे ज्यादा विद्धवान माने जाते है. उनके लायब्ररी में सबसे ज्यादा किताबे थी. तो इतने बडे पुस्तक प्रेमी ने मनुस्मृती यह ग्रंथ क्यों जलाया. सिर्फ इतना ही सोच विचार कर देखो. बाकी आप खुद समझदार है. जय भीम, जय भारत, जय संविधान...
Apke samjhane evm halke mei explain karne ke tone se clear hota hai ki aap dil se manusmriti ke samarthak hai
मेरे दिल में झाँकने के लिये धन्यवाद! 😊
मेरे हिसाब से स्टूडेंट को इस तरह के फालतू ब्यान बाजी से दूर रहना चाहिए. और आपस में माहौल खराब ना करते हुए अपने लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए
You told really fact sir. Country should be governed by constitution . According to our religion, faith, tradition it is a part of our social life. But politician divide and use us as vote bank caste religion basics per. Jaya samvidhan, Thank you guruji 🙏♥️ such a informative sessions.
देश संविधान से चलेगा जय भीम ❤❤❤
ऐसा है भई आप जो भी है वो है कि आप वेदांत पर भरोसा अधिक करते हैं जबकि जितना भी पुराना वेदांत होगा , वो समकालीन में कभी भी सटीक नहीं होता है। और आप एक बात भूल गए कि पहले काबिलों में मनुष्य रहता था और कबिलौ में जिस घर से एक बार कबिले का सरदार बन गया,तो उसका लड़का अथवा उसके कुटुम्ब का ही व्यक्ति सरदार बनता था। और बाबा सहाब ने पुरातत्व समय और उसकी सब मुख्य बातों को लेकर और सारी दुनिया की समस्त खुशहाली बातों को लेकर भारतीय संस्कृति को भी जौडकर संविधान की रचना की।जो आज तक के किसी भी प्रकार से पैदा हुए मनुष्य के लिए नामुमकिन है। क्योंकि बाबा साहेब का नौलिज संसार के हर क्षेत्र में आता है। इसलिए ही बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी को विश्व के सबसे बड़े बड़े देशों के व्दारा सिम्बल आफ नौलिज का प्रतीक माना गया। जिससे उन लोगों को हद से ज्यादा वैमनस्यता बाबा सहाब के साथ निभानी इस लिए पड़ रही है कि जो दूसरों को तुच्छ समझता है वास्तविकता में वोहि व्यक्ति या पूरा समुदाय तुच्छ समझा जाता है। और ब्राह्मण कहने से कोई व्यक्ति ब्राह्मण नहीं कहलाता बल्कि उसको ब्रह्म का ज्ञान निश्चित तौर पर होना भी चाहिए।इस प्रकार क्षत्रिय, वैश्य का तात्पर्य भी ये सिर्फ कहने मात्र होता है जो इन कार्यों को सावधानी पूर्वक करते हुए , कोई भी क्षेत्र हो अपने आप को शहीद कर जाते हैं। माना एक व्यक्ति किसी कुटुम्ब से शहीद हो जाता है और उसी कुटुम्ब से एक कायर हो गया ,तो इसका मतलब यह नहीं रह जाता है कि उस कुटुम्ब में अब सभी कायर हो गये या सभी शहीद, और बस हो गया शहीदों का परिवार। कुछ परिवार तो उस एक शहीद हुए व्यक्ति से अपने पूरे परिवार के सुख के लिए अर्जी देते हैं , जबकि वो सुविधा केवल उसके मां बाप तक सीमित हो। तात्पर्य यह है कि अगर एक परिवार मे कोई ब्रह्म का ज्ञान रखने वाला है तो वो सारा परिवार, कुटुम्ब, या समुदाय ब्राह्मण कैसे हो सकता है।तो इस प्रकार से फिर जातियता उकेरना गलत हुआ ना। जबकि हम बन्दे तो एक ही सर्वशाली महापुरुष के बनाए हुए हैं। और जिसने भी हमको बनाया है उसने हमारा भोग नहीं किया है जबकि सारी दुनिया तो भोग -रोग का ही तमाशा है।इस लिए उसे जानने के लिए कि मैं उसे बेहतरीन तरिको से जानता हूं ये भी कहना ग़लत है। उसको श्रेष्ठता से जानने वाला भी उसने उसे छौंड़ा ही कहां है। अर्थात शरीर यहां किसी का भी नहीं रहा है।हा इतनी बड़ी संख्या में हम है वो सब के लिए समान रुप से नियम कानून , कायदे बना कर ही हम अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं जों उच्च श्रेणी का संविधान सब की समानता के लिए बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी ने बनाया है और वो ही सब को समानता देता है बस ओर कोई दण्ड विधान समानता का परिचायक नहीं है।इति उत्तम एवं सिद्धम।
और जैसे सुमित जी आप कह रहे हो ना कि कोई कैसे भी चलें या मानें,तो जब इस चमार,महार, जाटव आदि आदि जितने भी अपने आप को गौरव शाली मानते हैं जब इन कमजौर तबकों के व्यक्तियो से सब कुछ ही छीन लिया गया, यहां तक कि मजदूरी भी, काम भी नहीं दिया गया और अगर काम दिया तो उसकी मजदूरी भी नहीं दी तो ऐसी-ऐसी अवस्थाओं में इन्हें मेरे हुए सडे गले पशुओं के मांस को खाकर ही भूख को मिटाने का नाकाम प्रयास किया गया। और ऐसी अवस्था देकर फिर हमसे छू्वाछूत निभाई गयी।और आज भी आप मलाईदार पदों पर बैठे हों और मलाई ही खा रहे हो। अब आप को डर ये सता रहा है कि कहीं आगे आने वाले समय मे हमारी, आने वाली पिढि का भोजन ना छीन जावें।भई छीनना तो जरूर ही है जब बोया पेड़ बबूल का ,तो अनार काहें लगें। और ये दलित अथवा मजलूम नहीं कर रहा है इसे कर रहा है स्वयं वो कर्ता धर्ता जिसने ये संसार रचा है। और आप देखना कि जो ये हक मारने वाले शैतान लोग हैं धीरे-धीरे स्वयं हार की ओर ही बढ़ रहें हैं। और हमको ये भी ज्ञान है कि अगर सत्ता में आकर हम भी तुम्हारे जैसे तुम लोगों को व्यवहार देंगे फिर से बुरा हाल हो सकता है। किन्तु पहले सत्ता हाथ में आयें तो सही, और सत्ता तो उन लोगों के हाथ में आकर रहेगी जिनके ऊपर क्रूर लोगों ने क्रूरता पूर्वक राज किये है।उसका भी इतिहास गवाह है। अब आप ही देख लीजिए कि जब आपको कोई भी काम नहीं मिला जो आपके करने से बहार था,तो आपने अपनी टी आर पी को बढ़ाने के लिए ये पत्रकारिता पकड़ ली। और वो काम नहीं पकड़ा मल-मूत्र उठाने का, जिसमें मोदी कहते हैं कि गरीब आदमी जब मल-मूत्र उठाने का काम करता है तो वह कहता है कि मुझे फक्र महसूस होता है।तो वो काम करने में, उसे ही गरीब को क्यों फक्र होता है आपको क्यों नहीं?है ना अति उत्तम बात।
Pakshapati savidhan.....asamanata savindhan
सर आप ने तो पुरा डिटेल से सही कहा है संविधान तो हमारे भारत देश की आत्मा है संविधान इसको छेड़ छेड़ नहीं करते हैं
कर्म से कैसे हो सकता है यहां साफ लिखा है ब्रह्म के मुख से पेदा हुवा है
जानकारी बहुत अच्छी लगी भाई जी
मनुस्मृति उस समय के मानव रचित है।स्मृति से संविधान तक यात्रा को देखना है।स्मृतियों का रोना रोते रहना सही नहीं ,यह समय की यात्रा है।मानव विकास की यात्रा।।।😂
पहले अध्याय से तो ऐसा नहीं लगता कि आज की जाति या वर्ण कर्म आधारित थी। ब्रह्मा के विभिन्न अंगों से चारों वर्णों का जन्म हुआ। पुनः लिखता हूं 'जन्म हुआ'.
Ye wahi hain jo 12th ke bad inter kara rhe the 😂😂 😂
13:30 बिल्कुल सही कहा❤
Aap ka chintan ekdam sahi hai.
आज भाजपा मनुस्मृति के अनुसार ही कार्य कर रही है।
मनुस्मृति कोई लोकतंत्र नहीं लिखा है
जातिवाद को अंबेडकर ने मिटाने को कहा था तो फिर अंबेडकरवादी जातिगत राजनीति पर ही क्यों कर रहे हैं?
Excellent information sir
thank you sir for detailed analysis and information
मनुस्मृति सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ है उसकी तुलना ही संविधान से नहीं कर सकते संविधान हमारे लिए मनुस्मृति, रामायण, महाभारत, कुरान बाइबल से भी ऊपर है, ये किसी को नही पता की मनुस्मृति कब लिखी गई है? किस भाषा में लिखी गई? या यदि ये 2000 साल पहले लिखी गई है तो इसकी लिपि को कोई पढ़ पाया है या नहीं? या इसकी मूल प्रति कहा पर है???????
कोई ग्रन्थ नहीं है और हम तो इसे एक किताब भी नहीं मानते हैं।
@gurumailsingh9412 मत मान भाई कोन बोल रहा है की मान 🤬🤬🤬
Hum to savindhan ko paisa lutne ka kitab mante hai jo paisa ek paksha se lekar dalito ke Jeb me bhar diya jata hai....jiske Jeb me Paisa free me jayega Bina kuch kiye to wo ambedkar ambedkar ambedkar karega hi
भारत को विश्व मे गौतम बुद्ध बाबा साहेब अम्बेडकर ,गांधी से जाना जाता है नही मनुस्मृति या किसी भगवान से सुमित भाई
यह आपका केवल भ्रम है।
भगवान श्री राम और श्री कृष्णा जी को पूरी दुनिया जानती है।
हरे रामा हरे कृष्णा ❤
भारत के संविधान में भी समय-समय पर संसोधन होता रहता है । लेकिन संविधान की रक्षा करने वाले को संविधान संसोधन को 1950मे ही वैध कर देना चाहिए।
No body says that country should follow manu smriti, to let down brahmins, they say that brahmins want to emforce MS. But it is wrong.
❤❤❤ *इतना बड़ा धर्म ग्रंथ हजारों साल पहले लिखने के लिए हम उनको धन्यवाद करते है.....तथा मनु जी के ज्ञान हम सनी मानते है* ❤❤❤
Bahut achhi jankari
I am born as brahman ....maine ramayan,geeta ,mahabhrta sunii jani....manusmriti koi book hai ye to social media rajniti se pta chla....Abhi bhi 80% log is book ko na jante na mante.....sirf rajnitik ki wajah se heights kiya ja rha......I am brahman by chance ....I say proudly nhi chahiye koi esi smiriti.....
Good thought
दलितोपर जो हर दिन जो अत्याचार होते है वह क्या ह? भाई साहब न्युज पेपर देखा करो
Veer savarkar ki jay ho😂😂
जय भारत 🙏🇮🇳 जय संविधान 🙏💐
Thanks for making video
Jay bheem
आम जन केलिए सच केलिए साथ दो जनहित मे जय भीम जय भारत जय संविधान
🙏मनु स्मृति में एक बात बहुत अच्छी कही गई है 🙏10 उपाध्याय 1 आचार्य के बराबर है, 100आचार्य एक पिता के बराबर है, 1पिता की हजार गुणों से ज्यादा माता का गौरव है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आ जाना science journey channel pe घटिया किताब है मनुस्मृति पुरे विश्व की
@Akssurya1206 तुने कभी पढ़ी है जो घटिया बोल रहा है 🤬🤬🤬🤬🤬🤬
मेरे विचार से मनुस्मृति को आज के आधुनिक समय के हम किसी समाज में नही थोप सकते है ये सत्य है की मनुस्मृति में कुछ बाते महिलाओं के विपक्ष में लिखी है और कुछ बाते अच्छी भी लिखी है। परिवर्तन हो संसार कर नियम है 🙏 संविधान ही हम सबके लिए सही है और हम इसी को मानेंगे मनुस्मृति हमारे लिए एक धार्मिक ग्रंथ है 🙏
What ever is written in Manu smriti but not accept able today
Time to time all stories and books change hote rahte hai.
शूद्र कौन है।कोई अपने को शूद्र क्यों मान रहा है।।।शूद्र कौन है कोई अपने ऊपर शूद्र की मोहर क्यों लगा रहा है।।।।😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
गुरुजी मंदिर बनाने का काल नही था बौद्ध के मंदिर स्तूप को कब्जा करने का टाइम था वो
Bodh kab aaye the konse sal me aaye the jara batay
Bodhu kon se pavivar se the o to pata hoga
Is Constitution correct in all respect? Let us examine it once. Manusruti is essential for Hindus. Our Rishis are never wrong. Only the British mentaly people blem Manusruti. Hindus can not.
जब की तारीख आप बता रहे हैं उसे समय तो कागज का चलन नहीं था को मनूस्मृति किस चीज परलिखी गई
Are yar.... 🤦🏻♂️ Ved, puran, vedang, ramanyan, mahabharat, Indica(megasthanij) ye sab isse v pahle likhi gyi
@@mjteducation app to jyada jyani hain, Hum Ambedkar ke follower hain, logon ko murkh mat samjhye, Jai bhim Jai mulniwasi namo budhay
મોગલ રાજાઓએ હીન્દુ ઓ એક હતા જેભવીષ્યમા એકતાના કારણે નડે નહીં એટલે બ્રાહ્મણ દ્વારા હીન્દુ ઓની એકતા તોડવા બે ભાગમાં વહેંચી બ્રાહ્મણ અને ક્ષુદ્ગ ક્ષુદ્ગ માં બધા ક્ષત્રિય વેશ્ય અને બાકીના બધાને ક્ષુદ્ર ગણેલા આમ બે ભાગ પડાવેલા પછી જાતિઓ પણ કર્મ પ્રમાણે પડાવી જેથી ખુબજ ભાગ પડે અને હીન્દુ ની એકતા ટોટલ તુટી જાય અને આપણેવર્ષોસુધી રાજ કરી શકીએ જેમને રા કર્યું પણ ખરું હજુ પણ એકતા ન રહે તે ચાલશે જેથી ભારતને ગુલામ બનાવી શકાય અંગ્રેજો એ હીન્દુ મુસ્લીમ કરી ભાગલા પડાવીને ગયા જેથી ભારત તાકાતવાન ન રહે આજે એજ અંગ્રેજ અંશ હીન્દુ મુસ્લીમ કરી ને ભારતને નબળો બનાવી રહ્યા છે
Sabhi purane dharmgranth jo jativad ko badhava dete hai usko debarred kar dena chahiye. Kisi bhi jatiki supremacy acceptable nahi hai. Jay Bhim Namo Buddhay
Mera sawrg hai to vo hai samvidhan Jay bhim nmo buddhy Jay sant gadge baba ki Jay
मनुस्मृति मे जो क्षेपक श्लोक जोड़े गए हैं आप उसके आधार पर मनुस्मृति को विवादित होने की बात कर रहे हैं । पहले इसके क्षेपक श्लोकों को पृथक करें तब इसकी समीक्षा करें । शेष आपकी समीक्षा सही है ।
5 me bhi agar sanvidhan ne mahilao Ko adhikar n diya hota to aaj bhi yah falo hota Aaj bhi mahilaon ki kya sthiti hai lekin😮
क्या आपने स्वयं मनुस्मृति का अध्ययन किया है?
देश संविधान से चलेगा
Main Bhagwan ram ko manta hu jai Shri Ram jai parshuram ji ki jai shree Radhe jai shree krishna har har Mahadev
Bharat mein jitne bhi Rahane wale log Hain unko acche aur buri baton ki jankari honi chahie tabhi ek gulab district apna sakte hain sanvidhan bhi kahta Hai
Sir bhashan Apne pura nahi bataya amit shah ke 😢13:59 bjp ko bataye masjid me Mandir khojna band kar de😂😂😂😂😂😂😂
क्या लोग चाहते हैं भारतीय संविधान हजारों वर्ष पहले ही दे देना चाहिए था।फिर मानव विकास का क्या अर्थ हैं कुछ दिमाग और अक्ल लगाओ।।विकास यात्रा है। रोना मत करो,शिक्षा ग्रहण करो। रोना कब तक करोगे।।।😢😅😅😅
Jaati aadharit vyavastha kisne lagu ki ye nahi bataya 😢
हे भारत के लोगों,पुराने ग्रंथों को क्यों रोते हो।अब मानवीय विकास हो गया है,,उस समय के किसी के विचार क्यों मन रहे हो ।।उस समय के मानव से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं ,वे लोग लिख कर मर चुके हैं।।।।😢😂😂😂😂😂
संविधान 🙏
જય ભીમ
To jo bina poochhe us time ke manuva ne moolnivasi ko shudra bna ke unke bare me itna galat kyon likha ye Swatantrata ka galat upyog nhi hai kya
Agar sanvidhan na hota to aaj ki Hi baat hoti kya padate ho aap😮
यदि आपको सही मनुस्मृती की जानकारी देना है तो इंडस व्हॅली सिव्हिलायझेशन की मनुस्मृती उठाव पुरानी सबसे पुरानी इस मनुस्मृतीने कुछ अध्याय बदल के कुछ अच्छा डाल दिया है.
Some part of the Manu smriti buran by Dr Ambedker DR Babas.aheb not whole Man smt.
सर ब्रम्हा नर मादा दोनो था क्या
जरूर जवाब देना
What milenior economy sc/st per untouched hoga,it is no, other cost if poor hai to ,it is untouched hoga. This youg economicle ye hi coste hai
Desh smvidan se chlega jay bhim
Mere bhagwan mahamahim Dr Baba sahab dalito ka msiha hai
Sanvidhan mein kaha gaya hai andhvishwas pakhand aur kritiyon ka virodh kar sakte hain
🎉Where are Equality before laws in my country, ? ???????.
.
Sartani kitab manusmirti acchi baton par thukta hun, manusmirti dahan divas jindabaad Jay bheem
Adhyay 8 mein yah kis uddeshya se kaha Gaya Hai yah bhi Janna jaruri hai
फैशन फैशन भी तो बोला सर बो भी बता देते
Yes
जय भीम बोलना फैशन नही ब्रांड है 💙💙
Pahle ek dalit ke sath kya hota tha kaise samaj me use dekha jata tha TB aapko patah chalta
Good evening sumit mishra sir
Aur bhi bahut sari gandi baten likhi Hai jise aapane jikr hi nahin kiya mahoday Shayad jise log Jaan jaaye to nishchit Roop se sadkon mein Aakar roj Koi Na Koi Smriti Dahan Karega
Dharm ki kitabo mey bhee manushya ki swatantrata ka hanan nahi hona chahiye
Sir ham apne samaj ko andhvishvas se door karne or shiksha ki or lejene ka prayas karte hai lekin jo hamara samaj us andhvishvas me jakda huaa hai to use vahan se nikalne ke liya usko hamre parti likhi gai un baton ko batate hai
To kuchh logo ko lagta hai ki ham unke dharm ke khilap bol rahe hai yadi esa hota to ham kisi muslim ke khilap kyu nahi ya kisi sikkh yajain ya or koi ke khilaf kyu nahi bolte hai or yadi kisi ko hamara bolna galat lagta hai ho to maf kare ap hamre prati apni sochh badlen ham kuchh nahi bolenge
Jab baman jab dalitou ka Apman krate hai Dalitou ki ijazat karoge tou ijazat loge nahi tou nahi
Time to time Hinduism ne buraiyo ko chhoda hai...sati pratha ho ya parda pratha....manusmriti ko bhi chhod chuka...jinda kiye hai to bus Rajniti....
Bahut dher sari smirit books likhi gyi unhe me ek smiriti ye bhi hai bus.....
Ek Manus ka kya krtbay honi chaiye usekis prakar ki freedom milni chahiye
200 salo ki bato se jor kr ek dalit ki jindagi ke bare me thora aaklan krte to aapko ruh kapjata
Namo buddhay Jay bhim Jay Savedhan Jay bhim Jay Bharet jay Bsp Jay asp Jay bhim 🎉
Agar Kisi neta mein Dam ho to other religion ki dharmik chijon mein rajniti Karen ye log Sanatan ko hi kyon target kar rahe hain Jago Sanatan Jago
Bharat desh me mandir banane ki suruat 6ththi sal yane ke morykalin samayme hua.
Aaj like nahi denge aapke video pr or unsubscribe kr rahe hai
Ek baar kuran or sariya bhi dikha dete ye ladai samvidhan or manusmriti ki hi kyo ha samvidhan or sariya ki kyo nahi
Ye bhai kalyug hai
Wo kahawat nahi hai ramchandra kah gaye siya se aisa kalyug aayega hans chugega dana tinka cauwa moti khayega bas yahi bat hai
Manusmruti manu namake maharaj ne likhi.
Manusmriti ko padane ki jarurat nahi hai .use har sal jalane ki bat hai ❤galat chij kabhi sahi nahi ho sakti hai udaran bahut sare hai❤short trick me samjhe sir ji Thora padane ka tarika badlo❤
Tum to savidhan ke khilaf ja rahe ho
Please give reference before 1800
Jay bhim namo budhay only bsp and asp jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad
BJP pracharak MJT
ryt
🎉
Kuchh bhi kaho apne nishpaksh roop se samaj virodhi aur manavta virodhi manusmriti ke bare me nhi btaya
AAP to sir faision bala bat to bole hi nahi
Science journey channel pe jake iske bare me suniye tb pta chalega
Baton ko ghumao mt sir😂
Science journey ke chamche tu aaja sanatan samiksha se debate karne or use bhi bulaka le aa
Nice information sir ❤
Hindu hi hai jo pramanit dharaam hai. Banki adharam hai. Manusmriti. Truth hai, purane time me Karama ko sikhlana parta thah.mandbudhi ke logo ko. Aaj bhi dalit mandbudhi ka hai, chahe IAS hi kyon na ho sambidhan I prakriya se.
Bhai chandershekhar ji jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad
भाई आप गांव में जाकर देखो
Ye shruti ke arambh se hai
Sir to aap bataiye ki Aaj bhi log kyon tathakathit unchi jati me janm leke apni unchi jati ka danka bajate Hain aur usi ke sahare kyon dalit logon ki barat ko ghodi pe chadhne se kyon rokte Hain
Ye ghatnaye to suni hi hongi apne
Munshi premchand ne jo upanyas aur kahaniyan likhi o to padhi hi hongi unki koi bhi kahani kalpanik nhi hai sabhi samaj me ho rhi ghatnao pe adharit hain
Aur Jo Aaj bola ja rha hai ki Manusmriti karm pe adharit thi o jhoothe manuvadi itihaskar hain
Jo samrat chandragupt ko bhi shudra bolte Hain
Aise unchi jati ke logon se nafrat hai mujhe
Agar aap bhi aisi soch rkhte hain to aapse bhi
Aaj iski koi jarurat nahi hai
Purades me manusmriti Dahan hona chahiye