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Manu can't be Devine being or devata. But a very narrow minded person who gave more importance to family born brahmin community .This book can't be religious book
कृपया यह बताने का प्रयास करे कि मनुस्मृति कब और कौन से सन मे लिखी गयी है यदि सन और समय का पता नही है तो मनुस्मृति किस भाषा मे लिखी गयी होगी या कौन सी लिपि मे लिखी गयी कृपया बताने का प्रयास करे मै तो सारे प्रकरण को काल्पनिक मानता हू
मनुस्मृति मानव को मानव नहीं मानती बल्कि पत्थरों को भगवान मानती हैं। इसलिए उसे जलना बहुत जरूरी है। नारी के बारे में जहाँ वहाँ भद्दा कहा है। पति कितना भी नालायक क्यों न हो वे सात जन्मों तक यही पति मिले इसलिए बरगद के पेड़ को हर साल चक्कर कांटती रहें। और जीवन भर वे दूसरे पर आधारित रहें। उसे अपना कोई जीवन नहीं है। वे पुरुषों के लिए वासनापूर्ति का साधन मात्र है और वे शूद्र हैं। पति मरे तो वे सती हो जाये। उसे पति के बगैर जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसे शिक्षण, नौकरी, जीवन नहीं है। वे जीवन भर चार दिवारों के अंदर ही रहें, बाहर की जिंदगी से उसका कोई मतलब नहीं है। मनुस्मृति, ब्राह्मण को श्रेष्ठ माती हैं और भारत के सभी को नीच मानती है। ब्राह्मण के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए मनुस्मृति लिखी गई है। अगर कोई आज भी इन्सान को नीच कहें तो कौन बर्दाश्त करेगा। जाति के अनुसार काम धंधा करना चाहिए यह मनुस्मृति का ज्ञान है। ब्राह्मणेत्तर समाज ब्राह्मणों से बढ़कर कोई काम नहीं कर सकते क्योंकि वे सबसे श्रेष्ठ है। वे ही उच्च हैं बाकी सब नीच। किस गधे के दिमाग में आया कि उसे पाठ्यक्रम में लगाकर भावी पीढ़ी को जातिवाद के दलदल में ढकेल दे। भारत को भारत रहने नहीं देना है। आज तक हम सब मिलकर मनुस्मृति की विचारधारा को दफन करने में असफल हो गये हैं। और ऊपर से इसे गधे लोग पाठ्यक्रम में लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिलकुल गलत है। धन्यवाद । प्रो डॉ प्रदीपकुमार चौदंते । जयभिम-नमोबुध्दाय- जयसंविधान-जयभारत। 🌹🌷🥀☝
बाबा साहब ने इस घृणित किताब को फूंककर एक महान क्रांति का आगाज किया,जिसे मंजिल तक ले जाना प्रबुद्ध और दिलेर बहुजनों का परम धर्म है!ऐसी नीच प्रस्थापनाओं वाली किताब पर मूतना ही मानव का परम धर्म है!!
Sun meri baat Jake ek bar siksarthakam channel ka video dekh le. Kabhi jindagi me manusmriti ko chua bhi nahi aur jalane ki baat karta hai. Aaj manusmriti ko koi nhi manta, phir bhi mahilaon ke sath balatkar hote hai 😢. Aur sach baat bolu toh tere jaise logo ko secularism ke alawa aur kuch nahi ata😡.
Bina padhe vo aenaliss karte he log. Ak tarf umko jati mahi chahiye aur dusri taraf jativad ke name par aarashan chahiae yehi he ye dongle log. Unko sab mift me chahiye bina kam kare but.vo jati ke name par nafrat hi karte he.
इस किताब की चर्चा इतनी क्यों होने लगी जबकि बाबा साहब ने इस पुस्तक को जलाया था मैंने भी थोड़ी बहुत पढ़ी है यह पुस्तक बाबासाहेब ने सही जलाई थी मुझे ऐसा लगता है
इतनी सारी लंबी चर्चा करने के बजाय आप मनुस्मृति की बुक उठाकर के पढ़ लेते और हम लोग सुन लेते तो उसके सारे अच्छाई और बुराई हम अपनी आंखों से देख लेते हैं क्योंकि आपने इसमें गुमराह करने की पूरी कोशिश की है । मनुस्मृति एक विशेष जाति के द्वारा लिखी गई है सिर्फ खुद को ऊंचा दिखा कर खुद के फायदे के लिए बस , और यह हिंदू धर्म के लिए नहीं है यह ब्राह्मण धर्म के लिए है एक्चुअली में हिंदू धर्म तो है ही नहीं यह तो मुगलों के द्वारा दी गई गाली है भारतीयों को , आपके किसी भी धर्मशास्त्र में हिंदू धर्म का नाम नहीं आया है यह आप भी जानते हैं। कृपया गुमराह न करें,
सर बहुत ही संस्थान चलारखी है मीठे मीठे बोल कर लोगों को बेवकूफ बनाने की सीधी सी बात हम केवल अपना धर्मशास्त्र समाधान को ही समझ रहे हैं यहां का तो यहां का विश्व से सबसे अच्छा हमारा संविधान
संविधान पढा है ?जो संविधान के बारे में बडी बडी बाते कर रहे हो? संविधान कीसी एक ने नही लीखा और बहोत सारे देश के संविधान से अलग अलग बाते ली है.देशसे हजारो लोगोसे लिखीत राय भी ली है .फ्रांस और रशिया के संविधान से ज्यादातर बाते उसमे सम्मिलीत है.
@@BasudebMandal-s3y zoot kyu bol rahe ho.Manusmruti ke waqt desh aamir hi tha.Angrejone aur Musalmanone desh ko luta.Manusmruti purane jamaneki ek Rajaki constitution thi ab wah outdated hei.ab uske hone ka sawalhi nahi आता
मनुस्मृति जलाई गई है मर गयी है अब गडे मुडदे उखाडनेसे कुछ मतलब नही देश संविधान से चल रहा है आज की दौर के हिसाब से संविधान से ही चलना चाहिए छोडो कल की बते कल की बात पुरानी नयी दौर मे हम लिखेंगे मिलकर नयी कहानी
Aisa agar ho jaye toh desh ko mahashakti banne se koi rok nahi sakta ..ye hi videshi log nahi chahte ess ke liye wo desh mein kuch logo ko Paisa de kar apne mukshad mein kamyab ho rahe hein ..ye baat sab jitni jaldi samajh Jaye utna accha hein hum sab ke liye
@@sushilkumargupta5797 ab desh sanvidhanse hi chal raha hei aur chalega.tum gade murde ukhadkar desh me jatiwad ka vish mat feilavo.Brahman ,Baniya ,Thaur ,Yadav ,Dalit sab Bhartiya hei
इसका तो मुझे एक ही कारण लगता है, वह यह कि ब्राह्मण भिक्षाटन करके भी ज्ञानार्जन करते थे। अंबेडकर के गुरु भी ब्राह्मण ही थे। श्रृष्टि के आरंभ में ब्राह्मण ऊपर से नहीं टपका, बल्कि अपने कर्म से ब्राह्मण बना। आज भी जो ज्ञानार्जन करता है, वह ब्राह्मण बनता है। कोई भी ब्राह्मण बन सकता है, यदि स्वयं प्रयत्न करे तो, इर्ष्या करके नही। बाल्मिकी, वेदव्यास आदि लोग ब्राह्मण नहीं थे, लेकिन ब्राह्मणों के पूज्य थे। आज सुधांशु त्रिवेदी से सीखने की जरूरत है।
मनू के नियम सारे ब्राह्मण की वेवस्था है ये ब्राह्मणोने लिखा है और मनू नामपर उसे प्रकाशीत किया गया है और ये सब पाखंड है ये सब ब्राह्मण के फायदेके शिवा किसीके फायदेका नहीं है अभी इसीका पतन निश्चित है इसीका पापका घडा भरगया है
@@shivdasdabhade8599 manu ek Raja tha.aur ye uski rajyaghatna thi..uske niyam us prachinkalke the jisme वर्ण gunkarmopar aadharit tha janampar nahi Tab kaha jata tha ki janamse Brahman kshatriy Vaishya sabhiko kshudrahi mana jata tha sanskarse unhe varn ki prapti hoti thi.ab to koi wo purani wyawstha thodehi hi .. Bewajahka zagda hei
मनुस्मृति लागू करने में देश में नारी दलित पिछड़े आदिवासी समाज का आर्थिक शारीरिक शोषण किया गया था हजारों वर्षों से दलित पिछड़े आदिवासी समाज का शोषण किया गया है मनुस्मृति समाज में जाति श्रेष्ठता को जन्म दिया है और आर्थिक असमानता पैदा हो जाती है और छूआछूत को पैदा क्या है छुआछूत सहन करने वाले समाज ने सवर्ण समाज से बदला नहीं लिया है संविधान ने बचा लिया है जातिवाद समाप्त करना है तो सभी जातियों को भागेदारी देना चाहिए
मनुस्मृति एक धर्मशास्त्र है धर्म ही करता है की एक इंसान एक इंसान से एक इंसान नफरत करें खून सबका एक है तुम लोगों ने ही जाती बनाया है और जाट बनाकर अपने फायदे के लिए पाखंड रख रहे हो❤
मेरा भी मानना है कि मनुस्मृति को पूरी तरह आलोचनात्मक शिक्षा में शामिल किया जाए ताकि हर विद्यार्थी को मनुस्मृति की सच्चाई का पता चले। हर महिला। हर दलित/शूद्र को इस ग्रन्थ की जानकारी अवश्य जानना चाहिए।
सुचना:- मनुस्मृति पर समझ-बूझ कर व्याख्यान दिजीएगा, नहीं तो अनपढ़ मनुवादियों से गालियां सुनने को तैयार रहना। क्योंकि धर्म के नाम पर आपस में लड़ाकर सत्ता में बने रहने के लिए आज इनके पास यही एक मात्र हथियार बचा है। जय भारत! जय संविधान!!🇮🇳
राजस्थान में दलित बच्चे की हत्या जाति के कारण ही की गई थी मास्टर जी ।आप कह रहे हैं कि मा न लीजिए कि हत्या जाति के आधार पर जैसा कहा जा रहा है।आप परोक्ष रूप से कितनी भी मनुस्मृति की वकालत कर लें देश का बड़ा वर्ग इसे कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मानता।
आखिर क्यों आपको मनुस्मृति बचाने की सूझी क्योंकि भारत देश का सबसे बड़ा काबिल , पढ़ा लिखा , योग्य मानव और सबको समान समझने वाले जो अपने दुश्मन को भी क्षमा करना जानता हो बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने , आखिर कार मनुस्मृति क्यों जलाई उस पीड़ा और इंसान में फैले भेद-भाव का जवाब दो
@@drmohinderphogat2797 ved konse shatak me likhe gaye ? Pali bhasha jise dhamm lipi kahte hai yeh bhasha lipi jo bharat mulnivasiyoki hai yeh bhasha lipi sabse paleki bhasha lipo hai ya videshi bramhnone pali bhasha ke shabdh lekar banai gaiee sanskrit bhasha lipi hai ???
52 मिनटों की विडियो में सर् ये ही बोलते रहे कि आप अपने दिमाग के हिसाब से सोचो कि मनुस्मृति अच्छी है ग़लत है क्योकि उनको सच पता तभी अच्छी नहीं बोल पाये ओर ग़लत इस लिये नहीं बोल पाये कि फिर इनकी क्लास लगा देनी थी लोगों ने ❤😂🎉😢 पर सर् ने अपनी तरफ़ से तो बताइया है कि क्या सही क्या गलत हैं और सबसे ज्यादा तो हैरानी इस बात की है इस वीडियो में सर बार बार बोल रहे थे कि ऐसा हो सकता है और हम मान के चलते है मतलब उन बातों पर वो आप ही श्योर नहीं थे जैसे ये फिलॉसपी की क्लास चल रही हो
Manusmriti ko br. Ambedkar ji isliye jalaya tha. Kyonki uss book m saaf saaf ye likha tha ki : - agar koi bhi dalit insan ya mahila agar vedo ko pde ya glti se bhi sun le to unke kaan m garam pighla hua sisa daal do aur unki juban noch lo.
bhai agar tu max muller ki translation padh raha hai toh tu sabse bada chutiya hai ek advide dunga geeta press se lakar padh manusmriti ko ya isckon se kharid. please aur agar sach mei vaha bhi same likha hai toh i am ready to become an atheist and leave Hinduism 🕉️.
मनुस्मृती हिंदु धर्मातील स्त्रियांसाठी व हिंदू धर्मातील जातींना लागु होतो. मुस्लीम, ख्रिश्चन, बौध्द या धर्मासाठी किंवा त्या धर्मातील स्त्रियांसाठी लागु होत नाही.
कोचिंग मास्टर साहब हम तुम्हारी ब्राह्मणवादी मानसिकता को समझ रहे हैं आप लोगों को किस तरह भ्रमित कर रहे हैं इस विषय पर वो भी समझ आ रहा है आप जो यह कह रहे हैं कि लोग सिर्फ मनुस्मृति में जाति और महिला के विषय पर अटक जाते हैं दूसरे पहलुओं को नहीं देखते तो उनका अटकना सही है क्योंकि उसी पर तो अटकेगे जहाँ दोष है, कमी है आपसे निवेदन है कोचिंग मास्टर साहब अपनी मानसिकता को न्यूट्रल रखो
मनूस्ममूर्ती मानवता के खीलाप लीखी है ऊचनीच का भेदद है सबको समान अधीकार हक्क नही है ईसलीए अंर्गजोने नया संविधान बनाने को भाग पाडा हमजाने बाद सभी लोग खूूशालीसे रहना चाहीए यही ऊनका ऊदे्श था
कुल मिलाकर आपने मनुस्मृति को सही ठहराने का प्रयास किया सवाल ये है की इंसान पहले बना या धर्म या जाति क्योंकि आपके अनुसार ब्रह्मा के द्वारा उत्तपत्ति को बताया गया है तो क्या मिश्र ब्रिटेन चीन में भी ब्रह्मा ने ही बच्चे पैदा किए थे
Mittr वेख के ही पता लगदा कि एह ग़लत या फिर आप बिना देखे बता सकते हो की किसी चीज के बारे में सर् हम तो नहीं हैं ऐसे महा मानव, अन्तर्यामी😂😂😂😂😂😂 आप ही हो बता दिया करो इनकी वीडियो आने से पहले की इसमें हमारे लिये कुछ भी अच्छा नहीं तो देखने का कोई फ़ायदा नहीं
Nahi sir, , पुष्य मित्र शुंग के शोषण काल में लिखवाई गई। जो राजा हिंसक प्रवृति का था ।जिसने बौद्ध धर्म को समाप्त करके ब्राह्मण वाद को स्थापित करने के लिए लिखवाया गया।
Sriman ji note that the period about which you are referring to at that time also there was a rebellion against laws of smiriti by Jains and Bodh,hence keep it in mind.
सती प्रथा की तारीफ करना, मनुस्मृती की तारीफ करना ये इसलिये करते है की ये हिंदुत्व्वादियों को अच्छा लगता है और तारीफ करनेवालोंको अच्छे पद मिलते है या फिर सर्विस मे extention मिलता है.
क्या इस मनुस्मृती मे, ब्राह्मण और भारतीय मे समानता है? क्या इस मनुस्मृती मे स्त्री के प्रति न्याय और समानता है? क्या इस धर्मग्रंथ में मानवता नाम की कोई चीज है? अगर नही है, तो ये अच्छी कैसी हो सकती है? अगर इस मे कुछ अच्छा होता तो विश्व का सबसे बडा विद्वान इसे क्यू जलाने लगाता? इसीलिए सबी एससी एसटी ओबीसी को आगा करता हूं की जागो ब्राह्मणओ के व्याख्यान पे विश्वास मात रखो. ब्राह्मण इस देश का है ही नही, तो इस देश के लोगो का कैसा हो सकता है. जय मूलनिवासी जय संविधान
🙏 भाई साहब जब हम मनुष्य मनुस्मृति के बारे में कुछ निर्णय ही नहीं सकते तो आपका समझना ही उचितनहीं है। आप कहीं रुक ही नहीं रहे हैं कहीं के मारे कहीं बात ले जाते हो रियल में आप जलेबी ही तैयारकर रहे हो
स्मृति का मतलब धर्म शास्त्र नहीं है। धर्म का सही मतलब करणीय होता है। इस हिसाब से करणीय का मतलब नियमों का सही रूप से पालन होता है। इस प्रकार यह एक नियम शास्त्र है।
बिना सुने ही दूबे के टाइटल ने पहले ही से न्याय और विश्वास की कल्पना तक खत्म कर दी गई आपसे😮 किस मुंह से मनुस्मृति को बचाने आये हो दूबे दूसरी बात वेद पुराण एवं उपनिषद् सब मनगढ़ंत कहानी है जो कि ब्राह्मण ने ही लिखा , और अंतिम बात संविधान को खत्म करना वहीं लोग चाहते हैं जो असामाजिक कामों को पूरा करना चाहते हैं 😢😢
The thoughts expressed in any book are the thoughts of perticular period & not applicable forever & these thoughts can be changed in course of time as per situation.This has said in Bhagwat Gita also. The best example of this is Sati & Balvivah.These two systeems are totally rejected by us and total society.
सर आप ने कहा कि, मनुस्मृति हिन्दू धर्म की पुस्तक है। तो क्या उस समय में किसी भी ग्रंथ में यहां तक कि मनुस्मृति में भी कहीं हिन्दू शब्द आया है। किसी भी उस समय के ग्रन्थों में हिन्दू शब्द लिखा हुआ है तो कृपया बताएं।
Accha thik h acche se bataya but Esme ek baat nhi batai ki bramhan muh se paida huye h e wali baat ki charcha nhi ki Manta hu abhi Jo samjhya vah thik h but muh wali baat kaha se aai kon Diya eahko eshme tark kya h 😂😂😂 iam Prajapati my cast 😂😂😂😂
Geeta says in fourth chapter, that the knowledge of Geeta was given by lord to vivashvaan , and then vivashvaan passed on to to Manu then manu gave to ikshvaku , so, its thousands of year ago , presently referred Manu smriti is fake, Manu was a Rishi
आपने एक काफी अच्छी बात कही की पढ़ने की एक योग्यता होती है ताकि आप उसके संदर्भ को समझ पाए यही गलती बाबा साहब ने की और अभी तक उनके अनुयाई उनके ध्रुवीय विचारधारा को लेकर समाज को आमने सामने लाकर खड़ा कर दिया है और शायद इसीलिए मनुस्मृति में सूदो को शास्त्रों और वेदों के अध्ययन से वंचित रखा गया।
Manu smriti was a rule book for a king , guru shisha parampara passed on the knowledge verbally and in between period, some wrong people added their own thoughts into it
Manu. wás a king in Eshwakudynasty. He made rules so that his subject lead a peaceful life.Rules were based on the conditions prevailing at that time.Since most of the then prevailing conditions do not exist now the rules relatiñg to them are no longer applicable to the societye.g.intouchability. Tambe 43:09 43:09
संस्कृत का जन्म कब हुआ, वेद कब लिखे गए स्मृति कब लिखे गए किस भाषा में लिखे गए ये सब बताइए। और ईसा के पूर्व सिर्फ और सिर्फ बौद्ध विरासत पाली भाषा बौद्ध साहित्य का ही प्रमाण मिलता है न कि मनु स्मृति, वेद और वैदिक धर्म का?
जब कोई शुद्र राजा को सलाह देगा तो वो राज्य कीचड़ में चला जायेगा , गुरुजी के अनुसार अज्ञान वाला शूद्र अरे भाई जब शुद्र को पढ़ने का ही अधिकार नहीं था तो वो ज्ञानी केसे बनेगा😂😂
27:48 Why women are categorised as sudra, is that when so-called arys come over to bharat,they did not come with women but horses and khachar.They married the local women who are called sudras by the than socalled aryans. On this basis rishi Manu has written Manu smriti and regarded women as sudra.
Excellent, excellent explanation, i am learning this at the age of 70, my mother-in-law and mother were knew it so good they were teaching all this but couldn't follow much because it wasn't taught quite much in schools where other subjects were more important .
True. The women referred to, are rightly identified, as of Indian (AASI hunter gatherer) origin. The men were of Steppe ancestry. The population born out of that combination are known as ANI population. So, the women remained Shudra,. but the men aligned selectively, with their nomadic Steppe pastoralist ancestry.
Sir mahabharat me likha Hai karna, sambhuk,eklabya k bare Me manu sañgita prayog Kiagia hai ,joki manabata Ka birodhi hai .av v sc,st,obc ko sasantantra Me sathik vagi Dari nahi Milraha hai .isilia manu Smurtiko birodh hota hai..
I just watched this video and enjoyed it. Personally I feel in many ways this text book unfairly discriminates against women and Dalit .the reason I say , my father and grandfather were not highly educated ,but they were far more capable in the community to create harmony .(wise men ) this is I am saying my family and people around me ( including my friend parents ) women at that time had lot more tolerance very organised in There management ( 😢 my both grand mothers)excellent role models for us . How can Manusamrity dictate women , children ,Dalit and animals pararn key Adhikari . I will be greatful if you show some light on this 😮 Thank you
मान लिया धर्म ग्रंथ सूद्र को पढ़ने का अधिकार नही था उनके पास वो ज्ञान नही था की वो धर्म समझ सके तो फिर उस धर्म के नियम को शुद्र फोलो क्यों करे उस से देवी देवता भगवान आदि का पूजा पाठ या चंदा आदि या चढ़ावा की मांग ब्राह्मणों द्वारा क्यों किया गया?
तुमलोग एक दम अभी भी वही हो इसी कोई कहते हैँ दुराहग्रह से ग्रसित. अरे भाई सब आज भी यदि आप कोर्ट मे जाते हैँ तो आप क़ानून नहीं जानते तो क्या आप जितना जरुरी हैँ उतना क़ानून जानकर उसे मानते हसीन या नहीं अब ऐसा तो नहीं हैँ की सब llb ही करे. वही हॉस्पिटल के साथ सब डॉ तो नहीं बनेगा
देखिए क्या शिक्षा प्राप्त विद्वान अपने को आध्यात्म ज्ञान प्राप्त मानते हैं,पहला प्रश्न यही होगा। शूद्र अछूत नहीं हैं।शोषण अत्याचार अलग है दूसरा प्रश्न शिक्षा के विद्वानों से क्या दुनिया में कहीं भी शोषण, अत्याचार नहीं हुआ। इत्यादि इत्यादि
Woh tiwari ap se puche ki aap support kyu karte ho eshka reply du jab galat h to support karne ka matalb kya h sedha questions or aap ke log hi kyu jab pakde gay to bhage bhage fhirte ho 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 agar manusmriti sahi h to dr amberkar ne. Kyu jalaya Mujhe lagta h agar unko lagata tha ki dyan sahi magar Kam galat ho raha h par 😂😂😂 magar pandit kyu support karte h 😂😂😂😂😂 bachte kyu bhag rahe h 😂😂😂😂😂
मनुस्मृति का संकलन 600 ca के समय हुआ.... उस काल में जिसमें अनेक जातियों और उप जातियों का जन्म हुआ..... जाति व्यवस्था का उदय हो रहा था..... शूद्र के रूप में दास प्रथा का प्रचलन शुरू हो चुका था...... इस परिप्रेक्ष्य में मनु स्मृति में भी कुछ बातों को विशेष संदर्भ में वर्णित किया गया. बिना मूल समझे हम सही और गलत का निर्णय कैसे कर सकते हैं?
अगर हम पुरुष और स्त्री में भेदभाव न करें तो प्रत्येक स्त्री और पुरुष प्राकृतिक रूप से स्वतंत्र है। और किसी भी एक को बंधन में बांधना और ज्यादती करना अन्याय हैं। इस आधार पर किसी भी ग्रंथ को अस्वीकार कर देना चाहिए।
इसमें सबसे बड़ी समस्या एक महत्वपूर्ण और विवादित है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण मान भी लिया जाए तो बीच में यह हिन्दू शब्द कहां से आ गया और कौन है हिन्दू? इसकी परिभाषा कहां है? सूद्र और अछूत का मनुस्मृति से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं मिलता। प्राय देखा गया है कि मनुस्मृति से विशेषकर ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ण ही महत्व देता है इसी वर्ण वाले हिन्दू शब्द को समझते भी है जिसे वे हिन्दू धर्म कहते हैं वे लोग ही हिन्दू शब्द का अर्थ भी समझते हैं जिसका अर्थ या परिभाषा अन्य वर्णों जो भारत के मूल निवासी हैं उन्हें नहीं बताते, लेकिन जबरजस्ती अन्य वर्णों को हिन्दू रूपी जाल में फंसाने का काम करते हैं। चूंकि हिन्दू तो नया शब्द है हमारे पूर्वजों के समय तो भारत में हिन्दू शब्द ही नहीं था। हमारे साथ अनेक लोग हैं जो इस हिन्दू नामक दुर्दांत शब्द से निजात चाहते हैं। सरकार को इसपर विचार करना चाहिए।
ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी बुद्ध का समय माना जाता है उसके प्रमाण मिलते हैं तब इस पूर्व तीसरी शताब्दी के प्रमाण क्यों नहीं है जिससे आप प्रमाणित कर सकते हैं मनु के शासन व्यवस्था को?
IQ aap education de rahe ho lekin wrong de rahe ho aapne kaha manusmriti Jesus ke 200,300sal pehle likhi gai ,Sanskrit Aaj se1000,1100sal pehle aai hei,aap galat educate kar rahe ho
17 जुलाई 2024 यह निर्विवाद सत्य है की मनुस्मृति एक विवादित ग्रंथ है यह 200 साल पहले से बताया जा रहा है यह समय प्रमाणित हो तो जरूर बताएं और बिना प्रमाणित आधार समय ना बताया जाय ।
The Manusmriti arrived on the indo gangetic plain with the West eurasian Aryans and the parochial Vedic culture in 100AD. Manusmriti was enforced to exclude the ANI population from Vedic and other knowledge. Systems. The ANI are the descendants of AASI + Steppe ancestry prevalent in north India since 1500bc . Please note that the nomadic Steppe pastoralist disappeared into the AASI ancestry soon after arrival in 1500bc. The ANI were a freely mixing 'caste no bar' population until 100AD until subject to endogamy , Varna, Jati caste system. The ANI regressed into their own occupation and community. The beginning of caste system. So manusmriti was enforced to exclude the ANI population from access to any form of personal awareness and knowledge.
मनू हा शब्द झोरोआस्टरीण धर्मच मेन्यू या शब्दातून येतो. मेन्यू शब्दच अर्थ विचार. स्पेंट मेन्यू म्हणजे, झोरोआस्टरीण कुळा साठी सकारात्मक विचार. मनू सम्रीती त्यांचं मूळ झोरोआस्टरीण धर्माच आठवण आहे. जेनेउधारी वेद, मंत्र पठण, स्वर्ग नरक ची संकल्पना, गाय बद्धल दैवी भाव हे सगळे त्यांचं मूळ धर्म झोरोआस्टरीण धर्मातून च आणतात. झोरोआस्टरीण धर्म सांगतो, गायीचं आत्मा हे झोरोआस्टरीण सद्धर्माच आत्मा. झोरोआस्टरीण धर्म आणि भारताचे मूळ धर्म, शैव, बुद्ध, जैन व मूळ निवासी चा विश्वास पेक्षा खूप वेगेळे. शैव, बुद्ध व जैन धर्मात स्वर्ग व नरक ह्याची संकल्पना नाही. जे काही आहे तोच जन्म पासून म्रित्यू पर्यंतच प्रवास. जन्माच्या आधी काही नाही व म्रित्यू च्या नंतर काही नाही. आपण जेनेउधारी धर्मच व भारतीय मूळ च्या तफावत समजावं. आणि जेनेउधारी नि उगीच वर्चस्व थोपवण थांबवावे. मनुस्म्रीती हे खट्याळ ग्रंथ जेनेउधारी नि लिहिले आहे.
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Manusmriti ka English translation 1776 me hua hai Wikipedia
Sahi baat haiii boss
Par in logo ko samjaye kon
Ye sab bakvassssss haiiii
Disssslike karo aaneeee khabar pade aane pannnn
Manu can't be Devine being or devata. But a very narrow minded person who gave more importance to family born brahmin community .This book can't be religious book
कृपया यह बताने का प्रयास करे कि मनुस्मृति कब और कौन से सन मे लिखी गयी है यदि सन और समय का पता नही है तो मनुस्मृति किस भाषा मे लिखी गयी होगी या कौन सी लिपि मे लिखी गयी कृपया बताने का प्रयास करे मै तो सारे प्रकरण को काल्पनिक मानता हू
चार वर्ण कब और किस सन या संभवत मे लिखी गयी और तब कौन सी लिपि मे लिखा गया पहले ही लिपि कब आयी होगी यह भी बताए
मनुस्मृति मानव को मानव नहीं मानती बल्कि पत्थरों को भगवान मानती हैं। इसलिए उसे जलना बहुत जरूरी है। नारी के बारे में जहाँ वहाँ भद्दा कहा है। पति कितना भी नालायक क्यों न हो वे सात जन्मों तक यही पति मिले इसलिए बरगद के पेड़ को हर साल चक्कर कांटती रहें। और जीवन भर वे दूसरे पर आधारित रहें। उसे अपना कोई जीवन नहीं है। वे पुरुषों के लिए वासनापूर्ति का साधन मात्र है और वे शूद्र हैं। पति मरे तो वे सती हो जाये। उसे पति के बगैर जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसे शिक्षण, नौकरी, जीवन नहीं है। वे जीवन भर चार दिवारों के अंदर ही रहें, बाहर की जिंदगी से उसका कोई मतलब नहीं है। मनुस्मृति, ब्राह्मण को श्रेष्ठ माती हैं और भारत के सभी को नीच मानती है। ब्राह्मण के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए मनुस्मृति लिखी गई है। अगर कोई आज भी इन्सान को नीच कहें तो कौन बर्दाश्त करेगा। जाति के अनुसार काम धंधा करना चाहिए यह मनुस्मृति का ज्ञान है। ब्राह्मणेत्तर समाज ब्राह्मणों से बढ़कर कोई काम नहीं कर सकते क्योंकि वे सबसे श्रेष्ठ है। वे ही उच्च हैं बाकी सब नीच। किस गधे के दिमाग में आया कि उसे पाठ्यक्रम में लगाकर भावी पीढ़ी को जातिवाद के दलदल में ढकेल दे। भारत को भारत रहने नहीं देना है। आज तक हम सब मिलकर मनुस्मृति की विचारधारा को दफन करने में असफल हो गये हैं। और ऊपर से इसे गधे लोग पाठ्यक्रम में लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिलकुल गलत है। धन्यवाद । प्रो डॉ प्रदीपकुमार चौदंते । जयभिम-नमोबुध्दाय- जयसंविधान-जयभारत। 🌹🌷🥀☝
please do debate with. science. journey then conclude. Dr. K S Yadav. Lko
U are right sir
बाबा साहब ने इस घृणित किताब को फूंककर एक महान क्रांति का आगाज किया,जिसे मंजिल तक ले जाना प्रबुद्ध और दिलेर बहुजनों का परम धर्म है!ऐसी नीच प्रस्थापनाओं वाली किताब पर मूतना ही मानव का परम धर्म है!!
Manusmriti ka ek bhi original page bacha hai???? Ya William Jones ki manusmriti hi sabhi padhte hai??? Jaa kr search kriye pehle???
Sun meri baat Jake ek bar siksarthakam channel ka video dekh le. Kabhi jindagi me manusmriti ko chua bhi nahi aur jalane ki baat karta hai. Aaj manusmriti ko koi nhi manta, phir bhi mahilaon ke sath balatkar hote hai 😢. Aur sach baat bolu toh tere jaise logo ko secularism ke alawa aur kuch nahi ata😡.
नफ़रत के सिवा कुछ नहीं है मनुस्मृति ,
Tumhara vichar kya hai vah batao
Isiliye to Babasaheb sanvidhan banae Hain
मनूस्मृती एक पूराना संविधान ही है .जिसने पढा नही वो गलत बाते बोलते और पूरा संविधान भी कीसी एकने नही बनाया.बोलनेसे पहले संविधान के बारे पढो.
@@Anitamaurya-v3i pahle padh le fir bol weise Manusmruti aaj koi nahi manta wah us samay ke Raja ki राज्यघटना thi aaj ham sab sanvidhanhi mante hei
Bina padhe vo aenaliss karte he log. Ak tarf umko jati mahi chahiye aur dusri taraf jativad ke name par aarashan chahiae yehi he ye dongle log. Unko sab mift me chahiye bina kam kare but.vo jati ke name par nafrat hi karte he.
इस किताब की चर्चा इतनी क्यों होने लगी जबकि बाबा साहब ने इस पुस्तक को जलाया था मैंने भी थोड़ी बहुत पढ़ी है यह पुस्तक बाबासाहेब ने सही जलाई थी मुझे ऐसा लगता है
कितना भी जलेबी बना लो सच्चाई सब लोग जान चुके हैं 😂😂😂।
विश्व का सबसे बडा़ सम्विधान बाबा साहब ने लिखा है ईससे बड़ा सम्वीधान किसी भी देश में नही पाया गया और मनुस्मृति मनव मानव मे भेद भाव लगाता है
Enan
इतनी सारी लंबी चर्चा करने के बजाय आप मनुस्मृति की बुक उठाकर के पढ़ लेते और हम लोग सुन लेते तो उसके सारे अच्छाई और बुराई हम अपनी आंखों से देख लेते हैं क्योंकि आपने इसमें गुमराह करने की पूरी कोशिश की है । मनुस्मृति एक विशेष जाति के द्वारा लिखी गई है सिर्फ खुद को ऊंचा दिखा कर खुद के फायदे के लिए बस , और यह हिंदू धर्म के लिए नहीं है यह ब्राह्मण धर्म के लिए है एक्चुअली में हिंदू धर्म तो है ही नहीं यह तो मुगलों के द्वारा दी गई गाली है भारतीयों को , आपके किसी भी धर्मशास्त्र में हिंदू धर्म का नाम नहीं आया है यह आप भी जानते हैं। कृपया गुमराह न करें,
Right sir
सर बहुत ही संस्थान चलारखी है मीठे मीठे बोल कर लोगों को बेवकूफ बनाने की सीधी सी बात हम केवल अपना धर्मशास्त्र समाधान को ही समझ रहे हैं यहां का तो यहां का विश्व से सबसे अच्छा हमारा संविधान
संविधान पढा है ?जो संविधान के बारे में बडी बडी बाते कर रहे हो? संविधान कीसी एक ने नही लीखा और बहोत सारे देश के संविधान से अलग अलग बाते ली है.देशसे हजारो लोगोसे लिखीत राय भी ली है .फ्रांस और रशिया के संविधान से ज्यादातर बाते उसमे सम्मिलीत है.
मनुस्मृति से पहले भारत दुनिया का सबसे अमीर देशथा। मनुस्मृति लिखने के बाद भारत सबसे गरीब होगया 😂😂😂😂
@@BasudebMandal-s3y zoot kyu bol rahe ho.Manusmruti ke waqt desh aamir hi tha.Angrejone aur Musalmanone desh ko luta.Manusmruti purane jamaneki ek Rajaki constitution thi ab wah outdated hei.ab uske hone ka sawalhi nahi आता
Arey landhandhe mughal invasion and British invasion se bharat ko loota gya
@@hrk3212 ज़रा कुछ पढ़ लिखलोतभी ज्ञानी बनना
@@BasudebMandal-s3y sahi baat hai bhai. lekin gobar mut pine valo ko achchha nahi lagega 😁
ज्ञानी बाबा दूसरी शताब्दी से लेकर 17 सी शताब्दी तक कौन सा देश अमीर था जरा बताना तो
मनुस्मृति जलाई गई है मर गयी है अब गडे मुडदे उखाडनेसे कुछ मतलब नही देश संविधान से चल रहा है आज की दौर के हिसाब से संविधान से ही चलना चाहिए
छोडो कल की बते कल की बात पुरानी
नयी दौर मे हम लिखेंगे मिलकर नयी कहानी
Aisa agar ho jaye toh desh ko mahashakti banne se koi rok nahi sakta ..ye hi videshi log nahi chahte ess ke liye wo desh mein kuch logo ko Paisa de kar apne mukshad mein kamyab ho rahe hein ..ye baat sab jitni jaldi samajh Jaye utna accha hein hum sab ke liye
@@sushilkumargupta5797 ab desh sanvidhanse hi chal raha hei aur chalega.tum gade murde ukhadkar desh me jatiwad ka vish mat feilavo.Brahman ,Baniya ,Thaur ,Yadav ,Dalit sab Bhartiya hei
पुस्तकावर प्रचंड प्रेम करणारे बाबासाहेब जर एखादं पुस्तक (मनुस्मृति) जाळत असतील तर ते पुस्तक किती विषारी असेल याचा आपण विचार केला पाहिजे.
Aap sahi bole he sir jee.
मनुस्मृति में मनु ने यह क्यों नहीं देखा कि ब्राह्मणों ने सूत्रों की सेवा करनी चाहिए क्या पढ़ा रहा है तू?
Manusmruti sir ne nahi likhi.jis pustak me jo diya hei wahi batayenge na
आप को धर्म की परिभाषा सीखने की जरूरत है ।
@@hrk3212ye tutor kyaa batayega? Ek brahman ISRO ka chairman somanath ye kyaa batata he ? Bigyaan BED se aayaa he. Kitne chutiya he ye brahman !
बड़े से बड़ा अपराध किए जनेपर ब्राह्मण को न के बराबर दंड और शुद्रो को छोटे अपराध पर कठोर दंडित किया जाता था क्यू
Nahi aisa nahi hei.tum padho aur samzo badme bhalabura kehna
सत्य ही कहा अपने
Aap sahi hai
इसका तो मुझे एक ही कारण लगता है, वह यह कि ब्राह्मण भिक्षाटन करके भी ज्ञानार्जन करते थे। अंबेडकर के गुरु भी ब्राह्मण ही थे।
श्रृष्टि के आरंभ में ब्राह्मण ऊपर से नहीं टपका, बल्कि अपने कर्म से ब्राह्मण बना। आज भी जो ज्ञानार्जन करता है, वह ब्राह्मण बनता है। कोई भी ब्राह्मण बन सकता है, यदि स्वयं प्रयत्न करे तो, इर्ष्या करके नही। बाल्मिकी, वेदव्यास आदि लोग ब्राह्मण नहीं थे, लेकिन ब्राह्मणों के पूज्य थे। आज सुधांशु त्रिवेदी से सीखने की जरूरत है।
@@shyamalkishorejha8630 bahut sahi bat
मनू के नियम सारे ब्राह्मण की वेवस्था है ये ब्राह्मणोने लिखा है और मनू नामपर उसे प्रकाशीत किया गया है और ये सब पाखंड है ये सब ब्राह्मण के फायदेके शिवा किसीके फायदेका नहीं है अभी इसीका पतन निश्चित है इसीका पापका घडा भरगया है
Right sir.
भाजपा मनुवादी पार्टी है और वहब्राह्मणवादी राज व्यवस्था, संविधान बनाना चाहता है।
@@shivdasdabhade8599 manu ek Raja tha.aur ye uski rajyaghatna thi..uske niyam us prachinkalke the jisme वर्ण gunkarmopar aadharit tha janampar nahi
Tab kaha jata tha ki janamse Brahman kshatriy Vaishya sabhiko kshudrahi mana jata tha sanskarse unhe varn ki prapti hoti thi.ab to koi wo purani wyawstha thodehi hi ..
Bewajahka zagda hei
👍👍👍👍👍👍
B.R Ambedkar ne manusmriti ko kyu jalaya tha is per v video banaye thanks team study IQ 🙏🙏🥰🥰
क्योंकि वह जाति व्यवस्था में राजनीति करना चाहते थे
Unse pehle ye kam periyar ne kr diya tha .... ambedkar ne unko copy Kiya tha
अच्छा huwa जला दिया जाह औरतो को कोई सन्मान नहीं aur नाही कोई अधिकार धिक्कार है ऐसे मनुस्मृती पर
Respect do apne baap ko
@@Pandit_ji778 Tera baap Feku Modi hai😁😁😁
मनुस्मृति लागू करने में देश में नारी दलित पिछड़े आदिवासी समाज का आर्थिक शारीरिक शोषण किया गया था हजारों वर्षों से दलित पिछड़े आदिवासी समाज का शोषण किया गया है मनुस्मृति समाज में जाति श्रेष्ठता को जन्म दिया है और आर्थिक असमानता पैदा हो जाती है और छूआछूत को पैदा क्या है छुआछूत सहन करने वाले समाज ने सवर्ण समाज से बदला नहीं लिया है संविधान ने बचा लिया है जातिवाद समाप्त करना है तो सभी जातियों को भागेदारी देना चाहिए
जैसे जेसे आपका व्याख्यान सुनता जा रहा हुँ वैसे वैसे मेरा क्रोध बढ़ता जा रहा है मनु स्मृति इतना ही अच्छा था तो संविधान की आवश्यकता क्यो पड़ी?
To tu mat padh..simple hei
Kyu tu hi padega @@hrk3212
एक दिन ऐसा आएगा कि ये संविधान ही स्वयं अपना भक्षण कर जाएगा! बदलाव ही प्रकृति का नियम है।
संविधान में बदलाव होता रहता है, समय के साथ। @@puneetdubey7617
To tu padhna aur tere Ghar mein niyam rakh manusmriti ka palan kar aur kahin kisi ke liye mat bol samjha@@hrk3212
मनुस्मृति एक धर्मशास्त्र है धर्म ही करता है की एक इंसान एक इंसान से एक इंसान नफरत करें खून सबका एक है तुम लोगों ने ही जाती बनाया है और जाट बनाकर अपने फायदे के लिए पाखंड रख रहे हो❤
मेरा भी मानना है कि मनुस्मृति को पूरी तरह आलोचनात्मक शिक्षा में शामिल किया जाए ताकि हर विद्यार्थी को मनुस्मृति की सच्चाई का पता चले। हर महिला। हर दलित/शूद्र को इस ग्रन्थ की जानकारी अवश्य जानना चाहिए।
Good. ..
यह पाखण्डी का धर्म हैं तो तुम ही पढो हम केवल कृष्ण बोलिंगे
अगर मनुस्मृति भारत के लिए सही होता तो हमारे देश का ये हाल ना होता।
धर्म का अर्थ है अपने जैसा सभी जीवों को समझना और अपने लिए जिस तरह का आवश्यकता है ठीक उसी तरह का आवश्यकता सभी जीवों को है , इसका ख्याल रखना ही धर्म है।
अब बहुजन समाज बहकावे में नहीं आने वाला❤कितना ही मनुस्मृति का पाठ पढाओ❤❤❤❤❤जयभीम
जिस धर्म, नियम, असमानता मानव जीवन मे पैदा हो, वो धर्म नहीं मानव जीवन के लिए हानि ही होगा, वो धर्म कभी मनाने वाले की तादात नहीं बढ़ेगा.
An uninterested topic is dealt with wisely & explained Manusmrity intelligently. Congratulations.
सुचना:- मनुस्मृति पर समझ-बूझ कर व्याख्यान दिजीएगा, नहीं तो अनपढ़ मनुवादियों से गालियां सुनने को तैयार रहना। क्योंकि धर्म के नाम पर आपस में लड़ाकर सत्ता में बने रहने के लिए आज इनके पास यही एक मात्र हथियार बचा है। जय भारत! जय संविधान!!🇮🇳
राजस्थान में दलित बच्चे की हत्या जाति के कारण ही की गई थी मास्टर जी ।आप कह रहे हैं कि मा न लीजिए कि हत्या जाति के आधार पर जैसा कहा जा रहा है।आप परोक्ष रूप से कितनी भी मनुस्मृति की वकालत कर लें देश का बड़ा वर्ग इसे कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मानता।
आखिर क्यों आपको मनुस्मृति बचाने की सूझी क्योंकि भारत देश का सबसे बड़ा काबिल , पढ़ा लिखा , योग्य मानव और सबको समान समझने वाले जो अपने दुश्मन को भी क्षमा करना जानता हो बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने , आखिर कार मनुस्मृति क्यों जलाई उस पीड़ा और इंसान में फैले भेद-भाव का जवाब दो
Master ji ab aap hamlogon ko our bebkuf mat samjhen viswaguru mat Bane jay vim
सबसे काबिल को संस्कृत नहीं आती थी। अंग्रेजी अनुवाद जो निहायत पक्षपाती है के आधार पर सारी कहानी बनाए हैं सबसे काबिल।
मास्टर जी ईसा के दो सौ साल पहले वैदिक धर्म नहीं था। उस समय पूरा भारत बौध्दमय था यानी बौद्ध धम्म था।
Vedas are the oldest books in the world, and Lord Buddha was borne later
Father, brother, husband and sons are the protecter of a woman
आता जाता तुमको कुछ नही बस एक ही रट है। बुद्ध किसी छत्रिय राजा शुद्योधन का पुत्र था। जो हिंदू था।
@@drmohinderphogat2797 ved konse shatak me likhe gaye ?
Pali bhasha jise dhamm lipi kahte hai yeh bhasha lipi jo bharat mulnivasiyoki hai yeh bhasha lipi sabse paleki bhasha lipo hai ya videshi bramhnone pali bhasha ke shabdh lekar banai gaiee sanskrit bhasha lipi hai ???
@@drmohinderphogat2797tum ek bache ho
dimag tumhara kache ho.
52 मिनटों की विडियो में सर् ये ही बोलते रहे कि आप अपने दिमाग के हिसाब से सोचो कि मनुस्मृति अच्छी है ग़लत है क्योकि उनको सच पता तभी अच्छी नहीं बोल पाये ओर ग़लत इस लिये नहीं बोल पाये कि फिर इनकी क्लास लगा देनी थी लोगों ने ❤😂🎉😢 पर सर् ने अपनी तरफ़ से तो बताइया है कि क्या सही क्या गलत हैं
और सबसे ज्यादा तो हैरानी इस बात की है इस वीडियो में सर बार बार बोल रहे थे कि ऐसा हो सकता है और हम मान के चलते है मतलब उन बातों पर वो आप ही श्योर नहीं थे जैसे ये फिलॉसपी की क्लास चल रही हो
आप लाख आये और लाख गये मनुस्मृति के गुण बताने के लिए ये नहीं हो पाए गी धन्यवाद
Manusmriti ko br. Ambedkar ji isliye jalaya tha. Kyonki uss book m saaf saaf ye likha tha ki : - agar koi bhi dalit insan ya mahila agar vedo ko pde ya glti se bhi sun le to unke kaan m garam pighla hua sisa daal do aur unki juban noch lo.
bhai agar tu max muller ki translation padh raha hai toh tu sabse bada chutiya hai ek advide dunga geeta press se lakar padh manusmriti ko ya isckon se kharid. please aur agar sach mei vaha bhi same likha hai toh i am ready to become an atheist and leave Hinduism 🕉️.
Sir not about dalits (untouchable)but about shudras (nowadays o b c) untouchables are not part of their varnashram
You are changing the concept of all the four varnas.
मनुस्मृति इतना अच्छा था तो फिर उच्च नीच और शोषण आती शोषण कहां से हो रहा था
महाराज, इसे बहुत छेड छाड़ किया गया हैँ अंग्रेजो के शासन मे
@@nileshpandey992छेड़ छाड़ किया है तो इसे मानना ही क्यों फिर से जला दो
angrejo ko aur koi kaam dhandha hi nahi tha na us samay@@nileshpandey992
हदीस पढ़ो औरकोरान मानो ज्ञान मिलेगा
@@ManiKumar-ht1cf क़ुरान और हदीस में सब बकवास बातें है इसका मतलब नहीं की मनुस्मृति सही है
मनुस्मृती हिंदु धर्मातील स्त्रियांसाठी व हिंदू धर्मातील जातींना लागु होतो. मुस्लीम, ख्रिश्चन, बौध्द या धर्मासाठी किंवा त्या धर्मातील स्त्रियांसाठी लागु होत नाही.
कोचिंग मास्टर साहब हम तुम्हारी ब्राह्मणवादी मानसिकता को समझ रहे हैं आप लोगों को किस तरह भ्रमित कर रहे हैं इस विषय पर वो भी समझ आ रहा है आप जो यह कह रहे हैं कि लोग सिर्फ मनुस्मृति में जाति और महिला के विषय पर अटक जाते हैं दूसरे पहलुओं को नहीं देखते तो उनका अटकना सही है क्योंकि उसी पर तो अटकेगे जहाँ दोष है, कमी है आपसे निवेदन है कोचिंग मास्टर साहब अपनी मानसिकता को न्यूट्रल रखो
Mansikta tuo tumharee khara bhai andhay ho
यहा भ्रमीत करने की कोशिश कर रहे है !
पुराने लीट्रीचर मे कही भी दिंन्दु शब्द का जिक्र नही है ऐसा सुना है ! और यह महाशय हिंन्दु हिन्दु कर रहा है !
मनूस्ममूर्ती मानवता के खीलाप लीखी है ऊचनीच का भेदद है सबको समान अधीकार हक्क नही है ईसलीए अंर्गजोने नया संविधान बनाने को भाग पाडा हमजाने बाद सभी लोग खूूशालीसे रहना चाहीए यही ऊनका ऊदे्श था
😅😅😅😮
Sir to सत्य keh rahe hei..
कुल मिलाकर आपने मनुस्मृति को सही ठहराने का प्रयास किया सवाल ये है की इंसान पहले बना या धर्म या जाति क्योंकि आपके अनुसार ब्रह्मा के द्वारा उत्तपत्ति को बताया गया है तो क्या मिश्र ब्रिटेन चीन में भी ब्रह्मा ने ही बच्चे पैदा किए थे
यदि मनु सारा मानव जाति के पुर्वज थे तो फिर ब्रह्मा के मुख से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र कैसे निकले🤔🤔🤔
संसार में सबसे बड़ा धर्म इन्सानियत है। जब इन्सान में इन्सानियत ही नहीं रही तो किसी भी धर्म का कोई मतलब नहीं है।
श्रुति। जौ बात सुनकर लिखी गई हे और स्मृति जो बात अपने दिमाग से स्मरण करके लिखी गई है शास्त्र के बारे मे समझ दारो को इशारा ही काफी है। जय भीम।
Right
1ì.@@sushilkumargupta5797
aapka samjhaane ka tarika bahut saral aur kaafi achha hai you are very good teacher
श्रोता आप लोगों ने कहा इसमें अच्छी चीज ही नहीं है तो इसका चैनल ही नहीं देखना चाहिए।
Mittr वेख के ही पता लगदा कि एह ग़लत या फिर आप बिना देखे बता सकते हो की किसी चीज के बारे में सर् हम तो नहीं हैं ऐसे महा मानव, अन्तर्यामी😂😂😂😂😂😂 आप ही हो बता दिया करो इनकी वीडियो आने से पहले की इसमें हमारे लिये कुछ भी अच्छा नहीं तो देखने का कोई फ़ायदा नहीं
ढोंग छोड़ो ..मनुस्मृति की reality सबको बताओ .
Nahi sir, , पुष्य मित्र शुंग के शोषण काल में लिखवाई गई। जो राजा हिंसक प्रवृति का था ।जिसने बौद्ध धर्म को समाप्त करके ब्राह्मण वाद को स्थापित करने के लिए लिखवाया गया।
Sriman ji note that the period about which you are referring to at that time also there was a rebellion against laws of smiriti by Jains and Bodh,hence keep it in mind.
Ambatkar ko padoo
सती प्रथा की तारीफ करना, मनुस्मृती की तारीफ करना ये इसलिये करते है की ये हिंदुत्व्वादियों को अच्छा लगता है और तारीफ करनेवालोंको अच्छे पद मिलते है या फिर सर्विस मे extention मिलता है.
मास्टर जी मनुस्मृति का बुराइयों को उजागर कीजिए।
He is one of the most knowledgeable faculty of StudyIQ.
Yesss you are right 😊
Yes 100%
आप दुबे हो याने ब्राह्मण तो आपको मनुस्मृति सही ही लगेगी
👍👍👍👍👍👍
Division of labour has been cited as the reason for writing Manusmriti. But it is based on the caste and heredity.
Bahut hi sahi tarike se samjhaya hai, Dharm koyee thopne ki wastu nahin prantu use atam sath karne ki chij hai.
क्या इस मनुस्मृती मे, ब्राह्मण और भारतीय मे समानता है? क्या इस मनुस्मृती मे स्त्री के प्रति न्याय और समानता है? क्या इस धर्मग्रंथ में मानवता नाम की कोई चीज है? अगर नही है, तो ये अच्छी कैसी हो सकती है? अगर इस मे कुछ अच्छा होता तो विश्व का सबसे बडा विद्वान इसे क्यू जलाने लगाता?
इसीलिए सबी एससी एसटी ओबीसी को आगा करता हूं की जागो ब्राह्मणओ के व्याख्यान पे विश्वास मात रखो.
ब्राह्मण इस देश का है ही नही, तो इस देश के लोगो का कैसा हो सकता है. जय मूलनिवासी जय संविधान
🙏
भाई साहब जब हम मनुष्य मनुस्मृति के बारे में कुछ निर्णय ही नहीं सकते तो आपका समझना ही उचितनहीं है। आप कहीं रुक ही नहीं रहे हैं कहीं के मारे कहीं बात ले जाते हो रियल में आप जलेबी ही तैयारकर रहे हो
People have doubt on manu smrirti because they presume that shudra is as per birth and caste
खुपच चांगल्या प्रकारे समजावून सांगितल्या बद्दल🙏
आप बाबा साहेब से ज्यादा विद्वान हैं क्या?
क्यों कोई व्यक्ति हो नहीं सकता क्या ?
Hn koi shk h ky abambdekr koi bhagwan h kya wo tumhra bhgwan hoga hmra ni anpad sale 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
क्या वही सबसे बड़ा है क्या अंग्रेजो का चमचा
मनू ब्राह्मणो का पूर्वज हा बहुजन समाज पार्टी सही संबंध नाही
@@NaveenSingh-sj2ke अंग्रेजो का चमचा तो तेरा बाप सावरकर था कभी पढ़ भी लिया कर
स्मृति का मतलब धर्म शास्त्र नहीं है। धर्म का सही मतलब करणीय होता है। इस हिसाब से करणीय का मतलब नियमों का सही रूप से पालन होता है। इस प्रकार यह एक नियम शास्त्र है।
कोई ब्रह्मा के पूछता था कोई महेश को पूछता था कोई विष्णु को पूछता था तीनों व्यक्ति ने मिलकर एक मनुस्मृति बनाई है
ऐसा लग रहा है आप विश्व के सबसे महान विचारक हो मास्टर साहब
मनस्मृति राष्ट्र हित के लिए खतरा है, सम्मान सब का बराबर होना चाहिए,
बिना सुने ही दूबे के टाइटल ने पहले ही से न्याय और विश्वास की कल्पना तक खत्म कर दी गई आपसे😮 किस मुंह से मनुस्मृति को बचाने आये हो दूबे दूसरी बात वेद पुराण एवं उपनिषद् सब मनगढ़ंत कहानी है जो कि ब्राह्मण ने ही लिखा , और अंतिम बात संविधान को खत्म करना वहीं लोग चाहते हैं जो असामाजिक कामों को पूरा करना चाहते हैं 😢😢
Rihgt sir, ye bidesi brahman kabhi v nehin sudhrega.
😎 Tumhara. PADOSI
MAULVI... Se.. Tumhari
Maa
PYAR... Karti.. Hai 👩
😎 Tum. Apna
🖤 D. N. A.
😎 Test... Karao
🖤 Tumhara. BAP. MAULANA 🖤 Hai
@@craftboom3687tere jaise hi hai manu ki aulad, ekdam bhatiya soch ke.
विद्याहिन को विद्या पणे की अनुमती नहीं है सरजी l
Discrimination is the acceptance of manusmriti.
The thoughts expressed in any book are the thoughts of perticular period & not applicable forever & these thoughts can be changed in course of time as per situation.This has said in Bhagwat Gita also.
The best example of this is Sati & Balvivah.These two systeems are totally rejected by us and total society.
True
Is anything irrelevant, in geeta as on today, changed ?
समस्त मानव जाति को जब एक समान नहीं माना जाता हो, तो यह पांचगव्य भक्षण करने वालों को ही पसंद आएगा | अन्य लोगों के लिए नहीं है | 😂😂😂😂
सर आप ने कहा कि, मनुस्मृति हिन्दू धर्म की पुस्तक है। तो क्या उस समय में किसी भी ग्रंथ में यहां तक कि मनुस्मृति में भी कहीं हिन्दू शब्द आया है। किसी भी उस समय के ग्रन्थों में हिन्दू शब्द लिखा हुआ है तो कृपया बताएं।
I respect constitution, but follower of ancient India's Holy manu smriti. "Indian Soldier"
बहुत ही सुन्दर व्याख्या है आप की,, सत्य और असत्य की परिभाषा इस से अच्छा और क्या हो सकता है,, समझ दार के लिए इशारा काफी होता है।
Accha thik h acche se bataya but Esme ek baat nhi batai ki bramhan muh se paida huye h e wali baat ki charcha nhi ki Manta hu abhi Jo samjhya vah thik h but muh wali baat kaha se aai kon Diya eahko eshme tark kya h 😂😂😂 iam Prajapati my cast 😂😂😂😂
Geeta says in fourth chapter, that the knowledge of Geeta was given by lord to vivashvaan , and then vivashvaan passed on to to Manu then manu gave to ikshvaku , so, its thousands of year ago , presently referred Manu smriti is fake, Manu was a Rishi
मास्टर तो अंबेडकर साहब से ज्यादा पढ़ा-लिखा एवं विश्व का सबसे विद्वान है।
आपने एक काफी अच्छी बात कही की पढ़ने की एक योग्यता होती है ताकि आप उसके संदर्भ को समझ पाए यही गलती बाबा साहब ने की और अभी तक उनके अनुयाई उनके ध्रुवीय विचारधारा को लेकर समाज को आमने सामने लाकर खड़ा कर दिया है और शायद इसीलिए मनुस्मृति में सूदो को शास्त्रों और वेदों के अध्ययन से वंचित रखा गया।
Well done u defended it smartly
Manu smriti was a rule book for a king , guru shisha parampara passed on the knowledge verbally and in between period, some wrong people added their own thoughts into it
Manu. wás a king in Eshwakudynasty. He made rules so that his subject lead a peaceful life.Rules were based on the conditions prevailing at that time.Since most of the then prevailing conditions do not exist now the rules relatiñg to them are no longer applicable to the societye.g.intouchability. Tambe 43:09 43:09
संस्कृत का जन्म कब हुआ, वेद कब लिखे गए स्मृति कब लिखे गए किस भाषा में लिखे गए ये सब बताइए। और ईसा के पूर्व सिर्फ और सिर्फ बौद्ध विरासत पाली भाषा बौद्ध साहित्य का ही प्रमाण मिलता है न कि मनु स्मृति, वेद और वैदिक धर्म का?
जब कोई शुद्र राजा को सलाह देगा तो वो राज्य कीचड़ में चला जायेगा , गुरुजी के अनुसार अज्ञान वाला शूद्र अरे भाई जब शुद्र को पढ़ने का ही अधिकार नहीं था तो वो ज्ञानी केसे बनेगा😂😂
You can't see the discrimination in every steps of the society and there is no equality and humanity in it and as such it is not a religious book.
27:48 Why women are categorised as sudra, is that when so-called arys come over to bharat,they did not come with women but horses and khachar.They married the local women who are called sudras by the than socalled aryans. On this basis rishi Manu has written Manu smriti and regarded women as sudra.
मानव व्यवहार में यदि हिंसात्मक नियम सिद्धांत निसंदेह थे वह अधर्म है।
माननीय 'रमन्ते' का बहुत अर्थ निकलेगा और संदेह से भरा, यदि विभिन्न परिस्थितियों में विश्लेषण और परिभाषित किया जाये तो।
इक्ष्वाकु सूर्य वंशीय महात्मा बुद्ध एवं श्री राम जी की जय हो 🙏😊❤😊🙏
Excellent, excellent explanation, i am learning this at the age of 70, my mother-in-law and mother were knew it so good they were teaching all this but couldn't follow much because it wasn't taught quite much in schools where other subjects were more important .
Gale me handi kamar me bichhe jharu Kano me pighala sisa dalna jata tha mahilao ko gwar banana kya yah shi tha 😢😢😢😢😢😢😢
Ye jhut hai kahi esha likha hi nhi ye video samjhe bhai ya samjhaon asan shabdo me kaam ki jankari hai
D.r. Ambatkar ji ko pehle padhe.
Unki kithabe achi hai.
Har bharati ko padna hai
jhut bolna aur feilana brahmono k janmasidh adhikar he.
True. The women referred to, are rightly identified, as of Indian (AASI hunter gatherer) origin.
The men were of Steppe ancestry.
The population born out of that combination are known as ANI population.
So, the women remained Shudra,.
but the men aligned selectively, with their nomadic Steppe pastoralist ancestry.
Sir mahabharat me likha
Hai karna, sambhuk,eklabya k bare
Me manu sañgita prayog
Kiagia hai ,joki manabata
Ka birodhi hai .av v sc,st,obc ko sasantantra
Me sathik vagi Dari nahi
Milraha hai .isilia manu
Smurtiko birodh hota hai..
संस्कृत भाषा का विकास कब हुआ, इसका भी रिसर्च करके बताने का कष्ट करें। किस लिपि में लिखी गई है।😊
B. R Ambedkar k manusmriti jalane wale sandarbh me bhi sir video banaye 🙏🏻
I just watched this video and enjoyed it. Personally I feel in many ways this text book unfairly discriminates against women and Dalit .the reason I say , my father and grandfather were not highly educated ,but they were far more capable in the community to create harmony .(wise men ) this is I am saying my family and people around me ( including my friend parents ) women at that time had lot more tolerance very organised in There management ( 😢 my both grand mothers)excellent role models for us .
How can Manusamrity dictate women , children ,Dalit and animals pararn key Adhikari .
I will be greatful if you show some light on this 😮
Thank you
मान लिया धर्म ग्रंथ सूद्र को पढ़ने का अधिकार नही था उनके पास वो ज्ञान नही था की वो धर्म समझ सके तो फिर उस धर्म के नियम को शुद्र फोलो क्यों करे उस से देवी देवता भगवान आदि का पूजा पाठ या चंदा आदि या चढ़ावा की मांग ब्राह्मणों द्वारा क्यों किया गया?
तुमलोग एक दम अभी भी वही हो इसी कोई कहते हैँ दुराहग्रह से ग्रसित.
अरे भाई सब आज भी यदि आप कोर्ट मे जाते हैँ तो आप क़ानून नहीं जानते तो क्या आप जितना जरुरी हैँ उतना क़ानून जानकर उसे मानते हसीन या नहीं अब ऐसा तो नहीं हैँ की सब llb ही करे.
वही हॉस्पिटल के साथ सब डॉ तो नहीं बनेगा
शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहाड़ेगा ~डॉo बीo आरo अम्बेडकर जी
देखिए क्या शिक्षा प्राप्त विद्वान अपने को आध्यात्म ज्ञान प्राप्त मानते हैं,पहला प्रश्न यही होगा।
शूद्र अछूत नहीं हैं।शोषण अत्याचार अलग है
दूसरा प्रश्न शिक्षा के विद्वानों से क्या दुनिया में कहीं भी शोषण, अत्याचार नहीं हुआ। इत्यादि इत्यादि
Woh tiwari ap se puche ki aap support kyu karte ho eshka reply du jab galat h to support karne ka matalb kya h sedha questions or aap ke log hi kyu jab pakde gay to bhage bhage fhirte ho 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 agar manusmriti sahi h to dr amberkar ne. Kyu jalaya
Mujhe lagta h agar unko lagata tha ki dyan sahi magar Kam galat ho raha h par 😂😂😂 magar pandit kyu support karte h 😂😂😂😂😂 bachte kyu bhag rahe h 😂😂😂😂😂
Nothing for improvement of mind and thought. Thanks.
मनुस्मृति का संकलन 600 ca के समय हुआ.... उस काल में जिसमें अनेक जातियों और उप जातियों का जन्म हुआ..... जाति व्यवस्था का उदय हो रहा था..... शूद्र के रूप में दास प्रथा का प्रचलन शुरू हो चुका था...... इस परिप्रेक्ष्य में मनु स्मृति में भी कुछ बातों को विशेष संदर्भ में वर्णित किया गया. बिना मूल समझे हम सही और गलत का निर्णय कैसे कर सकते हैं?
अगर हम पुरुष और स्त्री में भेदभाव न करें तो प्रत्येक स्त्री और पुरुष प्राकृतिक रूप से स्वतंत्र है। और किसी भी एक को बंधन में बांधना और ज्यादती करना अन्याय हैं। इस आधार पर किसी भी ग्रंथ को अस्वीकार कर देना चाहिए।
Study iq man aap kaun se jaati ke ho?
इसमें सबसे बड़ी समस्या एक महत्वपूर्ण और विवादित है कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण मान भी लिया जाए तो बीच में यह हिन्दू शब्द कहां से आ गया और कौन है हिन्दू? इसकी परिभाषा कहां है? सूद्र और अछूत का मनुस्मृति से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं मिलता। प्राय देखा गया है कि मनुस्मृति से विशेषकर ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ण ही महत्व देता है इसी वर्ण वाले हिन्दू शब्द को समझते भी है जिसे वे हिन्दू धर्म कहते हैं वे लोग ही हिन्दू शब्द का अर्थ भी समझते हैं जिसका अर्थ या परिभाषा अन्य वर्णों जो भारत के मूल निवासी हैं उन्हें नहीं बताते, लेकिन जबरजस्ती अन्य वर्णों को हिन्दू रूपी जाल में फंसाने का काम करते हैं। चूंकि हिन्दू तो नया शब्द है हमारे पूर्वजों के समय तो भारत में हिन्दू शब्द ही नहीं था। हमारे साथ अनेक लोग हैं जो इस हिन्दू नामक दुर्दांत शब्द से निजात चाहते हैं। सरकार को इसपर विचार करना चाहिए।
ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी बुद्ध का समय माना जाता है उसके प्रमाण मिलते हैं तब इस पूर्व तीसरी शताब्दी के प्रमाण क्यों नहीं है जिससे आप प्रमाणित कर सकते हैं मनु के शासन व्यवस्था को?
🇮🇳 Constitution Of India 🇮🇳
IQ aap education de rahe ho lekin wrong de rahe ho aapne kaha manusmriti Jesus ke 200,300sal pehle likhi gai ,Sanskrit Aaj se1000,1100sal pehle aai hei,aap galat educate kar rahe ho
👍
17 जुलाई 2024
यह निर्विवाद सत्य है की मनुस्मृति एक विवादित ग्रंथ है यह 200 साल पहले से बताया जा रहा है यह समय प्रमाणित हो तो जरूर बताएं और बिना प्रमाणित आधार समय ना बताया जाय ।
गुरूकुल के अवशेष कही आपको मिले है आप मनुस्मृति के सम्बन्ध मैं ठीक से विश्लेषण नही कर रहे हो।
The Manusmriti arrived on the indo gangetic plain with the West eurasian Aryans and the parochial Vedic culture in 100AD. Manusmriti was enforced to exclude the ANI population from Vedic and other knowledge. Systems.
The ANI are the descendants of AASI + Steppe ancestry prevalent in north India since 1500bc . Please note that the nomadic Steppe pastoralist disappeared into the AASI ancestry soon after arrival in 1500bc. The ANI were a freely mixing 'caste no bar' population until 100AD until subject to endogamy , Varna, Jati caste system. The ANI regressed into their own occupation and community. The beginning of caste system. So manusmriti was enforced to exclude the ANI population from access to any form of personal awareness and knowledge.
BARABAR HAI YE khudko sheath raksha PAPI Lok ureshiyase BHART aaye
Brahman holekeliye kaise test kiyagaya tha kaunsa grantha me barnna Kiya hai jara batayi.
मनू हा शब्द झोरोआस्टरीण धर्मच मेन्यू या शब्दातून येतो. मेन्यू शब्दच अर्थ विचार. स्पेंट मेन्यू म्हणजे, झोरोआस्टरीण कुळा साठी सकारात्मक विचार. मनू सम्रीती त्यांचं मूळ झोरोआस्टरीण धर्माच आठवण आहे. जेनेउधारी वेद, मंत्र पठण, स्वर्ग नरक ची संकल्पना, गाय बद्धल दैवी भाव हे सगळे त्यांचं मूळ धर्म झोरोआस्टरीण धर्मातून च आणतात. झोरोआस्टरीण धर्म सांगतो, गायीचं आत्मा हे झोरोआस्टरीण सद्धर्माच आत्मा.
झोरोआस्टरीण धर्म आणि भारताचे मूळ धर्म, शैव, बुद्ध, जैन व मूळ निवासी चा विश्वास पेक्षा खूप वेगेळे. शैव, बुद्ध व जैन धर्मात स्वर्ग व नरक ह्याची संकल्पना नाही. जे काही आहे तोच जन्म पासून म्रित्यू पर्यंतच प्रवास. जन्माच्या आधी काही नाही व म्रित्यू च्या नंतर काही नाही.
आपण जेनेउधारी धर्मच व भारतीय मूळ च्या तफावत समजावं. आणि जेनेउधारी नि उगीच वर्चस्व थोपवण थांबवावे. मनुस्म्रीती हे खट्याळ ग्रंथ जेनेउधारी नि लिहिले आहे.
Kindly provide information sir about why Dr Ambedkar ji burn 🔥 manusmriti?? thanks sir
Abe manuwadi kutte tujhako bhi jala denge
How it can be know मनुस्मृति इस DHARAMSASTRAth