Karl Marx on religion :" Religion is the opium of the people. It is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world, and the soul of our soulless conditions.”
Fir tum marx ko samjhe nhi bhai,,,,tum bas cherry picking kr rhe ho,,,, Marx ko barbad kiya h to sirf wokiyo ne,,,, Aaj to jo bazar me marx ki books h vo 99% wronge translation or interpretation k sath h,,,,,,,(russia zivoskay me jake ek museum h vha jake dekho)
@@Birkullanci"लाल सलाम" का अर्थ है "लाल नमस्कार" या "क्रांतिकारी अभिवादन (Hand Shake)"। यह एक साम्यवादी और मार्क्सवादी अभिवादन (Greetings or hand shake) है, जो अक्सर कम्युनिस्ट और साम्यवादी कार्यकर्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। आशा है आपको समझ आया होगा 😊
आज उद्योग मे ठीका प्रथा किया है? मजदूर का पैसा तीसरे आदमी को दिया जाता है फिर ठेकेदार और मैनेजर आधा खा जाता है हद तो यह है कि बड़े बड़े उद्योग मे ठीका employees के नाम पर 12 घंटा 30 दिन ड्यूटी कराया जाता है, होना चाहिए कि जिस ने काम किया उसको सीधा payment मिलना चाहिए सभी की ड्यूटी एक सामन्य होना चाहिए हाँ तकनीकी आधार पर payment कम या ज्यादा हो सकता है, मगर हर मजदूर को मेडिकल फैसिलिटी, leave अलाउंस मिलना चाहिए..
I feel that karl marx was definitely right . He thought about every section of the society . Atleast someone was there who respected and thought about every lower section of the society 😔
क्योंकि उनका मानना था कि जिस दिन मनुष्य की आवश्यकता खत्म हो जाएगी उस दिन धर्म (भगवान ) भी खत्म हो जाएंगे अर्थात वर्तमान में धर्म( पूजा) केवल भौतिक सुखों को पाने के लिए!!
Karl Marx ke karan hi aaj corporate mein aram hai nahi to pehle ye company na paisa dete the na chutti. unke karan hi logon ki vicharon mein sudhar aya hai✌
जब लाल सलाम वाले को iPhone की जरूरत नहीं है तो तुम जैसे धर्म वालों को विज्ञान कि क्या जरूरत है 😂😂😂 क्योंकि धर्म और विज्ञान तो ऐक दूसरे के विपरित काम करते हैं 😢
A very childish analysis. Marx had written the book in a different era where social hierarchies were different, comparing it with today's society is foolishness. Marx's theory may not be relevant to today's world , but the ideology is. For that you should understand that the ideology was existing even prior to Marx, and it will exist forever. And I am a corporate slave who is being forced to work all 7 days, and humiliated multiple times by the management for questioning the same. So it's not only restricted to class, but also about rights and many more..I wish there was a forum to address it. Unfortunately the government itself is so immersed in chrony capitalism , our concerns are not bothering them. A capitalist who promotes 70 hours of work a week , and not believing work life balance has to be treated as criminal. So the point is Marx may be right in his way for his era, and communism and socialism will never vanish. The idea is never to achieve it, but keeping it as a scale alleviates the differences in the society to the best.
MARX ✊🏻🚩 RUSSIAN REVOLUTION 🇷🇺 CHINESE REVOLUTION 🇨🇳 VIETNAM REVOLUTION 🇻🇳 LAOS REVOLUTION 🇱🇦 CUBAN REVOLUTION 🇨🇺 NEPAL REVOLUTION 🇳🇵 SHRILANKA REVOLUTION 🇱🇰 . Marxism is still relevant he never said to follow his book or way,,,, he accepted future changes change the ideas but exploiting is never ending and people needs to fought for better future
मार्क्स is great thinker about human society Today i know Why Political leaders het them मैं एक कार कंपनी में काम कर्ता hu पूरी लाइफ काम करने के बाद भी mai ek कार नहीं खरीद सकता
मगर शायद कम्युनिज्म कभी खत्म नही होगा। वर्तमान में भी मार्क्सवाद लड़ने की शक्ति देता है। जैसे हम सब अभ्यर्थियों ने मिलकर UPPSC आयोग और सरकार को झुका दिया।
first understand that some are religions, while some are philosophies...mistake we are making are comparing these 2 diff things....baaki log samajhdaar hian me kya kahna chah raha hoon
Marx puri trh fail n hue yha koi v sidhant puri trh sach n hua h to waisa hi marx ke sath v hua... unhe manne walo ne unke vicharo me samay ke sath sansodhan n kiya isliye unke followers fail hue....unki prasangikta aaj v bni hui h....marx ko fail bolne walo ko world politics or world economics ki smjh n h wo n smjh pa rhe h ki marx har capitalist countries ke niti nirdharak me bne hue h or ye corona time me bht ache trh se smjh me aa gya....
........कार्लमाक्स ने ये पहले ही मान लिया कि सर्वहारा की कमजोर आर्थिक अवस्था के लिए केवल और केवल बुरजुआ जिम्मेदार है......उसने इस पर विचार किया ही नहीं कि क्या व्यक्ति की चेतना और प्रयास भी उसकी आर्थिक कमजोर स्थिति के लिए जिम्मेदार है???
This ideology has claimed the lives of more security personnel in India than cross-border terrorist activities. While it may initially attract individuals with its promises, once in power, it often becomes more oppressive and dangerous than right-wing ideologies. A pertinent example is China, where ideological dominance led to widespread control and suppression under a communist regime.
18वी सदी का अनियंत्रित पूंजीवाद के लिए मार्क्सवाद का एकतरफा सिद्धान्त एक समाधान के रूप में उभरा पर बाद में आगे का रास्ता न बता सका वर्ना जापान जो कभी मार्क्सवादी नहीं हुआ आज HDI में बहुत आगे है।😂😂😂😂
1200 se 1950 tak to samajh me aaya h Raja chahiye tha ...... Vo aapni jamin or janta ko security de rha tha 1950 k bad savishan me tata birla raja kese bn gye Govt kya kewal 4th generation me bhi PM chahiye 😂😂😂😂😂
लाल सलाम वालो को I-फ़ोन की जरुरत क्यों नहीं है? क्या आईटी कम्पनीज में कर्मचारी नहीं मर रहे? EY की क को दिल का दौरा नहीं पड़ा? IIM BodhGaya me ek mahila professor ko sadak par nahi ghasita gaya kya? एक बार फिर ये शोषित समाज जुड़ेगा और मोदी-अडानी की सामंती सोच को पटकेगा! मार्क्स हमेशा प्रासंगिक रहेंगे!
*जंगल में जानवर जिस तरह सभी जानवर अपने अपना पेट भरने के लिए एक दूसरे का शिकार करते हैं उसी तर्ज़ पर मानव भी अपना पेट भरने के लिए एक दूसरे से लड़ते रहेंगे राजनीति पार्टियों के मार्फ़त, एक दूसरे के खून के प्यासे बने रहेंगे*
भारत के बढ्ती धनी और गरिब बिचके भिन्नता को एकबार विश्लेषण किजिए सर जि मार्क्सवाद तब समझ आएगा ,,,,, भारतके कुल पुजि क्यू 10% लोगो के हि पास हे बाकी 90% लोगो कहाँ छुट्गए ??
मार्क्सवाद का दर्शन द्वंदात्मक भौतिकवाद है। इसी दर्शन को मार्क्स ने इतिहास पर लागू किया जिसे ऐतिहासिक भौतिकवाद के नाम से जाना जाता है। दूसरी बात मार्क्सवाद को आगे लेनिन एवं माओ ने उसको नई परिस्थितियों में विकसित किया है। और अभी भी उसका विकास हो रहा है।
According to Quran:-- (1) Earth flat hai (2) Earth rest hai (3) Sun revolve around the earth (4) Sunset in mud water (5) Moon k 2 tukde krna (6)Star missile hai (7) 7 sky (8) Sky has pillar Jis Fake Allah ko Earth ki shape Or Solar system ka nhi pta,,, wo fake Allah ye Galaxies,, Black hole,, Nebula,, Neutron Star,, Star,, Planet,, Satellite,, Asteroid,, Etna bda universe nhi bna skta.
According to Sanatana ? (1) A monkey swallowed the sun 🌞 (2) A monkey lifted a mountain ⛰️ (3) Ravana had 10 heads 😂 (4) Brahma gave birth to a child from his mouth (5) The earth rests on the hood of Sheshnag 🐍 👇 👇 (1) इस्लाम धर्म के संस्थापक #पैगम्बर_मोहम्मद 🙏🙏 (2) क्रिश्चियन धर्म के संस्थापक #यीशु_मसीह 🙏🙏 (3) सिख धर्म के संस्थापक #गुरुनानक_देव 🙏🙏 (4) बुद्धिज़्म के संस्थापक #गौतम_बुद्ध 🙏🙏 (5) सनातन धर्म के संस्थापक ??😅
Har jagah bavan isliye hai kyunki wo hi padhe likhe jyada hai aur wo government se jyada private me jate hai private me unko recommendation aasani se mil jati hai jabki obc sc st ko nhi milti hai ye log sirf government job ke pichhe bhagte rahte hai ajadi ke 75 saal baad bhi bade bade pado par baman hi hai hai inke bache ias pcs doctor bante hai Jyaddatar aur hamare choti moti government job me rah jate hai unke pass resources hai wo use karte hai hamare pass nhi hai jo hai wo bhi ham use nhi kar pate hai
यह वीडियो अलगता (alienation) की अवधारणा को पूरी तरह से स्पष्ट करने में विफल रहा है। अलगता सिर्फ काम से ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू से जुड़ी हुई है। आजकल हम प्रकृति से भी दूर होते जा रहे हैं। एक पेड़ को छूने पर हमें मना किया जाता है, एक नदी में मछली पकड़ने पर भी। निजीकरण के कारण प्रकृति से हमारा जुड़ाव कम होता जा रहा है। इस अस्वस्थ संबंध के कारण हम दुख और पीड़ा का अनुभव करते हैं। हमें समझ नहीं आता कि चीजें क्यों और कैसे काम करती हैं। स्कूल और कॉलेजों में भी हमें पूरी जानकारी नहीं दी जाती। हमारी सोचने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती। इसका परिणाम यह होता है कि हम गुस्से, निराशा और हताशा का शिकार हो जाते हैं। हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता कम हो जाती है। अलगता का एक और पहलू है हमारा काम। हम अपनी मर्जी से काम नहीं कर पाते। यह अलगता प्रकृति और काम दोनों से ही हमें और अधिक अकेला महसूस कराती है। अलगता के परिणाम: दुख और पीड़ा: हम दुख और पीड़ा का अनुभव करते हैं। गुस्सा और निराशा: हम गुस्से, निराशा और हताशा का शिकार हो जाते हैं। उत्पादकता में कमी : हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता कम हो जाती है। सामाजिक असमानता : अलगता सामाजिक असमानता को बढ़ावा देती है। Is samasya ko khatm karne ka sirf ek hi rasta hai -- samajko firse gadna, purane samajh k dhanche ko jad samet ukhad feik na ! Yahi manav aur prakritika v mukti ka marg hai ! Yaha sirf garib hi nahi arabpati bhi fasey hue hai ! Unhe bhi mukti mil jayegi iss sade hue samaj ki dhanche se , jaha insan ko insan nahi samjha jata ! PS :- कौशल की कमी के कारण हमें अच्छी नौकरी नहीं मिलती है। इसलिए हमें कम वेतन पर काम करने के लिए राजी होना पड़ता है। इसका फायदा कुछ लालची लोग उठाते हैं। कम वेतन मिलने की वजह से हम पौष्टिक भोजन नहीं खा पाते हैं और हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। कमजोर शरीर के कारण हम कम काम कर पाते हैं और फिर हमें और कम वेतन पर काम करना पड़ता है। इस तरह गरीबी बढ़ती जाती है।
Dumb Lallantop Team - No, an Overseas Citizenship of India (OCI) cardholder cannot join a political party in India. OCI cardholders do not have the right to vote or hold political office in India. How OCI card holders join BJP?
But this is hindu land.. yha har tark har vichar ko ham sunte hai.. but at the end aisa kuch bhi aaj tak nhi mila jo hamare religion ke aas pas bhi ho.. hamare yha ka Damon bhi inke hero se Jayda education aur intelligence rakhte hai
"Merit" : A term invented by the cronies and their pet dog politicians like BJP(in india) to deprive the mass of their basic rights like employment. Marx never said anything about depriving merit but said merit can be of different types like someone can be good at something, someone can be good at another thing, generalising merit based on some fixed criterias as dictated by the capitalists is wrong and that's what Marx depicted. Don't misguide!
कहानी वही है किरदार बदलते हैँ
वक़्त की चाल से बाजार बदलते हैँ
मार्क्स कालजयी हैँ 🤗
👌🏻👌🏻
......"समाजवाद से सावधान"..ओशो रजनीशकी पुस्तक पढ़ने से आपको कार्लमाश को समझने में और भी सहायता मिलेगी
@@prasantjaiswal2560
Osho is nothing but a spiritual prostitute❗👍 He only tells you what you want to listen.
@@prasantjaiswal2560फांसीवादियी से सावधान
तुमने बहुत अच्छा समझाया यार इतना अच्छा तो कोई कॉलेज का प्रोफेसर भी नहीं समझाता। ये आकाश कौन है विचारों से तो समझदार मालूम होता है।
Karl Marx on religion :" Religion is the opium of the people. It is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world, and the soul of our soulless conditions.”
Fir tum marx ko samjhe nhi bhai,,,,tum bas cherry picking kr rhe ho,,,,
Marx ko barbad kiya h to sirf wokiyo ne,,,,
Aaj to jo bazar me marx ki books h vo 99% wronge translation or interpretation k sath h,,,,,,,(russia zivoskay me jake ek museum h vha jake dekho)
धन्यवाद @@chaisma>>>>>
"धर्म_यह_अफीम_की_गोली है."
यह_मार्क्स_का कहना सही है.
आजकी दुनियामे सभी बातोंकी_जड_
धर्म ही है!. 卐ॐ卐
धन्यवाद!!.
@balkrishnawavhal3675 mene jo likha use fir se padh lo
Aaj Marxism bhi afeem ban chuka hai, Dharma ki tarah
मै ईश्वर पर विश्वास करना तभी छोड़ दिया था जब मैं अपरसिद्ध नौजवान था
भगत सिंह 🙏
Though I'm a communist but I like your last statement. "वरना!लाल सलाम वालो को Iphone की ज़रूरत क्या है"
Indian communist ko dekh k carl khud ko phasi laga leta 😂 do kodi k
हाहाहाह् , क्योकि आधुनिक हथियारों का सामना तीर कमान से नहीं किया जा सकता
बुराई का अंत ही होता हे।
"वरना लाल सलाम वालों को Iphone की जरूरत क्या है"
It have a deep meaning 😁❤
Yes bro😂
Lal salam ?
@@Birkullanci"लाल सलाम" का अर्थ है "लाल नमस्कार" या "क्रांतिकारी अभिवादन (Hand Shake)"।
यह एक साम्यवादी और मार्क्सवादी अभिवादन (Greetings or hand shake) है, जो अक्सर कम्युनिस्ट और साम्यवादी कार्यकर्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है।
आशा है आपको समझ आया होगा 😊
आज उद्योग मे ठीका प्रथा किया है? मजदूर का पैसा तीसरे आदमी को दिया जाता है फिर ठेकेदार और मैनेजर आधा खा जाता है हद तो यह है कि बड़े बड़े उद्योग मे ठीका employees के नाम पर 12 घंटा 30 दिन ड्यूटी कराया जाता है,
होना चाहिए कि जिस ने काम किया उसको सीधा payment मिलना चाहिए सभी की ड्यूटी एक सामन्य होना चाहिए हाँ तकनीकी आधार पर payment कम या ज्यादा हो सकता है, मगर हर मजदूर को मेडिकल फैसिलिटी, leave अलाउंस मिलना चाहिए..
Berlin से बेगूसराय तक... बढ़िया है
Begusarai kanhaiya kumar 😂😂
I feel that karl marx was definitely right . He thought about every section of the society . Atleast someone was there who respected and thought about every lower section of the society 😔
9p
क्योंकि उनका मानना था कि जिस दिन मनुष्य की आवश्यकता खत्म हो जाएगी उस दिन धर्म (भगवान ) भी खत्म हो जाएंगे अर्थात वर्तमान में धर्म( पूजा) केवल भौतिक सुखों को पाने के लिए!!
Karl Marx ke karan hi aaj corporate mein aram hai nahi to pehle ye company na paisa dete the na chutti. unke karan hi logon ki vicharon mein sudhar aya hai✌
भारत और इस्लामिक देशोको और कृस्चियन इतिहासको देखु तो मुझे एकिन होता है। मझहब-धरम एक अफिम हि है
बिल्कुल धर्म एक अफीम ही है मगर इस अफ़ीम का उपयोग बहुत कम लोगों ने ही सही किया है
Aacha laga, need some more on this topic.
Analysis on the present situation.
जब लाल सलाम वाले को iPhone की जरूरत नहीं है तो तुम जैसे धर्म वालों को विज्ञान कि क्या जरूरत है 😂😂😂
क्योंकि धर्म और विज्ञान तो ऐक दूसरे के विपरित काम करते हैं 😢
Absolutely right you are❗
"No matter where life takes us laughter, tears and stories we’ve shared will always keep us connected.".. .
A very childish analysis. Marx had written the book in a different era where social hierarchies were different, comparing it with today's society is foolishness. Marx's theory may not be relevant to today's world , but the ideology is. For that you should understand that the ideology was existing even prior to Marx, and it will exist forever. And I am a corporate slave who is being forced to work all 7 days, and humiliated multiple times by the management for questioning the same. So it's not only restricted to class, but also about rights and many more..I wish there was a forum to address it. Unfortunately the government itself is so immersed in chrony capitalism , our concerns are not bothering them. A capitalist who promotes 70 hours of work a week , and not believing work life balance has to be treated as criminal. So the point is Marx may be right in his way for his era, and communism and socialism will never vanish. The idea is never to achieve it, but keeping it as a scale alleviates the differences in the society to the best.
The best episode I have ever seen.
Komred lal selam✊✊✊
MARX ✊🏻🚩
RUSSIAN REVOLUTION 🇷🇺
CHINESE REVOLUTION 🇨🇳
VIETNAM REVOLUTION 🇻🇳
LAOS REVOLUTION 🇱🇦
CUBAN REVOLUTION 🇨🇺
NEPAL REVOLUTION 🇳🇵
SHRILANKA REVOLUTION 🇱🇰
.
Marxism is still relevant he never said to follow his book or way,,,, he accepted future changes change the ideas but exploiting is never ending and people needs to fought for better future
मार्क्सवाद फेल नहींहुआ है आज नहीं तो कल इस पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ मार्क्सवाद तरीके से आंदोलनहोगा और दुनिया में बदलाव होगा
Very nice Topic
मार्क्स is great thinker about human society
Today i know
Why Political leaders het them
मैं एक कार कंपनी में काम कर्ता hu
पूरी लाइफ काम करने के बाद भी mai ek कार नहीं खरीद सकता
मगर शायद कम्युनिज्म कभी खत्म नही होगा। वर्तमान में भी मार्क्सवाद लड़ने की शक्ति देता है। जैसे हम सब अभ्यर्थियों ने मिलकर UPPSC आयोग और सरकार को झुका दिया।
Gandhi ne bhi kisi ko jhukaya tha😂😂😂
Tumhari dadi ko😂@@chaisma
@@omsharma4326 Lmao
Ha ekdam sahi , ladhne ki takad to deta hai
Aur jabtak samaj me capitalism hai tab tak Marxism bhi hai
@@omsharma4326 kyu tumhari dadi khade khade de deti thi kya🤣🤣🤣
Nice
first understand that some are religions, while some are philosophies...mistake we are making are comparing these 2 diff things....baaki log samajhdaar hian me kya kahna chah raha hoon
Duniya ma three thinkers that changed the world:- Charles Darwin, Harbert Spencer, and Karl Marx.
Absolutely❗
Bhai aap Emanuel frayed ko bhul rahe hai
Yaad nai aaya☺
Last line is very nice
India के वामपंथी एक हो !
वर्ना लाल सलाम वालों को आईफोन की जरुरत ही क्या है. ये लाइन धांसू थी.
*तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी हैं आने वाले समय में युद्ध के कारण मानव नरसंहार के चलते आबादी कम होगी और कुछ सालों के लिए फिर से शांति बहाल होगी*
Marxism vs Buddhism by DR. BR AMBEDKAR PLEASE ISS PAR EK VIDEO BANAYE
Which book read for this theories and ideology.
Europe and India , two different world. Don't compare their culture, people, thought. 😏
Marx puri trh fail n hue yha koi v sidhant puri trh sach n hua h to waisa hi marx ke sath v hua... unhe manne walo ne unke vicharo me samay ke sath sansodhan n kiya isliye unke followers fail hue....unki prasangikta aaj v bni hui h....marx ko fail bolne walo ko world politics or world economics ki smjh n h wo n smjh pa rhe h ki marx har capitalist countries ke niti nirdharak me bne hue h or ye corona time me bht ache trh se smjh me aa gya....
कोई भी वाद को लागू करनेवाले भ्रष्ट होते हैं तो उस वाद की भी बदनामी होती है । वहीं हाल मार्क्सवादियों ने किया ।
आनेवाला समय कार्ल मार्क्स की विचारधारा का है |
Nice info
........कार्लमाक्स ने ये पहले ही मान लिया कि सर्वहारा की कमजोर आर्थिक अवस्था के लिए केवल और केवल बुरजुआ जिम्मेदार है......उसने इस पर विचार किया ही नहीं कि क्या व्यक्ति की चेतना और प्रयास भी उसकी आर्थिक कमजोर स्थिति के लिए जिम्मेदार है???
This ideology has claimed the lives of more security personnel in India than cross-border terrorist activities. While it may initially attract individuals with its promises, once in power, it often becomes more oppressive and dangerous than right-wing ideologies. A pertinent example is China, where ideological dominance led to widespread control and suppression under a communist regime.
Religion is afeem not Dharma
Dharma is different to Religion
Technology leads people's to alienation!
I love Karl Marx ❤
*लल्लनटॉप की आय का स्रोत क्या हैं क्या कोई बता सकता हैं क्योंकि छोटे मोटे विज्ञापनों की आमदनी के सहारे चैनल नहीं चलते*
18वी सदी का अनियंत्रित पूंजीवाद के लिए मार्क्सवाद का एकतरफा सिद्धान्त एक समाधान के रूप में उभरा पर बाद में आगे का रास्ता न बता सका वर्ना जापान जो कभी मार्क्सवादी नहीं हुआ आज HDI में बहुत आगे है।😂😂😂😂
मजहब अफीम है तो मार्कवाद भांग है !!! वामपंथियों (भांगपंथियों ) को दिन में सपने आते रहते हैं !!!!
वामपंथ शब्द कहां से आया ये बता दे बिना गूगल किए अगर असल बाप की औलाद है
@@rajnishkr6672agar ye leftist aur rightist ka meaning jante to aisa kabhi nhi bolte inko bas ye lagta hai congress leftist bjp rightist😅😅
@@AryanYadav_7781
Absolutely
20th aur 21st century mey sabse jyada narsanghar kerwane wali vichar dhara..."Communism is just Islam without an Allah" 🤏
Is there is the relationship between Karl Marx and ruso
"Religion is the sigh of the oppressed creature, the heart of a heartless world, and the soul of soulless conditions."
~ Karl Marx
Because karl mark not learn about Vedanta if he knows that he naver says that😂
@cinematics352 us me v kya hai jo gyan vastavik jiban me kam na aye
Kyoki , punjivadiyo ne aur samantiyo ne ise badnam kiya aur sajis kr ishe kamjor kiya.... Vo samata ke siddhant ke virodhi jo hai.....
Karlmarx k samajvaad jiske raasto pr jo bhi leader chale unhone tanashah ka rasta chuna ..yahi unka patan k karan bna
अगर आपको कम्युनिस्ट विचारधारा के बारे में जानना है तो कंबोडिया की हिस्ट्री पर लेना❤❤
aap hi Tarikh ka episode banaya karo
1200 se 1950 tak to samajh me aaya h Raja chahiye tha ...... Vo aapni jamin or janta ko security de rha tha
1950 k bad savishan me tata birla raja kese bn gye
Govt kya kewal 4th generation me bhi PM chahiye 😂😂😂😂😂
✅ Marx is timeless❗
1:32 बर्लिन से बेगूसराय तक 😂
लाल सलाम वालो को I-फ़ोन की जरुरत क्यों नहीं है? क्या आईटी कम्पनीज में कर्मचारी नहीं मर रहे? EY की क को दिल का दौरा नहीं पड़ा? IIM BodhGaya me ek mahila professor ko sadak par nahi ghasita gaya kya? एक बार फिर ये शोषित समाज जुड़ेगा और मोदी-अडानी की सामंती सोच को पटकेगा! मार्क्स हमेशा प्रासंगिक रहेंगे!
Bageshwar dham Ki Padyatra Bhi Dikhao ekbaar Jay Shree Ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
अरे कहना क्या चाहते हो 😅😅😅 15 मिनट खराब हो गई 😢
Karl marx naam hi kaafi hai...🔥✊
मोय मोय हो गया इसका पुतिन का सलाहकार आज for right wing है
9:45 ab ki India
Hum marks Wale nhi chanakya Wale hai
*जंगल में जानवर जिस तरह सभी जानवर अपने अपना पेट भरने के लिए एक दूसरे का शिकार करते हैं उसी तर्ज़ पर मानव भी अपना पेट भरने के लिए एक दूसरे से लड़ते रहेंगे राजनीति पार्टियों के मार्फ़त, एक दूसरे के खून के प्यासे बने रहेंगे*
भारत के बढ्ती धनी और गरिब बिचके भिन्नता को एकबार विश्लेषण किजिए सर जि मार्क्सवाद तब समझ आएगा ,,,,,
भारतके कुल पुजि क्यू 10% लोगो के हि पास हे बाकी 90% लोगो कहाँ छुट्गए ??
मार्क्सवाद का दर्शन द्वंदात्मक भौतिकवाद है। इसी दर्शन को मार्क्स ने इतिहास पर लागू किया जिसे ऐतिहासिक भौतिकवाद के नाम से जाना जाता है।
दूसरी बात मार्क्सवाद को आगे लेनिन एवं माओ ने उसको नई परिस्थितियों में विकसित किया है। और अभी भी उसका विकास हो रहा है।
I think lallantop should started UPSC batch (no offence I like it )
Karl marks vidhwano me sabse tej mahan vidhwaan mahapurush the
Marxvad bhot achha tha agar ye wokeism ke hath na chadata 🎉🎉🎉🎉🎉
Political power, dabangai bhi paise ki power hai shayad aap bhul rahe hai,, marxvad ka dar hi hai jo aapko yh video banani pad rahi
Communism made hitler look like a toddler
Mujhe communism pasand hai
❤❤
Marxism in a nutshell- ameer se jalo or uski daulat lot lo
😊
Bas bhai ye AI generated photos mtt use kiya karo cartoon se kam nhi lagta badhiya video ka maza kirkira ho jata hai
According to Quran:--
(1) Earth flat hai
(2) Earth rest hai
(3) Sun revolve around the earth
(4) Sunset in mud water
(5) Moon k 2 tukde krna
(6)Star missile hai
(7) 7 sky
(8) Sky has pillar
Jis Fake Allah ko Earth ki shape Or Solar system ka nhi pta,,, wo fake Allah ye Galaxies,, Black hole,, Nebula,, Neutron Star,, Star,, Planet,, Satellite,, Asteroid,, Etna bda universe nhi bna skta.
Ek Allah ki baat nhi h sbhi Religion bakwas kahaniyo ke siva kuchh nhi h
According to Sanatana ?
(1) A monkey swallowed the sun 🌞
(2) A monkey lifted a mountain ⛰️
(3) Ravana had 10 heads 😂
(4) Brahma gave birth to a child from his mouth
(5) The earth rests on the hood of Sheshnag 🐍
👇
👇
(1) इस्लाम धर्म के संस्थापक #पैगम्बर_मोहम्मद 🙏🙏
(2) क्रिश्चियन धर्म के संस्थापक #यीशु_मसीह 🙏🙏
(3) सिख धर्म के संस्थापक #गुरुनानक_देव 🙏🙏
(4) बुद्धिज़्म के संस्थापक #गौतम_बुद्ध 🙏🙏
(5) सनातन धर्म के संस्थापक ??😅
@@shauryakhanna3492 All religion made by human.
Now RSS' & Baba's Devotees will say that Our Pandit Naga Baba & RSS brought 🇬🇧 English Computer Science & Mathematics Education to world ..
📚🖥 ⌨️🖱 😂🤣
@@Science-d5q Still tell me who is the founder of Sanatan. i want to read about that 📚🤔
Kal election result se Gyan 😅😅
😮
आज असली एजेंडा lallabtaop ने परोस ही दिया जिसके लिए ये मरे जा रहे है
america will teach you real capitalism led by japan
दल्लनटॉप ये बताओ की तुम्हारे चेंनल मेँ ज्यादातर बाभन हीं क्यों हैं?
Har jagah bavan isliye hai kyunki wo hi padhe likhe jyada hai aur wo government se jyada private me jate hai private me unko recommendation aasani se mil jati hai jabki obc sc st ko nhi milti hai ye log sirf government job ke pichhe bhagte rahte hai ajadi ke 75 saal baad bhi bade bade pado par baman hi hai hai inke bache ias pcs doctor bante hai Jyaddatar aur hamare choti moti government job me rah jate hai unke pass resources hai wo use karte hai hamare pass nhi hai jo hai wo bhi ham use nhi kar pate hai
માર્ક્સ સાથે છે
ये शब्द उनलोगे के लिए था जिन्हें धर्म की समझ नहीं है।
Jbse jyada andhvishwas muslim me hai.
मार्क्स ने गांजा फूंक रखा था 😂 दुनिया मे कई देश हे जो पूंजीवाद से अमीर और सुखी हुए हे लेकिन एक देश ऐसा नही हे जो मार्क्सवादी हो और सुखी सम्पन्न ।
America hi dekh lo kitna sukhi h 😅
उथली जानकारी पर उथला विश्लेषण. कायदे से पढ़िए पहले
JUST....
SHUT UP YOU CAPITALIST ANCHOR....😢😮😢.
मार्क्स मूर्ख इंसान था वो नहीं चाहता था दुनिया आगे बढ़े 😂
Tum to samjhdaar lag rahe ho, tum badhao aage!
Uski jindagi k aadhe degrees agr haazil kr liye tune apne agle 10.janam m hum tujhe vidwan smjh lenge
Communist USSR ne sabse phle space me kadam rakha tha 😅😅 blind devotees
@@NeelMeghwal ha bhai jisne businesses lagaya or jinko nokar bnaya vo bhi insan hi tha aliyan nahi
यह वीडियो अलगता (alienation) की अवधारणा को पूरी तरह से स्पष्ट करने में विफल रहा है। अलगता सिर्फ काम से ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू से जुड़ी हुई है।
आजकल हम प्रकृति से भी दूर होते जा रहे हैं। एक पेड़ को छूने पर हमें मना किया जाता है, एक नदी में मछली पकड़ने पर भी। निजीकरण के कारण प्रकृति से हमारा जुड़ाव कम होता जा रहा है। इस अस्वस्थ संबंध के कारण हम दुख और पीड़ा का अनुभव करते हैं। हमें समझ नहीं आता कि चीजें क्यों और कैसे काम करती हैं।
स्कूल और कॉलेजों में भी हमें पूरी जानकारी नहीं दी जाती। हमारी सोचने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती। इसका परिणाम यह होता है कि हम गुस्से, निराशा और हताशा का शिकार हो जाते हैं। हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता कम हो जाती है।
अलगता का एक और पहलू है हमारा काम। हम अपनी मर्जी से काम नहीं कर पाते। यह अलगता प्रकृति और काम दोनों से ही हमें और अधिक अकेला महसूस कराती है।
अलगता के परिणाम:
दुख और पीड़ा: हम दुख और पीड़ा का अनुभव करते हैं।
गुस्सा और निराशा: हम गुस्से, निराशा और हताशा का शिकार हो जाते हैं।
उत्पादकता में कमी : हमारी उत्पादकता और रचनात्मकता कम हो जाती है।
सामाजिक असमानता : अलगता सामाजिक असमानता को बढ़ावा देती है।
Is samasya ko khatm karne ka sirf ek hi rasta hai -- samajko firse gadna, purane samajh k dhanche ko jad samet ukhad feik na ! Yahi manav aur prakritika v mukti ka marg hai ! Yaha sirf garib hi nahi arabpati bhi fasey hue hai ! Unhe bhi mukti mil jayegi iss sade hue samaj ki dhanche se , jaha insan ko insan nahi samjha jata !
PS :- कौशल की कमी के कारण हमें अच्छी नौकरी नहीं मिलती है। इसलिए हमें कम वेतन पर काम करने के लिए राजी होना पड़ता है। इसका फायदा कुछ लालची लोग उठाते हैं। कम वेतन मिलने की वजह से हम पौष्टिक भोजन नहीं खा पाते हैं और हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। कमजोर शरीर के कारण हम कम काम कर पाते हैं और फिर हमें और कम वेतन पर काम करना पड़ता है। इस तरह गरीबी बढ़ती जाती है।
Dumb Lallantop Team - No, an Overseas Citizenship of India (OCI) cardholder cannot join a political party in India. OCI cardholders do not have the right to vote or hold political office in India. How OCI card holders join BJP?
But this is hindu land.. yha har tark har vichar ko ham sunte hai.. but at the end aisa kuch bhi aaj tak nhi mila jo hamare religion ke aas pas bhi ho.. hamare yha ka Damon bhi inke hero se Jayda education aur intelligence rakhte hai
bjp jeet gayee, to yeh video aa gaya....hahaha
*_Thikse study karo, fir video banao !_*
Religion ko kaha tha europe me lekin ye bharat fit nahi baithata hai
Unke opinions India par perfectly fit bethte hai especially Religion one.
Quran terrorism se related books hai
Quran 2:191,, Quran 9:5 ,, Quran 9:29 ,, Quran 9:123.
Jo bhi hai communism islam sae better hai
"Merit" : A term invented by the cronies and their pet dog politicians like BJP(in india) to deprive the mass of their basic rights like employment. Marx never said anything about depriving merit but said merit can be of different types like someone can be good at something, someone can be good at another thing, generalising merit based on some fixed criterias as dictated by the capitalists is wrong and that's what Marx depicted. Don't misguide!
Gariv kavote lo savran ka kam karo isiliye
Glt kuch nhi kaha 😂😂
Marx ki maakabosars