@@vijayjoshi2104 not hindu only Brahmin 👍 fact check ✔️ joshiji jarurat ke hisab se Hindu and malai khane ke time bramhin mandir me ka reservation sorry (khirat)😂q pandit ji
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
गधे हो तुम मुर्ख. कितना बड़ा झूठ और विरोधाभाष है इस कहानी में? इस्लाम के पैसे में बिके हुए हैँ ते दोनों. पहले बोला की हिन्दू धर्म में अशोक के पौत्र के समय ऊंच नीच था फिर बोलता है की पुष्यमित्र मनुस्मृति लाया. तो मनुस्मृति से पहले भेदभाव कैसे आया? फिर कहानी बोला की बौद्ध भिक्षु को मारनें के लिए दिरहैम इनाम दिया गया. उससमय जब देश में तुरक आये ही नहीं थे तो दिरहैम मुद्रा कैसे आ गया?
गधे हो तुम. कितना बड़ा झूठ और विरोधाभाष है इस कहानी में? इस्लाम के पैसे में बिके हुए हैँ ते दोनों. पहले बोला की हिन्दू धर्म में अशोक के पौत्र के समय ऊंच नीच था फिर बोलता है की पुष्यमित्र मनुस्मृति लाया. तो मनुस्मृति से पहले भेदभाव कैसे आया? फिर कहानी बोला की बौद्ध भिक्षु को मारनें के लिए दिरहैम इनाम दिया गया. उससमय जब देश में तुरक आये ही नहीं थे तो दिरहैम मुद्रा कैसे आ गया?
यह सच्चाई हर जगह हर इतिहासकारने छुपाई है पुश्यमित्र शुंग ही राम है और उसकी पत्नी का नाम भी सीता था,, और उसके नाम के सिक्के मिले हैं,,, और एक बात ध्यान दिजिये ,राम की मां को खीर खिलाने वाला शश्रिंगी रिषि था,,, शुंग, श्रिंग,,, और वाल्मीकउनका राजकवि था जिसने रामायण में उसका चरित्र ध्यान में रखकर किताब लिखी, वामन मेश्राम जी के भाषण सुनिये
शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
Abe Aakde Kyun nahi dete Pushyamitra Shunga ne kitne Stupa tode..agar Muslim rajaon ke khilaaf badha Chadha kar likha Gaya hain to Pushyamitra Shunga ke baare mein bhi badha Chadha kar kaha gaya ho Sakta hain.
@@Spiritkill1 ये लोग Invaders के मानसिक गुलाम है , इनके मलिक Indian(Indus(Hindus)) civilization खतम करने आये थे.. अब इनके ये मानसिक गुलाम अब भी उसी काम पे लगे है..🤣🤣 इनसे सचचाई की उम्मीद मत रखो , बस गुलामी की उम्मीद रखो 😆😆
@@vijaypahwa6185 शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
Wud u think Islaam will let Buddhist live. Only Hindu fought over Islaam to save this country. Pakistan ke side Buddhism tha isliye sare Islamist ho gaye!! It does not mean that we don’t love ❤️ Budha . We love him a lot coz all this indigenous culture like Jain, Budha, Sikha are our pride. Hence we all hv to unite so that all our culture survive else Abrahmics religions and communist will finish us.
@@yash3963 अफगाणिस्तान मे भी वही हो गया. अफगाणिस्तानमे और इंडोनेशियामे पहला हिन्दुझम था बाद में बुद्धिझम और बाद में पुरा अफगाणिस्तान और इंडोनेशिया इस्लामिक राष्ट्र बन गये.
@@apoorvatrivedi1719 छल कही नही है कुरान मे न ईसलाम फैलाने मै आप लोगो के महाभारत से लेकर रमायण तक छल है डंडे के बल पर कुच्छ कहसकते लेकिन बात के बल पर उलटा जिड़ो हो
@@ansarisultanansari5387 दुनिया भर में जो अब्राहमिक रिलिजन ओर मज़हब ऐसे ही फैले है। तुम सच देखना नही चाहते हो बस यही समस्या है। और रही बात रामायण और महाभारत की तो वो धर्मिक ग्रंथ नही है वो महाकाव्य है जो उस समय ओर घटनाओ का चित्रण करते है, गीता को भी धार्मिक ग्रन्थ नही कहा जा सकता है क्योंकि वो किसी एक के लिए नही बनी अपितु पूरे विश्व ओर मानव मात्रा के लिए बनी है। ओर गीता ही है जिस पर दुनिया मे कोई अंधा भी उंगली नही उठा सकता। और रामायण या महाभारत कभी पढ़ी भी है या बस ऐसे ही अपने मुल्लो की तरह धूल में लट्ठ घूमने आ गए।
असली मौर्य तो चन्द्रगुप्त मौर्य था | वो तो सनातनी हिन्दू था | चन्द्रगुप्त बड़ा राजा या अशोक ???? उत्तर है चन्द्रगुप्त | बुद्ध कमजोर व्यक्तित्व का इंसान था इसिलए मौर्य कुल का नाश हो गया | अब बोलो बुद्धं शरणं गच्छामि
डा.पुनियानी साहब को शत् शत् नमन।आपने सत्य, निष्पक्ष और ज्ञानवर्धक जानकारी दी।समतामूलक समाज की स्थापना के लिये बौद्ध धर्म ही सबसे उपयुक्त है,इसमें कोई संदेह नहीं है।
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
बहुत बहुत धन्यवाद,, साहेब,जी, ईतनी सच्ची और पुख्ता जानकारी देने के लिए,🙏🙏🙏🙏🙏 i SALUTE YOU sir, 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 जय भीम, नमो बुद्धाय, जय संविधान, जय मूलनिवासी,
मुकेश सर और राम साहब पुनयानी आप दोनो की परिचर्चा और सत्य हिंदी की पहल बेहतरीन है। आशा करते हैं आज के राजनैतिक माहौल में आपकी आवाज़ दबाने का प्रयास न हो , शुभकामनाओं के साथ🙏🙏
Baudh kaise unnati karne dete? Wo to khud kuch khate nahi the. Rahne aur sone ko pedon ke neeche ghar tha. Kapra ek lapete rahte the. Aur yehi sab karne ko samjhate the.
@@goo-lamokadoctor181 Afghanistan ki desert ki garmi se budh log Pakistan (jo bharat me tha us time) aur bharat agaye the. Aur un sabko hindu rajaon ne atank faila ke genocide kar diya tha. Thora sa "asli" wali history parh lo.
Stop your leftists propoganda. Buddhist scriptures aur leftist writer over exaggerated books likhi h. Chutia mat banao. Buddhist Greeks ke sath mil gye the isliye Pushyamitra ne Buddhist monks ko pela tha. Shi history btao.
@@SanataniSabhyta.Toh tere baap mughlo k sth mil gye hoge islye Nalanda jalaya hoga hna?..ya boddh mil gye hoge mughlo k sth islye fr tmhri ma bhno ko pela hoga unhone?
Ram Puniyani is an idiot like Mukesh Kumar. Both are spreading lies. Pushyamitra Shunga patronized the Buddhist Viharas and did not kill any Buddhist. The idiot Puniyani and dumbass Kumar make reference to a 16th century Tibetan monk Tarnath who wrote a book against the Shungas 1600 after the death of Pushyamitra Shunga. No scholar in the world believes in Tarnath’s account. Instead the Shungas patronized the Buddhists and their Viharas as the Viharas having been situated on Dakshinpath and Uttarpath facilitated trade. Don’t follow idiots like these instead read from Oxford or Cambridge texts.
इन दोनो को बुद्ध से अगर प्रेम होता तो ऐसी बातें नहीं करते ये लड़ाने का काम कर रहे हैं अहिंश के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं ऐसा काम कर ने वालो को मुस्लिम समुदाय से कोई समस्या नहीं जिसने बुद्ध के मंदिर तोड़े या फिर ये खुद उनकी संतान लगते है क्यों कि इन लोगो को ये पता नहीं की मुस्लिम राज्य में कई तरह से कमजोर वर्ग को शोषित पीड़ित किया बलात्कार किया DNA test करवाओ भाई बाद में चैनल पे बात करवाओ भाई जरा देखो तो कही ये लोग अरब DNA तो नहीं क्योंकि एक भारती वो भी बुद्ध प्रेमी ऐसे धर्म की बात नहीं करेगा जो अपने ही लोगों को गलत बता रहा है
मैं बुद्ध को फॉलो करता हूं❤ हां हम लोग हिंसा नहीं करते❤ लेकिन कोई नहीं मान रहा है और जबरदस्ती चढ़ बैठे तो फिर हम लोग लाशों के ढेर बिछ देते है❤ जय भीम 🇮🇳 जय भारत🇮🇳 नमो बुद्धाय ❤
Brahmin.aur bodho ka takrav hua dokhe sa Breadrat ka senapati puspmitery sung na dikhe sa Raja ka vadh kiya aur bodho ka katleaam kiya bodh ka shir head ko lane per 100 dinar inam bad ma kha gya ki vakya ma bodh ka katal kiya to bodh ka head ko Kil loha ka road per marna jaruri kiya gola patak kar marna ya partha tabhi sa ha
जिस अखंड भारत की कल्पना आचार्य चाणक्य ने की थी, उनकी मृत्यु के बाद वह परिकल्पना धुॅंधली होने लगी। मौर्य वंश के शासक वैदिक धर्म के प्रति उदासीन होने लगे। चन्द्रगुप्त मौर्य, जैन धर्म का अनुयायी हो गया था। चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार ने स्वयं आजीविक सम्प्रदाय से अपनी दीक्षा ली। इसके बाद बिन्दुसार का पुत्र अशोक राजगद्दी पर विराजमान हुआ। भयंकर हिंसा करके अपने साम्राज्य का विस्तार करने वाला सम्राट अशोक अहिंसक हो गया। उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इसके बाद अशोक का पूरा जीवनकाल बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में व्यतीत हुआ। जब पूरा विश्व सीमा विस्तार के संकट से जूझ रहा था तब अशोक की अहिंसा ने भारतवर्ष की वीरता पर गहरा आघात किया। अशोक ने 20 वर्षों तक एक बौद्ध सम्राट के रूप में शासन किया। इसी कारण पूरे भारतवर्ष का शासनतंत्र निर्बलता की भेंट चढ़ गया। मौर्य वंश के शासकों का दूसरे पंथों की ओर झुकाव गलत नहीं था। यह उनका निजी विषय था, किन्तु शासनतंत्र की सहायता से भारतवर्ष के सनातन धर्म को क्षीण करने का कार्य करना गलत था। भारतवर्ष के वैदिक अस्तित्व पर बौद्ध पंथ की शिक्षाओं को थोपना गलत था। भारतवर्ष अहिंसा की चपेट में आता जा रहा था। भारतीय सनातन धर्म से विरक्ति की यह प्रक्रिया मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहद्रथ तक चलती रही। बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में भी बृहद्रथ प्रतिज्ञादुर्बल कहा गया है क्योंकि राजगद्दी पर बैठते समय एक राजा अपने साम्राज्य की सुरक्षा का जो वचन देता है उसे पूरा करने में बृहद्रथ पूर्णतः असफल रहा। मौर्य साम्राज्य निरंतर दुर्बल होता जा रहा था और बृहद्रथ के शासनकाल में यह दुर्बलता अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। अधिकांश मगध साम्राज्य बौद्ध अनुयायी हो चुका था। इन सब के बीच यह खबर आई कि ग्रीक शासक भारतवर्ष पर आक्रमण करने की योजना बना रहे हैं। पुष्यमित्र शुंग जो कि बृहद्रथ का सेनानायक था, इस बात से व्यथित था कि एक ओर शत्रु आक्रमण के लिए आगे बढ़ा चला आ रहा है और दूसरी ओर उसका सम्राट किसी भी प्रकार की कोई सक्रियता नहीं दिखा रहा है। पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर प्रयास प्रारम्भ किया। उसे अपने गुप्तचरों से शीघ्र ही यह सूचना मिली कि ग्रीक सैनिक बौद्ध भिक्षुओं के वेश में मठों में छुपे हुए हैं और कुछ बौद्ध धर्मगुरु भी उनका सहयोग कर रहे हैं। इस सूचना से व्यथित होकर पुष्यमित्र ने बौद्ध मठों की तलाशी लेने की अनुमति माँगी, किन्तु बृहद्रथ इसके लिए तैयार नहीं हुआ। फिर भी पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर कार्यवाही की। इस कार्यवाही के दौरान पुष्यमित्र और उसके सैनिकों की मुठभेड़ मठों में छिपे शत्रुओं के सैनिकों से हुई। कई शत्रु सैनिक मृत्यु के घाट उतार दिए गए। बृहद्रथ, पुष्यमित्र की इस कार्यवाही से रुष्ट हो गया। वह पुष्यमित्र से भिड़ गया। एक ओर शत्रु भारत विजय का कुस्वप्न लिए बढ़ रहा था और यहाँ भारतवर्ष का सम्राट अपनी सीमाओं की सुरक्षा में लगे सेनानायक से संघर्ष में लगा हुआ है। अंततः सम्राट और सेनानायक के संघर्ष में सम्राट मृत्यु को प्राप्त होता है। सेना पुष्यमित्र के प्रति अनुरक्त थी। पुष्यमित्र शुंग को राजा घोषित कर दिया गया।
बहुत बहुतधन्यवाद मुकेश जी और पुनियानी जी ऐसे👌👌👌👌👌👌👌👌 ज्वलंत विषय पर चर्चा करने के लिए। 🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹🌹 कृपया इस देश का नाम भारत है हिंदुस्तान न बोले🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप जीसे भारत कह रहे है वह आज अफगानिस्तान का हिस्सा है आज जो भरात है वह 15 /8/1947 को बना । हां मौर्य काल मे वह मगध सामराज्य था हिन्दुस्तान नही जो बहुत विशाल था । हिनदुस्तान का जनम 11वीं शताब्दी मे दिल्ली मे हुआ और 17वीं मे पुरण हुआ फिर INDIA का जनम हुआ और वह 19वीं मे विस्तार हुआ फिर भी मगध से छोटा था फिर 20 वीं मे चार टुकरों मे बट गया ।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
आप को भारत की सच्ची इतिहास के विश्लेषण के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् आप से निवेदन है कि भारत के सच्चे इतिहास के इसी तरह के विडीओ बनाए जिससे झूठे इतिहास का पर्दाफास हो सके।
@@zed_plus Don't be lazy. If you are really sincere pick up the books and do the reading. You might get to start with the wrong books but keep on reading and sooner or later you will also get to the right ones. Don't think anyone can give you GYAAN in a youtube comment. I hope you are not such an idiot to assume such q thing.
We need such kind of real history for next generations to know what was happened in past. Thanks and hats off to Dr. Ram Puniyan Sirji. He is a great historian and researcher.
पुष्यमित्र शुंग ने अंतिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्य कर ,उनको पदस्थ कर 'शुंग' वंश की नींव रखी । बुद्ध धर्म जो मेजोरिटी में था भारतीय उपमहाद्वीप में उसके पतन की शुरुआत की थीं ।
Engineer Stalin, You are right. पुष्यमित्र शुंग की वजह से बुद्ध धर्म का ही पतन नही हुआ बल्कि भारत की सोने की चिडिया की छवि का भी ह्रास हो गया। तब से आजतक भारत उस स्तर तक नही पहुंच पाया। उल्टे आक्रांताओं ने आकर भारत को लूटा और हमें 1000 सालों तक गुलाम बनाया ।
राम पुनियानी बुड्ढा होने के बाद भी झूठ बोल रहा है इस हरामखोर सूअर को पता नहीं है बौद्ध धर्म से पहले 1000 वर्ष पहले पुष्यमित्र शुंग पैदा हुए थे सम्राट अशोक के समय में पुष्यमित्र नहीं पुष्यमित्र सॉन्ग सम्राट अशोक के पोते के समय में भी नहीं थे पौधों को अगर पुष्यमित्र शुंग ने मारा है तो गोरा होने स्वर्ग से जाकर मारा होगा क्योंकि कोई भी आदमी हजार साल जिंदा नहीं रह सकता
अच्छा टॉपिक इस चर्चा मे शामिल करने के लिये सत्य की खोज का तहे दिलं से शुक्रिया.आपको औंर जानकारी प्रो.विलास खरात की औंर से प्राप्त हो सकती है,सर आपसे निवेदन है आप उनको भी निमंत्रित करे 🙏
Reservation abolished karne ke liye andolan kab karoge aise Maan nahi milta karam to karna padega aur tyagi bhi banana padega tabhi humare saath baith paoge
as a history student what he saying.. It's just propaganda... I talk historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
85%+ Bahujaan samaaj sunn lo budh ki or chalo ab... Hindu mahrrx..d hote hai... Bra man.. Rajchu" ke jaise hi...jaat me Believe aaj adivasi Christan bana aur pura samaaj educated hua...aur thought change hua... Is liye Change krna hi hoga. Budh ki or chalo....🙌🏾🙏💙.... Namo budh...😍❤.. Thnku.. For This gyan sir..
यह चैनल के संवाददाता को कोटी कोटी काल आरान्तोना सेवा सेवा जोहार। जय गोंडवाना गणतंत्र प्रजातंत्र गणराष्ट्र कि सत्ता शासन व्यवस्था को संवर्द्धन करना अनिवार्य है।
ये एक पहलू है पुष्यमित्र शृंग के जीवन और कालखंड पर। मैने एक श्री राजीव पटेल लिखित " वैदिक युग का घालमेल" पुस्तक पढ़ी उसमे कुछ बिंदु इसके विपरित प्रमाण बताते हैं। १ ऊनके अभिलेख पर न ब्राह्मण या संस्कृत का प्रमाण नहीं। २. उनके समय दक्षिण में सतवहन राजा का साम्राज्य था जो बुद्ध धम्म के अनुयाई थे। ३ पुष्यमित्र ने चीनी साहित्य के अनुसार सारनाथ स्तूप की मरम्मत करवाई थी। ४. शृंग के बाद सभी शासक जैसे मिलिंद (रोमन मूल) शक, कुषाण, पहलव, गुप्त, हश्वर्धन पाल सभी बुद्ध धम्म के अनुयाई थे। इनके अभिलेख पर या पुरातत्व नमूनों से कोई भी संस्कृत या महाविद्यालय का सबूत नहीं। पाल वंश के समय धीरे धीरे वैदिक और वर्ण विभक्ति की शुरुवात हुई। मैं कोई एक्सपर्ट नही। 😃सिर्फ जो पढ़ा वो बताया 🙏
बहुत शानदार,।ऐतिहासिक और वास्तविक जानकारी देने के लिए आपको साधुवाद। यदि पत्रकार इसी तरह वास्तविक इतिहासिक सच्चाई को बताने लगे तो निश्चित रुप से हम भी जापान सिंगापुर की तरह विकसित हो जाएंगे। चलो बुद्ध की ओर
Very sad knowing this fact. I used to always ask how Buddhism completely vanished from Indian Subcontinent ?! Thank you for shedding some light on Buddhism.
भगवान bhudh तो एक चींटी भी नही मारते उसे भी हिंसा कहते थे पर धन्य है बुद्ध धर्म वही पनपा जहाँ लोग छपिकाली,कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ तक को मार कर खा जाते हैं। धन्य है
જો ધર્મ પહેલે થા એના ઉપર અશોક રાજાએ બહુ જ ધર્મ સ્વીકારી ધર્મ બદલો તો તે સમય નો હિન્દુ ધર્મ સમાજમાં સુકૃત નહોતો શા માટે બૌદ્ધ ધર્મ લાયો ફેરફાર કરવાના કોઈ ખાસ કારણો સમાજની માંગણી હતી જો સમાજની માંગણી ન હોય તો પછી બૌદ્ધ ધર્મ લાવવાની શું જરૂર હતી સમાજ તેના પ્રો વર્તમાન ધર્મોથી અસંતુષ્ટ હોય તો રાજાએ ફેરફાર કરવો પડે
It's vanished because buddh was sanatani only but some ppl like ashok made buddh sepret frm sanatan and made different relegion soo this all happend and who did this all... Humans 💯
गुरुनानकजिका जन्म 15 एप्रिल,1469 मे हुवा।और हिंदू शब्द का प्रचार और प्रसार 1918 के बाद हुवा जब साऊथ बिरो कमिशन भारत आया। खुद दयानंद सरस्वती ने कहा है हिंदू मुगलोने हमे दि हूवी गाली है हिंदू का मतलब गुलाम। इसलीये हम इसका विरोध करते है। और इसलीये 10 एप्रिल 1875 को आर्य समाज की स्थापना की।हिंदू धर्म एक मजाक बन गया है।बाल हनुमान सूरज को निगल गया।ब्रम्हा के मुखसे ब्राम्हण पैदा हुवा।क्षत्रीय बहोसे,वैस्य कमरसे,शुद्र पैर से।इंसान ने पागल होणा लेकिन ब्राम्हण से कम होणा।
त्रिलोक पाठक जी ए! राम पुनियानी और ए! प्रश्नकरने वाले एदोनो भारत का केन्द्रीय मुल्य मान्यता ओको विरोध कररहै यिनको आपने कैसे समर्थ कर रहै है कृपया उत्तर देदिजिए! मेरेख्यालसे ए!दोनो व्यक्ती किसि पश्चिमी दुनिया मतलब युरोप अमेरिकि ओका एजेण्ट लगते है। यिनहोने मुसलमान नो ने भारतमे कुछ नही किया उससमयमे सारे युवाओको भड्काके बौद्ध भुक्षुबनाए ।यहनही रोकाजाता तो भारत दोहजार साल पहले साराकासारा भारत वर्ष गुलाम नही हो जाता आज स्वतन्त्र भारतमे भारतीप्राचीन सभ्यताको विरोधकरने वाले लोग क्या सचमुछ एक असल नागरिक है? एपोरेके पूरे मेरे ख्यालमे एजेन्ट है भारतीसमाज को भ्रम सिर्जना कर रहे हैं।
सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी आपने हमे मनुस्मृति ओर पुषयमितृ शुगं के साथ सत्य भारत के इतिहास के बारे मे विस्तार के साथ बताया सर आपका बहुत-बहुत स्वागत है
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया , "भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया " आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की । ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य । वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये। सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे? आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है। यहा देखिये Buddhists born to Brahmin families There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality. महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष) थेरबाड (बुद्धघोष) वज्रयान(पद्मसंभव) तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव ) चीना बौद्ध(कुमारजीव ) जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा) कुंग फु(कुमारजीव) वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव) बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa ) हरिता धम्मसुत्रा (हरित) शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन) सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु) यमनतका तंत्र (कनका) वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा ) यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
बहुत बहुत धन्यवाद, मेरे उस प्रश्न का उत्तर मिल गया जो था कि आखिर भारत से जाति क्यों नहीं जाति, अर्थात जब तक मनुवाद के समर्थक रहेंगे तब तक यह देश जातिवाद का गुलाम रहेगा।
Jaatiwaad har samaj mein hai koi yadav apni beti ko dalit se shadi karne nhi dena chahta hai iska sabse bada example milega lalu yadav ke bete ki shadi mein wo dusre caste se thi tab apne pariwar ke logo ne hi uski ninda ki aur aaj ke dalit mein bhi paya jata hai rajasthan mein meena community ne ek ati pichde dalit ko ghode pe baithne nhi diya shadi ke dauran jabki meena bhi dalit mein hi aate hai kewal brahmano ne hi ye nhi banaya hai har warga ne milkar banya tha ye yadav ke pass bahut jada jamin hai up bihar mein kyu nhi wo jamin dalito mein baatate hai?
बुद्ध धर्म मे समानता की बात थी। लेकिन मूर्तिपूजा नहीं थी। उसी समय जैन धर्म भी काफी बढ़ा। दोनो धर्म मुतिपूजक नहीं थी। गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी की मूर्तियां, उनके संसार त्यागने के 200 वर्ष बाद बनी है।
Pura itihaas pad bhai , buddh or jain koi dharm nahi hai ye ek padati hai jo sanatan se nikli hai kyuki log dharm ko follow karte hai lekin use purntah se nibhate nhi kyuki hum log aam log hai lekin mahavir swami or siddharth ne use ache se sanatan dharm ko follow kiya hai isliye log unke kiye hue ache kamo ko mante hai lekin agar tum khud mahavir ya siddharth ko puchoge ki tum kis par vishwas karte ho to vo bhi tumhe shiv-shakti ka hi naam bataenge. Jese logo ne inki murthi banai hai vese hi logo ne use follow krne wale ko buddh or jain dharm ka naam diya h jbki dono mahan atma ne swayam ye dharm ka byaan nhi kiya.
@@Indisword Dekh lo bhaiya what's app university ka gyan A.C. 1000 tak🤣 B.C.padha A.D.padha authentic books me Inhone what's app university pr A.C. padh liya matlab kuch bhi 🤣 Islam me kabhi murti puja nhi thi Baaki what's app university ke message padhoge toh phir isi trh be sir pair ki baat karoge 🙄🤔🤔
@@NadeemKhan-bz8hb Are bhai A. C After Christ hota hai, madrasa main nahi padhe kya. Are A. C chodo. Aaj tak tum soye huve murti , kabar ki puja karte ho woh bhi har gali main. Woh kya murti puja se alag hai?. Pehle apne aap ko aur fir apne baap ko samjho.😀
@@nks6188 सनातन नाम का कोई धर्म है? ए तो जैनोसे चुराआ हुआ है नाम ढंग बदलके सनातनीओने ऋषभदैव आदीनाध जो जैनोके प्रथम तिर्थकर है उनको ही शंकर बना दिया है। कैलास केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदीर इसके सबुत है बाकी तो काल्पनीक कहानीआ है।
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
सच्चा इतिहास बताने और सामने लाने के लिए और ब्राम्हनो की सच्चाई सामने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर... और मैं St Sc Obc minority को हाथ जोडकर निवेदन करते हैं इन बातों को समझे और गम्भीरता से लें
दोनों लोगों को कोटि कोटि प्रणाम, सचाई उजागर करने के लिए, सबका निचोड़ यही है पुष्य मित्र शुंग से पहले सनातन का नामो निशान नहींं था, बौद्ध धर्म की जड़ें बहुत गहरी हैं,
राम मंदिर की खुदाई में बौद्ध मंदिर के प्रमाण मिले है जो की बौद्ध द्वारा हिन्दू मंदिर को सभी जगह तोड़े गए थे और इसी की वजह से बौद्ध मंदिर और स्मारक, सपूत तोड़े गए है।
पुपमित्रसुंग brahmanbadio ka icon tha jo puri tarah shoshankari वेवस्था ka palak tha । aaajbhi wahi system sarkar apna rahi hai yah jhuthi hawala dekar ki bharat me hindu khatre me hai ।desh ke wastavik विकास हेतू बुधिस्म की ही जरूरत है । न kibrahmanwadi व्यवस्था का। ।
@@awdheshkumarsingh3481 Bhrahman galat hain iska matlab ye nahi ki islamic atank ke saamne aankh band kar le. Hindu dharm is desh se jana chahiye par islam aur bhi jyada khatarnaak aur ghinona hai.
यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था।यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर Vol 03 p.252
@@goo-lamokadoctor181 brahmino ne sc st obc k school jane pe pabandi thi ..,..angrej aye sbko school jane ka haqq mila....or mughal tumhari hi treh lootkhor or iss desh ko chusne wale the unse tumhe hamdardi hai.....hme nhi Tumne bhaut shadiya ki hai mughlo se jb unka raaj tha
@@ashuak2836 जाती व्यवस्था एक सामाजिक कुनिती है. ओर जो सभ्यता जितनी पुरानी उसमे उतनी ज्यादा कुनितिया होने की संभावना ज्यादा होती है. इसका मतलब ये नही की आप अपनी भारतीय सभ्यता पे आक्रमण करने वालो के मानसिक गुलाम हो जाय. वंशवाद ये जातीवाद का मूल होता है, जब Bollywood जैसा संगठन सिर्फ 75 मे वंशवादी हो गया , तो भारतीय सभ्यता जैसा हजारो साल पूरानी सभ्यता मे जातीवाद जैसी कूनिती आ ही सक्ती है... हमारा फोकस कुनित्यो को खतम करने पे होना चाहिए... हमारा फोकस बिमारी को खतम करने पे होना चाहिए, बिमार को खतम करने पे नही
It's a foolish lie this man is propagating. Do you see any Hindu hating Buddhism? That means they did not hate them even those days. So where was the need of bloodshed as he suggests? 80% Hindus practiced Buddhism as both were same!! But when the 80% Hindus who had adopted Buddhism found Budhhist monks preaching hatred against Hinduism, they saw the danger and just stopped Buddist practice's and that is how Buddhism disappeared due to foolish Monks. Many Monks, who had patronage of Hindu Kings, stabbed their Kings in the back. Raja Dahir lost to a much smaller army of Qassim due to Buddist Monks deception.
as a history student what he saying.. It's just propaganda... I talk historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
Haa bhai ye dono jai bheem jai meem wale baampanthi range siyar to tme sach lagenge hi. Chandragupt ne jo apne khud ke saathi rajao ko zahar dekar marwa diya taki yudh jeetne ke baad unhe hissa na dena pade or ashoka ne jo khud apne hi 100 bhaiyo ki gardane kaatkar rajya paya wo" vaidh" tha lekin pushyamitra ne agar rajya ko milinder naam ke yavan ke hamko se bachane ke liye ek kamjor or laparwah raja ko maar diya to wo bohot galat or avaidh tha. In baampanthiyo ka biased view inki batao se hi pata lag raha ha.
@@kknrcssLol 😂 now most of the people in the world accepte the Islam and leave h_#@u dharm .real life jio Whatsapp university me jada dimag lagaon ge toh aaisa hi lagenga .😂😂
@@kknrcss bhang maarke tandav karnewale ki puja karkewalo tum Islam ka dush prachar karoge usi dugni se Islam accepts karenge gud example after 9/11 k Baad America me Islam ko padke log Islam karne lage aur aaj b kar rahe hai
Pushyamitra Sunga was Army Commander of King Brihadra, grandson of King Ashoka. Pushyamitra assassinated King Brihadra and became King. He established Brahaman kingdom and started destroying Budhist Maths and killing Budhishts. This was a turning point in history.
Bharat mein Bauddhon ka math, stupa's aur Baudh Vihar ka khandhar hona Baudh ke virudh pushyamitr sunga ka attyachar dikhata hai. Aaj ka sc, st aur obc ke purwajo ko vastav mein forcefully Baudh se hindu banaya gaya tha. Aaj ke sc, St aur obc ko iss per bichar karna chahiye aur sahi dharm ka palan karna chahiye।
डाक्टर पुनियानी साहब और मान्यवर मुकेश जी इतनी अच्छी जानकारी प्रदान करने के लिए आप दोनों महान विभूतियों को हार्दिक नमन एवं विनम्र साधुवाद। उम्मीद है कि आप लोग आगे भी इसी तरह से महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकार के विभिन्न विषयों के बारे में समाज को जागरूक करते हुए मिथ्या भ्रम और असत्य एतिहासिक घटनाओं की सच्चाई सबके सामने रख कर भ्रामक प्रचार करने वाले लोगों को सही तरीके से जबाब जरूर देते रहेंगे। धन्यवाद।
@@vishvlogs1325Brahamin gunde tumahari maa ki chudayi karke.tumahara murder kar de.ptrayek Brahamin ke Ghar ke one child and preganent child ko khatam kar dena chahiye.proof bata motherchod bhadwe
औरंगजेब अपने प्रति ईमानदार था सरकारी के प्रति छल-कपट नहीं किया है जैसे इतिहासकारों में चाहे देशी या विदेशी हो, अपने हाथ से बनी टोपी बेचकर अपने खान-पान पर खर्च किया ऐसा इतिहासकारों ने लिखा है अपनी पुस्तकों में। आज शासक सरकारी सम्पत्ति को अपने घरों में भरकर ऐशो आराम की जिंदगी पीढ़ियों तक के लिए इंतज़ाम कर दिया है।
@@msshergill1112 मान्यवर जी यह सत्य है कि गांव में अधिकांश लोगों को मुस्लिम बनाया लेकिन शासन में अपनी धाक बनाने के लिए और जातिय आधार पर ही सुविधाएं मिली और जिन लोगों पर स्थानीय अत्याचार होता था वो लोग स्वयं ही मुस्लिम बने थे। जयपुर राजस्थान के पास में मनोहर पुर गांव में अधिकांश ठाकुर थे उन्हें मुसलमान बनाया गया था, मेरे एक साथी ने बताया कि जागाओं ने यह बात पीढ़ी दर पीढ़ी बताई गई है कि पहले वो ठाकुर थे और अब मुसलमान हैं। यूपी में भी यही सुनने को मिलता है।
@@tilakchand8056aap jo marji kaho jitne bhi mugal shashik hue sab se jayada atyachari aurangzeb tha guru gobind singh ji ke shote shote bachon ko deewar me chinwa kar shaheed kar diya guru teg bahadur ka sees kaat diya kashmiri panditon ko jabardasti musalman bsnaya yeh ek bahadur general ka kaam nahi aur bhi bahut history hai iske julm ki aap guru gobind singh ji ka likha hua zafarnama pad sakte hain jisko pad kar aurangzeb bimar pad gya tha aur fir kabi uth na ska
मुकेश सर जी सटीक विश्लेषण
पुष्य मित्र शुंग ने मौर्य सम्राट राजा बृहद्रथ की हत्या कर के सत्ता पर कब्ज़ा किया था और बौद्धो का नरसंहार किया !
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Desh.ke.gadar.logo.ka.kam.ta.us.samy.ka.lekin.ab.samy.aa.gaya.ha.Hbagwan.bugh.ke.raste.per.chalne.ka.her.gaw.me.hbagwan.bugh.kI.asthapna.kArne.ka.
@@sushantgawade5339 प्राचीन इतिहास पढ़ो सब कुछ है
Achcha aapke gyan chakshhu in logo ne khol diye
@@sushantgawade5339 in jhut failane Waalo ka kya kiya jaaye...
आप प्राचीन भारत के इतिहास को सामने लाने का प्रयास करते हैं इस कारण मैने आपके चैनल को लाइक किया। रोहित पटेल इलाहाबाद। जयमूलनिवासी ।
Ghanta mul niwasi budh vi rajput the ye ku vhul gai aur 99% buddhism upnisad ki copy ki gai ha
@@arbindkumarsingh1551 rajput the hahahaha
Romila Thapar writes that the lack of concrete archaeological evidence casts doubt on the claims of Buddhist persecution by Pushyamitra.
Jai moolnivasi jaibuddha
@@SandeepYadav-gx3nj aap chutiya Hain kya. Budh ka janam Kahan hua tha ? Budh banane se pehle kya naam tha? Kahan ke Rajkumar they?
सच्चाई को नष्ट नही किया जा सकता है सुन्दर प्रस्तुति है भगवान वुद्ध की करूणा आप दोनो पर सदैव बनी रहे
Budhha ne kabhi khud ko bhagwan nhi kha...
Brahmno ne hi budhha ko visnu ka avatar bnakr...buddhism ko fir se brahman ke control me la diya
इन के हिसाब से हिंदू ही क्रिमिनल थे, बकवास प्रेजेंटेशन
@@vijayjoshi2104 not hindu only Brahmin 👍 fact check ✔️ joshiji jarurat ke hisab se Hindu and malai khane ke time bramhin mandir me ka reservation sorry (khirat)😂q pandit ji
कौन सी सच्चाई चुतिया बना रहे हैँ दोनों
कैसे नहीं किया जा सकता सच्चाई को नष्ट।देखते नहीं जहां बौद्ध विहार था वहां राम मंदिर बनाया जा रहा है।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।काफी ज्ञान बर्धक । इसी तरह की ज्ञान बर्धक बातों को बताते रहने की कृपा करें ।सादर आभार ।
बहुत ही सरल, सटीक, सारगर्भित एवं सत्य विश्लेषण आप दोनों को बहुत बहुत शुक्रिया.... नमोः बुध्दाय.....
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
Bihar ka purana nam vihar
गधे हो तुम मुर्ख. कितना बड़ा झूठ और विरोधाभाष है इस कहानी में? इस्लाम के पैसे में बिके हुए हैँ ते दोनों. पहले बोला की हिन्दू धर्म में अशोक के पौत्र के समय ऊंच नीच था फिर बोलता है की पुष्यमित्र मनुस्मृति लाया. तो मनुस्मृति से पहले भेदभाव कैसे आया?
फिर कहानी बोला की बौद्ध भिक्षु को मारनें के लिए दिरहैम इनाम दिया गया. उससमय जब देश में तुरक आये ही नहीं थे तो दिरहैम मुद्रा कैसे आ गया?
अब सच खुलकर सामने आ रहा है, धन्यवाद प्रोफेसर मुकेश कुमार जी और पुन्यानी जी 👏
गधे हो तुम. कितना बड़ा झूठ और विरोधाभाष है इस कहानी में? इस्लाम के पैसे में बिके हुए हैँ ते दोनों. पहले बोला की हिन्दू धर्म में अशोक के पौत्र के समय ऊंच नीच था फिर बोलता है की पुष्यमित्र मनुस्मृति लाया. तो मनुस्मृति से पहले भेदभाव कैसे आया?
फिर कहानी बोला की बौद्ध भिक्षु को मारनें के लिए दिरहैम इनाम दिया गया. उससमय जब देश में तुरक आये ही नहीं थे तो दिरहैम मुद्रा कैसे आ गया?
आप ने बहुत अच्छी सीरीज शुरू की है। यह कार्यक्रम भारत के सच्चे एतेहास के संरक्षण के लिए मील का पथ्थर साबित होगा ।
सत्य और तथ्य पर आधारित ऐतिहासिक यथार्थ भारत के जनजन तक पहुंचाने का यह प्रयास सराहनीय है।
फिर हिंदू नामधारी कब बन रहे हो
@@brijeshkumarsavita4573 jis din Manusmriti jalai jaye aur Bhraminwad khatm ho.
Ha mohhmad ke bare me bhi kuchh sach jana hai kabhi ya nahi
Sidhe das (10.5) biwiya 6 saal se 60 saal tak ka pura callaction tha...
तुम जो satanic verses पड़ कर नफरत फ़ैलाने की कोसिस कर रहे हो पूरे दुनिया से तुमहरी सफ़ाई शुरू हो गए है।
बहुत बहुत धन्यबाद सर 🙏 बुद्ध धम्म का नष्ट कैसे हुवा साे जनकार देने के लिऐ 🌷शाधु शाधु शाधु 🌷
चर्चा बहुत अचछी है🙏💕
डा. पुनिया नी साहब से पूछें की, क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम था
पुष्यमित्र शुंग और राम पर चर्चा करेगें
आशा करता हूँ 🙏🙏👍
Yes ayodhya jo hai wo saket nagari hai bauddh nagari sare viharo ko tod kar mandir banaya gaya
Yes
रामायण मे अशोक वाटिका का जिकर है जो सम्राट अशोक की वाटिका थी जिसे अशोक ने अपने पुत्र महेंदरवरमन की लंका विजय के बाद बनवाया था
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
यह सच्चाई हर जगह हर इतिहासकारने छुपाई है पुश्यमित्र शुंग ही राम है और उसकी पत्नी का नाम भी सीता था,, और उसके नाम के सिक्के मिले हैं,,, और एक बात ध्यान दिजिये ,राम की मां को खीर खिलाने वाला शश्रिंगी रिषि था,,, शुंग, श्रिंग,,, और वाल्मीकउनका राजकवि था जिसने रामायण में उसका चरित्र ध्यान में रखकर किताब लिखी, वामन मेश्राम जी के भाषण सुनिये
Dr पुनियानी साहेब एवं प्रो.मुकेश कुमार जी इस जानवर्धक जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार।
Jankari nahi , Misinformation ke liye dhanyavad karo
शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
@@goo-lamokadoctor181 achaaaa..,..
बहुत सुंदर संदेश दिया है आपलोग ने इसके लिए आपको दिल से साधुवाद ।
पुष्यमित्र शुंग के समय में ही शिक्षा पर रोक लगाई गई कि अन्य लोग शिक्षा ग्रहण न कर सके।
bhai search karo PUSHYAMITRA SCIENCE JOURNEY, fir video dekho saari.
Kon kitab me padha h
मूरख यादवों ने पढ़ाई की कब है | की होती तो तो अक्ल आती |
Pushpamitra hi to the Aryan aakramankari
isi ke time manusmriti ka rachana hua.
धन्यवाद मुकेश जी आपने इतिहास के और बुद्धम के बारे में के बारे में इतनी अच्छी जानकारी दी
Reality of History
Sir barma main musalmano k sat jo hoa o kun hua.
Abe Aakde Kyun nahi dete Pushyamitra Shunga ne kitne Stupa tode..agar Muslim rajaon ke khilaaf badha Chadha kar likha Gaya hain to Pushyamitra Shunga ke baare mein bhi badha Chadha kar kaha gaya ho Sakta hain.
@@Spiritkill1 ये लोग Invaders के मानसिक गुलाम है , इनके मलिक Indian(Indus(Hindus)) civilization खतम करने आये थे..
अब इनके ये मानसिक गुलाम अब भी उसी काम पे लगे है..🤣🤣
इनसे सचचाई की उम्मीद मत रखो , बस गुलामी की उम्मीद रखो 😆😆
@@vijaypahwa6185 शुकर मनाओ की NEPAL मे हमेशा HINDU RAAJ रहा और वो ISLAMIC अकरांताओ से बचा रहा,वरना आज BUDDHA जन्मस्थान पे बौध्द मंदिर की जगह एक मस्जिद खडी होती ,और हमारे देश के मानसिक गुलाम उसे मुघलो का बनाया आठवा अजूबा बोलके देखने जाते🤣🤣🙏🚩🚩🚩🚩
सत्य हिन्दी नाम को चरितार्थ कर रहे हो....सत्य हिन्दी टीम को बहुत बहुत साधुवाद...👍👍🙏
ruclips.net/video/JukNHjdxvmQ/видео.html
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Ye manusmrit Sabse Ghatak hai
Saty hindi teem ko dhanybad
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
Dr Ram Puniyani द्वारा ऐतिहासिक संदर्भों का विश्लेषण काबिले तारीफ है जो बड़ी निष्पक्षता से स्थितियों को रखते हैं, बधाई के पात्र हैं
धन्यवाद मुकेश सर ईस सिरीज से हमे सच से अवगत कराणे ने के लिये
Bhagwan.budh.ki.niti.manusy.ke.liy.bahut.bahut.sunder.niti.sidhant.ha.manusy.me.ghenna.dagain.faside.ya.uch.nich.nahi.ha.bigan.se.jyada.june.ha.kis.tare.ke.baims.ya.ghenna.nahi.ha.desh.kI.unti.nischia.ha.
Thank.you.sir.
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
भारत में बौद्ध धर्म का फूल मुरझाया जरूर है
लेकिन इसकी जड़ें बहुत मजबूत है !
अतः बौद्धमय भारत का सपना एक दिन जरूर साकार होगा !
We are happy if Buddhism if Islam allows
Budh koi saudi Arabia ka nahi the wa yahi ka the aur rajput the yad rakna
You are right
Wud u think Islaam will let Buddhist live. Only Hindu fought over Islaam to save this country. Pakistan ke side Buddhism tha isliye sare Islamist ho gaye!! It does not mean that we don’t love ❤️ Budha . We love him a lot coz all this indigenous culture like Jain, Budha, Sikha are our pride. Hence we all hv to unite so that all our culture survive else Abrahmics religions and communist will finish us.
@@yash3963 अफगाणिस्तान मे भी वही हो गया. अफगाणिस्तानमे और इंडोनेशियामे पहला हिन्दुझम था बाद में बुद्धिझम और बाद में पुरा अफगाणिस्तान और इंडोनेशिया इस्लामिक राष्ट्र बन गये.
पुष्यमित्र शुंग की ही नीति तो वर्तमान सरकार चल रही है। आज भी सरकार लिंचिंग करने वालों का विशेष आदर करती है।
लिंचिंग के कारनामे तो आपके पूर्वज 1500 सालो से करते आ रहे है। हिन्दुओ ने थोड़ा सा चोर उच्चको को सबक सिखा दिया तो उसमें ही दर्द होने लगा
।
@@apoorvatrivedi1719 छल कही नही है कुरान मे न ईसलाम फैलाने मै आप लोगो के महाभारत से लेकर रमायण तक छल है डंडे के बल पर कुच्छ कहसकते लेकिन बात के बल पर उलटा जिड़ो हो
@@apoorvatrivedi1719 मुसलिम देश मे बना सिरियल ड्रामा है आ्रतुलगाजी देख लेना
@@ansarisultanansari5387 दुनिया भर में जो अब्राहमिक रिलिजन ओर मज़हब ऐसे ही फैले है। तुम सच देखना नही चाहते हो बस यही समस्या है। और रही बात रामायण और महाभारत की तो वो धर्मिक ग्रंथ नही है वो महाकाव्य है जो उस समय ओर घटनाओ का चित्रण करते है, गीता को भी धार्मिक ग्रन्थ नही कहा जा सकता है क्योंकि वो किसी एक के लिए नही बनी अपितु पूरे विश्व ओर मानव मात्रा के लिए बनी है। ओर गीता ही है जिस पर दुनिया मे कोई अंधा भी उंगली नही उठा सकता। और रामायण या महाभारत कभी पढ़ी भी है या बस ऐसे ही अपने मुल्लो की तरह धूल में लट्ठ घूमने आ गए।
कुरआन की कितनी आयते है काफ़िरो को मारो उनकी लड़कियो से बलात्कार करो और धन लूटो
आप दोनों को लाल सलाम। आप दोनों ने बौद्ध धर्म और पुष्प मित्र के बारे में विस्तार से बताया इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
जय चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान 🇮🇳🙏
बुद्धं शरणं गच्छामि 💐🙏
कलिंग के लढाई मे हजारो लोग मारे । हिंसा की ।
सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज ।
Mukesh ji and Dr. Puniyani ji dhanyawad sahi jankari ke liye
असली मौर्य तो चन्द्रगुप्त मौर्य था | वो तो सनातनी हिन्दू था |
चन्द्रगुप्त बड़ा राजा या अशोक ???? उत्तर है चन्द्रगुप्त |
बुद्ध कमजोर व्यक्तित्व का इंसान था इसिलए मौर्य कुल का नाश हो गया |
अब बोलो बुद्धं शरणं गच्छामि
@@AbhishekMaurya-gr7jg apne bhaiyo ko maar k Raja bna tha to tumhare liye mahan hoga hi 😂😂😂😂😂
इतिहास के बहुत महत्वपूर्ण तथ्य को पृस्तुत करने के लिए धन्यवाद
Thank.you.
खरोखर खरोखर बरोबर बोललेत फार छान जय भारत
डा.पुनियानी साहब को शत् शत् नमन।आपने सत्य, निष्पक्ष और ज्ञानवर्धक जानकारी दी।समतामूलक समाज की स्थापना के लिये बौद्ध धर्म ही सबसे उपयुक्त है,इसमें कोई संदेह नहीं है।
Bhai baudh dharm apnaoge ?
@@saurabhshah448 bharat ko bchana hai to sbko ek din koi na koi ek brabari ka dharam apnana padega
अैकंर महोदय आप को और
पुनयानी सर को
1000- बार सैलूट सच्ची और इतिहासक बात बताने के लिए आप का बहुत बहुत धनयवाद
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
बहुत बहुत धन्यवाद,, साहेब,जी, ईतनी सच्ची और पुख्ता जानकारी देने के लिए,🙏🙏🙏🙏🙏 i SALUTE YOU sir, 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 जय भीम,
नमो बुद्धाय,
जय संविधान,
जय मूलनिवासी,
मुकेश सर और राम साहब पुनयानी आप दोनो की परिचर्चा और सत्य हिंदी की पहल बेहतरीन है।
आशा करते हैं आज के राजनैतिक माहौल में आपकी आवाज़ दबाने का प्रयास न हो , शुभकामनाओं के साथ🙏🙏
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
@@sushantgawade5339 brahmin nee shudhra to khlsa film dekho
@@sushantgawade5339 duniaa barbad kar diya Kater Hindu Muslim jasse katerwad nee
@@sushantgawade5339 Itihas padho, sab pata chal jayega...
Khtm nhi kiya wo khud convert hue Islam k prabhav se ..
भगवान बुद्ध के बारे में हमने सुना बहुत अच्छा लगा बहुत सुंदर और अच्छी अच्छी बातें और दीजिएगा धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय
धन्यवाद...🙏🙏
प्रो. मुकेश जी और Dr. Ram puniyani jee... 🙏🙏🙏
Thank you so much for this information 🙏🙏🙏🙏
सारी चर्चा का पूरा निचोड़ और सचाई आखिर में है, अगर देश में बुद्ध धर्म होता तो आज देश उन्नत होता
Afghanistan aur Adhe Pakistan me BAUDH dharm tha, Islamic invasion ko jhel nahi paya
Agar desh me BAUDH dharm hota ,toh aaj bharat bhi Afghanistan aur Pakistan ki tarah ek ISLAMIC desh hota
Baudh kaise unnati karne dete?
Wo to khud kuch khate nahi the. Rahne aur sone ko pedon ke neeche ghar tha. Kapra ek lapete rahte the. Aur yehi sab karne ko samjhate the.
@@goo-lamokadoctor181 Afghanistan ki desert ki garmi se budh log Pakistan (jo bharat me tha us time) aur bharat agaye the.
Aur un sabko hindu rajaon ne atank faila ke genocide kar diya tha.
Thora sa "asli" wali history parh lo.
जैसे श्रीलंका म्यामार chinaa की हो रही है
इतिहास को आप लोगों ने बहुत ही अच्छे तरीके समझाया।
कोटि कोटि धन्यवाद।
Stop your leftists propoganda. Buddhist scriptures aur leftist writer over exaggerated books likhi h. Chutia mat banao. Buddhist Greeks ke sath mil gye the isliye Pushyamitra ne Buddhist monks ko pela tha. Shi history btao.
@@SanataniSabhyta.Inse pucho ki phir sunga ne stupa ki marammat kiyu ki
@@SanataniSabhyta.😂😂😂😂 han whatsApp history hi best hain 😂 baki left propaganda😂 dallo sudhar jao
@@SanataniSabhyta.Motherchod kutte ki aulad Brahamin gunde Tera murder hona chahiye
@@SanataniSabhyta.Toh tere baap mughlo k sth mil gye hoge islye Nalanda jalaya hoga hna?..ya boddh mil gye hoge mughlo k sth islye fr tmhri ma bhno ko pela hoga unhone?
सच्चे इतिहास की जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
Ram Puniyani is an idiot like Mukesh Kumar. Both are spreading lies. Pushyamitra Shunga patronized the Buddhist Viharas and did not kill any Buddhist. The idiot Puniyani and dumbass Kumar make reference to a 16th century Tibetan monk Tarnath who wrote a book against the Shungas 1600 after the death of Pushyamitra Shunga. No scholar in the world believes in Tarnath’s account. Instead the Shungas patronized the Buddhists and their Viharas as the Viharas having been situated on Dakshinpath and Uttarpath facilitated trade.
Don’t follow idiots like these instead read from Oxford or Cambridge texts.
Ye sacha itihas nhi hai
इतिहासिक नालेज को मेरा सलाम जयभीम जयभारत जयबसपा
बौधों की लडाई,बौधिक/वैचारिक लडाई थी जो अनततह समाज के विकास में ही सहयोगी थी।पुष्यमित्र की लडाई खूनी संघर्ष था।
Thank.you.
शुंग आयेगा
बहुत अच्छा
Pushmitra k bccho ne aage jaake rss and bajrang dal bna li
@@lalupursingh7472 kha ayega sungh ? Haa re jodha k bhatije
इस सच्चाई को जान कर बहुत दुख हुवा मौजूदा दौर में यही हाल मुसलमानो के साथ हो रहा है
रामपुण्यानी सर आपको सैल्यूट, बड़ी सरलता से आपने देश को सच्चे इतिहास से अवगत कराया,
Ye log satya hindi bolkar asatya failate hain..
Ram naam rakh kar jhuth bolte hain..
अपना नाम ही बदल देते
राम 😅
भाई लोग अभी भी वक्त है
इनलोगो को जो राम नाम रख कर जूठ बोल कर लोगों को गुम राह कर रहे है
सत्य चैनल बनना कर बुद्ध और भीम की आत्मा को दुःख दे रहे हैं
इन दोनो को बुद्ध से अगर प्रेम होता तो ऐसी बातें नहीं करते
ये लड़ाने का काम कर रहे हैं
अहिंश के नाम पर हिंसा फैला रहे हैं
ऐसा काम कर ने वालो को मुस्लिम समुदाय से कोई समस्या नहीं जिसने बुद्ध के मंदिर तोड़े
या फिर ये खुद उनकी संतान लगते है क्यों कि इन लोगो को ये पता नहीं की मुस्लिम राज्य में कई तरह से कमजोर वर्ग को शोषित पीड़ित किया बलात्कार किया
DNA test करवाओ भाई बाद में चैनल पे बात करवाओ भाई
जरा देखो तो कही ये लोग अरब DNA तो नहीं
क्योंकि एक भारती वो भी बुद्ध प्रेमी ऐसे धर्म की बात नहीं करेगा जो अपने ही लोगों को गलत बता रहा है
ये बात भी तो सच है की अगर पुष्यमित्र शुंग नही होता तो दुनिया में हिंदू धर्म का कही अवशेष भी नही मिलता।
Sale tum Aryans ho invasion
Tum Aryans ho
मैं बुद्ध को फॉलो करता हूं❤ हां हम लोग हिंसा नहीं करते❤ लेकिन कोई नहीं मान रहा है और जबरदस्ती चढ़ बैठे तो फिर हम लोग लाशों के ढेर बिछ देते है❤ जय भीम 🇮🇳 जय भारत🇮🇳 नमो बुद्धाय ❤
aur dusre log gand me hat dalkar bhag jate hsi kya tumhare khauf se 😂😂😂
@@RishabhKumar-b6s Great Bhai ji 👍❤️🧡💐🙏💯🕉️🛐⚛️💟🐎🦣🦚🦜🌑🪐🙈🌘🌗🌖🌕🌔🌓🌒🌏🌎🌍🌌🌠🕳️🌟⭐🌜🌚🌝🌞
बुद्धिस्ट हिंसा को नहीं मानते हैं तो इसकी जानकारी आप रोहिंग्या में से ले सकते हैं और श्रीलंका के तमिल हिंदुओं से ले सकते हैं
अति महत्वपूर्ण भारतीय साहित्य की सही जानकारी दी आपने ,आपको साधुवाद।मंगलकना।
ऐतिहासिक जानकारी देने के लिए धन्यवाद। राम पुनियानी सर आपके विचार मुझे बहोत अच्छे लगते हैं।
Brahmin.aur bodho ka takrav hua dokhe sa Breadrat ka senapati puspmitery sung na dikhe sa Raja ka vadh kiya aur bodho ka katleaam kiya bodh ka shir head ko lane per 100 dinar inam bad ma kha gya ki vakya ma bodh ka katal kiya to bodh ka head ko Kil loha ka road per marna jaruri kiya gola patak kar marna ya partha tabhi sa ha
बिल्कुल ग़लत जानकारी दी गयी है।
जिस अखंड भारत की कल्पना आचार्य चाणक्य ने की थी, उनकी मृत्यु के बाद वह परिकल्पना धुॅंधली होने लगी। मौर्य वंश के शासक वैदिक धर्म के प्रति उदासीन होने लगे। चन्द्रगुप्त मौर्य, जैन धर्म का अनुयायी हो गया था। चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार ने स्वयं आजीविक सम्प्रदाय से अपनी दीक्षा ली। इसके बाद बिन्दुसार का पुत्र अशोक राजगद्दी पर विराजमान हुआ। भयंकर हिंसा करके अपने साम्राज्य का विस्तार करने वाला सम्राट अशोक अहिंसक हो गया। उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इसके बाद अशोक का पूरा जीवनकाल बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में व्यतीत हुआ।
जब पूरा विश्व सीमा विस्तार के संकट से जूझ रहा था तब अशोक की अहिंसा ने भारतवर्ष की वीरता पर गहरा आघात किया। अशोक ने 20 वर्षों तक एक बौद्ध सम्राट के रूप में शासन किया। इसी कारण पूरे भारतवर्ष का शासनतंत्र निर्बलता की भेंट चढ़ गया।
मौर्य वंश के शासकों का दूसरे पंथों की ओर झुकाव गलत नहीं था। यह उनका निजी विषय था, किन्तु शासनतंत्र की सहायता से भारतवर्ष के सनातन धर्म को क्षीण करने का कार्य करना गलत था। भारतवर्ष के वैदिक अस्तित्व पर बौद्ध पंथ की शिक्षाओं को थोपना गलत था। भारतवर्ष अहिंसा की चपेट में आता जा रहा था। भारतीय सनातन धर्म से विरक्ति की यह प्रक्रिया मौर्य वंश के अंतिम शासक बृहद्रथ तक चलती रही।
बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में भी बृहद्रथ प्रतिज्ञादुर्बल कहा गया है क्योंकि राजगद्दी पर बैठते समय एक राजा अपने साम्राज्य की सुरक्षा का जो वचन देता है उसे पूरा करने में बृहद्रथ पूर्णतः असफल रहा।
मौर्य साम्राज्य निरंतर दुर्बल होता जा रहा था और बृहद्रथ के शासनकाल में यह दुर्बलता अपने चरम पर पहुँच चुकी थी। अधिकांश मगध साम्राज्य बौद्ध अनुयायी हो चुका था।
इन सब के बीच यह खबर आई कि ग्रीक शासक भारतवर्ष पर आक्रमण करने की योजना बना रहे हैं। पुष्यमित्र शुंग जो कि बृहद्रथ का सेनानायक था, इस बात से व्यथित था कि एक ओर शत्रु आक्रमण के लिए आगे बढ़ा चला आ रहा है और दूसरी ओर उसका सम्राट किसी भी प्रकार की कोई सक्रियता नहीं दिखा रहा है।
पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर प्रयास प्रारम्भ किया। उसे अपने गुप्तचरों से शीघ्र ही यह सूचना मिली कि ग्रीक सैनिक बौद्ध भिक्षुओं के वेश में मठों में छुपे हुए हैं और कुछ बौद्ध धर्मगुरु भी उनका सहयोग कर रहे हैं। इस सूचना से व्यथित होकर पुष्यमित्र ने बौद्ध मठों की तलाशी लेने की अनुमति माँगी, किन्तु बृहद्रथ इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
फिर भी पुष्यमित्र ने अपने स्तर पर कार्यवाही की। इस कार्यवाही के दौरान पुष्यमित्र और उसके सैनिकों की मुठभेड़ मठों में छिपे शत्रुओं के सैनिकों से हुई। कई शत्रु सैनिक मृत्यु के घाट उतार दिए गए। बृहद्रथ, पुष्यमित्र की इस कार्यवाही से रुष्ट हो गया। वह पुष्यमित्र से भिड़ गया।
एक ओर शत्रु भारत विजय का कुस्वप्न लिए बढ़ रहा था और यहाँ भारतवर्ष का सम्राट अपनी सीमाओं की सुरक्षा में लगे सेनानायक से संघर्ष में लगा हुआ है। अंततः सम्राट और सेनानायक के संघर्ष में सम्राट मृत्यु को प्राप्त होता है। सेना पुष्यमित्र के प्रति अनुरक्त थी। पुष्यमित्र शुंग को राजा घोषित कर दिया गया।
बहुत बहुतधन्यवाद मुकेश जी और पुनियानी जी ऐसे👌👌👌👌👌👌👌👌 ज्वलंत विषय पर चर्चा करने के लिए। 🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹🌹 कृपया इस देश का नाम भारत है हिंदुस्तान न बोले🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बिलकुल सही बात कही आपने ये भारत है हिन्दुस्तान नहीं जय भीम जय भारत।
Puniyani ji ek sach aur ache jankar
Etihaskar hai
Lekin ye sab logon tak der se pahuche
आप जीसे भारत कह रहे है वह आज अफगानिस्तान का हिस्सा है आज जो भरात है वह 15 /8/1947 को बना । हां मौर्य काल मे वह मगध सामराज्य था हिन्दुस्तान नही जो बहुत विशाल था । हिनदुस्तान का जनम 11वीं शताब्दी मे दिल्ली मे हुआ और 17वीं मे पुरण हुआ फिर INDIA का जनम हुआ और वह 19वीं मे विस्तार हुआ फिर भी मगध से छोटा था फिर 20 वीं मे चार टुकरों मे बट गया ।
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Desh.ka.name.hbarat.ha.desh.ke.sahbi.nagrik.Hbaratiy.ha.
Thanks to Mukesh sir for arranging this talk !
पुष्प मित्र के बारे में बहुत अच्छा बताया सीरीज़ द्वारा अच्छी जानकारी मिल रही हैं आप बधाई के पात्र हैं। धन्यवाद!
Ha mohhmad ke bare me tu bata de...
Aiyyas aur sex ki zahniyat wala , ghatiya janwar
Sadhde das (10.5) biwiya le kar maje lootne wala
Maal E Gnimat
Yes people must know the mohamad and Islam responsible for killing of billion of people. Now world start eleminating Islam.
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
आप को भारत की सच्ची इतिहास के विश्लेषण के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् आप से निवेदन है कि भारत के सच्चे इतिहास के इसी तरह के विडीओ बनाए जिससे झूठे इतिहास का पर्दाफास हो सके।
Jhooti itihas konsa...ye kisi ne kuch chupaya hi nahi h .. communists ki tarah nahi h..
Never knew that Buddhism was destroyed by a Brahman ruler.
History is really very deep. Really got to learn new things.
আঋঋম
Don't get mislead
@@bhairavichaudhary6274
Please share some gyan you have so that i dont get mislead.
@@zed_plus Don't be lazy. If you are really sincere pick up the books and do the reading. You might get to start with the wrong books but keep on reading and sooner or later you will also get to the right ones. Don't think anyone can give you GYAAN in a youtube comment. I hope you are not such an idiot to assume such q thing.
Fake stories by commie mindset people to divide the people
We need such kind of real history for next generations to know what was happened in past. Thanks and hats off to Dr. Ram Puniyan Sirji. He is a great historian and researcher.
❤ same to you
पुष्यमित्र शुंग ने अंतिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्य कर ,उनको पदस्थ कर 'शुंग' वंश की नींव रखी । बुद्ध धर्म जो मेजोरिटी में था भारतीय उपमहाद्वीप में उसके पतन की शुरुआत की थीं ।
Absolutely right.
This man communist totally propagate propoganda
Engineer Stalin, You are right. पुष्यमित्र शुंग की वजह से बुद्ध धर्म का ही पतन नही हुआ बल्कि भारत की सोने की चिडिया की छवि का भी ह्रास हो गया। तब से आजतक भारत उस स्तर तक नही पहुंच पाया। उल्टे आक्रांताओं ने आकर भारत को लूटा और हमें 1000 सालों तक गुलाम बनाया ।
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
Pushy Mitra k aulad (brahman) bharat chhodo
सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता है 🙏🙏
jin nich canvrted dhedo ke pas jumle ke siva kuch nahi o kya saty aasaty ke bare bole.😂😂
हो रहा है
ये दोनो कर रहे है
बुद्ध और भीम की बजा रहे है
राम पुनियानी बुड्ढा होने के बाद भी झूठ बोल रहा है इस हरामखोर सूअर को पता नहीं है बौद्ध धर्म से पहले 1000 वर्ष पहले पुष्यमित्र शुंग पैदा हुए थे सम्राट अशोक के समय में पुष्यमित्र नहीं पुष्यमित्र सॉन्ग सम्राट अशोक के पोते के समय में भी नहीं थे पौधों को अगर पुष्यमित्र शुंग ने मारा है तो गोरा होने स्वर्ग से जाकर मारा होगा क्योंकि कोई भी आदमी हजार साल जिंदा नहीं रह सकता
isi ke time manusmriti ka rachana hua.
@@rajshrishahuraje4395 comme to Awaze haq Uncensored for debate tonight 10 pm
अच्छा टॉपिक इस चर्चा मे शामिल करने के लिये सत्य की खोज का तहे दिलं से शुक्रिया.आपको औंर जानकारी प्रो.विलास खरात की औंर से प्राप्त हो सकती है,सर आपसे निवेदन है आप उनको भी निमंत्रित करे 🙏
Satya Kya hai? Apney paya ya nahi abhi Tak?
Aur paya to Kya paya?
बौद्ध धर्म ,मानवीय स्वंतत्रता, सामाजिक समानता, जनवेदना पर संवेदनशीलता का प्रतीक है।
Chagez Khan Budhism ka follower tha aur poori dunia mein jo usne budh dharam ke nam par jo katle aam kiya hai sharm ko bhi sharm aati hai.
@@bittooaman4320 changez khan Buddhist nhi tha....wo Tengrism religion ko follow karta tha
@@bittooaman4320 andh-bhagat bas WhatsApp wala andha prachar karta rahegaa
@@bittooaman4320 चुप रहने से बेवकूफी छुप जाती है
Reservation abolished karne ke liye andolan kab karoge aise Maan nahi milta karam to karna padega aur tyagi bhi banana padega tabhi humare saath baith paoge
बहुत बहुत धन्यवाद मुकेश कुमार और रामपुनियानी सर सच देश को बताने के लिए।
जय भीम जय कबीर जय मुलनीवासी
ruclips.net/video/JukNHjdxvmQ/видео.html
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
as a history student what he saying.. It's just propaganda... I talk historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
उत्तम एवं सटीक विश्लेषण।
85%+ Bahujaan samaaj sunn lo budh ki or chalo ab... Hindu mahrrx..d hote hai... Bra man.. Rajchu" ke jaise hi...jaat me Believe aaj adivasi Christan bana aur pura samaaj educated hua...aur thought change hua... Is liye Change krna hi hoga. Budh ki or chalo....🙌🏾🙏💙.... Namo budh...😍❤.. Thnku.. For This gyan sir..
❤
बहुत ही विचारोउत्तेजक परिचर्चा
सत्य का सामना
जनता को किसानों को व्यापारियों को लूटा जाता रहा। चौथ लगान इस्लाम से पहले से ही था।
To galat mentality to rehti hi hai..usko galat bhi bolte h na log..
यह चैनल के संवाददाता को कोटी कोटी काल आरान्तोना सेवा सेवा जोहार।
जय गोंडवाना गणतंत्र प्रजातंत्र गणराष्ट्र कि सत्ता शासन व्यवस्था को संवर्द्धन करना अनिवार्य है।
ये एक पहलू है पुष्यमित्र शृंग के जीवन और कालखंड पर। मैने एक श्री राजीव पटेल लिखित " वैदिक युग का घालमेल" पुस्तक पढ़ी उसमे कुछ बिंदु इसके विपरित प्रमाण बताते हैं।
१ ऊनके अभिलेख पर न ब्राह्मण या संस्कृत का प्रमाण नहीं।
२. उनके समय दक्षिण में सतवहन राजा का साम्राज्य था जो बुद्ध धम्म के अनुयाई थे।
३ पुष्यमित्र ने चीनी साहित्य के अनुसार सारनाथ स्तूप की मरम्मत करवाई थी।
४. शृंग के बाद सभी शासक जैसे मिलिंद (रोमन मूल) शक, कुषाण, पहलव, गुप्त, हश्वर्धन पाल सभी बुद्ध धम्म के अनुयाई थे। इनके अभिलेख पर या पुरातत्व नमूनों से कोई भी संस्कृत या महाविद्यालय का सबूत नहीं।
पाल वंश के समय धीरे धीरे वैदिक और वर्ण विभक्ति की शुरुवात हुई।
मैं कोई एक्सपर्ट नही। 😃सिर्फ जो पढ़ा वो बताया 🙏
धर्म एक ही है समानता,न्याय,निती, सदाचार.
बहुत शानदार,।ऐतिहासिक और वास्तविक जानकारी देने के लिए आपको साधुवाद।
यदि पत्रकार इसी तरह वास्तविक इतिहासिक सच्चाई को बताने लगे तो निश्चित रुप से हम भी जापान सिंगापुर की तरह विकसित हो जाएंगे।
चलो बुद्ध की ओर
चलो
Very sad knowing this fact. I used to always ask how Buddhism completely vanished from Indian Subcontinent ?! Thank you for shedding some light on Buddhism.
भगवान bhudh तो एक चींटी भी नही मारते उसे भी हिंसा कहते थे
पर धन्य है बुद्ध धर्म वही पनपा जहाँ लोग छपिकाली,कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ तक को मार कर खा जाते हैं।
धन्य है
❤
જો ધર્મ પહેલે થા એના ઉપર અશોક રાજાએ બહુ જ ધર્મ સ્વીકારી ધર્મ બદલો તો તે સમય નો હિન્દુ ધર્મ સમાજમાં સુકૃત નહોતો શા માટે બૌદ્ધ ધર્મ લાયો ફેરફાર કરવાના કોઈ ખાસ કારણો સમાજની માંગણી હતી જો સમાજની માંગણી ન હોય તો પછી બૌદ્ધ ધર્મ લાવવાની શું જરૂર હતી સમાજ તેના પ્રો વર્તમાન ધર્મોથી અસંતુષ્ટ હોય તો રાજાએ ફેરફાર કરવો પડે
It's vanished because buddh was sanatani only but some ppl like ashok made buddh sepret frm sanatan and made different relegion soo this all happend and who did this all... Humans 💯
@@abhijeetjadhav7171 stop spreading lies you have no idea what you're talking about, so shut up
पुष्यमित्र शुंग एक बहुत ही घटिया राजा था जिसने हजारों लाखों बौद्ध भिक्षुओं को मौत के घाट उतार दिया😢😢😢
अशोक ने लाखो जैनियों का सिर कटवाया था उन्हें क्या कहेंगे
बहुत मार्मिक चित्रण किया। धन्यवाद सर।
गजब स्टेटमेंट "मध्यकाल में शांति और मेलजोल के कारण सिख धर्म का उदय हुआ"
स्वघोषित इतिहासकार
गुरुनानकजिका जन्म 15 एप्रिल,1469 मे हुवा।और हिंदू शब्द का प्रचार और प्रसार 1918 के बाद हुवा जब साऊथ बिरो कमिशन भारत आया। खुद दयानंद सरस्वती ने कहा है हिंदू मुगलोने हमे दि हूवी गाली है हिंदू का मतलब गुलाम। इसलीये हम इसका विरोध करते है। और इसलीये 10 एप्रिल 1875 को आर्य समाज की स्थापना की।हिंदू धर्म एक मजाक बन गया है।बाल हनुमान सूरज को निगल गया।ब्रम्हा के मुखसे ब्राम्हण पैदा हुवा।क्षत्रीय बहोसे,वैस्य कमरसे,शुद्र पैर से।इंसान ने पागल होणा लेकिन ब्राम्हण से कम होणा।
Tbhi Sikh guru ke baccho ko diwar me chunwa diye Prem me 😂😂😂 ahm brmshim....
Sikhism islam aur hindu dhram ka mixture hai toh mixture dharmic sahishduta se hi Paida hota hai.
आप जैसे व्यक्तियों की बहुत जरूरत है इस समाज को एकात्मकता एकरूपता देने के लिए इस समाज को,, सत्य कहा आपने धन्यवाद।।
त्रिलोक पाठक जी ए! राम पुनियानी और ए! प्रश्नकरने वाले एदोनो भारत का केन्द्रीय मुल्य मान्यता ओको विरोध कररहै यिनको आपने कैसे समर्थ कर रहै है कृपया उत्तर देदिजिए! मेरेख्यालसे ए!दोनो व्यक्ती किसि पश्चिमी दुनिया मतलब युरोप अमेरिकि ओका एजेण्ट लगते है। यिनहोने मुसलमान नो ने भारतमे कुछ नही किया उससमयमे सारे युवाओको भड्काके बौद्ध भुक्षुबनाए ।यहनही रोकाजाता तो भारत दोहजार साल पहले साराकासारा भारत वर्ष गुलाम नही हो जाता आज स्वतन्त्र भारतमे भारतीप्राचीन सभ्यताको विरोधकरने वाले लोग क्या सचमुछ एक असल नागरिक है? एपोरेके पूरे मेरे ख्यालमे एजेन्ट है भारतीसमाज को भ्रम सिर्जना कर रहे हैं।
Ese log honge to logo k beech dwash hi badhega. Ku ek community k khilaaf zehar ugal rahe ho
अपनी मैया के लिए,?
ओ,बाप रे,एक साथ दो..?
बेचारी मैया,कितना बेशरम, बेरहम बेटा पैदावार..?
बौद्ध धर्म समाप्त होने के कारण को आपने बहुत ही अच्छे ढंग से समझाया और एक बहुत अच्छी सीख थे इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी आपने हमे मनुस्मृति ओर पुषयमितृ शुगं के साथ सत्य भारत के इतिहास के बारे मे विस्तार के साथ बताया सर आपका बहुत-बहुत स्वागत है
जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रगुजार हूं नमो बुधाय!!
ये बुद्ध का अपमान कर रहे हैं
बुद्ध धर्म की लड़ाई नहीं लड़े
ये युवा को लड़ाने पे तुले हैं
अच्छी जानकारी युक्त चर्चा 👍🙏
Lakho.thank.you.
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसमेही जवाब छुपा हे।
तो अब बात करते है कि फिर बौद्ध धर्म कब अस्तित्व में आया ,
"भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के 150 वर्षों बाद उनके ब्राह्मण अनुवाइयो ने बुद्ध के संदेशों को धर्म के रूप में परिभाषित कर एक अलग धर्म और व्यवस्था की नींव डालने का प्रयास किया "
आधुनिक बौद्ध धर्म असली ब्राह्मण धर्म इस लिए भी है , की इसमें सबसे अधिक किसी बात की चर्चा है तो , ब्राह्मण की ।
ब्राह्मण क्या ,और कैसे पर ही पूरा बौद्ध धर्म टिका है ? गंभीरता से अध्ययन करे तो ब्राह्मण ग्रथ है बौद्ध साहित्य ।
वर्तमान में नवबौद्ध जो बिना बूद्ध को जाने ही बुद्ध नाम का सर्टिफिकेट धारण किये है अगर इनकी दलील सुने तो बिलकुल अलग नजारा है। यह हर सभा मीटिंग में चीख चीख कर कहते है कि बौद्ध धर्म ब्राह्मण विरोधी धर्म है और ब्राह्मणों के खिलाफ बुद्ध ने बौद्ध धर्म बनाया था। यह बिलकुल ही बचकानी बात है जो वास्तविकता से मेल नही खाती क्यों की बौद्ध ग्रन्थो का अध्ययन करे तो ब्राह्मण क्या और कैसा हो यही सबसे प्रमुख विषय है उसका । और अगर मान लिया जाये की बुद्ध का धर्म ब्राह्मणों के खिलाफ था तो इस धर्म को हवा पानी किसने दिया , इस धर्म के बारे में हम आज जितना भी जान पा रहे है उस जानकारी का स्रोत किस्से प्राप्त हुवा। बौद्ध ग्रथों की रचना किसने की जिससे हम बुद्ध को जान पाये और समझ पाये।
सवाल यह भी तो बनता है कि इस बौद्ध धर्म के संवर्धक कौन थे?
आप अध्ययन करे तो पायेंगे की गौतम बुद्ध के प्रथम 5 शिष्य में 4 ब्राह्मण , बुद्ध के प्रिय शिष्य अग्निहोत्र ब्राह्मण , प्रथम द्वितीय तृतीय बौद्ध संगतियों के आयोजक ब्राह्मण , बौद्ध विहारों के लिए सर्वाधिक भूमि दान करने वाले ब्राह्मण , बुद्ध से पूर्व 27 बौद्धों में 7 ब्राह्मण, सभी बौद्ध साहित्यों के रचनाकार ब्राह्मण , बौद्ध धम्म के सभी सम्प्रदायो यथा महायान हीनयान और बजरायन के सूत्रधार भी ब्राह्मण ,, तो क्या समझे आधुनिक बौद्ध धर्म की नींव ही टिकी है ब्राह्मण पर अगर इस धर्म से ब्राह्मणों के योगदान को निकाल कर फेंक दे , बौद्ध धर्म में कुछ भी नही बचेगा क्यों की यह धर्म ही ब्राह्मणों का बनाया हुवा है।
यहा देखिये
Buddhists born to Brahmin families
There have been various notable Buddhists born to Brahmin families. Some like Sariputra and Maudgalyayana were the Buddha's disciples, while some like Bodhidharma were missionaries spreading Buddhism beyond India. Others like Asvaghosa were poets; others like Chandragomin were grammarians. Both Sramanas and Brahmanas (whether Sramana or not) are important in terms of spirituality.
महायान(नार्गाजुन, अश्वघोष)
थेरबाड (बुद्धघोष)
वज्रयान(पद्मसंभव)
तिब्बत बौद्ध(पद्मसंभव )
चीना बौद्ध(कुमारजीव )
जेन बौद्ध(बुद्धिधर्मा)
कुंग फु(कुमारजीव)
वे ऑफ बुद्धिस्त्व(शांतिदेव)
बुद्धचरित (अश्वघोष Asvaghosa )
हरिता धम्मसुत्रा (हरित)
शून्यता अवधारणा (नार्गाजुन)
सेकेँड बुद्धा (बसुबंधु)
यमनतका तंत्र (कनका)
वज्रयान-दवान्ताऊ-विकास्ना (ज्नानश्रीमित्रा )
यह सभी ब्राह्मण ही थे , और बौद्ध दर्शन के उत्थान में जितना इनका योगदान है उतना किसी का नही , अगर कहे की बौद्ध धर्म का कॉन्सेप्ट इनका ही था तो यह अतिश्योक्ति नही होगी । क्यों की अगर इन ब्राह्मणों और इनके योगदान को बौद्ध दर्शन से अलग करते है तो इस दर्शन में कुछ भी नही बचता क्यों की तब न बुद्ध समझ में आयेंगे न उनका दर्शन।
@@RajeevRanjan-uk6bx videshi 😂😂😂 Gaumutra sevi 😂😂😂
बहुत बहुत धन्यवाद, मेरे उस प्रश्न का उत्तर मिल गया जो था कि आखिर भारत से जाति क्यों नहीं जाति, अर्थात जब तक मनुवाद के समर्थक रहेंगे तब तक यह देश जातिवाद का गुलाम रहेगा।
@@RahulYadav-bg4jj आर्थिक मागास म्हणजे आजचा अस्पृश्य आहे जातीच्या लफड्यात पडून स्वतःच नुकसान करून घेतेत लोक मुदामून मी ह्या जातीचा आहे हे दाखवतात
Jaatiwaad har samaj mein hai koi yadav apni beti ko dalit se shadi karne nhi dena chahta hai iska sabse bada example milega lalu yadav ke bete ki shadi mein wo dusre caste se thi tab apne pariwar ke logo ne hi uski ninda ki aur aaj ke dalit mein bhi paya jata hai rajasthan mein meena community ne ek ati pichde dalit ko ghode pe baithne nhi diya shadi ke dauran jabki meena bhi dalit mein hi aate hai kewal brahmano ne hi ye nhi banaya hai har warga ne milkar banya tha ye yadav ke pass bahut jada jamin hai up bihar mein kyu nhi wo jamin dalito mein baatate hai?
Aapke purwaj yaduvanshi ke bare me kya kahoge jinhone mahabharat me mata satyawati jo ki nishad jati se thi unka pura vansaj mita diya.
@@RahulYadav-bg4jj ha hai aur bhi rahege bol kya karega
पुष्यमित्र शुंग ही आज के राम है
वाल्मीकि राजकवि थे शुंग के दरबार मे।
Birth of ram according to astrology 12125bc, 14125 before year
Rt
Bewkuf
@@rameshchandrana2145 तेरे से बड़ा?
बहुत ही सुंदर वर्णन किया सर आपने बहुत-बहुत धन्यवाद सच्चाई को उजागर करने
Thanks!
बुद्ध धर्म मे समानता की बात थी। लेकिन मूर्तिपूजा नहीं थी। उसी समय जैन धर्म भी काफी बढ़ा।
दोनो धर्म मुतिपूजक नहीं थी।
गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी की मूर्तियां, उनके संसार त्यागने के 200 वर्ष बाद बनी है।
Galat, islam aur christianity main bhi a.c 1000 tak murti puja thi.
Pura itihaas pad bhai , buddh or jain koi dharm nahi hai ye ek padati hai jo sanatan se nikli hai kyuki log dharm ko follow karte hai lekin use purntah se nibhate nhi kyuki hum log aam log hai lekin mahavir swami or siddharth ne use ache se sanatan dharm ko follow kiya hai isliye log unke kiye hue ache kamo ko mante hai lekin agar tum khud mahavir ya siddharth ko puchoge ki tum kis par vishwas karte ho to vo bhi tumhe shiv-shakti ka hi naam bataenge. Jese logo ne inki murthi banai hai vese hi logo ne use follow krne wale ko buddh or jain dharm ka naam diya h jbki dono mahan atma ne swayam ye dharm ka byaan nhi kiya.
@@Indisword
Dekh lo bhaiya what's app university ka gyan A.C. 1000 tak🤣
B.C.padha A.D.padha authentic books me Inhone what's app university pr A.C. padh liya matlab kuch bhi 🤣
Islam me kabhi murti puja nhi thi
Baaki what's app university ke message padhoge toh phir isi trh be sir pair ki baat karoge 🙄🤔🤔
@@NadeemKhan-bz8hb Are bhai A. C After Christ hota hai, madrasa main nahi padhe kya. Are A. C chodo. Aaj tak tum soye huve murti , kabar ki puja karte ho woh bhi har gali main. Woh kya murti puja se alag hai?. Pehle apne aap ko aur fir apne baap ko samjho.😀
@@nks6188
सनातन नाम का कोई धर्म है?
ए तो जैनोसे चुराआ हुआ है
नाम ढंग बदलके
सनातनीओने ऋषभदैव आदीनाध जो
जैनोके प्रथम तिर्थकर है
उनको ही
शंकर बना दिया है। कैलास केदारनाथ और
बद्रीनाथ मंदीर इसके सबुत है
बाकी तो काल्पनीक कहानीआ है।
आपको और आपकी सच्ची और ईमानदार पत्रकारिता को सत सत नमन। नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय संविधान।
as a history student what he saying.. It's just propaganda... as a history student I talk with historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
Jai Shri Ram
सच्चा इतिहास बताने और सामने लाने के लिए और ब्राम्हनो की सच्चाई सामने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर... और मैं St Sc Obc minority को हाथ जोडकर निवेदन करते हैं इन बातों को समझे और गम्भीरता से लें
Bhat saale
और मुस्लिम को इस अहिंसा के कारोबार का निमंत्रण नहीं दोगे ? हाय अल्लाह ऐ क्या हुआ? 😅
हमें विरोध ब्राह्मणों का नहीं करना चाहिए हमारा असली दुश्मन तो ब्राह्मणवाद है ब्राह्मणवाद ही जहर है
दोनों लोगों को कोटि कोटि प्रणाम, सचाई उजागर करने के लिए, सबका निचोड़ यही है पुष्य मित्र शुंग से पहले सनातन का नामो निशान नहींं था, बौद्ध धर्म की जड़ें बहुत गहरी हैं,
Sanatan nam hi batata h wo anant kaal se tha...bade Buddhism ki kade gehri h to
Aur jo bhi Buddhism h wo sanatan ka bhag h
राम मंदिर की खुदाई में बौद्ध मंदिर के प्रमाण मिले है जो की बौद्ध द्वारा हिन्दू मंदिर को सभी जगह तोड़े गए थे और इसी की वजह से बौद्ध मंदिर और स्मारक, सपूत तोड़े गए है।
Ho sakta hai ki wah bhi boddh mandir tha
पुपमित्रसुंग brahmanbadio ka icon tha jo puri tarah shoshankari वेवस्था ka palak tha । aaajbhi wahi system sarkar apna rahi hai yah jhuthi hawala dekar ki bharat me hindu khatre me hai ।desh ke wastavik विकास हेतू बुधिस्म की ही जरूरत है । न kibrahmanwadi व्यवस्था का। ।
@@awdheshkumarsingh3481 Bhrahman galat hain iska matlab ye nahi ki islamic atank ke saamne aankh band kar le. Hindu dharm is desh se jana chahiye par islam aur bhi jyada khatarnaak aur ghinona hai.
Bamiyan ke Buddh statue ko bachane kyon nahi gaya ye Nakali Buddhist... Bakchodi kar raha hai
पुष्यमित्र ही तो राम है। जिसने यहां के अन्य छोटे छोटे राजा थे उन्हें भी राक्षस घोषित कर मार दिया गया ।उसे आज तक साल दर मारा या जलाया जाता है।
यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था।यह सच है कि महाभारत की तरह रामायण भी तीन संस्करणों से गुजर चुकी है। महाभारत में रामायण के दो प्रकार के उल्लेख मिलते हैं। एक मामले में संदर्भ लेखक के किसी उल्लेख के बिना रामायण का है। दूसरा संदर्भ वाल्मीकि की रामायण का है। लेकिन वर्तमान रामायण वाल्मीकि की रामायण नहीं है। श्री सी.वी. वैद्य की राय में: "कि वर्तमान रामायण, भले ही इसे खोज और सर्व-सम्मानित टिप्पणीकार कटक द्वारा अनुमोदित और अपनाया गया है, मूल रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण नहीं है, यहां तक कि सबसे रूढ़िवादी विचारक का भी निपटारा नहीं किया जाएगा। शक करने के लिए। जो कोई भी सरसरी तौर पर कविता पढ़ता है, वह विसंगतियों, संबंधों के विच्छेद, नए और पुराने विचारों के जुड़ाव से प्रभावित नहीं हो सकता है, जो वर्तमान रामायण में बहुत अधिक है, चाहे हम बंगाल का पाठ लें या बॉम्बे का पाठ। और कोई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता है कि वाल्मीकि की रामायण को बाद की किसी तारीख में काफी हद तक पुनर्निर्मित किया गया था। ” जैसा कि महाभारत के मामले में, रामायण की विषय-वस्तु में वृद्धि हुई है। मूल रूप से यह रावण द्वारा राम की पत्नी सीता के अपहरण पर राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी थी। दूसरे संस्करण में यह एक उपदेश के साथ एक कहानी बन गई। विशुद्ध रूप से ऐतिहासिक कार्य से, यह सामाजिक, नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों का एक सही कोड सिखाने के उद्देश्य से एक उपदेशात्मक कार्य भी बन गया। जब इसने तीसरे संस्करण का रूप धारण किया, तो यह फिर से, महाभारत की तरह, किंवदंतियों, ज्ञान, शिक्षा, दर्शन और अन्य कलाओं और विज्ञानों का भंडार बन गया। रामायण की रचना की तिथि के संबंध में, एक प्रस्ताव अच्छी तरह से स्थापित है कि राम का प्रसंग पांडवों के प्रकरण से भी पुराना है। लेकिन यह कि रामायण की रचना महाभारत की रचना के साथ-साथ पेरिपासु पर चली गई है। रामायण के कुछ अंश महाभारत से भी पहले के हो सकते हैं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि रामायण का एक बड़ा हिस्सा महाभारत के एक बड़े हिस्से की रचना के बाद ही रचा गया था।
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर
Vol 03 p.252
आप किस राक्षस के पुत्र हो राम मौर्य जी ?😁
@@ajaybhate6685 Don't resort to Ad hominem.
@@ajaybhate6685 Don't resort to personal attacks.
@@Yajna007 then think 10 times before criticizing Gods.
प्रोफेसर पुनियानी ने काफी सरलता से इतिहास समजा दिया ...इनके शिबिर में हजारों विद्यार्थियों ने असली इतिहास समजा ....He is best👍
एक भी सबुत पेश नही किया.
बस किसी तरह Mughal aur British Invaders को justify karne ki, aur logo ko unka mansik gulam rakhna ki koshish
@@goo-lamokadoctor181 l
@@goo-lamokadoctor181 brahmino ne sc st obc k school jane pe pabandi thi ..,..angrej aye sbko school jane ka haqq mila....or mughal tumhari hi treh lootkhor or iss desh ko chusne wale the unse tumhe hamdardi hai.....hme nhi
Tumne bhaut shadiya ki hai mughlo se jb unka raaj tha
@@goo-lamokadoctor181 अबे जाहिल जाति-व्यवस्था का भी सबूत देना पड़ेगा क्या।
@@ashuak2836 जाती व्यवस्था एक सामाजिक कुनिती है.
ओर जो सभ्यता जितनी पुरानी उसमे उतनी ज्यादा कुनितिया होने की संभावना ज्यादा होती है.
इसका मतलब ये नही की आप अपनी भारतीय सभ्यता पे आक्रमण करने वालो के मानसिक गुलाम हो जाय.
वंशवाद ये जातीवाद का मूल होता है, जब Bollywood जैसा संगठन सिर्फ 75 मे वंशवादी हो गया , तो भारतीय सभ्यता जैसा हजारो साल पूरानी सभ्यता मे जातीवाद जैसी कूनिती आ ही सक्ती है... हमारा फोकस कुनित्यो को खतम करने पे होना चाहिए... हमारा फोकस बिमारी को खतम करने पे होना चाहिए, बिमार को खतम करने पे नही
बाबा साहेब डॉःभीमराव आंम्बेडकर का नाम हमारे इतिहास में सदा अमर रहेगा
Ambedkar angrejonki gand chatata tha!
बहुत ही शाश्वत और सत्य पर आधारित विश्लेषण । आज के परिपेक्ष्य मे मील पत्थर साबित होगा।
जय भीम नमोबुधाय।
This man communist always propagate propoganda
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
It's a foolish lie this man is propagating. Do you see any Hindu hating Buddhism? That means they did not hate them even those days. So where was the need of bloodshed as he suggests? 80% Hindus practiced Buddhism as both were same!! But when the 80% Hindus who had adopted Buddhism found Budhhist monks preaching hatred against Hinduism, they saw the danger and just stopped Buddist practice's and that is how Buddhism disappeared due to foolish Monks. Many Monks, who had patronage of Hindu Kings, stabbed their Kings in the back. Raja Dahir lost to a much smaller army of Qassim due to Buddist Monks deception.
as a history student what he saying.. It's just propaganda... I talk historians.. And story is different... See our real history actually bended by propaganda.. That why still in India hav religious conflicts.. I think there were some sites were discovered there were jain, buddhist, and Hindu temples together... And they co exist together. The demolition talking about not Hindu destroying budda temple.. It's a rival king who destroying temples... Like I attack a place and destroying everything... If you started believe this leftist Twisted propaganda I think you will never taste real truth.
Haa bhai ye dono jai bheem jai meem wale baampanthi range siyar to tme sach lagenge hi.
Chandragupt ne jo apne khud ke saathi rajao ko zahar dekar marwa diya taki yudh jeetne ke baad unhe hissa na dena pade or ashoka ne jo khud apne hi 100 bhaiyo ki gardane kaatkar rajya paya wo" vaidh" tha lekin pushyamitra ne agar rajya ko milinder naam ke yavan ke hamko se bachane ke liye ek kamjor or laparwah raja ko maar diya to wo bohot galat or avaidh tha.
In baampanthiyo ka biased view inki batao se hi pata lag raha ha.
जय सम्राट नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🙏🙏
Aapki tarif karni padegi Bharat ke sache itihas batane ke liye
ਸਿੰਗੋਲ ਰਾਜ਼ ਦੰਡ ਦੇ ਬਾਰੇ ਦੱਸਣ ਦੀ ਕ੍ਰਿਪਾਲਤਾ ਕਰਨੀ ਜੀ। ਬਹੁਤ ਹੀ ਵਧੀਆ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਲਈ।। 🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद सर इतनी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए लेकिन हमारे समाज को इस अच्छे रास्ते पर लाने के लिए और बहुत सारी सच्चाई यों का सामना करना पड़ेगा
बहुत अच्छा लगा, अच्छा कार्यक्रम हैं।
मुकेश सर जी आपके जैसा विद्वान भी भारत को हिंदुस्तान कहते हैं, आश्चर्य की बात है। कृपया भारत को भारत कहें हिंदुस्तान नहीं।🙏
BILKUL SAHI KAHA AAP NE
Salute you Mukesh ji for this episode.
Very nice analysis of history.
Yes people must know the mohamad and Islam responsible for killing of billion of people. Now world start eleminating Islam.
@@kknrcssLol 😂 now most of the people in the world accepte the Islam and leave h_#@u dharm .real life jio Whatsapp university me jada dimag lagaon ge toh aaisa hi lagenga .😂😂
@@kknrcss bhang maarke tandav karnewale ki puja karkewalo tum Islam ka dush prachar karoge usi dugni se Islam accepts karenge gud example after 9/11 k Baad America me Islam ko padke log Islam karne lage aur aaj b kar rahe hai
जय निषाद राज🙏🙏
आप सत्य बताया है और सत्य को उजागर करने की कोशिश की है आप को बहुत बहुत साधूवाद और जय निषाद राज🙏🙏
Dr.Ram puniyani ji....bht.achhi jaankaari dene ke liye dil se dhanyawaad.....❤
Pushyamitra Sunga was Army Commander of King Brihadra, grandson of King Ashoka. Pushyamitra assassinated King Brihadra and became King. He established Brahaman kingdom and started destroying Budhist Maths and killing Budhishts. This was a turning point in history.
He was a traiter who betrayed his Lord and massacred the innocent people he was extremely cruel and destroyed the prosperity of india
@@logicalvichar8930 no he did great thing by killing those bastards like Ashok's grandson.
Brihadra was Coward. Making people unnassesary calmness. Whether need was to be Fighters.
Bharat mein Bauddhon ka math, stupa's aur Baudh Vihar ka khandhar hona Baudh ke virudh pushyamitr sunga ka attyachar dikhata hai. Aaj ka sc, st aur obc ke purwajo ko vastav mein forcefully Baudh se hindu banaya gaya tha. Aaj ke sc, St aur obc ko iss per bichar karna chahiye aur sahi dharm ka palan karna chahiye।
@@santoshkumarsantoshkumar1168 aur mandir ke khandahar kiska virodh dikhata hain. Afganistan mein aur pakistan mein bhi bodho ko khatm pusyamitra ne hi kya.
भारत का 2000 वर्षो का इतिहास श्रमण और ब्राह्मण धर्म का संघर्ष का इतिहास है।
ruclips.net/video/JukNHjdxvmQ/видео.html
अफगाणिस्तानसे बोध्दोंको और इराणसे पारशीओंको किसणे खत्म कीया इसकाभी जवाब चाहिए हमे।
@@sushantgawade5339 islam
बुद्धिस्म एक सच्चाई है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता
Budhism ne bharat ko darpok bna diya .....keval mala nhi sath me bhala hona chahiye
Thank u souch prof Puniyani sir ...for providing details related to Pushyamitra !
विलकुल सच।नमो बुद्धाय।
डाक्टर पुनियानी साहब और मान्यवर मुकेश जी इतनी अच्छी जानकारी प्रदान करने के लिए आप दोनों महान विभूतियों को हार्दिक नमन एवं विनम्र साधुवाद। उम्मीद है कि आप लोग आगे भी इसी तरह से महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकार के विभिन्न विषयों के बारे में समाज को जागरूक करते हुए मिथ्या भ्रम और असत्य एतिहासिक घटनाओं की सच्चाई सबके सामने रख कर भ्रामक प्रचार करने वाले लोगों को सही तरीके से जबाब जरूर देते रहेंगे। धन्यवाद।
आपकी यह चर्चा भारतीय इतिहास पर हमें बहुत अच्छी लगी और इस तरह की जानकारी लेकर आपको आते रहना चाहिए जिसे दुनिया नहीं जानती।
Galat jankari de rhe hai dono pusyamitra brahman nahi tha
@@vishvlogs1325Brahamin gunde tumahari maa ki chudayi karke.tumahara murder kar de.ptrayek Brahamin ke Ghar ke one child and preganent child ko khatam kar dena chahiye.proof bata motherchod bhadwe
@@vishvlogs1325tere Brahamin logo se earth se khatam ho jana chahiye.preganet child and one child ko bhi finish kar dena chahiye
One of the best channels, and the journalist is real journalist! We are proud of Dr Mukesh Kumar ji.
❤
Very nice Information 👌👌
wah wah kya khub, bharat ke sacche laal, bina khauf, bina dare, sach ke sipahi, wah wah, aane wali nasle apka shukr gujar rahengi, sach batane ke liye. plz continue the gr8 work,
Hindu desh me darr ka koi karan hi nhi Pakistan afganistan me hote to sat kalam hone ka darr rahta
@@himmatsingh2004 , aana par raha hain
"Kuch logo" ke wajeh se
ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਧਰਮ ਹੈ , ਪ੍ਰਭੂ ਦਾ ਨਾਮ ਜਪਣਾ ।
ਬਾਕੀ ਜਦੋਂ ਮੁਸਲਮਾਨ ਆਗਿਆ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਤਾਂ ? ਉਹਨਾਂ ਤੋ ਡਰਦੇ ਹੀ ਬ੍ਰਾਹਮਣੀ ਸਮਾਜ ਦੇ ਕੁੱਝ ਲੋਕ ਮੁਸਲਮਾਨਾਂ ਨਾਲ ਰਲ ਕੇ ਚੱਲਦੇ ਸਨ , ਫਿਰ ਵੀ ਅਰੰਗਜੇਬ ਨੇ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕੀਤੀ ।
औरंगजेब अपने प्रति ईमानदार था सरकारी के प्रति छल-कपट नहीं किया है जैसे इतिहासकारों में चाहे देशी या विदेशी हो,
अपने हाथ से बनी टोपी बेचकर अपने खान-पान पर खर्च किया ऐसा इतिहासकारों ने लिखा है अपनी पुस्तकों में।
आज शासक सरकारी सम्पत्ति को अपने घरों में भरकर ऐशो आराम की जिंदगी पीढ़ियों तक के लिए इंतज़ाम कर दिया है।
@@tilakchand8056aurangzeb ne bhi pushp mitr shung wala kaam kiya logon ko zabardasti musalman banaya apne hi baap ko kaid kar ke rakha
@@msshergill1112 मान्यवर जी यह सत्य है कि गांव में अधिकांश लोगों को मुस्लिम बनाया लेकिन शासन में अपनी धाक बनाने के लिए और जातिय आधार पर ही सुविधाएं मिली और जिन लोगों पर स्थानीय अत्याचार होता था वो लोग स्वयं ही मुस्लिम बने थे।
जयपुर राजस्थान के पास में मनोहर पुर गांव में अधिकांश ठाकुर थे उन्हें मुसलमान बनाया गया था, मेरे एक साथी ने बताया कि जागाओं ने यह बात पीढ़ी दर पीढ़ी बताई गई है कि पहले वो ठाकुर थे और अब मुसलमान हैं। यूपी में भी यही सुनने को मिलता है।
@@tilakchand8056aap jo marji kaho jitne bhi mugal shashik hue sab se jayada atyachari aurangzeb tha guru gobind singh ji ke shote shote bachon ko deewar me chinwa kar shaheed kar diya guru teg bahadur ka sees kaat diya kashmiri panditon ko jabardasti musalman bsnaya yeh ek bahadur general ka kaam nahi aur bhi bahut history hai iske julm ki aap guru gobind singh ji ka likha hua zafarnama pad sakte hain jisko pad kar aurangzeb bimar pad gya tha aur fir kabi uth na ska
Manuvaadi soch k adhar par samaaj ka bantwara aaj bhi jaari hai 😢
Dhanyavad Dr Ram Sir
Bahut saral tareeke se itihas ka vishleshan kiya hai aap ne 🙏