Ujjain yatra

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  • Опубликовано: 27 авг 2024
  • उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर का पौराणिक महत्व भी है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां दूषण नामक राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की थी, जिसके बाद भक्तों के निवेदन के बाद भोलेबाबा यहां विराजमान हुए थे। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है।
    उज्जैन में प्रसिद्ध कुंभ मेले के आयोजन स्थल के रूप में बेहद लोकप्रिय, रामघाट भारत के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक है। यह वह जगह है जहाँ लाखों तीर्थयात्री इस आयोजन के दौरान एकत्रित होते हैं। यहाँ की आरती प्रसिद्ध है और यह घाट उज्जैन का सबसे पुराना स्नान घाट माना जाता है, जो लगभग कुंभ मेले जितना ही पुराना है।
    उज्जैन में राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी मां हरसिद्धि का मंदिर मौजूद है जिसकी गिनती 52 शक्तिपीठों में की जाती है। उज्जैन की रक्षा के लिए इसके आसपास देवियों का पहरा है और जिस जगह पर माता हरसिद्धि का मंदिर है वहां पर माता सती की कोहनी गिरी थी। वेदों और पुराणों में इस मंदिर का उल्लेख मिलता है।
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