ये नहीं होते तो दिल्ली पर पहले ही अधिकार हो जाता, Gurjar Pratihar/ Parmar / Chalukya / Chauhan
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- Опубликовано: 14 май 2023
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क्षत्रिय हों,गुर्जर हों, जाट हों या फिर वनवासी... जिन्होंने भी मलेच्छों को टक्कर दी, उन सभी के पूर्वजों का अभिनंदन 💐
Kesa chutiya admi hai tu name ke peeche bisht lgata hai aur tujhe itna nhi pta ki pratihar ,parmar ,chauhan ,
Chalukya Rajput Vansh se the Gujjar kabse ban gye
ये अलग से क्षत्रिय कौन है 🤔,,,,,,,,,जब गुर्जर जाट यादव लिख दिया तो फिर अलग से क्षत्रिय लिखने की क्या जरूरत थी?,,,,,तुम उस जमात से तो नहीं हो जो क्षत्रिय वर्ण को पेटेंट कराना चाहते हो तेरहवीं शताब्दी में मुगलो द्वारा बनी एक जाति के लिए।
@@SunilKumar-xk7ol chutiye Kshatriya keval rajput hota hai kahi bhi dikha de jaat ,gujjar ,ahiro ko Kshatriya likha hua
@@SunilKumar-xk7ol beta wo to patwnt h ni kyuki sirf sikho or jaato ke ek rajya bharatpur ko chhod diya jaye to baki kshetriya kon h jo maximum % h tukhe bhi pta h.. Yadab or gurjar kabi kshtriya the hi nhi ek gwala or dusre bhens chor rhe h ye sabko pta h... Baki agar itihas ki baat h to sikho ka itihas kyu ni badla gya ?? Bharatpur ka kyun ni badla gya ?? Jo sach h wo sach h kitna bhi ro lena lekin apne baap dada se jake puch lena ke ganv ke thkar kon the !!😄
@@James-oq8eh सबको पता है कि राजपूत काल आने से पहले भारत आर्य क्षत्रिय द्वारा पूर्ण रूप से सुरक्षित था लेकिन जैसे ही सनातन धर्म रक्षक शुद्ध आर्य क्षत्रिय गुर्जर प्रतिहारों की सत्ता कुछ घर के गद्दारों की वज़ह से जाती हैं वैसे ही तेरहवीं शताब्दी में भारत में दो शक्तियां निकलकर आती हैं एक "विदेशी मुस्लिम" और दूसरे "राजपूत",, ,,,,,।अब तुम बुद्धि लगाओ वो गुर्जरो से निकले घर के गद्दार कौन थे ???
हम सब जानते हैं राजपूतों कै शौर्य और बलिदान को जिस कै कारण आज हिंदुस्तान मैं हिन्दुओ का होना हैं अगर कल राजपूत ना होते तो आज हम सब हिंदू ना होते सब कीं रक्षा का जिम्मा जो इस बहादुर जाति ने ले रखा था मैं प्रणाम करना चाहता हूँ इस देश मैं मेरा जन्म हुआ जहां राजपूत होने का हमको पूरी दुनिया से blessings आती हैं कै hindustan मैं एक जाति ऐसी हैं जो स्वाभिमान् से समझौता नहीं करती मैं उस मिट्टी मैं जन्मा जहां राजपुतों ने इस मिट्टी को अपने ख़ुद कै ख़ून से सीचा
यहाँ मैं किसी सब से पहले राजपूतों को अपनी वीरता कै लिए दिल से नमन
जय राजपूताना जय भारतमाता
जय श्रीं राम ❤❤❤
वीर राजपूत राजस्थानी प्रजा आज भी अजमेर शरीफ दरगाह मजार पर चादर पर सिक्के उछाल रहे हैं 😂 बुलडोजर चलवा कर उखाड़कर फेंक ना तो दूर रहा लेकिन महामूर्ख राजस्थानी प्रजा,,,,,
म्लेच्छो कि मां हे राजपुत
जयचंद राजपुत अकबर पैदा ओलांद राजपुत की 90%मुस्लिम राजपूत
@@UrsOdkashmir pura muslim gujjar sa bhara hua tuqalvanshi tuqal put 🤣🤣
500 वर्षों के इतिहास के गायब पन्नों का इतिहास उजागर करने का सराहनीय प्रयास किया आपने 🙏👍
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@raya_ashokजो अरब में रूस में जमीन के अंदर से मंदिर जैसी संरचना और विष्णु भी प्रतिमाएँ मिल रही हैं वो क्या है ? बुद्ध कहीं ख़ुदाई में नहीं मिले हैं , जमीन के ऊपर ही शिलालेखों , पत्थरों में अंकित हैं . जैन पंथ के पहले तीर्थंकर ऋषभ देव तो श्री कृष्ण के भाई ही थे .
@@raya_ashokजापान में बौद्ध धर्म से पहले की प्रतिमाएँ देख लो . वहा अनेकों मंदिर सनातन धर्म के ही देवी देवताओं के हैं . बस उनके नाम जापानी भाषा में हैं .
@@raya_ashokबुद्ध ग्रंथो में जो कपोल कल्पनाये हैं उनका क्या ? वैसे बुद्ध ने आर्यो के बारे में कही वर्णन किया है या नहीं . आर्य को श्रेष्ठ क्यों कहा है ?
@@raya_ashok 👇👇👇
ruclips.net/video/2f9UFND-05M/видео.html
गुर्जर जाति के क्षत्रिय होने के प्रमाण. ( इ ) पं . वासुदेव प्रसाद शास्त्री : - पं . वासुदेव शास्त्री जी ने गुर्जर शब्द को जातिवाचक स्वीकार करते हुए लिखा है - ' किचं यथा . . . . . . . . . . . . . . . क्षत्रियपि गुजरा । गुर्जराणां क्षत्रियाणामभावे गुर्जराख्यो जनपदः कथंस्थात । द्रश्यन्ते हि वंगा अंगा कलिंगादयो जनपदाः क्षत्रिया ख्यैव प्रसिद्धिगताः । स्पष्टं चेदं जनपद शब्दाक्षत्रियादभित्यादि पाणिनी सूत्रः गुर्जर व्याख्या च क्षत्रिये स्वैव मुख्याभवति ब्रह्मणादिषुतु देश सम्बन्धाज्जायते । । तथाहि गुरी उद्यमने इति धातोः सम्पदादित्वाद्भावे विकल्प गुरं शत्रु कलंक शत्रोद्यमनेजरयति नाशयति इति गुर्जराः शब्द कल्यं दूमेऽयेतादर्श व्युत्पत्ति
Gujjar videshi hoon parjaati k akrmnkari hai...gurjaa gozar gujjar jo ek muslim parjaati hai..tmhre goutra bhi hoon wale hai
@@rishichauhanchauhan2169 chouhan bhi hoono ke vansaj h,,,anpadh apne purkho ko toh pahchan lo ,,,ya tumhe bhi Pakistan ki tarah pata hi nhi h ki tumhare purwaj kon h ???
गर्व होता है हमे की हम उन क्षत्रिय वंश से जिनके शासको ने कई वर्षो तक विदेशी हमलावरों को भारत में पर तक नही रखने दिया हमेशा सनातन धर्म की भारत भूमि की अपनी प्रजा की रक्षा की हमे हमारे महान पूर्वज और उनके गौरवशाली इतिहास पर सदेव ही गर्व रहेगा #क्षत्रिय_धर्म_युगे_युगे 🚩
आप क्या कर रहे हैं अब
@@abhishakekumarsharma6056 ab dusre prakar ka yudhh ld rhe bhaii
@@Mr.singhhaa2 konsa dusra prakar ka...kuch idea de
@@abhishakekumarsharma6056 apne aap ko top pr bne rkhne ka yudh
आपको मुगलों का इतिहास पढ़ने की जरूरत है और यह जानने की जरूरत है की मुगलों को सबसे पहले बेटियां किसने दी थी
हमारे इतिहास की पुस्तक मे इनका समावेश अवश्य होना चाहिए ताकि हम भी अपने राष्ट्र ,अपने पूर्वजो और अपनी संस्कृति के लिए आत्मसम्मान भाव सदा के लिए संजो सके ।
जय दादा मिहिरभोज
जय श्री देवनारायण भगवान की
बहुत ही शानदार सर इतिहास के पन्नो मे बहुत कुछ दबा हुआ है आप जैसे विद्वानो का धर्म है कि सभी को सच्चाई से रुबरू करवाना❤ दिल से साधुवाद ।
यह सभी बुद्धिस्ट राजा थे फिर बाद में आकर मुसलमानों से पहले विदेशी ब्राह्मणों ने आकर भारत पर अधिकार कर लिया और भारत की 90% आबादी को शुद्र बना दिया , पढ़ाई लिखाई से वंचित कर दिया गया , धन संपत्ति रखने के अधिकार से वंचित कर दिया यहां तक कि भी लड़ने का अधिकार भी नहीं दिया गया यदि लड़ने का अधिकार दिया होता तो कोई मुसलमान भारत में नहीं आ पता😢
देश के असली गद्दार विदेशी ईरानी अग्नि पूजने वाले लोग है😮
यदि अखंड भारत का केंद्र सेना होती उसमे 1 करोड़ प्रशिक्षित सेना होती और नए नए घातक वेपन की खोज होती तो आज भारत इस्लाम मुक्त होता , तथा आज भारत विश्वगुरू और दुनिया को लीड कर रहा होता
भारत के पास इतना धन था पर उसका उपयोग सही जगह नहीं हुआ
To aaj to he ye sab karlo Islam mukt Bharat 😂😂😂 sirf bolna jo he
सनातन धर्म रक्षक गुर्जर प्रतिहार सम्राट नागभट्ट की जय हो ❤️🔱🚩
ruclips.net/video/txYIz4BOyx0/видео.html
@@munendrasingh6556 tune pucha hoga apne se
Usne btaya bhi hoga ki tera baap m hu
Me to ousi vansh ki santan hu par tu konsi bap ki santan he kitane he bap
😂😂
Ye bhais chor nahi sudhrenge😂😂
इतिहास के पन्नो को दबा दिया गया जिस प्रकार से आंधी आने पर पुराने पते मिट्टी में दब जाते है एवम नए जो दिखते है उन्ही का इतिहास लिख दिया जाता है आप जेसे विद्वान को नमन 🙏🙏
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@raya_ashok bhai tu ye WhatsApp gyaan yaha mat jhaad Hindu dharm ka saboot tere jese chutiye ko dene ki jarurat nhi...
Tu toh ab aaya hai tere jese jaane kitne aaye or gye.....
Budh ek part hai sanatan dharm ka
Baaki sabkuch om namah shivaya hai....... Ek baar kedarnath jaa..... Vaha sachhe mann se prathna kar.... Tujhe tere dimag ke kachre ka jawab mil jaayega
@@raya_ashok karte reh koshish 😂😂😂 Teri mom sence journey kuch bhi faikti rhti he 😂😂
@@kattarhindu144 TOH PHIR TU BHI JAKAR DEBATE KAR LE
@@RAJESHKHANNA-or1nq bohot debate krkiye or usko fake bata diye he bhay 😂
सनातन धर्म रक्षक वीर गुर्जर क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार
Jai Gurjaratra 🚩
जय गुर्जर प्रतिहार 👑
Gurjar sthanbodhak h naki unki caste wo kshtriya the naki charvaahe
Tu bi rajput h
Ab tum kab se gujjar likh rahe ho kitne time . Kochar ek jaahil aur anpad kaum hai. Dimag motta aur
Chotta hota hai .
@@Raghuraj18722bhosdi ke pehle pata tha tum logo ko koun he gurjar pratíhar or mihir bhoj abhi abhi uchakne lage
Charwahe he to kyun up ke raja bhaiya ke baap ne gurjaro ke Ghar shadi Kari
ye prathihar, parmar h na ki gochar
सर, बिल्कुल आप ने तथ्यात्मक जानकारी दी हैं, प्रतिहारों, परमारों, चालुक्यों व चौहानों ने मलेच्छों को 500 सालों तक भारत में प्रवेश करने से रोका हैं। इसी क्रम में दिल्ली पर तोमरों का शासन था जिन्होंने अनेक युद्धों में इन मलेच्छों को हराकर भारत में प्रवेश करने से रोका हैं।
Tabhi bharat kabhi Puri tarah se islamic nhi ban paaya , becoz hamare rajput rajao ne inn lootero arabo , turko , mongoliyo ko bohot tough fight di thi
@@himanshukaushik3838हां इन्होंने तो मुगलों के साथ वैवाहिक संबंध भी स्थापित किए और ब्राह्मणों ने भी😂
90% लोगों को अशिक्षित कर दिया गया शुद्र बना दिया गया लड़ने का अधिकार नहीं दिया गया
इस कारण भारत गुलाम बना
@@himanshukaushik3838आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@himanshukaushik3838 सबसे ज्यादा टफ फाईट तो मराठा ओने दी थी.....
@@himanshukaushik3838राजपुत नही गुर्जर थे वो जाके इतिहास पढ
बहुत ही अदभुत झलकियां मिली इस एपिसोड में बहुत बहुत आभार
यदि अखंड भारत का केंद्र सेना होती उसमे 1 करोड़ प्रशिक्षित सेना होती और नए नए घातक वेपन की खोज होती तो आज भारत मलेक्ष मुक्त होता , तथा आज भारत विश्वगुरू और दुनिया को लीड कर रहा होता
भारत के पास इतना धन था पर उसका उपयोग सही जगह नहीं हुआ
गुर्जर वंश के शिलालेख)????
नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है ।राजजर शिलालेख” में वर्णित “गुर्जारा प्रतिहारवन” वाक्यांश से। यह ज्ञात है कि प्रतिहार गुर्जरा वंश से संबंधित थे।
ब्रोच ताम्रपत्र 978 ई० गुर्जर कबीला(जाति)
का सप्त सेंधव अभिलेख हैं
पाल वंशी,राष्ट्रकूट या अरब यात्रियों के रिकॉर्ड ने प्रतिहार शब्द इस्तेमाल नहीं किया बल्कि गुर्जरेश्वर ,गुर्जरराज,आदि गुरजरों परिवारों की पहचान करते हैं।
बादामी के चालुक्य नरेश पुलकेशियन द्वितीय के एहोल अभिलेख में गुर्जर जाति का उल्लेख आभिलेखिक रूप से हुआ है।
राजोरगढ़ (अलवर जिला) के मथनदेव के अभिलेख (959 ईस्वी ) में स्पष्ट किया गया है की प्रतिहार वंशी गुर्जर जाती के लोग थे
नागबट्टा के चाचा दड्डा प्रथम को शिलालेख में “गुर्जरा-नृपाती-वाम्सा” कहा जाता है, यह साबित करता है कि नागभट्ट एक गुर्जरा था, क्योंकि वाम्सा स्पष्ट रूप से परिवार का तात्पर्य है।
महिपाला,विशाल साम्राज्य पर शासन कर रहा था, को पंप द्वारा “गुर्जरा राजा” कहा जाता है। एक सम्राट को केवल एक छोटे से क्षेत्र के राजा क्यों कहा जाना चाहिए, यह अधिक समझ में आता है कि इस शब्द ने अपने परिवार को दर्शाया।
भडोच के गुर्जरों के विषय दक्षिणी गुजरात से प्राप्त नौ तत्कालीन ताम्रपत्रो में उन्होंने खुद को गुर्जर नृपति वंश का होना बताया
प्राचीन भारत के की प्रख्यात पुस्तक ब्रह्मस्फुत सिद्धांत के अनुसार 628 ई. में श्री चप
(चपराना/चावडा) वंश का व्याघ्रमुख नामक गुर्जर राजा भीनमाल में शासन कर रहा था
9वीं शताब्दी में परमार जगददेव के जैनद शिलालेख में कहा है कि गुर्जरा योद्धाओं की पत्नियों ने अपनी सैन्य जीत के
परिणामस्वरूप अर्बुडा की गुफाओं में आँसू बहाए।
। मार्कंदई पुराण,स्कंध पुराण में पंच द्रविडो में गुर्जरो जनजाति का उल्लेख है।
अरबी लेखक अलबरूनी ने लिखा है कि खलीफा हासम के सेनापति ने अनेक प्रदेशों की विजय कर ली थी परंतु वे उज्जैन के गुर्जरों पर विजय प्राप्त नहीं कर सका
सुलेमान नामक अरब यात्री ने गुर्जरों के बारे में साफ-साफ लिखा है कि गुर्जर इस्लाम के सबसे बड़े शत्रु है
जोधपुर अभिलेख में लिखा हुआ है कि दक्षिणी राजस्थान का चाहमान वंश गुर्जरों के अधीन था
कहला अभिलेख में लिखा हुआ है की कलचुरी वंश गुर्जरों के अधीन था
चाटसू अभिलेख में लिखा हुआ है की गूहिल वंश जोकि महाराणा प्रताप का मूल वंस है वह गुर्जरों के अधीन था
पिहोवा अभिलेख में लिखा हुआ है कि हरियाणा का शासन गुर्जरों के अधीन था
खुमाण रासो के अनुसार राजा खुमाण गुर्जरों के अधीन था
भिलमलक्काचार्यका ब्रह्मा स्फूट सिद्धांत
उद्योतनसुरी की कुवलयमाला कश्मीरी कवि कल्हण की राजतरंगिणी
प्रबन्ध कोष ग्रन्थ व खुमान रासो ग्रंथ के अनुसार गुर्जरों ने मुसलमानों को हराया और खुमान रासो
राम गया अभिलेख
बकुला अभिलेख
दौलतपुर अभिलेख
गुनेरिया अभिलेख
इटखोरी अभिलेख
पहाड़पुर अभिलेख
घटियाला अभिलेख
हड्डल अभिलेख
रखेत्र अभिलेख
राधनपुर और वनी डिंडोरी अभिलेख
राजशेखर का कर्पूर मंजरी ग्रंथ, काव्यमीमांसा ग्रंथ ,विध्दशालभंजिका ग्रंथ
कवि पंपा ,
जैन आचार्य जिनसेन की हरिवंश पुराण आदि के द्वारा दिया गया
Bhai ek hi ❤️ h issko aapne chura liya itni nahnat krke
राजपुत जाती ही एक धोका हे सनातन के लिए
जय गुर्जरात्रा 🔱🚩
Jai gurjar samajh jai veer gurjar raja mahrajao ki jinho ne kabhi hamara shir nhi jhukne diya 💪 full produ of my gurjari sanskriti and language . GURJAR dabang the h or rhe ge 🚩 har har Mahadev 🙏
bains chor gujjar ki baat nhi horhi, yaha rajputo ki baat horhi
@@haris1838😂kon rajput. Dhyan te padh le Gurjar partihar likha h chomu chapal chor
@@amannagarhypergurjar94 gurjar aur gujjar mai antr smj. tum bainschor gujjar ho gurjar nhi. gurjar = inhabitant of gurjaratra (Rajasthan and gujarat).
sari royal families Rajput hain. tum bainschoro ne kabhi mahal dekha tk ni.
@@haris1838 😂ha humne dekhe nhi lakin dasio k liye bun bai jaror h . Gurjar Gujjar ek hi h samjha chapal chor. GURJARatra kha padhe ho yr gurjar partihar Dynasty Assam se leke afganistan or Iraq k kuch elako tak ki jhga ko Gurjar land m name se jana jata tha 🤣 ku ki gurjar partihar Dynasty k Raja Samrat mihir bhoj Gurjar ji ka rajye tha or rajput koi jati nhi ye sabdh to khud 1200 BC k baat use Kiya gya h jiska arth h Raja ka beta 🙏 I hope tu samjha jayega or aghe bakwas nhi kare ga hum tum bhai h gurjaro se hi rajput bhar nikle h .
भारत के गौरवशाली इतिहास को जानकर उन महान योद्धाओं पर बहुत गर्व महसूस होता है।
इतिहास की उत्कृष्ट जानकारी बताने के लिए आपको कोटि कोटि धन्यवाद!
यह सभी बुद्धिस्ट राजा थे फिर बाद में आकर मुसलमानों से पहले विदेशी ब्राह्मणों ने आकर भारत पर अधिकार कर लिया और भारत की 90% आबादी को शुद्र बना दिया , पढ़ाई लिखाई से वंचित कर दिया गया , धन संपत्ति रखने के अधिकार से वंचित कर दिया यहां तक कि भी लड़ने का अधिकार भी नहीं दिया गया यदि लड़ने का अधिकार दिया होता तो कोई मुसलमान भारत में नहीं आ पता😢
देश के असली गद्दार विदेशी ईरानी अग्नि पूजने वाले लोग है😮
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
बौद्ध धर्म के पतन के बाद केवल पराजय का इतिहास है भारत का गुलामी का इतिहास है😊
सम्राट अशोक के समय इरान से लगाकर वर्मा तक हमारी सरहद थी😊
@@raya_ashok 😂😂😆छत्रपती शिवाजी महाराज का नाम सुना है की नहीं.....
@@sanjadke8590 SHIVA JI CHHOTA RAJA THA
आपने तो भारत का छिपाया हुआ इतिहास का वो पन्ना खोल दिया है हमारी आखें खोल रहा है,बहुत बहुत धन्यवाद
आदरणीय,
आपका इतिहास का अध्ययन अद्भुत है। कृपया इस कार्य को आगे बढ़ाएगा। जिस तरह आप शोधपूर्ण अभिव्यक्ति देते हैं, वो अत्यंत आत्मीय, निष्पक्ष और सराहनीय है।
आप बहुत जटिल व बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। माँ सरस्वती और भगवान श्री गणपति जी सदैव आपकी सहायता करेे, यह मेरी कामना है।
हार्दिक बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं और सादर प्रणाम।
जय हिन्द, जय भारत, वंदेमातरम्
अब समय आ गया है की आप जैसे लोगों के द्वारा असली इतिहास को उजागर किया जरूरी है।
किसी को गुलाम बनाने के लिए सिर्फ तलवार की जरूरत नहीं पड़ती, उसको उसके गौरवशाली इतिहास से दूर कर दो तो भी वह किसी गुलाम से कम नहीं बल्कि उसकी आने वाली नस्लें भी गुलामी में ही पैदा होगी और गुलाम ही रहेगी। यह मानसिक रूप से गुलामी शारीरिक रूप की गुलामी से कई ज्यादा गुना खतरनाक है ।
Bilkul bhai India mein abhi yahi ho raha hai log western culture Ke Gulam Ho chuke hain
सत्य कहा आपने क्योंकि जिस गुलामी से निकले उन्ही के कानून मै जकड़ने वाले इसी देश में पैदा हुए जोकि भारत के वीरों की शहादत को धूल में मिला गए
आक्रांतोंके आनेके बाद ही हिंदूओं में जातीयवाद की शुरूआत हुई और उन्होंने उसका पूरा लाभ उठाकर , डरा,धमकाकर राज्य किया। वीर माताओं और वीर बहनोंको साष्टांग दंडवत।
राजा रत्न सिंह राठौर ( जिनके दादा राजा उदय सिंह ,जोधपुर ) जो कि जिला रतलाम मध्य प्रदेश के संस्थापक थे, मेरे पूर्वज हैं। शाहजहां के लिए औरंगजेब से युद्ध भी किया। किले को बाहर से १ महीने तक औरंगजेब ने घेर रखा था। उस बीच राजा रत्न सिंह ने गुप्त मार्ग से अपने पुत्रों को उत्तर दिशा की ओर भेज दिया। नदी किनारे चलते चलते उनके पुत्र जीत सिंह के रथ का पहिया उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में रामगंगा किनारे टूट गया। तब वो वहीं बस गए और उस गांव का नाम उनके नाम पर जितौर पड़ा। उसके बाद अपनी पहचान छुपाते हुए हम कैसे यादव सरनेम लगाने लगे इसकी भी खोज मुझे करनी है। मैं यह इसलिए बता रहा हु क्योंकि राजा रत्न सिंह के बाद का इतिहास पूरी दुनिया से ही गायब है। और मेरे पास राजा रत्न सिंह की वंशावली का चार्ट रखा हुआ है। मैं सन ७०० से हुए सभी राजाओं की पीढ़ियों में ४५ वी पीढ़ी का हूं। किसी न किसी दिन अपना इतिहास जरूर दुनिया को बताऊंगा । अभी बस सरकारी जॉब की तैयारी में बिजी हूं।
अब भी गुर्जर वीर देश के लिए बलिदान दे रहे हैं
गुरु जी अगर नायिका देवी का इतिहास सच था तो अपने कमाल कर दिया है। पर इसका आपको प्रमाण देना होगा। इस पर तो कई film और सीरीज बन जायेगी। Excellent work 👍
Ha mere bhai moovi ban gayi hai nayaka Devi dekh lena gujrat me
A very important topic for discussion ..waiting for your lecture on this particular time of 500 yrs....where the invaders reached Spain through horn of Africa in just 200 yrs...why this slow progression happend is a very good and historic topic for discussion .thank you sir.
Even to day too much appositionmurmuring..Alway we should stricked. All Hindu talk in one voice allhistory hidden? be proud of fore father..Jai Mata Bhawani.🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉.
पहिली चीज भाईं साहाब यें हैं ५०० साल तक रोककर रखा यें बात तों ठीक बोलीं आपनें की इन्होंनें परंतु यें बात सत्य हैं हम्मीर देव चौहान नें जलालुद्दीन खिलजी कों बंदी बना दिया था वों सीधें दिल्ली पर चढाईं कर देतें और दिल्ली कि वापस अपनें कब्जे में लेते दिल्ली चौहानों कें फिर सें क़ब्ज़े में चलीं जातीं
और कें एस लाल और विल डुरंट नें most bloodiest chapter of Human History ना घटित होंता
और हों सकता था बहुत सारीं समस्याएं आज इतनी बड़ी ना बनतीं
वों छेद इसीलिए नहीं कर पाएं की हिंन्दुस्थान कें लोंग धर्म पर अडिग थें औल शुरुवाती दिनों में दिल्ली की सत्ता
गंगा यमुना दोआब तक हीं सीमित थीं उतनी बडी नहीं थीं अगर देखा जाएं
अगर संयुक्तिक सेना बना लेतें तों अल्लाउद्दीन ख़िलजी महाभंयकर विंध्वस भीं नहीं कर पाता
और वों भीं गायब हैं मान्य हैं परंतु १४ वीं सदी सें लेकर १६ सदीं तक का भी इतिहास भीं गायब हैं
अहोम और विजयनगर साम्राज्य तों इतनें कायम कैसें
और वास्तविक जों विस्तार हुआं वों अल्लाउद्दीन खिलजीं कें समय हुआं देवगिरी कें यादव द्वारसमुद्र कें होयसला
वारंगल कें काकटिया वंश
१४ वीं सदी तक रहें उसकें बाद रेड्डी किंगडम / विजयनगर साम्राज्य
का उत्पत्ति होना यें भीं दर्शाता हैं और खेम वंश का इतिहास भीं है़ यें सब होकर भीं जुझना पडा इसपर विक्रम संपत Braveheart Of Bharat यें किताब लिखीं हैं कैसें अहोम कें साथ मिलकर संघ बनाया गया
बिहार बंगाल कें लोगों ने
और बड़ी बात वों भूल जातें हैं सारें लोंग तुर्कों का असल शासन अल्लाउद्दीन ख़िलजी के बाद हीं शुरु हुआं
मुगल काल सबसे़ बडा काल था इसीलिए पढाया जाता मुगल काल काआ मतलब बाबर से़ औरंगजेब तक का काल तुर्की Invasions
रेड्डी किंगडम का अपना हीं इतिहास हैं
लोग अडिग रहें और जिसकीं परिस्थिति बहुत गरीब थीं वों मुसलमान बनना स्वीकार किया यें भीं बात उतनी हीं सत्य हैं
स्पेन ने आक्रमक सोच रखीं इसपर वीडियो हैं गेटसेटफ्लाईं कि
पर तब भीं अपनें धर्म कें उपर लोंग टीके रहें रामायण-महाभारत कि धर्म की शिक्षाएं हों और बाकी सब कुछ
मुग़ल काल बहुत कठीण काल रहां लोदीं काल खिलजी तुगलक काल भीं मुश्किल रहां परंतु उस वक्त बंगाल बिहार गुजरात मालवा महाराष्ट्र में स्वतंत्र सत्लनत थीं वो़ दिल्ली सत्लनत कें अधीन नहीं थीं
और आखिर चीज़ ये भी हैं गजनवी आक्रमण कें बाद सभी राजाओं ने फिर सें संघ बनाया था सोमनाथ मंदिर तोड़ने किं आग में
Today's muslims are not the descendants of muslim emperor. they're converted by hook or crook and this is their katterpanti education that force them to think like urub country muslims but unfortunately how they are treated in Makkah and madina every one knows. But if we talk about history books upto 12 th class There is a limited space to teach the young students and it force the syllabus setter to write about national (indan) history. These all are very brave and intelligent kings but they are the regional king. Not like khilgi tugluk mudgal, cholas maratas etc. etc. That's why they are not in front line history books. But if you want to read all these things you can proceed. A lot of books are available there. But to make it political agenda is not good.
Vo log भारत के इतनी अंदर तक आते थे बीच में उन्हे कोई रोकता नहीं था क्या ?
जाटों के इतिहास पर भी बताया जा ए ये सब समय की जरूरत है जाटों के इतिहास को दबा दिया गया है जाटों के इतिहास को खंगाला जा ए ये सब बहुत जरूरी है जय-जवान जयकिसान
😂😂😂😂😂😂 गरीबों का हक मारने वाली जात 😂😂😂
भारत को आप जैसे शिक्षकों की जरूरत है, नमन है सर आपको 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 जय श्री राम जय सनातन धर्म 🚩🚩🚩🚩
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
Sahi kaha ...👍👍👍youtube.com/@kokilavaghela18173
जय जय हिंदुस्तान जय हो गुर्जर वीर महान जय श्री राम जय हनुमान हर हर महादेव
क्षत्रिय प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज कन्नौज के सम्राट थे। उन्होंने 836 ईस्वीं से 885 ईस्वीं तक 49 साल के लंबे समय तक शासन किया था। सम्राट मिहिरभोज क्षत्रिय की पत्नी का नाम चंद्रभट्टारिका देवी था। मिहिरभोज की वीरता के किस्से पूरी दुनिया मे मशहूर हुए।
१. सम्राट के राज्य कि सीमाएं :क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज के राज्य का विस्तार वर्तमान मुल्तान से लेकर बंगाल तक और कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक फैला हुआ था। उनके राज्य की सीमाओं के अंतर्गत वर्तमान भारत के हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और ओडिशा आते हैं। इस विशाल साम्राज्य की राजधानी कन्नौज में थी।
२. मित्र और शत्रु : कहते हैं कि सम्राट के मित्रों में काबुल के राजा ललिया शाही, कश्मीर के राजा अवन्ति वर्मन, नेपाल के राजा राघवदेव और असम के राजा उनके मित्र थे।
३. विदेशी शत्रु : अरब के खलीफा मौतसिम वासिक, मुत्वक्कल, मुन्तशिर, मौतमिदादी सम्राट मिहिरभोज के सबसे बड़े शत्रु थे। अरबों ने हमले के कई प्रयास किए लेकिन वे मिहिर भोज की विशाल सेना के सामने टिक नहीं सके। उनकी सेना हर हर महादेव और जय महाकाल की ललकार के साथ रणक्षेत्र में शत्रुओं पर कहर बरपा देती थी। कभी रणक्षेत्र में भिनमाल, कभी हकड़ा नदी का किनारा, कभी भड़ौच और वल्लभी नगर तक अरब हमलावरों के साथ युद्ध होता रहता था।
४. शिव भक्त थे मिहिर भोज : सम्राट मिहिर भोज क्षत्रिय उज्जैन के महाकाल बाबा के परमभक्त थे।
५. सोने और चांदी के सिक्के : सम्राट के काल में सोने और चांदी के सिक्के प्रचलन में थे। मिहिर भोज क्षत्रिय की एक उपाधि ‘आदिवराह’ भी थी. उनके समय के सोने के सिक्कों पर वराह की आकृतियां उकेरी गई थी। कहते हैं कि मिहिर भोज के काल में जनता सुखी थी। अपराधियों को कड़ी सजा मिलती थी और सभी के साथ न्याय होता था। व्यापार और कृषि को बढ़ावा दिया जाता था। राजधानी कन्नौज में 7 किले और दस हजार मंदिर थे।
६. लड़ाई : उन्होंने बंगाल के राजा देवपाल के पुत्र नारायण लाल को परास्त कर उत्तरी बंगाल को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। दक्षिण के राष्ट्रकुट राजा अमोघवर्ष को पराजित कर दिया था। सिन्ध के अरब शासक इमरान बिन मूसा को पराजित करके सिन्ध को अपने साम्राज्य में मिला लिया था और मुल्तान के मुस्लिम शासक को वे अपने नियंत्रण में रखते थे। कन्नौज पर अधिकार के लिए बंगाल के पाल, उत्तर भारत के क्षत्रिय प्रतिहार और दक्षिण भारत के राष्ट्रकूट शासकों के बीच लगभग 100 वर्षों तक संघर्ष होता रहा जिसे इतिहास में 'त्रिकोणात्मक संघर्ष' कहा जाता है।
७. मित्रों की रक्षार्थ भेजी सेना : कहते हैं कि क्षत्रिय प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने काबुल के राजा ललिया शाही को तुर्किस्तान के आक्रमण से बचाया था। दूसरी ओर नेपाल के राजा राघवदेव को तिब्बत के आक्रमणों से बचाया था। परंतु उनकी पालवंशी राजा देवपाल और दक्षिण के राष्ट्कूट राजा अमोघवर्ष शत्रुता चलती रहती थी।
इनके झंडे पर वराह का निशान था। वह गुज्जर था। वरदानी था।
Bappa Rawal & Maharaja Suheldeva are some of the important personalities who have defended India during their lifetime.
If Samrat Prithviraj Chauhan did exactly same with Md Ghori as what Maharaj Suheldev did to Salar Masud, then Indian history might be different.
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनके तीर्थंकर हुए थे 24 ,28 बुद्ध हुए , और बुद्ध के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे , और बुद्ध ने अपने पूर्व बुद्ध के धर्म को ही आगे बढ़ाया जिसे धर्म चक्र प्रवर्तन कहते हैं
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया , भगवान बुद्ध जब अपनी माता के गर्भ में थे तब उनको हाथी का सपना आया था तब से हाथी बौद्ध धर्म का प्रतीक है ना कि शंकर की पत्नी के मेल से उत्पन्न हुआ बेटा 😜
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
इन लोगों की वजह से ही वर्ण व्यवस्था लागू हो गई और एक खास वर्ग को ही लड़ने का अधिकार दिया गया वरना 90% लोग लड़ाई में भाग लेते , उनको शुद्र नहीं बनाया गया होता तो देश का भविष्य कुछ और होता
@@raya_ashok Rona band karo....aisa tha to bhill gond Brahman kabhi ladhai me na aate....jinke baap dada me talwar uthane ka bhi dum nahi tha Aaj vo log itihas par gyan batenge ab
@@raya_ashok what's app inversity (University) 🤣🤣
भारद्वाज जी किताबों के बारे में तो मुझे जानकारी नहीं है लेकिन इंटरनेट पर यह सारी जानकारी उपलब्ध है और सारे तथ्य वही है जो आपने बताएं है. वैसे आपका चैनल देखता रहता हूं बहुत अच्छी जानकारी है आपके चैनल पर.
जय श्री राम 🙏🕉️ जय वीर गुर्जर समाज की🙏🕉️🔱🇮🇳🚩👍👍👍
goojar ne esa kya kar diya
सनातन धर्म रक्षक वीर गुर्जर प्रतिहार परमार चालुक्य चौहान खटाना भडाना कसाना राजवंश की जय 💪💪
Jai Gurjaratra 🔥
Proud to be gurjari language 💪💪
Jai shree devnarayanji ki 🙏🚩
ha bhosdi ke ambedkar bhi dal le isme
यहाँ भी आ गए अपना रायता फेलाने, भैस चोर के वंशज इतिहास चोर😅😅😅
😂😂😂😂😂
@@maharajajaswantsinghmarwar1249 mota raja udaysingh aa gya to jahangir ke chhori deke 😃🤣🤣🤣
@@sitarambki2182 tumhari maa ka jikr hi nhi h vha kyuki halal valo ka nam tk ni likhte the kher ek do hoti to likh te na
Proud to be Solanki ,Jay Rajputana
सोलंकी अर्थात चालुक्य
चालुक्य वंश राजपुत है
दक्षिण भारत से गुजरात में आया 800 वी सदी के आसपास गुजरात में आया
पुरे गुजरात पर फतह कर लिया इसलिए गुर्जरेश्वर या गुर्जराधिपति कहलाए
यह किसी भेशचोर बकरीपालक गुज्जर जाति से मतलब नहीं है
गुजरात में एक भी भेशचोर इसलिए नहि है
क्योंकि यहां सभी राजपूत,आहिर, पटेल,बनिया
भरवाड,कोली,एवं सभी जातियों को गुर्जर प्रजा कहा जाता है
❤️जयतु जयतु गुजरात ❤️
❤️जय राजपुताना ❤️
@@lovemyindia919812th century se pahle ki kisi bhi tamptra shilalekh abhilekh me kahi rajput shabad ka koi astitv nhi hai aayi baat samajh me mughalo ke gande khun
Solanki gotra gurjaro me milta hai aaj bhi
Rajput protect India more than 500 hundred years but history is written by few people that's why the neglect rajput period because this period was a golden period of India and rajput successfully repulse invasion of invaders jai rajputana jai ma bhawani...
Bhai sak hun kushan yunani ko bhi haraya
Pertehara empire pertehars Raajputs 💐
Ba tmja mka 13century t phele rajput word ni hai kahi arr tamne rok diye malech
@@sikhari1 bahut bada mazak rigved yajurveda ramayan Mahabharata pad lo hai toh rajanya rajput kshtriya ek hi jaati hai
@@sikhari1 katoch rajput vansh aur parmar ya pawar ya Rai dynasty pad le mori rajput koun the mewad rajvansh pad le
बहोत अच्छा प्रयास कर रहे हो सर आप , काफी मेहनत और निष्ठा लगती है यह सब खोजने मे . आपको और आपकी पुरी सलाहकार टिम को बधाई और आपको प्रणाम .
🙏🙏🙏
चालूक्य वंश पाटन में बहुत ही प्रसिद्ध और प्रबल राजवंश था। इस वंश के बारे में ज्यादा जानकारी दें ऐसी मेरी प्रार्थना है आपसे ....🙏
Pride of India
#GURJAR PRATIHAR
Vo rajput hai inke jinda vanshaj bethe b gujrat or rajasthan me
@@maharajajaswantsinghmarwar1249 jinde vansaj to sabke h tumhare pass 🤣🤣😂😂
सर समझ तो आप भी गये है कि 7वी सदी से 12वी सदी इन पांच सौ वर्षो का गौरव शाली इतिहास किन् लोगो ने और क्यूं देश के सामने कभी नहीं आने दिया***लेकिन आप ये भी जानते है कि इस सच को ईमानदारी से बताने पर***/ उन लोगो को बहुत तेज मिर्ची लगेगी***/जो इस देश में मलेच्छो के सबसे बडे सहायक रहे है***/🙏❓ मगर ये सत्य अब धीरे धीरे जमीं से निकलने ही लगा है**और आज नहीं तो कल आने वाली पीढियां**/ इस सत्य को देश के सामने लाकर ही रहेगीं**कि किन कपूतों ने खुद को महान साबित करने के लिए राष्ट्र धर्म और सनातन संस्कृति के लिए मर मिटने वाले अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले मां भारती के असली सपूतों का इतिहास न सिर्फ चुराया बल्कि दबाया***❓🙏🙏🙏
अब तक जितनी भी ऐतिहासिक विडियोज देखी है उनमें से ये बहुत खास है।🚩🚩🚩
जय गुर्जरात्रा। जय गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य। जय चौहान साम्राज्य
सम्राट विधाधर चंदेल का क्यों उलेख नहीं करते जिनसे हारने के बाद महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण बंद कर दिये। और इस उपलक्ष्य पर सम्राट विधाधर ने कंदरिया महादेव बनवाया था।
राजपूत राजवंश ....गुर्जर प्रतिहार , चालुक्य(सौलंकी) , परमार , चौहान ........मेरे पूर्वज खुद धारा नगरी उज्जैन से ,दादा राजा भोज परमार की मर्त्यु की बाद वहां से विस्थापित हुवे थे और हम धार के परमार वंशी है अपनी कुलदेवी गढ़ कालिका (महा काली) को आज भी अपने पूर्वजो की भांति उसी प्रकार पूजते है , हम धार परमार वंशियों की कुलदेवी माता गढ़ कालिका आज भी हमारी संरक्षिका ओर रक्षक देवी है .....⚔️जय दादा भोज परमार⚔️.... 🚩जय माँ महा काली🚩
कुलदेवी गढ़ कहा है?
ये सब गुर्जर वंश है ११वी सदी के बाद गुर्जर जाट अन्य जातियो के गोत्रो से समूह बना जो कालांतर मे जाति मे बदल गया उसे राजपूत कहते है
@@Sanatani_kattar Gurjar shabda aya hai Gujarat se.... jise ki Gurjar Pradesh kaha jata tha... Pratihar aur Solanki dono hi Gujarat pe shaashan karte the isliye dono ko gurjar naresh kaha jata tha... lekin dono hi Rajput the..... lekin ye baaat bhi sahi hai ki Rajputo ke titles jaise Solanki Chauhan Bhati Ratore Panwar etc ... ye jaato aur gurjaro me bhi paaye jate hai... is pe study honi chaiye ki kya ye sab ek hi the pahle... aur baad me kaise aur kyun alag hue????
@@vedicbharat2308 I m solanki rajput
@@Sanatani_kattar सब Rajput the samjha tera koi itihaas nhi hai tu bhais chara
Jai Gurjaratra ❤
भारतीय इतिहास को सही रूप से चित्रित नही किया गया है। पता नही इसके पीछे क्या वजह है नंद वंश का भी सही इतिहास नही मिलता यदि थोड़ा बहुत मिलता भी है तो उनको बहुत ही निम्न बताया गया है। ऐसा कैसे संभव है जिन नंद वंश ने 300से अधिक वर्षों तक शासन किया। वे आज भी इतिहास में अपना स्थान नही बना पाए।
मुझे यह वीडियो सुनकर बहुत खुशी हूई क्योंकि मैं गुजरात के सोलंकी का ही वंशज हूँ
Bhut wait krwaya h sir.... One month se wait kr rha tha... New video ka.... Aaj dil ko skun mila h❤❤❤
❤जय गुरजरात्रा❤
व्वाह , बील कुल सटीक जानकारी के लीये बहोत बहोत धन्यवाद ।
🦁❤वीरगुर्जर🦁❤
चक्रवर्ति सम्राट महाराज मिहिर भोज महान🙏🦁
आप की हर बात मुझे 100% सच लगती है कभी झूठ मत बताना सर और इस दौर का इतिहास किसी ने भी बताया आपका हार्दिक धन्यवाद
Jai gurjar pratihaar
सर राठौड़ों से पहले चौहान राजपूतों की मोहिल शाखा जोड़ शाखा और गोगा जी वाले थे l चौहानों की मोहिल शाखा के शिलालेख बिकानेर के चरलू गाँव मैं मिलते है l 4 मई 1192 का जोधपुर के उस्तरा से शिलालेख मिल जाता हैं l आप इन शाखाओं पर विस्तृत रूप से विडीओ बनाए
These four branches of Rajput's Plays an important role in 712-1192 🫡 1192 is not the end of Rajput power after this till independence Rajput plays an important role in Indian history..
Sahi bat h apki bhaya
Sahi bat h apki bhaya
एक दम सही कहा,
मेवाड always independence ,
यह सभी बुद्धिस्ट राजा थे फिर बाद में आकर मुसलमानों से पहले विदेशी ब्राह्मणों ने आकर भारत पर अधिकार कर लिया और भारत की 90% आबादी को शुद्र बना दिया , पढ़ाई लिखाई से वंचित कर दिया गया , धन संपत्ति रखने के अधिकार से वंचित कर दिया यहां तक कि भी लड़ने का अधिकार भी नहीं दिया गया यदि लड़ने का अधिकार दिया होता तो कोई मुसलमान भारत में नहीं आ पता😢
देश के असली गद्दार विदेशी ईरानी अग्नि पूजने वाले लोग है😮
मजे की बात यह है कि 500 साल पहले किसी ने खुद को राजपूत नहीं बोला था😂
जय हिंदू राष्ट्र भारत माता की जय सर आपकी जय हो जय हो जय हो
इस महत्वपूर्ण वीडियो के माध्यम से हम सभी का ज्ञानार्जन करने हेतु आपका साधुवाद। ऐसा ही एक प्रकरण हमे उज्जैनी के राजा विक्रमादित्य के विषय में भी मिलता है जिनके विषय में जानकारी नहीं मिलती। क्या वाकई में इनका अस्तित्व था यदि था तो इन्हे काल्पनिक पात्र के रूप में क्यों परिलक्षित किया जाता है।
दिल्ली में क़ुतुब मीनार,,,, कुतुबुद्दीन ने सिर्फ अपना नाम जुड़ा दिया है,,,,
पहली वेधशाला दिल्ली में विक्रमादित्य ने बनवाया है । अभी भी उज्जैन में वेधशाला है।
Our history should be re-written and people must know the bright chapter of Indian history
धन्य हैं सर अप आप को बहुत बहुत धन्यवाद आभार साधुवाद हार्दिक शुभकामनाएं
भारद्वाज जी आप से अनुरोध है कि एक special vedio बनाये मंडोर के प्रतिहारो पर specially on the story of recapture of mandhor from Muslims and then giving it away to Rathores in dowry.
The story of this bettle is more glorious then the story of bettle of Troy. इस लड़ाई पर एक कविता भी है..... अगर उस को भी share कर सकें तो it will be great vedio .
इस कहानी पर एक बहुत अच्छी film भी बन सकती है.
गुर्जर प्रतिहार
चीनी यात्री हेन सांग (629-645 ई.) ने भीनमाल का बड़े अच्छे रूप में वर्णन किया है। उसने लिखा है कि “भीनमाल का 20 वर्षीय नवयुवक क्षत्रिय राजा अपने साहस और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध है और वह बौद्ध-धर्म का अनुयायी है। यहां के चापवंशी गुर्जर बड़े शक्तिशाली और धनधान्यपूर्ण देश के स्वामी हैं।”
हेन सांग (629-645 ई.) के अनुसार सातवी शताब्दी में दक्षिणी गुजरात में भड़ोच राज्य भी विधमान था| भड़ोच राज्य के शासको के कई ताम्र पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनसे इनकी वंशावली और इतिहास का पता चलता हैं| इन शासको ने स्वयं को गुर्जर राजाओ के वंश का माना हैं|
कर्नल जेम्स टोड कहते है राजपूताना कहलाने वाले इस विशाल रेतीले प्रदेश राजस्थान में, पुराने जमाने में राजपूत जाति का कोई चिन्ह नहीं मिलता परंतु मुझे सिंह समान गर्जने वाले गुर्जरों के शिलालेख मिलते हैं।
पं बालकृष्ण गौड लिखते है जिसको कहते है रजपूति इतिहास तेरहवीं सदी से पहले इसकी कही जिक्र तक नही है और कोई एक भी ऐसा शिलालेख दिखादो जिसमे रजपूत शब्द का नाम तक भी लिखा हो।लेकिन गुर्जर शब्द की भरमार है, अनेक शिलालेख तामपत्र है, अपार लेख है, काव्य, साहित्य, भग्न खन्डहरो मे गुर्जर संसकृति के सार गुंजते है ।अत: गुर्जर इतिहास को राजपूत इतिहास बनाने की ढेरो सफल-नाकाम कोशिशे कि गई।
इतिहासकार सर एथेलस्टेन बैनेस ने गुर्जर को सिसोदियास, चौहान, परमार, परिहार, चालुक्य और राजपूत के पूर्वज थे।
लेखक के एम मुंशी ने कहा परमार,तोमर चौहान और सोलंकी शाही गुज्जर वंश के थे।
स्मिथ ने कहा गुर्जर वंश, जिसने उत्तरी भारत में बड़े साम्राज्य पर शासन किया, और शिलालेख में "गुर्जर-प्रतिहार" के रूप में उल्लेख किया गया है, गुर्जरा जाति का था।
डॉ के।जमानदास यह भी कहते हैं कि प्रतिहार वंश गुर्जरों से निकला है, और यह "एक मजबूत धारणा उठाता है कि अन्य राजपूत समूह भी गुर्जरा के वंशज हैं।
डॉ० आर० भण्डारकर प्रतिहारों व अन्य अग्निवंशीय राजपूतों की गुर्जरों से उत्पत्ति मानते हैं।
जैकेसन ने गुर्जरों से अग्निवंशी राजपूतों की उत्पत्ति बतलाई है
के.एम.पन्निकर ने"सर्वे ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री "में लिखा है गुर्जरो ने चीनी साम्राज्य फारस के शहंसाह,मंगोल ,तुर्की,रोम ,मुगल और अरबों को खलीफाओं की आंधी को देश में घुसने से रोका और प्रतिहार (रक्षक)की उपाधि पायी,सुलेमान ने गुर्जरो को ईसलाम का बड़ा दुश्मन बताया था।
इतिहासकार डॉ ऑगस्टस होर्नले का मानना है कि तोमर गुर्जरा (या गुज्जर) के शासक वंश में से एक थे।
लेखक अब्दुल मलिक,जनरल सर कनिंघम के अनुसार, कानाउज के शासकों गुजर जाती
(गुजर पी -213 का इतिहास) 218)।उनका गोत्रा तोमर था
राजपूत गुर्जर साम्राज्य के सामंत थे गुर्जर-साम्राज्य के पतन के बाद इन लोगों ने स्वतंत्र राज्य स्थापित किए
• प्राचीन काल से राजस्थान व गुर्जरात का नाम गुर्जरात्रा (गुर्जरदेश, गुर्जराष्ट्र) था जो अंग्रेजी शासन मे गुर्जरदेश से बदलकर राजपूताना रखा गया
Ja kr bhais chara bsdk😂
अरे भाई मैं खुद इतिहास का विद्यार्थी हूं और मैंने कई इतिहासकारों की किताबें पढ़ी है... ह्वेंग सांग ने कई भी गुर्जर शब्द का प्रयोग नहीं किया प्रतिहारों के लिए.... प्रतिहारों के दरबारी कवि भी उन्हें क्षत्रिय ही बताते हैं...जैसे बाणभट्ट और राजशेखर...राजशेखर ने उन्हें रघुकुल तिलक कहा है जिसका अर्थ है राम के वंशज जो कि क्षत्रिय ही है...
और भडोच के प्रतिहारों के एक शिलालेख या ताम्रपत्र के हवाले से इन्हें गुर्जर सिद्ध कर दो...
अरे भाई प्रतिहारो की राजधानी भीनमाल से हमारा गांव मात्र 11 किलोमीटर दूर है और आपके ज्ञान के लिए बता दू भीनमाल क्षेत्र में गुज्जर जाति का एक घर भी नही है और भीनमाल में प्रतिहार राजपूतों के आज भी 52 गांव की जागीर है और उनके पास वंसावली है जबकि गुज्जरों में प्रतिहार वंश भी नही है
प्रतिहार
राठौड़
चौहान
भाटी
तोमर
सोलंकी
परमार
गहलोत
झाला
ये सभी राजपूत क्षत्रीय वंश है कोई शुद्र नही है
अरे भैया गुर्जर जाट और राजपूत एक ही कुनबे के लोग हैं जो बाद में टूट कर अलग हो गए थे
Very nice sir, हम स्वतंत्र पश्चात काँग्रेस पार्टी का इतिहास चॅप्टर आहे और हमारा भूल गये महोदय आपका प्रयास बहुत सराहनीय आहे
Bahut achi jankaari .Hamara itna Mahan itihaas hamain kabhie nahi bataya gaya.Hum itney Mahan ,Sahasi,budhimaan shashko ke vanshaj hai garv hai hamain.
बहुत ही अच्छी जानकारी ।
wah bhai i am from gujarat , very true and correct thing of gujarat...
Jai gujjar smart
Jai ho gurjar parihar vans
जय गुर्जर समाज 💪💪💪❤️❤️❤️❤️
सर आपने जो हमें यह नॉलेज बताएं जो इतिहास के पन्नों में ही गायब है उसके लिए आपको तहे दिल से धन्यवाद
मैं रिटायर्ड ऑफिसर हूं फिर भी आपके वीडियो देखता हूं। धन्यवाद इतना अच्छा ज्ञानवर्धक वीडियो बनाने के लिए।
आप को कोटि कोटि नमन, इतिहास की सही जानकारी देने केलिए, लगता है पांच सौ साल का इतिहास मिटाने में राजपूत राजाओं का बड़ा योगदान रहा हैं
चौबीस भाई बगड़ावतो से राजपूताने के सारे राजाओं ने एक साथ युद्ध किया फिर भी मुंह की खाई, चूंकि प्रतिहार परमार चालुक्य चौहान गुर्जर थे, इनके इतिहास को मिटाने के लिए किसी को इतिहास लिखने नहीं दिया गया
प्रतिहार परमार
Kuch main khaud parihar hu 😅kuch bhi bolta hai bhai
#GURJAR
@@sanojrathi6102 Bhai bta kitna Pariharo main gujjar ata hai ya bta de Bhai
@@ajspecialpariharvlog1890
Parihar to chamar caste m bhi hota to fir chamar ho gya kya logic
@@sanojrathi6102 wahi bol Raha hu mihir bhoj Rajput hai
तो यही तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि कहां गया हमारा इतिहास तुम कहते हो कि हमने यह किया वह किया अगर इन 500 सालों का इतिहास खोजा जाए ना तो इनमें मेरा वादा रहा गुर्जरों का इतिहास ही मिलेगा मिलेगा और तुम जो कह रहे हो ना कि यह कर दिया वह कर दिया राजपूतों ने नहीं मेरे भाई पूजा ने जो जो अपना बलिदान किया है ना अंग्रेजों की क्रांति वाली बातें हो चाहे इन मले चे से लड़ने वाले गुर्जर सम्राटों की बातें हो हमारे साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है
Sir आप सही कह रहे है बहुत से इतिहास छुपाए गए है।
गुर्जर-प्रतिहार वंश के महान हिन्दू धर्म रक्षक सम्राट मिहिर भोज की story
मिहिर का अर्थ सूर्य होता है और सच्चे अर्थों में सम्राट मिहिर भोज भारत में अपने समय के सूर्य थें।उत्तर भारत में प्रसिद्ध एक लोकोक्ति उनकी विरासत को चरितार्थ करती है,लोकोक्ति है “कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली”।एक महान योद्धा,कुशल घुड़सवार होने के साथ उन्हें विद्वानों ने उनकी विद्वता के लिए “कविराज” की उपाधि भी दी थी।गुर्जर-प्रतिहार के मुलपुरुष प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण को माना जाता है।इस हिसाब से आज के उत्तर भारत में पाये जाने वाली गुर्जर जाति का सम्बन्ध क्षत्रिय कूल से है,उनके वंश की लगभग 500 वर्ष की शाषण काल भी इस बात की घोतक है।नागभट्ट प्रथम से लेकर गुर्जर-प्रतिहार के अंतिम शाषक तक अरब आक्रमणकारियों से लड़ते रहें लेकिन उनमे लगातार 50 वर्षों तक युद्ध में अरबों के छक्के छुड़ाने वाले मिहिर भोज की कहानी बेमिशाल और अद्वितीय है। ईस्वी सन् (712-1192) के बिच लगभग 500 वर्षों तक गुर्जर-प्रतिहार वंश ने अनेक युद्ध में बाहरी आक्रमणकारियों को हराया।उनके कमजोर होने के बाद ही महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी ने भारत के तरफ मुहीम की शुरुआत की।आज भारत की सनातन संस्कृति के वे सबसे बड़े ध्वज वाहक हैं।कुछ देर पढ़िए आपको सब समझ आ जाएगा की कैसे?
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मिहिर भोज का साम्राज्य पश्चिम में सिंधु नदी से पूरब में बंगाल तक तथा उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तक फैला हुआ अत्यन्त विशाल और समृद्ध क्षेत्र था।
मिहिर भोज विष्णु और शिव भगवान के भक्त थे तथा कुछ सिक्कों मे इन्हे ‘आदिवराह’ भी माना गया है।वराह(जंगली सूअर) के उपाधि के पीछे की कहानी यह है की जिस तरह से भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष से इस भूमि का रक्षा किया था उसी तरह इस भूमि की रक्षा मिहिर भोज ने की थी। महरौली नामक जगह इनके नाम पर रखी गयी थी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 का बड़ा भाग सम्राट मिहिरभोज मार्ग के नाम से जाना जाता है।
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गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का शाषण काल 836 ईसवीं से 885 ईसवीं तक माना जाता है।यानी लगभग 50 वर्ष।सम्राट भोज के साम्राज्य को तब गुर्जर देश के नाम से जाना जाता था।
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प्रसिद्द अरब यात्री सुलेमान ने भारत भ्रमण के दौरान लिखी पुस्तक सिलसिलीउत तुआरीख 851 ईस्वीं में सम्राट मिहिर भोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया है , साथ ही मिहिर भोज की महान सेना की तारीफ भी की है।जो इनकी हिन्दू धर्म की रक्षा में इनकी भूमिका बताने के लिए काफी है।
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915 ईस्वीं में भारत आए बगदाद के इतिहासकार अल- मसूदी ने अपनी किताब मरूजुल महान मेें भी मिहिर भोज की 8 लाख पैदल सैनिक और हज़ारों हाथी और हज़ारों घोड़ों से सज्जी इनके पराक्रमी सेना के बारे में लिखा है।इनकी राजशाही का निशान दांत निकाले चिंघाड़ता हुआ “वराह”(जंगली सूअर) था और ऐसा कहा जाता है की मुस्लिम आक्रमणकारियों के मन में इतनी भय थी कि वे वराह यानि जंगली सूअर से नफरत करने लगे थें। मिहिर भोज की सेना में सभी वर्ग एवं जातियों के लोगो ने राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियार उठाये और इस्लामिक आक्रान्ताओं से लड़ाईयाँ लड़ी।
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सम्राट मिहिर भोज के उस समय स्थानीय शत्रुओं में बंगाल के पालवंशी
और दक्षिण का राष्ट्रकूट(यादव कूल) थें,इसके अलावे बाहरी शत्रुओं में अरब के खलीफा मौतसिम वासिक, मुत्वक्कल, मुन्तशिर, मौतमिदादी थे । अरब के खलीफा ने इमरान बिन मूसा को सिन्ध के उस इलाके पर शासक नियुक्त किया था। जिस पर अरबों का अधिकार रह गया था। सम्राट मिहिर भोज ने बंगाल के राजा देवपाल के पुत्र नारायणलाल को युद्ध में परास्त करके उत्तरी बंगाल को अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया था। दक्षिण के राष्ट्र कूट राजा अमोधवर्ष को पराजित करके उनके क्षेत्र अपने साम्राज्य में मिला लिये थे । सिन्ध के अरब शासक इमरान बिन मूसा को पूरी तरह पराजित करके समस्त सिन्ध को गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य का अभिन्न अंग बना लिया था। केवल मंसूरा और मुलतान दो स्थान अरबों के पास सिन्ध में इसलिए रह गए थे कि अरबों ने गुर्जर सम्राट के तूफानी भयंकर आक्रमणों से बचने के लिए अनमहफूज नामक गुफाए बनवाई हुई थी जिनमें छिप कर अरब अपनी जान बचाते थे।सम्राट मिहिर भोज नहीं चाहते थे कि अरब इन दो स्थानों पर भी सुरक्षित रहें और आगे संकट का कारण बने इसलिए उन्होंने कई बड़े सैनिक अभियान भेज कर इमरान बिन मूसा के अनमहफूज
भील मीना समाज पर इतिहास बताए
Kyu nahi
Full sapport st community
@judev ho sakta hai waise jaato ko rathore ne basaya Meena samaj kachhwaha king ke samay par uche hode the
Chauhan❤❤❤
राजपूतो (क्षत्रियो) का इतिहास बहुत ही अतुलनीय रहा है जिसकी कोई तुलना नहीं कर सकता है, जय क्षत्रिय समाज जय श्री सिया राम जय श्री राधे कृष्णा जय माँ भवानी सत्य सनातन धर्म की जय हिन्द जय हिन्दुस्तान संजय सिहँ चौहान जय भाजपा,।
This time rajput kaal of Bharat 💪💪,
इस समयकाल को राजपूत काल कहते हैं
Rajput kal to mugl or angrezzo ke talwe chat kar bana tha vo gujjar the
पर वास्तविकता मे गुर्जर काल है वो
@@Sanatani_kattar वो तुम्हे लगता है बेटा समझे राजपूतों का गौरवशाली इतिहास को आज भी लोगो को यही पढाया जाता है समझा तुम्हारे बकवास करने से ना कोई इतिहास बदलने वाला है न ही किसी पर कोई फर्क पड़ेगा तुम इसी तरह मजाक के पात्र बनते रहो तुम लोग तो शिवाजी, maharana प्रताप और sardar vallabhai patel ko bhi गुर्जर बोल सकते हो 😂😂😂😂😂
@@Sanatani_kattar Donald Trump is also a gujjar
@@GauravRajput-jx2xymia khalifa is rajput
रियासत दार राजपूत 1857 के संग्राम में अंग्रेजों का साथ देते रहे...... बाकी सारे समाज अंग्रेज़ों से लडते रहे..... दिल्ली के चारों तरफ के गुर्जरो ने इस लड़ाई में अपना सब कुछ खो दिया था..
अच्छा फेकता है तु 😅😂🤣 अच्छा है फेकता रहे
@@RanbankaRathore11591 मेरे प्रिय मित्र फेक नहीं रहे... ये तो एतिहासिक सचचाई है.... आपका धन्यवाद प्रति किया देने के लिए..
@@RanbankaRathore11591
गुर्जर जाति पर ट्राइबल क्रिमिनल एक्ट अंग्रेज सरकार ने क्यों लाद दिया था???
क्यों कि अंग्रेज सरकार से सबसे बड़ी बगावत गुर्जरों।ने हो की थी।
और राजपूतों ने मुगलों की गुलामी करने के पुराने अनुभव से अंग्रेजों को भी खुश कर कर के मौज ले ले कर आम जनता को खूब लूटा।
Sare Rajput king ne aesa nhi kiya tha , bs Brodra ke raja aur Jaypur ke princely state ke king ne angrejo ka sath diya tha first revolt me
उलट फेर कर के बताए इतिहास को सही से बताने का ये कार्य बहुत अच्छा है ❣️✅💯⚡
जय वीर गुर्जर क्षत्रिय💕
History is itself a teacher from which we can learn many things.🧐🙏🙏👍
Vo log भारत के इतनी अंदर तक आते थे बीच में उन्हे कोई रोकता नहीं था क्या ?
Excellent information
Bhai tumako koti koti naman bahut achha kaam kiye
History batane ke liye
Sir aap bht acha kaam kar rhe ho.
Puri history ko iss Tarah likha gaya hai ki har Hindustani ko apne itihaas pe sharm aye aur ye Muslim aur angejon ka Jai Jai Kare
Sir govt ko ab Sahi history likhne ki zaroorat hai taki Bharat waasi apne atit pe garv kar sake aur iss desh se apne Judaw mehshoos kar sake
Keep it up sir
गुरुदेव के चरणो मे सादर प्रणाम
🙏🙏🙏
bohot bohot bohot sundar video thi sir, I LOVE YOU SIR 🥰🥰🥰 aap itne acchhe se sabkuch batate hain ki sab clear smjh mein aa jata hai, bohot mahan ho aap sir plz mera aapko Charan Sparsh sweekar kijiye 🙏🙏🙇🙇
हमेशा की तरह बहुत शानदार।
मैं हिमालय पर काम कर रहा हूं। यही लाइन है कि सही इतिहास छुपाया गया है।
Chalukya Rajput Queen Naiki Devi one of the first lady Queen who defeated musilm invaders..
पहले अच्छे से चालुक्यो का इतिहास पढ पता चल जाएगा कि वो कौन थे❓
Le buppa Rawal laughing at corner 😂😂😂
@@devendraSingh-yg3ej पढ़ ले अब तक सोलंकियों (चालुक्यों) की ब्लड लाइन है गुजरात मे ओर वो राजपूत है ...... ओर एक गुजरात का राजपूत राजा है भीमदेव सोलंकी ....उसे भी पढ़ लिये इस राजा ने बडे प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण करवाया था .........ओर हां.sc, st, obc राजपुतो से जला ना करो ...क्योंकि देश का संविधान तुमको हजारों सालों से शोषित पिछड़ा मानता है तुम्हारे इस जातिगत पिछड़े पन के कारण तुमको आरक्षण देता है .....इसलिए फर्जी राजा ओर उनके राजपुत्र बनाना छोड़ दो उसके लिए राजपुतो के पास अपने पूर्वजो की पहचान आज भी मौजूद है ...
Pertehara empire pertehars Raajputs
@@devendraSingh-yg3ej chalukya are belong to boya caste of karnatka
अगर 1192 से सन 16 वी सदी मे भी भारत मे गुर्जर प्रतिहार, चालुक्य जैसे शक्तिशाली साम्राज्य होते तो मोहोम्मद घोरी, खिलजी, तुघलक, मंगोल, तैमुर लंग और बाबर जैसे आक्रांता भी भारत को नही जीत और लूट पाते...
Jai jat jai gurjar
But vo sauth me success nahi hue hue to kuch time ke liye second rana kumba ne delhi ke king ko kai bar haraya tha khud Maldev rathor ko sher shah shuri ne powerful king bataya hai
@@Hinduchoudhary1241 pratihar aur chalukya dono rajput hote hai.... pahle itihaas padh lo acchhe se
क्यों गुर्जर क्या 1947 के बाद पैदा हुआ था
तैमूर लंग को भी, जोगराज गुर्जर और गुर्जर रामप्यारी ने हराया था
Bahut sundar video
Thank you for the true history glimpse
Eye opening discussion 😮
Nice episode 👏 jai shree Ram 🙏
Proud to be GURJAR 🚩🚩
😂 waha bete
राजपूत सम्राट श्री मिहिरभोज जी प्रतिहार परिहार की जय हो जय राजपूताना जय माँ भवानी 🚩🙏🏻
फ़ालतू बकवास
Namastey Sir🙏🙏, from which sources we can learn more about the History of Parmar, Partihar, Chalukya and Chauhan rulers.
Kya jaanana chahte ho
Very informative and explained...❤
very good info
बोलो राधे कृष्णा की जय लखदातार की जय हारे के सहारे की जय धन्यवाद गुरुदेव
ખૂબ સરસ વાત ઈતિહાસ છે ઉજાગરકરોલોકોની જાણકારી માટે વિરલ પ્રયાસ કર્યો છે ધન્યવાદ અભિનંદન આપ્યા કપુરજીબારોટ