Konse wale rajput 😊 jinhone akbar ko betiya di.... Jisne akbar keliye ladai ladii....ya jisne tugaalq ko apne rajya khone ke dar se beti di uske.... Ya jis ganga singh ne jeorge panchan ke lie ☔ taani thi 😂😂 kis rajput ki aullad h ya fer jinhone angrezo ka saatb de kar 1857 ki krani ko roka 😂 ya jisne apne rajwade pension ke lalach m de diii😂😂😂
Sir me gohil rajput hu,hum bhi rajsthan se hei ajj hum log gujrat me rehte hei hum bhi Gehlot rajvansh se hei maharana pratap singh hamare se hi hei,, ajj bhi vallabhi ,,vallbhipur bhavnagar ke pass hei ajj bhi hamare riyasat gujrat me hei,Jay Rajputana ⚔️
@@rajvirsinhgohil2032 Jo sach hai wahi likha hai ! Ye baate ASI or historian ko bhi pta hai. Ek baat or btata hu... Pakistan ki trf se kabhi kisi Arb, Turk, Mughal ka attack nhi hua or na hi ho skta tha !!!! Ratto likhado ki farji kahaniya ab... lad maro farji feeling me..ban jao farji Hinduwaad ke liye ek dusre ke dushman. sach koi batayega nhi...🤣🤣🤣🤣
@@ajaynain88 tum Maro tere jese log hi hindu ke dushman hai,Tera koi purvaj nahi aya tha mughlo angrejo se ladne , rajputo ne balidan Diya hai is mitti ke liye ye tera ASI or historian kuch bhi batate hei to tum jese man lete ho kal tujhse koi ye kahega Tera baap koi or hei to tu man Lena thoda soch samaj kar likho or ye internet kuch dal deta hei bahot bharosa mat kar muje to ye lagta hei tu muslim ka Ghulam hei ham log the is liye hindu hei Varna muslim hote
Very nice sir !! Mai Maharana Pratap ki. Bahut badi fan hu aur pure Mewad travel karchuki hu bahut bar. Kumbalgarh se leke Chittor , Gogunda , haldhighati , Udaipur , Chawand , khamnour , badshahi bag , raktatalai , Chetak smarak Aur sabse accha laga Dr Shreemali se milke jinhonne Haldighati museum banayi hai Aapka ye information bhi bahut gyanavardhak tha. Thank you so much for educating us on this subject!!
यु पी के राजपूत डुप्लीकेट राजपूत है,इनका कोई इतिहास नहीं मिलता है,यह ठाकुर साहब नहीं है,यह अंग्रेजो के जमाने के बाबू साहब है(क्लर्क),,केवल अंग्रेजो की गुलामी करके राजस्व(लगान) उसूलते थे और नुहुरकर सलाम ठोकते थे,,धन्यवाद,,
Chandel are from vindhya ranges, bishen rajputra famous person RAJA BAHYIA , Rathore of kannauj bais rajput of old awadh, raghuvanshi of purvanchal and many old rajputra and khastryia dynasties all originated from Uttar Pradesh. @@rajendrasingh8110
जय श्री सीताराम जय हिंद जय भारत वंदे मातरम जय महाराणा प्रताप जय महाराणा सांगा जय राणा महाराणा उदय सिंह धन्य है महाराणा प्रताप और मां भारती के सभी सच्चे भारतवासी औरभील और प्रणाम करता हूं पन्नाधाय को
गोपीनाथ शर्मा और DR भंडारकर, दोनों ही ब्राह्मण है,, इसलिए उन्होंने अपनी ब्राह्मण श्रेष्ठता को स्थापित करने के उद्देश्य से गुहिलों को ब्राह्मण कहा होगा,,, शर्मा और भंडारकर ने यहाँ पर विप्र का मतलब विद्वान क्यों नहीं माना ?
@devendraSingh-yg3ej sabse purani jati Nishad he kyu ki Human settlement river ke Kinare hi hua he usase jab jetana ayi to Brahman bane phir jab stability ki jaroorat hui to Kshatriya hua usase pahale sab Jangly the
कर्नल टॉड ने कहा था कि राजपूत विदेशी है,,,, लेकिन मेवाड़ राजघराने की नज़रों में तो कर्नल टॉड काफी सम्माननीय विद्वान रहे है,,, मेवाड़ राजघराना तो कर्नल टॉड के नाम से पुरस्कार भी देता रहा है।
= उस वक्त आज वाले तथाकथित " राजपूत " नहीं थे.....? राजपूत जाति को अग्नि यज्ञों के बाद नाम दिया गया.....? इतिहास पढ़ो , तब हकीकत पता चलेगा...... आधे अधूरे ज्ञान के पीछे मत भागो , क्योंकि सभी जातियों बराबर हैं , रजवाड़े सभी वर्णों की जातियों के रहे हैं ,ब्राह्मणों , क्षत्रियों , वैश्य, शुद्रो यथा _ ब्राह्मणों ,यादव, अहिर, गुज्जर , ठाकुर ,राजपूत , रावणआ राजपूत, वैश्य बनिए, मुस्लिम, जाट , सिख , मराठा , पाटीदार _ पटेल ,डोगरा , कायस्थ , भूमिहार ,चमारो, कोलियो,निशादो, भीलों , बंजारो , आदिवासियों , वनवासियों , पहाड़ियों , चकमा, नागा ...... etc. etc.....?
Chandra Gupta maurya Himalaya banshi khashas thakkura hai Dr.haris Chandra lakhera jee ki kitab pade maura koi jaat nahi bhagwan krishna se bada koi maurya nahi
@meghrajnayak6097 भाई भूलो को उपाधि खुद इसी गोहिल वंश ने दी थी तभी तो वो राणा लगाते है। भील निषाद दंडकारण्य से है और वही से भगवान राम वनवासी बनकर गए थे। और इन्हीं भगवान के वंशज है गोहिल। थोड़ा इतिहास ध्यान से पढ़ें और इतिहास का सम्मान रखे। ऐसे ही गूगल से पढ़कर कुछ भी मत hago
इस बात के बहुत बड़े प्रमाण है कि चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण मौर्य राजा ने बनवाया था और वह सातवीं शताब्दीतक भी था फिर गुहिल वंश का तो पांचवी शताब्दी में कहीं कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता इतिहास में
जब जाति व्यवस्था की आलोचना होती है तो कहा जाता है कि ब्राह्मण और विप्र का मतलब विद्वान होता है,, तो हो सकता है कि गुहिल के शिलालेख में जो ब्राह्मण या विप्र शब्द का उपयोग किया गया हो, उसका मतलब विद्वान हो,,, हो सकता है कि गुहिल कोई विद्वान राजा रहा हो,,, यहां पर आपने विप्र का मतलब विद्वान से क्यों नहीं लिया ?
भाई जी एक वीडियो मेर राजपूत जाति के ऊपर भी बनाओ मेर राजपूत सम्राट मिहिर भोज जी के वंशज हैं इनको मिहिर बंसी भी कहा जाता है इनका मेत्रक वंश से संबंध बताया जाता है मैत्रक /मिहिर /मेर राजपूत एक ही वंश है यह मेत्रक वंश था सूर्य की उपासना करने के कारण उनेह मिहिर कहा गया और कालांतर में मिहिर से मेर हो गया मेर राजपूत वंश के लोग सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार के वंशज हैं
महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण सिसोदिया और रावल वंश और कोई नहीं बल्कि गुहिलदत्त के वंशज है और गुहिलदत्त, गुजरात के वड़नगर के नागर ब्राह्मण थे जोंकी पाँचवी सदी में वड़नगर से वर्तमान मेवाड की तरफ़ माइग्रेट हुए थे
मुहनोत नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में लिखा है गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दक्कन में महाराष्ट्र के नासिक त्रयंबकेश्वर मे था बाद में वह मेवाड़ आए।
@@rajput7850 यह हम नहीं कहते मुहनोत नैनसिरी ख्यात में लिखा है और केवल राठौर सोलंकी सिलार सिसोदिया जादौन यह चार पांच कुल ही मराठों के वंशज है बाकी राजपूत को विदेशी शक कुशान और हुनो के वंशज है
Sir mene s v das gupta ki book or bhi book padhi sabme yahi mila ki abu road me agni yagya hone se pahle sab boudhh dharm or jain dharm ko mante the kyuki us time hindu dharm ke praman nhi h bharat me south tak jain or boudh mandir the bad me inhe hi hindu mandir me convert kia gya please video banaye👍
Raman ji apka .......gayn to superb h .... authentic bhi h ...bus ak hi kami h ..........ap MCQ test series laao taki ........Hume kisi aur ko ....chanal pe jana bhi ni pade......plz note ...
A lot of research still needed to be done. The ruler section of Gujjar become Rajput. Even now Scindia is rajput too and he has marriage relation with King of J&K and had relation with King of Nepal.I mean to say that all rulers become Rajput irrespective of their original origin. Raja Bhoj came from Balkh area after fall of Gupta empire. History of India missing a lots of thing like, son of King porus killed the horse of Alexander and after that Alexander fell on ground but some how his bodyguards were able to save him and took him to camp. This is mentioned in only one place. That's the real reason for making deal with King Porus by Alexander but it's written differently and then Alexander moved towards Batala (Punjab) where his all cavalry forces got killed and that's why, Alexander decided not to go further east in India.
हूण जाती के विदेशी लोग भारत मै, 500 year's मै भारत आये, जिनका एक राजा, toroman हुआ जिसका राज दिल्ली और मालवा पर था, जिसके वसज् सायद tomar हो, एक राजा chohman हुआ जिसके वंसज कौन थे, हूण जाती, आज गुजर है और गुजर जाती मै से सायद ये राजपूत निकले हो ,,, लगभग सभी राजपूतो की उत्पत्ति 500 के बाद है🤣🤣🤣 Rajasthan के 60% भू भाग पर मतस्यो (मीणा) का राज था, हूणों से 500 से 1570 तक, सत्ता की लडाई होती रही, (प्रतिहार गुजर और राजपूत के रूप मै) मीणा जाती , Rajasthan मै मेर/मेद/मेव/मोर नाम से जाने जाते थे, ,,, Rajasthan मै मेर/मेद/मेव जो मीणा ही थे चित्तौड़गढ़ मै मोर वंश, मीणा जाती से ही थे ,,, अजमेर/मेरवाडा मै मेर/महेर, रावत राजपूत लगाते है, obc मै आते है मीणा नहीं लगाते, इस एरिया मै, "मोरा माता" को कुल देवी के रूप मै पूजा जाता है, ((((ये Ajmer,merwada के रावतो Or दौसा,करौली , पूर्वी राजस्थान के कई मीना गोत्रो की कुल देवी है)))) मोरा माता, को चंद्रगुप्त मौर्य की मां, माना जाता है,,,, ,,कुछ लोग मानते है की, चंद्र गुप्त, मतस्यो के वंसज ही थे, ,,, आज की reservation ने रावत और मीणो को अलग कर दिया, लेकिन अब भी दोनों जातियों मै शादी हो रही है
@@abhilashpayasi1982 Ikshvaku jati ka uday awadh kshetra se hain, wo wahan k kisan theyy, surya se utpatti hui thi kashyap se utpatti hui thi, ye sab manghadhant kahaniyaan hain😂
चित्तौड़गढ़ के संस्थापक चित्रांगद मौर्य थे जो साक्य कुल के थे वही साक्य कुल जो आज से 11000 वर्ष पहले महाराजा महासंबत (कुछ इतिहासकार इनको ओक्काक कहते हैं और कुछ इतिहासकार इनको इक्ष्वाकु भी कहते हैं ) के चार पुत्रों से प्रारंभ होकर हरिश्चन्द्र भगीरथ, राजा संख जो सांख्य योग और सांख्य दर्शन के संस्थापक थे (आज की संकिसा साक्य नगरी उन्ही से संबंधित है), रघु अज दशरथ (कासी) सिंहहनु विश्वगुरु भगवान तथागत बुद्ध, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य, विश्व के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक, ब्रहद्रथ जिसकी हत्या पुष्यमित्र शुंग ने कर दी थी। (पुष्यमित्र ने साकेत को अयोध्या नाम दिया था) । उसी मौर्य वंश (साक्य कुल) के गुहिल राजा थे। उसी में लक्ष्मण सिंह (लखन सिंह) जिनके नौ पुत्र थे सबसे बड़े अरिसिंह शाक्य थे (आठ पुत्र मेवाड़ के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे ) राजा अरिसिंह के पुत्र हम्मीर सिंह (1326) थे। संकिसा के पास हम्मीर खेड़ा राणा हम्मीर सिंह से ही संबंधित है।
Yahi ke mil nivasi hai hum-- Mere ek ristedaar Raghuvanshi Gargvansi Gautam Gotra Ke khastriya hain.. Jinka jikar rigveda me hai 5000 sal purana. Wahi Tomar sikarwar Sisodiya Bhi mere ristedaar hai.. Kul mila khastriya rajput ek hi hai mere yaha. Koi shaq ho to aa jao mere khestra me
महाराणा प्रताप के यानी सिसोदिया उर्फ गुहिल वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दख्खन महाराष्ट्र में नासिक त्रयंबकेश्वर में था बाद में वह मेवाड़ आए ऐसा राजपूत इतिहास मुहनोत नैनसी उसका ग्रंथ मुंहता नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में कहता है यही बात मराठा इतिहासकार रामकृष्ण कदम उनका ग्रंथ मराठा 96 कुल में कहते हैं की शिसोदे मराठा वंश की शाखा राजपूत का सिसोदिया वंश है इन का मूल स्थान महाराष्ट्र का गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ प्रतिष्ठानपूरी शहर यानी आज जिसे पैठण कहा जाता है वह है पैठन के शिसोदे मराठा वंश की एक शाखा नासिक त्रयंबकेश्वर से होते हुए मेवाड़ गई शिसोदे मराठा वंश की उत्पत्ति अश्मक वंश से हुई है ईसा पूर्व छठी शताब्दी में यानी आज से 2600 वर्ष पूर्व हमारे हिंदुस्तान में जो 16 महाजनपद थे उसमें से एकमात्र अश्मक नामक महाजनपद दक्षिणभारत में था उसकी राजधानी गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ प्रतिष्ठानपूरी यानी आज के छत्रपति संभाजी नगर में स्थित पैठण शहर थी भगवान श्रीराम के इक्ष्वाकु वंश में अश्मक नामक राजा हुए यह अयोध्या के इक्ष्वाकु वंशी राजा सौदास जिन्हे कल्मशपाद भी कहा जाता है उनके पुत्र थे यह अश्मक राजा दक्षिण में आए और उन्होंने एक नए राज्य की स्थापना की उन्हीं के नाम पर ऊस राज्य को अश्मक महाजनपद कहां गया और इसी अश्मक महाजनपद पर शासन करने वाले इक्ष्वाकु वंश को आगे शिसोदे कहां गया जो मराठों के 96 क्षत्रिय कुलों में से एक कुल यानी वंश है उसी की शाखा राजपूत का गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश है और महाराष्ट्र में इस शिसोदे मराठा वंश की शाखा भोसले और घोरपडे कुल है।
@@shambhusingh4568😂😂😂😂 कोण बोल रहा है जो खुद भारत के सबसे बड़े इतिहासचोर है जो हर महान क्षत्रीय राजा को राजपूत घोषित करते हैं यहां तक की भगवान श्रीराम भगवान श्रीकृष्ण जी तक को नहीं छोड़ते वह बोल रहे हैं 😂😂😂😂 और हमने प्रमाण दिया है मुंहनोत नैनसिरी ख्यात पढो
@@shambhusingh4568😂 बोल भी कौन रहा है जो भारत के सबसे बड़े इतिहासचोर हे हैं वह जो भारत के हर महान क्षत्रीय राजा को राजपूत घोषित करते हैं यहां तक की भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण जी तक को नहीं छोड़ते वह लोग बोल रहे हैं हमने प्रमाण दिया है मुंहनोत नैनसिरी ख्यात पढ़ो
भाई मराठा और राजपूत दो अलग जाति हैं। सम्राट पृथ्वीराज जी ने विंध्या के नीचे राजपूतों को जाने से मना किया था। इसलिए महाराष्ट्र के हो ही नही सकते। हमारा भूमि उत्तर में हिमालय से लेकर, पूरब में गौर देश यानी आज का बिहार से सटा हूवा बंगाल कि सीमा तक, पश्चिम में गुजरात से लेकर और दक्षिण मैं विध्यांचल तक यानी आज का मध्यप्रदेश तक हैं। विंध्या के नीचे राजपूतों को बसने के लिए मना किया गया था। क्योंकि उसके नीचे दक्षिण शुरू हो जाता हैं। पारंपरिक रूप से हम लोग दक्षिण दिशा में नहीं जाते हैं। आजकल अलग बात हैं।
सर जी आप 640 या 642 का जो बात कर रहे हो ओ हर्षवर्धन का समय था जिसे शिलादित्य कहा जाता है , उस टाइम पूरा उतर भारत में उसका शासन था ओ वर्धन राजवंश का था न कि गोहिल
सम्पुर्ण भारत भुमि आदिवासियों कि थी बाद में मध्य एशिया से आर्य आये और सप्त सैदव प्रदेश में बसे और इसी प्रदेश को वेदों में ब्रह देश भी कहा गया है आर्य यज्ञ पूजक थे मूर्ति पूजक नहीं थे किंतु बाद में संस्कृतियों का मिलन हुआ और सभी घुल मिल गए
Sir 712 AD mein jab Turkey ke 5th Khalifa Alwid Malik ne apne Senapati Md Kasim Malik ko Bramanabad par hamle kar Raja Dahir Sen ko haraya tha tab Raja Dahir Sen ke beta apne hi rajvansh ke Raja baba Rawal ke help ke liye Rajasthan jate hai aur Bapa Rawal ne Rawal Pindi tak sabhi Malacho ko yaha se bhagaya aur vaha par apna Rajya dobara Isthapith kiya
Rajput videshi kyon hai kya pata videshi hi Rajput Ho Jo Bharat se nikal kar bahar Desh mein chale Gaye Ho aur jahan tak baat Rahi ashvmegh yagya ki vah to hamare yahan prachin kal se hota hua a raha hai treta Yug mein Ayodhya ke Raja Shri Raja Ramchandra Ji ne bhi ashvmegh yagya kiya tha to isase to yahi sabit hota hai ki yahan ke Rajput bahar videsh mein chale Gaye
जय एकलिंग नाथ जी की, जय महाराणा जय मेवाड़ ♥️ ❤️ 👌 ✨️ 💖 😍
महाराणा मेवाड़ के वंशज भगवान राम के पुत्र लव के वंशज हैं , और जयपुर के महाराजा भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज हैं !
ये तो आपस में भाई हो गए,,, रक्त सम्बन्ध हो गया
@@MahendraSingh-c6oyes hei ye
😂😂😂😂😂
कच्छवाहा राजवंश का राज ग्वालियर और शिवपुरी पर भी रहा है
@@mstomartomar8136 ji,,, sahi kahaa aapne
अंतिम आपकी व्याख्या सही है यह राम के वंश जो है❤
कायर भोगे दुःख सदा । वीर भोग्य वसुंधरा ⚔️🚩
क्षत्रिय केवल राजपूत🚩
😂😂
Konse wale rajput 😊 jinhone akbar ko betiya di.... Jisne akbar keliye ladai ladii....ya jisne tugaalq ko apne rajya khone ke dar se beti di uske.... Ya jis ganga singh ne jeorge panchan ke lie ☔ taani thi 😂😂 kis rajput ki aullad h ya fer jinhone angrezo ka saatb de kar 1857 ki krani ko roka 😂 ya jisne apne rajwade pension ke lalach m de diii😂😂😂
@@Veer_gurjar920कौन से गूजर जिन्होंने मुगलों को अपनी बेटियों देकर ज़मीन हासिल की थी 😂😂😂😂
School 🎒 Jake gayan le 😂😂😂😂 gohil vansh se gahlot or sisodiya Bane 😂😂😂
@@पटेल-PATEL or chutia maine kya bola 🤡🙄 ye baat muje bhi pata h guhil se sisodiya hue 🙄 ab tu bataa de guhil vansh kis se start hua 😏
Sir me gohil rajput hu,hum bhi rajsthan se hei ajj hum log gujrat me rehte hei hum bhi Gehlot rajvansh se hei maharana pratap singh hamare se hi hei,, ajj bhi vallabhi ,,vallbhipur bhavnagar ke pass hei ajj bhi hamare riyasat gujrat me hei,Jay Rajputana ⚔️
बिल्कुल सही गोहिल सूर्यवंशी हैं सब राजपूतों को पता है
Rajpoot ko pahle "Rashboot" bola jata tha...internet pe bahut kuch available tha iske baare lekin abnhi hai...koi to kuch kar rha hai.
@@ajaynain88 Abe kya bol raha hai
@@rajvirsinhgohil2032 Jo sach hai wahi likha hai ! Ye baate ASI or historian ko bhi pta hai.
Ek baat or btata hu... Pakistan ki trf se kabhi kisi Arb, Turk, Mughal ka attack nhi hua or na hi ho skta tha !!!!
Ratto likhado ki farji kahaniya ab... lad maro farji feeling me..ban jao farji Hinduwaad ke liye ek dusre ke dushman. sach koi batayega nhi...🤣🤣🤣🤣
@@ajaynain88 tum Maro tere jese log hi hindu ke dushman hai,Tera koi purvaj nahi aya tha mughlo angrejo se ladne , rajputo ne balidan Diya hai is mitti ke liye ye tera ASI or historian kuch bhi batate hei to tum jese man lete ho kal tujhse koi ye kahega Tera baap koi or hei to tu man Lena thoda soch samaj kar likho or ye internet kuch dal deta hei bahot bharosa mat kar muje to ye lagta hei tu muslim ka Ghulam hei ham log the is liye hindu hei Varna muslim hote
Very nice sir !! Mai Maharana Pratap ki. Bahut badi fan hu aur pure Mewad travel karchuki hu bahut bar. Kumbalgarh se leke Chittor , Gogunda , haldhighati , Udaipur , Chawand , khamnour , badshahi bag , raktatalai , Chetak smarak Aur sabse accha laga Dr Shreemali se milke jinhonne Haldighati museum banayi hai Aapka ye information bhi bahut gyanavardhak tha. Thank you so much for educating us on this subject!!
Sir कभी हमारे उत्तर प्रदेश के राजपूतो पर भी वीडियो बनाइये। 🚩🚩🦁🦁
Up ke rajput Nabaabon , Dongi Babaon Or Angrezon Ki najayaz oulaad hein.
यु पी के राजपूत डुप्लीकेट राजपूत है,इनका कोई इतिहास नहीं मिलता है,यह ठाकुर साहब नहीं है,यह अंग्रेजो के जमाने के बाबू साहब है(क्लर्क),,केवल अंग्रेजो की गुलामी करके राजस्व(लगान) उसूलते थे और नुहुरकर सलाम ठोकते थे,,धन्यवाद,,
Bharat ke ander sab jagah Rajput Rajsthan (rajputana) se hi faile hai
@rajendrasingh8110 Aisa nahi hai bhai
Chandel are from vindhya ranges, bishen rajputra famous person RAJA BAHYIA , Rathore of kannauj bais rajput of old awadh, raghuvanshi of purvanchal and many old rajputra and khastryia dynasties all originated from Uttar Pradesh. @@rajendrasingh8110
जय श्री सीताराम जय हिंद जय भारत वंदे मातरम जय महाराणा प्रताप जय महाराणा सांगा जय राणा महाराणा उदय सिंह धन्य है महाराणा प्रताप और मां भारती के सभी सच्चे भारतवासी औरभील और प्रणाम करता हूं पन्नाधाय को
जय महाराणा प्रताप 🚩⚔️🙏🏻
सर जी आजकल में, श्यामल दास जी की लिखी हुई वीर विनोद और कर्नल जेम्स टाड का राजस्थान का इतिहास पढ़ रहा हूँ,,,मजा आ गया......जय हिंद जय भारत
Bhai veer vinod kaha se mangwayi hai aapne plz bataye...maine online dekhi thi..kaafi mehangi hai around 5000 ki.
Hmre dilo me Maharana Pratap ji ❤or bappa rawal ji basty he❤😊
गोपीनाथ शर्मा और DR भंडारकर, दोनों ही ब्राह्मण है,, इसलिए उन्होंने अपनी ब्राह्मण श्रेष्ठता को स्थापित करने के उद्देश्य से गुहिलों को ब्राह्मण कहा होगा,,, शर्मा और भंडारकर ने यहाँ पर विप्र का मतलब विद्वान क्यों नहीं माना ?
दशरथ शर्मा और डा. गौरीशंकर हीरा चंद ओझा भी ब्राहम्ण ही थे **🤔
Kuruvanshi bhi Brahman hi the
Jo aaj kurumi he 😅
@@ComptetiveApproach कूर्म वंश और कुरू वंश यह दोनों एक हैं या फिर अलग अलग है */🤔
इसी में आपके सवाल का जवाब छुपा है */😎
@devendraSingh-yg3ej ek hi he bhai
Kyuki ye hi
Patel ka matalab sardar ya Choudhary hi Hota he
Kurmi Kerala or north east main kshatriya hi he
@devendraSingh-yg3ej sabse purani jati Nishad he kyu ki
Human settlement river ke Kinare hi hua he usase jab jetana ayi to Brahman bane phir jab stability ki jaroorat hui to
Kshatriya hua usase pahale sab
Jangly the
कर्नल टॉड ने कहा था कि राजपूत विदेशी है,,,, लेकिन मेवाड़ राजघराने की नज़रों में तो कर्नल टॉड काफी सम्माननीय विद्वान रहे है,,, मेवाड़ राजघराना तो कर्नल टॉड के नाम से पुरस्कार भी देता रहा है।
Sab ko videshi nhi kha
@@prateekrai6260 iskaa matlab aap colonel tod ki baat se sahmat hai ?
@@MahendraSingh-c6o unki baat mein kuch to sach hain hi
@@prateekrai6260 aapne padhaa h colonel tod ko
@@prateekrai6260 aap sirf mewar rajgharaane ka paksh le rahe hai aur kuchh nahi
colonel tod ne sabhi rajputo ko videshiyo ki santaan bataya hai
कर्नल जेम्स टाॅड को राजस्थान के इतिहास में इतनी दिलचस्पी क्यों थी?
Kyuki rajasthan bhut unique tha...wha ka rajvansh bhut unique h
Udaipur ka political agent rha 1818 se 23 tk esliye intrest tha
@@prateekrai62601000%√
क्षत्रिय केवल राजपूत 💪
जय क्षत्रिय धर्म 🙏🚩🚩🚩
= उस वक्त आज वाले तथाकथित " राजपूत " नहीं थे.....? राजपूत जाति को अग्नि यज्ञों के बाद नाम दिया गया.....? इतिहास पढ़ो , तब हकीकत पता चलेगा...... आधे अधूरे ज्ञान के पीछे मत भागो , क्योंकि सभी जातियों बराबर हैं , रजवाड़े सभी वर्णों की जातियों के रहे हैं ,ब्राह्मणों , क्षत्रियों , वैश्य, शुद्रो यथा _ ब्राह्मणों ,यादव, अहिर, गुज्जर , ठाकुर ,राजपूत , रावणआ राजपूत, वैश्य बनिए, मुस्लिम, जाट , सिख , मराठा , पाटीदार _ पटेल ,डोगरा , कायस्थ , भूमिहार ,चमारो, कोलियो,निशादो, भीलों , बंजारो , आदिवासियों , वनवासियों , पहाड़ियों , चकमा, नागा ...... etc. etc.....?
@@greatkaafir7478 🕉
मेवाड़ राजवंश दुनिया का सबसे बडा राजपरिवार है
क्षत्रिय धर्म 🗿
क्षत्रिय केवल क्षत्रिय
Mugalput 😊
@@Mind-S5xjhat bhaischor ahirgwala
@@kandiking2218 💪😴betibachne Wale kshtriya bnaga ab 🤡 Mugalo tuglako ni najaiys ollad
@@Mind-S5x तुगलकपुत, दसीपुत 🤪😂
@@Mind-S5x हमारी ( ठाकुरों की ) नाजायज औलाद "! 💪😇
महाराणा प्रताप मौर्यवंशी है❤
पप्पू पागल हो गया है👊👊👊👊👊👊
कया 🤣🤣🤣🤣
Chandra Gupta maurya Himalaya banshi khashas thakkura hai Dr.haris Chandra lakhera jee ki kitab pade maura koi jaat nahi bhagwan krishna se bada koi maurya nahi
Maurya kon the bhai 😅
Maurya surname he
Title he
Chankya or chandragupta bhai hi the
first comment
महाराणा प्रताप के पूर्वजो कि उत्पति आदिवासी भील जनजाति से ही हुई है |
महाराणा प्रताप जी भगवान श्री राम के पुत्र लव के वंशज हैं
😅
@@hinduhistory7466 भारतीय इतिहास में भीलो का इतिहास गौरवमयी है | जिसे मनुवादी विचारधारा ने इतिहास में हेरफेर कर दी है | इतिहास को दबा दिया गया है |
😂😂😂😂😂😂
@meghrajnayak6097 भाई भूलो को उपाधि खुद इसी गोहिल वंश ने दी थी तभी तो वो राणा लगाते है। भील निषाद दंडकारण्य से है और वही से भगवान राम वनवासी बनकर गए थे। और इन्हीं भगवान के वंशज है गोहिल। थोड़ा इतिहास ध्यान से पढ़ें और इतिहास का सम्मान रखे। ऐसे ही गूगल से पढ़कर कुछ भी मत hago
इस बात के बहुत बड़े प्रमाण है कि चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण मौर्य राजा ने बनवाया था और वह सातवीं शताब्दीतक भी था फिर गुहिल वंश का तो पांचवी शताब्दी में कहीं कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता इतिहास में
वलभी मे महाराणा प्रताप के वंशजो का ही राज था,
Ek baat bolu aap ke liye हमे किसी भी source ki जरूरत nahi ha aap ki ki Rajasthani की history के ज्ञाता ho.
Jruri h source, aajkal charo taraf itihaas chor bhre pde h kbhi bhi aa jayenge claim krne 😂
@@shambhusingh4568 us karnal James Tod na hi gujjaro sa nikla btaya ha rajputo ko
@@Mind-S5x ok babaji 🤡
@@shambhusingh4568tu kudh videshi ho
@@prasantabagh432 ok sir
Ek do comments me kisi ko yah prove nhi kr skta ki hum kon h or tum kon ho isiliye just keep your close 🙌
जब जाति व्यवस्था की आलोचना होती है तो कहा जाता है कि ब्राह्मण और विप्र का मतलब विद्वान होता है,, तो हो सकता है कि गुहिल के शिलालेख में जो ब्राह्मण या विप्र शब्द का उपयोग किया गया हो, उसका मतलब विद्वान हो,,, हो सकता है कि गुहिल कोई विद्वान राजा रहा हो,,, यहां पर आपने विप्र का मतलब विद्वान से क्यों नहीं लिया ?
ब्राह्मण से निकले हुए हैं सारे राजपुत
Ek vastvik yani vastvik Brahmin se hi h khatriya.....isme galat kya h
Shilalekh ko nahi kata ja sakta....
Or Haan pahle Varna vyavastha thi.....koi kisi k yha paida ho vo decide swabhav or karma se hota tha
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं❤
Adivasi aur Kshatriya alag hai aur the.
ईरान के पह्ललव वंश के वंशज गोहिल वंश है। पह्ललव के अपभ्रष्ट होकर बल्लभ हो गया है। जिसने मौर्य वंश के राजा मान मौर्य से मेवाड़ छीन ली थी।
मैर और मेढ़पाठ सही है मेरे गांव में आज भी मेरो के बनाये कुए हे
और
जमीन की खुदाई में जो भी अवशेष मिलते है बुजुर्ग बोलते ही की ये मेरो के बर्तन है
भाई जी एक वीडियो मेर राजपूत जाति के ऊपर भी बनाओ
मेर राजपूत सम्राट मिहिर भोज जी के वंशज हैं
इनको मिहिर बंसी भी कहा जाता है
इनका मेत्रक वंश से संबंध बताया जाता है
मैत्रक /मिहिर /मेर राजपूत एक ही वंश है
यह मेत्रक वंश था सूर्य की उपासना करने के कारण उनेह मिहिर कहा गया और कालांतर में मिहिर से मेर हो गया
मेर राजपूत वंश के लोग सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार के वंशज हैं
भाई मेत्रक,मेर राजपुत किस क्षेत्र में पाए जाते है बताना भाई
@@virendrasingh1947 Gujrat or rajistan
@@Mer-rawat भाई गुजरात और राजस्थान के कोन से क्षेत्र में पाए जाते है यह राजपुत भाई
@@virendrasingh1947 गुजरात मे पोरबंदर,,जूनागढ़,,
Nhi rajpoot ek cast nhi he
Kushwah Yadav kurmi Meena ratrakot sab raja ka sangh Rajpoot he
Wlcm बैक सर राजस्थान के इतिहास के रोचक किस्से पे वीडियो बनाते रहे परमानेंट वीडियो आने दो
महाराणा प्रताप का सम्पूर्ण सिसोदिया और रावल वंश और कोई नहीं बल्कि गुहिलदत्त के वंशज है
और गुहिलदत्त, गुजरात के वड़नगर के नागर ब्राह्मण थे जोंकी पाँचवी सदी में वड़नगर से वर्तमान मेवाड की तरफ़ माइग्रेट हुए थे
Sir art and culture ka batch bhi aayega kya aap par
Please reply if yes
Kitna time lagega
Next month
Well done.jankari.❤.es.kam.umar.may.bhi.achha.gayn.lay.liya.hay.❤.good.lagy.rayho.sahi.histri.jab.tak samny.na.aay.
मुहनोत नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में लिखा है गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दक्कन में महाराष्ट्र के नासिक त्रयंबकेश्वर मे था बाद में वह मेवाड़ आए।
Yha भी आगया तू ज्ञान देने तू पडाने लगे जा history BC
To mewad me sthit sisoda jahagir kiski hai .
Galat history mat felao..Rajputo ka maratho se dur dut tak relationship nahi he
@@rajput7850 यह हम नहीं कहते मुहनोत नैनसिरी ख्यात में लिखा है और केवल राठौर सोलंकी सिलार सिसोदिया जादौन यह चार पांच कुल ही मराठों के वंशज है बाकी राजपूत को विदेशी शक कुशान और हुनो के वंशज है
चोर शूद्र मराठा खुद को क्षत्रिय बता रहा है .? 😂
हम गुजरात भावनगर जिल्ले के सिहोर मे रहने वाले गोहिल है. हमारे यहाँ बारोट वंशावली लिखते है, जिनका कहना है हम राजस्थान के देवगाणा के रहने वाले थे.
🙏🚩Nice
Proud to be born in Guhilot clan
Sir mene s v das gupta ki book or bhi book padhi sabme yahi mila ki abu road me agni yagya hone se pahle sab boudhh dharm or jain dharm ko mante the kyuki us time hindu dharm ke praman nhi h bharat me south tak jain or boudh mandir the bad me inhe hi hindu mandir me convert kia gya please video banaye👍
Jay maharana ji
शौर्य वीरता और बलिदान 🚩🚩🚩
सर जी जय माताजी की सा 🙏
Raman ji apka .......gayn to superb h .... authentic bhi h ...bus ak hi kami h ..........ap MCQ test series laao taki ........Hume kisi aur ko ....chanal pe jana bhi ni pade......plz note ...
🚩🚩
Ram Ram ji
Vijayanagar empire and Chola empire Ganga empire Pandya empire par video banaye sir
A lot of research still needed to be done. The ruler section of Gujjar become Rajput. Even now Scindia is rajput too and he has marriage relation with King of J&K and had relation with King of Nepal.I mean to say that all rulers become Rajput irrespective of their original origin. Raja Bhoj came from Balkh area after fall of Gupta empire. History of India missing a lots of thing like, son of King porus killed the horse of Alexander and after that Alexander fell on ground but some how his bodyguards were able to save him and took him to camp. This is mentioned in only one place. That's the real reason for making deal with King Porus by Alexander but it's written differently and then Alexander moved towards Batala (Punjab) where his all cavalry forces got killed and that's why, Alexander decided not to go further east in India.
Sir aap ke app par cet ka math course mil jayega kya
Rajput ❤
Har Har Mahadev Jay Siyaram 🙏🚩⚔️
Sir, Video on Mahadaji Shinde Please 🙏🙏
Sir aap padana chate ho to praja mandal complete kariye
Gurudev ko Prem wala namaskar
जय मेवाड़
जय महाराणा प्रताप
हूण जाती के विदेशी लोग भारत मै, 500 year's मै भारत आये, जिनका एक राजा, toroman हुआ जिसका राज दिल्ली और मालवा पर था, जिसके वसज् सायद tomar हो,
एक राजा chohman हुआ जिसके वंसज कौन थे,
हूण जाती, आज गुजर है और गुजर जाती मै से सायद ये राजपूत निकले हो
,,, लगभग सभी राजपूतो की उत्पत्ति 500 के बाद है🤣🤣🤣
Rajasthan के 60% भू भाग पर मतस्यो (मीणा) का राज था,
हूणों से 500 से 1570 तक, सत्ता की लडाई होती रही, (प्रतिहार गुजर और राजपूत के रूप मै)
मीणा जाती , Rajasthan मै मेर/मेद/मेव/मोर नाम से जाने जाते थे,
,,,
Rajasthan मै मेर/मेद/मेव जो मीणा ही थे
चित्तौड़गढ़ मै मोर वंश, मीणा जाती से ही थे
,,,
अजमेर/मेरवाडा मै मेर/महेर, रावत राजपूत लगाते है, obc मै आते है मीणा नहीं लगाते,
इस एरिया मै, "मोरा माता" को कुल देवी के रूप मै पूजा जाता है,
((((ये Ajmer,merwada के रावतो Or दौसा,करौली , पूर्वी राजस्थान के कई मीना गोत्रो की कुल देवी है))))
मोरा माता, को चंद्रगुप्त मौर्य की मां, माना जाता है,,,,
,,कुछ लोग मानते है की, चंद्र गुप्त, मतस्यो के वंसज ही थे,
,,, आज की reservation ने रावत और मीणो को अलग कर दिया, लेकिन अब भी दोनों जातियों मै शादी हो रही है
प्रतियोगी परीक्षा में यही लिखना प्रथम रैंक तो आसानी से आ जिएगी 😂
Hn bhut khush mat ho rajput kaha se aya tujhe pta nhi he ram ji vans he smga
@@Karan.meena143 फ्री का नेट मिलने के बाद तुमलोग का एक अलग ही इतिहास बनाने का चल रहा है
बड़े बड़े हिस्टोरियन को फेल कर रहे तुम लोग 😂😂😂😂😂
@@अग्निमित्र-द8स 😂😂👌
@@chauhan_aadii anpadh h dusre ne influence kiye hai isiliye aajkal social media pr uchalte h vrna itne proof h to supreme court kyu nhi jate 😅
मनुष्य सूर्य के पुत्र मनु से ही समस्त मानव जाति की शुरुआत हैं सारे सूर्य वंशी है
कश्यप ऋषि से सूर्य की उत्पति है 😊
@@abhilashpayasi1982 Ikshvaku jati ka uday awadh kshetra se hain, wo wahan k kisan theyy, surya se utpatti hui thi kashyap se utpatti hui thi, ye sab manghadhant kahaniyaan hain😂
🚩🚩🚩🚩🚩🕉🙏🕉🙏🌺🙏
You are great sir ❤
चित्तौड़गढ़ के संस्थापक चित्रांगद मौर्य थे जो साक्य कुल के थे वही साक्य कुल जो आज से 11000 वर्ष पहले महाराजा महासंबत (कुछ इतिहासकार इनको ओक्काक कहते हैं और कुछ इतिहासकार इनको इक्ष्वाकु भी कहते हैं ) के चार पुत्रों से प्रारंभ होकर हरिश्चन्द्र भगीरथ, राजा संख जो सांख्य योग और सांख्य दर्शन के संस्थापक थे (आज की संकिसा साक्य नगरी उन्ही से संबंधित है), रघु अज दशरथ (कासी) सिंहहनु विश्वगुरु भगवान तथागत बुद्ध, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य, विश्व के महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक, ब्रहद्रथ जिसकी हत्या पुष्यमित्र शुंग ने कर दी थी। (पुष्यमित्र ने साकेत को अयोध्या नाम दिया था) ।
उसी मौर्य वंश (साक्य कुल) के गुहिल राजा थे। उसी में लक्ष्मण सिंह (लखन सिंह) जिनके नौ पुत्र थे सबसे बड़े अरिसिंह शाक्य थे (आठ पुत्र मेवाड़ के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे ) राजा अरिसिंह के पुत्र हम्मीर सिंह (1326) थे। संकिसा के पास हम्मीर खेड़ा राणा हम्मीर सिंह से ही संबंधित है।
Mori Rajput they 😂😂😂
Aaj bhi Us ilake mai Mori gotra ke rajput hai 😂
Yahi ke mil nivasi hai hum-- Mere ek ristedaar Raghuvanshi Gargvansi Gautam Gotra Ke khastriya hain.. Jinka jikar rigveda me hai 5000 sal purana. Wahi Tomar sikarwar Sisodiya Bhi mere ristedaar hai.. Kul mila khastriya rajput ek hi hai mere yaha. Koi shaq ho to aa jao mere khestra me
महाराणा प्रताप के यानी सिसोदिया उर्फ गुहिल वंश के पूर्वजों का राज्य पहले दख्खन महाराष्ट्र में नासिक त्रयंबकेश्वर में था बाद में वह मेवाड़ आए ऐसा राजपूत इतिहास मुहनोत नैनसी उसका ग्रंथ मुंहता नैनसिरी ख्यात के सिसोदिया ख्यात में कहता है यही बात मराठा इतिहासकार रामकृष्ण कदम उनका ग्रंथ मराठा 96 कुल में कहते हैं की शिसोदे मराठा वंश की शाखा राजपूत का सिसोदिया वंश है इन का मूल स्थान महाराष्ट्र का गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ प्रतिष्ठानपूरी शहर यानी आज जिसे पैठण कहा जाता है वह है पैठन के शिसोदे मराठा वंश की एक शाखा नासिक त्रयंबकेश्वर से होते हुए मेवाड़ गई शिसोदे मराठा वंश की उत्पत्ति अश्मक वंश से हुई है ईसा पूर्व छठी शताब्दी में यानी आज से 2600 वर्ष पूर्व हमारे हिंदुस्तान में जो 16 महाजनपद थे उसमें से एकमात्र अश्मक नामक महाजनपद दक्षिणभारत में था उसकी राजधानी गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ प्रतिष्ठानपूरी यानी आज के छत्रपति संभाजी नगर में स्थित पैठण शहर थी भगवान श्रीराम के इक्ष्वाकु वंश में अश्मक नामक राजा हुए यह अयोध्या के इक्ष्वाकु वंशी राजा सौदास जिन्हे कल्मशपाद भी कहा जाता है उनके पुत्र थे यह अश्मक राजा दक्षिण में आए और उन्होंने एक नए राज्य की स्थापना की उन्हीं के नाम पर ऊस राज्य को अश्मक महाजनपद कहां गया और इसी अश्मक महाजनपद पर शासन करने वाले इक्ष्वाकु वंश को आगे शिसोदे कहां गया जो मराठों के 96 क्षत्रिय कुलों में से एक कुल यानी वंश है उसी की शाखा राजपूत का गुहिल उर्फ सिसोदिया वंश है और महाराष्ट्र में इस शिसोदे मराठा वंश की शाखा भोसले और घोरपडे कुल है।
Itihaas chor 😂
@@shambhusingh4568😂😂😂😂 कोण बोल रहा है जो खुद भारत के सबसे बड़े इतिहासचोर है जो हर महान क्षत्रीय राजा को राजपूत घोषित करते हैं यहां तक की भगवान श्रीराम भगवान श्रीकृष्ण जी तक को नहीं छोड़ते वह बोल रहे हैं 😂😂😂😂 और हमने प्रमाण दिया है मुंहनोत नैनसिरी ख्यात पढो
@@shambhusingh4568😂 बोल भी कौन रहा है जो भारत के सबसे बड़े इतिहासचोर हे हैं वह जो भारत के हर महान क्षत्रीय राजा को राजपूत घोषित करते हैं यहां तक की भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण जी तक को नहीं छोड़ते वह लोग बोल रहे हैं हमने प्रमाण दिया है मुंहनोत नैनसिरी ख्यात पढ़ो
Bhai ye histry chor nahi manenge😅@@क्षत्रियमराठा96
भाई मराठा और राजपूत दो अलग जाति हैं।
सम्राट पृथ्वीराज जी ने विंध्या के नीचे राजपूतों को जाने से मना किया था।
इसलिए महाराष्ट्र के हो ही नही सकते।
हमारा भूमि उत्तर में हिमालय से लेकर, पूरब में गौर देश यानी आज का बिहार से सटा हूवा बंगाल कि सीमा तक, पश्चिम में गुजरात से लेकर और दक्षिण मैं विध्यांचल तक यानी आज का मध्यप्रदेश तक हैं।
विंध्या के नीचे राजपूतों को बसने के लिए मना किया गया था। क्योंकि उसके नीचे दक्षिण शुरू हो जाता हैं।
पारंपरिक रूप से हम लोग दक्षिण दिशा में नहीं जाते हैं।
आजकल अलग बात हैं।
मेवाड़ राजपरिवार के पास भगवान राम के पुत्र लव से लेकर वर्तमान तक की सभी पीढ़ियों के नाम है
😁😁😁😁
भारद्वाज जैसे व्यक्ति संभव ही नहीं इतिहास की सही बातों को सामने रख दे इनका तो काम ही हमेशा समाज को गुमराह करने का रहा है
yadav😂😂
सर जी आप 640 या 642 का जो बात कर रहे हो ओ हर्षवर्धन का समय था जिसे शिलादित्य कहा जाता है , उस टाइम पूरा उतर भारत में उसका शासन था ओ वर्धन राजवंश का था न कि गोहिल
Plz We are queries about the Merwara State and history of merwara and Mer
thank sir
सम्पुर्ण भारत भुमि आदिवासियों कि थी बाद में मध्य एशिया से आर्य आये और सप्त सैदव प्रदेश में बसे और इसी प्रदेश को वेदों में ब्रह देश भी कहा गया है आर्य यज्ञ पूजक थे मूर्ति पूजक नहीं थे किंतु बाद में संस्कृतियों का मिलन हुआ और सभी घुल मिल गए
Sir Tyagi history par bhi video banaye ❤️
Me MEWAR se hu i proud ❤
Jai Bhavani Guruji 🙏🙏🙏🙏
सिसोदिया वंश के है,छत्रपति शिवाजी महाराज ओर नेपाल राजवंश भी मेवाड राजपरिवार से ही है
Lekin nepal wale to mangol dikhte he
14सिलालेख 84 हजार सतभ साकेत नगरी के बारे मे बबताओ
Jay Shri Ram Hari govind singh chittodiya chidar tulsipar jila raisen mp bhopal saadar prnam Jay bhavani shankrm 🎉🎉🎉
Jay jay maharana apjay veer
मुगल लूटने के इरादे। से भारत मे आऐ थे इनका कथन झूठ का महिमा मंडन है
आप मेध जनजाति को बताते समय अमेरिका के रेड इंडियंस की फोटो का इस्तेमाल क्यों कर रहे हो ?
Sunariya ke bare video banao
आखिर मेर जनजाति वर्तमान में गई कहा ?
Mev muslims he to😅
Sir bappa rawal ka aap ne gekar nhi keya rana sahga se suru keya sir
Vo bhil kabile se the reality me to
Isliye nhi kiya
@@Jakhar_Sahab bhil tribe se nhi the , bhil tbse ab tk bhil hi h , vo bhil nhi the .... im from bhil tribal community from Rajasthan
। सूर्यवंशी
गौरीशंकर जी पूर्वाग्रह से प्रेरित लगते हैं
राजपूत क्षत्रिय धर्म का पालन करने वाले लोगों को बोला गया विपदाओं में औरतों को छोड़कर चले जाते हैं वो क्षत्रिय कैसे हो सकते हैं
सिक्कों का आगरा में इस प्रकार भी मिल सकते हैं क्योंकि गुजरात मुगलों के अधीन था अतः यह लूट/भेंट में मुगल शासक को मिले
Don't give the reference of mugal and british historians except the old history of Bhart.
Parivartan hi prakruti ka niyam he
सही बताने के लिए टोकडा नीमच me आ jana सारे सबूत मिल जायेगा
Aap kha se ho hkm
Minavda
Rajput to bhahvan Shriram ke vanshaj hai. Luv Kush ke vanshaj.
पाणिनि ने इस क्षेत्र को माध्यमिका कहा जिसे हूणों ने रौद चुकी थी.
यह भार्गव क्लासेज का विषय नहीं है।
Lord ram surivenshi saini vedic keshtria tha koie jaat gurjjar rajput nahi tha jaat gurjjar rajput videshi cast the .
जब कर्म पर आधारित वर्णव्यवस्था थी.तो क्षञीय धर्म का पालन करने वाला क्षञीय हि कहलाऐगा.जय श्रीराम
Maharana pratap ke pirvaj utter pradesh ke avadh se rajasthan me gaye the wo bhagwan shri ram ke vansaj the
Bipr ka arth kshatriya hota hai
ऋषिवंश राजपूत की उत्पत्ति का विस्तृत जानकारी दीजिए
आगरा के पास 1869 में मिले ये 2000 से अधिक चाँदी के व 9 सिक्के ताँबे के श्री रोशनलाल साँभर के संग्रह में हैं ।
हां आपने ठीक कहा।
Sir samoli. Silalekh. Kon sa
Language me. Hay
महाराणा प्रताप पर डा कुसुम मेघवाल की पीएचडी उदयपुर विश्वविद्यालय से है उन्होंने बप्पा रावल को भील सरदार बताया है अतः उनकी थेसिस भी पढ़ें
Man singh mori ka bhi bata dete jinke vo naukar the
Sir 712 AD mein jab Turkey ke 5th Khalifa Alwid Malik ne apne Senapati Md Kasim Malik ko Bramanabad par hamle kar Raja Dahir Sen ko haraya tha tab Raja Dahir Sen ke beta apne hi rajvansh ke Raja baba Rawal ke help ke liye Rajasthan jate hai aur Bapa Rawal ne Rawal Pindi tak sabhi Malacho ko yaha se bhagaya aur vaha par apna Rajya dobara Isthapith kiya
Rishabh.dev.or.unke.putra.bharat.ka.etihash.kon.bhatYega❤❤❤
Hamare Hisabse Ye Suryvanshi Ayoddya Se,uthke Aaye YeAyodya se uthke Aaye Ye none chitod basaya
Ratansing raval nahi Raov hen. Juthha padhhana band kar😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠😠
Sir parmar rajvansh padaye na plz
Maharana,pratap,ke,vansaj,se,hi,puccha,jay
Rajput videshi kyon hai kya pata videshi hi Rajput Ho Jo Bharat se nikal kar bahar Desh mein chale Gaye Ho aur jahan tak baat Rahi ashvmegh yagya ki vah to hamare yahan prachin kal se hota hua a raha hai treta Yug mein Ayodhya ke Raja Shri Raja Ramchandra Ji ne bhi ashvmegh yagya kiya tha to isase to yahi sabit hota hai ki yahan ke Rajput bahar videsh mein chale Gaye