सतपुड़ा के घने जंगल... कक्षा 9 में मेरी एक दोस्त डेस्क को ढ़ोलक क़ी तरह बजाती और हम दोनों जब तक कोई अध्यापक ना आ जाये तब तक ये कविता गाते...बाद में टन टना टन.. टन टन टारा गाने क़ी धुन पर ये कविता गाने लगे आज भी ये कविता वही दिन याद करवा देती है। अब वो बेफिक्री वाले फ़िक्र भरे दिन कहाँ....
बहुत ही शानदार ,मुझे अपने बचपन के स्कूल की हिंदी की किताब में सतपुड़ा के जंगल शीर्षक कविता को सुनकर श्री गुप्ताजी माड़साब की याद ताजा हो गयी ,उनकी नाटी सी कद काठी ओर उसपर फबते हुए ढीले कुर्ते व 28 इंच मोहरी वाला ढीला पायजामा ,गंजा सिर, बेदन्ति मुह से जब वह ये कविता पढ़ते थे तो थूंक की बारीक बूंदे हवा में उड़ती हुई ऐसी लगती थी जैसे सतपुड़ा के जंगलों में ठंड के मौसम में जो ओस की बूंदे उड़ती हुई दिखाई देती है वैसे ही कुछ परिद्रश्य बन जाता था बहुत ही जोरदार अनुवाद के साथ समझाते थे ये उन्ही की याद आज इस कविता ने ताज़ा कर दी ,वाह भाई वाह मजा आ गया
Ise sunte hi mere bpachpan ki yaade yaad aagai aur hmare mam jinhone ye sunder kavita ko bakhubi hmare manas madal par ek sunder chitra ukerdi thi jo aaj bhi yaad hai is kavita se hi maine imagination karna shika tha har ek sabd jaise chitra ban mere aakho ke samne ghumte the love this poem
जय श्री राम भाई भाई जी मैं 46 साल का 2021 में हूं इस समय , कोविड-19 की वजह से सभी जगह लॉक-डाउन लगा हुआ है । इन्हीं हालातों में बैठे हुए कुछ बचपन की यादें , याद आई । उसमें से नवी कक्षा की "सतपुड़ा के घने जंगल" की कविता दिमाग में घूमी और उसको सुनने का मन ललचाया । यूट्यूब खोल के उसमें आपकी यह कविता देखी और सुनी , सच में यह कविता नहीं पूरा एक जीवन है। मैं भी कभी - 2 अपने बच्चों को इस कविता के कुछ दोहे सुना देता हूँ और जीवन की चुनौतियों को आसानी से, इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश करता हुँ। उस पुराने जीवन को आज जीने में , आप मेरे सहायक बने आपका धन्यवाद । जय श्री राम🙏
RAM ka Nam kaha se aa gaya DHONG dhakosla jyada he Bharat me Bhagvan bharose mandir banao ghanta bajao pade likhe murkhon ki kami nahi he sirf Pakhand Natak jyada he Bharat me
Mere v mukh se kabhi-kabhi apne aap nikal jaati h ye Kavita...Aur mujhe bahot acchha feel hota h...un dino ko yaad krke....Mai sochti Hun kaas... Mai fir se usi chhan ko ji paati...
🇮🇳💕जय श्री राम💕जय श्री कृष्ण💕जय श्री राधा💕जय श्री रूकमणी💕जय श्री मीरा💕जय श्री हरिद्वार💕जय श्री हरि💕जय श्री बुद्ध💕बुद्धं शरणं गच्छामीं💕जय श्री महामाया(देवी)माँ💕जय श्री केदारनाथ(K दर)💕जय श्री भागीरथ 💕जय श्री नीलकंठ💕जय श्री गंगा मईया💕जय श्री त्रिवेणी💕जय श्री पशुपतिनाथ💕जय श्री ऋषिकेश💕जय श्री जैन ॠषि💕जय श्री सीता(जानकी)माँ 💕जय श्री जनक💕जय श्री राम💕जय श्री हनुमान💕जय श्री लक्ष्मण💕जय श्री भरत 💕जय श्री वाल्मीकी💕जय श्री लव-कुश 💕जय श्री पुनरिक💕जय श्री मिथिला💕जय श्री अयोध्या💕जय श्री दशरथ 💕जय श्री अवधी💕जय श्री अवध💕जय श्री तुलसी💕जय श्री महालक्ष्मी माँ💕जय श्री हरि 💕जय श्री दुर्गा माँ💕जय श्री शिव💕जय श्री गणेश 💕जय श्री भोजपुरी💕जय श्री संस्कृत💕जय श्री सरयु माँ💕जय श्री चित्रकुट(वनवास)💕💕जय श्री सतपुरा💕जय श्री पांडव💕जय श्री पंचमढी💕जय श्री बुन्दी-बुन्देली💕जय श्री बघेली💕जय श्री पाली💕जय श्री राजा भोज💕जय श्री भोपाल(भुमि के पाल)💕🇮🇳👌💘💕🇮🇳👌💗💖🇮🇳💕👌
Thq sir g aapne bachpan k yaad taja kar di maine bhi apne school time m apne gurug s suna padha tha,aaj ese sunkar bahut h accha laga bhyia,,,,again thq sir g
I also read it in 9th standard. The recitation really captures the stillness, the treasures and the life of the brave few who live in there. Thank you.
Sir your voice is amezing, i feel very good after listening you, sir you make my day. Sir i do not read this poem from my syllubes book but i read this poem when i was reading bhawani prasad mishra. Sir, this poem is my favourit one. Sir thank you so much .respect from my side .🌿🌿
From Rahul Parmar Sir Defence Wallah ❤❤❤❤❤❤
I am here for Rahul parmar Sir from Defence wala ❤
Me
I'm also bro shaurya spartons .physics wallah (。◕‿◕。)➜
I'm also from Spartans 💖
Same ❤❤
Me also
Defence wallah ❤❤
Rahul Parmar sir ❤❤❤❤❤
From....Rahul Parmar sir👍👍
Rahul Parmar sir supremacy ❤️❤️
बहुत ही शानदार प्रस्तुति 👌👌
I am here for Rahul sir dw if rahul sir see my comments please write something
2024 me padh rhi hu
सतपुड़ा के घने जंगल😊
Goosebumps in your voice brother 🌼
Bahut acchi Kavita hai🎉🎉😊
Rahul sir bhi acha padhte hai pw❤❤
I am here for rahul parmar sir from defense wallah ❣️
Bahut Sundar Kavita thi sir , Ek bhi shabd mere palle nhi padha 😊🤗
सतपुड़ा के घने जंगल... कक्षा 9 में मेरी एक दोस्त डेस्क को ढ़ोलक क़ी तरह बजाती और हम दोनों जब तक कोई अध्यापक ना आ जाये तब तक ये कविता गाते...बाद में टन टना टन.. टन टन टारा गाने क़ी धुन पर ये कविता गाने लगे
आज भी ये कविता वही दिन याद करवा देती है। अब वो बेफिक्री वाले फ़िक्र भरे दिन कहाँ....
बहुत सुंदर भाई । बहुत सुखद पीछे ले गए। आत्मा को तृप्त कर दिया। धन्यवाद।
धन्यवाद
बहुत ही शानदार ,मुझे अपने बचपन के स्कूल की हिंदी की किताब में सतपुड़ा के जंगल शीर्षक कविता को सुनकर श्री गुप्ताजी माड़साब की याद ताजा हो गयी ,उनकी नाटी सी कद काठी ओर उसपर फबते हुए ढीले कुर्ते व 28 इंच मोहरी वाला ढीला पायजामा ,गंजा सिर, बेदन्ति मुह से जब वह ये कविता पढ़ते थे तो थूंक की बारीक बूंदे हवा में उड़ती हुई ऐसी लगती थी जैसे सतपुड़ा के जंगलों में ठंड के मौसम में जो ओस की बूंदे उड़ती हुई दिखाई देती है वैसे ही कुछ परिद्रश्य बन जाता था बहुत ही जोरदार अनुवाद के साथ समझाते थे ये उन्ही की याद आज इस कविता ने ताज़ा कर दी ,वाह भाई वाह मजा आ गया
वाह क्या वर्णन किया है, एकदम सदृश हो गया
😀😀ये वास्तविकता है
apki voice sir sunkar man kar rha h sunte jaye bs dhanywaad best video
मैने पढ़ी है, बहुत याद आती है, और आज याद आया तो सर्च कर रहा हूं
शानदार , बेहतरीन , अद्भुत सर
बहुत बहुत आभार सर
🎉🎉 shandar ❤❤
Ise sunte hi mere bpachpan ki yaade yaad aagai aur hmare mam jinhone ye sunder kavita ko bakhubi hmare manas madal par ek sunder chitra ukerdi thi jo aaj bhi yaad hai is kavita se hi maine imagination karna shika tha har ek sabd jaise chitra ban mere aakho ke samne ghumte the love this poem
Bhai 1979 me Is kavita ko ninth Hindi bhasa pathyakrama me padhi thee jo aaj tak mere manaspatal par ankit hai Reginald Jacob
जय श्री राम भाई
भाई जी मैं 46 साल का 2021 में हूं इस समय , कोविड-19 की वजह से सभी जगह लॉक-डाउन लगा हुआ है ।
इन्हीं हालातों में बैठे हुए कुछ बचपन की यादें , याद आई । उसमें से नवी कक्षा की "सतपुड़ा के घने जंगल" की कविता दिमाग में घूमी और उसको सुनने का मन ललचाया । यूट्यूब खोल के उसमें आपकी यह कविता देखी और सुनी , सच में यह कविता नहीं पूरा एक जीवन है।
मैं भी कभी - 2 अपने बच्चों को इस कविता के कुछ दोहे सुना देता हूँ और जीवन की चुनौतियों को आसानी से, इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश करता हुँ। उस पुराने जीवन को आज जीने में , आप मेरे सहायक बने आपका धन्यवाद ।
जय श्री राम🙏
जी शुक्रिया
RAM ka Nam kaha se aa gaya DHONG dhakosla jyada he Bharat me Bhagvan bharose mandir banao ghanta bajao pade likhe murkhon ki kami nahi he sirf Pakhand Natak jyada he Bharat me
Sir aapki vani me aanad hai kripya baki kavitaye bhi kraiye 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 jo net k pariksha me lgi hu kavita hai
Poem starts at 2:03
Bachpan ka poem sunke bahut Achcha Laga bahut Achcha Laga
भवानी प्रसाद मिश्र हमारे ही गांव के थे नर्मदा किनारे Tigariya गांव नर्मदापुरम
हम लोग हस्ते हुए पड़ते थे,बारी बारी से पैराग्राफ क्लास में हमसे ही पढ़ावाया जाता था,आज भी याद ही
Mere v mukh se kabhi-kabhi apne aap nikal jaati h ye Kavita...Aur mujhe bahot acchha feel hota h...un dino ko yaad krke....Mai sochti Hun kaas... Mai fir se usi chhan ko ji paati...
9th क्लास मे पड़ी थी. बहुत बढ़िया है. बचपन की यादें
Ham bhi is Kavita ko padhe Hain Bachpan mein
"भरत सिंह पटेल जी को कोटि कोटि साधुवाद"👌👍🌷🙏❤️
धन्यवाद मनोज जी
बोहोत खूबसूरती के साथ आपने पढ़ा। धन्यवाद😊
Ye kavita aaj bhi mujhe Puri yaad hai,. Sach kahu to ye meri ruh tk utr gyi hai......
Maine bhi padi thi....6th me...😢😢😢😢
👌👌👌
Meri school ki yaade taja ho gyi
Rahul parmar sir from defence wallah
Ur voice is too deep ❤
Anand aa gaya kya baat ha ❤
नौवीं class me mene bhi padi he ye poem... Aaj bhi maja aata he pad ke.. 🙏🙏🙏👍
Aapne sach kaha is kavita ko sunne ke bad maine bhi ise gane ki koshish ki
Bachpan me a kavita padhe the humne..thanks aapne fir yad dila diya
Bahut bahut aabhar sir yade taja ho gai jab bhi in jangalo ka Safar karta hu to sabkuch mehsus hota hai
jo in jungle mein gaya hai vo bohut achhe se relate kar payega😜😜😅😅
Toh aa jaiye pachmari, madhyapradesh
Your voice❤love it
Aapka hashi lajbab h sir🙏
Aap ki aawaz bahut acchi hai
I also liked this poem very much.
सर बहुत ही सुन्दर वाचन किया है 4 बार सुना इसको फिर भी मन नही भरा 🙏🙏🙏💐
🇮🇳💕जय श्री राम💕जय श्री कृष्ण💕जय श्री राधा💕जय श्री रूकमणी💕जय श्री मीरा💕जय श्री हरिद्वार💕जय श्री हरि💕जय श्री बुद्ध💕बुद्धं शरणं गच्छामीं💕जय श्री महामाया(देवी)माँ💕जय श्री केदारनाथ(K दर)💕जय श्री भागीरथ 💕जय श्री नीलकंठ💕जय श्री गंगा मईया💕जय श्री त्रिवेणी💕जय श्री पशुपतिनाथ💕जय श्री ऋषिकेश💕जय श्री जैन ॠषि💕जय श्री सीता(जानकी)माँ 💕जय श्री जनक💕जय श्री राम💕जय श्री हनुमान💕जय श्री लक्ष्मण💕जय श्री भरत 💕जय श्री वाल्मीकी💕जय श्री लव-कुश 💕जय श्री पुनरिक💕जय श्री मिथिला💕जय श्री अयोध्या💕जय श्री दशरथ 💕जय श्री अवधी💕जय श्री अवध💕जय श्री तुलसी💕जय श्री महालक्ष्मी माँ💕जय श्री हरि 💕जय श्री दुर्गा माँ💕जय श्री शिव💕जय श्री गणेश 💕जय श्री भोजपुरी💕जय श्री संस्कृत💕जय श्री सरयु माँ💕जय श्री चित्रकुट(वनवास)💕💕जय श्री सतपुरा💕जय श्री पांडव💕जय श्री पंचमढी💕जय श्री बुन्दी-बुन्देली💕जय श्री बघेली💕जय श्री पाली💕जय श्री राजा भोज💕जय श्री भोपाल(भुमि के पाल)💕🇮🇳👌💘💕🇮🇳👌💗💖🇮🇳💕👌
bahut hi achha lga bahut waqt k baad sunkar maja aaya hansi bhi aayi aur yaad bh aayi apne school k dino ki
Wah Kiya baat hai... Satpura ke ghane jangal...
Its very helpful 👍👍
Mai 9th me hu or ye poem mujhe sir ki voice me kuchh jyada hi achhi lagi ....😊😊thank u sir
Very nice 👌 👍 👏 😀 ☺️ 😊 👌
Thq sir g aapne bachpan k yaad taja kar di maine bhi apne school time m apne gurug s suna padha tha,aaj ese sunkar bahut h accha laga bhyia,,,,again thq sir g
बहुत अच्छी कविता है
I also read it in 9th standard. The recitation really captures the stillness, the treasures and the life of the brave few who live in there. Thank you.
Came with the same thought here...thank you for posting this.
मैंने भी यह कविता 9vi में पढ़ी हैं...
अद्भुत
Mujhe bhi yad hay ab tah
Mujhe bhi yad h
For Rahul parrmar sir from physics wallah
Still remember this lovely song .. i can imagine the dense and deep forest.
Bilkul sir... Behtareen
Bramha hatya, tattv bramha tattv pret tat tat pretaah,
Jo Bui kaha apne bahut hi khub kaha hai ..
I can feel the same. Teary eyes. Oh god please rewind beautiful moments of my life.
Maine bhee padhi hai ye kavita 9th me
This could be more interesting when you explain it with the Stanza ❤ your voice pretty good there's a pain and feeling towards the poem.
Mujhe bhi aaj yaad aayi.
Maine bhi 9th me पढ़ी थी अब भी याद है
Bhai mere ko bi yaad hai , aur bhot closely attached hu aur mai bhopal ka hi rehna wala hu satapuda ke jungle pass hi hai
Nice aap to lucky hai
Jisne kavita likhi h bo bhi Narmdapuram ke h
Maine Padhi thi khoob ladies mardsn8 woh to jhansi waali rani thi
Bachpan k yaadein....nostalgic.
3rd/4th m pdha tha Hindi ke text book m, as an explanation of jungle.
Pta nhi tha ki ye ek poem h
Sir your voice is amezing, i feel very good after listening you, sir you make my day.
Sir i do not read this poem from my syllubes book but i read this poem when i was reading bhawani prasad mishra.
Sir, this poem is my favourit one.
Sir thank you so much .respect from my side .🌿🌿
बचपन की याद आ गई।
2:06 satpude ke ghane jungle
Maine bhi padhi h 9 th mein
Tattv bramha tattv pret tat pret bhavani prasad mishr,
My fev line 4 murge 4 teetar in bno khub bheetar
2:03
Mere class 10 me tha ( 2002) tab se ye meri fev kavita hai
to save your time watch from 2:00
बहुत अच्छी
very nice 👌 👍 👏 voice aap hindi sahitya ki aur bhi video bnaye
2:00😮
Maine bhi padhi hai 9th mein
Up bramha hatya janakpur, tattv bramha tattv pret tat pret tat bramha,
Mujhe to 9th kiya hua 20saal ho gye but abhi bhi yaad hai
Very nice
😍😍😍😍
2 mint ke bad play karna
सतपुड़ा का घना जंगल ,ऊंघता अनमाना जंगल
Bhiya aap urdu kyu bol rhe ho ham to indian h kuch samaj nhi aya
Rahul parmar sir se accha kisi ne nahi bola
Sir your voice is like taraak mehta
Best sound ever listened