राणा पूंजा भील थे और रहेंगे राणा पूंजा मेरपुर के राजा थे वीर विनोद पुस्तक पेज नंबर 151 श्यामल दास जी के द्वारा लिखित सज्जन सिंह कीदेखरेख में दूसरा स्त्रोत वीर विनोद भाग 2 पेज नम्बर 223 स्रोत नंबर 3 अरावली का मातृम पेज नंबर 12 राणा पूंजा भील के पिता का नाम गमेती दादू जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश
Veer vinod shyamaldas ki liki hui kitabh thi pr jo vanshavali or panarwa pariwar k tatya hai vo jada authentic hai bhelllo ki sena ka netratva jarur kiya tha pr vo bheel nhi solanki the..
राणा पूंजा जी तो छापामार या गोरिल्ला युद्ध प्रणाली के लिए जाने जाते हैं और यहां कि भील कॉम इस कार्य में दक्ष थी तो फिर भीलों का नेत्तृत्व किसी राजपूत को क्यों दिया गया। जबकि राजपूतों को तो इस युद्ध प्रणाली में निपुण नहीं थे वो असल में भील ही हैं ❤❤❤❤
भाई भील जनजाति जंगलों में निवास करती थी और राणा पुंजा भी जंगलों में भीलो का सरदार था तो वो राजपूत कैसे हो गया और राजपूत था तो फिर जंगलों में क्यो रहता था
हमनें राजपुतों के कभी पुजा काना कान्ती हुका बदिया वेलीया वेला लालजी लालु देव देवराम कालु 😮एसे नाम कभी नहीं सुना है एसे नाम भीलों के हि होते हैं और ईससे ये सबीत होता है राणा पुजा भील हि थे
Ab ye sabko apna baap banayenge pahle mihir bhoj ji ko fir Krishna ji ko aur ab rana punja ko ye sabko hi baap banayenge lakin itihaas me jo likha hai usko kon mita sakta hai
Hai hi nhi na bheel unka vans panarwa pariwar ka 10-20 salon se ld ra h jb se ye ek exm m pucha gya tha or vha ans bheel mna tb inko lga ki ab awz utani pdegi ydi koi bheel vans hota tho aaajata na inke ps vansavali h sbkuch h
@@birbalkumarmeena7391भील सैनिक राणा पूजा के सात थे तब उने भीलू राणा के नाम से पुकारते थे क्यों उने भील सरदार के नाम से पुकारते थे क्यों कि उनकी सेना मे भील सैनिक ज्यादा थे तब इतिहास कारो ने अलग अलग एंगल से लिक दिया पर य सोलंकी राजपूत हे अभी एक नया मेटर बताता हूँ जो बाडमेर का हे जिसमें 1971 कि लड़ाई मे एक राजपूत सरदार ने इंडियन फौज का सात दिया जिसमें उनकी फौज मे बाडमेर के बॉर्डर के गावो के लोग थे जिसमें भील मीना और कुछ् जाती थी अभी उनके बारे मे एक erihaskar ने बुक लिखी हे जो up का हे उस सरदार को उन्होने भील बताया हे बल्कि उनका लड़का अभी बाडमेर कोर्ट मे वकील हे जो अभी जीवित हे उसने उस इतिहास कार् के खिलाफ कोर्ट मे गए हे य देखो य तो new मामला हे इसलिए लोग राजपूतो को अपनी जाती मे लेने लग गए हे
आज तुम लोगो को सोलंकी लग रहा हे तो बताओ बात तो 1576 की है तब से तुम लोग कहा थे तब से ही राणा पंजा भील थे अब तुम लोग अपने स्वार्थ के लिए सोलंकी बना रहे हो
भीलों को एक हो जाओ अन्यथा आपका अपना इतिहास मिटाना का कार्य शुरू हो गया हैं, जब किसी जाति का इतिहास नहीं होता तो वो अपने पूर्वजों के कदमों पर कैसे चल पाएंगे ,
वीर विनोद ग्रंथ में भी राणा पूंजा भील लिखा गया हे जिसमे मेवाड़ का इतिहास लिखा गया हे अगर वो वीर विनोद गलत है तो फिर मेवाड़ का इतिहास भी गलत हे ये मान लो और ये भी हों सकता है की तुम्हारा राणा पूंजा अलग हो जो सोलंकी हो सकता है लेकिन भील सरादर हमेशा भील ही होता है कोई दूसरा नही हो सकता जिसमे वीर विनोद ग्रंथ में ये भी लिखा है की भील सरदार राणा पूंजा हे राणा पूंजा ने कहा है की गमेती दूदा मारो बापो है गमेती का विस्तृत विवरण भी दिया हुआ है वीर विनोद ग्रंथ में जिसका उदाहरण ( गमेती ) - भील सरदार , मुखिया राणा पूंजा भील थे, है और रहेंगे 🏹🏹
Ye unke panarwa pariwar ka unka kudka vans hi apne aap ko rajput bta ra or tum ho ki bheel h 🤣 unki vansavali glt h .. itihason m tho dashrat sharma ne bi apni book m chouhan ko Brahman btaya h usse ho tho nhi jata bewakoofo wli batein mt kr court m proof krdia h inhone jana h tho court m jao tatyo k sth suni sunai or kuch choti si kitabo se tatya sahi nhi hote hote hai tho sahi tatyo se
@@jaansattanews आज तक कोई भी दूसरी कास्ट वाला भीलों का सरदार / गमेती / मुखिया नहीं हुआ तो सोचो की उस समय कैसे कोई मुखिया / सरदार / गमेती हो सकता है किसी दूसरी कास्ट वाला ?? आज भी हमारे गावों में आदिवासियों का मुखिया आदिवासी ही है फिर कैसे हो सकता है उस समय कोई गैर आदिवासी हमारा सरदार ?? 90% जनसंख्या में कोई 2,,,,3% वाला मुखिया बन जाए ये हो भी नही सकता है उस समय आदिवासियों से डरते थे लोग जंगलों में आने से भी डरते थे तो जंगलों में आके 2% वाले आदिवासियों को काबू करके भीलों का राजा बन गए मजाक हे क्या कोई ? जब तुम्हारे अपनो ने तुम्हारा साथ छोड़ दिया तब आदिवासियों ने साथ दिया ये याद रखो वरना मेवाड़ का इतिहास भी कुछ और होता
शर्म आती हैं ऐसे लोगों और नेता पर जो दूसरों के बाप को अपना बाप बना रहे हैं पहले खुद के मां बाप का पता करो कोई दूसरा तो नहीं है जय राणा पूंजा जी 🏹 भील वंश जय मेवाड़ 🚩
शर्म नहीं चलती है,, इतिहासकार ने जो बताया है वही रहेगा। क्यों कि शिलालेख ताम्र पत्र व जितने भी शोधकर्ता है उनसे पता करना चाहिए,,। किसी का बाप व बेटा कौन है ये दो भाई के बीच दरार पैदा न करें।
राणा पूंजा भील ने अपनी मातृभूमि के लिए धर्म की रक्षार्थ के लिए महाराणा प्रताप का साथ दिया था।आप छोटा-सा पानरवा का ठिकाना बता रहे हो। वो तो पुरे भोमट क्षैत्र के भील सरदार थे।
Please read this reference from colonel Tod Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika. ^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand. ^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).] * ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,' Page no. 262 anals of Rajasthan
Please read this reference from colonel Tod Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika. ^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand. ^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).] * ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,' Page no. 262 anals of Rajasthan
राणा पूंजा का इतिहास:- 👉 राणा पूंजा भील राजस्थान के उदयपुर जिले के मेरपुर के निवासी थे। सोलहवी शताब्दी में दिल्ली के बादशाह अकबर ने राजस्थान के मेवाड़ उदयपुर , चित्तैडगढ़ आदि पर हमला बोला दिया लेकिन आदिवासी राजा राणा पूंजा भील ने अपने दस हजार फौज के साथ हल्दीघाटी देबारी में अकबर की फौज को रोका , राणा पूंजा भील ने गौरील्ला युद्ध प्रणाली द्वारा अकबर की सेना को बेदखल किया और महाराणा प्रताप की जान बचाई । इसलिए महाराणा प्रताप की मां ने राणा पूंजा भील को अपना दूसरा बेटा मानकर राणा उपाधी देकर गौरवा दिया और अपने राज्य चिन्ह पर एक तरफ महाराणा प्रताप और दूसरी तरफ राणा पूंजा भील की प्रतीम अंकित करवाकर पुंजा भील के शौर्य, वीरता, साहस एवं उनके आत्मीय सहयोग का सम्मान किया
पूजा नाम के अनेक राजपूत में योद्धा हुऐं है डूंगरपुर के वंशावली में डूंगरपुर के महाराजा हुए महारावल पूंजा। ईडर की वंशावली में ईडर के महाराजा पूंजा राठोड़ हुए हैं और बताओं अब क्या कहोगे
सच को कोई आच नहीं अतः क्षमा चाहता हूँ परन्तु पानरवा को इतनी बात करनें की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि राणा पूजां यदि सोलंकी राजपूत हैं तो सभी क्षत्रियों को स्वीकार कर लेना चाहिए! ये कलयुग का प्रजातंत्र हैं यदि हम सतर्क नहीं रहें तो राणा प्रताप को भी कुछ भी बता दिया जायेंगा! अतः सभी सतर्क रहें सशक्त रहें
@@Harshrajput-w2yसालो तुम महाराणा प्रताप के वंशज नहीं हो हु तुम तो मुगलों के गुलामी करने वाले राजपूतों की औलाद हो महाराणा प्रताप को हम भीलों ने जंगल में शरण दी थी महाराणा प्रताप को प्रताप बनाने वाले हम भील है राणा पूंजा भील की जय हो
भाई साहब ये औरतों के कंधो पे बन्दूक रख कर सला रहे है तो फिर क्या हि 34वा वंशज क्या हि 16वा 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂🙈वंशज याद होता तोऔर कुछ अलग देखने को मिलता 🙏🙏जय जोहार 🙏🙏
राणा पुंजा के महल पर कब्जा कर लेने से, कोई राणा पुंजा भील उन के नहीं हो जाते,, आज महाराणा प्रताप भी सोच रहा होगा की इन लोगो के लिये लड़ा था मै 🤔🤔🤔 महल पर कब्जा तो ठीक है लेकिन भील राजा पर ही कब्जा कर लिया 😂😂😂😂
ओह महल पर कब्जा। वाह कोन भील भाई ने महल बनाया हे इतिहास में बताना जरा।।।। 95% adivasi भाइयों को 2014 से पहले ये भी नहीं पता था कि राणा पूंजा कोन हे।। जब से social मीडिया में नेट सस्ता हुआ हे ।।तब gyaan आया हे।।।
मैडम की बात बिल्कुल सही है मगर राजपूतों में भी सोलंकी है उनके राजा होंगे सोलंकी मगर राणा पूजा सरदार जो भिलों के सरदार हुआ करते थे वह अलग है जो हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को साथ और सहयोग दिया था जो भिलों के सरदार थे पूजा भील फिर युद्ध के बाद महाराणा प्रताप ने पूजा भिल को राणा कीउपाधि दी इसमें राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है दोनों समाज को बैठकर आपस में समझौता कर देना चाहिए उनके भी राजा सोलंकी थे और मिलों के भी पूजा भील राजा थे राजा रजवाड़ा के राज्य में जब तक भिल सरदार राजा का तिलक नहीं करे तब तक राजा गादी पर नहीं बैठसकता था आज राजनीति की वजह से दोनों समाज में फूटडालो और राज करो यह नीति अपना रहे हैं
@@prathvisinghrathore7141haha up aaja bete yaha jat aur meena bhi rana ,raja lagate hai Ye word kisi ka patent nahi hai Ab to sufhar jao gulamo Hindu hamesha murakh hi rahengey
पहली बात तो ये जो फोटो में दिखाए गए है वो राणा पूजा भील है ही नहीं। क्योंकि इसने तो राजपूती पोशाक पहनी है और हल्दीघाटी युद्ध में लड़ने वाले ये नहीं आदिवासी वेशभूषा वाले राणा पूजा भील थे। ओर इसका सबूत मेवाड़ के राज चिन्ह में देख सकते हैं। अगर दोनों राजपूत होते तो एक राजपूत को कौनसी बीमारी हुई थी जो राजपूती पोशाक छोड़ के आदिवासी पोशाक में दिखाया गया है।
तुम ही तो अनजान हो , दूसरों के बाप ko अपना बना रहे हो, वंशावली है, वंशज है, भांड जी के पास रिकॉड है, सब का पता करो , अपने भांड आते हैं उस से पूछते रहना,
क्या फर्क़ पड़ता है सभी हिन्दू है हिन्दुस्तान हमारा हम सभी है तो ही हिन्दू है अलग अलग जातिवाद को लेकर चलोगे तो अलग अलग ही काटे जाएंगे हिन्दू सनातन धर्म के लोग.. एकजुट रहो एकता से रहो चाहे वो राजपूत. जाट. यादव. गुर्जर. मराठा.. दलित. ओबीसी जनरल सभी एकजुट होकर एक नाम से चलो.. एकजुट रहो.. #Gurjar #rajput #jaat #Yadav #dalit #obc #scst एकजुट रहो
होग राणा पूजा राजपूत लेकिन राणा पूजा भील था और गोत्र सोलंकी था मेवाड़ राज गराणा न राणा कि फूफा दी थी लेकिन आज के समय में वह भी वापस लेने छा रहे हैं लेलो लेकिन भील तो भील रहेगा जय भील
Please read this reference from colonel Tod Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika. ^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand. ^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).] * ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,' Page no. 262 anals of Rajasthan
मेवाड़ भील कोर की स्थापना 1841 में हुई थी. इसका मुख्यालय खेरवाड़ा में था. भील जनजाति के सदस्यों को रोज़गार देने और मेवाड़ के पहाड़ी इलाकों में पुलिसिंग करने के लिए इस कोर को बनाया गया था. मेवाड़ भील कोर ने भिलप्रांत में सड़कें बन
Ye vo rajput nahi lag rhe h jo maharana pratap k sath the,,,,,,,,😢😢 Maharana Pratap k vansaj kabhi bhilo k itihas ko nakar nahi sakte ,,,,,,,,,, Sayad Ye vahi rajput h jinhone us time maharana pratap sath chhod diya tha,,,,,,,,,,,,, Tum dogle us time bhi the or aaj bhi ho,,,,,, tum pratap k sath n kal the n aaj ho,,,,,,, bs pratap ka naam leke khud ko mahan banate ho,,,,,,,,, Pratap ka sath dene vala har rajput bhilo k sath tha or aaj bhi hai,,,,,,,,,,, rajput bhil ekta mahan thi or aage bhi rahegi,,,, tum kuchh matlbi log khalli maje le rhe ho fokat ka,,,, जय महाराणा प्रताप, जय राणा पूंजा भील 💪 💪
झूठे तथ्यों से कोई इतिहास नहीं बदलता और ना ही इतिहास बनता है जब मेवाड़ में युद्ध हुआ तब जिन भीलों ने गुरिल्ला युद्ध पद्धति से युद्ध लड़ा वो सिर्फ भील ही लड़ सकते है तो भीलों का सरदार एक राजपूत कैसे हुआ। दूसरी बात पूंजा नाम सिर्फ भीलों में ही मिलेंगे। सच्चा राजपुत होगा वो इतिहास पर उंगली नहीं उठायेगा।
Jai rajputana jai bhavani har har Mahadev jai rana punja Solanki rajput Banna hukum 🙏🙏... aap hamare dil dimak me rahte ho...jai rana punja Solanki...❤❤❤❤❤
आप के अकेले के कैने से कुछ नहीं होगा राणा भुंजा भील थे भील है और भील रहेंगे.... जोहार
राणा पूंजा भील थे और रहेंगे राणा पूंजा मेरपुर के राजा थे वीर विनोद पुस्तक पेज नंबर 151 श्यामल दास जी के द्वारा लिखित सज्जन सिंह कीदेखरेख में दूसरा स्त्रोत वीर विनोद भाग 2 पेज नम्बर 223 स्रोत नंबर 3 अरावली का मातृम पेज नंबर 12 राणा पूंजा भील के पिता का नाम गमेती दादू जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश
Bhai hume to yhi bataya gya h ki Rana punja bheel the lekin in logo Rana punja ko rajput bana diya
@@birbalkumarmeena7391 रामराज्य मे भीलों को शूद्र का दर्जा दिया गया क्योंकि राम को बैर खिलाने वाली शबरी भील समुदाय से आती थी
Unke vansj khud ko rajput btate hai baat khatam
Veer vinod shyamaldas ki liki hui kitabh thi pr jo vanshavali or panarwa pariwar k tatya hai vo jada authentic hai bhelllo ki sena ka netratva jarur kiya tha pr vo bheel nhi solanki the..
भाई राजस्थान का इतिहासकार कर्नल जेम्स टोड ने भी राणा पुजा जी को भील बता रखा है,,फिर यह दंत कथा से क्या होणे वाला है @@jaansattanews
महाराणा प्रताप की मां ने राणा पूंजा भील को दूसरे बेटे की उपाधि दी
उन्होंने तो उपाधि दी थी पर इन्होंने तो मन ही
Kuch bhi rajputo se jalne वालो
Nahi bhil ko kon Raja banata or kyu purani time me to Raja mrne pr uska beta ya relative hee Raja banta tha bhil to junglon me rehte h aaj bhi
राणा पूंजा जी तो छापामार या गोरिल्ला युद्ध प्रणाली के लिए जाने जाते हैं और यहां कि भील कॉम इस कार्य में दक्ष थी तो फिर भीलों का नेत्तृत्व किसी राजपूत को क्यों दिया गया। जबकि राजपूतों को तो इस युद्ध प्रणाली में निपुण नहीं थे वो असल में भील ही हैं ❤❤❤❤
भाई भील जनजाति जंगलों में निवास करती थी और राणा पुंजा भी जंगलों में भीलो का सरदार था तो वो राजपूत कैसे हो गया और राजपूत था तो फिर जंगलों में क्यो रहता था
हमनें राजपुतों के कभी पुजा काना कान्ती हुका बदिया वेलीया वेला लालजी लालु देव देवराम कालु 😮एसे नाम कभी नहीं सुना है एसे नाम भीलों के हि होते हैं और ईससे ये सबीत होता है राणा पुजा भील हि थे
Right bro main bhi yahi Kah Raha Hun❤❤
Lakha mokal duda kiske nam the
Shree krishna ji loves cows it means who loves cows are yadav dynasty it's not true
भीलों को इतिहास से छेड़छाड़ कभी बर्दाश्त नहीं होगी
😂😂
Chla ja unke vansj khud ko rajput btate hai tu kon fir
Bhai bardast to Karna padega
आप भील को राजपूत बना लो लेकिन आदिवासी कभी नहीं मानेगा जय राणा पूंजा जी भील
Thum rana prathap ko bhil kyu b
Hamne kabhi nahi rana bhil punga rajput the yeh sab rajnethi bathe hai
Ab ye sabko apna baap banayenge pahle mihir bhoj ji ko fir Krishna ji ko aur ab rana punja ko ye sabko hi baap banayenge lakin itihaas me jo likha hai usko kon mita sakta hai
Hai hi nhi na bheel unka vans panarwa pariwar ka 10-20 salon se ld ra h jb se ye ek exm m pucha gya tha or vha ans bheel mna tb inko lga ki ab awz utani pdegi ydi koi bheel vans hota tho aaajata na inke ps vansavali h sbkuch h
@@Sinnu_Gurjar gauchar bhens chori kr vo hi kam hai tumhara
राणा पूंजा भील थे और रहेंगे
@@hiteshahari9576 unke vansj se mil jake vo gyaan de denge tujhe
😂😂😂
हमें तो किताबें पढ़ने में राणा पुंजा भील हैं
भी ल ही है वीर विनोद किताब पढ़ लेना भाई
भील सैनिक राणा पूंजा जी के साथ थे अतः उन्होंने पूंजा जी के साथ रहकर राणा प्रताप जी का साथ दिया
@@indraraj334 अर्थात राणा पुजा भील ही थे तब ही भील सैनिक उनके साथ थे धन्यवाद
mp14 मंदसौर जिले में भील समाज का बहुत बड़ा राजा था।गढ़ अभी भी है। परन्तु उनकी पीढ़ियों का अभी पता नहीं।और भील समाज भी नहीं है। मंदसौर में।
@@birbalkumarmeena7391भील सैनिक राणा पूजा के सात थे तब उने भीलू राणा के नाम से पुकारते थे क्यों उने भील सरदार के नाम से पुकारते थे क्यों कि उनकी सेना मे भील सैनिक ज्यादा थे तब इतिहास कारो ने अलग अलग एंगल से लिक दिया पर य सोलंकी राजपूत हे
अभी एक नया मेटर बताता हूँ जो बाडमेर का हे जिसमें 1971 कि लड़ाई मे एक राजपूत सरदार ने इंडियन फौज का सात दिया जिसमें उनकी फौज मे बाडमेर के बॉर्डर के गावो के लोग थे जिसमें भील मीना और कुछ् जाती थी अभी उनके बारे मे एक erihaskar ने बुक लिखी हे जो up का हे उस सरदार को उन्होने भील बताया हे बल्कि उनका लड़का अभी बाडमेर कोर्ट मे वकील हे जो अभी जीवित हे उसने उस इतिहास कार् के खिलाफ कोर्ट मे गए हे य देखो य तो new मामला हे इसलिए लोग राजपूतो को अपनी जाती मे लेने लग गए हे
आज तुम लोगो को सोलंकी लग रहा हे तो बताओ बात तो 1576 की है तब से तुम लोग कहा थे तब से ही राणा पंजा भील थे अब तुम लोग अपने स्वार्थ के लिए सोलंकी बना रहे हो
भाई इनकी नींद अभी खुली है 😂😂
भीलों को एक हो जाओ अन्यथा आपका अपना इतिहास मिटाना का कार्य शुरू हो गया हैं, जब किसी जाति का इतिहास नहीं होता तो वो अपने पूर्वजों के कदमों पर कैसे चल पाएंगे ,
वीर विनोद ग्रंथ में भी राणा पूंजा भील लिखा गया हे जिसमे मेवाड़ का इतिहास लिखा गया हे अगर वो वीर विनोद गलत है तो फिर मेवाड़ का इतिहास भी गलत हे ये मान लो और ये भी हों सकता है की तुम्हारा राणा पूंजा अलग हो जो सोलंकी हो सकता है लेकिन भील सरादर हमेशा भील ही होता है कोई दूसरा नही हो सकता जिसमे वीर विनोद ग्रंथ में ये भी लिखा है की भील सरदार राणा पूंजा हे
राणा पूंजा ने कहा है की गमेती दूदा मारो बापो है
गमेती का विस्तृत विवरण भी दिया हुआ है वीर विनोद ग्रंथ में जिसका उदाहरण ( गमेती ) - भील सरदार , मुखिया
राणा पूंजा भील थे, है और रहेंगे 🏹🏹
बिल्कुल भाई आपने एक दम सही बात बोली है में सहमत हूं आपकी इस बात से
Ye unke panarwa pariwar ka unka kudka vans hi apne aap ko rajput bta ra or tum ho ki bheel h 🤣 unki vansavali glt h .. itihason m tho dashrat sharma ne bi apni book m chouhan ko Brahman btaya h usse ho tho nhi jata bewakoofo wli batein mt kr court m proof krdia h inhone jana h tho court m jao tatyo k sth suni sunai or kuch choti si kitabo se tatya sahi nhi hote hote hai tho sahi tatyo se
Or questions bi ek br hi pucha gya tha or vo vivadit nhi tha uske bd rpsc or rsmssb ne kbi ye punjaji ka question nhi pucha h... Kyunki ye vivadit hai
@@jaansattanews aghr tum log vir vinod jese granth ko galat mante ho to Sara itihas bhi galat he fir ye bhi Jan lo
@@jaansattanews आज तक कोई भी दूसरी कास्ट वाला भीलों का सरदार / गमेती / मुखिया नहीं हुआ तो सोचो की उस समय कैसे कोई मुखिया / सरदार / गमेती हो सकता है किसी दूसरी कास्ट वाला ??
आज भी हमारे गावों में आदिवासियों का मुखिया आदिवासी ही है फिर कैसे हो सकता है उस समय कोई गैर आदिवासी हमारा सरदार ??
90% जनसंख्या में कोई 2,,,,3% वाला मुखिया बन जाए ये हो भी नही सकता है
उस समय आदिवासियों से डरते थे लोग जंगलों में आने से भी डरते थे तो जंगलों में आके 2% वाले आदिवासियों को काबू करके भीलों का राजा बन गए मजाक हे क्या कोई ?
जब तुम्हारे अपनो ने तुम्हारा साथ छोड़ दिया तब आदिवासियों ने साथ दिया ये याद रखो वरना मेवाड़ का इतिहास भी कुछ और होता
Rana punja ji Rajput hai aur itihas gava hai aur mewad ke itihas mai lika hua hai 🚩🚩🚩
शर्म आती हैं ऐसे लोगों और नेता पर जो दूसरों के बाप को अपना बाप बना रहे हैं पहले खुद के मां बाप का पता करो कोई दूसरा तो नहीं है जय राणा पूंजा जी 🏹 भील वंश जय मेवाड़ 🚩
राइट
Ye unke panarwa pariwar ka unka kudka vans hi apne aap ko rajput bta ra or tum ho ki bheel h 🤣 unki vansavali glt h .. i
क्या बात है 👍👍👍👍👍👍👍👍जय हो 🙏
@@shivamrana6263 jese tu bhi humara title laga raha hai naam me usse pata chlta hai tum chor ho
शर्म नहीं चलती है,, इतिहासकार ने जो बताया है वही रहेगा। क्यों कि शिलालेख ताम्र पत्र व जितने भी शोधकर्ता है उनसे पता करना चाहिए,,। किसी का बाप व बेटा कौन है ये दो भाई के बीच दरार पैदा न करें।
राणा पूंजा भील ने अपनी मातृभूमि के लिए धर्म की रक्षार्थ के लिए महाराणा प्रताप का साथ दिया था।आप छोटा-सा पानरवा का ठिकाना बता रहे हो। वो तो पुरे भोमट क्षैत्र के भील सरदार थे।
राणा पूंजा भील की जय हो 🏹🏹🏹
ये राणापून्जा जी राजपूत थे
Chilate Rahi rana punja bhil the hai rahege
आरक्षण नहीं मिला तो अब राणा पूंजा भील को राजपुत बता रहे हो फर्जी राजवंश आप समाज को सबूत तो भील समाज की आप राणा पूंजा भील के वश के हो
इन मैडम को भी पता नहीं है हो सकता है शायद ये राणा पूंजा सोलंकी दूसरे व्यक्ति भी हो सकते हैं। न की राणा पूंजा भील है।
Whil hai
राणा पूंजा भील थे हे ओर रहेंगे
राणा पूंजा भील थे और भील रहेंगे 🙏🏻
भोमट के क्षत्रिय शासक राणा पूजा जी सोलंकी रियासत पानरवा
कोर्ट मे जाओ। राणा पून्जा सोलंकी राजपूत थे। सच्चा इतिहास से ही सभी का भला होगा। भीलो ने महाराणा का साथ दिया यह सही।
Sahi baat hai hukum
बिल्कुल जाएंगे चिंता छोड़ो आप क्यों परेशान हो रहे हो
Please read this reference from colonel Tod
Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika.
^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand.
^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).]
* ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,'
Page no. 262 anals of Rajasthan
Please read this reference from colonel Tod
Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika.
^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand.
^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).]
* ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,'
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अप्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नही है। रही बात कोर्ट की तो एक बार तो हार चुके हो।
राणा पूंजा का इतिहास:- 👉
राणा पूंजा भील राजस्थान के उदयपुर जिले के मेरपुर के निवासी थे।
सोलहवी शताब्दी में दिल्ली के बादशाह अकबर ने राजस्थान के मेवाड़ उदयपुर , चित्तैडगढ़ आदि पर हमला बोला दिया लेकिन आदिवासी राजा राणा पूंजा भील ने अपने दस हजार फौज के साथ
हल्दीघाटी देबारी में अकबर की फौज को रोका , राणा पूंजा भील ने गौरील्ला युद्ध प्रणाली द्वारा अकबर की सेना को बेदखल किया और महाराणा प्रताप की जान बचाई ।
इसलिए महाराणा प्रताप की मां ने
राणा पूंजा भील को अपना दूसरा बेटा मानकर राणा उपाधी देकर गौरवा दिया और अपने राज्य चिन्ह पर एक तरफ महाराणा प्रताप और दूसरी तरफ राणा पूंजा भील की प्रतीम अंकित करवाकर पुंजा भील के शौर्य, वीरता, साहस एवं उनके आत्मीय
सहयोग का सम्मान किया
No. RANA PUNJA WAS SOLANKI RAJPUT. he brought BHILS SAINIK under his command who fought for RANA PRATAP IN HALDIGHATI BATTLE.
Abe o angrejo ki aulad 😅@@ParbatsinghSolanki-w2m
नहीं, केवल पुजा था पहले फिर महाराणा का साथ दिया तो राणा की उपाधि मिली अब इतिहास से छेड़खानी करके राणा पुजा से राणा पुजा सिंह सोलंकी करना गलत है,
@@ParbatsinghSolanki-w2mउनके पिता का नाम दूदा होलंकी और माता का नाम केहरी बाई था. भील थे भील रहेंगे
@kavishsolanki1379 Bhai ye aapko. 500 saal baad kese. Yaad aaye RANA PUNJA JI
औरतों को आगे कर के क्या साबित करना चाहते है ये लोग पूंजा नाम राजपूत जाति में किसी का नाम हो तो मुझे बताओ प्लीज
राईट
पूजा नाम के अनेक राजपूत में योद्धा हुऐं है डूंगरपुर के वंशावली में डूंगरपुर के महाराजा हुए महारावल पूंजा। ईडर की वंशावली में ईडर के महाराजा पूंजा राठोड़ हुए हैं और बताओं अब क्या कहोगे
@@RajputanaVirasatSanskriti 1609 ke आस पास की बात है जो कि रावल पूंजराज सिंह नाम था
@@RajputanaVirasatSanskriti पूंजा भील का सिर्फ नाम ही पूंजा है ना कि राज या सिंह लगा हुआ है
ऑथेंटिक बुक्स पढ़ी हैं क्या आपने वीरविनोद श्यामल दास जी की बुक्स
सच को कोई आच नहीं अतः क्षमा चाहता हूँ परन्तु पानरवा को इतनी बात करनें की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि राणा पूजां यदि सोलंकी राजपूत हैं तो सभी क्षत्रियों को स्वीकार कर लेना चाहिए! ये कलयुग का प्रजातंत्र हैं यदि हम सतर्क नहीं रहें तो राणा प्रताप को भी कुछ भी बता दिया जायेंगा! अतः सभी सतर्क रहें सशक्त रहें
युद्ध लड़ने औरतें गई थी यह भी एक सच है इसको भी कहीं आच नहीं
ये रेती स्टैंड पर तीर धनुष के साथ मूर्ति है वो किसकी हैं भील की है या राजपूत की हैं
राजपूत
@@Hindi_gyaanSagar 😅😅 पहला राजपूत है जो धोती में है और तीर धनुष के साथ हैं
कुछ शर्म करो शर्म
Ikk Rana punja solanki hai aur ikk veer shiromani maharana pratap
@@Harshrajput-w2yसालो तुम महाराणा प्रताप के वंशज नहीं हो हु तुम तो मुगलों के गुलामी करने वाले राजपूतों की औलाद हो
महाराणा प्रताप को हम भीलों ने जंगल में शरण दी थी
महाराणा प्रताप को प्रताप बनाने वाले हम भील है
राणा पूंजा भील की जय हो
@@Harshrajput-w2y तुम्हारा सोलंकी राजपूत राजा धोती में कैसे है
महाराणा प्रताप का तो 24 में वंशज है और आपके सोले कैसे हुआ इतना पीछे कैसे
24 nh 34...mahendra singh ji 34th maharana hai...
भाई साहब ये औरतों के कंधो पे बन्दूक रख कर सला रहे है तो फिर क्या हि 34वा वंशज क्या हि 16वा 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂🙈वंशज याद होता तोऔर कुछ अलग देखने को मिलता 🙏🙏जय जोहार 🙏🙏
अच्छा पूछना ये था की वो अकबर भी राजपूत था क्या 😂
Tu dasiputar h
Paka humara 50 percentage h
Bhil
तेरा बाप दादा जरूर वर्णशंकर है बेटा तू जरूर उनकी औलाद है
@@bajrangshekhawat9271baj sa 100% apna hi khun tha veersal ji se raha nhi gya do sal ke liye chod gya uska pti 😂😂😂
इसका मतलब कल तुम एकलव्य को भी राजपूत बोलोगे बिरसा मुंडा को भी राजपूत बोलोगे
Eklavya bheel na tha chomu
Parmar Surname laga raha hai Asli parmar Surname Rajputon ka hai 😂😂
राणा पूजा भील की जय हो
राणा पुंजा के महल पर कब्जा कर लेने से, कोई राणा पुंजा भील उन के नहीं हो जाते,,
आज महाराणा प्रताप भी सोच रहा होगा की इन लोगो के लिये लड़ा था मै 🤔🤔🤔
महल पर कब्जा तो ठीक है लेकिन भील राजा पर ही कब्जा कर लिया 😂😂😂😂
ओह महल पर कब्जा। वाह कोन भील भाई ने महल बनाया हे इतिहास में बताना जरा।।।। 95% adivasi भाइयों को 2014 से पहले ये भी नहीं पता था कि राणा पूंजा कोन हे।। जब से social मीडिया में नेट सस्ता हुआ हे ।।तब gyaan आया हे।।।
@@nagendrasinghpanwar7706 ha bhai ye neech log hai inka koi bhi chutiya bna deta hai
@@nagendrasinghpanwar7706ओय देवीलाल पालीवाल के दाएं आंड पानरवा राजवंश बुक से पहले तेरे पास क्या है?
सब कुछ लिख दिया पर दिलों का हथियार तीर कमान है और राजपूतों में हथियार
राणा पूजा भील है ओर भील ही रहैगे
राणा पूंजा भील समुदाय से से 😊
मैडम की बात बिल्कुल सही है मगर राजपूतों में भी सोलंकी है उनके राजा होंगे सोलंकी मगर राणा पूजा सरदार जो भिलों के सरदार हुआ करते थे वह अलग है जो हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को साथ और सहयोग दिया था जो भिलों के सरदार थे पूजा भील फिर युद्ध के बाद महाराणा प्रताप ने पूजा भिल को राणा कीउपाधि दी इसमें राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है दोनों समाज को बैठकर आपस में समझौता कर देना चाहिए उनके भी राजा सोलंकी थे और मिलों के भी पूजा भील राजा थे राजा रजवाड़ा के राज्य में जब तक भिल सरदार राजा का तिलक नहीं करे तब तक राजा गादी पर नहीं बैठसकता था आज राजनीति की वजह से दोनों समाज में फूटडालो और राज करो यह नीति अपना रहे हैं
भीलो को कभी भी।कही भी राणा नही कहते सिर्फ राजपुतो।ही राणा कहा जाता है
Rana word nahi chyie humko hamre pujna bhil chiye rana tumhe h
Jaha lagane hai lagaoo aage piche kahi bhi humare punja ji bhil hai or rahege
@@prathvisinghrathore7141 भीलों में राणा जाती भी है हमारे यहां तो कई राणा हैं धन्यवाद
राणा पूजा भील जी का पूरा इतिहास है
ओर पूरे इन्विडेंस के साथ लेकर काम सामने रखेंगे, इसमें कोई एतराज नहीं है,,
@@prathvisinghrathore7141haha up aaja bete yaha jat aur meena bhi rana ,raja lagate hai
Ye word kisi ka patent nahi hai
Ab to sufhar jao gulamo
Hindu hamesha murakh hi rahengey
राजपूतो ने आदीवासियों का इतिहास खंडित किया है
राणा पूंजा भील थे रहेंगे❤
क्षत्रानि के कॉन्फिडेंस लेवल को सैल्यूट जो भी आपको जानकारी है उसमे कोई किंतु परंतु नहीं काबिले तारीफ़ है हुकम🎉🎉
वीर विनोद किताब पढ़ लेना
कब तक इतिहास को चुराओगे शर्म आनी चाहिए
भील को सोलंकी बना रहे हो
क्षत्राणि नहीं हो सकती अगर क्षत्राणि होती तो गलत इतिहास नहीं बताती
@@kamleshdindor8184😂
घंटा कंफिडेंस मुगलो की गुलामी करने वाले भील भी तुम्हारे बाप हों गए
पुंजा नाम का आदमी सिर्फ और सिर्फ आदिवासी में होता है
राजपूत समाज में एक भी व्यक्ति का नाम पुंजा हो तो बताओ
कीर्ति स्तंभ का निर्माण राणा कुम्भा ने करवाया,जिनके वास्तुकार पूंजा , पोमा, नाथा है,,,अब बताओ क्या ये राजपूताना नहीं थे क्या ,,
@@NarendraSinghCheenu kya Veer Vinod mein Maharana Pratap ka itihaas hai vah galat hai
@NarendraSinghC😂😂पुजा- पोमा- नाथा- मंड़न- देपाक- विधाधर 😂😂😂😂आप तो बड़े सम्जदार हो कारीगरों कि भी जाति पहचानते हो 😂😂😂
पहली बात तो ये जो फोटो में दिखाए गए है वो राणा पूजा भील है ही नहीं। क्योंकि इसने तो राजपूती पोशाक पहनी है और हल्दीघाटी युद्ध में लड़ने वाले ये नहीं आदिवासी वेशभूषा वाले राणा पूजा भील थे। ओर इसका सबूत मेवाड़ के राज चिन्ह में देख सकते हैं। अगर दोनों राजपूत होते तो एक राजपूत को कौनसी बीमारी हुई थी जो राजपूती पोशाक छोड़ के आदिवासी पोशाक में दिखाया गया है।
राजचिन्ह में राणा पूंजा जी नहीं, भील सैनिक है | यह बात इन्होने भाषण में बताई है |
@@gyandarpanअच्छा अंधभक्ति में लीन तुम ही समझदार हो एक राजा दूसरी तरफ़ सैनिक ये खुद राजपुत ही महाराणा प्रताप का अपमान कर रहे हैं। राणा पूंजा भील थे।
@@maheshmeea3726 me kaha mana bol rha hu rana punja Bhil hi to the
@@maheshmeea3726 is channel pe video he na usme kuch log rajput bta rhe hai isliye comment Kiya tha
@@maheshmeea3726राज चिह्न में राणा प्रताप और राणा पूंजा नहीं है। एक तरफ़ भील और दूसरी तरफ़ राजपूत सैनिक है। मेवाड़ का गज़ेटियर पढ़ना पता चल जाएगा।
महाराणा प्रताप संकट थें तब राजे रजवाड़े कहा थें राणा पुजा भील थें और रहेंगे
राजपूत थे
@@raj761भील प्रदेश बनने दो उसके बाद पता चलेगा कि वो कोन थे
राजपुतो।ने ही लङाई लङी थी ठीक है भीलो को पुजाजी ने साथ लिया था ईसका मतलब ये तो नही की राजपुत साथ नही था
राणा पुंजाजी के ओर उनके वंशजो के सगे ( ब्याह वगैरह ) कौन सी जाति मे है ? भील या राजपूत समाज मे है ??
@@जयजयश्रीराम1947 राजपुतो मे पुंजाजी के सभी सगे संबोधित
भील ही थे राणा पूंजा भील
सभी महापुरुषों को भारतीय घौषित किया जाए। पहले क्षेत्र में फिर जातियों में बांट दिया महापुरुषों को मूलनिवासी नायक घोषित हो सभी पर गर्व महसूस करे
दीदी में भी वही से हु लेकिन आपकी बात तथ्यात्मक नहीं है मैं राणा पुंजा भील की वंशज हु वो भील थे और हमेशा रहेंगे।
कहा से हो आप
हम भी वही से है
जोहार
जोहार
क्या राणा पूंजा जी भील के वंशज वर्तमान में है और है तो कहा पर रहते है
राणा पूंजा भील हे और रहेगा
जैसे पुष्यमित्र शुंग को राम बना दिया बस इनका यही काम है दूसरों के बाप को अपना कहना
अगर महाराणा प्रताप के वंशज भी इस इतिहास को खोलकर देखेंगे तो वहां पर भी राणा पूजा भूल ही पाया जाएगा
दूसरों के बाप को अपना बाप मानना गलत है मैडम
तुम ही तो अनजान हो , दूसरों के बाप ko अपना बना रहे हो, वंशावली है, वंशज है, भांड जी के पास रिकॉड है, सब का पता करो , अपने भांड आते हैं उस से पूछते रहना,
राणा पूंजा भील थे हे 🏹🌾
क्या फर्क़ पड़ता है सभी हिन्दू है हिन्दुस्तान हमारा हम सभी है तो ही हिन्दू है अलग अलग जातिवाद को लेकर चलोगे तो अलग अलग ही काटे जाएंगे हिन्दू सनातन धर्म के लोग.. एकजुट रहो एकता से रहो चाहे वो राजपूत. जाट. यादव. गुर्जर. मराठा.. दलित. ओबीसी जनरल सभी एकजुट होकर एक नाम से चलो.. एकजुट रहो.. #Gurjar #rajput #jaat #Yadav #dalit #obc #scst एकजुट रहो
राणा पूंजा भील था
आदिवासी भील थे राणा पूंजा जी
होग राणा पूजा राजपूत लेकिन राणा पूजा भील था और गोत्र सोलंकी था मेवाड़ राज गराणा न राणा कि फूफा दी थी लेकिन आज के समय में वह भी वापस लेने छा रहे हैं लेलो लेकिन भील तो भील रहेगा जय भील
ये फोटो कहा से लाए आप,
कुछ समय से ही देखने को मिल रहा है।
राणा पूंजा भील का फोटो तो अलग है जो हम बचपन से देख रहे हैं
क्षत्राणी के विवेक एवम ऐतिहासिक जानकारी को सैल्यूट दबंग तरीके से अपनी बात को रखना स्वत लग रहा है कि एक अच्छे खानदान से है।
भील को अपना बाप बनाना चाहते हो ये तो अच्छी बात है
Please read this reference from colonel Tod
Oghna Panarwa. - Oghna Panarwa is the sole spot in India which enjoys a state of natural freedom. Attached to no State, having no foreign communications, living under its own patriarchal head, its chief, with the title of Rana, whom one thousand hamlets scattered over the forest-crowned valleys obey, can, if requisite, appear at ' the head of five thousand bows.' He is a Bhumia Bhil of mixed blood, from the Solanki Rajput, on the old stock of pure {ujla) Bhils, the autochthones (if such there be of any country) of Mewar. Besides making the tika of blood from an incision in the thmnb, the Oglma chief takes the prince by the arm and seats hun on the throne, while the Undri Bhil holds the salver of spices and sacred grains of rice ^ used in making the tika.
^ Deemed in the East the most impure of all receptacles. These wells are dug at the sides of streams, and give a supply of pure water filtering through the sand.
^ [The right is said to have been enjoyed by the Bhils tiU the time of Rana Hamir Singh, who died a.d. 1364, and it was recognised in Dungarpur till fairly recent times (Erskine ii. A. 228). The Jats have the same right in Biltaner (Kose, Glossary, ii. 301) : Mers in Porbandar (Wilberforce-Bell, Hist, of Kathiawad, 53 : Kandhs in Kalahandi (Russell, Tribes and Castes Central Provinces, iii. 405, and c/. ii. 280).]
* ilencc, perhaps, the name khushka for tika. [Khuskka, khushk, ' dry,'
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मातृशक्ति को बहुत बहुत धन्यवाद
हल्दीघाटी में सोलंकी राजपूत का कोई योगदान आज तक इतिहास में नहीं सुना है
राणा पूंजा भील थे हे ओर रहेंगे ।।
कक्षा 5 की सामाजिक विज्ञान में दर्शाया गया हे की सोलंकी परिवार भीलों की गोत्रहै
बाइसा हूक्म ने बहुत ही अच्छी बात कही है
थोड़ा ध्यान भी रखते रखना बाईसा हुक्म का आजकल मर्दों में ज्यादा उठक बैठक चल रही है।
और कुछ नया इतिहास ना पैदा कर दे।
Me rajput hu or me yah Kah raha hu ki ve bhill the 👍👍🙏
Jai mewar Jai rana punja bhil❤
राणा पूंजा सोलंकी की जय 🚩🚩
क्षत्राणी के कॉन्फिडेंस और वक्तृततव शैली को सैल्यूट!
Nice ..Ajgar. .Samaj
Bahut shandar
राणा पूंजा जी भील थें जय जोहार जय आदिवासी जय भील प्रदेश
Jay ho rana punja bhil ki jay ho . Ham to yahi manenge😊
मातृशक्ति को नमन
सोलंकी वंशज जिंदा है प्रूफ है ❤
भील राणा पंजा की जय हो
चोली के पीछे क्या है चोली के पीछे क्या है😂😂😂😂
जय हो राणा पूंजा सोलंकी जी
हर क्षत्रिय नारी को इनको सुनना चाहिए
और इनसे सीख लेनीचाहिए
Kya sikana chaye
Uday kharadi ka hitihas khape h pata bhi h ya nhi
Udaipur raj kon ta pehele
Royal blood
मेवाड़ भील कोर की स्थापना 1841 में हुई थी. इसका मुख्यालय खेरवाड़ा में था. भील जनजाति के सदस्यों को रोज़गार देने और मेवाड़ के पहाड़ी इलाकों में पुलिसिंग करने के लिए इस कोर को बनाया गया था. मेवाड़ भील कोर ने भिलप्रांत में सड़कें बन
👍 सत्यमेव जयते 🙏🙏
धन्य हो महारानी साहिबा 🙏🙏
ये सब पहले आदिवासी समुदाय से आते थे बाद मे राजा बन गए राजा बनने के बाद जो राजा के पुत्र हुए वे राजा के पुत कहलाए यानी राजपूत कहलाए 😮
Chal bhag jhandu
😂😂😂
फिर भी तुम तो राजा के पुत्र नहीं हो न तो तुम क्यों परेशान हो। जाओ मजदूरी करके घर चलाओ 😂😂😂
@@Veeru2014 अगर तुम हो तो सदियों से कहां गए थे जो अब उठे हो 😂😂
@@Veeru2014 क्या हुआ सच्चाई बर्दाश्त नहीं हुई
कुछ भी कर लो राणा पूंजा भील ही रहेंगे ☝️🔥जोहार
राणा पूंजाभील
ये राणा पूंजा जी भील हे मैडम इतिहास को पढ़ कर बोल जय जोहार जय राणा पूंजा भील की जय हो तेरे बोलने से हो राजपूत नि बनेंगे मैडम
Rana ki upadhi unko Maharana ne di thi vo the bhil par unko rajput samaj ne apnaya or upadhi di rajput ki
राणा पुजाजी भील समाज ओर राणा पुजा जी सोलंकी 2आदमी अलग अलग लगता है
जय मेवाड़,जय राजपुताना
Ye har kisi ko apna baap bna lete he ye galat he Rana Punja bheel the😊
मेवाड़ के राज चिन्ह में एक तरफ भील दूसरी ओर राजपूत है
राणा पूंजा सोलंकी राजपूत थे इन राजपूतों खुद इतिहास खराब किया ह ऐसे ही एक राजा को ऊंचा ओर एक को निचा दिखाते है बिना इतिहास पढ़े
Akabar bhi rajput thaa 😂😂
@@baradarajesh5230 Teri tarah varnsankar tha 😅😅
@@baradarajesh5230तेरी तरह बेवकूफ़ नीच था
@@baradarajesh5230किस बात की हंसी आई वर्णशंकर औलाद,,, मेरे एरिये मे आज भी लोग इज़्ज़त करते है
Akbar to inka hamesha se baap papa hi rha Hai inki rago me akbar baba ka hi to khun hai😂
Atisunder Hukam 🙏🙏🙏 Jai Jai Maa Bhawani 🙏🙏🙏 Jai Jai Rajputana 🙏🙏🙏
वीर विनोद ग्रंथ मे पेज न 151.और पेज न 223 पढ़ लो राणा पूजा भील बता रखा है
जय राणा पूंजा जी भील,,, राणा पूंजा जी भील की आदीवासी वेश भूषा को चेंज करके, राजपूती पोशाक पहनाकर उनको राजपूत बनाने का बहुत अच्छा प्रयास किया है 😅😅😅😅😅
चिकलवास (प्रताप गौरव केंद्र के पास वाला) यहां सब नाम के आगे "राणा" लगाते हैं, खुद को राणा पदवी का बोलते हैं, क्या ये असली राणा जी है ?
सेल्यूट आपके जज्बे को
राणा सांगा हो सकता हे तो पूंजा क्यों नहीं रही बात भील होने की तो राणा पूंजा को जाती में ना बाट कर एक सफल योद्धा थे जिसने मुगलों से मजबूती से लड़े
नेताओं ने राजनीति के लिए एक वर्ग को ये झुनझुना पकड़ा दिया है
यह तो आज दिन तक भी हमने ने सुना है महाराणा पूजा भील थे और हमने कहा भी पड़ा है देखा है उसमें महाराणा पूजा भील लिखा हुआ है
Ye vo rajput nahi lag rhe h jo maharana pratap k sath the,,,,,,,,😢😢
Maharana Pratap k vansaj kabhi bhilo k itihas ko nakar nahi sakte ,,,,,,,,,,
Sayad Ye vahi rajput h jinhone us time maharana pratap sath chhod diya tha,,,,,,,,,,,,,
Tum dogle us time bhi the or aaj bhi ho,,,,,, tum pratap k sath n kal the n aaj ho,,,,,,, bs pratap ka naam leke khud ko mahan banate ho,,,,,,,,,
Pratap ka sath dene vala har rajput bhilo k sath tha or aaj bhi hai,,,,,,,,,,, rajput bhil ekta mahan thi or aage bhi rahegi,,,, tum kuchh matlbi log khalli maje le rhe ho fokat ka,,,,
जय महाराणा प्रताप, जय राणा पूंजा भील 💪 💪
झूठे तथ्यों से कोई इतिहास नहीं बदलता और ना ही इतिहास बनता है जब मेवाड़ में युद्ध हुआ तब जिन भीलों ने गुरिल्ला युद्ध पद्धति से युद्ध लड़ा वो सिर्फ भील ही लड़ सकते है तो भीलों का सरदार एक राजपूत कैसे हुआ। दूसरी बात पूंजा नाम सिर्फ भीलों में ही मिलेंगे। सच्चा राजपुत होगा वो इतिहास पर उंगली नहीं उठायेगा।
Jai rajputana jai bhavani har har Mahadev jai rana punja Solanki rajput Banna hukum 🙏🙏... aap hamare dil dimak me rahte ho...jai rana punja Solanki...❤❤❤❤❤
जैसा मन में आए वैसा गढ़ दो कोन रोक रहा मनगड़त इतिहास।। खुद के मुंह से बढ़ाई करने से कुछ नहीं होता।
सही जानकारी प्रस्तुत की, जिसके लिए धन्यवाद।
Tum nakli rajput ho 😂😂
पूंजा नाम के राजपूतों में कितने लोग हैं और पूंजा नाम के आदिवासी कितने लोग हैं, इससे ही साबित होता हैं पूंजा भील थे।