आदरणीय माता जी को सादर प्रणाम इस प्रकरण में आपसे विनम्र निवेदन है कि इस प्रकरण को शिक्षा मंत्रालय मैं अपने पत्र के द्वारा इस पर अपनी पुष्टि भारत सरकार को अवश्य प्रदान करें जिससे यह भ्रम अवस्था समाप्त हो यह आपके द्वारा किया गया कार्य के लिए संस्कृत जगत के लिए अमूल योगदान होगा
ऋषि राज पोपट नामक इस मूर्ख लड़के को संस्कृत के बारे में ही नहीं पता ... 2000 साल का गलत इतिहास बता रहा है.... 🤣 इसे यह भी नहीं पता कि ...संस्कृत में क्या हो रहा है ??? भारतवर्ष में कितने विद्वान हैं ?????और ऋषि मुनि कभी गलती नहीं करते !!!!😂 भारतवर्ष विद्वानों का देश है.. परंपरागत विद्वानों का आदर करना ही... संस्कृत के द्वारा सीखा हुआ संस्कार है... इसीलिए संस्कृत भाषा देवताओं की वाणी कहलाती है.... इस मूर्ख लड़के को यह भी नहीं पता कि गुरु का नाम कैसे लिया जाता है...पाणिनि नहीं कहा जाता है !!!! पाणिनिजी या ऋषि पाणिनि कहा जाता है... इसीलिए स्वयं पढ़कर पढ़ने वाले लोग इस मुर्ख लड़के के समान मूर्ख और अभिमानी हो जाते हैं!!! 😂 और गुरु शिष्य परंपरा में पढ़ने वाले लोग विनम्र और विद्वान हो जाते हैं....🙏 सनातनी शिष्य
संस्कृत माता के चरणों में कोटि कोटि नमन, आपके द्वारा ऋषि राज पोपट के भ्रम का खंडन अत्यंत तार्किक ढंग से किया जा रहा है और तो और आपके 9-10 साल के शिष्य भी उनकी अशुद्धियों को सूत्रों के माध्यम से इंगित कर रहे हैं। ये संस्कृत जगत के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है।🙏🙏🙏
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡 छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱 इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है .... इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡 इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है.... सीताराम सनातनी शिष्य
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡 छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱 इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है .... इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡 इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है.... सीताराम सनातनी शिष्य
All gurus of sanskrit of India We all indian are requesting please take huge steps towards, introduce the all people with our ancient knowledge, with lightning to our sanskrit litretures. 🙏Jai maa bharti Kitni vidambana ke baat hai ham aapna purantam sahitya bhul gye.
Saadar Pranaam, Mataji. Jo 'hamare' desh ka media hai unki ownership saari vilaayat mein hai -- bohot sare Indian hai hi nahin - woh bhi gorey hi hain. Musibath ki Jadh yeh hi hai.
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡 छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱 इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है .... इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡 इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है.... सीताराम सनातनी शिष्य
लाईक शेयर सब्सक्रिप्शन प्लीज दो दीनार मे बिकने वाले बोलते हुकूमत की , चौदह सौ साल पहले अल्लाह नाम को कौन जानता अल्लाह किसी पुस्तक मे का कोई जिकृ नही ओम वेदो मे आदि सृषटि से अनंत तक रहेगा,चैनल को लाईक शेयरnh
पहली बात कि ऋषि जी ने पाणिनी के सूत्र का खंडन नहीं किया है, उनके सूत्रों का खंडन करके आगे के ऋषियों ने जो बदलाव किया था, उसका खंडन कर ऋषि जी ने कहा है कि इसकी आवश्यकता नहीं है। पाणिनी के सूत्र से ही सभी शब्दों निर्माण संभव है। तो इसमें गलत क्या है?
पढ़ना हो तो संस्कृति आर्य गुरुकुल के आचार्य mehul जी से पढ़िए । उनका चैनल भी है । खंडन करना था जैसे नित्यानंद मिश्रा जी ने किया है उनके चैनल पे। उस युवक के कारण संस्कृत का नाम रोशन हुआ है विश्व में ,इतना मन मे रखके नम्र शैली में करना चाहिए था ताकि नए लोगों ये न समझे कि माता जी अहंकारी हैं।
@@himanshujoshi837 विषय जानना हो तो nityanand misra जी का चैनल देखिए उन्होंने कैसे विनम्रतापूर्वक इस मुद्दे पे बात की है। दूसरी ओर ये देवी जी हैं जो कि क्रोध और कुंठा में तमतमा रहीं हैं। अरे कम से कम उस युवक के कारण संस्कृत का नाम तो हुआ दुनिया में बाकी जो उसने भूल की उसपे प्यार से बोल सकती थी। ambedkarvadi jab jhòothe aarop lagate hai dharm pe ,brahmno pe tab aap log khandan karne kyo nahi aate ?
@@gaurav8267 सबकी अपनी एक शैली होती है बात प्रतिपादन करने की, और जिस व्यक्ति का समग्र जीवन व्याकरण विषय के अध्ययन-अध्यापन में बीता हो, वो उस विषय में किए गए व्यर्थालाप पे क्रोधित नहीं होगी क्या पूजन करेंगी। और ऊपर से विषय के प्रामाणिक आचार्यों के विषय में कहना कि वे विषय को समझ नहीं पाए इस बात पर तो व्याकरण का सामान्य ज्ञान रखने वाला भी क्रुद्ध हो जाएगा फिर जिसका समग्र जीवन उसी विषय के चिन्तन-मनन पर बीता हो उनकी तो बात ही क्या हो...... आपके सुझाए गए nityanand ji के वीडियो को भी जरूर देखूंगा
Because their ego is hurt. Sanskrit was complicated, yet very advanced language. But unfortunately very few people made a group and tried and establish hegemony over this. The same attitude drove the masses away from Sanskrit. And even after thousands of years without learning the lesson these people are hurt that How a 27 yr old man can claim something without bowing down to these people.
@@raunakmani9843 Lol, man what the hell. How much do you even know about Vyakarna? You are a fool to support him without even reading his thesis or reading the Astadhyayi, egoistic fools like you are a curse.
@@raunakmani9843 Is this what you learnt from this? This has been made clear several times that it wasn't a NEW SOLUTION. So now a dude who studies in a foreign university has more claim on the authenticity than the people who have read it from generations under Guru-Shishya parampara. That's like he went to North Sentinel, brought them a TV and claimed he invented it.
They are academics and are deeply hurt. Even in the things they are well-versed in and have spent their life mastering it, a sham has been created in the country. You've got the consult the expert of that subject for its veracity, not some white dude in London. That's some bad mentality.
@@NoOne-ky1er A University, Indian or Foreign, will always have more chances to think out of the box than this Guru-Shishya parampara. That's why Lost the advantage that we had in early times in Sciences. We started worshiping the persons and focused less on concepts. That resulted into depletion of rational thinking and we remained in status Quo position. Then came the Arabs and Europeans, they took our Ancient books, applied rational thinking and invented lots of things. Even in this case, chances are there that his thesis may be wrong. But the way these people are criticizing him is like, they have some kind of monopoly over knowledge, and no one should even dare to think out of the box because they couldn't. This mindset has costed us thousands of years and it exists even after that.
Pranam mata aap nei Bharatiya sanskriti par hone wale akraman se ladh rahi hai. Rishi ko apni pathshala bulaiye actual Sanskrit sikhne. Cambridge kya Jane Sanskrit
पाणिनी महाराज का हर एक सूत्र ,,, गागर में सागर है,,, ऐसा ग्रन्थ पढ़कर धन्य हो जाते हैं
साक्षात् सरस्वती माँ स्वरूपा माता जी के चरणों में अनन्त बारम्बार नमन 🙏🙇🪔
आपके दर्शन पाकर मैं धन्य हो गई
आदरणीय माता जी को सादर प्रणाम इस प्रकरण में आपसे विनम्र निवेदन है कि इस प्रकरण को शिक्षा मंत्रालय मैं अपने पत्र के द्वारा इस पर अपनी पुष्टि भारत सरकार को अवश्य प्रदान करें जिससे यह भ्रम अवस्था समाप्त हो यह आपके द्वारा किया गया कार्य के लिए संस्कृत जगत के लिए अमूल योगदान होगा
प्रणाम माता जी प्रणाम आपका हमारे शास्त्रों में बड़ा ही योगदान है आपके चरणो में कोटि कोटि प्रणाम
थोड़ा और सरल करतीं तो अच्छा रहता !
ऋषि राज पोपट नामक इस मूर्ख लड़के को संस्कृत के बारे में ही नहीं पता ... 2000 साल का गलत इतिहास बता रहा है.... 🤣 इसे यह भी नहीं पता कि ...संस्कृत में क्या हो रहा है ??? भारतवर्ष में कितने विद्वान हैं ?????और ऋषि मुनि कभी गलती नहीं करते !!!!😂
भारतवर्ष विद्वानों का देश है..
परंपरागत विद्वानों का आदर करना ही... संस्कृत के द्वारा सीखा हुआ संस्कार है... इसीलिए संस्कृत भाषा देवताओं की वाणी कहलाती है.... इस मूर्ख लड़के को यह भी नहीं पता कि गुरु का नाम कैसे लिया जाता है...पाणिनि नहीं कहा जाता है !!!!
पाणिनिजी या ऋषि पाणिनि कहा जाता है...
इसीलिए स्वयं पढ़कर पढ़ने वाले लोग इस मुर्ख लड़के के समान मूर्ख और अभिमानी हो जाते हैं!!! 😂 और गुरु शिष्य परंपरा में पढ़ने वाले लोग विनम्र और विद्वान हो जाते हैं....🙏
सनातनी शिष्य
🙏🙏
You are such a great guru of sanskrit. I started studying astaadhayayi from your book leaving laghu siddhanta kaumudi.
दूसरों की उपलब्धियों का खण्डन और स्वयं का महिमा मंडन हमारी पुरानी प्रवृत्ति है । आपस की खींचतान में ही हमारा देश सदियों तक गुलाम रहा ।
Yhi rishiraj popat ne kiya
संस्कृत माता के चरणों में कोटि कोटि नमन, आपके द्वारा ऋषि राज पोपट के भ्रम का खंडन अत्यंत तार्किक ढंग से किया जा रहा है और तो और आपके 9-10 साल के शिष्य भी उनकी अशुद्धियों को सूत्रों के माध्यम से इंगित कर रहे हैं। ये संस्कृत जगत के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है।🙏🙏🙏
सत्य
2004 में ऐसा ही एक बार बलिया के भैया विदेश में जाकर AAA+डिग्री लिए थे । मीडिया में बहुत छाए थे । मगर वे फर्जी निकले ।
अंगरेजी की धौंस हमारी भाषाओं पर किस प्रकार जमाई जा रही है इसका उत्कृष्ट उदाहरण है पोपटाचार्य का शोधकार्य.
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡
छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱
इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है ....
इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡
इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है....
सीताराम
सनातनी शिष्य
अस्ति कश्चिद् वाग्विशेषः.... पोपट्..!
मातः पुनः पुनः नौमि। सर्वोत्तमं प्रत्याख्यानम्।
Pranam mataji.bahut achaa laga video ko dekhkar
दीदी मां बहुत बहुत धन्यवाद शुभकामनाएं दीघार्यु
माता जी सादर चरणस्पर्श , ये ऋषि जैसे लोग अंग्रेज़ों से संस्कृत पढ़कर हमारे ऋषि मुनियों का अपमान कर स्वयं को सर्वज्ञ समझते हैं।
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡
छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱
इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है ....
इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡
इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है....
सीताराम
सनातनी शिष्य
माता जी के चरणकमलों पर सादर प्रणाम... 🙏
संस्कृत जगत की माता जी को सादर प्रणाम! 🙏🙏
नमः गुरुदेव!!!
गुरु माता प्रणाम
खण्डनमावश्यकम् अस्ति। शोभनं कृतम्।
प्रणाम माता जी नमः संस्कृताय नमो नमः
माताजी के चरणों में सादर प्रणाम🙏
ये खण्डन बहुत जरूरी था माता जी
प्रणाम
🙏 सादर प्रणाम माता जी के चरणों में 🙏
केवल नमन🙏🏻🙏🏻🙏🏻
माताजी प्रणाम्🙏🙏
All gurus of sanskrit of India
We all indian are requesting please take huge steps towards, introduce the all people with our ancient knowledge, with lightning to our sanskrit litretures. 🙏Jai maa bharti
Kitni vidambana ke baat hai ham aapna purantam sahitya bhul gye.
Anantha koti pranaam 🙏🙏
गुरु मां आपको सादर प्रणाम
प्रणाम माता जी
सादर प्रणाम माताजी 🙏🏻🙏🏻💐💐
धन्य हैं! प्रणाम माताजी
माताजी आपको कोटिशः प्रणाम !
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Pranaama Acharya Shresht ji. I wish I could studied in your guidance! 🙏🙏🙏
It was wrong of the media to not include extensive comments from Indian scholars. They do this when they publish scientific articles.
माताजी को सादर प्रणाम
pushpa mam is fire
Mata ji ke chardo. Me prnaam
Mataji ki Jai Ho
Namah sanskritay 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste mata jee
Saadar Pranaam, Mataji. Jo 'hamare' desh ka media hai unki ownership saari vilaayat mein hai -- bohot sare Indian hai hi nahin - woh bhi gorey hi hain. Musibath ki Jadh yeh hi hai.
Mata g aap ek mahaan kaarya kr rhi h
ಧನ್ಯವಾದಗಳು!
जय जय श्री सीताराम। प्रणाम गुरु मां जी
माताजि को जयः हो
मातरं नमामि।
नमामि मात:!
Misinformation का केस भी किया जाना चाहिए मीडिया पर।
यह मूर्ख लड़का कृतघ्न भी है ...और इस पर क्रोध भी आता है!!!!! 😡
छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा अर्थ रखती हैं... इस लड़के ने स्कूल में धोखे से संस्कृत ली... इसके भीतर कोई संस्कार नहीं थे !!!!इस लड़के का इतना भी संस्कार नहीं है कि ... जिस टीचर ने इसे संस्कृत पढ़ाई थी... उस गुरु का नाम ले लेता !!!!!!! 🥱
इसीलिए यह लड़का कृतघ्न है ....
इस मूर्ख लड़के पर सबको क्रोध तो आएगा ही !!!! यह लड़का कृतघ्न है... इसलिए गुरुओं का ऋषियों का अपमान करता है... और मूर्ख भी है क्योंकि इसे संस्कृत का कुछ ज्ञान ही नहीं!!! यह सब विदेशियों की चाल है...😡
इस मूर्ख लड़के की बातों का भारतीय विद्वानों द्वारा खंड खंड उड़ा दिया गया है....
सीताराम
सनातनी शिष्य
Sadar charan sprsh pujy mata ji
🙏🙏🙏🙏🙏
जयतु संस्कृतम्
प्रणाम माताजी|
जय हो
माता जी सादर प्रणाम 🙏🙏
हमारे गुरूदेव भगवान श्री तुलसीपिठाधिसवर श्रीराम भद्राचारय जी से बडा कोई ववैयाकरण कोई कम ही है तो वो क्या कहते है ।।
Exaplain nicely with examples.
Namah Sanskritay Maataji
नमो नमः माताजी, मूर्खों को मूर्ख ही अच्छे लगते है आप जैसे ज्ञानी नही
🙏🙏🙏🙏
गुरु माता सादर प्रणाम हमारे प्राचीन ऋषियों पर पद्धति तियो पर अविश्वास प्रस्तुत करके झूठा गलत सा बतलाया यह दुख देने वाली बात है
🙏🏻
Namami matah!
👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏
👏👏👏👏👏👏👍👍👍
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दो दीनार मे बिकने वाले बोलते हुकूमत की , चौदह सौ साल पहले अल्लाह नाम को कौन जानता अल्लाह किसी पुस्तक मे का कोई जिकृ नही
ओम वेदो मे आदि सृषटि से अनंत तक रहेगा,चैनल को लाईक शेयरnh
EKDUM aalaa darje ka uttar diyaa hai , us Rishi Raajpopat ko..
Mata ji mujhe bhi padha do na mujhe koi nahi padhata .sab kehte hai hard hai mat padho .darate hai mera net nahi nikal raha. meri help kariye please.
पहली बात कि ऋषि जी ने पाणिनी के सूत्र का खंडन नहीं किया है, उनके सूत्रों का खंडन करके आगे के ऋषियों ने जो बदलाव किया था, उसका खंडन कर ऋषि जी ने कहा है कि इसकी आवश्यकता नहीं है। पाणिनी के सूत्र से ही सभी शब्दों निर्माण संभव है। तो इसमें गलत क्या है?
Jo dash varsiy balak ko bhi panini bna deti hai.. Un saraswatiswarupa mata ko koti koti pranam
माता जी🙏
माता जी आपसे पढ़ना चाहते हैं
Lagta ye mataji bhi bhi dharmik thekedaar hai😂😂😂
Mata ji main dalit hu kya main bhi sanskrit padh sakta hu
Duniya Bharat se shikh ke gai ab Cambridge Bharat ko shikhagi.
🙏👍
🙏🙏🙏
🙏सोशल मीडिया पर ऐसा ही होता है,
माताजी मैं आपसे मिलना चाहता हूं और आपसे पढ़ना चाहता हूं
पढ़ना हो तो संस्कृति आर्य गुरुकुल के आचार्य mehul जी से पढ़िए । उनका चैनल भी है । खंडन करना था जैसे नित्यानंद मिश्रा जी ने किया है उनके चैनल पे। उस युवक के कारण संस्कृत का नाम रोशन हुआ है विश्व में ,इतना मन मे रखके नम्र शैली में करना चाहिए था ताकि नए लोगों ये न समझे कि माता जी अहंकारी हैं।
@@gaurav8267 "आता न जाता चुनाव चिह्न छाता" ये उक्ति आप पर सटीक बैठती है, जो आप विषय को जाने बिना किसी पर अपनी टिप्पणी कर रहे हैं।
@@himanshujoshi837 विषय जानना हो तो nityanand misra जी का चैनल देखिए उन्होंने कैसे विनम्रतापूर्वक इस मुद्दे पे बात की है। दूसरी ओर ये देवी जी हैं जो कि क्रोध और कुंठा में तमतमा रहीं हैं। अरे कम से कम उस युवक के कारण संस्कृत का नाम तो हुआ दुनिया में बाकी जो उसने भूल की उसपे प्यार से बोल सकती थी। ambedkarvadi jab jhòothe aarop lagate hai dharm pe ,brahmno pe tab aap log khandan karne kyo nahi aate ?
@@gaurav8267 jinke bare me bol rahe ho bhai ve sakshat panini ki avatar hai hamare vidvat sabha me thodi jankari badho
@@gaurav8267 सबकी अपनी एक शैली होती है बात प्रतिपादन करने की, और जिस व्यक्ति का समग्र जीवन व्याकरण विषय के अध्ययन-अध्यापन में बीता हो, वो उस विषय में किए गए व्यर्थालाप पे क्रोधित नहीं होगी क्या पूजन करेंगी।
और ऊपर से विषय के प्रामाणिक आचार्यों के विषय में कहना कि वे विषय को समझ नहीं पाए इस बात पर तो व्याकरण का सामान्य ज्ञान रखने वाला भी क्रुद्ध हो जाएगा फिर जिसका समग्र जीवन उसी विषय के चिन्तन-मनन पर बीता हो उनकी तो बात ही क्या हो......
आपके सुझाए गए nityanand ji के वीडियो को भी जरूर देखूंगा
If the thesis in question is faulty, the same can be countered with arguments. What is the need for attributing motives?
Because their ego is hurt.
Sanskrit was complicated, yet very advanced language. But unfortunately very few people made a group and tried and establish hegemony over this. The same attitude drove the masses away from Sanskrit.
And even after thousands of years without learning the lesson these people are hurt that How a 27 yr old man can claim something without bowing down to these people.
@@raunakmani9843 Lol, man what the hell. How much do you even know about Vyakarna? You are a fool to support him without even reading his thesis or reading the Astadhyayi, egoistic fools like you are a curse.
@@raunakmani9843
Is this what you learnt from this?
This has been made clear several times that it wasn't a NEW SOLUTION.
So now a dude who studies in a foreign university has more claim on the authenticity than the people who have read it from generations under Guru-Shishya parampara.
That's like he went to North Sentinel, brought them a TV and claimed he invented it.
They are academics and are deeply hurt.
Even in the things they are well-versed in and have spent their life mastering it, a sham has been created in the country.
You've got the consult the expert of that subject for its veracity, not some white dude in London. That's some bad mentality.
@@NoOne-ky1er A University, Indian or Foreign, will always have more chances to think out of the box than this Guru-Shishya parampara.
That's why Lost the advantage that we had in early times in Sciences. We started worshiping the persons and focused less on concepts. That resulted into depletion of rational thinking and we remained in status Quo position.
Then came the Arabs and Europeans, they took our Ancient books, applied rational thinking and invented lots of things.
Even in this case, chances are there that his thesis may be wrong. But the way these people are criticizing him is like, they have some kind of monopoly over knowledge, and no one should even dare to think out of the box because they couldn't. This mindset has costed us thousands of years and it exists even after that.
sansthan ko smart board guru dakshina mein dena chahy
Pranam mata aap nei Bharatiya sanskriti par hone wale akraman se ladh rahi hai.
Rishi ko apni pathshala bulaiye actual Sanskrit sikhne.
Cambridge kya Jane Sanskrit
Aap bhi thesis likh do, sabko sach pta chl jayega.
@@rajbalipandey88 arey to iska matlab ye thodi hai ki vo khud nye thesis nahi likh skte. Vo khud bhi likh skte bhai ji, research to chlti rehti hai
बिना अध्ययन किए ही इतना सब लिख दिया?
Mata ji kya mujhe contact number please send kare please.
सादर प्रणाम माता जी🙏🏻💐