Good morning sir. I have one question here. Why dev can not attain moksha. I got the answer that they can't take diksha. But taking the diksha is only '' no karma'' it's a result of precious' 'bhav karma" so what's actual purusharth at present if some take diksha?
आत्मा का प्रदेश शरीर से बाहर जायेगा तो उसके साथ कार्मण और तेजस शरीर साथ होगा की आत्मा का शुद्ध स्वरुप? (2)एक आकाश प्रदेश के उपर आत्मा के असंख्य प्रदेश होते है आपने बताया परंतु प्रदेश का माप यह है कि जो प्रदेश का दो भाग नहीं हो शके उसको प्रदेश कहते है,फिर एक आकाश प्रदेश आत्मा के असंख्य प्रदेश कैसे रहते है ,बिना फोल्ड हुए बिना.
बहुतही सुंदर, मेरे मन में अनेक दिवस इस बारे में आशंकाए थी वह सब दूर हो गयी 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Jinendra. Dt. 21-5-24.
Bahetarin pravachan
Atma k predesho k sakoch bistar ki bahut marmik charcha👏👏👏
अति सुंदर, आत्मप्रदेशों की स्थिति और उनका शरीर में घूमने का विज्ञान बहुत स्पष्ट समझ में आया। अनेक धन्यवाद, सादर जयजिनेन्द्र
Jai jinendra🙏nice explanation👌🙏🙏
Nice explanation 👌🏻🙏🏼
Thank you j
🙏🙏
Jay Jinendra
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
⏺️आत्मा के प्रदेशके संकोच विस्तार
का स्ववरूप ⏺️
⭐⭐⭐🙏☺️
Jsca to Sanjeev gi
Ye ruchak pradesh sabhi prayay mein hota haii.. Arthat triyanch mein??
👌🏻🙏🏼
🙏🙏
आत्मा के रूचक प्रदेशो के बारे में कृपया विस्तार से बताइये
Good morning sir. I have one question here. Why dev can not attain moksha. I got the answer that they can't take diksha. But taking the diksha is only '' no karma'' it's a result of precious' 'bhav karma" so what's actual purusharth at present if some take diksha?
Dev don't have self restraint (sayam)
आत्मा का प्रदेश शरीर से बाहर जायेगा तो उसके साथ कार्मण और तेजस शरीर साथ होगा की आत्मा का शुद्ध स्वरुप?
(2)एक आकाश प्रदेश के उपर आत्मा के असंख्य प्रदेश होते है आपने बताया परंतु प्रदेश का माप यह है कि जो प्रदेश का दो भाग नहीं हो शके उसको प्रदेश कहते है,फिर एक आकाश प्रदेश आत्मा के असंख्य प्रदेश कैसे रहते है ,बिना फोल्ड हुए बिना.