जय जिनेंद्र भैयाजी ज्ञानावरणीय कर्म कितना महत्त्व पुर्ण है. आज समझ आया.हमेभी याद नही रहता. हम जिनवाणी माॅ से क्षमा मागते है.हमारे तरफसे भी माॅ की विराधना हुई होगी.धन्यवाद.
स्मरणशक्ति बढ़ाने व कमी होने कारणों पर सारगर्भित प्रवचन आज की अहम आवश्यकता है यह बन्द कमरो के साथ स्कुलो कालेजो में नियमित विषयो पर उद्बोधन से बढ़ रही विराधना पर विराम लग सकेगा ऐसी मेरी सोच है ।माननीय गोधाजी ने सरल शब्दों में व्याख्या अति अनुकरणीय उन्हें मेरा वन्दन अब्बलभिनंदन ।
Ha Maine knowledge Chipaya sochke ki mere marks isse Jada aa jaye...aur ab Mera smaran Shakti kamjor ho gayi...ab gyanavarni Karam...ke Uday se mere smaran sakti kamjor ho gayi...ab kaise thik karu
गोधा जी,जव आप मंगलाचरण करते हैं तव दौनो आंखें बंद कर लेते हैं आखिर क्यों? आंखें बंद करके आप किसका ध्यान करते हैं? यदि आप कहते हैं कि उस समय आप भगवान का ध्यान कर ते हैं,तो भगवान तो अरूपी हो चुके हैं,अस्पर्शी है,अरूपी तत्व को केवलरूपी पदार्थ देखने की क्षमता बाली नेत्र इंद्रिय बंद करके कैसे देखते होंगे?अर्थात अरूपी तत्व को किस्से देखते हैं? मन भी अरूपी पदार्थ को देखने जानने में सक्षम नहीं,और जहां बहुत से लोग प्रबचन सुनने बैठे हों बह ध्यान के योग्य स्थान पूर्वाचार्यों ने नहीं बताया। दर असल यह आपकी मायाचारी है आंखें बंद करके सभा में उपस्थित जनता को धोखा देना चाहते हैं कि जनता आपकों बडा ही ध्यानी पुरूष माने यही मायाचारी है।माया त्रियग योनिस्य-माया त्रियंच योनी का कारण है।
सभी परम पावन आत्माओं को, सादर अभिवादन, जय जिनेन्द्र, नरेंद्र कुमार जैन, जयपुर,🙏🙏🙏
Jai jinendra ji
Thanks for teaching Sanjeev ji jai jinendra 🙏😊
Jay gurudev
Delhi jai jinendra Panditji
OM ARHAM
Bahut achha laga Aapko sunke
Pune jai jinendra
Thane Jai jinendra 🙏🙏🙏
Jay jinedra
कला 72 पुरुष की,जामें दो सरदार।
एक जीव आजीविका,दूजो आत्मकल्याण।✔️✔️👍👌👌🙏🙏
जय जिनेंद्र भैयाजी
ज्ञानावरणीय कर्म कितना महत्त्व पुर्ण है.
आज समझ आया.हमेभी याद नही रहता.
हम जिनवाणी माॅ से क्षमा मागते है.हमारे तरफसे भी माॅ की विराधना हुई होगी.धन्यवाद.
Bilkul uchit 🙏🏻🙏🏻
Awesome
Thanks sir🙏😊
🙏👍जय जिनेन्द्र जी की👍🙏
जय जिनेंद्र पंडित जी नोएडा बहुत अनुमोदना बहुत सुंदर समझाया
ज्ञान कला है।अज्ञान बला है👌👌
Om
वहुत वढिया।
By in o
True
Bahot hi badhiya..... Jai jinendra
1no sanjiv ji bhaisahab apke pravchan k madhyam se aAtma ka marm samzneme bahut saralata aa rahi h
Jasc
🌠 सही 👍👍👍
👌🙏😇
स्मरणशक्ति बढ़ाने व कमी होने कारणों पर सारगर्भित प्रवचन आज की अहम आवश्यकता है यह बन्द कमरो के साथ स्कुलो कालेजो में नियमित विषयो पर उद्बोधन से बढ़ रही विराधना पर विराम लग सकेगा ऐसी मेरी सोच है ।माननीय गोधाजी ने सरल शब्दों में व्याख्या अति अनुकरणीय उन्हें मेरा वन्दन अब्बलभिनंदन ।
🙏🙏🙏
Godha ji ke leya dhanyad
A great value addition .... jai jinendra
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Good
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jsca to Sanjeev gi
🙏
Jainam jayatu shashnam...pandit saab aapne laxman kabajut badia example diya. Sahi me guru se gyan lena hai tau Vinay karni hi hogi.
Ha Maine knowledge Chipaya sochke ki mere marks isse Jada aa jaye...aur ab Mera smaran Shakti kamjor ho gayi...ab gyanavarni Karam...ke Uday se mere smaran sakti kamjor ho gayi...ab kaise thik karu
SARAL SUBODH BHASHA SABHI KO AANANDKARI HE
आत्मा और परमात्मा में क्या भेद है।
ૐ ૐ ૐ
Bahut badia
Samyakgyan kala hai , mithyagyan bala hai
AAP la la zo 1:13 1:13
गोधा जी,जव आप मंगलाचरण करते हैं तव दौनो आंखें बंद कर लेते हैं आखिर क्यों?
आंखें बंद करके आप किसका ध्यान करते हैं? यदि आप कहते हैं कि उस समय आप भगवान का ध्यान कर ते हैं,तो भगवान तो अरूपी हो चुके हैं,अस्पर्शी है,अरूपी तत्व को केवलरूपी पदार्थ देखने की क्षमता बाली नेत्र इंद्रिय बंद करके कैसे देखते होंगे?अर्थात अरूपी तत्व को किस्से देखते हैं?
मन भी अरूपी पदार्थ को देखने जानने में सक्षम नहीं,और जहां बहुत से लोग प्रबचन सुनने बैठे हों बह ध्यान के योग्य स्थान पूर्वाचार्यों ने नहीं बताया।
दर असल यह आपकी मायाचारी है आंखें बंद करके सभा में उपस्थित जनता को धोखा देना चाहते हैं कि जनता आपकों बडा ही ध्यानी पुरूष माने यही मायाचारी है।माया त्रियग योनिस्य-माया त्रियंच योनी का कारण है।
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