@@puneetkumarchaturvedi9355 पूरा अध्ययन करने के बाद लास्ट में बुद्ध की धरती का ही पता चला ब्राह्मण इस देश के नहीं है पूरी सिंधु घाटी सभ्यता का नास कर दिया अभी तो तमिलनाडु में मिले हैं अवशेष अभी और बात खुलेगी
यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
धन्यवाद सर मोहनजोदडो की खुदाई में स्तुप मिले और आपने बताया पिछले साल ही कुषाण क़ालीन सिक्के मिले । कुषाण क़ालीन सभ्यता बौद्ध सभ्यता थी । मतलब वैदिक युग इतिहास का घालमेल है । सही कहा जो इतनी विकसित सभ्यता थी कैसे झोपड़ी में बदल गई । बुद्ध ही सत्य है । भारत बुद्धों की धरती है । नमोबुद्धाय
@Psychologicalfacts843.आदरणीय साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजी यह चर्चासे सहमत नहीं हो?अगर आप साहबजीके पास एसा कोई आधार हो तो दिखा दीजिए.दिपक सुबोध .अहमदाबादसे.
सर क्या खूब सच्चा छिट्टा खोला है इन मक्कार झूठे मनुवादियों का किसी भी तरह का कोइ वैदिक काल नहीं था ना ही आर्यो का भारत आगमन उस काल खंड में था ये सभी मनुवादी इतिहास को गलत तरीके से व्याख्या करते है, नमो बुध।।।
आर्य सब भारत के मूल निवासी हैं यह अंग्रेजों की थ्योरी है डिवाइनएंड रूल चीनी यात्री फाह्यान हर्षवर्धन के टाइम में आया इसका अंग्रेजी संस्करण हुआ है उसे पुस्तक का मुझे नाम पता नहीं उसमें लिखा है हिंदू और बौद्ध भारत में बहुत अच्छी तरह मिलजुल कर रहते हैं एक दूसरे का सम्मान करते हैं यह सबकम्युनिस्ट धर्मनिरपेक्ष इतिहास कारों का गोलमाल है कि यहां बहुत और हि
@@PradeepSharma-ue1mm यदि आर्य मूल निवासी हैं तो सिन्धु सभ्यता में उनका R1A1 जीन क्यों नहीं है? आर्यों की भाषा प्राकृत और संस्कृत भारोपीय परिवार की भाषा क्यों हैं??
प्राचीन मोहन जोदड़ो हड़प्पा में प्राप्त अवशेषों में ऊंचे ऊंचे, पक्के ईंटों से निर्मित भवन के निर्माण कर्ता विदेशी बर्बर आर्यों से निश्चित ही बहुत सभ्य और विकसित रहे होंगे | ❤❤❤
सर, इसका सीधा सा मतलब यही है कि भारत का इतिहास लिखने अधिकतर भरामण लोग ही लिखा है जो भ्रम ही फैलाता है। भारत का इतिहास को इस भरामण जाति के लोग भ्रामक बना दिया।
Brahmana ne pura barbad kar diya tab tho brahmana ne bohut atyachar b kiye phir budh k anujaee aur budh itne din tak jibit kaise rahe ussi deah may Jainism Aur Budhism kaise bikshit hue
डॉ साहब यह तो हमे मालूम हो गया कि हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत विशाल व सभ्य थी।।लेकिन हमसे क्या ऐसी गलती हो गई कि हम जातियों में बंट गई और भयंकर शोषण असमानता की पैदा हुई।हम बार बार अज्ञानी अनपढ़ पांखण्ड और गुलाम होते रहे।।हम कैसे पक्के मकानों से छप्पर में आ गए।।।इस पर भी विस्तृत चर्चा करने का कष्ट कर हम कभी फिर इतिहास को दोहरा पा रहे हैं।।।यहां तो सारी गंगा उल्टी बह रही है।।।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@@NIINDIAN853Sabhyata to wahi continue ho rhi h bs kabza kisi or ka h jisne apna dhandha set karne ke liye usme se buddh ko gayab kr itihas ko mithihas bana kr pracharit Kiya hua h or teez tyoharo ka swarup badal Diya h 🙏🏻🙏🏻
गलती हमारी नहीं होती यह तो ब्रिटिश अधिकारी ने जातियों में सब लोगों को बात और उसी को बाद में उन्होंने किस प्रकार से भारतीय राजनीति में घुसता की जातियां बनती ही गई और आजादी के बाद कांग्रेस ने कभी भारत के लोगों को एक होने का मौका नहीं दिया हमें जाती और तुष्टिकरण की राजनीति में सभी को अलग अलग कर दिया
@@YashKumar-s2s angrezo ne jatiyan bana di to mughlo ke time brahman jat gujar ahir rajput ch.....r kumhar teli Mali lohar aadi aadi jatiyan Kahan se aayi ....akl ke andho jatio ka ullekh boddh dharm ko khatm kr bne brahman dharm ke sath hi hone lagta h seedhi baat h jati vyavastha varn vyavastha ki tareh brahmano ki den h ..kuchh itihas bhi padh liya Karo or dimag jagao 😆🤣🤣🤣🤣🤣
आपकी द्वारा सटीक,सत्य, साक्ष्य सहित अनकही एतिहासिक विवरण। इतिहासकारों ने इतिहास लेखन में बहुत से एतिहासिक साक्ष्यों का अनदेखा किया दिया है। आपने इतिहास की सही जानकारी के लिए मा० डॉ राजेन्द्र सिंह प्रसाद जी को बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद।
सर, ऐतिहासिक इतिहास की वास्तविकता, तथ्य के बारे में बहुत बढ़िया व्याख्या। खुद का विश्लेषण करें और जज की तरह काम करें। किसी के अंधे अनुयायी न बनें। वास्तविकता, तथ्य को कोई नहीं बदल सकता। शुभकामनाएँ
प्रोफेसर साहब आप अपने जैसे एक बढ़िजीवीयो की एक टीम बनाकर प्राचीन इतिहास सिंधुघाटी सभ्यता से लेकर आजतक का सिलसिले बार किताब 1, 2, 3,4, 5.... वॉल्यूम में लिखने की कृपा करें. वर्तमान में इतिहास की बहुत सारी किताबें पड़नी पडती है, किताबों को ढूढ़ना भी मुश्किल होता है आम लोगो को.
आर्यन (घोड़े वाले) पहले oxus civilization मे आकर बसे थे। हड़प्पा संस्कृति के लोग अपनी खेती को बचाने के लिए पुल बांध कर रखते थे। आर्यन अनपर आक्रमण करते रहते थे और उनके पुल तोड़कर उनकी खेती खराब कर देते थे। पुलों को इंद्र के द्वारा तोड़ने का जिक्र मिलता है। धीरे धीरे नॉन आर्यन अपने नगर घर छोड़कर जाने लगे। कई पीढ़ी बाद उत्तर भारत (कुरुक्षेत्र) में आर्यों और नॉन आर्यों के बीच युद्ध हुआ था। फिर वैदिक काल का आरम्भ हुआ। नॉन आर्यों की औरतों से शादी करके आर्यों ने अपने घर कुनबे बसा लिए। और गैर आर्यों को साउथ की तरफ भगा दिया। आर्य मांस खाते थे, घोड़े चलाते थे और हवन करते थे। उनको खेती नहीं आती थी। धीरे धीरे खेती और पशु पालन सीख लिया। कुछ पीढ़ियों बाद इन्हीं में से ब्राह्मण बने और समाज को बांटने लगे।
जय हो सर जी आपकी जय हो, अब पुरा भारत का गाँव गाँव ब्लॉक ब्लॉक तहसील जिला शहर राज्य विद्यालय स्कूल शिक्षक प्रोफेसर पत्रकार वकील वैज्ञानिक ऐतिहासिक वैज्ञानिक भाषा लिपि के सबूत के साथ आपके द्वारा जागरूक होंगे जय संविधान जय मंडल कॉमिसन जय विज्ञान
सर, ऐसा लगता है जैसे आप प्याज़ के छिलको की तरह इतिहास की परते अधेड़कर सचाई से रूबरू करा रहे हैं, छुपाए गए इतिहास की सच्चाई का दर्शन करा रहे हैं . बहुत बहुत साधुवाद के पात्र हैं आप . हम और आने वाली हमारी नश्ले आपकी सदैव ऋणी रहेगी।
वृद्धि, सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती हैं किन्तु विकास , हमेशा सकारात्मक ही होता हैं । तात्पर्य यह हैं कि पक्के मकानों में रहने वाले कभी कच्चे व छोपड़ीनुमा मकानों में नही रहेगे ।
Prof. Singh sir, though I am Student and Professor of Science and Technology, but your fact finding ability and explanation has created a lot interest in me in the field of history especially BUDDHA'S era. Thank you very much. Stay always blessed sir 🙏 🎉 Namo Budhhay 🙏
मैंने बहुत सारे इतिहास करो के बारे में आप जैसे कुछ लोगों से जो जाना है उसका सर यही निकलता है आठवीं सदी के बाद वैदिक युग शुरुआत हुई और इतिहास में घालमेल करना शुरू किया गया आदि अनंत तमाम बातें बतानी जाने लगी आजादी के बाद
सही कह रहो हो भाई गुप्त वंश भी कल्पना थी सातवाहन वंश भी कल्पना थी महात्मा बुद्ध की सभाएं भी वैदिक पालन लोगों के घर नहीं होती थी कोई भी चीनी यात्री भारत नहीं आया राजा हर्ष को पुलकिशन ने थोड़े ही हराया था वो समुद में डूब कर मर गया था हमारे यहां के लोग सुमात्रा द्विप पर जब गए जब अरब वालो ने आक्रमण किया कुछ भी जिस बात की जानकारी ना हो उसमे दखल अंदाज नहीं करनी चाहिए ये सत्य है कि सिंधु घाटी सभ्यता वैदिक सभ्यता के बाद की है बस अब अगर लिपि भाषा का सही बोध हो जाए तो सारी गुत्थियां सुलझ जायेगी
Khan sir vikash divya kirti राजेन्द्र प्रसाद सर के सामने कुछ नही है क्योंकि ये लोग फ़र्ज़ी ज्ञान देते है असलियत कभी नही पढ़ाते ना ही इन दोनों का अपना कोई रिसर्च है मगर राजेन्द्र सर महान तर्कवादी और Researcher है और पुरी बात with evidance के साथ करते है इसलिए यह उन दोनों से बहोत ही शानदार टीचर है
जो syllabus में है वही पढ़ाएंगे,,, कि फेल कराने के लिए किसी का भी पढ़ा दें। इतिहास ही गलत लिखा गया, छुपाया गया, मिक्स किया गया। इसमें पढाने वाले कि क्या गलती।!?
Saf saf ek hi baat hai sir ji ki ye jitni bhi historical chapters aur Vedic history batai Jaa rahi padhai ja rahi sab ek shariyantra ke wajeh se ki bharat ke log apne dharohar ko naa Jann paye humare Buddhism ki rich culture ko dafna ke banni hai ye Vedic period ye sab jitne bhi religious shariyantra Kari kitabe likhi gai ye humare history ko mitane ke liye fake kitabey kahaniya banai hai hai aap ka dhanyawad sir aap sach ujagar kar rahe hain Namo buddhay 💙🙏🏻
जागो बहुजन जागो मनुवादी पाखंडवादी असमानतावादी वर्ण व्यवस्था त्यागो अपने संवैधानिक हक अधिकार मांगो अपने महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास को जानो उनकी मानवतावादी विचारधारा को मानो बहुजन समाज के दुश्मनो को पहचानो बहुजन एकता जिंदाबाद।
Ye abhi ke jo brahman he inke purkhone jo vaidik sabhyta wale the..ye sbse bade chor lutere the..aiyashi the...Inhone sb ithihas ko Andhere me rakha he...Ithihas ugagar karne ke liye aapka bahot sadhuwad sir..
इतिहासकारों ने अपनी मानसिकता के अनुसार सच्चाई पर पर्दा डालकर इतिहास लिखा है झूठा इतिहास लेखन के कारण झूठी बात को सही मानने लगते है लोग । सच्ची जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
जब से श्रृष्टि बनी तब से तथागत बुद्ध हैं। जब कुछ नही था तब बुद्ध थे। बुद्ध पांच लाख साल पहले से हैं। सबसे पहले बुद्ध प्रकट हुए। फिर बुद्ध प्रकट हुए। उसके बाद फिर जो प्रकट हुए उनका नाम भी बुद्ध था। और सबसे अंत में जो बचेंगे वो भी बुद्ध ही होंगे।
बिल्कुल इस्लाम कॉन्सेप्टकी तरह लेकिन इससे पहले यहूदी शायद ईशा फिर उसके बाद अब मेंइस्लाम ऐसे ही भारत में वैदिक बौद्ध फिर वैदिक सनातन फिर इस्लाम आया फिर सिख धर्म गुरु आए
सर!सिंधु सभ्यता को नष्ट करने वाले हथियार यदि नहीं मिलते हैं तो उनको बनाने वाले औजार भी तो नहीं मिलते? पर एक बात तो सच है ही कि आर्य तब भी हमलावर थे और आज भी हमलावर हैं।जो आज हमलावर है वो कल हमलावर तो रहा ही होगा.
Sir, many thanks for bringing out the facts about Indus valley civilization and the prevalence of Buddhist ideology from Indus valley period to Kushan dynasty kings period which is very recent period.
तार्किकती से हम समझ सकते हैं कि वैदिक सभ्यता पूरी तरह गप्प ही है।
आम लोगों की आंख खोलने के लिए ग्रेट सैल्यूट।❤
सरकार जो कोचिंग देती हैं सही है
@@Drkailashchauhansarkar politics nahi karegi to
Yahan ke logon ko control kaise karegi?
मेरे आदर्श मेरे गुरु जी को कोटि कोटि वंदन। गुरुदेव आपने भारत के सच्चे इतिहास को उजागर कर दिया है।
डा मुकुट सिंह बौद्ध (प्रधानाचार्य)
आज तक हम सभी को अंधेरे में रखा गया था लेकिन सर जी आप ने हमारी आँखे खोल दी बहुत बहुत धन्यवाद❤❤❤
Bahut bada baklel hai ye vyakti , matlab tumko dimag nahi hai ,jo isko sun rahe ho
गनीमत है केवल आंखें खोली हैं।
Ankhe khol di,😂😂
मोहन जोदड़ो देश के मूल निवासीयो के असली सबूत मिलता हैं।
@@ramsuratram7409 क्या सबूत मिला? जात प्रमाणपत्र?
सर आप लाइट ऑफ एशिया के सर्च लाइट है नमन है आपको
😂Ap joke accha marte ho
😂
Inka ye gyan poori tarah se confusing Hai, ye apne sunnewalon ko dishaheen bana rahe Hai.
@@arunkumarkhareSHIV kaha se gyan lu, thoda batane ka kast karenge? Is haramkhor rajen sing se?
dishaheen to vedon purano ne kiya hai.
आदरणीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी , आप के द्वारा इतिहास की सही जानकारी प्राप्त हो रही है।❤हार्दिक❤ शुभकामनाएं बधाई । जय भीम नमो बुध्दाय।
दिक्कत आप लोगो के साथ यही है जो जैसा समझाया वैसे ही समझ लिए। खुद का दिमाग भी लगाइये और स्वंय का अध्ययन भी कीजिये।
@@puneetkumarchaturvedi9355 पूरा अध्ययन करने के बाद लास्ट में बुद्ध की धरती का ही पता चला ब्राह्मण इस देश के नहीं है पूरी सिंधु घाटी सभ्यता का नास कर दिया अभी तो तमिलनाडु में मिले हैं अवशेष अभी और बात खुलेगी
यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
Very nice
शोधकर्ता विद्यार्थियों को आप के द्वारा दिए गये जानकारी से बोहोत फैयदा हो।
सर आपको इतना अधिक ज्ञान है इतिहास और भाषा विज्ञान का आपको नमन 😊
NCERT को भी आपसे जानकारी लेना चाहिए।
एनसीईआरटी की इतिहास की किताबें पैसे दे कर और डरा धमकाकर लिखवाई जाती है।
Ncert ki phat jaegi
NCERT पंडा इतिहास के झूठ का घटिया पाठ्य सामग्री है।
❤
आपने इतने गहराई से पकड़ कर तथ्यों को प्रमाणिकता से खोजकर रखा.. काफिले तारिफ है.. thanks..🌾🌾
Kabile tarif😅
बहुत-बहुत धन्यवाद मान्यवर डॉ राजेन्द्र सिंह जी 🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद सर मोहनजोदडो की खुदाई में स्तुप मिले और आपने बताया पिछले साल ही कुषाण क़ालीन सिक्के मिले । कुषाण क़ालीन सभ्यता बौद्ध सभ्यता थी । मतलब वैदिक युग इतिहास का घालमेल है । सही कहा जो इतनी विकसित सभ्यता थी कैसे झोपड़ी में बदल गई ।
बुद्ध ही सत्य है । भारत बुद्धों की धरती है ।
नमोबुद्धाय
कोई वैदिक युग नहीं है सब कुछ बौद्ध मय है।
सारी चर्चा का सरास यह निकलता है कि कोई वैदिक काल था ही नहीं।
हम आपसे 100%सहमत हैं
ये तो ऋग्वेद पढ़ के ही समझ आता है कि ये कोई बकवास है ,
मनगढ़ंत है ।
Great sir 👌👌👌
@Psychologicalfacts843.आदरणीय साहबजी.नमो बुधाय.आप साहबजी यह चर्चासे सहमत नहीं हो?अगर आप साहबजीके पास एसा कोई आधार हो तो दिखा दीजिए.दिपक सुबोध .अहमदाबादसे.
तुझे समझ में आ ही नही सकता @@KAUSHALKUMAR-pv5nc
हमें जम्बु दिपको 28 बुद्ध मिले और हमारे भविष्य के बुद्ध डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी को कहेंगें💙💙💙🙏🏼🙏🏼🙏🏼
29 वें बुद्ध अम्बेडकर जी थे
Amedkar is only a intellectual politician that's it he is not religious person or buddha. Understand??
Hain .....😅
Hain😅
Baba saheb mhaan ha, unka diya hua hi khate ha sab
श्रृंखला जारी रहेगी।
Kuch bhi gapod do tum yahan the vahi rahoge 😂
@@VanrajsinghVansjungleegapod shankh to tum logo ka hai. Ham log to sirf sacchai ka pata laga rahe hai
@@NewworldBaby-p6r ha ha accha fir bata buddha kaise paida hue the??aur kahan se??
आदरणीय बहुजन समाजके सच्चे पथदशॅक. बहुजन समाजमें ओक्सिजन भरने वाले योद्धा.आदरणीय राजेंद्रप्रसाद साहबजी.नमो बुधाय.आपने समाजमें जागृति लाए हो .समाज आपका ऋणी रहेंगा.आपका दिपक सुबोध. अहमदाबाद .👃👃👃
सर राजेंद्र सिंह का बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञानवर्धक बातें बताने के लिए प्रवेश चंद्र मौर्य जनपद भदोही
सर क्या खूब सच्चा छिट्टा खोला है इन मक्कार झूठे मनुवादियों का किसी भी तरह का कोइ वैदिक काल नहीं था ना ही आर्यो का भारत आगमन उस काल खंड में था ये सभी मनुवादी इतिहास को गलत तरीके से व्याख्या करते है, नमो बुध।।।
Arya kab aye the aye the bhi ki ni 😅
Dearest Dr you are a very truth teller with examples 🎉
आर्य यदि नहीं आए तो प्राकृत भाषा क्या आसमान से टपकी ??
आर्य सब भारत के मूल निवासी हैं यह अंग्रेजों की थ्योरी है डिवाइनएंड रूल
चीनी यात्री फाह्यान हर्षवर्धन के टाइम में आया इसका अंग्रेजी संस्करण हुआ है उसे पुस्तक का मुझे नाम पता नहीं उसमें लिखा है हिंदू और बौद्ध भारत में बहुत अच्छी तरह मिलजुल कर रहते हैं एक दूसरे का सम्मान करते हैं यह सबकम्युनिस्ट धर्मनिरपेक्ष इतिहास कारों का गोलमाल है कि यहां बहुत और हि
@@PradeepSharma-ue1mm यदि आर्य मूल निवासी हैं तो सिन्धु सभ्यता में उनका R1A1 जीन क्यों नहीं है?
आर्यों की भाषा प्राकृत और संस्कृत भारोपीय परिवार की भाषा क्यों हैं??
सर कई दिनों से आपके विडियो का इंतजार था।बहुत बहुत धन्यवाद
कमाल का विष्लेषण, पहली बार इस दृष्टिकोण से इतिहास को जानने का अवसर मिला। बहुत ही अदभुत । लाखों लाइक्स भी कम हैं इस वीडियो के लिए.....
प्राचीन मोहन जोदड़ो हड़प्पा में प्राप्त अवशेषों में ऊंचे ऊंचे, पक्के ईंटों से निर्मित भवन के निर्माण कर्ता विदेशी बर्बर आर्यों से निश्चित ही बहुत सभ्य और विकसित रहे होंगे | ❤❤❤
तू है विदेशी हम मूल निवासी जय श्री राम जय बुद्ध
सही कहा गुरु जी आपने । भारत के इतिहास को दोबारा से लिखा जाए।
नमो बुद्धाय सर,
आप से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है,
ज्ञानवर्धन के लिए आपका आभार 🙏🏼🙏🏼
Sir आपने भारत के सही इतिहास का पुनः लेखन किया है, जय मूलनिवासी
ये तो खुद उच्च जाति का है मालिक
जागो बहुजन जागो जय संविधान जाति जनगणना होना चाहिए कॉलेजियम सिस्टम हटाना चाहिए जय भीम
माननीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी आपने बहुत अच्छी अच्छी जानकारी दिया करते हैं, इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।।
बहुत-बहुत साधुवाद आदरणीय सर,,🎉
जय भीम नमोबुद्धाय सर,,,❤
The Real Bahujan Journalist of India , Keep it up !!!!!!
Historian not journalists
Doing both jobs .... simultaneously without losing his temper ( dedicated to बहुजन समन ) .thanks
❤ बेमिसाल तार्किक ढंग से जानकारी देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद, सारे झूठ इतिहासकारो केलिए आईना है। जय मूलनिवासी।
सर, इसका सीधा सा मतलब यही है कि भारत का इतिहास लिखने अधिकतर भरामण लोग ही लिखा है जो भ्रम ही फैलाता है। भारत का इतिहास को इस भरामण जाति के लोग भ्रामक बना दिया।
ब्राह्मण ख़ुद अपने आप में भर्मित है, परन्तु चालाक बहुत है।😮
British ke likha itihas
Brahmana ne pura barbad kar diya tab tho brahmana ne bohut atyachar b kiye phir budh k anujaee aur budh itne din tak jibit kaise rahe ussi deah may Jainism Aur Budhism kaise bikshit hue
सरजीआप बहुत ही तार्किक ढंग से इतिहास की व्याख्यान देते है
डॉ साहब यह तो हमे मालूम हो गया कि हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत विशाल व सभ्य थी।।लेकिन हमसे क्या ऐसी गलती हो गई कि हम जातियों में बंट गई और भयंकर शोषण असमानता की पैदा हुई।हम बार बार अज्ञानी अनपढ़ पांखण्ड और गुलाम होते रहे।।हम कैसे पक्के मकानों से छप्पर में आ गए।।।इस पर भी विस्तृत चर्चा करने का कष्ट कर हम कभी फिर इतिहास को दोहरा पा रहे हैं।।।यहां तो सारी गंगा उल्टी बह रही है।।।🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बहुत सुंदर सवाल है कि हमारी सभ्यता कहां चली गई हय् है सर जी 🙏🙏🙏
@@NIINDIAN853Sabhyata to wahi continue ho rhi h bs kabza kisi or ka h jisne apna dhandha set karne ke liye usme se buddh ko gayab kr itihas ko mithihas bana kr pracharit Kiya hua h or teez tyoharo ka swarup badal Diya h 🙏🏻🙏🏻
जिन्हें जातियां बता कर फैलाया गया है ये सब हमारी बौद्ध परंपरा में उपाधि हुआ करती थी इन्हीं को ब्राह्मण टुच्चे ने जातियां बता कर फैलाया
गलती हमारी नहीं होती यह तो ब्रिटिश अधिकारी ने जातियों में सब लोगों को बात और उसी को बाद में उन्होंने किस प्रकार से भारतीय राजनीति में घुसता की जातियां बनती ही गई और आजादी के बाद कांग्रेस ने कभी भारत के लोगों को एक होने का मौका नहीं दिया हमें जाती और तुष्टिकरण की राजनीति में सभी को अलग अलग कर दिया
@@YashKumar-s2s angrezo ne jatiyan bana di to mughlo ke time brahman jat gujar ahir rajput ch.....r kumhar teli Mali lohar aadi aadi jatiyan Kahan se aayi ....akl ke andho jatio ka ullekh boddh dharm ko khatm kr bne brahman dharm ke sath hi hone lagta h seedhi baat h jati vyavastha varn vyavastha ki tareh brahmano ki den h ..kuchh itihas bhi padh liya Karo or dimag jagao 😆🤣🤣🤣🤣🤣
आप की सोच और खोज और समझने की शैली को हम दिल से नमन करते हैं नमो बुद्धाय एक वीडियो आप राजा पोरस और सिकंदर के समय का बनाया समय के साथ
आपके लिए मंगलकामनाएं स्वस्थ रहें दीर्घायु हों
Thankyou sir
आपकी द्वारा सटीक,सत्य, साक्ष्य सहित अनकही एतिहासिक विवरण। इतिहासकारों ने इतिहास लेखन में बहुत से एतिहासिक साक्ष्यों का अनदेखा किया दिया है। आपने इतिहास की सही जानकारी के लिए मा० डॉ राजेन्द्र सिंह प्रसाद जी को बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद।
ग्रेट वर्क जी 💐💐💐💐💐💐
सर, ऐतिहासिक इतिहास की वास्तविकता, तथ्य के बारे में बहुत बढ़िया व्याख्या। खुद का विश्लेषण करें और जज की तरह काम करें। किसी के अंधे अनुयायी न बनें। वास्तविकता, तथ्य को कोई नहीं बदल सकता। शुभकामनाएँ
आप नित्य नूतन , तार्किक और रोचक तथ्य के साथ आते है।
सर आप के से मैं बहुत खुश हूं नमो बुधाय जय संविधान जय भारत
प्रोफेसर साहब आप अपने जैसे एक बढ़िजीवीयो की एक टीम बनाकर प्राचीन इतिहास सिंधुघाटी सभ्यता से लेकर आजतक का सिलसिले बार किताब 1, 2, 3,4, 5.... वॉल्यूम में लिखने की कृपा करें. वर्तमान में इतिहास की बहुत सारी किताबें पड़नी पडती है, किताबों को ढूढ़ना भी मुश्किल होता है आम लोगो को.
नमो बुद्धाय जय भीम सर बहुत महत्वपूर्ण और सच्चाई के निकटतम है|
Excellent Professor Saheb,Keep it up !!!!!!
There is similarity between Vedic period and oxus civilization (BMAC)
आर्यन (घोड़े वाले) पहले oxus civilization मे आकर बसे थे। हड़प्पा संस्कृति के लोग अपनी खेती को बचाने के लिए पुल बांध कर रखते थे। आर्यन अनपर आक्रमण करते रहते थे और उनके पुल तोड़कर उनकी खेती खराब कर देते थे। पुलों को इंद्र के द्वारा तोड़ने का जिक्र मिलता है। धीरे धीरे नॉन आर्यन अपने नगर घर छोड़कर जाने लगे। कई पीढ़ी बाद उत्तर भारत (कुरुक्षेत्र) में आर्यों और नॉन आर्यों के बीच युद्ध हुआ था। फिर वैदिक काल का आरम्भ हुआ। नॉन आर्यों की औरतों से शादी करके आर्यों ने अपने घर कुनबे बसा लिए। और गैर आर्यों को साउथ की तरफ भगा दिया। आर्य मांस खाते थे, घोड़े चलाते थे और हवन करते थे। उनको खेती नहीं आती थी। धीरे धीरे खेती और पशु पालन सीख लिया। कुछ पीढ़ियों बाद इन्हीं में से ब्राह्मण बने और समाज को बांटने लगे।
जानकारी देने के लिए सर आपको बहुत बहुत साधुवाद
हम इस देश के शासक थे और "हम फिर शासक होंगे"
Kaise utube dekhkar
हमें इतिहास की सच्ची जानकारी देने के लिए हम आपके आभारी हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा महान विद्वान को प्रणाम करता हूँ।
बहुत अच्छा लगा आपकी बातों को सुनकर।
Dr Rajendra Prasad Singh ji ka Nishpakshta se Itihas ka darshan karane par Tahe dil se Jai Bhim, Jai Asok,Namo buddhay.❤️🙏
निष्पक्षता सिर्फ एक विचारधारा को बढ़ावा दे ये कैसी निष्पक्षता है।
जय हो सर जी आपकी जय हो, अब पुरा भारत का गाँव गाँव ब्लॉक ब्लॉक तहसील जिला शहर राज्य विद्यालय स्कूल शिक्षक प्रोफेसर पत्रकार वकील वैज्ञानिक ऐतिहासिक वैज्ञानिक भाषा लिपि के सबूत के साथ आपके द्वारा जागरूक होंगे
जय संविधान जय मंडल कॉमिसन जय विज्ञान
सरजी आपके ज्ञान को बहुत बहुत प्रणाम, आभार,जय भीम नमो बुद्धाय जय भारत जय संविधान
Thanks for more information sadhubad namobudhay
Thank you sir
SUKRIYA SIR JI💙🙏💙
Namo buddhay sir
नमो बुद्धाय जय सम्राट...☸️
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी
सर, ऐसा लगता है जैसे आप प्याज़ के छिलको की तरह इतिहास की परते अधेड़कर सचाई से रूबरू करा रहे हैं, छुपाए गए इतिहास की सच्चाई का दर्शन करा रहे हैं . बहुत बहुत साधुवाद के पात्र हैं आप . हम और आने वाली हमारी नश्ले आपकी सदैव ऋणी रहेगी।
बहुत सही जानकारी दी है सर आपने धन्यवाद।
Logically Correct Dr. Saheb.....
बहुत उत्कृष्ट तर्क है। सच्चाई को सामने लाने के लिए सच्चे इतिहासकार ही कर सकते हैं।
Etihas pustakare sindhu sabhyata dhangsa ra tinati karan lekha jaichi.athi mdyaru arya mananka akramanaru Sindhu sabhyatarapatana.a haa aji ahi sadharvare sathik bhabare upastapita hela.ahi upastapana pahin bhaut bhaut dhanyabad.
वृद्धि, सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकती हैं किन्तु विकास , हमेशा सकारात्मक ही होता हैं ।
तात्पर्य यह हैं कि पक्के मकानों में रहने वाले कभी कच्चे व छोपड़ीनुमा मकानों में नही रहेगे ।
Prof. Singh sir, though I am Student and Professor of Science and Technology, but your fact finding ability and explanation has created a lot interest in me in the field of history especially BUDDHA'S era. Thank you very much. Stay always blessed sir 🙏 🎉 Namo Budhhay 🙏
अपने राजा महाराजाओं, संत, महापुरुषों का इतिहास बताने के लिए आपको बहुत-बहुत आभार।
मैंने बहुत सारे इतिहास करो के बारे में आप जैसे कुछ लोगों से जो जाना है उसका सर यही निकलता है आठवीं सदी के बाद वैदिक युग शुरुआत हुई और इतिहास में घालमेल करना शुरू किया गया आदि अनंत तमाम बातें बतानी जाने लगी आजादी के बाद
सही कह रहो हो भाई गुप्त वंश भी कल्पना थी सातवाहन वंश भी कल्पना थी महात्मा बुद्ध की सभाएं भी वैदिक पालन लोगों के घर नहीं होती थी कोई भी चीनी यात्री भारत नहीं आया राजा हर्ष को पुलकिशन ने थोड़े ही हराया था वो समुद में डूब कर मर गया था हमारे यहां के लोग सुमात्रा द्विप पर जब गए जब अरब वालो ने आक्रमण किया
कुछ भी
जिस बात की जानकारी ना हो उसमे दखल अंदाज नहीं करनी चाहिए
ये सत्य है कि सिंधु घाटी सभ्यता वैदिक सभ्यता के बाद की है बस अब अगर लिपि भाषा का सही बोध हो जाए तो सारी गुत्थियां सुलझ जायेगी
Pranam gurujii
Ati sarahneey prastuti.namo Buddhay.
Khan sir vikash divya kirti राजेन्द्र प्रसाद सर के सामने कुछ नही है क्योंकि ये लोग फ़र्ज़ी ज्ञान देते है असलियत कभी नही पढ़ाते ना ही इन दोनों का अपना कोई रिसर्च है मगर राजेन्द्र सर महान तर्कवादी और Researcher है और पुरी बात with evidance के साथ करते है इसलिए यह उन दोनों से बहोत ही शानदार टीचर है
Learned aur scholar mein yahi antar hota hai
@mohammadinamullah9380 Yes
जो syllabus में है वही पढ़ाएंगे,,,
कि फेल कराने के लिए किसी का भी पढ़ा दें।
इतिहास ही गलत लिखा गया, छुपाया गया, मिक्स किया गया। इसमें पढाने वाले कि क्या गलती।!?
@@bhuvanmaravi750 Wo to bat shi hai tumhari lekin logo in teachers ko kuch hint bhi dena chahiye
हम यहां के मूल निवासी है
जब तक घर का भेधी विभीषण ना हो तब तक दुश्मन हम पर विजय प्राप्त कर ही नहीं सकता है 💯
नमो बुद्धाय सर आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
सिंधु घाटी की सभ्यता और संस्कृति आज से उन्नत थी
कम से कम नालियां आज की तरह बजबजाती नहीं रहती थी
aap great historian hai
बहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार आपका
Sir apko naman.
Sir apke jese aur 15-20 bahujan itihaaskaar aur bhasha vaigyanik humare samaj ko jagane k liye chahiye 🙏💙💛❤️🤍🧡
राजेंद्र प्रसाद सिंह जी लॉजिकल फैक्ट्स पर इतिहास का एनालिसिस करते हैं जो बहुत ही शिक्षा प्रद है।
Saf saf ek hi baat hai sir ji ki ye jitni bhi historical chapters aur Vedic history batai Jaa rahi padhai ja rahi sab ek shariyantra ke wajeh se ki bharat ke log apne dharohar ko naa Jann paye humare Buddhism ki rich culture ko dafna ke banni hai ye Vedic period ye sab jitne bhi religious shariyantra Kari kitabe likhi gai ye humare history ko mitane ke liye fake kitabey kahaniya banai hai hai aap ka dhanyawad sir aap sach ujagar kar rahe hain
Namo buddhay 💙🙏🏻
बोहोत खुब धन्यवाद साधुवाद सलाम अभीनंदन सर जी 🙏 🙏 🌹 🌹 👌👌👌👌👌👌👌👌
NAMO BUDDA JAI BHIM🙏 JAI SAMRAAT🙏🙏
Great sir
Behtareen tarike se aapne samjhaya singh sir 💝🙏🏻
, सच में आज के सबसे बेस्ट टीचर में से आप एक है, इतनी गहराई से इतिहास पर कोई बोल नही पाया जितनी आप बोल रहे है 🙏
जागो बहुजन जागो मनुवादी पाखंडवादी असमानतावादी वर्ण व्यवस्था त्यागो अपने संवैधानिक हक अधिकार मांगो अपने महापुरुषों का गौरवशाली इतिहास को जानो उनकी मानवतावादी विचारधारा को मानो बहुजन समाज के दुश्मनो को पहचानो बहुजन एकता जिंदाबाद।
हा जाग गए, अब बताओ क्या कहना है 😂
अच्छी जानकारी दी आपने डॉक्टर साब
Ye abhi ke jo brahman he inke purkhone jo vaidik sabhyta wale the..ye sbse bade chor lutere the..aiyashi the...Inhone sb ithihas ko Andhere me rakha he...Ithihas ugagar karne ke liye aapka bahot sadhuwad sir..
सही बात ये ब्राह्मण ख़ुद चोर लुटेरे, अइयाश, व्यभिचारी, बलात्कारी थे परन्तु बताते दूसरी सभ्यता को हैं।
इतना झूठा इतिहास पढ़ाया गया है हमको की अपने ही देश की सभ्यता से अनजान थे हम लोग
और झूठे और काल्पनिक पात्रों को सही मान रहे थे।
Thank you Sir ❤❤
👏👏👏 pramano ke saath baaton ko rakhne ka accha prayas anukarneey.
वैदिककाल कोरी कल्पना है जो सिर्फ किताबों में मिलते हैं जिसे लगभग एक हजार साल में वैदिक सभ्यता खड़ा किया गया ❤🎉❤🎉❤🎉❤
जय भीम नमो बुद्धाय 🎉🎉🎉
आर्य आगमन भी कोरी गप्प है
Right bro
Aap log angrejo ke dwara aapas mei ladwane ki policy ka
Shikar hue hai
आपस में लड़वाने पॉलिसी हजारों वर्ष पुरानी ही चली आ रही है ,केवल अंग्रेजों का ही नाम क्यों ले रहे है आप 😅
.@@rajugore235
Jay Bheem namo budhay Jay samvidhan Jay bharat
Aap ek sachche itihaskar hain sir
Vedic period ❌kalpanik period ✔️. 💯💯🖌️💯💯💯
जय भीम जय संविधान जय बहुजन साहब 🎉
आप ने बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन जानकारी प्रदान किए हैं साहब आपको बारंबार साधुवाद भीमवाद ❤🎉🎉❤
इतिहासकारों ने अपनी मानसिकता के अनुसार सच्चाई पर पर्दा डालकर इतिहास लिखा है झूठा इतिहास लेखन के कारण झूठी बात को सही मानने लगते है लोग । सच्ची जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
Bahut bahut dhanyawad sir
बोहोत बढ़िया जानकारी से अवगत करा रहे हैं। सर आप का धन्यवाद 🙏
❤ Namo buddhay Sar ji
Honorable Sir pranam🙏🙏
बहुत अच्छी ऐतिहासिक जानकारी।
जब से श्रृष्टि बनी तब से तथागत बुद्ध हैं।
जब कुछ नही था तब बुद्ध थे।
बुद्ध पांच लाख साल पहले से हैं।
सबसे पहले बुद्ध प्रकट हुए।
फिर बुद्ध प्रकट हुए।
उसके बाद फिर जो प्रकट हुए उनका नाम भी बुद्ध था।
और सबसे अंत में जो बचेंगे वो भी बुद्ध ही होंगे।
इतनी क्यों जल रही है 😂😂😂
बिल्कुल इस्लाम कॉन्सेप्टकी तरह लेकिन इससे पहले यहूदी शायद ईशा फिर उसके बाद अब मेंइस्लाम
ऐसे ही भारत में वैदिक बौद्ध फिर वैदिक सनातन फिर इस्लाम आया फिर सिख धर्म गुरु आए
सर!सिंधु सभ्यता को नष्ट करने वाले हथियार यदि नहीं मिलते हैं तो उनको बनाने वाले औजार भी तो नहीं मिलते? पर एक बात तो सच है ही कि आर्य तब भी हमलावर थे और आज भी हमलावर हैं।जो आज हमलावर है वो कल हमलावर तो रहा ही होगा.
Tu manuwadi hai budh ka bhi maza bana rha hai ye sab likh ke
😆😆😆😆
Sachai ki ujagar, tarka aur sabut ke sath. Jai ho Prof sahab ki.
नमोबुद्धाय जय भीम
Sir, many thanks for bringing out the facts about Indus valley civilization and the prevalence of Buddhist ideology from Indus valley period to Kushan dynasty kings period which is very recent period.
जय भीम नमः बुद्धाय, आप को चरण वंदन सर जी मैं आपका फालोअर हु सर हरेक विडियो आपका देखता हूं।