Bhaktamar prashikshan shivir छन्द - 40
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- Опубликовано: 2 окт 2024
- भावार्थ :-
हे भगवन ! भयभीत करने वाली प्रलय काल की प्रचण्ड अग्नि यदि सामने आती हुई हो तो आपके नाम रूपी जल से तुरन्त नष्ट हो जाती है |
फल :-
सर्वाग्नि - शामक
जाप :-
ॐ ह्रीं अर्हं णमो काय बलीणं |
जाप का फल :-
( ऐसे ऋषि जो काय बल महाऋद्धी के धारी हैं उन्हें मेरा प्रणाम होवे )
Date - 23/09/24