Bhaktamar prashikshan shivir छन्द - 48

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 2 окт 2024
  • भावार्थ :-
    हे जिनदेव ! नाना रुचि, अलंकार, पुष्पों से गूँथा गया आपका यह पावन स्तोत्र जो वयक्ति हमेशा भक्ति पूर्वक पढ़ता है, गाता है, याद करता है उसे नियम से भविष्य में लक्ष्मी प्राप्त होती है |
    फल :-
    मोक्ष - लक्ष्मी प्रदायक
    जाप :-
    ॐ ह्रीं अर्हं णमो सव्व साहूणं |
    जाप का फल :-
    ( लोक में सभी सच्चे साधुओं को मेरा हमेशा - हमेशा प्रणाम होवे )
    Date - 01/10/24

Комментарии •