वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है। देखो कबीर जी क्या कह रहे हैं। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है। यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।❤❤
वेदों मैं तो साकार भी बताया गया है। अगर आत्मा शरीर धारण कर सकता है तो परमात्मा क्यू नही?? अगर परमात्मा ऐसा नही कर सकता ऐसा तो ईश्वर सर्वशक्तिमान कैसे हुआ फिर??
Sadar naman guru ji.jai ho vedik sanatan.
ॐ 🚩🙏
🕉️
सादर नमस्ते आचार्य जी
आचार्य यशवीर जी को सत्य सनातन वैदिक धर्म के अनुसार सृष्टि रचना की उचित जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। सादर नमस्ते जी।। आर्य पुत्र।। 😊
Om
नमस्ते
शुभ दिन
Jai Nepal
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏
Koti Koti dhanyvad bahut Achcha samjhaya aapane🎉
सृष्टि कर्ता ईश्वर विश्व कर्मा है। महर्षि दयानन्द सरस्वती जी को शत् शत् नमन्। सत्य सनातन वैदिक धर्म का सत्य स्वरूप ही आर्य समाज है। आर्य पुत्र।।
Aryasamajamar,raha
इस व्यक्ति का प्रभाव समाज पर कभी नही पडता। ऐसे ही समय नष्ट कर रहा।है।इसकी हिम्मत है छल करने में।
1:40 हृदय में आत्मा ।। Heart transplant हुआ तो आत्मा भी ट्रांसफर हो गई ।। वाह गुरु जी ।। किसी को बात गलत लगी हो तो sory।।
ईश्वर ने इंसान को बनाया वही इंसान ईश्वर को निराकार बता रहा है ईश्वर से भूल ही तो हुई इंसान बनाया
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है। देखो कबीर जी क्या कह रहे हैं।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है।
यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।❤❤
वेदों मैं तो साकार भी बताया गया है। अगर आत्मा शरीर धारण कर सकता है तो परमात्मा क्यू नही?? अगर परमात्मा ऐसा नही कर सकता ऐसा तो ईश्वर सर्वशक्तिमान कैसे हुआ फिर??