ब्रह्म के द्वारा ही जगत उत्पत्ति । ~ स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक

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  • Опубликовано: 6 янв 2025

Комментарии • 82

  • @amrutlalkachhadia4588
    @amrutlalkachhadia4588 2 месяца назад

    Jay Shri Saint Rampalji Maharaj Jagat Guru

  • @Babu-l7u
    @Babu-l7u 6 месяцев назад

    पदार्थ सूक्ष्म तत्व परमात्मा आत्मा जीवात्मा ये सब और इनका ज्ञान मष्तिष्क को झकझोर देता है l

  • @vijayparadkar1284
    @vijayparadkar1284 Месяц назад

    ब्रह्म अव्यक्त सागर है
    एक से अनेक बना।

  • @Nandlalshaw211
    @Nandlalshaw211 3 месяца назад

    सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी

  • @YadvendrasinghPanwar-yb4wu
    @YadvendrasinghPanwar-yb4wu 22 дня назад

    नमस्ते 🙏स्वामी जी।

  • @nobatlal4739
    @nobatlal4739 2 года назад

    वेदों में जो कहा गया है वह सब ठीक है! शंका इस बात की है कि वेदों मे कही ईश्वर संबोधन करते है, कहीं ऋषि, कहीं विद्वान विद्वान को,कही आम जनता को ऋषि संबोधन कर रहे हैं! इससे यह सिद्ध हो रहा है कि वेदों को ऋषियों ने समाधी मे जाकर देखा समझा फिर कहा और लिपिबद्ध किया, इस बात से ऐसा लगता है कि यह उच्च कोटि के महापुरुषों द्वारा प्रतिपादित हुए ऐसा लगता है!🙏🙏🕉️🙏🙏

  • @karmvirsingh5961
    @karmvirsingh5961 8 месяцев назад

    Guru ji Sadar Namastey

  • @anilmishra1970
    @anilmishra1970 Год назад

    ओउम् नमस्ते स्वामी जी

  • @anilnanda1196
    @anilnanda1196 2 года назад +1

    💐🙏 ओ३म् 🙏💐 स्वामी जी सादर नमस्ते 💐🙏

  • @ghanshyamsingh7729
    @ghanshyamsingh7729 6 месяцев назад

    स्वामी जी नमस्ते आपकी विडिओ bar-bar देखने का मन करता है 28:43 28:46 28:47

  • @kalpanasaxena1816
    @kalpanasaxena1816 3 года назад +5

    स्वामी जी प्रणाम मैं नित्य शंका समाधान कार्य क्रम सुनती हूँ बहुत ही आनंद आता है मैं आर्य परिवार की हूँ ईश्वर आपकी दीर्घायु करे धन्यवाद

  • @omprkash8195
    @omprkash8195 4 года назад +4

    स्वामी जी आपका ये ऋण हमारे उपर सदा रहेंगा आप जेसे वैदिक सन्यासी विद्वानों से हि भारत भारत है वरना यहाँ 50% मुर्दे लोग ओर40% दोगलेपन से भरे हुए हैं ओर 10% हि सच्चे देश हित धर्म संस्कृति को ठिक ठाक समझने वाले लोग हैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद शुभकामनाएं नमस्ते

  • @ghanshyamsingh7729
    @ghanshyamsingh7729 7 месяцев назад

    नमस्ते स्वामी जी आप ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहे

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 10 месяцев назад

    🎉 जगत की उत्पत्ति स्वप्न से हुई है इसलिए संसार स्वप्न है। अर्थात सत्य नहीं है और सत्य प्रतीत होता है। इसी का नाम संसार है। परमात्मा संसार में नहीं है परमात्मा की सत्ता से संसार चल रहा है लेकिन परमात्मा संसार से अलग है।😊 वेद कहते हैं न इति
    जैसे कुम्हार ने घड़ा बनाया लेकिन कुमार घड़े के अंदर नहीं है।

  • @vijaysinghal4937
    @vijaysinghal4937 10 месяцев назад +1

    Swami Ji Namaste Charan Sparsh

  • @aaloksahu1330
    @aaloksahu1330 4 года назад +3

    ओ३म् सादर नमस्ते जी।
    धन्यवाद।

  • @akhandbharatrajupaswan123
    @akhandbharatrajupaswan123 2 года назад +1

    जैसे हमारे स्वप्न मे पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश, दिशा, काल सब हमारा मन का ही उल्लास, विलास होता है वैसी ही सम्पूर्ण सृष्टि ब्रह्म का ही विवर्त है | ब्रह्म ही जगत का निमित्त और उपादान कारण है

    • @iabhishek_arya
      @iabhishek_arya 2 года назад +2

      ब्रह्म जगत का निमित्त कारण है और प्रकृति उपादान कारण हैं

    • @akhandbharatrajupaswan123
      @akhandbharatrajupaswan123 2 года назад

      @@iabhishek_arya एकदम सही कहा

  • @sushiladhaka6900
    @sushiladhaka6900 2 года назад

    सादर नमस्ते स्वामी जी

  • @chetuarchu
    @chetuarchu 4 года назад +3

    कोटी कोटी नमन

  • @premprakashjauhari2751
    @premprakashjauhari2751 2 года назад +1

    Very good video. Every scientist should read it.

  • @RadhaBhaktiMarg1
    @RadhaBhaktiMarg1 9 месяцев назад +1

    सब कुछ समन्वय कर्ना होगा, एक दो मन्त्रों से काम नहिं चलेगा ।

  • @nirmaladevi9151
    @nirmaladevi9151 4 года назад +1

    Super views of swamiji Vivakanand ji

  • @Nktrading-j2w
    @Nktrading-j2w 3 дня назад

    Jb eswar ne hi sb kuchh banaya h to vo khud ko bhi parkat kr sakta h eslie vo sakar bhi h or nirakar bhi

  • @anilraval7294
    @anilraval7294 2 года назад +1

    स्वामी जी नमस्ते, आपको शत शत प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद l बहुत अच्छी तरह सरल करके समझाया गया l

  • @hr60myblock35
    @hr60myblock35 4 года назад +7

    वाह वाह स्वामी जी मे धन्य हुआ आपके सम्पर्क में आकर

  • @ugc1784
    @ugc1784 5 месяцев назад

    ब्रह्मा जी के चार सिर वाले स्वरूप को शाब्दिक अर्थ मे समझते हुए उसकी व्याख्या करना आपकी सीमित समझ को इंगित करता है। यदि हम संसार की समस्त पुस्तकालयों की समस्त पुस्तकों को रट भी लें तो भी जो ज्ञान हासिल होगा वह अज्ञानता के कैनवास मे एक छोटे बिन्दु के आकार का ही होगा। शेष कोरा कैनवास शेष रहेगा वह अज्ञानता ही होगा। अत: ज्ञान के स्थान पर अज्ञानता को enjoy किया जाए। क्योंकि अज्ञान अनन्त है और ज्ञान बहुत सीमित। वैसे भी अर्जित किया हुआ ज्ञान " ज्ञान " नही वरन महज सूचना है। अर्जित ज्ञान सत्य की खोज मे एक बड़ी बाधा है। अर्जित ज्ञान अतीत है। सत्य वर्तमान है। यानी ज्ञान (अर्थात सूचना से रहित)।

  • @आदर्शबिश्नोईआर्या

    अति उत्तम है।
    आदर्श बिश्रोई आर्या।

  • @aryayoga9251
    @aryayoga9251 2 года назад

    Gurudev ji ko koti koti Naman🙏🙏🙏🙏

    • @SagarGupta-bt4xo
      @SagarGupta-bt4xo 9 месяцев назад

      तुम्हारा कल्याण हो वत्स 🙌🙌🙌🙌

  • @anilsavaliya9989
    @anilsavaliya9989 4 года назад +1

    ओ३म्

  • @jainalali3964
    @jainalali3964 2 года назад +1

    Nice

  • @Babu-l7u
    @Babu-l7u 6 месяцев назад

    परमात्मा क्यों है अस्तित्व मे और ये स्पेस भी क्यों ही है l

  • @RadhaBhaktiMarg1
    @RadhaBhaktiMarg1 9 месяцев назад

    १५ः३० लेकिन आकाश तो पञ्च भौतिक की एक भाग है ।

  • @Babu-l7u
    @Babu-l7u 6 месяцев назад

    ईश्वर और ब्रह्मांड अनंत हैं तो इनका ज्ञान भी अनंत है और अनंत को जानना असंभव ही है मगर एक इशारा भर मिलता है कि सत्य क्या है और समझदार को इशारा काफी l
    ईश्वर आत्मा जीवात्मा पुनर्जन्म कर्मफल 26 तत्व और शून्य ये बड़ा और गूढ़ ज्ञान है और बहुत बारीक बुद्धि चाहिए l

  • @drigpal161
    @drigpal161 9 месяцев назад

    मोक्ष में जाना क्या है स्वामी जी?कृपया समझाने की कृपा करें ।

  • @RajKumar-jv7wq
    @RajKumar-jv7wq 2 года назад

    Branch isvar me kya Antar hai?

  • @Nktrading-j2w
    @Nktrading-j2w 3 дня назад

    Jab jeev or parkarti dono sakar h to unka malik eswer sakar kyo nhi ho sakta

  • @ManOfSteel1
    @ManOfSteel1 2 года назад

    kindly make one playlist of satyaarthprakash 1 to last episode

    • @darshanyog2
      @darshanyog2 2 года назад

      ruclips.net/p/PL46Bt-Y7lNqPv7l9WG7j6Wz-7OQ_kOgLX

  • @minam9757
    @minam9757 4 года назад +1

    सिद्धांत तो यह है कि मेहनत से और पुरुस्कार में प्राप्त धन,घर आदि सदा के लिए उसका का हो जाता है।
    फिर से जीवात्मा को मोक्ष के आनंद के बाद जन्म, मृत्यु, भोग चक्र दोबारा किस सिद्धांत से, क्यूं दिया जाता है।

    • @satyarthprakasha
      @satyarthprakasha  4 года назад +1

      जी जी उसका ही होता है जीवित काल तक उस प्रकार मोक्ष काल में सभी उसका ही है । सीमित कर्म का फल असीमित काल के लिए संभव होने से नहीं रहता है ना जीव रखना चाहता है । ~ आचार्य प्रियेश

  • @pardeepmathur3492
    @pardeepmathur3492 4 года назад +4

    स्वामी जी, आपको कोटि कोटि प्रणाम.
    क्या मोक्ष वाले जीव भी प्रलय मे बेहोश रहते है?

    • @darshanyog2
      @darshanyog2 4 года назад +4

      नहीं, मोक्ष आनंद भोगते रहते है।

    • @pardeepmathur3492
      @pardeepmathur3492 4 года назад +1

      आपका धन्यवाद.

    • @satyarthprakasha
      @satyarthprakasha  4 года назад +4

      नहीं जी, मुक्त आत्मा ईश्वर के आनंद को निरंतर प्रपट कर रहा है होस में है आनंद में है । ये प्रकृति एसे यहाँ पड़ा है ये विचारे जीवात्माएँ मूर्छित यहाँ एसे है जनता भी है ।
      नमस्ते प्रदीप जी । धन्यवाद
      ~आचार्य प्रियेश -9306374959

  • @RadhaBhaktiMarg1
    @RadhaBhaktiMarg1 9 месяцев назад +1

    कर्तुम अकर्तुम अन्यथा कर्तम समर्थः । क्या हे भाइ ।

  • @RadhaBhaktiMarg1
    @RadhaBhaktiMarg1 9 месяцев назад +1

    ब्रम्ह से उत्पन्न होता तो वह ब्रम्ह नहीं रहता । कार्यको प्राप्त होता, किन्तु ब्रम्ह कुछ भि नहि कर्ता । यह नाम भि उसका नहिं है । बिडु ।

  • @meenasharma5670
    @meenasharma5670 2 года назад

    Swami ji ke sath iss live class pe judne ka kya madhyam hai krapaya bataiye.. 🙏🙏

    • @mdsufiyan9956
      @mdsufiyan9956 2 года назад

      aap kya karoge Aap to nirakar ko mante nahi ho Aap log to cha cha muhvale ko mante ho

  • @AbhijitDas-wk8ch
    @AbhijitDas-wk8ch Год назад

    Ram Krishna god nehi hai to kya too hai

    • @piyushjoshi4618
      @piyushjoshi4618 Год назад

      Ji ve Mahapurush hai
      Aur hum unhe bhagwan bhi keh skte hai
      Bhagwan ka arth hota hai pujne yogya manushya

  • @ritadumka2459
    @ritadumka2459 3 года назад +2

    आपने कहा कि भगवान सर्व्यापी है ,तो क्या आपका भगवान कीचड़ में भी है🤔

    • @ex-hinduatheistdevsen184
      @ex-hinduatheistdevsen184 3 года назад +2

      Tatti me b h🤣🤣

    • @akhandbharatrajupaswan123
      @akhandbharatrajupaswan123 2 года назад

      @Gaurav Singh Bahut acha..👏👏👏

    • @akhandbharatrajupaswan123
      @akhandbharatrajupaswan123 2 года назад

      जैसे हमारे स्वप्न मे पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश, दिशा, काल सब हमारा मन का ही उल्लास, विलास होता है वैसी ही सम्पूर्ण सृष्टि ब्रह्म का ही विवर्त है | ब्रह्म ही जगत का निमित्त और उपादान कारण है

    • @darshanyog2
      @darshanyog2 2 года назад

      जी हां,
      भगवान सर्वव्यापक है और वह कीचड़ में भी रहता है, लेकिन उसमें पार्टिकल नहीं होने के कारण कीचड़ की गंदगी उसको (परमात्मा) को नहीं लगती ।

    • @Ram47988
      @Ram47988 Год назад +1

      भगवान सब जगह है लेकिन गंदगी परमात्मा को गंदा नही कर सकती जैसे सूर्य का प्रकाश गंदगी पर पड़ने से गंदा नही होता वैसे परमात्मा सब जगह होने पर भी प्रकृति से प्रभावित नही होता

  • @sanjeevdhillon
    @sanjeevdhillon Год назад +1

    नमस्ते आचार्य जी
    जो तीन चीजें अनादि है आत्मा, परमात्मा और प्रकृति।
    इनमें से आत्मा और परमात्मा के बारे में तो समझ आता है परंतु प्रकृति के बारे में उलझन है तो आचार्य जी कृपा हमें प्रकृति के बारे में समझाएं, उसमें क्या-क्या सम्मिलित है।

  • @akhandbharatrajupaswan123
    @akhandbharatrajupaswan123 2 года назад +1

    आर्य समाज का सब कुछ ठीक है बस पुराणों, देवताओं, मूर्ति पूजा को नहीं मानते है जो की गलत है
    कृपया ऐसा न करें. इससे हिन्दू धर्म मे विकृति आने लगती है

    • @Ram47988
      @Ram47988 Год назад +1

      देवताओ को आर्य समाज मानता है लेकिन काल्पनिक देवताओ को नही असली देवताओ को मानता है।
      पुराण प्राचीन ग्रंथो को कहते है जिसमे वेद दर्शन वेदांग उपवेद है मानते है।
      आर्य समाज परमेश्वर की बनाई मूर्तियो को पूजता है ना कि स्वंय मनुष्य की बनाई मूर्तियो को

    • @akhandbharatrajupaswan123
      @akhandbharatrajupaswan123 Год назад

      @@Ram47988 वेद को मानने पे वेद भी देवताओं को मानता है फिर आर्य समाज देवताओं को काल्पनिक कैसे मानते है?? मूर्ति पूजा भी वैदिक है फिर उसका विरोध क्यों??

    • @Ram47988
      @Ram47988 Год назад +2

      @@akhandbharatrajupaswan123 देवता दो प्रकार के होते है जड़ देवता और चेतन देवता
      जड़ मे अग्नि वायु जल देवता आते है उनको मानते है
      चेतन मे एक परमेश्वर देव और दूसरे माता पिता आचार्य अतिथि देवता है इनको मानते है हम

    • @Ram47988
      @Ram47988 Год назад +1

      @@akhandbharatrajupaswan123 मेने मूर्ति पूजा पर आपको उत्तर दिया है ईश्वर की बनाई मूर्तिया पर्वत पहाड़ जल पृथ्वी आदि को मानते है।
      मनुष्य की बनाई मूर्तियो की ईश्वर के स्थान पर नही मानते है हम

    • @akhandbharatrajupaswan123
      @akhandbharatrajupaswan123 Год назад

      @@Ram47988 दोस्त तो क्या वायु, अग्नि आदि जड़ है??? चेतन देव नहीं है आर्य समाजियो के नज़र मे???

  • @InspiringMotto
    @InspiringMotto 2 года назад

    मोक्ष से तुम्हारा अर्थ किसी अन्य लोक को जाने से है शायद। मुझे ठीक नहीं लगता

    • @Ram47988
      @Ram47988 Год назад

      गलत अर्थ है आपका

  • @pijushsarkar4626
    @pijushsarkar4626 2 года назад +1

    Aagya Ni hai murkh hai

  • @AbhijitDas-wk8ch
    @AbhijitDas-wk8ch Год назад

    Tum log nastik ho