Om SaJal Sradhdha Om Prakhar PraGYa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT SaraSwaTI MaTa Om TaT SaT SaVITrI MaTa Om TaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT
🎉 ईश्वर जीव प्रकृति आदि है अनादि नहीं। 🎉 ईश्वर की प्रकृति तीनों ही परिवर्तनशील हैं। स्थिर नहीं है इसलिए अनादि नहीं कहेंगे। 🎉 अनादि अद्वैत एकरस अखंड शाश्वत जिसमें घट-बढ़ ना हो उसे अनादि कहते हैं।
Char ved bhi diya to vedvyas ji ne, aur vedo me mantra ityadi h jiska prayog sakar roop ishwar ki aradhna me murti me pran pratistha me prayog karte h , to nirakar bhi to sakar ko support krta h?
Sawami ji namaste 🙏..mera ye sawal h k ishvar hme jeev aatmao ko shareer hi na de to ham sbi sukh dukh se chhute rhenge. Agr ishvar sbi sukho ka source h to dukho ka b vo hi h. Sbi dukho ka karan bhi vo hi h. To iss baare me btaye k ishvar hme shareer kyon deta h
Brahm sachet or anand avastha mein hamesa rahte hai esliye unhe sachidanand kehte hai....Mukti ke paschat jiv brham ke anand mein mukti bhogata hai mukti kal purn hone tak
@@adarshsoni5323 जी उपनिषद से प्रमाण ⬇️⬇️ वेदान्तविज्ञानसुनिश्चितार्थाः संन्यासयोगाद्यतयः शुद्धसत्त्वाः । ते ब्रह्मलोकेषु परान्तकाले परामृताः परिमुच्यन्ति सर्वे ॥ ६ ॥ मुं० 3, खं० 2, मं०6 वे मुक्त जीव मुक्ति में प्राप्त होके ब्रह्म में आनन्द को तब तक भोग के पुनः महाकल्प के पश्चात् मुक्ति-सुख को छोड़ के संसार में आते हैं। इसकी संख्या यह है कि- तैंतालीस लाख बीस सहस्र वर्षों की एक 'चतुर्युगी', दो सहस्र चतुर्युगियों का एक 'अहोरात्र', ऐसे तीस अहोरात्रों का एक 'महीना', ऐसे बारह महीनों का एक 'वर्ष', ऐसे शत-वर्षों का 'परान्तकाल' होता है। इसको गणित की रीति से यथावत् समझ लीजिये। इतना समय मुक्ति में सुख भोगने का है।
यश सनातनी धर्म सेवक: ruclips.net/video/XDpno7H2GbA/видео.html। हर-हर महादेव हर-हर महादेव क्या भारत देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपने कर्तव्य को पूरा किए बगैर पितरों का ऋण चुकाए बगैर क्या सन्यास लेना उचित है क्या संयास लेने से मनुष्य खुद को ईश्वर के बराबर समझने लगा है क्या संयास ले कर मनुष्य खुद को भगवान वाल्मीकि के बराबर का समझने लगा है क्या वेद पाठ धर्म ग्रंथ पढ़कर सन्यास लेकर मनुष्य धर्म ज्ञान की शिक्षा के घमंड में एक घमंडी की तरह खुद को ईश्वर मान चुका है मेरा प्रश्न उन सभी सन्यासियों से हैं जो अपने नाम के आगे आचार्य आर्य शास्त्री और अलग-अलग मठ के महंत बताते हैं और सन्यास ले कर अपने कर्तव्य से बचकर भागते हैं यश सनातनी धर्म से: स्वामी दयानंद जी के वचनों पर कौन-कौन आर्य समाजी चल रहा है सत्यार्थ प्रकाश को कौन-कौन आर्य समाजी फॉलो कर रहा है ruclips.net/video/Ymkc_i5BwRg/видео.html
ओ३म् सादर नमस्ते जी ।🕉🙏🚩🌺👍🏾🙏🏾
Namaste Swamijee 🙏
सादर नमस्ते स्वामी जी
ओउम् सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
Omsanti
सतय
🙏🙏🙏🙏🙏
नमस्ते गुरु जी
🙏🙏🙏बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
Traitwaad ki jai🙏🙏🙏🙏🙏
🕉
🙏🙏🙏आदरणीय स्वामी जी सादर प्रणाम 🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
Om SaJal Sradhdha Om Prakhar PraGYa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT SaraSwaTI MaTa Om TaT SaT SaVITrI MaTa Om TaT GaYaTrI MaTa Om TaT SaT
Baijayanti sadare namaste swamiji 🙏
स्वामी जी नमस्ते, आपको शत शत प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद l बहुत अच्छी तरह सरल करके समझाया गया l
Swami ji apke pravachan se mai bahut prabhavit hu mai bhi apke pass aake sikhna chahta hu mai arya samaj se hu
Thank you very much
🎉 ईश्वर जीव प्रकृति आदि है अनादि नहीं।
🎉 ईश्वर की प्रकृति तीनों ही परिवर्तनशील हैं। स्थिर नहीं है इसलिए अनादि नहीं कहेंगे।
🎉 अनादि अद्वैत एकरस अखंड शाश्वत जिसमें घट-बढ़ ना हो उसे अनादि कहते हैं।
ईश्वर प्रकृति जीव अनादि हैं और ईश्वर चेतन है, जागा हुआ है मगर प्रकृति और जीव बेहोशी की अवस्था मे रहता है l
ढोनो जागे हुवे हे चेतन ईश्वर अंश जीव अविनाशी चेतन अम्ल सहज सुख राशी,,
Swami ji chandrama Surya ki upasana ka kya arth hai
Mul Prakriti Ka Kya Arth hai
Char ved bhi diya to vedvyas ji ne, aur vedo me mantra ityadi h jiska prayog sakar roop ishwar ki aradhna me murti me pran pratistha me prayog karte h , to nirakar bhi to sakar ko support krta h?
13 min Real meaning of aham brahmasmi
Aham brahmasmi = after samadhi I know Brahman
Sawami ji namaste 🙏..mera ye sawal h k ishvar hme jeev aatmao ko shareer hi na de to ham sbi sukh dukh se chhute rhenge. Agr ishvar sbi sukho ka source h to dukho ka b vo hi h. Sbi dukho ka karan bhi vo hi h. To iss baare me btaye k ishvar hme shareer kyon deta h
Ek question kya jiva moksha ke baad bramh mein mil jata hai kya? Jiva ki satta samapta ho jate hai kya?
Brahm ke chit mein anand mein rah ke mukti bhogata hai hai par prithak prithak
Brahm sachet or anand avastha mein hamesa rahte hai esliye unhe sachidanand kehte hai....Mukti ke paschat jiv brham ke anand mein mukti bhogata hai mukti kal purn hone tak
@@Fitnessunofficialclub mukti kal kitna hota hai koi shastra pramaan ?
@@adarshsoni5323 जी उपनिषद से प्रमाण ⬇️⬇️
वेदान्तविज्ञानसुनिश्चितार्थाः संन्यासयोगाद्यतयः शुद्धसत्त्वाः । ते ब्रह्मलोकेषु परान्तकाले परामृताः परिमुच्यन्ति सर्वे ॥ ६ ॥ मुं० 3, खं० 2, मं०6
वे मुक्त जीव मुक्ति में प्राप्त होके ब्रह्म में आनन्द को तब तक भोग के पुनः महाकल्प के पश्चात् मुक्ति-सुख को छोड़ के संसार में आते हैं। इसकी संख्या यह है कि- तैंतालीस लाख बीस सहस्र वर्षों की एक 'चतुर्युगी', दो सहस्र चतुर्युगियों का एक 'अहोरात्र', ऐसे तीस अहोरात्रों का एक 'महीना', ऐसे बारह महीनों का एक 'वर्ष', ऐसे शत-वर्षों का 'परान्तकाल' होता है। इसको गणित की रीति से यथावत् समझ लीजिये। इतना समय मुक्ति में सुख भोगने का है।
@@Fitnessunofficialclub ye kis Upanishad ka pramaan hai ? Kripa uska naam bataye🙏
Vegyaniko k anusar suraj nabhikiy salayan k dwara haidrogen v hilium gaiso se milkar bna h fir to surya bhi jagat me hi aata h anadi nhi h
यश सनातनी धर्म सेवक: ruclips.net/video/XDpno7H2GbA/видео.html। हर-हर महादेव हर-हर महादेव क्या भारत देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपने कर्तव्य को पूरा किए बगैर पितरों का ऋण चुकाए बगैर क्या सन्यास लेना उचित है क्या संयास लेने से मनुष्य खुद को ईश्वर के बराबर समझने लगा है क्या संयास ले कर मनुष्य खुद को भगवान वाल्मीकि के बराबर का समझने लगा है क्या वेद पाठ धर्म ग्रंथ पढ़कर सन्यास लेकर मनुष्य धर्म ज्ञान की शिक्षा के घमंड में एक घमंडी की तरह खुद को ईश्वर मान चुका है मेरा प्रश्न उन सभी सन्यासियों से हैं जो अपने नाम के आगे आचार्य आर्य शास्त्री और अलग-अलग मठ के महंत बताते हैं और सन्यास ले कर अपने कर्तव्य से बचकर भागते हैं
यश सनातनी धर्म से: स्वामी दयानंद जी के वचनों पर कौन-कौन आर्य समाजी चल रहा है सत्यार्थ प्रकाश को कौन-कौन आर्य समाजी फॉलो कर रहा है ruclips.net/video/Ymkc_i5BwRg/видео.html