रोज सवेरे उठते ही निम्न दोहों को जरूर पढ़ें, फिर देखे उन्नति ही उन्नति।

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  • Опубликовано: 4 окт 2024
  • 🚩✍️
    दोहा-छंद:- (१)
    सारद मॉं सुमिरूं सदा, गणपति रा गुण गाय ।
    सेवक रो हित साधने, आय वसो उर माय ।।१।।
    अरज करहु गुरु आपने, धरूं हिये मे ध्यान ।
    आखर सौंपो ऊजळा, दीजो उगती दान ।।२।।
    चरण-कमल पितु-मात रा, चित मे लिया बसाय ।
    आसिस-बगसो-विदग ने,अनंत खुसियां आय।।३।।
    पारबता पति शंकर जी, कमलापत किरतार ।
    रिदय बिराजो रामजी, अठदस छः अवतार ।।४।।
    अरज करहु गुरुआप ने, निवण करूं आदेस ‌‌।
    मोरो काज सुधारजो, बृह्मा विश्नु महेस ।‌।५।।
    आदि भवानी ईश्वरी, तरणी तारण हार ।
    दर्शन दीजो दास ने, सुत री लीजो सार ।।६।।
    आवड़ मॉं सुख सौंपजो, अहर-निसा अधिकाय ।
    नवलख सागे आवजो, नूतन खुसियां लाय ।।७।।
    मात-पिता संसार में, तुमी-सखा गुरु भ्रात ।
    मो हिरदै हरदम बसो, म्हारी करणी मात ।।८।।
    सुख बगसण सारू सदा, ले सागे नवलाख ।
    पातां रे घर पावणा, आजो भैरव नाथ ।।९।।
    संता रो आसिस फले, शुभ होवे सब काज ।
    निवण करूं सब संत ने, इच्छा पूरो आज ।।१०।।
    कृत:- सांवल दान देपावत (पप्पू दान)
    देशनोक🙏🚩🚩

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