Main swami ashanand vedantaacharya.hmne apki bhut si video suni h ar hmare anubhav ke anusaar bhi ap bhut sunder vyaakhya kar rhe ho.hme bhut khusi hui apko sunkar,vedaant ka ghurh rhsay saankya yog, bhagwat Geeta, upnishd aadhi sabka samnvy karke ghurh arth Prakath kar rhe ho.hm bhut santust h.shivoham.
🪔🪔🪔पूज्य गुरुदेव, 🙏आज का प्रवचन बहुत ही ज्यादा Valuable था। मै शब्दों में explain करने मे व्यान नही कर सकती। आपकी ज्ञान की ज्योति का प्रकाश रहे... यही प्रभु से निवेदन है। 🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
गुरूजी प्रणाम, आप स्पष्टीकयण तो बहुत सत्य और सटीक देते हो, कृपया उस सहज अवस्था में स्थित होने का मार्ग दिखा कर उपकृत करें, मैंने अंतरशक्ती जागने पर बहुत अतिद्रिय अनुभव लिए है, मगर आत्मस्थिरता की अनुभूति नहीं हो पा रही, कृपया मार्गदर्शन करें
यही है वह प्रश्न , जो सृष्टि का कारक हो सकता है.. करता आवश्यकता थी, रचने की..?!! दूसरी तरफ ये तथ्य भी है, कि, जो भी रचयिता हैं, उसका उद्देश्य है, वर्ना, इतना बड़ा खेल न खेलता..!! जैसा शास्त्रो में, लिखा है, कि.. आत्मसाक्षात्कार ही, मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य है, यदि, ऐसा ही है, तो परमेश्वर को सर्वशक्तिमान को, कुछ विशुद्ध आत्माएं चाहिए, जो, ब्रह्माण्ड में, कहीं किसी काम को करने में सक्षम हो.. ( ऐसा मेरा विचार है )🙏
परमात्मा और जीवात्मा में अंतर बीच में जो महात्मा आया मट्ठा काशी स्वरूप सांब सदाशिव और प्रकृति जिनके माध्यम से हम अमरलोक के हंस आत्मा से जीवात्मा संभोग क्रिया के माध्यम से शरीर की उत्पत्ति हुई जिसके अंदर अमर बूंद सूक्ष्म रूप से अस्तित्व मैं था और हरि दर्जी जुलाहा रुपी परमात्मा ने 9 मास में शरीर की संरचना किया स्वयं इस में समाविष्ट रहा सत्य हरि दर्जी का कोई पार न पाया जिन्होंने यह चोला अजब रचाया हरि ओम तत्सत साहब की जय हो
आत्मा और परमात्मा दोनों में भिन्नता है ,जीवात्मा शरीर धारण करने के बाद ही, परमात्मा की प्राप्ति हेतु प्रयत्न कर सकता है क्योंकि शरीर परमात्मा की प्राप्ति का एक, साधन व माध्यम है,
Acharya Manish ji aap bahut badhiya vyakhayan dene h ...kahi kahi to itna spsht batlaya h ki bahut prashsniy h par atma parmatma ke vishay me shayd thoda aur adhyayan baki h
हरि ओम तत्सत इसीलिए तो कहा गया तत्व से एक है आत्मा घटा काफी है महात्मा देवात्मा मठा काशी है और परमात्मा परमा काशी है सर्व शक्तिमान है परमात्मा बंधन में नहीं है और यह आत्मा हम जीव के साथ पंचतत्व के अधीन होने के कारण कर्म फल के बंधन में है जिसको ज्ञान से मुक्ति पाकर जब तक शरीर में रहेगा सत्कर्म करते हुए निष्काम कर्म करते हुए अंत में परमात्मा का नाम लेते हुए परमात्मा के धाम को जाएगा परमात्मा की वास्तविक धाम को जानने के लिए सूक्ष्म वेद शास्त्र उपनिषद चारों वेद से परे कबीर वाणी को पढ़ें हरि ओम तत्सत सत साहेब की जय हो
बहुत अच्छा। बहुत ही अच्छी तरह से स्पष्ट किया है ताकि कोई संसय ही नहीं रहता। धन्यवाद सर
Tino ak hi hai par jiv jo hu ko jane to aatma hai
@@b.v.khatri7962 777777777777777777777777777777777777777 hmm
Om tat sat
😊😍
@@kshyamasagarmeher1671aaA
Mo q
श्रेष्ठ आत्मा द्वारा श्रेष्ठ भाव से ओत-प्रोत भेदिक रहस्य दरसाने के लिए धन्यवाद 👍🙏👍 जी
आप महान आत्मा हैं दुनिया को शास्रों का तत्वों का ज्ञान दे रहे हैँ प्रणाम जी
विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है..🙏
Main swami ashanand vedantaacharya.hmne apki bhut si video suni h ar hmare anubhav ke anusaar bhi ap bhut sunder vyaakhya kar rhe ho.hme bhut khusi hui apko sunkar,vedaant ka ghurh rhsay saankya yog, bhagwat Geeta, upnishd aadhi sabka samnvy karke ghurh arth Prakath kar rhe ho.hm bhut santust h.shivoham.
ॐ नमः शिवाय।
धन्यवाद प्रभुजी अत्यंत महत्त्वपूर्ण ज्ञान देने के लिए ।
🔱🕉️🚩🚩🔱🚩🇮🇳
jgd.अत्यंत गहन व सुक्ष्मतमविषय, समझाया है। धन्यवाद!
गुरुजी में जो सपने में देखी वह हकीकत मेरे साथ होता है
जी हम आपसे सहमत हैं कि आपने बहुत सुन्दर और सरल व्याख्या की है.. बहुत ही सरल उदाहरण देकर, हमेंशा की तरह🙏 धन्यवाद🙏
🙏जय श्री कृष्ण🙏
Very well discription of Jiv ,Jivatma,Aatma and Parmatma. Be continue for Sanatan Dharma for ever . 🙏
The concept of Atma, Parmatma, and Jeev, Jeevatma is quite clear.
Thank you.
❤❤❤❤
જીવ આત્મા અને પરમાત્મા અંગે સચોટ માહિતી જાણી ધણોજ આનંદ થયો.🎉🎉🎉
आप के द्वारा स्पिरिचुअल जगत के विषय बहुत स्पस्ठ से समझ में आ रहे हैं। आप का कोटि कोटि धन्यवाद। नमन करता हूं।
वी पी गुलाटी।
🪔🪔🪔पूज्य गुरुदेव,
🙏आज का प्रवचन बहुत ही ज्यादा Valuable था। मै शब्दों में explain करने मे व्यान नही कर सकती।
आपकी ज्ञान की ज्योति का प्रकाश रहे...
यही प्रभु से निवेदन है।
🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
बहुत सुन्दर सारी बातें समझ मे आ रही हैं |प्रणाम
🙏🙏🙏
Bahut acha gyaan Aur gehri bate hai
जीव जीवात्मा एवम आत्मा पर श्रीमान द्वारा की गई बृहद ब्याख्या अवश्य ही अति ज्ञान प्रद है, नमस्ते ।
आप बहुत सही जानकारी दी,धन्यवाद
Very good to change our life.
Hari om AAP itna acche se samjhate hai k anand aa jata bar bar sunnte hai
Dhanyawad
अति सुन्दर प्रस्तुति महात्मा जी।
बहुत सुंदर विचार,सद्गुरूवे नमः
Guruji koti koti naman 🙏 Bahut badhiya spastikaran se samjhaya.Aap ki charan kamal me koti koti naman bandan🙏🙏
आत्मा प्रकृति से नहीं बनता। वह न बनता है न बिगडता है।
You are great sir Namaskar.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति . धन्यवाद .
I understood to the great extent.you have explained very smoothly..Thanks a lot. Pranav.
गुरूजी प्रणाम, आप स्पष्टीकयण तो बहुत सत्य और सटीक देते हो, कृपया उस सहज अवस्था में स्थित होने का मार्ग दिखा कर उपकृत करें, मैंने अंतरशक्ती जागने पर बहुत अतिद्रिय अनुभव लिए है, मगर आत्मस्थिरता की अनुभूति नहीं हो पा रही, कृपया मार्गदर्शन करें
Bahut sundar tarike se samjhaya h.
शुकदेव रुपी गुरु को प्रणाम ।
कृपया ज्ञान की सात भूमिकाए बताओ
Om tatsat Jai Gurudev 🙏🙏🙏
क्या कभी परमात्मा भी बंधन में आता है और यदि नही तो परमात्मा को आत्मा रूप में आने की क्या जरुरत है.....?
यही है वह प्रश्न ,
जो सृष्टि का कारक हो सकता है..
करता आवश्यकता थी,
रचने की..?!!
दूसरी तरफ ये तथ्य भी है,
कि,
जो भी रचयिता हैं,
उसका उद्देश्य है,
वर्ना, इतना बड़ा खेल न खेलता..!!
जैसा शास्त्रो में,
लिखा है, कि..
आत्मसाक्षात्कार ही,
मनुष्य जीवन का परम उद्देश्य है,
यदि,
ऐसा ही है,
तो परमेश्वर को
सर्वशक्तिमान को,
कुछ विशुद्ध आत्माएं चाहिए,
जो,
ब्रह्माण्ड में,
कहीं किसी काम को करने में सक्षम हो..
( ऐसा मेरा विचार है )🙏
परमात्मा भी बंधन की परिधि में निहित है।
@@lactobonbon🙏🙏
charan कमल कहा है महाराज जी 😂😂
निर्बंध कभी बंधन में नहीं आ सकता ,,,वो तो बंधनों को काटने वाला है
वो स्थिर शांत है उसने कोई सृष्टि नहीं बनाई
उसके आधार से सब क्रिएट कर पा रहे
राजा और महाराजा में अंतर है महाराजा राजाओं के ऊपर होता है राजा एक होता है महाराजा राजाओं के ऊपर होता है
शत शत नमन👋👋
,superb talk.
हरी 🕉️ तत्सत ❤️
નતમસ્તક પ્રણામ .........🙏
ओम नम शिवाय
परम शांति - परम आनन्द प्रद ज्ञान।
अति सुन्दर सेवा आपको!! साधुवाद।
I have joined live explain clearly difference amog jeev jeevatma and atma.
Guru ji pernam. Very nice 👌👍
प्रभु ने माया क्यों बनाई
हम भक्ति क्यों करें
हमें मोक्ष क्यों चाहिए
जीव, देवता, ईश्वर और ब्रह्म ये सब क्या है?
Good illustration
बहुत सुंदर चर्चा शत शत नमन
परमात्मा और जीवात्मा में अंतर बीच में जो महात्मा आया मट्ठा काशी स्वरूप सांब सदाशिव और प्रकृति जिनके माध्यम से हम अमरलोक के हंस आत्मा से जीवात्मा संभोग क्रिया के माध्यम से शरीर की उत्पत्ति हुई जिसके अंदर अमर बूंद सूक्ष्म रूप से अस्तित्व मैं था और हरि दर्जी जुलाहा रुपी परमात्मा ने 9 मास में शरीर की संरचना किया स्वयं इस में समाविष्ट रहा सत्य हरि दर्जी का कोई पार न पाया जिन्होंने यह चोला अजब रचाया हरि ओम तत्सत साहब की जय हो
your voice is very impressive.
Very fine.sirji
ॐ ❤
Very nice 👍
गुरुजी जय सियाराम आपके चरणों में नमस्कार
आत्मा सब की अलग अलग है या समस्त की आत्मा एक ही है
Jivatma alag alag hai... But atma sab mei ek hi hai...!!!!
Jivatma = jiv (suksham sharir) + atma...!!!!
Very nise you great
जीव जो नश्वर है ,जीवात्मा,जो जीव को संचालित करता है, और आत्म जो नश्वर नहीं है।जीव जीवंत,स्वरूप संरचना है।आत्म अतिशुक्षम ज्योति है।
jai Gurudev🙏jai Shri Krishna 🙏
शत शत प्रणाम गुरुजी
Good job
सराहनीयम्।सुंदरम्।सादर प्रणाम
आत्मा और परमात्मा दोनों में भिन्नता है ,जीवात्मा शरीर धारण करने के बाद ही, परमात्मा की प्राप्ति हेतु प्रयत्न कर सकता है क्योंकि शरीर परमात्मा की प्राप्ति का एक, साधन व माध्यम है,
Any books you have written in the subject? What's ahamkar?
Thanks
Acharya Manish ji aap bahut badhiya vyakhayan dene h ...kahi kahi to itna spsht batlaya h ki bahut prashsniy h par atma parmatma ke vishay me shayd thoda aur adhyayan baki h
Jai shree Krishna
आज पहली बार आप जी को सुनकर बहुत अच्छा लगा है और तसल्ली हुई है, बहुत ही बढ़िया जानकारी मिली है
Dhirubhai R Nadoda🙏l'm achieving good from you.
Very nice video ji
Om Namah shivay
Aatma kitni hoti h
Please Apka mo no
Jayshirinarang guruji
Hari om shanti jai mata pita guru deta jai mata di God bless everyone long live garu ji ghyan batay raho
जीवात्मा तथा परमात्मा व प्रकृति मे क्या सभी अनादि हैं? केवल परमात्मा? परमात्मा व प्रकृति? उत्तर प्राप्त करने की याचना के साथ सादर नमन ॥
आदि अनादि अघोर ,घोर ,समुचित प्रफुलिट ,पांच तत्व निर्मित तन जीवा,जोड़ मोड़ तोड़,अंतिम चरण सौर भोर ब्रिकुटी दृष्टि दृष्टि ब्रिस्टी अग्नि ज्योति प्रफुल मोह मन काम क्रोध ,लिव ईर्ष्या द्वेषपाप ।☀️
🙏जिसे आप निर्जीव कह रहे हो.. बाल , नाखून, यह देह के मल पदार्थ है, चेतना नही है तो वृद्धी नही... 🙏🙏
जय गुरुदेव गुरुजी🙏🙏🙏🙋♀🌷🌷🌷🌹🌹
जय श्री कृष्ण सदगुरू देव जी नमन् वंदन ।
App ka bahut Danbad je
Very nice. Thank yu.
जयश्रीकृष्ण।
Namskar sadgurude ji ke charno me, man niyantran ke bare me,
Jay mata di❤❤❤
Pranam guruver kripa kre guruji
जीव अर्थात शरीर जो पांच तत्त्व से बना हुआ है
जिवात्मा अर्थात शरीर+ चैतन्य आत्मा
आत्मा अर्थात निराकार शरीर को चलानेवाली उर्जा
अति सुन्दर वव्याख्या
Very Very nice lecture.
Kal and space 7:34
Guruji dhannywad Jai shanidev
Shiv = Aatma
Shakti = Jeev
Shiv-Shakti = Jeevatma
Good view's very nice,but Nam Kia hey kese sapna h
गरीब दश इंद्री औजूद तन ,सो तो कहिये जीव...पाँच पचीसौ रहित है,मेरा साँई पीव.....संत गरीबाचार्य वाणी....
जय श्री राम। क्या मुक्त आत्मा का पुनरागमन उन्हें प्राप्त लोक से उनके कर्मो के क्षय के कारण होता है।
Atma. Malik. Om Gurudev.
Jaya guru dev
Jaishri Kirshna,👍
बहूतछानहरीराम
Jai Jai Jai...
pranam guruji🙏🙏🙏🙏🙏
आत्मा का ध्यान /सुरती शरीर में आती है,मन तन जीव कहते है
हरि ओम तत्सत इसीलिए तो कहा गया तत्व से एक है आत्मा घटा काफी है महात्मा देवात्मा मठा काशी है और परमात्मा परमा काशी है सर्व शक्तिमान है परमात्मा बंधन में नहीं है और यह आत्मा हम जीव के साथ पंचतत्व के अधीन होने के कारण कर्म फल के बंधन में है जिसको ज्ञान से मुक्ति पाकर जब तक शरीर में रहेगा सत्कर्म करते हुए निष्काम कर्म करते हुए अंत में परमात्मा का नाम लेते हुए परमात्मा के धाम को जाएगा परमात्मा की वास्तविक धाम को जानने के लिए सूक्ष्म वेद शास्त्र उपनिषद चारों वेद से परे कबीर वाणी को पढ़ें हरि ओम तत्सत सत साहेब की जय हो
निराकार का कोई प्रतिबिम्ब नहीं हो सकता
Subject is important data. I can understand by examples .Thank you. Pranam swami.
जीव ज्योति उत्पत्ति भनिजे...जो जन्मा सो जीव कहिजे........संत गरीबदास वाणी..
हमें अच्छा तो बहुत लगता है परन्तु यह सब हमारे सर के उपर से जाता है अनंत में हम राम राम पर आ जाते है।