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आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति ईश्वर की प्राप्ति , कृष्ण की प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन इस युगपुरुष को 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l नमन है इस युगपुरुष को 🙏❤️♥️♥️♥️
आचार्य जी आपने बहुत सहजता से तीनों का भेद समझाया। वास्तव में जिसे आम भाषा में आत्मा कहते हैं उसे आप अहम कह रहे हैं और जिसे परमात्मा कहते हैं उसे आप आत्मा कहते हैं। हर समय आत्मा की याद में रहना क्या संभव है ? महसूस किया है परंतु देखा नहीं है। प्रेम करने के लिए शायद इसीलिए राम और कृष्ण को आधार बनाया उनके इस स्वरूप से प्रेम करना परमात्मा से प्रेम करना जैसा नहीं पुरुष में सुख का अनुभव करना क्या परमात्मा से प्रेम नहीं ।
Sansar ki har pahchan jhuth hai..Yani vo hai kaha jo marega...Sachchai jan lena hi atma ka prakat hona hai...Sapna tha jo tut gaya..To gya kya...Bahut sundar Acharya ji,, dhanyvad apka..Naman apko🙏🙏🌺
हम है भी कि नहीं है अगर कोई व्यक्ति आकर यह बोल दे कि मैं नहीं हूं तो उससे पुछो यह कौन बोल रहा है कि मैं नहीं हूं जो है वही तो बोलेगा कि मैं नहीं हूं। ये क्या है?
बार बार निछे टायम देखता हु कि कहि विडिओ खत्म तो नहि हो रहा ? इतना रस आता है आचार्य जि को सुनने मे ! वहि पुरानी विडिओस बार बार देखता सुनता हु अगर थोडा भि समय मिल जाता है तो ! मन को रन्जन इसि से मिल जाता है ! बेहोशी कुछ्न कुछ घट्ती जा रहि है ! ये क्या है ? ग्यान के प्रती वस प्रेम हुआ है या जागृती कि लक्षण येहि है - यकिन नहि हो रहा ! कोइ उनसे ये सवाल पहुचा दे ! नेपाल से सभिको नमस्कार !!!
Sab kuch ek nahi sabko alag maje milenge aur saja bhi,, jab sansar create hua hai toh jaisa dikh raha hai Vaise hi sab alag hai Because sabki yatra bhi individual hai,,, tagada panga hai
श्री सदगुरूश्चरणकमलेभ्यो नमः।एक जटिल संदेह कृपया निवारण कीजियेगा -जीव /जीवात्मा को बारम्बार जन्म लेना ही पड़ेगा कलियुग के बाद सतयुग मे देवता का उसके बाद क्रमशः त्रेता द्वापर फिर कलयुग मे ,इस तरह अनवरत चलता ही रहेगा मगर वेन्दान्त मे मोक्ष को विवरण है आत्मा का ब्रह्म मे लीन होना तादात्म्य होना ही मोक्ष है ।अब ये दो मत आ गये ।ब्रह्माकुमारी वाले मोक्ष नही मानते ।कृपया समाधान कीजिये कि मोक्ष है या नही या जीव को बारम्बार जन्म मरण के चक्कर मे ही रहना पड़ेगा अर्थात प्रलय नाम की कोई चीज नही है ??????
Pranam acharya ji .sahi raste par chalne ka sukh bahut bada hai .kyu ki maya ka sukh bahut uljhaye aur daraye rakhti hai .dara hua insan sukhi kaise hoga .
Great video! Brings so much clarity, Acharya Jee. On the example of father and son in Garden, It is mentioned that the father has already given the bell to the son. in the same analogy, what is the bell in real context?
Bell in the real context Acharya Ji referring to Intelligence, Discretion, Guru like Acharya Ji, Saints sayings and Scriptures which helps in liberation of Jeevatma.
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Aachary ji parnam guru ji aap pure bhart me ghumte ho ek baar hmare rajasthan ke paschimi area me bhi aao
प्रनाम आचार्य जी
राजीव दिक्क्षीत
के जीवन के बारे मे चर्चा किजिये
Radhe Radhe Prabhu ji
शरीर भाव के भ्रम के मिट जाने से जो ज्ञान का प्रकाश होता है उसी से कैवल्य पद की प्राप्ति होती है
🌺🙏🏼🌺
सत्य का अपना अलग आनंद है.
ऐसा नहीं जो सही जीवन जी रहा है उसको दुख नहीं मिलता ...🌺आचार्य जी 🌺
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति ईश्वर की प्राप्ति , कृष्ण की प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन इस युगपुरुष को 🙏आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l
नमन है इस युगपुरुष को 🙏❤️♥️♥️♥️
आत्मा ही परमात्मा है
Aap hanste muskurate bohot bohot achhe lagte Hy...hume to yahi sukh milta Hy...🙏🙏💐💐💖💖
जीवात्म >>> अहम
आत्म>>>>परमात्मा ❤
आचार्य जी आपने बहुत सहजता से तीनों का भेद समझाया। वास्तव में जिसे आम भाषा में आत्मा कहते हैं उसे आप अहम कह रहे हैं और जिसे परमात्मा कहते हैं उसे आप आत्मा कहते हैं। हर समय आत्मा की याद में रहना क्या संभव है ? महसूस किया है परंतु देखा नहीं है। प्रेम करने के लिए शायद इसीलिए राम और कृष्ण को आधार
बनाया उनके इस स्वरूप से प्रेम करना परमात्मा से प्रेम करना जैसा नहीं पुरुष में सुख का अनुभव करना क्या परमात्मा से प्रेम नहीं ।
Acharya ji ne aaj ache se samjha diya aaj. Dhanyawad acharya ji. 🙏
Very deep knowledge. Insan ne paise ko hi bapu bana liya hai.
मेघ वायु के द्वारा आता है और फिर उसी के द्वारा चला जाता है इसी प्रकार मनसे ही मन बधंन की कल्पना होती है और उसी से मोक्ष की!!
Adhyatam mei azadi hai 😇 .
अद्भुत वार्तालाप अनमोल वचन जय श्री राम
परमात्मा ने सब रचा है ,पर वह रहता कहां है
Aap mei
Pramatma rachiyata nahi he
Parmatama toh har jagah hai
रचनाकार तो अहंकार है।
तो किसने रचा हैं@@atulshekharupadhyay315
Cotti cotti naman acharya ji 🙏🙏🕉️🕉️
🙏🙏कोटि कोटि वंदन मेरे प्रभु
हम माया से मोहित हो रहे हैं 🙏
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏
आभारी
जीव का अंहकार जीवात्मा 🙏
अद्भुत, kya samjhaya aapne, mujhe pura samjh aa gaya
🙏🙏☺🙏😯💝 बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी जय श्री राम
आचार्य जी को शत् शत् नमन्
🙏🏻Jay shree krisha🙏🏻
Bahut samaj me aaraha hai
Pranam🙏
Hey guru dev pranam aap ke charno me ❤❤
Pranam achrya ji...
सत्य हैं आत्म सत्य बराबर आत्म बराबर ब्रह्म
सत्य हैं आत्म >> सत्य= आत्म= ब्रह्म
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
एक उम्मीद पर पूरा जीवन समाप्त हो जाता है।
Koti koti pranam Guruji 🙏🙏
Jai ho 🌹🙏
माया
अर्थात
जिसकी सत्ता नहीं है 🙏
सत का अभाव नी
असत की सत्ता नी🙏
Special thanks guruji pranam thanks
धन्यवाद, आचार्य जी...🙏🏻🙇🏻
जबरदस्त गुरु जी 🔥🔥🔥🙏🙏🙏
Naman acharya shree thanks
Ek Dm Truth Bate Btayi Achary ji NAMASKAR ACHARY JI 🙏🏻🙏🏻
Anmol janta hai ❤️❤️
pranaam acharya ji
pranam guruvar!
नमन ❤️🙏🙏
Good morning acharya shree thanks
Sansar ki har pahchan jhuth hai..Yani vo hai kaha jo marega...Sachchai jan lena hi atma ka prakat hona hai...Sapna tha jo tut gaya..To gya kya...Bahut sundar Acharya ji,, dhanyvad apka..Naman apko🙏🙏🌺
प्रणाम आचार्य जी...🙏🙏🙏❤😊
आचार्य जी को प्रणाम.
प्रणाम आचार्यजी।
Thanku sir ji gud guidance 🙏
अत्यंत सरल परिभाषाएं ।।।।
जीवात्मा आत्मा एक ही है किन्तु परमात्मा आत्मोत्कर्ष का अंतिम बिंदु है ।
Jee nhi starting me 2 minutes starting me badhiya se suniye....aatma aur parmatma ek h...
धन्यवाद आचार्य जी 🙏
Guruji thankyou for this video
🙏प्रणाम आचार्य जी
Pranam Acharya Ji
Bohot sahi udaran liya
Love you acharya ji
Dhanyabad acharya ji
Apko naman
Veri nice gyan
Happy holi bhagwan 🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya g parnam
I love you Sir
Happy Dipawali
🎊🎊🎊🎈🎈🎈🎈🎁🎁🎁🎁😘😘😘😘😍😍😍🎆🎆🎆🎆
Naman.
🙏🙏🙏Naman acharya jee
Namaste acharya.
Nice video
Very nice
👏👏👏
हम है भी कि नहीं है अगर कोई व्यक्ति आकर यह बोल दे कि मैं नहीं हूं तो उससे पुछो यह कौन बोल रहा है कि मैं नहीं हूं जो है वही तो बोलेगा कि मैं नहीं हूं। ये क्या है?
Thanks for give this best best best knowledge
💛
बार बार निछे टायम देखता हु कि कहि विडिओ खत्म तो नहि हो रहा ? इतना रस आता है आचार्य जि को सुनने मे ! वहि पुरानी विडिओस बार बार देखता सुनता हु अगर थोडा भि समय मिल जाता है तो ! मन को रन्जन इसि से मिल जाता है ! बेहोशी कुछ्न कुछ घट्ती जा रहि है ! ये क्या है ? ग्यान के प्रती वस प्रेम हुआ है या जागृती कि लक्षण येहि है - यकिन नहि हो रहा ! कोइ उनसे ये सवाल पहुचा दे ! नेपाल से सभिको नमस्कार !!!
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
namaste guru ji
नमन आचार्य जी
🙏🕉️
🙏😭
Sab kuch ek nahi sabko alag maje milenge aur saja bhi,, jab sansar create hua hai toh jaisa dikh raha hai
Vaise hi sab alag hai
Because sabki yatra bhi individual hai,,, tagada panga hai
क्या चेतना ही आत्मा है
🙏🌹🙏
Best lesson i ever heard 🙏🙏🙏🙏
Log jante hai ek din kho Jana hai।
Par khona nhi chahte।
सत सत नमन गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏
मा = नहीं
या = जो🙏
घंटी बजाओ बापू पाओ,
बाल काटने वाले हैं,पर उनके लिए नहीं है जो बाल नहीं कटवाना चाहते।
Good
❤️❤️❤️❤️
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
To demolish all that fall
🌄🌄🌄
Sir बापू वाला उदहारण😄😇😇😇😇
श्री सदगुरूश्चरणकमलेभ्यो नमः।एक जटिल संदेह कृपया निवारण कीजियेगा -जीव /जीवात्मा को बारम्बार जन्म लेना ही पड़ेगा कलियुग के बाद सतयुग मे देवता का उसके बाद क्रमशः त्रेता द्वापर फिर कलयुग मे ,इस तरह अनवरत चलता ही रहेगा मगर वेन्दान्त मे मोक्ष को विवरण है आत्मा का ब्रह्म मे लीन होना तादात्म्य होना ही मोक्ष है ।अब ये दो मत आ गये ।ब्रह्माकुमारी वाले मोक्ष नही मानते ।कृपया समाधान कीजिये कि मोक्ष है या नही या जीव को बारम्बार जन्म मरण के चक्कर मे ही रहना पड़ेगा अर्थात प्रलय नाम की कोई चीज नही है ??????
लव यू
dada
Pranam acharya ji .sahi raste par chalne ka sukh bahut bada hai .kyu ki maya ka sukh bahut uljhaye aur daraye rakhti hai .dara hua insan sukhi kaise hoga .
Great video! Brings so much clarity, Acharya Jee. On the example of father and son in Garden, It is mentioned that the father has already given the bell to the son. in the same analogy, what is the bell in real context?
Yeah I also want to know how to ring a bell.
Bell in the real context Acharya Ji referring to Intelligence, Discretion, Guru like Acharya Ji, Saints sayings and Scriptures which helps in liberation of Jeevatma.
आचार्य जी प्रणाम आचार्य जी वह घंटी क्या है कृपया संकेत करिए हमारे जीवन में बहुत दुख है हम तड़प रहे हैं सिर्फ उसी के लिए जी रहा हूं नहीं तो मैं मर जाता
Dislike kyo karte ho
Pranam gurujii, atmagyan aur gyan mein kya difference hay