For maharaj surajmal(from bharatpur) sir he told maharaja bhau to fight in summer and also adapt gorilla war strategy, as abdali have adapted themselves to fight in winter and are weak in summer but don't know why he didn't listen to him but as they have good relations(earlier) maharaja surajmal give saran to the brave maratha soldiers and ladies for 6 months and we are not enemies but due to misconception and lack of knowledge of bharatpur and surajmal marathi ppl took us wrong(not all), but we are still your true brothers(bonding❤) ❤❤
@@jitenderroj165 just because of some mistakes and not well familiar with each other and all are think that if maratha win war maratha rule on Delhi and all other like Rajput, nawab,jat, Hindu raja no one help to maratha
Sadadhiv bhau was a fierce fighter ,,,,he take strands with thousands difficulty and dare to break face of abdali,,,,,people's who boasting about their cast's shown their real face in panipat battle,,,,by the fear of abdali,,,,
@@AmandeepSingh-hj6qc sahi baat sikhon ke liye ye baat bilkul suit karti Hain. Isi khud ke raaj ki wajah seyn afghan weak Huey aur tumko mauka Mila nahi toh tum ghanta kuch Kar nahi patey afghano ka.
Abhishek kaushik ha beta lekin jyada khush mat ho unn logo ka DNA tum UP/Bihar ke brahmin se different hai. Brahmin ek Varna hai koi tribe nahi , isliye apna connection mat lagaya karo Peshwao se
A few hundred trained soldiers with better war strategy can defeat a much larger army. I want to tell you some mistakes of Sadashivrao Bhau: 1) He was overconfident and didn't make alliance with Surajmal. The cost of life of those slaughtered civilians was much bigger than Surajmal's demand. 2) He ignored Surajmal's advised and took those civilians in battle field. Food finished and starved soldiers couldn't sustain long in battle filed. 3) After winning Kunjpura, he didnot return to Delhi immediately but went further north towards Kurukshetra. Giving way to Abdali cross Yamuna river. Grave mistake! 4) After Viswasrao was down, he came down from elephant and started fighting like ordinary soldiers. Maratha army got terrified without seeing him as leader and started running away from battlefield.
विश्वास पाटील की किताबे वाकई मे बहुत जबरदस्त है. किताबवाला वाला सेगमेंट मे हिंदी और इंग्लिश के अलावा अन्य भारतीय भाषाओ मे लिखी जानेवाली किताबो को भी सम्मीलित किया जाना चाहीये......यह प्रार्थना है
राजा सूरजमल ने मदत नहीं दी। क्यूंकि हमने सुजा उधोला को दिल्ली का अधिकारी बनाया था। और राजा सूरजमल इसलिए हमसे बदला चाहता था। अंत में जाट और मराथो को एक ही आदमी ने धोका दिया सुजा उद्दौला। और सूरजमल देखते रहे। गलती हम सबकी है।
@@Trials_By_Errors jaha tak maine padha hai oosme maharaj surajmal ne yudh k samay maratha sainiko k liye medical camp bhi lagvaye the......or rahi baat yudh ki to maharaj surajmal k baare me padh ..k ku saath ni diya gya tha.....or agr nahi padh skta to oopar k comment padh le.....yudh me saath na dene vala medical camp bhi na lagvata....thoda apne aap bhi soch liya karo apne deemag se
@@aanandsingh6615 Marne ke baad madat kar ke Kya fyeda mere dost Pahle madat ke liya aate to dono me milke pure Afghan ko kat diya hota lekin surajmal jat ji samjhe nahi
मैंने जो पढ़ा है, उसमें ये कहा गया है कि राजपूतों ने मदद नहीं कि क्योंकि उनसे मराठा चौथ लेते थे, तो उनको कोई सहानुभूति नहीं थी. भरतपुर के राजा ने इसलिए मदद नहीं की क्योंकि मराठा चाहते थे कि गद्दी मुग़लों के पास रहे(न कि मराठा, जैसा इन्होंने कहा है), पर सूरज मल ने कहा कि राजा कोई हिंदू/या स्वयं सूरज मल होने चाहिए. पर बात नहीं बनी. सूरजमल ने फिर भी उनको कहा कि थोड़ा रुक कर जाएं क्योंकि वो जानते थे कि मराठा ठंड में नहीं लड़ पाएंगे, और अफगानियों को ठंड की आदत है. इधर भी गलती हुई. अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सही किया जाए.
@@avinashkataria3026 BHAI kyu sath nahi Mila .....Maine padha ki wo inke bahut atyachaar se tang aa gaye the Isliye Jaat, RAJPUT,Sikh ne sath nahi diya tha.....pata nhi Mai Galat hu ya Sahi
Jab pyar se samjane pe nahi samajte tab jabardasti hi karni padti hai.. panipat ki ladai jitne me pure india ki bhalayi thi.. jo baki indian raja ko samjne ki akal nahi thi.. wo bas chahte the k maratha nahi jitne chayiye.. aur ye bat pure india ko le dubi.. 150 years angrejo ke gulam bane rahe
आप बिल्कुल ठीक हैं ,मुगल और अंग्रेज ज्यादा स्थिर शाशन इसलिये दे पाये क्यूकि इनको शाशन करने की समझ थी ,कर Tax एक सीमा में लेना और अच्छा व्यवहार बनाये रखना ,ज़रूरत पड़ने पर मदद भी करना ,मातहत की कम्फर्ट जोन का ध्यान देना ,सम्मान देना ये मुगलों और अंग्रेजों दोनो को आया ।युद्ध एक सीमा से ज्यादा करने पर आप आर्थिक रुप से कमजोर होते हैं ,युद्ध आखिरी विकल्प है ,राजनीतिक श्रेष्टठता आपको शाशन करने में ज्यादा मदद करती है बजाय युद्ध के ।मराठा लोगों की नीति शिवाजी के बाद स्वागत योग्य नहीँ ।बार बार हिन्दू राजाओं ने मदद नहीँ की कहा जाता है ।मराठे मदद योग्य नहीँ थे ये जीतने की स्थित में बुरी तरह शोषण करते थे ।
Film wale ne pissa kamane aur zhagade lagane film banwai he.maratha history channel ne kum pisse me Aachi jankari ke sat video banwai he. Panipat ki har १दुश्मन की ताकद को कम समजना. २ पेशवा का उत्तर में नही जावा. ३हमले में देरी करना.27-10-1760 में जब अब्दाली समालखा मे था तब हमला करना चाहिए था. ४.सरदारों मे एकता ना होने. नजीब खान को जिंदा रखना. ५.जादा आत्मविश्वास होना. ६.नजीब खान,सुजाउद्दौला,हाफिज रहमतखान ,अहमद खान बंगश,कुतुबशहा ,अब्दुल समद खान को पहले ही खत्म करना चाहिए था. ७ और सबसे महत्तव का सच शाहवली उल्ला देहलवी जिहाद का प्रसार और अब्दाली कोकण पत्र लिखकर इस्लाम बचाने बुलाने. इन कारणों के कारण पानिपत में पिछेहाट हुई. बाकी के राजाओं ने मदत नही की इसके कारण हार नही हुयी हैं
@@generalkai2417 bandar sikhone khud marathon ki help Lin thiiin. Kuch sikh Afghani ki side bhi theyn. Tax liya war ke liye Sena banane ke liye Punjab ki baji padi thiiin afghanoseyn 5 times harminder Saab Toda jaa Chuka thaaan . Pehle malum Kar fir aaja baat karne. Samja
मराठा मुगलों के सबसे बड़े भक्त थे। जनवरी 1754 में गाजीउद्दीन के कहने पर मराठा जाट हिन्दू राजा सूरजमल का ही कुम्हेर किला लूटने पहुँच गए। फिर मराठे दिल्ली में मुगलों को गद्दी पर बिठाने के लिए पानीपत लड़ने चले गए, मराठाओं ने जिस शुजाउद्दौला को दिल्ली के लिए चुना वो भी अब्दाली से जा मिला। और यही मराठे 1805 में अंग्रेजों के साथ मिलकर जाटों का ग्वालियर लूटने पहुँच गए। लूट के मामले में मराठाओं ने मंदिर भी नहीं छोड़े, 1759 में उन्होंने तिरुपति मंदिर भी लूट डाला। मराठाओ ने बंगाल के हिंदुओं को कैसे लूटा इसका विस्तृत जिक्र "महाराष्ट्र पुराण" में मिलेगा। मराठा मुगलों को गद्दी पर बिठाते रहे और हिंदुओं को लूटते रहे। और जब हारे तो सारा दोष दूसरे हिंदुओं जाटों, गुज्जरों, सिक्खों पर डाल दिया। जैसे आज की शिवसेना ने मौका देखकर कॉंग्रेस का हाथ थामा और बदनाम बीजेपी को कर दिया।
@@generalkai2417 bandar aaj ki army ki list main medal sikhon ke jyada Hain Kyu ki sab britishon ki Sikh regiment India ka part bani. Rahi baat marathon ki Jake check Kar sabsey pehli freedom fighting against britisher bhi marathon ke hin Hain. Bahadur Saab hotey Hain Lek in kuch log sirf khud ko bahadur manke chalte Hain. Aur ek baaat medal list ki baat up Bihar ke logo ki main baat nahi Kar raha Hun. Yaha sikhon ki baat hon rahi Hain. Jarur unka jarur contribution Hain Lek in sabsey jyada nahi Hain.
महाराज सूरजमल और मराठो की लडाई पहले हो चुकी थी, जिसमे महाराज सूरजमल और राजपूत राजा ईश्वरी सिंह की बीस हजार की सेना ने मराठों और राजपूत राजा, माधो सिंह- ईश्वरी सिंह के भाई, की दो लाख की फौज को हराया था। सदाशिव राव भाऊ दिल्ली मुगलों को देना चाहते थे, तो फ़िर लडाई किस कर रहे थे। दिल्ली तो 1753 मे महाराज सूरजमल ने मुगलो से छीन ली थी, तभी तो मुगलों ने कहा कि दिल्ली मे अब जाट गर्दी चल रही है, जो लोग आज भी कहते है। जब मराठों ने 1761 मे पानीपत की तीसरी लड़ाई हारी तो महाराज सूरजमल ने मराठों की एक लाख की घायल फौज को अपने यहां एक साल तक रखा और देखभाल की और एक रुपया प्रति महीना दिया, बदले मे क्या लिया- कुछ नही। फ़िर 1763 मे जब 25 दिसम्बर को दिल्ली के लाल किले को महाराज सूरजमल ने जीत लिया था, और उनका राज्यभिषेक होना था तो, कुछ गद्दारो की मुखबिरी के कारण उनकी हत्या उस समय की गयी जब वे हिंडन नदी मे नहा रहे थे। उनकी हत्या का बदला उनके पुत्र वीर जवाहर सिंह ने लिया और दिल्ली के लाल किले पर कब्जा कर लिया, आगरा के लाल किले पर तो महाराज सूरजमल का कब्जा था ही, अब दोनो लाल किले वीर जवाहर सिंह के पास थे, तब विजयी अहमद शाह अब्दाली कहाँ था। 1857 की क्रांति मे राजा नाहर सिंह ने अंग्रेजो से दिल्ली 134 दिन तक मुक्त रखी, तब मुगल बादशाह कहाँ था, और महाराज नाहर सिंह को धोखे से पकड़कर चन्द्नी चौक मे जनवरी 1858 मे फाँसी दे दी गयी, किसी को मालूम है क्या? मेरा प्रश्न:- मराठों ने महाराज सूरजमल के साथ युद्ध किया और हारकर सन्धि की थी, इसके बावजूद भी मराठे महाराज की ना तो इज्जत करते थे और ना ही उनकी सलाह मानते थे तो आप एक कारण बताओ कि महाराज सूरजमल, वीर सदासिव राव भाऊ की सहायता क्यों करते, ?
@@boonslang6689 ha mughal alg the... Jinhone unche unche qile banwae, aalishan mahal banwaya aur duniya ko ye btaya k hm yha lutne nhi rehne aye hai... But mindless ppl ko kaise samjhaun jinho ne history parha hi nhi
Maharaja SurajMal to ready thay help krne ka liye.. but Marathas ready ni thay unki baat manne ka. After war to Maharaja SurajMal ne hi save kiya Maratha's ko.
यूद्ध लड़ा के मजाक किया ? कितने परिवार उजाड़ गए। बिना तैयारी के, बिना संगठन तैयार किये कोई भी लड़ेगा तो हारेगा ही। इतिहास में अधिकतर युध्द उसने नहीं जीते जो बहादुर है बल्कि उसने जीते जिसका संगठन मजबूत था।
If maratha had won panipat war 3 ,neither country would been divided under maratha rule nor British would had invaded India ,Maratha warriors were resilient , betrayed by own people from another state Maratha falled and rest history is known
Only Maharaja Ranjit Singh was able to stop the British from invading Punjab. Whole India was a British Colony for 100 years but Punjab was the only independent state and British couldn't dare to fight with Maharaja Ranjit Singh. It was only after his demise that British invaded Punjab . It took them 100 years to set foot on Punjab .
nahi britishers ki strategy yeh bhi thi ki majboot sena kab kamjor ho tab attack karo jaisey haider ali ke time mysore ki sena majboot thi par tipu ke time sena mein gaddar bhar gaye jo sena ko kamjor kar diye. tipu sultan iss liye nahi haara ki mysore ki sena kamjor thi haara iss liye kyo ki sena mein aisey log aa gaye jo mismanagement mein maahir they jaisey mir saadiq
@@highlander2980 britishers ko yeh pata tha ki ranjit singh punjab lene nahi dega wait kia time lia ki gaddi pe kamjor maharaja bethey jo baad mein bethey. kohinoor heera inme se kisi maharaja ne victoria ko de dia tha.
Marathone jarur delhi luthi hogi lekin kabhi kisi majhahab ki auraton ko nahi lutha. Kyoni ki hamare upar chatrapti shivaji ke sanskar hai. Mai khud maratha nahi hu "dhanagar" hu. Aur maratha samryajya akela marathoka nahi tha vuse "hindavi swarajhya" kahate the.
I absolutely agree with Vishwas Patil. I used to think that Shreemant Sadashivarao Bhau was the reason behind the defeat at Panipat but it was not. He was forced to make lots of strategical faults due to religious and political reasons. During the battle Damaji Gaikwad left his position and attacked the Afghan flank, his duty was to provide reinforcements and to guard Gardi platoon not get involved initially, because of this mistake Bhau, Vishwasrao and all the civilians were exposed to afghan fire. Lot's of people said that Shreemant Sadashivrao bhau commited mistake when he himself got involved in the fight, what options did he had when you're troops are deserting. He charged 3 times towards Abdali, but very few men accompanied him in his charges. The main culprit behind Panipat is not Bhau or Vishwas rao the main culprit is Malharrao Holkar, Peshwa had ordered him to kill Najeeb khan, but he didnt. When Dattaji Shinde was fighting with Najib Khan Holkar was busy in Rajasthan. Didnt he knew what was about to come? Even after death of Dataji he was still in Rajasthan. I only appreciate him for one thing and it is that because of him lots of civilians were saved after Panipat. But Malharrao Holkar commited a huge mistake knowingly or unknowingly.
Bajiraoji was an exception in peshwas while he was alive his relations with Rqjputs were good and he was ultimate warrior with responsiblity ,the real fact in peshwas themselves didnt support their families,why did they took Ladies when you are going for a war and that also if you dont know the geographic or you havent visited a place before?Have you ever seen mughals with their queens while invading india?Actually peshwas were overconfidence for power and chauth
Maratha saabse bahadur qaum ha jinhone apne dharm🚩 ko sabse jiyada sambhal ke rakkha aur dharm ka palan kiya. auro ke tarha apne dharm ko mughlo ke haatho nahi chora like rajput ect.. Jai Maratha🚩, Jai Shree Ram🚩, Chatrapati Shivaji Maharaj ki jai🚩, Jai Hind🇮🇳
Delhi ki thand ka intezam nahi kar ke Gaye Aur Jeet ka itna yaqeen tha ki ladies Ko sath me legate yuddh me Ye ek bevequfee thi Maratha gorilla war me hi expert the unhe itni badi medani aur khuli Jung ka koi Anubhav nahi tha Aur abdali us waqt ka Sabse taqatwar senapati tha Maratho ne yuddh me koi communication line nahi banati thi Sab ek sath lade Kkoi reserved force nahi Rakhi Aur abdali ne accha communication system banaya tha Wo khud Jang me nahi tha par ek pahad ki choti pe se Sara nazara dekh Raha tha aur uske hisab se ran niti Badal Raha tha Jab bhau mara Gaya to maratho ka atmabal tot Gaya aur phir sari baji Ahmad Shah abdali ke pale gayi
सब बातें है अगर मराठे जीत जाते तो इतिहासकार कहते औरतों और बच्चों के कारण मराठों का मोरल हाई था अन्य हिंदू राजाओं ने बहुत थोड़ी सी मदद करीें परंतु बहुत महत्वपूर्ण मदद करी
When? And did they fought Arabs, Turks, Ghaznavid, Ghurids, Persians, Mamluks, Selujiks, Khilji, Tuglak Sayyid, Lodis, Suris? Rajput fought these invaders Real fighters
Actually neither Marathas lost nor Abdali did win. Abdali had attacked India with a purpose to loot Delhi in particular and India in general. Abdali was actually involved in earlier invasion of Delhi by Nadir Shah as he was one of the deputies of Nadir Shah. Although Sardar of Marathas Vishwas rao was killed in the Panipat battle and Marathas suffered heavy losses , Abdali too suffered heavy losses and had to return to Afghanistan empty handed. So Abdali's purpose of attack was foiled. Just because Marathas sardar was killed, and Abdali was not, it cannot be said that Abdali won. Abdali also lost Marathas also lost heavily but were successful in repealing invading forces. You may say it was an inconclusive battle in which neither side was a clear winner.
Yeh sahi hai ki maharaja patiala ke ilawa kise aur ne Maratha ki sena ko support nahi kiya.hum sikh ajj bhi Marathi logo ki izzat karte hain.sikh,maratha,rajpoot,inke khoon main hi bahaduri hai.india main aur bhi kaum hain jo bahadur hain lekin mujhe unke bare main zyada nahi pata.uske liye main maafi maangta hoon🙏
Bhai saajan maharaja surajmal jaat ke baare main mat bhool jaana bharat ka ek lauta ajay raaja 80 yudh kade ek bhi nagi haara mughal aur angrez dono ko akela haraaya
@@generalkai2417 bhai army main jaato se zaada koi naa hai naa koi is desh main jaato se zaada bahadur beta jab jaat ke yaha do bete paida hote hai na ek sarhad par jaata hai aur ek khet main deshbhakti seekhni hai toh humse seekho. Jaat balwaan jai bhagwan 🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻
When Ahmed shah Abdali defeated & captured maratha ladies and children and was taking them to Afganistan, sikh generals attacked muslim artillery and freed them and arranged to send to their families., Vishwas ji should praise this brave act.
Bhosadike kaunse duniya main rehta hai re. Tu jaanta kya hai re hamare Maharaj ke baare main. Maharaj ne aisa kabhi bhi galti se bhi nahi bola tha Shambhu raje ko. Woh sabko ek hi nazar se dekhte the. Sab ko apna mante the. Kuch pata nahi hai toh bakwaas mat kar chutiye.
I beg to differ on your point, Sadashiv Rao Bhau was majorly responsible for loss at panipat 1. He took pilgrims double the number of soldiers with him. 2. He took women & children to the north across Chambal against the advice of Maharaja Surajmal Jaat, Ibrahim Khan Gardi, Malharrao Holkar & Mahadji Scindia. 3. His hot headedness & Short tempered nature created a rift amongst Maratha allies especially Jaats. 4. After the victory of Kunjpura, he celebrated for almost 2 days & spent another 2 days at Kurukshetra, without paying any attention towards Abdali's movement. 5. He wasted almost 1.5 months in panipat when his Ibrahim Khan Gardi hatched the plan to break the siege at earliest as Abdali was weaker after crossing Yamuna during floods.
Person is giving Wrong facts,actually what happened that Marathas rulers were having friendly terms with Muslim rulers of Delhi at that time, but local north Indian rulers were fighting with Delhi Delhi Muslim rulers..That is why north Indian rulers did not sided with Marathas.
@Sachin Jadhav At that time ,marathas were expanding and become over ambitious. They were collecting tax called Chouth from small kings of north..Jat Maharaja Surajmal of Bharatpur was powerful and experienced in wars in north at that time.He was also friendly with marthas and has advised to station pilgrims and children and ladies of Martha army to be stationed at Bharatpur while maratha army going to Panipat.But Marathas were underestimating Ahmed Shah abdali,so they did not heed to advice. Maharaja Surajmal wanted to be ruler of Delhi after Panipat war,but Sadashiv on advice of holker,back out from this initial promise which they had given to him ,but marthas were rather interested and promised Shah Alam 2 mughal Smrat to be reinstated, as they wanted a weak Mushlim ruler in Delhi and not wanted any Hindu ruler to rule Delhi ,as they wanted their dominance over Delhi.Becasue of broken promise and Marathas also misbehaved and even tried to arrest Maharaja Surajmal.Because of this insult and broken promise Maharaja Surajmal did not join Marathas ,but still helped many soldeirs and pilgrims, and ladies and children to go back to Martha kingdoms after defeat in war.
Maratha Hindustan Ko aapna mante thee .ager chahate to war nahi kar sakate thie.but unhone War kiya Hindustan bachne ke liye kiya. Abdali ke Sath maratho ka kuch bee dushmani nahi thee. And maratha harne ki vaja thii unaka sath kisane nahi diya and unake sath baki Rajao ne dekho kiya .
Ek dum sahi bat he hum log pehele se hi ese he ek dusre ki tang khichne me lage rahete he isliye to itane salo tak gulami zel ni padi pahele mughlo ko bad me angrejo ki abdali dehli ko loot ta is se hume kya fark padne wala tha jab ki hum to pure maharastra ko azad karva chuke the lekin humara mughlo se samjhota huva tha ki agar dilli ko kosi se khatara hota he to hum aapni Jan dav par laga kar bhi dilli ko bachaye he us ke badle me hum mughlo k ilake se chot or sardeshmuhi vasul kar sakte he he adhikar khud mohmad Saha rangila badasha ne hume likh kar diya tha us me rajputana panjab malva u.p Gujarat ke sabhi ilake atethe to phir log ise loot ka nam kyu dete he apani namardangi chupane k liye maratho par ilzaam lagate he jab Aurangzeb inki bahu betiyo ki izzat nilam karta tha tab kyu mardangi dikhai nahi or hume lootera bolte he agar maratho ne abdali ko roka nahi hota to aj hum abdali ke vanshjoke gulam hote tab inhe pata chaltaki azadi ka matalab or use barkarar rakhna kitana muskil hota he ab jab azad bharat me peda huve he to badi badi bate kar rahe he sale......jay bhavani jay shivaji jay Maratha jay yadukul jay bharat
पानीपत युद्ध मराठा अपनी युद्ध नीति और अहंकार की वजह से हारे मराठाओं ने राजस्थान के राजपूत राजाओं , वर्तमान हरियाणा के जाट योधाओं और पंजाब के सिख योधाओं को साथ में नहीं लिया मराठाओं को खुदपर घमंड था लेकिन पानीपत और महाराष्ट्र के जमीनी हालत बहुत अलग थे यह समझने में गलती की मराठाओं ने
Aisa bolana galat hoga maratha army be sabhi se madat mangi sirf sikkh raja chodke kisi ne bhi madat nahi ki har ek ko Delhi ki gaddi chai thi Surajmal jat ji,rajput, nawab, Hindu raja koi bhi help ke liye nahi aaye
@@jagdeeprai8067 aala Singh ji ne madat ki ye barabar hai likein bhau galat nahi the.bhau Kya karte jab koi sath nahi deta to. Sabhi ko samjhna chiyetha ki abdali deah ka dushman tha marathon ka ekele ka nahi Aaj agar Pakistan ke sath war hua to aap bologe Kya ki modi ko ego bahut tha eisle asi hua
@@ajitshinde9277 भाई भाऊ गलत नहीं थे लेकिन अपने आप को सबसे ऊपर माना उनहोंने इसी वजह से राजपूत राजाओं से उनके युद्ध भी हुऐ बाकी महाराष्ट्र और पानीपत के जमीन में बहुत अंतर था महाराष्ट्र के कण कण से वाकिफ थे मराठी लेकिन पानीपत से अंजान थे
@@ajitshinde9277 us waqt country thi hi nahi. Riyasat hoti thi. Isliye Maratha desh ke liye nahi balki apni riyasat failane gaya tha! lekin Abdali se Chudwali 😂
The Maratha loss at the Third Battle of Panipat in 1761 can be attributed to several key factors: 1. **Logistical Challenges**: The Maratha army was far from its base in the Deccan plateau, extending its supply lines significantly. They faced immense logistical difficulties, including scarcity of food and supplies, which weakened the army even before the battle began. 2. **Harsh Winter**: The battle took place in January, during one of the coldest winters recorded, which added to the hardships faced by the Maratha troops who were not accustomed to the severe North Indian winter. 3. **Tactical Errors**: Sadashivrao Bhau made several tactical errors, including the decision to engage in a prolonged siege of Kunjpura, which exhausted his troops and resources. Additionally, the Maratha army’s formation and strategy during the battle itself were not effectively adapted to counter the Afghan tactics. 4. **Superior Cavalry of Afghans**: Ahmad Shah Durrani's forces had a formidable cavalry which played a crucial role in the battle. The Afghan cavalry was able to execute effective charges against the Maratha infantry, which was not as well protected or as mobile. 5. **Internal Divisions**: The Maratha forces were not a single unified force but comprised various factions from different regions, each with its own interests. This lack of cohesion affected their combat effectiveness and strategic unity. 6. **Absence of Key Allies**: At Panipat, the Marathas were unable to secure the support of other major Indian powers who might have countered the numerical or strategic advantages of the Durrani Empire. Potential allies such as the Rajputs and the Jats did not participate in the battle, limiting the Marathas’ ability to present a united front against the Durranis. 7. **Diplomatic Maneuvering by Durrani**: Ahmad Shah Durrani successfully managed to isolate the Marathas diplomatically by securing alliances and neutralities with other Indian powers, ensuring that the Marathas faced the Afghan forces without the support of other significant regional entities. The cumulative effect of these factors led to the devastating defeat of the Marathas at Panipat, which had long-lasting consequences on the political landscape of India, significantly weakening the Maratha Empire and paving the way for increased British influence in the region.
इतिहास तो पढ़ लेता इतिहासकार।। भरतपुर रियासत ने साथ क्यों नही दिया ये भी तो बता देता। घने होशियारी के फार्म भरे थे मराठाओ ने। ओर युद्ध के बाद मदद भरतपुर ने ही कि थी किसी ओर ने नही। महीने तक उनका खाना पीना ओर दवाई भरतपुर ने ही कि थी
@@sahilmehta3793 भाई इमोशनल मत हो उन कारणों को पढ़ जिसकी वजह से मदद नही की।। मराठा अतिउत्शाह म चूर थे और वो किसी की भी मानने को तैयार नही थे यहां तक कि महाराजा को बंदी बनाने की योजना भी बना डाली थी।। ओर जब 1757 म अब्दाली ने ब्रिज पर हमला किया था तब कौन आया था हमारी मदद को? अकेले जाटो ने अब्दाली को खदेड़ दिया था
Jatt log too Delhi ke pass rehte the fir vi Delhi par raj nhi kr sake..nizamo Ko Delhi de rkhii.....jab nizamo ka Raj thaa...delhi pr fir vi jatto ne kuch nhi kiyaa..... Jab Maratha aye Delhi me to...jalan hone lgi.... Isliye Panipat me jatto ne sath nhi diyaa...q ki koi padosi Ko age jata hua nhi dekh saktaa yahi sach hee....
@@akashmane5519 Bhai pehla history padh le Maharaja surajmal ko marathon ne kaha tha ki unki madad krne PR va jaato ko Delhi de denga PR baad m mukar gya issa naraj hokr surjmal be sath nhi Diya or phir apne gamand k karn maratha buri tarah Harr gya... Isliya ek khavat bhi masoor hai- jaato ka Bina kisne panipat jeetey
Jaato ki mughlo se dushmani thi Maharana surajmal ne jitni salah di thi sabi achi salah thi jo ek acha kutnitk raja janta ho samjdar ho Lekin uski baat ko badawa na dekar maratho ne mughlo ko jyada tavvjo di or mughal bich me chhod ke abdali ke sath chle gye Maharaja ne jo salah di thi aaj unhi salah ko sabi itihaskar mante h ki agr mughal aisa na krte to jeet jate
Ek akela raja tha surajmal jisne maratha ka sath dene ki bat kahi thi Jbki raja ishwar singh ko gaddi pe baithane ki jung me maratha uske khilaf lde the Maratha se phle jaato ke sath jung ho chuki thi ahmed shah abdali ki ballabgarh me 1757 me Apne ghamand se uper uthke ek bar history bhi search krke dekh lo
Jatt log too Delhi ke pass rehte the fir vi Delhi par raj nhi kr sake..nizamo Ko Delhi de rkhii.....jab nizamo ka Raj thaa...delhi pr fir vi jatto ne kuch nhi kiyaa..... Jab Maratha aye Delhi me to...jalan hone lgi.... Isliye Panipat me jatto ne sath nhi diyaa...q ki koi padosi Ko age jata hua nhi dekh saktaa yahi sach hee....
कोन कहता है मराठा *पानिपत* हार गये... अपना खून बहाकर *मराठा* हिंदुस्थान को सवार गये... *अब्दाली* की अत्याचार का रोका था *मराठो* ने रथ. अब्दाली की बेबसी का जिता-जागता सबूत है *पानिपत* ... अगर *पानिपत* में *मराठो* का खून न बहता. तो आज इस देश का नाम *हिंदुस्थान* ना होता... *छत्रपती शिवाजी महाराज की जय* ⛳⛳ --------------------------------------------
Bhau saheb was great he already proved his worth in conquest of deccan and carnatic and udgir he was proven general no other officer in marathas to lead campaign he was brave courageous and sincere had sadashiv rao bhau had one more batallion of artillery bhau could have blown the afgans
Jis kaum ne pure jindagi me mahila aur baccho pe atyachar kiye, mahilao ki ijjat luti, unke jit ka bhi kya matlab, isliye mughalo pe aaj bhi log thukte hai. Koi ijjat nahi hai mughalo ki aaj history me..
Par samagh ni ata 1 bar har jate, 2 bar har jate, 3 bar har jate, har bar hi qu . agar muslim atyachari hote to hindustan me muslim K alava aj koi ni hota
@@shanuansari.sahaswanbudaun4876 Tum yahi to nahi samjhoge Bhaisaab Hindus ke baare mai. Hamare yahan Nihang deshdrohi milenge par ek deshdrohi pe dus dumdaar deshbhakt Bhi milenge. Isliye India is the only country jo Apne culture ko khatm nahi hone dia.. But see after independence 70 saalo Mai dabaya gaya.. Aaj Aam public sar utha raha hai. Aur Kuch nahi. Na is desh Se Gaddar khatm Honge na Kabhi deshbhakt.
में मराठाओं की रिस्पेक्ट करता हु लेकिन यहां एक बात समझ नही आ रही, ये कुछ मराठी यहां राजपूतों के क्यू दोष दे रहे हैं ? सिर्फ साथ नही दिया इसीलिए? ऐसे तो हम भी कह सकते हैं की खानवा, तराइन, हल्दीघाटी मैं कहां थे? लॉजिक तो बनता है, लेकिन नही कहते
@@anishjaat6411 कब मदद मांगी थीं? और जयपुर के सवाई ईश्वरी सिंह तेरे बाप थे ना जिन्होने अब्दाली को मनुपुर के युद्ध मैं हराया था 😂 और तेरा कोनसा पुरखा लड़ लिया चमन? हमारी बात कर रहा है लोड़े जितना तुझे अपने पुरखों का नही पता उस जमाने से हमारे पुरखे लड़ रहें हैं
@@prince5478 सवाई ईश्वर सिंह की गांड फटती थी जाटों के नाम से 😂 जब 7 राज्यों की सैना ने उसको घेरा तो भीख मांग रहा था सूरजमल जी से ये थी तेरे इश्वरी सिंह की औकात
@@anishjaat6411 जाटों ने उसका क्या उखाड़ लिया था जो फटेगी 😂 सूरजमल तो इसीलिए मदद कर रहा था क्युकी वो खुद अपने आप को जयपुर का जागीरदार मानता था, सवाई जय सिंह के एक इशारे पर चला आता था, इसीलिए ईश्वरी सिंह के साइड लड़ना उसकी मजबूरी थी😂 और भूल गया सूरजमल का सिनसिनवार वंश खुद करौली के जादौन राजपूतों की औलाद थे, अभी तुम्हारे भरतपुर के प्रिंस ने भी यही बयान दिया जब तुम्हारी गांडे जली थी 😂 सच तो ये हैं तुम लोडुओ का खुद का इतिहास कुछ नही है, राजपूतों की कुछ नाजायज औलादों ने इतिहास रच दिया उनको ही तुमने अपना सबसे बड़ा राजा मान लिया 😂
@@anishjaat6411 और भूल गया तुम्हारे राजा जवाहर जाट को केसे पेला था सवाई माधो सिंह ने maonda, मांधोली और कामा के युद्धों मैं, बेटा अपने बाप से जुबान लड़ाएगा 😂
Marathon ki haar ka main reasons: 1. marathon ko chapamaar yudh aata tha, unhe amne samne ki ladai ka gyan kam hi tha. Even shivaji lost many battles against Mughal commander Jaisingh. 2. Marathon ke rangdari tax, chauth se sare kings pareshan ho gaye the, unhe dar tha ki marathon ki dimand aur badh jayegi yudh ke baad. 3. Maratha army Afghan Sena se kamjor thi, only Ibrahim gardi ki gun army better thi jisne afghano ko kafi pareshan kiya. 4. Female party became a big burden on them.
Your 90% theory is wrong.Let me explain you 1.Marathas were much aware about open pitched battle ans won a lot of battles e.g- under bajirao peshwa 1728 battle of bundelkhand,1737 battle of bhopal,battle of delhi e.t.c.Even after bajirao in 21 years of span they won many battles. 2.Second do you really think they were weak?I literally laughed when I read this.By 2 p.m Marathas were slaughtering Afghans like hell.They were empty stomach for weeks and due to 14th january the sunrays made them almost blind after 2 p.m. 3.Many maratha sardars betrayed and left the battlefield when needed. 4.The biggest mistake of bhau was he did not make a good alliance. 5.The burden of extra 40000 non combatants were one of the biggest reason of the loss.
Abe chutiye ..maratho ki army 65thousand thi abdali ki 1.1 ..isme bhi marothp.ki holkar shindd ki armt ladi nhi....usme bhi gaikwad o ki army galti se ..golibaro.ke beech mai.agi.unka nuksan hua.... 2 week se khli the... 1 bje tak afghan bhag rahe the... vishwas rao lo goli.lgne se sab army bhagnr lagi tabi.abdali.jo vhup ke delh rah tha usne reservs bheji.... Fir bhi 35000.marotho.ki army shahid hui... utni hi afghan ko ki army mari gayi....dekh chutiye . Jra detail pd
Jab marotho.ne hamla kiya...maratha bhau ki sena ka tab bhag nr lagi afgha army. Jisme bhi history.likhi hai panipat ki tere bap ne ladi.hogi to use bhi.puch.. Maratha army kam.thi abdali ki jyada tho usme reserv army rakhi tho.bhagm ke liye
@@lachitborphukon2620 and what About how Marathas treated Jats and Rajputs ? Rajputs and jats were not treated the way the should be that's why Raja surajmal didn't help marathas no rajput from any part came forward
अगर मराठा सरदार बेकाबू न होते, ना ही सदाशिव भाऊ हाथी से कूदकर घोड़े पर बेठकर अकेले अफ़गान सेना से लड़ने जाते, सदाशिव भाऊ अगर मल्हार राव होल्कर, इब्राहिम खां गार्दी की बात को मान लेते.. तो ये मराठा जीत जाते, शाह अब्दाली की अफगान सेना अपनी एकजुटता मे जीते थे
Kuch log keh rahe... Maratha tax vasulte thee... Are dosto.. Engrezo ne 150 year tax liye....tab kaha thee ....sab.... Engrezo ki gulamiiii ki....sabnee....par Marathaao ki hukumat.... Rajput or jatto Ko pasand nhi thiii...... Are mere dostoo...agr Panipat me Rajput or jatto ne sath diya hota...to Panipat jit jate...thik ...he apne sath nhi...diyaa...apka kahana he Maratha tax lete the....ok...or jo engrezo ne tax liiyaa wo kya thaa ...tab kaha mare pade huye thee.... Rajput or jatt......150years Raj kiya engrezo ne...sirf Rajput or jatto ke vajah se..... Panipat me sath dete...na hi engrez ate bharat me...na hi dusara or koi......... Ek dhyan me rakho...Maratho ne kabhi vi gulami nhi ki.....apna man Samman kabhi zukne nhi diyaa....Yudh me mare kate...fir vi piche nhi hatte maratha.... Mar kar vi jo nhi hatata use Maratha kehte hee......
Only reason Maratha lost the 3rd battle is maratha has no logical thinking. Only emotional thinking was there. Exactly opposite to what British used to think
Sadashiv bhau was a real maratha soldier,and remained faithful till his end,died a warrior and true hero
Always Maharashtra stan for country 🙏🙏🙏
अगर मराठे पानिपत न हारते तो शायद आज भारत का इतिहास कुछ अलग होता!
Bharat hota hi nhi. Choti choti countries hoti Europe ki tarah.
@@boonslang6689 good reply
History📜 m agar, magar kuch nhi hota.. Pichi to bas anuman hi raha jati h Ji...
Bhai wo Afghan h aunko koe hir na sakta 19 sal sa America jeet na pai
@@WaseemKhan-nw2ey lekin unki ab halat kya hai sab terrorist se bhara hau hai afaganistan, har din blast, development ka to nam hi nahi
For maharaj surajmal(from bharatpur) sir he told maharaja bhau to fight in summer and also adapt gorilla war strategy, as abdali have adapted themselves to fight in winter and are weak in summer but don't know why he didn't listen to him but as they have good relations(earlier) maharaja surajmal give saran to the brave maratha soldiers and ladies for 6 months and we are not enemies but due to misconception and lack of knowledge of bharatpur and surajmal
marathi ppl took us wrong(not all), but we are still your true brothers(bonding❤) ❤❤
हमलोग के पूर्वज के सत्ता के लालच ने देश को ८०० साल गुलाम रहा। अगर हिन्दू राजा साथ दे देते तो आज मराठा के जीत को पढ़ते और हमलोगो को गर्व होता आज।
@@jitenderroj165 just because of some mistakes and not well familiar with each other and all are think that if maratha win war maratha rule on Delhi and all other like Rajput, nawab,jat, Hindu raja no one help to maratha
What about Najib ud daulla and shuza ud daulla
Lekin filme bataya hai ki mugal haar hai aur Maratha Jeet gain bahut bewakuf babata hai ye bollywood wale
@@manojsingh1324 they both are against the country najib udulla call the abdali to fight with maratha army
@@Toptinggood which film
Sadadhiv bhau was a fierce fighter ,,,,he take strands with thousands difficulty and dare to break face of abdali,,,,,people's who boasting about their cast's shown their real face in panipat battle,,,,by the fear of abdali,,,,
Like Rajputs right?😂
Real face? In Khanwa, Tarain and Haldighati?
जब देश पे संकट बडा था......पानीपत में भगवा गाढे आकेला मराठा खडा था.......🚩
Please note: desh Matlab khud ka raaj
@@AmandeepSingh-hj6qc sahi baat sikhon ke liye ye baat bilkul suit karti Hain.
Isi khud ke raaj ki wajah seyn afghan weak Huey aur tumko mauka Mila nahi toh tum ghanta kuch Kar nahi patey afghano ka.
@the citizen bandar marathoney gaddar rajputon ko Mara thaaan.
@@vbh4315 muglo ka sath diya tha tumne
@@sonqsharma377 nice joke marathon puppet banaya thaaan mughlon ko.
पंडित सदाशिव राव भाऊ की जय हो👑🚩👑
Abhishek kaushik तेरेको पता है वो महाराष्ट्र का मराठी भाषीक ब्राम्हण था 😁
Indian Only puri movie dekh kr bat krna
Abhishek kaushik movie mat dekh history padh
Indian Only me khud Brahmin hu or Bajirav Peshva Chitpavan kul ka Brahman tha Aur Sadisiv uska Bhatija
Abhishek kaushik ha beta lekin jyada khush mat ho unn logo ka DNA tum UP/Bihar ke brahmin se different hai. Brahmin ek Varna hai koi tribe nahi , isliye apna connection mat lagaya karo Peshwao se
सूरजमल की सलाह मान ली होती तो पानीपत का परिणाम कुछ अलग होता
बस इतना याद रखना हम सबको एक दूसरे की मदद करनी हैं।।
Vishvas Patil sir is great writer
Bakwas kar raha kha
Sadashivrao bhau used to do 1500 suryanamaskars daily and also was good in wrestling,that was one of the reason why he was called as a fierce fighter.
A few hundred trained soldiers with better war strategy can defeat a much larger army. I want to tell you some mistakes of Sadashivrao Bhau:
1) He was overconfident and didn't make alliance with Surajmal. The cost of life of those slaughtered civilians was much bigger than Surajmal's demand.
2) He ignored Surajmal's advised and took those civilians in battle field. Food finished and starved soldiers couldn't sustain long in battle filed.
3) After winning Kunjpura, he didnot return to Delhi immediately but went further north towards Kurukshetra. Giving way to Abdali cross Yamuna river. Grave mistake!
4) After Viswasrao was down, he came down from elephant and started fighting like ordinary soldiers. Maratha army got terrified without seeing him as leader and started running away from battlefield.
Jats were unhappy due to raid of pindari gang in jat land..
विश्वास पाटील की किताबे वाकई मे बहुत जबरदस्त है. किताबवाला वाला सेगमेंट मे हिंदी और इंग्लिश के अलावा अन्य भारतीय भाषाओ मे लिखी जानेवाली किताबो को भी सम्मीलित किया जाना चाहीये......यह प्रार्थना है
समाज के लिए कुछ कर रहा हूं आप खुद देख सकते हो मेरे चैनल पर जाकर अब आप खुद बताओ केबल १ subscribe नहीं कर सकते क्या भाई
@@devenderdevender9500 bhai tu kahna kya chate ho?? Tu konse raja ke baat kar raha hai.
🇮🇳कुंवर नटवर सिंह, पूर्व विदेश मंत्री भारत सरकार, की किताब सूरज सुजान उससे भी जबरदस्त है, कुल 25 रुपये की है, एक बार पढकर देखना।
महाराज सूरजमल की
@@Mahima-pt6ho wahi surajmal jo panipat m abdali ko dekhke bhag gaya
अगर पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठो नें जाटों के महाराजा सूरजमल जाट का सहयोग लिया होता तो मराठा पानीपत का युद्ध जीत जाते।
राजा सूरजमल ने मदत नहीं दी। क्यूंकि हमने सुजा उधोला को दिल्ली का अधिकारी बनाया था। और राजा सूरजमल इसलिए हमसे बदला चाहता था। अंत में जाट और मराथो को एक ही आदमी ने धोका दिया सुजा उद्दौला। और सूरजमल देखते रहे। गलती हम सबकी है।
@@Trials_By_Errors jaha tak maine padha hai oosme maharaj surajmal ne yudh k samay maratha sainiko k liye medical camp bhi lagvaye the......or rahi baat yudh ki to maharaj surajmal k baare me padh ..k ku saath ni diya gya tha.....or agr nahi padh skta to oopar k comment padh le.....yudh me saath na dene vala medical camp bhi na lagvata....thoda apne aap bhi soch liya karo apne deemag se
@@Trials_By_Errors or ye baat bhi sach hai ki JAT or MARATHA ko sujaudaula se he dhoka mila tha
@@aanandsingh6615 Marne ke baad madat kar ke Kya fyeda mere dost
Pahle madat ke liya aate to dono me milke pure Afghan ko kat diya hota lekin surajmal jat ji samjhe nahi
@@ajitshinde9277 bhai JAT k bina kisne panipat jeete......
मैंने जो पढ़ा है, उसमें ये कहा गया है कि राजपूतों ने मदद नहीं कि क्योंकि उनसे मराठा चौथ लेते थे, तो उनको कोई सहानुभूति नहीं थी.
भरतपुर के राजा ने इसलिए मदद नहीं की क्योंकि मराठा चाहते थे कि गद्दी मुग़लों के पास रहे(न कि मराठा, जैसा इन्होंने कहा है), पर सूरज मल ने कहा कि राजा कोई हिंदू/या स्वयं सूरज मल होने चाहिए. पर बात नहीं बनी.
सूरजमल ने फिर भी उनको कहा कि थोड़ा रुक कर जाएं क्योंकि वो जानते थे कि मराठा ठंड में नहीं लड़ पाएंगे, और अफगानियों को ठंड की आदत है. इधर भी गलती हुई.
अगर मैं गलत हूँ तो मुझे सही किया जाए.
Me panipat se hu Tu glat ha Bhai maratho ko sath Nahi Mila tha other Hindu राजाओं से bss ये सच है
@@avinashkataria3026 BHAI kyu sath nahi Mila .....Maine padha ki wo inke bahut atyachaar se tang aa gaye the Isliye Jaat, RAJPUT,Sikh ne sath nahi diya tha.....pata nhi Mai Galat hu ya Sahi
@@dearkhan2092 bilkul Bhai ye Jo ajj ke Hindu bne firte ha na enko ghnta Kuch ni pta
Jab pyar se samjane pe nahi samajte tab jabardasti hi karni padti hai.. panipat ki ladai jitne me pure india ki bhalayi thi.. jo baki indian raja ko samjne ki akal nahi thi.. wo bas chahte the k maratha nahi jitne chayiye.. aur ye bat pure india ko le dubi.. 150 years angrejo ke gulam bane rahe
आप बिल्कुल ठीक हैं ,मुगल और अंग्रेज ज्यादा स्थिर शाशन इसलिये दे पाये क्यूकि इनको शाशन करने की समझ थी ,कर Tax एक सीमा में लेना और अच्छा व्यवहार बनाये रखना ,ज़रूरत पड़ने पर मदद भी करना ,मातहत की कम्फर्ट जोन का ध्यान देना ,सम्मान देना ये मुगलों और अंग्रेजों दोनो को आया ।युद्ध एक सीमा से ज्यादा करने पर आप आर्थिक रुप से कमजोर होते हैं ,युद्ध आखिरी विकल्प है ,राजनीतिक श्रेष्टठता आपको शाशन करने में ज्यादा मदद करती है बजाय युद्ध के ।मराठा लोगों की नीति शिवाजी के बाद स्वागत योग्य नहीँ ।बार बार हिन्दू राजाओं ने मदद नहीँ की कहा जाता है ।मराठे मदद योग्य नहीँ थे ये जीतने की स्थित में बुरी तरह शोषण करते थे ।
Fir bhi the great maratha 💪
आप maratha history youtube channal
Virast panipat video dekho
Film wale ne pissa kamane aur zhagade lagane film banwai he.maratha history channel ne kum pisse me Aachi jankari ke sat video banwai he.
Panipat ki har १दुश्मन की ताकद को कम समजना.
२ पेशवा का उत्तर में नही जावा.
३हमले में देरी करना.27-10-1760 में जब अब्दाली समालखा मे था तब हमला करना चाहिए था.
४.सरदारों मे एकता ना होने. नजीब खान को जिंदा रखना.
५.जादा आत्मविश्वास होना.
६.नजीब खान,सुजाउद्दौला,हाफिज रहमतखान ,अहमद खान बंगश,कुतुबशहा ,अब्दुल समद खान को पहले ही खत्म करना चाहिए था.
७ और सबसे महत्तव का सच शाहवली उल्ला देहलवी जिहाद का प्रसार और अब्दाली कोकण पत्र लिखकर इस्लाम बचाने बुलाने.
इन कारणों के कारण पानिपत में पिछेहाट हुई.
बाकी के राजाओं ने मदत नही की इसके कारण
हार नही हुयी हैं
Abdali Fir Kabhi Hindustan nahi lota... Great Warrior SadaShivRao Bhau
Panipat ke baad 4 baar aaya tha abdali but Delhi se aagay nhi gya
Rajputs and Marathas were like BJP and shiv sena.
@Nihal Singh don't compare rajputs and marathas to corrupt shiv Sena and bjp pl
@@generalkai2417 bandar sikhone khud marathon ki help Lin thiiin.
Kuch sikh Afghani ki side bhi theyn.
Tax liya war ke liye Sena banane ke liye Punjab ki baji padi thiiin afghanoseyn 5 times harminder Saab Toda jaa Chuka thaaan .
Pehle malum Kar fir aaja baat karne.
Samja
मराठा मुगलों के सबसे बड़े भक्त थे।
जनवरी 1754 में गाजीउद्दीन के कहने पर मराठा जाट हिन्दू राजा सूरजमल का ही कुम्हेर किला लूटने पहुँच गए।
फिर मराठे दिल्ली में मुगलों को गद्दी पर बिठाने के लिए पानीपत लड़ने चले गए, मराठाओं ने जिस शुजाउद्दौला को दिल्ली के लिए चुना वो भी अब्दाली से जा मिला।
और यही मराठे 1805 में अंग्रेजों के साथ मिलकर जाटों का ग्वालियर लूटने पहुँच गए।
लूट के मामले में मराठाओं ने मंदिर भी नहीं छोड़े, 1759 में उन्होंने तिरुपति मंदिर भी लूट डाला। मराठाओ ने बंगाल के हिंदुओं को कैसे लूटा इसका विस्तृत जिक्र "महाराष्ट्र पुराण" में मिलेगा।
मराठा मुगलों को गद्दी पर बिठाते रहे और हिंदुओं को लूटते रहे।
और जब हारे तो सारा दोष दूसरे हिंदुओं जाटों, गुज्जरों, सिक्खों पर डाल दिया।
जैसे आज की शिवसेना ने मौका देखकर कॉंग्रेस का हाथ थामा और बदनाम बीजेपी को कर दिया।
@@generalkai2417 Abey gadhe Puri bahaduri panipath ke war ke baad him dikhi.
Freedom fighter ki list check Kar kon decorated Hain malum pad jayega.
@@generalkai2417 bandar aaj ki army ki list main medal sikhon ke jyada Hain Kyu ki sab britishon ki Sikh regiment India ka part bani.
Rahi baat marathon ki Jake check Kar sabsey pehli freedom fighting against britisher bhi marathon ke hin Hain.
Bahadur Saab hotey Hain Lek in kuch log sirf khud ko bahadur manke chalte Hain.
Aur ek baaat medal list ki baat up Bihar ke logo ki main baat nahi Kar raha Hun.
Yaha sikhon ki baat hon rahi Hain.
Jarur unka jarur contribution Hain Lek in sabsey jyada nahi Hain.
Hi from New York, I watched the movie in a theatre here but learned more historical tidbits from your interview 👍
महाराज सूरजमल और मराठो की लडाई पहले हो चुकी थी, जिसमे महाराज सूरजमल और राजपूत राजा ईश्वरी सिंह की बीस हजार की सेना ने मराठों और राजपूत राजा, माधो सिंह- ईश्वरी सिंह के भाई, की दो लाख की फौज को हराया था। सदाशिव राव भाऊ दिल्ली मुगलों को देना चाहते थे, तो फ़िर लडाई किस कर रहे थे। दिल्ली तो 1753 मे महाराज सूरजमल ने मुगलो से छीन ली थी, तभी तो मुगलों ने कहा कि दिल्ली मे अब जाट गर्दी चल रही है, जो लोग आज भी कहते है। जब मराठों ने 1761 मे पानीपत की तीसरी लड़ाई हारी तो महाराज सूरजमल ने मराठों की एक लाख की घायल फौज को अपने यहां एक साल तक रखा और देखभाल की और एक रुपया प्रति महीना दिया, बदले मे क्या लिया- कुछ नही। फ़िर 1763 मे जब 25 दिसम्बर को दिल्ली के लाल किले को महाराज सूरजमल ने जीत लिया था, और उनका राज्यभिषेक होना था तो, कुछ गद्दारो की मुखबिरी के कारण उनकी हत्या उस समय की गयी जब वे हिंडन नदी मे नहा रहे थे। उनकी हत्या का बदला उनके पुत्र वीर जवाहर सिंह ने लिया और दिल्ली के लाल किले पर कब्जा कर लिया, आगरा के लाल किले पर तो महाराज सूरजमल का कब्जा था ही, अब दोनो लाल किले वीर जवाहर सिंह के पास थे, तब विजयी अहमद शाह अब्दाली कहाँ था। 1857 की क्रांति मे राजा नाहर सिंह ने अंग्रेजो से दिल्ली 134 दिन तक मुक्त रखी, तब मुगल बादशाह कहाँ था, और महाराज नाहर सिंह को धोखे से पकड़कर चन्द्नी चौक मे जनवरी 1858 मे फाँसी दे दी गयी, किसी को मालूम है क्या? मेरा प्रश्न:- मराठों ने महाराज सूरजमल के साथ युद्ध किया और हारकर सन्धि की थी, इसके बावजूद भी मराठे महाराज की ना तो इज्जत करते थे और ना ही उनकी सलाह मानते थे तो आप एक कारण बताओ कि महाराज सूरजमल, वीर सदासिव राव भाऊ की सहायता क्यों करते, ?
1:42 Balaji Bajirao (also called Nanasaheb) married 9 years old girl
हारने बाद भी दील्ली कि गादी मराठो की ही रही और आज भि दिल्ली झूकती है.
Andali, mahmud gaznavi, nadir shah ye log dhan lutne aye the sasan krne nhi. Read history
@@danialhamza9378 haan per Mughals alag the.
@@boonslang6689 ha mughal alg the... Jinhone unche unche qile banwae, aalishan mahal banwaya aur duniya ko ye btaya k hm yha lutne nhi rehne aye hai... But mindless ppl ko kaise samjhaun jinho ne history parha hi nhi
@@danialhamza9378 ignore fused bulbs.
पेशवा के अहंकार ने मराठा की दुर्गति करदी! इतिहास में इतना बड़ा चूतिया कहीं नहीं मिलेगा। वहीं अहंकार मराठों में आज भी है।
Hum hinduo ko history se lesson lena chahiye
Ye rajput aur bramin nhi mange jatibad jarrur kerege
कुछ लोंगों कहना है की पानिपत की लढाई के बाद भी सदाशिवराव भाऊ जिंदा थे. तो सोचनेवाली बात यह है की सिर्फ सदाशिवराव भाऊ जिंदा कैसे बचे ?
Maharaja SurajMal to ready thay help krne ka liye.. but Marathas ready ni thay unki baat manne ka. After war to Maharaja SurajMal ne hi save kiya Maratha's ko.
Love u baccha.. doodh pi le aur so ja..
यूद्ध लड़ा के मजाक किया ? कितने परिवार उजाड़ गए।
बिना तैयारी के, बिना संगठन तैयार किये कोई भी लड़ेगा तो हारेगा ही। इतिहास में अधिकतर युध्द उसने नहीं जीते जो बहादुर है बल्कि उसने जीते जिसका संगठन मजबूत था।
Agale time se aap hi sangathan karna sabko
Chup kar aapna muh
Papa ji agar pichhese afghanoka khanjir ghus jata to pata chalta
If maratha had won panipat war 3 ,neither country would been divided under maratha rule nor British would had invaded India ,Maratha warriors were resilient , betrayed by own people from another state Maratha falled and rest history is known
Only Maharaja Ranjit Singh was able to stop the British from invading Punjab. Whole India was a British Colony for 100 years but Punjab was the only independent state and British couldn't dare to fight with Maharaja Ranjit Singh. It was only after his demise that British invaded Punjab . It took them 100 years to set foot on Punjab .
nahi britishers ki strategy yeh bhi thi ki majboot sena kab kamjor ho tab attack karo jaisey haider ali ke time mysore ki sena majboot thi par tipu ke time sena mein gaddar bhar gaye jo sena ko kamjor kar diye. tipu sultan iss liye nahi haara ki mysore ki sena kamjor thi haara iss liye kyo ki sena mein aisey log aa gaye jo mismanagement mein maahir they jaisey mir saadiq
@@highlander2980 britishers ko yeh pata tha ki ranjit singh punjab lene nahi dega wait kia time lia ki gaddi pe kamjor maharaja bethey jo baad mein bethey. kohinoor heera inme se kisi maharaja ne victoria ko de dia tha.
bro maratha again capture whole land with the help of mahadji shinde we not loose this battle abdali suffer greater damage and leave afganisthan
Marathone jarur delhi luthi hogi lekin kabhi kisi majhahab ki auraton ko nahi lutha. Kyoni ki hamare upar chatrapti shivaji ke sanskar hai. Mai khud maratha nahi hu "dhanagar" hu. Aur maratha samryajya akela marathoka nahi tha vuse "hindavi swarajhya" kahate the.
ज्याची मातृभाषा मराठी तो प्रत्येक जण मराठा.
Yes
Marathe delhi lutne nahi bachane gaye the. Delhi ko toh abdali already 4 baar lut chuka tha
Panipat book is really milestone of Marathi literature 🙏🙏
Congratulations patil sir for your research in this historically significant topic
🚩🚩🚩🚩🚩 The great Maratha...
Jis dhrm mai
राजपूत मराठा जाट गुज्जर यादव veer हो
महान धर्म पूरे वर्ल्ड मैं राज कायम कर सकते हैं🤘🙏🙏
Correct
Par ek sath nhi lad sakte sab
Sahi hai bhai ghuspethiyon ko bhagane ke liye hame Hindu ek hokar bhagana padenga🚩🚩⚔🚩🚩
Only CHATRAPATTI SHIVAJI MAHARAJ 🚩
Bajirao. Peshava. Agr. Zinda. Hota. To. Marathe. Kabhi. Nahi. Harate
ruclips.net/video/M16_KPEZDN4/видео.html
2:59 jat raja ne bhot samjhaya lekin inko ehankar bhot tha
Rajput dar gye the isliye nhi aaye sath
Ek jat hi the jinhone madat kri thi , phir bhi maratha jato ko hi gali dete he
Agar us time chatrapati shivaji lead kar rahe hote maratho ko to hum jeet jate.... Jai shivraj🚩🚩
No way
@@saqueebsteels963 110% kyuki vo kahi aamne samne nahi ladte the ganimi kawa karke ganim ko chatti me hi mutne ko majbur karte they
@@mayurkale2227 are amne samne ladte to bhi....panipat je dusre din chatrapati shivaji maharaj ne Afghanistan jetta hota..
steels hutiye history padh lei Shivaji Maharaj ki phir samjega
जाटां बिन किसनै पाणीपत जीते
Maharaja Surajmal or Marathas hmare Hindu icon the kash unka man mutav na hota
I absolutely agree with Vishwas Patil. I used to think that Shreemant Sadashivarao Bhau was the reason behind the defeat at Panipat but it was not. He was forced to make lots of strategical faults due to religious and political reasons. During the battle Damaji Gaikwad left his position and attacked the Afghan flank, his duty was to provide reinforcements and to guard Gardi platoon not get involved initially, because of this mistake Bhau, Vishwasrao and all the civilians were exposed to afghan fire. Lot's of people said that Shreemant Sadashivrao bhau commited mistake when he himself got involved in the fight, what options did he had when you're troops are deserting. He charged 3 times towards Abdali, but very few men accompanied him in his charges.
The main culprit behind Panipat is not Bhau or Vishwas rao the main culprit is Malharrao Holkar, Peshwa had ordered him to kill Najeeb khan, but he didnt. When Dattaji Shinde was fighting with Najib Khan Holkar was busy in Rajasthan. Didnt he knew what was about to come? Even after death of Dataji he was still in Rajasthan. I only appreciate him for one thing and it is that because of him lots of civilians were saved after Panipat. But Malharrao Holkar commited a huge mistake knowingly or unknowingly.
Vishwas patil sir great writer in marathi
Bajiraoji was an exception in peshwas while he was alive his relations with Rqjputs were good and he was ultimate warrior with responsiblity ,the real fact in peshwas themselves didnt support their families,why did they took Ladies when you are going for a war and that also if you dont know the geographic or you havent visited a place before?Have you ever seen mughals with their queens while invading india?Actually peshwas were overconfidence for power and chauth
Maratha saabse bahadur qaum ha jinhone apne dharm🚩 ko sabse jiyada sambhal ke rakkha aur dharm ka palan kiya. auro ke tarha apne dharm ko mughlo ke haatho nahi chora like rajput ect.. Jai Maratha🚩, Jai Shree Ram🚩, Chatrapati Shivaji Maharaj ki jai🚩, Jai Hind🇮🇳
Lol Lol Lol
jawahar lala Nehru ki vajah se haare the.....,😁😁😁
😂 😂
teri okat hey kya nehruji ka naam lene ki
@@ehsankhan3129मजाक किया है भाई
@@ehsankhan3129 majak tha majak
😂😂😂
Great Maratha's 🚩
Mene inki likhi hue book padhi hai vishwaas patil ki
Akela punjabiyo ne sath diya,agar yahi ye yung 30-40 saal baad hoti to sikh mrathaas ko haarney na dete
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੋਇਆ ਨਹੀਂ ਮੱਦਦ ਕੀਤੀ ਨਹੀਂ ਸਿੱਖ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਕਿਵੇਂ ਬਣਾਉਂਦੇ ਇਹ ਹਿੰਦੂ ਕਿਸੀ ਦੇ ਮੀਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਇਹਨਾਂ ਨੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਪਿੱਟ ਪਿਛੇ ਚਾਕੂ ਮਾਰ ਨੇ ਤੂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਅਗੇ ਅਰਦਾਸ ਕਰ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਧਰਮੀ,ਸੱਚੇ, ਬਹਾਦਰ, ਸਮਝਦਾਰ,ਦੁਰਦਰਸੀ ਆਗੂ ਦੇਵੇ ਤੇ ਕਦੇ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਇਹੋ ਜਿਹੇ ਆਗੂ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾ ਹੋਵੇ ਤਾ ਜੋ ਅਸੀ ਆਪਣਾ ਦੇਸ਼ ਬਣਾ ਸਕੇ
@@SukhwinderSingh-sg4ts bohot bohot shukriya Sikh bhaiyo
Nhi diya Kisi Ne bhi Maratha ka Saath kyuki Ve chauth Tax bahut vasool Karte the
Thats marathi tone in hindi language.
ruclips.net/video/M16_KPEZDN4/видео.html
Delhi ki thand ka intezam nahi kar ke Gaye
Aur Jeet ka itna yaqeen tha ki ladies Ko sath me legate yuddh me
Ye ek bevequfee thi
Maratha gorilla war me hi expert the unhe itni badi medani aur khuli Jung ka koi Anubhav nahi tha
Aur abdali us waqt ka Sabse taqatwar senapati tha
Maratho ne yuddh me koi communication line nahi banati thi Sab ek sath lade
Kkoi reserved force nahi Rakhi
Aur abdali ne accha communication system banaya tha
Wo khud Jang me nahi tha par ek pahad ki choti pe se Sara nazara dekh Raha tha aur uske hisab se ran niti Badal Raha tha
Jab bhau mara Gaya to maratho ka atmabal tot Gaya aur phir sari baji Ahmad Shah abdali ke pale gayi
I think there is missunderstanding bhau Mara nahin tha wo घोडे pe baithe aur logo ko laga ki ambari Khali hai to wo piche hate
Marathe maidani jung karte karte he delhi tak pohche the. Galti sabki hai yaha pe.
Reserve force isliye nhi rakhi kyuki sena kam thi jabki abdali K pas jyada sena thi
@@dharmender4885 bhai Sena abdali ki Kam thi
Par Martha Charo aur se fans Gaye the
Na Rajput ne sath diya na sikho ne
सब बातें है अगर मराठे जीत जाते तो इतिहासकार कहते औरतों और बच्चों के कारण मराठों का मोरल हाई था अन्य हिंदू राजाओं ने बहुत थोड़ी सी मदद करीें परंतु बहुत महत्वपूर्ण मदद करी
Real fighters r maratha ,sikhs and surajmal jat....rajput were supporting mughals...
When?
And did they fought Arabs, Turks, Ghaznavid, Ghurids, Persians, Mamluks, Selujiks, Khilji, Tuglak Sayyid, Lodis, Suris? Rajput fought these invaders
Real fighters
Actually neither Marathas lost nor Abdali did win. Abdali had attacked India with a purpose to loot Delhi in particular and India in general. Abdali was actually involved in earlier invasion of Delhi by Nadir Shah as he was one of the deputies of Nadir Shah.
Although Sardar of Marathas Vishwas rao was killed in the Panipat battle and Marathas suffered heavy losses , Abdali too suffered heavy losses and had to return to Afghanistan empty handed. So Abdali's purpose of attack was foiled. Just because Marathas sardar was killed, and Abdali was not, it cannot be said that Abdali won. Abdali also lost Marathas also lost heavily but were successful in repealing invading forces. You may say it was an inconclusive battle in which neither side was a clear winner.
Yeh sahi hai ki maharaja patiala ke ilawa kise aur ne Maratha ki sena ko support nahi kiya.hum sikh ajj bhi Marathi logo ki izzat karte hain.sikh,maratha,rajpoot,inke khoon main hi bahaduri hai.india main aur bhi kaum hain jo bahadur hain lekin mujhe unke bare main zyada nahi pata.uske liye main maafi maangta hoon🙏
@@generalkai2417 kon mere dost zara samjhao
Bhai saajan maharaja surajmal jaat ke baare main mat bhool jaana bharat ka ek lauta ajay raaja 80 yudh kade ek bhi nagi haara mughal aur angrez dono ko akela haraaya
@@generalkai2417 bhai army main jaato se zaada koi naa hai naa koi is desh main jaato se zaada bahadur beta jab jaat ke yaha do bete paida hote hai na ek sarhad par jaata hai aur ek khet main deshbhakti seekhni hai toh humse seekho. Jaat balwaan jai bhagwan 🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻🚩💪🏻
When Ahmed shah Abdali defeated & captured maratha ladies and children and was taking them to Afganistan, sikh generals attacked muslim artillery and freed them and arranged to send to their families., Vishwas ji should praise this brave act.
Shivaji ne letter likh kar apne bete ko bola tha ki brahmano par bharosha mat karna.
Bhosadike kaunse duniya main rehta hai re. Tu jaanta kya hai re hamare Maharaj ke baare main. Maharaj ne aisa kabhi bhi galti se bhi nahi bola tha Shambhu raje ko. Woh sabko ek hi nazar se dekhte the. Sab ko apna mante the. Kuch pata nahi hai toh bakwaas mat kar chutiye.
अगर पेशवे जीत जाते तो आज देश पर हम ब्राह्मणों का राज होता
ब्राम्हण नही मराठा
सदाशिव भाऊ वीर थे
Bina jat k kisne Panipat jita hai 😂
पानिपत का मराठा यानी सब = 18 पगड जाती ,आदिवासी,मराठा,वाणी,ब्राह्मण ये सब जातिके लोगोंको उस वक्त मराठा कहते थे
OVer TaKER, You are Correct.
Right bhai history ek he hai bas Hindu ko Hindu ne he haraya hai bas
I beg to differ on your point, Sadashiv Rao Bhau was majorly responsible for loss at panipat
1. He took pilgrims double the number of soldiers with him.
2. He took women & children to the north across Chambal against the advice of Maharaja Surajmal Jaat, Ibrahim Khan Gardi, Malharrao Holkar & Mahadji Scindia.
3. His hot headedness & Short tempered nature created a rift amongst Maratha allies especially Jaats.
4. After the victory of Kunjpura, he celebrated for almost 2 days & spent another 2 days at Kurukshetra, without paying any attention towards Abdali's movement.
5. He wasted almost 1.5 months in panipat when his Ibrahim Khan Gardi hatched the plan to break the siege at earliest as Abdali was weaker after crossing Yamuna during floods.
Person is giving Wrong facts,actually what happened that Marathas rulers were having friendly terms with Muslim rulers of Delhi at that time, but local north Indian rulers were fighting with Delhi Delhi Muslim rulers..That is why north Indian rulers did not sided with Marathas.
@Sachin Jadhav At that time ,marathas were expanding and become over ambitious. They were collecting tax called Chouth from small kings of north..Jat Maharaja Surajmal of Bharatpur was powerful and experienced in wars in north at that time.He was also friendly with marthas and has advised to station pilgrims and children and ladies of Martha army to be stationed at Bharatpur while maratha army going to Panipat.But Marathas were underestimating Ahmed Shah abdali,so they did not heed to advice. Maharaja Surajmal wanted to be ruler of Delhi after Panipat war,but Sadashiv on advice of holker,back out from this initial promise which they had given to him ,but marthas were rather interested and promised Shah Alam 2 mughal Smrat to be reinstated, as they wanted a weak Mushlim ruler in Delhi and not wanted any Hindu ruler to rule Delhi ,as they wanted their dominance over Delhi.Becasue of broken promise and Marathas also misbehaved and even tried to arrest Maharaja Surajmal.Because of this insult and broken promise Maharaja Surajmal did not join Marathas ,but still helped many soldeirs and pilgrims, and ladies and children to go back to Martha kingdoms after defeat in war.
Maratha Hindustan Ko aapna mante thee .ager chahate to war nahi kar sakate thie.but unhone War kiya Hindustan bachne ke liye kiya. Abdali ke Sath maratho ka kuch bee dushmani nahi thee. And maratha harne ki vaja thii unaka sath kisane nahi diya and unake sath baki Rajao ne dekho kiya .
Ek dum sahi bat he hum log pehele se hi ese he ek dusre ki tang khichne me lage rahete he isliye to itane salo tak gulami zel ni padi pahele mughlo ko bad me angrejo ki abdali dehli ko loot ta is se hume kya fark padne wala tha jab ki hum to pure maharastra ko azad karva chuke the lekin humara mughlo se samjhota huva tha ki agar dilli ko kosi se khatara hota he to hum aapni Jan dav par laga kar bhi dilli ko bachaye he us ke badle me hum mughlo k ilake se chot or sardeshmuhi vasul kar sakte he he adhikar khud mohmad Saha rangila badasha ne hume likh kar diya tha us me rajputana panjab malva u.p Gujarat ke sabhi ilake atethe to phir log ise loot ka nam kyu dete he apani namardangi chupane k liye maratho par ilzaam lagate he jab Aurangzeb inki bahu betiyo ki izzat nilam karta tha tab kyu mardangi dikhai nahi or hume lootera bolte he agar maratho ne abdali ko roka nahi hota to aj hum abdali ke vanshjoke gulam hote tab inhe pata chaltaki azadi ka matalab or use barkarar rakhna kitana muskil hota he ab jab azad bharat me peda huve he to badi badi bate kar rahe he sale......jay bhavani jay shivaji jay Maratha jay yadukul jay bharat
@@ishwarjadhav4658 yes bro u are right... I proud of maratha empire 🚩. Jai bawani jai shivaji
Yes 👍
4:18 bahar lafda karne se
Sorry 🙏 but funny 😁
हमेशा से हिन्दू हिन्दू का दुश्मन रहा है
पानीपत युद्ध मराठा अपनी युद्ध नीति और अहंकार की वजह से हारे मराठाओं ने राजस्थान के राजपूत राजाओं , वर्तमान हरियाणा के जाट योधाओं और पंजाब के सिख योधाओं को साथ में नहीं लिया मराठाओं को खुदपर घमंड था लेकिन पानीपत और महाराष्ट्र के जमीनी हालत बहुत अलग थे यह समझने में गलती की मराठाओं ने
Aisa bolana galat hoga maratha army be sabhi se madat mangi sirf sikkh raja chodke kisi ne bhi madat nahi ki har ek ko Delhi ki gaddi chai thi
Surajmal jat ji,rajput, nawab, Hindu raja koi bhi help ke liye nahi aaye
@@ajitshinde9277 महाराजा पटियाला सरदार आला सिंघ ने मराठा फौज के लिए रसद का प्रबंध किया लेकिन हार का ऐक कारन अहंकार भी था भाऊ
@@jagdeeprai8067 aala Singh ji ne madat ki ye barabar hai likein bhau galat nahi the.bhau Kya karte jab koi sath nahi deta to. Sabhi ko samjhna chiyetha ki abdali deah ka dushman tha marathon ka ekele ka nahi
Aaj agar Pakistan ke sath war hua to aap bologe Kya ki modi ko ego bahut tha eisle asi hua
@@ajitshinde9277 भाई भाऊ गलत नहीं थे लेकिन अपने आप को सबसे ऊपर माना उनहोंने इसी वजह से राजपूत राजाओं से उनके युद्ध भी हुऐ बाकी महाराष्ट्र और पानीपत के जमीन में बहुत अंतर था महाराष्ट्र के कण कण से वाकिफ थे मराठी लेकिन पानीपत से अंजान थे
@@ajitshinde9277 us waqt country thi hi nahi. Riyasat hoti thi. Isliye Maratha desh ke liye nahi balki apni riyasat failane gaya tha! lekin Abdali se Chudwali 😂
The Maratha loss at the Third Battle of Panipat in 1761 can be attributed to several key factors:
1. **Logistical Challenges**: The Maratha army was far from its base in the Deccan plateau, extending its supply lines significantly. They faced immense logistical difficulties, including scarcity of food and supplies, which weakened the army even before the battle began.
2. **Harsh Winter**: The battle took place in January, during one of the coldest winters recorded, which added to the hardships faced by the Maratha troops who were not accustomed to the severe North Indian winter.
3. **Tactical Errors**: Sadashivrao Bhau made several tactical errors, including the decision to engage in a prolonged siege of Kunjpura, which exhausted his troops and resources. Additionally, the Maratha army’s formation and strategy during the battle itself were not effectively adapted to counter the Afghan tactics.
4. **Superior Cavalry of Afghans**: Ahmad Shah Durrani's forces had a formidable cavalry which played a crucial role in the battle. The Afghan cavalry was able to execute effective charges against the Maratha infantry, which was not as well protected or as mobile.
5. **Internal Divisions**: The Maratha forces were not a single unified force but comprised various factions from different regions, each with its own interests. This lack of cohesion affected their combat effectiveness and strategic unity.
6. **Absence of Key Allies**: At Panipat, the Marathas were unable to secure the support of other major Indian powers who might have countered the numerical or strategic advantages of the Durrani Empire. Potential allies such as the Rajputs and the Jats did not participate in the battle, limiting the Marathas’ ability to present a united front against the Durranis.
7. **Diplomatic Maneuvering by Durrani**: Ahmad Shah Durrani successfully managed to isolate the Marathas diplomatically by securing alliances and neutralities with other Indian powers, ensuring that the Marathas faced the Afghan forces without the support of other significant regional entities.
The cumulative effect of these factors led to the devastating defeat of the Marathas at Panipat, which had long-lasting consequences on the political landscape of India, significantly weakening the Maratha Empire and paving the way for increased British influence in the region.
इतिहास तो पढ़ लेता इतिहासकार।। भरतपुर रियासत ने साथ क्यों नही दिया ये भी तो बता देता। घने होशियारी के फार्म भरे थे मराठाओ ने।
ओर युद्ध के बाद मदद भरतपुर ने ही कि थी किसी ओर ने नही। महीने तक उनका खाना पीना ओर दवाई भरतपुर ने ही कि थी
Yudh k waqt Madat kyu ni kie ??ye jaat community...wale sb
@@sahilmehta3793 भाई इमोशनल मत हो उन कारणों को पढ़ जिसकी वजह से मदद नही की।। मराठा अतिउत्शाह म चूर थे और वो किसी की भी मानने को तैयार नही थे यहां तक कि महाराजा को बंदी बनाने की योजना भी बना डाली थी।।
ओर जब 1757 म अब्दाली ने ब्रिज पर हमला किया था तब कौन आया था हमारी मदद को? अकेले जाटो ने अब्दाली को खदेड़ दिया था
Jatt log too Delhi ke pass rehte the fir vi Delhi par raj nhi kr sake..nizamo Ko Delhi de rkhii.....jab nizamo ka Raj thaa...delhi pr fir vi jatto ne kuch nhi kiyaa.....
Jab Maratha aye Delhi me to...jalan hone lgi....
Isliye Panipat me jatto ne sath nhi diyaa...q ki koi padosi Ko age jata hua nhi dekh saktaa yahi sach hee....
Bhai galtiya apnose he hoti hai Jo hogaya so hogaya abto eki rakho
Abhi delhi jal rahi hai ...nrc ke khilaf protest kar rahe hai koi khouf nahi sala ...delhi ko sambhalne ki aukat hai kya tum logonki ...zaatu
वो तो धर्म के नाम पर एक हुए लेकिन तुम लोगोने क्या किया
सिर्फ टांग खींचते रहे
Jaato ko agar Delhi de dete tou marathon ko haar ka samna nhi krna pdta
Kyo khud nahi lad sakate te kya. Agar maratha o ka saath de dete to delhi mil bhi jathi. Kyon ki hame delhi ki koi jarurat nahi.
@@akashmane5519 Bhai pehla history padh le Maharaja surajmal ko marathon ne kaha tha ki unki madad krne PR va jaato ko Delhi de denga PR baad m mukar gya issa naraj hokr surjmal be sath nhi Diya or phir apne gamand k karn maratha buri tarah Harr gya...
Isliya ek khavat bhi masoor hai- jaato ka Bina kisne panipat jeetey
Jaato ki mughlo se dushmani thi
Maharana surajmal ne jitni salah di thi sabi achi salah thi jo ek acha kutnitk raja janta ho samjdar ho
Lekin uski baat ko badawa na dekar maratho ne mughlo ko jyada tavvjo di or mughal bich me chhod ke abdali ke sath chle gye
Maharaja ne jo salah di thi aaj unhi salah ko sabi itihaskar mante h ki agr mughal aisa na krte to jeet jate
Ek akela raja tha surajmal jisne maratha ka sath dene ki bat kahi thi
Jbki raja ishwar singh ko gaddi pe baithane ki jung me maratha uske khilaf lde the
Maratha se phle jaato ke sath jung ho chuki thi ahmed shah abdali ki ballabgarh me 1757 me
Apne ghamand se uper uthke ek bar history bhi search krke dekh lo
Gayasddin balban ko apni beti deke apna jija banate time ye chiz kyu Yaad nahi tum gaddaro ko
Jatt log too Delhi ke pass rehte the fir vi Delhi par raj nhi kr sake..nizamo Ko Delhi de rkhii.....jab nizamo ka Raj thaa...delhi pr fir vi jatto ne kuch nhi kiyaa.....
Jab Maratha aye Delhi me to...jalan hone lgi....
Isliye Panipat me jatto ne sath nhi diyaa...q ki koi padosi Ko age jata hua nhi dekh saktaa yahi sach hee....
Nizam toh delhi tak nah aaye kuch bhi nah bhol haan mughal thein
2:59 Don't forget Maharaja Surjmal🤨
ruclips.net/video/ZOZWosbqlv4/видео.html 🙏🚩
Unhone harne ke bad bohot help kri thi , bhagte hue maratho ki.aurto ki izzat bachai thi 👍
@@vinaymalik570 right brother
@@vinaymalik570😂😂😂😂 sabse bada darpok tha surajmal jhant 😂😂😂
Bhen ki cute uski
कोन कहता है
मराठा *पानिपत* हार गये...
अपना खून बहाकर
*मराठा* हिंदुस्थान को सवार गये...
*अब्दाली* की अत्याचार का
रोका था *मराठो* ने रथ.
अब्दाली की बेबसी का
जिता-जागता सबूत है *पानिपत* ...
अगर *पानिपत* में *मराठो* का खून न बहता.
तो आज इस देश का नाम *हिंदुस्थान* ना होता...
*छत्रपती शिवाजी महाराज की जय* ⛳⛳
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Jai jaat ekta
Kewal jaat ekta,,isiliye mujaffarnagar me pite.
Muzafarnager mein jat nhi muslim pite thea 64 death mein se sirf 4 jat thea
@@anuragarya080 wo gair ke apne illake me mare the jaha 20 Ghar Muslim ka tha waha per mare the jhat samja
ruclips.net/video/M16_KPEZDN4/видео.html
@@jivankumar3111 apne dum pe hi bhot h ham
Sir bharatpur ne isliye madad nahi di kyuki bhau ne surajmal ji ki advice nahi mani
Pura episode kab aayega??
Bhau saheb was great he already proved his worth in conquest of deccan and carnatic and udgir he was proven general no other officer in marathas to lead campaign he was brave courageous and sincere had sadashiv rao bhau had one more batallion of artillery bhau could have blown the afgans
Jai jat I m proud to b a JAT
Kpee हरियाणा 😁😁😁😁
Toh kya kru nachu??? 🤣🤣🤣
Best book ever...
छत्रपती शिवाजी महाराज की युध्द निती जिनसे अवगत थी उनकी सत्ता आपसी विवादो मे फसाकर पेशवाओने मोफत मे हासिल की गई थी
The Peshwas had so much valour that they were pramoted as the imperial guards of the Mughals !
Salute for vishwas patil sir........
Past मे देखकर समझ आया मुस्लिम शासकौं को हराना मुश्किल ही नही नामुमकिन था ।
Gaddaro ke kaaran pehle haare...aaj Bhi Gaddaro ki kami nahi
Jis kaum ne pure jindagi me mahila aur baccho pe atyachar kiye, mahilao ki ijjat luti, unke jit ka bhi kya matlab, isliye mughalo pe aaj bhi log thukte hai. Koi ijjat nahi hai mughalo ki aaj history me..
Par samagh ni ata 1 bar har jate, 2 bar har jate, 3 bar har jate, har bar hi qu .
agar muslim atyachari hote to hindustan me muslim K alava aj koi ni hota
Shahjahan
Idle of love
AOrganjeb idle of humenity
@@shanuansari.sahaswanbudaun4876 Tum yahi to nahi samjhoge Bhaisaab Hindus ke baare mai. Hamare yahan Nihang deshdrohi milenge par ek deshdrohi pe dus dumdaar deshbhakt Bhi milenge. Isliye India is the only country jo Apne culture ko khatm nahi hone dia.. But see after independence 70 saalo Mai dabaya gaya.. Aaj Aam public sar utha raha hai. Aur Kuch nahi. Na is desh Se Gaddar khatm Honge na Kabhi deshbhakt.
Tanaji ki history kyun badli jaa rahi hai...uspar bhi kuch batao bhau
Maratha has not lost they succeed in their moto to Stop abdali
आप एक certified अंध भक्त हैं।
@@maxximus5615 tera history bata phir?? Kisine kuch accha bola toh vo bhakt ho gaya?? Ye konse jihadi logic hai?
वीर भोग्य वसुंधरा
Means
@@minnudeshmukh892 apni pitaji se puch lena
जाटों के बिना पानीपत किसने जीता,
Ab Tujhe Bura Lag jayega.. Jaat Apni muncho ko taav dena chodke maratho ki madad ko na jaate..to ye desh invaders Se bacha rehta
Akbar, aur babur
Panipat 2nd & 1st yudh
@@Rahbar_Raza Sab hi
@@AshwaniKumar-gh1bx sun r chotu maharaja सूरजमल k bare m ja k pad ly tan bera lag javga। Or rhi mucho ki baat जाट की तो मुछ नुए खड़ी पावगी ।
@@Rahbar_Raza vo bi es liye jit ge ki Muslim n unka साथ दिया।
में मराठाओं की रिस्पेक्ट करता हु लेकिन यहां एक बात समझ नही आ रही, ये कुछ मराठी यहां राजपूतों के क्यू दोष दे रहे हैं ? सिर्फ साथ नही दिया इसीलिए?
ऐसे तो हम भी कह सकते हैं की खानवा, तराइन, हल्दीघाटी मैं कहां थे? लॉजिक तो बनता है, लेकिन नही कहते
🤣🤣अरे गोबर हल्दीघाटी की बात अलग है लेकिन पानीपत में मराठो ने सबसे मदद मांगी थी और तेरे बाप दादा अब्दाली का नाम सुनकर ही छुप गए थे 🤣🤣🤣
@@anishjaat6411 कब मदद मांगी थीं? और जयपुर के सवाई ईश्वरी सिंह तेरे बाप थे ना जिन्होने अब्दाली को मनुपुर के युद्ध मैं हराया था 😂 और तेरा कोनसा पुरखा लड़ लिया चमन? हमारी बात कर रहा है लोड़े जितना तुझे अपने पुरखों का नही पता उस जमाने से हमारे पुरखे लड़ रहें हैं
@@prince5478 सवाई ईश्वर सिंह की गांड फटती थी जाटों के नाम से 😂 जब 7 राज्यों की सैना ने उसको घेरा तो भीख मांग रहा था सूरजमल जी से ये थी तेरे इश्वरी सिंह की औकात
@@anishjaat6411 जाटों ने उसका क्या उखाड़ लिया था जो फटेगी 😂
सूरजमल तो इसीलिए मदद कर रहा था क्युकी वो खुद अपने आप को जयपुर का जागीरदार मानता था, सवाई जय सिंह के एक इशारे पर चला आता था, इसीलिए ईश्वरी सिंह के साइड लड़ना उसकी मजबूरी थी😂
और भूल गया सूरजमल का सिनसिनवार वंश खुद करौली के जादौन राजपूतों की औलाद थे, अभी तुम्हारे भरतपुर के प्रिंस ने भी यही बयान दिया जब तुम्हारी गांडे जली थी 😂
सच तो ये हैं तुम लोडुओ का खुद का इतिहास कुछ नही है, राजपूतों की कुछ नाजायज औलादों ने इतिहास रच दिया उनको ही तुमने अपना सबसे बड़ा राजा मान लिया 😂
@@anishjaat6411 और भूल गया तुम्हारे राजा जवाहर जाट को केसे पेला था सवाई माधो सिंह ने maonda, मांधोली और कामा के युद्धों मैं, बेटा अपने बाप से जुबान लड़ाएगा 😂
The chauth and sardeshmukhi was the main thing that's why maratha was defeated and whole family was protected by North indians
Bahut badiya aur satik jankari
AHMAD SHAH ABDALI
THE GREAT LEADER ABD WARRIOR
We know he is your father, you don't have to publicize it😊😊
उन बच्चों महिलाओं व यात्रिओ को महाराजा सुरजमल ने कहा था कि मेरे किले में छोड़ दो सुरक्षा व खर्च मैं करूँगा पर भाउ ने यह भी न मानी
कोई किताब हो जो हिंदी में हो वो बता दो
@@ruralmaharashtra8043 उपेन्द्रनाथ शर्मा की किताब पढ़िए, भाऊ की बखर पढ़िए और भी बहुत सी किताबे हैं।
नाम तो देदो सर
Panipat ki har ke jimmedar wo visvas ghati the Jo apane desh ke liye nahi lade rajput avad aur baki gaddar the
Yudh ke pehle puch ke gaye the kya?Reality is ke peshwas ke sath unki family bhi gayi aur unko bachana bahut zaruri tha
मराठे हारे नही बल्की खुद्द के हिंदू लोगो ने उनके साथ विश्वासघात किया 💯
ABDALI NE MARATHA KA
PARATHA BANA KAR KHALIYA
Ha tu to abdali ki aulad hai naa...
Ha be bhadve
Aur modi tumlogo ki biryani bana raha hai chutiyo....😜😝🖕
@@nitupointer123 Kiski biriyani banegi wo time bolega.
Landa tuzi layki nahi...ek maratha lakh maratha
Guys sab maratha ki haar ki kich na kuch bolta hai par is banday na puraa sach batay hai bilkul
Jai JAT Devta 💪
Gandu gaddar
Wow true history telling history neutrally
Marathon ki haar ka main reasons:
1. marathon ko chapamaar yudh aata tha, unhe amne samne ki ladai ka gyan kam hi tha. Even shivaji lost many battles against Mughal commander Jaisingh.
2. Marathon ke rangdari tax, chauth se sare kings pareshan ho gaye the, unhe dar tha ki marathon ki dimand aur badh jayegi yudh ke baad.
3. Maratha army Afghan Sena se kamjor thi, only Ibrahim gardi ki gun army better thi jisne afghano ko kafi pareshan kiya.
4. Female party became a big burden on them.
Your 90% theory is wrong.Let me explain you
1.Marathas were much aware about open pitched battle ans won a lot of battles e.g- under bajirao peshwa 1728 battle of bundelkhand,1737 battle of bhopal,battle of delhi e.t.c.Even after bajirao in 21 years of span they won many battles.
2.Second do you really think they were weak?I literally laughed when I read this.By 2 p.m Marathas were slaughtering Afghans like hell.They were empty stomach for weeks and due to 14th january the sunrays made them almost blind after 2 p.m.
3.Many maratha sardars betrayed and left the battlefield when needed.
4.The biggest mistake of bhau was he did not make a good alliance.
5.The burden of extra 40000 non combatants were one of the biggest reason of the loss.
TheProudIndian 01 ... tere reason se pata chalata hai ki.... tu pathan hai .. aur marathas ki haar ka tuze bura nahi laga accha lag raha hai .. tuze
Abe chutiye
..maratho ki army 65thousand thi abdali ki 1.1 ..isme bhi marothp.ki holkar shindd ki armt ladi nhi....usme bhi gaikwad o ki army galti se ..golibaro.ke beech mai.agi.unka nuksan hua....
2 week se khli the...
1 bje tak afghan bhag rahe the... vishwas rao lo goli.lgne se sab army bhagnr lagi tabi.abdali.jo vhup ke delh rah tha usne reservs bheji....
Fir bhi 35000.marotho.ki army shahid hui... utni hi afghan ko ki army mari gayi....dekh chutiye .
Jra detail pd
Jab marotho.ne hamla kiya...maratha bhau ki sena ka tab bhag nr lagi afgha army.
Jisme bhi history.likhi hai panipat ki tere bap ne ladi.hogi to use bhi.puch..
Maratha army kam.thi abdali ki jyada tho usme reserv army rakhi tho.bhagm ke liye
@@lachitborphukon2620 and what About how Marathas treated Jats and Rajputs ? Rajputs and jats were not treated the way the should be that's why Raja surajmal didn't help marathas no rajput from any part came forward
अगर मराठा सरदार बेकाबू न होते, ना ही सदाशिव भाऊ हाथी से कूदकर घोड़े पर बेठकर अकेले अफ़गान सेना से लड़ने जाते, सदाशिव भाऊ अगर मल्हार राव होल्कर, इब्राहिम खां गार्दी की बात को मान लेते.. तो ये मराठा जीत जाते, शाह अब्दाली की अफगान सेना अपनी एकजुटता मे जीते थे
Kuch log keh rahe...
Maratha tax vasulte thee...
Are dosto..
Engrezo ne 150 year tax liye....tab kaha thee ....sab....
Engrezo ki gulamiiii ki....sabnee....par Marathaao ki hukumat.... Rajput or jatto Ko pasand nhi thiii......
Are mere dostoo...agr Panipat me Rajput or jatto ne sath diya hota...to Panipat jit jate...thik ...he apne sath nhi...diyaa...apka kahana he Maratha tax lete the....ok...or jo engrezo ne tax liiyaa wo kya thaa ...tab kaha mare pade huye thee.... Rajput or jatt......150years Raj kiya engrezo ne...sirf Rajput or jatto ke vajah se.....
Panipat me sath dete...na hi engrez ate bharat me...na hi dusara or koi.........
Ek dhyan me rakho...Maratho ne kabhi vi gulami nhi ki.....apna man Samman kabhi zukne nhi diyaa....Yudh me mare kate...fir vi piche nhi hatte maratha....
Mar kar vi jo nhi hatata use Maratha kehte hee......
are bahut jyda liya aur kumbhal gad ko luta
Only reason Maratha lost the 3rd battle is maratha has no logical thinking. Only emotional thinking was there. Exactly opposite to what British used to think