पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष ने किया बड़ा खुलासा, देखे वीडियो

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  • Опубликовано: 4 авг 2023
  • जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई द्वारा कुछ पदों. की भर्ती के लिए विज्ञापन किया गया इससे संबंधित निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों के विषय में आप सब को जानकारी देना चाहता हूँ
    1. उल्लेखनीय है कि विज्ञापन क्रमांक 128 और 129 में विश्वविद्यालय हेतु स्वीकृत व्यवस्था अनुरूप भर्ती नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के लिए शैक्षणिक पदों हेतु विभागवार सेटअप स्वीकृत नहीं कराया गया है, स्पष्ट है कि UGC के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
    2. विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट नहीं है अपितु "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग एंड डाटा साइंस" नाम के विभाग हैं अतः विज्ञापन क्रमांक 128 एवम् 119 किस विभाग के लिए हैं एवं इसके लिए रोस्टर का निर्धारण किस आधार पर किया गया है यह समझ से परे है।
    3. यदि AIM L एवं DS के पद स्ववित्तीय आधार पर स्वीकृत हैं तो इसका उल्लेख विज्ञापन में क्यों नहीं किया गया है?
    4. स्ववित्तीय आधार पर स्वीकृत होने का अर्थ है कि इन पाठ्यक्रमों से जो आय होगी उसी से शिक्षकों क वेतन आहरण हो सकेगा तो इसकी गणना प्रेषित की जाए की पूर्व में दो वर्ष तक जो विद्यार्थी प्रवेश लिए
    क्या उनके शुल्क द्वारा विज्ञापित पदों का वेतन आहरण हो सकता है।।
    5. 6 जून 2023 को कंप्यूटर साइंस के लिए विज्ञापन जारी किया गया एवं अन्य छह विभागों का विज्ञाप 7 जुलाई 223 को किया गया क्या कोई विशेष कारण है जिसके तहत कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट का विज्ञाप पृथक से जारी किया गया? जिससे CSE को रोस्टर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, क्या अन्य विभागों का द्विती
    विज्ञापन के बाद रोस्टर में क्रम का निर्धारण किया गया है? 16. रोस्टर निर्धारण में विभागों का क्रम अध्यापक पद के लिए अलग एवं सह प्राध्यापक तथा सहा
    प्राध्यापक पद के लिए अलग लागू करने का कोई विशेष कारण है?
    7. UGC के नियमों के अनुसार दिव्यांगों के लिए सभी शिक्षण संस्थाओं में 7 प्रतिशत आरक्षण अनि हैं फिर एक सरकारी तकनीकी विश्वविद्यालय ने इन आरक्षण के नियमों का ध्यान क्यों नहीं रखा क्यों दि आरक्षण को दरकिनार कर दिया गया?

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