पूज्य आचार्य श्री हरिशंकर अग्निहोत्री जी के सरल सुंदर एवं सारगर्भित व्याख्यान के लिए श्री अग्निहोत्री जी को कोटि-कोटि धन्यवाद महर्षि दयानंद काशी शास्त्रार्थ स्मृति न्यास वाराणसी
आचार्य जी आपने बहुत अच्छा प्रवचन दीया क्योंकि लोगों का भ्रम दूर हो जाएगा और अंधविश्वास में डूबा हुआ है ऐसे ही प्रवचन किया करो हमारी आप से विनती है करबद्ध निवेदन है जय आर्य समाज जय दयानंद सरस्वती
🙏👉३३ कोटी यानी ३३ प्रकार के देवी देवता हिन्दू संनातन धर्म में होते हैं इसके बारे सच्चाई से बताने के लिए आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री जी को बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद प्रभु जी | 👉भक्ति भावना और हिन्दू संनातन धर्म में ३३ प्रकार के देवता युक्त 👉अखण्ड भारत माता की जय हो |
प्रणाम आचार्य जी आप देवताओं के विषय में बहुत सही समझा रहे हैं यह हमारे हिंदू समाज में बहुत जरूरी है देवताओं को भी समझना और परमपिता परमेश्वर को भी जानना
कबीर भी आ रही है परंपरा के ही संत थे, उन्होंने भी आध्यात्म को सीधे परमात्मा से ही जोड़ा है. परम पूज्य स्वामी दयानंद जी ने अपने प्राचीन वेद ग्रंथों को जन जागरण में जागृति की मशाल जलाई उन्होंने यही प्रयास किया हमको बताने के लिए कि वास्तव में ईश्वर क्या है और हमारा ईश्वर प्राप्ति के लिए क्या करना है।
Bhai kiss burai mat kare. Mujhe lagta hai approved kuch nahi ata hay. I want you challenged. Me. They're are doghies we agree .but you are burai batewala.
🌹🌹🙏🌹🌹गणेश तीनों है जैसे शरीर के बिना आत्मा नहीं आ सकती ओर जड़ के बिना शरीर नहीं आ सकता वैसे ही गणेश जी को इन्हीं तीन सिदांटो के अनुसार बुलाया जाता है जैसे जड़ से शरीर को समझा नहीं जा सकता बिना आत्मा के शरीर को नहीं समझा जा सकता कि वो शरीर क्या करता है और अगर शरीर ही नहीं है तो आत्मा को कैसे जाने गए ईस लिए पंडित भी जो कर रहा है वो सही है पर आगर आप सिर्फ़ इंसानों के लिए सोचे गए क्या लाभ ओर क्या हानी तो आप भी ओर पंडित भी दोनों गलत तो आज तो हमे विज्ञान पड़ना चाहिए आप तर्क तो दे सकते हैं पर कुछ साबित नहीं कर सकते पर तुलसीदास ओर पंडित जो भी करते हैं उससे साबित किय जा सकता है 🌹🙏🌹
Pahale to hame pandit shabd ki paribhaashaz jaanani hogi. पंडित जाती से नहीं ज्ञान से होता है, आज हम जिन्हें पंडित कहते हैँ वे व्यवसायी हैँ,उलटे सिधे दो चार मन्त्र याद करके लोगों को भर्मित करते हैँ।
Samzane wale samaz gaye na samze wo anadi hai. Waeyse kahne ko kuchh nahi aur kahne ko bahut hai. Gujarat me Ganga Sati namak bahut ucch koti ki aatma avtarit huvi thi unka bhajan hai "koyi pura re mile to ravu(gyan) rediye(bataye), adhuriya(incomplete) se na kahiye deel ki baat".
जिज्ञासा वश एक प्रश्न पूछ रहा हूँ।गीता में लिखा है जो पित्रों की पूजा करता है वो पित्र लोक में जाता है,जो प्रेतों को पूजता है वो प्रेत लोक में जाता है।इसका मतलब कृष्ण लोक परलोक,प्रेत,देवी देवता,पित्र को भी मानते थे।आप बताइए क्या गीता में गलत लिखा है?
भगवान की सिर्फ़ चर्चा करते हैं, ये सब तथाकथित ज्ञानी लोग।हजारों सालों से तोता की तरह शास्त्रों का गुणगान करते आये हैं, दुर्भाग्य है इस देश का कि यहां हर आदमी जिसने थोड़ा सा भी शास्त्रों का अध्ययन कर लिया है, वही अपने को ज्ञानी समझने लगता है।मेरी दृष्टि में जबतक ये तथाकथित पंडितों ,पाखंडियों, की बकबास, अर्थात धर्म के नाम पर ये दुकानें चलती रहेंगी, तब तक धर्म का उदय नहीं होसकता।यही कारण है... कि इस देश में हजारों सालों से धर्म या ईश्वर की चर्चा तो करते हैं, लेकिन धर्म को जानने से चूक जाते हैं, धर्म चर्चा का विषय नहीं है, इसे जाना जाता है।और जानने के बाद किसी भी शास्त्र को पढने की आवश्यकता नहीं होती है। जैसे बुद्ध, कबीर, महावीर, नानक, कष्ण, रविदास,.....राम, आदि।ने जाना है ,चर्चा नहीं की है।जब तक हम शास्त्रों में उलझे रहेंगे, तब तक परमात्मा को जानने से यह संसार बंचित ही रहेगा।
आचार्य जी मंदिरो मे नित्य सुबह शाम संध्या की परम्परा, एक साथ, एक समय पर शुरू करवाइए, बाकी समय शास्त्र यानी वेद, उपनिषदों का ज्ञान तथा धर्म रक्षा के लिये शस्त्र ज्ञान देने की व्यवस्था करवाइए।ताकि मानव सही ज्ञान का प्रकाश प्राप्त कर जीव मात्र तथा प्रकृति के कल्याण के लिए तत्पर हो,तथा मानव अपनी अपनी जिज्ञासाओं को सही उत्तर से शांत कर सके।
🌹🙏🌹तुलसीदास जी ने जो लिखा है वो भी सही लिखा है बस इतना फर्क है वो जिस राम जी बात कर रहे हैं वो इंसान के शरीर वाले नहीं है ओर आप जिसकी बात कर रहे है वो इंसान के शरीर जैसा है बस इतना सा फर्क हैं दोनों ने अपना तर्क दिया है आपने समझ है पर जाना नहीं है पर तुलसी दास जी ने जाना भी है ओर समझ भी है ईस लिए उन्होंने सही लिखा है कुकी कुछ चीजें समझ से परे होती है पर जानने देखने से उनके अर्थ कुछ ओर ओर सही होते है
एकं ब्रह्मा द्वीतिय नास्ति नेह ना नास्ति किंचन अर्थात एक ही ईश्वर है दुसरा कोई नहीं अशंभर भी नहीं जो ईश्वर को छोड़कर दूसरे की प्रार्थना या पुजा करता है वह नास्तिक है , ईश्वर के तीन गुण हैं मगर वह परमात्मा है , मनुष्य में भी तीन गुण पाए जाते हैं मगर वह आत्मा है , ईश्वर अजन्मा ओर अनादि है मनुष्य जन्म लेता है और शरीर छोड़ जाता है , ईश्वर , मनुष्य के उद्धार के लिए युग युग में अवतार पैगंबर को भेज कर ईश्वर अल्लाह के शरण में जाने के लिए सत् ज्ञान दिया ताकि मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार सनातन परमधाम प्राप्त करने में कामयाब हो जाए ,
ishwar kabhi kisi ko nhi bhejta veh swaym sarvshaktishali hai sarvvyapak hai kan kan me hai na use dekha jaa sakta hai nyankari bhi hai veh kabhi galti nhi karta ved hi ishwar ka gyan hai uski vani hai shrihti ke arambh se
@@parmarthinfo ईश्वर कण कण का रचयिता है, वह प्राण दाता है, कण कण में वह नहीं बस्ता, वह सर्वशक्तिमान सर्वव्यापी अंतर्यामी है, धर्म युग के अनुसार है, सृष्टि के आरंभ के बाद मनुष्य का आगमन हुआ, उस समय मनुष्य भाषा नहीं जानता था न वह किसी भाषा में बात करता था , जब मनुष्य भाषा का प्रयोग किया फिर सुरू हुआ धर्म और धर्म शास्त्र, उस समय सृष्टि रचयिता को ॐ के नाम से याद किया गया, फिर बाद में भाषा के अनुसार ईश्वर परमात्मा गड अल्लाह के नाम से नामित हुआ, श्रीकृष्ण द्वापरयुग में श्रीमद्भागवत गीता में कहते हैं , सर्वधर्मानपरितयजय मामैकं शरणं व्रज अर्थात सब धर्मो को परित्याग करके एक मात्र मेरे शरण में आओ , इसलिए मैं धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग के अनुसार आया हूं, अब कलियुग है, पैगंबर मोहम्मद स: अ: सलाम 1400 साल पहले अवतार पैगंबर के रूप में आए, आज के युग के अवतार पैगंबर मोहम्मद स अ सलाम है और आज के समय में अल्लाह की वाणी पवित्र कुरान है , धर्म युग के अनुसार है,
@@azimazim9370 ishwar,aatama,prakriti anadi hai jo anantkaal se hai jinko kisi ne nhi banaya hai ishwar bhi anadi hai toh veh kisi ko nhi bhejta ved ishwar ka samvidhaan hai jiska ka palaan karna hi dharm hai ved ki agya ka ullaghhan karna adharm hai ishwar ka ek gun yeh bhi hai ki veh sarvshaktimaan hai use kisi ki help ki jarurat nhi azim ji aapke purvaj sanatani hi the kisi karan varsh aap convert ho gye ghar vaapshi kare
@@parmarthinfo कलियुग में जन्म लेने वाले कलियुग के हैं , सत युग के जन्म लेने वाले सत युग के थे, हमारे पुर्वज के पुर्वज ॐ ईश्वर परमात्मा गड अल्लाह है जो प्राण दाता है जो अजन्मा अनादि सर्वव्यापी अंतर्यामी है , सब उसके अधीन है तुम जिसे पुर्वज कहते हो वह तुम्हारे लिए पुर्वज नहीं हैं , वह युग के अनुसार थे और चले भी गए , युग के अनुसार चलना युग के मानव का कर्तव्य है जो युग के अनुसार युग धर्म के अनुसार कार्य नहीं करता वह अपनी मनमानी करता है, पुर्वज ऐसे भी थे जो अपने समय के अवतार के कथा का पालन न करते हुए अपने मनमानी करते थे आप आज के युग में उन पुर्वज के तरह है , ज्ञान की बात है , धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग, सर्वधर्मानपरितयजय मामैकं शरणं व्रज, सब युग धर्म को छोड़कर युग के अवतार के शरण में आकर ईश्वर अल्लाह की प्राप्ति सम्भव है, इस लिए पैगंबर मोहम्मद स अ सलाम आखरि पैंगम्बर हैं , मानव जाति के कल्याण के लिए , क्या तुम्हें इसका ज्ञान नहीं ?
@@azimazim9370 ishwar nyaykari hai veh kisi ke sath annay nhi karta hai yedi veh abhi maan bhi le ki ishwar ne kisi ko bheja toh veh baki jo manushya jinka janm hua tha uske sath toh annay hoga or aap jo yug ki baat kar rhe ho jo nirantar chalte rehte hai treta yug ka chaar guna satyug kehlaata hai aap kripya galat jaankari na felaye devta kinhe kehte jara batao
गूरूजि ऐक भगतने श्राप दिया भाई को और सब बिमार हो गये तो क्या करे गुरूजी. भाई ने प्रश्न पूच्छा तो भगत लगत जबाब दिया तो मेरा भाई चला गया घर मै वापस ऊस भगत के पास गया और मेरे भाई को गलत जवाब दिया तो ऊनका परिक्षा लिया तो उसने मेरे भाई को श्रा प दिया.
Haa...haa..pandit ji saadi m lutty h kaafi...mujkho bhi luta m bola bhagwan kaha bolty h 2021 rs chadao...fees unki jo fix thee wo tho diy ...but karm kaand yeah chadao wo chadao...lut..
Chahe 33 cror chahe 33 Devi devta ho ye to man ka bharam hi h pakhand andhvishwas hi hai jinho ne kabhi bahujan hit me koi Kam nahi Kiya bas andhvishwas failane ka tarika sabka alag2 hai
Bhai dyanand sarsvti ko aap rishiyo se tulna nhi ker sakte kyoki unhone koi research nhi ki unhone vedo ko jarur pda hai but likha nhi pertek reeshi ka apne jiven me enek khoje ki
Ye trigunatmak h yah trigunateet k bare me kya bta V samajh sakta h.isme.sade.teen karor badal(rom)hn aaj tak unke bare me nahi jaan ska unke kya naam hn.unki ginti nahi kee fir brahmand ki kya samajh sakta h.ram aam me ramta h.vha itna kamjor nahi jo apni ichchha se deh dharan nahi kar sakta aapka ram.kmjor ho skta h.tulsi ji ne bhaye prakt kripala bhi kha h.or chidanand mayah deh tumhari bhi kaha.h kya ye aapne nahi padha..?..
सादर नमस्ते आचार्य जी देवताओं के वास्तविक स्वरूप की व्याख्या के लिए🙏🏻🙏🏻🙏🏻
I agree with your direction. Very nice . Heartly namshkar to you.
पूज्य आचार्य श्री हरिशंकर अग्निहोत्री जी के सरल सुंदर एवं सारगर्भित व्याख्यान के लिए श्री अग्निहोत्री जी को कोटि-कोटि धन्यवाद
महर्षि दयानंद काशी शास्त्रार्थ स्मृति न्यास वाराणसी
आचार्य जी आपने बहुत अच्छा प्रवचन दीया क्योंकि लोगों का भ्रम दूर हो जाएगा और अंधविश्वास में डूबा हुआ है ऐसे ही प्रवचन किया करो हमारी आप से विनती है करबद्ध निवेदन है जय आर्य समाज जय दयानंद सरस्वती
ओउम् नमस्ते जी आचार्य महोदय
🙏👉३३ कोटी यानी ३३ प्रकार के देवी देवता हिन्दू संनातन धर्म में होते हैं इसके बारे सच्चाई से बताने के लिए आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री जी को बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद प्रभु जी |
👉भक्ति भावना और हिन्दू संनातन धर्म में ३३ प्रकार के देवता युक्त
👉अखण्ड भारत माता की जय हो |
Acharya ji Namaste. Bahut Sundar chacha kiya aapne. Bhatke hue longo ka aankh khul jayega .mai anek longon kaur and group on me share karta hun
Aacharya Shri ko pranam
Mantri aarya vir dal Aligarh
Very nice Explained.
Very nice inspiration vedio message for Hindustan
आपके उपदेश सबको धारण करने योग्य है।
Tum law caste ke lagte ho Bharahmin kabhi arya nahi manta
@@00DP मेरे को तू विदेशी लगता है
@@00DP इस देश नाम जानता है
@@सनातनसमीक्षा me ye in chu gadho ke pas jata tha ye san kutil hai
ओम प्रणाम आदरणीय आचार्य जी बहुत सुंदर प्रस्तुती
बहुत सुंदर,शास्त्रीय, तथ्यात्मक, उत्प्रेरक प्रवचन हैतु अभिनंदन,नमन, आभार।। सुरेश चौहान उदयपुर
आचार्य जी देवताओं और परमपिता परमेश्वर में यह जो मौलिक अंतर है इसको हमारे हिंदू समाज में समझना जरूरी है समझाना जरूरी है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Wah Acharya ji excellent 👌
बाह् अति सुंदर वाख्या किए हैं कोटि कोटि प्रणाम... धन्यवाद🙏💕
प्रणाम आचार्य जी आप देवताओं के विषय में बहुत सही समझा रहे हैं यह हमारे हिंदू समाज में बहुत जरूरी है देवताओं को भी समझना और परमपिता परमेश्वर को भी जानना
अग्निहोत्री जी को मेरा प्रणाम
सत्य मेव जयते
स्वामी जी इसी समाज से हीं सच्चे ज्ञान का मार्ग दर्शन होते हैं
धन्यवाद
स्वामी जी नमस्ते, सब लोगों को याद रखने योग्य जानकारी दी आपका बहुत बहुत धन्यवाद जय हिन्द।
आचार्यजी आपने देवताओ की बहुत सुंदर ब्याखया की है अन्धकार दूर हुआ धन्यवाद
नमस्ते ऽस्तु भूयोऽपि महोदयाः! व्याख्या अतीव सरला सुबोध्या अस्ति। धन्यवादाः अभिनन्दनानि च बहुशः।
Aacharya ji aasa ki nai Kiran ho aap
सत्य जानकारी गुरूजी बिस्तार से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
Acharya ji namaste bahut sundar pervachn hai Arya samaj jindabad 👍🙏
गुरु जी को प्रणाम गुरुजी परमात्मा ने सृष्टि की रचना क्योंकि रचना में मनुष्य क्यों बनाया
👋👋bahut sunder
आचार्य श्री हरि शंकर अग्निहोत्री जी को सादर नमस्ते 🙏 कृष्ण कुमार आर्य चेतगंज वाराणसी 🙏
Acharyeji ko Pranam naman
संसार में तिन देवता है माता पिता ओर गुरु । यही देवता सबसे बड़ा देवता। आपका चरणों में शीर झोका कर नमन करता हूं
फिर तो तू मूर्ख ह😂😂😂 पाखंडी ह
7 bi
सादर अभिवादन/नमस्ते जी
बहुत सुन्दर ज्ञानवर्धक वर्णन है जी ।
बहुत सुन्दर प्रकार से देवता का वर्णन किया है आचार्य जी धन्यवाद्
VEDIC DHARAM KI JAI
नमस्ते आचार्य जी 🙏
बहुत सुंदर ।बताया ।महराज ।जी
कबीर दास जी की वाणी पढ़ कर देखो सब भेद मिट जाएगा।
कबीर भी आ रही है परंपरा के ही संत थे, उन्होंने भी आध्यात्म को सीधे परमात्मा से ही जोड़ा है. परम पूज्य स्वामी दयानंद जी ने अपने प्राचीन वेद ग्रंथों को जन जागरण में जागृति की मशाल जलाई उन्होंने यही प्रयास किया हमको बताने के लिए कि वास्तव में ईश्वर क्या है और हमारा ईश्वर प्राप्ति के लिए क्या करना है।
Sabhi acharya ko koti koti naman
हर हर महादेव
Baijayanti ooom sadare namaste panditji
Namaste ji 🙏
Bahut hi sahi h
जय श्री राम जय श्री कृष्णा
🙏🙏🙏सादर नमस्ते आचार्य जी
🙏🙏
❤
🙏🚩🐚
अद्भुत
Bhai kiss burai mat kare. Mujhe lagta hai approved kuch nahi ata hay. I want you challenged. Me. They're are doghies we agree .but you are burai batewala.
ओ३म्
🙏🙏🙏
sandar jankare dhaniyawad
Bahut sunder vyakhya 👏👏🙏
Sachet agree saadar nmste
And
गुरूजी लास्ट वाली जानकारी बहुत जरुरी है 🙏🙏
Very Nice 👍👍👍 Ramchand Goyal Blb
कृपया विभा संस्कार मंत्रों को लेकर शब्दार्थ सहित आरंभ से अंत तक समझाएं आभारी हूंगा
श्री राम श्री कृष्ण श्री गणेश श्री शिव जी माता दुर्गा जी माता लक्ष्मी जी यह किस देवता में आते हैं समझा कर बताने की कृपा करें
प्रकृति
Panditjiapachhasedebtakebaremepadeaurbataye
🌹🌹🙏🌹🌹गणेश तीनों है जैसे शरीर के बिना आत्मा नहीं आ सकती ओर जड़ के बिना शरीर नहीं आ सकता वैसे ही गणेश जी को इन्हीं तीन सिदांटो के अनुसार बुलाया जाता है जैसे जड़ से शरीर को समझा नहीं जा सकता बिना आत्मा के शरीर को नहीं समझा जा सकता कि वो शरीर क्या करता है और अगर शरीर ही नहीं है तो आत्मा को कैसे जाने गए ईस लिए पंडित भी जो कर रहा है वो सही है पर आगर आप सिर्फ़ इंसानों के लिए सोचे गए क्या लाभ ओर क्या हानी तो आप भी ओर पंडित भी दोनों गलत तो आज तो हमे विज्ञान पड़ना चाहिए आप तर्क तो दे सकते हैं पर कुछ साबित नहीं कर सकते पर तुलसीदास ओर पंडित जो भी करते हैं उससे साबित किय जा सकता है 🌹🙏🌹
वेद और विज्ञान अलग नही है वेद थियेरीकल है ओर विज्ञान प्रेक्टिकल है
@@khodabaaarya970 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
क्ष
Pahale to hame pandit shabd ki paribhaashaz jaanani hogi. पंडित जाती से नहीं ज्ञान से होता है, आज हम जिन्हें पंडित कहते हैँ वे व्यवसायी हैँ,उलटे सिधे दो चार मन्त्र याद करके लोगों को भर्मित करते हैँ।
Samzane wale samaz gaye na samze wo anadi hai. Waeyse kahne ko kuchh nahi aur kahne ko bahut hai. Gujarat me Ganga Sati namak bahut ucch koti ki aatma avtarit huvi thi unka bhajan hai "koyi pura re mile to ravu(gyan) rediye(bataye), adhuriya(incomplete) se na kahiye deel ki baat".
ओम शाँति मुझे जो सुनने में आया है कि देवता का अर्थ देने वाला होता है ।यहाँ तो चारो ओर लेवता ही दिखाई देते हैं ।देने वाला तो कोई दिखता ही नहीं है ।
अटल सत्य। ॐ
Atal Satya Om
जिज्ञासा वश एक प्रश्न पूछ रहा हूँ।गीता में लिखा है जो पित्रों की पूजा करता है वो पित्र लोक में जाता है,जो प्रेतों को पूजता है वो प्रेत लोक में जाता है।इसका मतलब कृष्ण लोक परलोक,प्रेत,देवी देवता,पित्र को भी मानते थे।आप बताइए क्या गीता में गलत लिखा है?
भगवान की सिर्फ़ चर्चा करते हैं, ये सब तथाकथित ज्ञानी लोग।हजारों सालों से तोता की तरह शास्त्रों का गुणगान करते आये हैं, दुर्भाग्य है इस देश का कि यहां हर आदमी जिसने थोड़ा सा भी शास्त्रों का अध्ययन कर लिया है, वही अपने को ज्ञानी समझने लगता है।मेरी दृष्टि में जबतक ये तथाकथित पंडितों ,पाखंडियों, की बकबास, अर्थात धर्म के नाम पर ये दुकानें चलती रहेंगी, तब तक धर्म का उदय नहीं होसकता।यही कारण है... कि इस देश में हजारों सालों से धर्म या ईश्वर की चर्चा तो करते हैं, लेकिन धर्म को जानने से चूक जाते हैं, धर्म चर्चा का विषय नहीं है, इसे जाना जाता है।और जानने के बाद किसी भी शास्त्र को पढने की आवश्यकता नहीं होती है। जैसे बुद्ध, कबीर, महावीर, नानक, कष्ण, रविदास,.....राम, आदि।ने जाना है ,चर्चा नहीं की है।जब तक हम शास्त्रों में उलझे रहेंगे, तब तक परमात्मा को जानने से यह संसार बंचित ही रहेगा।
Charcha kya krni ha Likha hua nhi kya
V good....
Aapko sath sath nmam
Bahut badhiya viyakhaya pranam acharya ji
सीधे भ्रांति नहीं है शायद आचार्य श्री मै खोज में लगा हुआ हूं।३३कोटी देवता की संख्या पूरी हो पाती है कि नहीं।
🙏🙏🙏🙏🙏ᴏᴍ🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏💯💯👌
वव
Stri pooja ke samai poorus ke daya kyua bathati hai
Ati sundra
आचार्य जी मंदिरो मे नित्य सुबह शाम संध्या की परम्परा, एक साथ, एक समय पर शुरू करवाइए, बाकी समय शास्त्र यानी वेद, उपनिषदों का ज्ञान तथा धर्म रक्षा के लिये शस्त्र ज्ञान देने की व्यवस्था करवाइए।ताकि मानव सही ज्ञान का प्रकाश प्राप्त कर जीव मात्र तथा प्रकृति के कल्याण के लिए तत्पर हो,तथा मानव अपनी अपनी जिज्ञासाओं को सही उत्तर से शांत कर सके।
Apsenibanhaiap,apnaprogrampardaydeterahanaapkodhanbad
Jay Shri Ram aapke Charanon ko Sparsh Galti kshma karna
🌹🙏🌹तुलसीदास जी ने जो लिखा है वो भी सही लिखा है बस इतना फर्क है वो जिस राम जी बात कर रहे हैं वो इंसान के शरीर वाले नहीं है ओर आप जिसकी बात कर रहे है वो इंसान के शरीर जैसा है बस इतना सा फर्क हैं दोनों ने अपना तर्क दिया है आपने समझ है पर जाना नहीं है पर तुलसी दास जी ने जाना भी है ओर समझ भी है ईस लिए उन्होंने सही लिखा है कुकी कुछ चीजें समझ से परे होती है पर जानने देखने से उनके अर्थ कुछ ओर ओर सही होते है
Good kaha
Devi kitni h ye to bataya hi nahi aapne
🙏🙏🙏🙏🙏👍👍👍
Dewata ya bhagwan koi nahi hai
Kya aap ne god ko jana hai. Ya bhasana hi dete hai.
V nice 🙏
एकं ब्रह्मा द्वीतिय नास्ति नेह ना नास्ति किंचन अर्थात एक ही ईश्वर है दुसरा कोई नहीं अशंभर भी नहीं जो ईश्वर को छोड़कर दूसरे की प्रार्थना या पुजा करता है वह नास्तिक है ,
ईश्वर के तीन गुण हैं मगर वह परमात्मा है , मनुष्य में भी तीन गुण पाए जाते हैं मगर वह आत्मा है ,
ईश्वर अजन्मा ओर अनादि है
मनुष्य जन्म लेता है और शरीर छोड़ जाता है ,
ईश्वर , मनुष्य के उद्धार के लिए युग युग में अवतार पैगंबर को भेज कर ईश्वर अल्लाह के शरण में जाने के लिए सत् ज्ञान दिया ताकि मनुष्य आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार सनातन परमधाम प्राप्त करने में कामयाब हो जाए ,
ishwar kabhi kisi ko nhi bhejta veh swaym sarvshaktishali hai sarvvyapak hai kan kan me hai na use dekha jaa sakta hai nyankari bhi hai veh kabhi galti nhi karta ved hi ishwar ka gyan hai uski vani hai shrihti ke arambh se
@@parmarthinfo
ईश्वर कण कण का रचयिता है, वह प्राण दाता है,
कण कण में वह नहीं बस्ता, वह सर्वशक्तिमान सर्वव्यापी अंतर्यामी है,
धर्म युग के अनुसार है,
सृष्टि के आरंभ के बाद मनुष्य का आगमन हुआ,
उस समय मनुष्य भाषा नहीं जानता था न वह किसी भाषा में बात करता था ,
जब मनुष्य भाषा का प्रयोग किया फिर सुरू हुआ धर्म और धर्म शास्त्र, उस समय सृष्टि रचयिता को ॐ के नाम से याद किया गया, फिर बाद में भाषा के अनुसार ईश्वर परमात्मा गड अल्लाह के नाम से नामित हुआ,
श्रीकृष्ण द्वापरयुग में श्रीमद्भागवत गीता में कहते हैं , सर्वधर्मानपरितयजय मामैकं शरणं व्रज अर्थात सब धर्मो को परित्याग करके एक मात्र मेरे शरण में आओ , इसलिए मैं
धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग के अनुसार आया हूं,
अब कलियुग है, पैगंबर मोहम्मद स: अ: सलाम 1400 साल पहले अवतार पैगंबर के रूप में आए, आज के युग के अवतार पैगंबर मोहम्मद स अ सलाम है और आज के समय में अल्लाह की वाणी पवित्र कुरान है ,
धर्म युग के अनुसार है,
@@azimazim9370 ishwar,aatama,prakriti anadi hai jo anantkaal se hai jinko kisi ne nhi banaya hai ishwar bhi anadi hai toh veh kisi ko nhi bhejta
ved ishwar ka samvidhaan hai jiska ka palaan karna hi dharm hai ved ki agya ka ullaghhan karna adharm hai
ishwar ka ek gun yeh bhi hai ki veh sarvshaktimaan hai use kisi ki help ki jarurat nhi
azim ji aapke purvaj sanatani hi the kisi karan varsh aap convert ho gye ghar vaapshi kare
@@parmarthinfo
कलियुग में जन्म लेने वाले कलियुग के हैं ,
सत युग के जन्म लेने वाले सत युग के थे,
हमारे पुर्वज के पुर्वज ॐ ईश्वर परमात्मा गड अल्लाह है जो प्राण दाता है जो अजन्मा अनादि सर्वव्यापी अंतर्यामी है , सब उसके अधीन है तुम जिसे पुर्वज कहते हो वह तुम्हारे लिए पुर्वज नहीं हैं , वह युग के अनुसार थे और चले भी गए ,
युग के अनुसार चलना युग के मानव का कर्तव्य है जो युग के अनुसार युग धर्म के अनुसार कार्य नहीं करता वह अपनी मनमानी करता है, पुर्वज ऐसे भी थे जो अपने समय के अवतार के कथा का पालन न करते हुए अपने मनमानी करते थे आप आज के युग में उन पुर्वज के तरह है , ज्ञान की बात है ,
धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग,
सर्वधर्मानपरितयजय मामैकं शरणं व्रज,
सब युग धर्म को छोड़कर युग के अवतार के शरण में आकर ईश्वर अल्लाह की प्राप्ति सम्भव है, इस लिए पैगंबर मोहम्मद स अ सलाम आखरि पैंगम्बर हैं , मानव जाति के कल्याण के लिए ,
क्या तुम्हें इसका ज्ञान नहीं ?
@@azimazim9370 ishwar nyaykari hai veh kisi ke sath annay nhi karta hai yedi veh abhi maan bhi le ki ishwar ne kisi ko bheja toh veh baki jo manushya jinka janm hua tha uske sath toh annay hoga or aap jo yug ki baat kar rhe ho jo nirantar chalte rehte hai treta yug ka chaar guna satyug kehlaata hai aap kripya galat jaankari na felaye devta kinhe kehte jara batao
Aacharya ji Jay Shri Ram aap Na Jane Kis school mein padhe hain aapane Satsang nahin kiya hai
Parmatma ka ghan he saty hai jo vadic hai
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🕉️🙏🙏🙏
आप भी देव बन सकते है ।
आप ने 11 रुद्र 12 आदित्य 8 बसु 1 इंद्र 1 प्रजापति मिलकर 43 होते तो आपने 33 देवता बताये थे ❤
किस स्कुल में पढे़ हो भाई
Devta chahe kitne parkar hai
Fir bhi somnath mandir ko loot liya
Kya brahman ki kamjori hai?
गूरूजि ऐक भगतने श्राप दिया भाई को और सब बिमार हो गये तो क्या करे गुरूजी. भाई ने प्रश्न पूच्छा तो भगत लगत जबाब दिया तो मेरा भाई चला गया घर मै वापस ऊस भगत के पास गया और मेरे भाई को गलत जवाब दिया तो ऊनका परिक्षा लिया तो उसने मेरे भाई को श्रा प दिया.
मै भगत कोबोला आप गलत बोले तो ओ बोला भाई को भोगेगा करके.
mujey to lagta hey aap hi sarbey sarba ho
Haa...haa..pandit ji saadi m lutty h kaafi...mujkho bhi luta m bola bhagwan kaha bolty h 2021 rs chadao...fees unki jo fix thee wo tho diy ...but karm kaand yeah chadao wo chadao...lut..
Baten banana Gyan Nahin Hota Hai Jo baten manate Hain unhen chaplains Kahate Hain unko Gyani Nahin Kahate
यजुर्वेद जोकि समस्त कर्मकांड से भरा हुआ है क्या वह गलत है आप एक और तो कहते हो वेदों की ओर लौटो एक तरफा वेदों की निंदा करते हो
Dharm m fale in galat bharanti ko safkarna aati sadhak h.
Chahe 33 cror chahe 33 Devi devta ho ye to man ka bharam hi h pakhand andhvishwas hi hai jinho ne kabhi bahujan hit me koi Kam nahi Kiya bas andhvishwas failane ka tarika sabka alag2 hai
देवता जड नहीं होते ।
Bhai dyanand sarsvti ko aap rishiyo se tulna nhi ker sakte kyoki unhone koi research nhi ki unhone vedo ko jarur pda hai but likha nhi pertek reeshi ka apne jiven me enek khoje ki
आप पिण्ड के देवता बता रहे हो। ब्रह्मा ण्ड के नहीं ।
Aapane Satsang nahin kiya hai aap Sanatan Dharm ki Burai kar rahe hain aap Jaise hi Sanatan Dharm ko Badnaam Karte Hain
Ye trigunatmak h yah trigunateet k bare me kya bta V samajh sakta h.isme.sade.teen karor badal(rom)hn aaj tak unke bare me nahi jaan ska unke kya naam hn.unki ginti nahi kee fir brahmand ki kya samajh sakta h.ram aam me ramta h.vha itna kamjor nahi jo apni ichchha se deh dharan nahi kar sakta aapka ram.kmjor ho skta h.tulsi ji ne bhaye prakt kripala bhi kha h.or chidanand mayah deh tumhari bhi kaha.h kya ye aapne nahi padha..?..
33 karod Devta aom ka naam ham bataenge aap khud Kahane lagoge ki han sahi hai baat jawab Man Jao tab batana