- "देवता" वो है जो सबको देता है/ प्रदान करता है, ....बिना किसी भेद भाव के --- "ऑक्सीजन", "सूर्य", "जल", "मिटटी", आदि, देवता हैं, "भूचाल" भी देवता है, "सुनामी" भी देवता है, "कोरोना" भी देवता है. " बाढ़ ", " सूखा" भी देवता है ....
@@devendrasinghsingh1986 "भगवान " एक नाम है, समस्त संसार में मौजूद सभी पदार्थों तथा शक्तियों के सम्मिलित मिश्रण का. "देवता " वो हैं, जो सबको देते हैं, बिना किसी भेदभाव के, जैसे सूर्य की रोशनी, हवा, पानी, बरसात, विटामिन, मौसम, बीमारी, आदि, देवता = one who gives , बिना किसी भेदभाव के.
आचार्य जी प्रणाम आज मैंने आपकी पहले वीडियो देखी मुझे बहुत प्रसन्नता हुई मेरे जैसे लाखों युवा तार्किक और वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं धर्म सिर्फ अंधभक्त नहीं बल्कि इसमें तार्किकता है वैज्ञानिकता है यह मानव कल्याण के लिए है
- "देवता" वो है जो सबको देता है/ प्रदान करता है,- बिना किसी भेद भाव के - "ऑक्सीजन", "सूर्य", "जल", "मिटटी", विटामिन, खाना आदि, देवता हैं, "भूचाल" भी देवता है, "सुनामी" भी देवता है, "कोरोना" भी देवता है. " बाढ़ ", " सूखा" भी देवता है ....
@@dhruvaate874 - सही कहा है आपने, एक नया देवता है, " कोरोना " Corona. जिसने सब को दिया है - दुःख, तकलीफ, यहां तक कि कुछ को "मौत" भी दी. ठीक कहा मैंने ??
सर में यूपी बहराइच से बोल रहा हूं करीब 35 साल पहले मैं और मेरी बुआ का लड़का घर में पढ़ रहे थे तभी चारपाई पर एक पंजा दिखाई दिया हम दोनों को घटना याद है बगल में हमारे दादी और हमारे पिता बैठे हुए थे मैं अपने पिता के गोद में जाकर गिरा और हमारी बुआ का लड़का अपनी नानी के गोदमें
पंडितजी, आप कह रहे हैं कि देवता 33 प्रकार के होते हैं, 33 करोड नहीं। तो शायद आप ऋग्वेद को नहीं मानते। क्योंकि ऋग्वेद कहता है कि 3339 देवता हैं। त्रीणि शता त्री सहस्राण्यग्निं त्रिंशच्च देवा नव चासपर्यन् । औक्षन्घृतैरस्तृणन्बर्हिरस्मा आदिद्धोतारं न्यसादयन्त ॥ ऋग्वेद 10.52.6. "तीन हजार तीन सौ उनतालीस देव मेरी सेवा करते हैं” अनुवाद पद्मविभूषण डा: श्रीपाद दामोदर सातवलेकर. अब बताइए मैं आपकी बात मानूं या ऋग्वेद की?
गुरुदेव में सब लोग भारतवासी हैं जिनके देवता और पूर्वज इस धरती पर पूजे जाते हैं वे सब लोग विदेशी हैं जिनके देवता और पूर्वज विदेश में पूजे जाते हैं इस कथन पर आपके मत से अवगत कारण
33 कोटि मतलब "कई तरह" होता है. जैसे, आम भाषा में "कई तरह" कहना होता है तो आम भाषा में कह देते हैं अरे भाई पचासों तरह के आम होते हैं. इसका मतलब "कई तरह" के आम होते हैं . आज इसका विश्लेषण इसलिए किया जा रहा है कि ईस्लाम धर्म के लोग कटाक्ष के रूप में कहते हैं कि सनातन धर्म कैसा धर्म है जहां 33 करोड़ भगवान् होते हैं. पहले लोग कबिलों मे रहते थे. किसी कबीले में काली माता की पूजा की प्रधानता होती थी तो कहीं दूसरे कबिले में भगवान् शिव की. तो फिर कुछ कबिले के लोग संतोषी माता की तो दूसरे कबीले के लोग गणेश भगवान् की. कहीं सूर्य भगवान् की पूजा की प्राथमिकता होती थी तो कहीं लक्षमी माता, सरस्वती देवी. कहीं भैरव भगवान् की तो कहीं मनसा देवी की. आज भी हम देखते हैं कि महाराष्ट्र में गणेश भगवान् की पूजा की प्रधानता है तो बंगाल में काली माता, दूर्गा माता की. पश्चिम भारत में संतोषी माता की तो दक्षिण में जगन्नाथ भगवान् की. मारवाड़ में लक्ष्मी माता की तो बिहार में सूर्य भगवान् की "छठ" मैया के रूप में. फिर ऐसा नहीं है कि सारे देवी- देवताए विभन्न भागों में बटे थे. कोई भी किसी भगवान् की पूजा करते हैं. बस प्रधानता की बात है. ऐसे भी अंदाज से गिनती की जाए 33 तरह (कोटि) के देवी- देवताएं हो सकती है. अब 33 कोटि का क्या मतलब है 33 तरह के या 33 करोड़ से मतलब है इसमें बिषेश दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है. सनातन धर्म इतने बिशाल भू- भाग में फैला था कि 33 करोड़ क्या 50 करोड़ भी हो सकते है. हम पीपल के पेड़ की भी पूजा करते हैं तो बट बृक्ष की भी. तुलसी माता की तो दूब ( एक प्रकार का घास) की भी. हम गाय ( नंदी) की भी पूजा करते हैं तो गंगा नदी की भी. पर्बत(गोबर्धन) की भी पूजा करते हैं तो सांप (नाग पंचमी) की भी. इस प्रकार 33 करोड़ तो क्या सहस्त्र करोड़ की पूजा होती है. यानि हमलोग हर चीज की पूजा करते हैं भानि कण-कण में भगवान् हैं.
आचार्य जी,अति उत्तम। बहुत ही सरल भाषा में समझाया है। धन्यवाद।
मेरे देवता हैं सूर्य धरती पैड़ हवा जल जीवन में सब को सब कुछ देते हैं यही सच है ।माता पिता भगवान है ।
- "देवता" वो है जो सबको देता है/ प्रदान करता है, ....बिना किसी भेद भाव के --- "ऑक्सीजन", "सूर्य", "जल", "मिटटी", आदि, देवता हैं, "भूचाल" भी देवता है, "सुनामी" भी देवता है, "कोरोना" भी देवता है. " बाढ़ ", " सूखा" भी देवता है ....
देवता और भगवान में क्या अंतर है?
@@devendrasinghsingh1986 "भगवान " एक नाम है, समस्त संसार में मौजूद सभी पदार्थों तथा शक्तियों के सम्मिलित मिश्रण का.
"देवता " वो हैं, जो सबको देते हैं, बिना किसी भेदभाव के, जैसे सूर्य की रोशनी, हवा, पानी, बरसात, विटामिन, मौसम, बीमारी, आदि,
देवता = one who gives , बिना किसी भेदभाव के.
आचार्य जी सादर नमस्ते 33 कोटि देवी देवताओं के बारे में बहुत अच्छा ज्ञान दिया उसके लिए आपको हृदय की गहराई से धन्य वाद❤
Jai shree Ram bhai i i i i
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega to
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad i i i
आचार्य जी आपको सत सत बड़े सरल शब्दों में व्याख्या की आपको बहुत बहुत धन्यवाद
सादर नमन आचार्य जी आपके प्रवचन सुनकर
संतुष्टि मिली
Jai shree Ram bhai
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad
ओ३म् सादर नमस्ते 🙏🏻🙏🏻 आचार्य जी।
ਅਚਾਰਯ ਜੀ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਢੰਗ ਨਾਲ ਸਮਝਾਯਾ ਹੈ ਜੀ ਧੰਨਯਵਾਦ ਜੀ।।
ओम् नमस्ते अचार्य जीं जय सनातन
Jay Shri Ram.Jay Ho Gurudev. Devtaon ki jankari dene ke liye aapko dhanyvad.
आचार्यजी जय श्री राम जी आपके विचार अच्छे लग रहे हैं और मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद देताहूं
आचार्य जी प्रणाम आज मैंने आपकी पहले वीडियो देखी मुझे बहुत प्रसन्नता हुई मेरे जैसे लाखों युवा तार्किक और वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं धर्म सिर्फ अंधभक्त नहीं बल्कि इसमें तार्किकता है वैज्ञानिकता है यह मानव कल्याण के लिए है
आज प हिले वार सुन रहा हू आचार्य कि पर्वचन सही लग्र्रा हा है
- "देवता" वो है जो सबको देता है/ प्रदान करता है,- बिना किसी भेद भाव के - "ऑक्सीजन", "सूर्य", "जल", "मिटटी", विटामिन, खाना आदि, देवता हैं, "भूचाल" भी देवता है, "सुनामी" भी देवता है, "कोरोना" भी देवता है. " बाढ़ ", " सूखा" भी देवता है ....
Abe chutiye 8bi pass sale tuthe B A ki kitab samjh nahi aayegi …..
Guru ji apne bahut achhe se samjhaya apko naman
Sardar tera baap hai
Thikkk
@@chandrakalamp4090 जी, धन्यवाद
Sir aapne hamara bahut Bada duvidha mita diya. Aapke gyan ko sat sat naman.
Sir aap samaj me aachha Gyan dete he
कभी भी कोई भी नये देवी देवता बना सकता है।लोग दर्शन करना चालु कर देंगे।
@@dhruvaate874 - सही कहा है आपने, एक नया देवता है, " कोरोना " Corona. जिसने सब को दिया है - दुःख, तकलीफ, यहां तक कि कुछ को "मौत" भी दी. ठीक कहा मैंने ??
Acharya yoges bhardwaj g Aapko sat sat piram
Waah Acharya ji Rajeev Dixit ke bad Desh ko Aapki bahut jyada jarurat hai dhanyawad ji
Jai shree Ram bhai i i i i
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega to kya hua hai
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad i i i
आचार्य जी को चरण स्पर्श 🙏🏻🙏🏻
Satya sanatan vaidik dharm ki jay ho 🙏 🙏 🚩 🚩 🚩
Har Har Mahadev Har 🙏 🙏
Jay Hindu Rashtra 🚩 🚩 🚩
Har har Mahadev bhai i i i i i
बहुत रोचक ढंग से
अपना ज्ञान हम तक पहुंचा रहे हैं
धन्यवाद आचार्य जी
🙏🙏🙏
अच्छा काम कर रहे हो सर धन्यवाद, करौली शंकर महादेव की जय
मात पिता हि सबसे बड़ा देवता हैं।🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵
बहुत ही सुंदर वीडियो जय भीम जय संविधान जय विज्ञान
Very Very Thanks
Aacharya Ji ko Charan sparsh bahut dinon ka
Thank u veri Mach Aacharya ji,🙏🙏🙏
Wow
अतिथि देवो भव। आचार्य देवो भव!
आचार्य जी om shanti संस्था के विषय मे भी बताओ
ईसाईयो ✝ की संस्था है ओम शान्ति
सही कहा आचार्य श्री
वेद के मार्ग पर चलकर सनातन धर्म के सभी हितचिन्तक जल्द ही अखंड भारत को पुनः विश्व गुरु बनाएँगे
Jai shree Ram bhai i i
Bhai inki khooni kitab Kuran Hadis padh lo sab samaj aa jayega to
Bhai guriuji sri yati narsinghand ji maharaj dasna Devi mandir ghaziabad ka sath do dhanywaad i i i
कुछ नहीं होने वाला 😂😂
Right
सभी से निवेदन की आप विडिओ को अघिक से अधिक शेयर किजिए।
ॐॐॐॐॐॐ
गुरु जी मैं नाशतिक की दिशा में जाने वाला था मैं आपके ज्ञान से मुझे समझ आ गया
Pehle sahi disha mein jaa rahaa thaa, ab andhbhakt bnn raha hai tu
Jai gurudev ji braham nikal geya Nirankar. hi sataya hai.
Dhanyawad uncle ji 💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कुछ लोगो में डर बैठा हुआ है भोले लोग होते है उनको समझ नहीं आता किसको देवता समझे
Aacharya yogesh bhardwaj bhai aapko pranam 🙏 🙏
Jay ho bhagwa dhari Jay jay shree ram 🙏 🙏
Har Har Mahadev Har 🙏 🙏
Jay Hindu Rashtra 🚩 🚩 🚩
भाई लिखने से कुछ नहीं होता हिंदू राष्ट्र होता तो तू लिखता ही नही मैदान मैं हिंदू लड़ने आता है ही नही नाम के लिए 100 करोड़ हिंदू हैं
Aap ji jase SBI pandit or aacharya hone chaye ji jo ki logon ko andwiswas ki dl ,dl se bhar nikal ske ji aap ji ko sader prnam ji
आपका ये वीडियो देखा बहुत पसंद आया
Kya bat hai ❤❤❤❤❤❤❤❤ pranam sir
Dhanyavaad hai acharya saheb parnam
आचार्य जी आपको बारम्बार परणाम
आचार्य जी प्रणाम
उपरोक्त वीडियो का आगे का भाग या पार्ट कहां देखें या सूने ?
सर में यूपी बहराइच से बोल रहा हूं करीब 35 साल पहले मैं और मेरी बुआ का लड़का घर में पढ़ रहे थे तभी चारपाई पर एक पंजा दिखाई दिया हम दोनों को घटना याद है बगल में हमारे दादी और हमारे पिता बैठे हुए थे मैं अपने पिता के गोद में जाकर गिरा और हमारी बुआ का लड़का अपनी नानी के गोदमें
सफेद झुट
Dil laggaya ❤❤ Wah
Guruji kya aap ka video apne channel par share kar sakte hain 😊
नमस्ते आचार्य जी 🙏🏼
कर्म ही धर्म है
सच्चा कर्म ही पूजा है
ए,सभी कुछ होते ही हैं धन्यवाद❤
App jesa koi nahi h achary ji
Excellent explanation,
Good knowledge for telling.
Yogesh sir ji ko kotti kotti Naman
Aacharya Ji ko Charan Sparsh
ओ३म् ओ३म् ओ३म्
🙏🙏
सर क्या इस वीडियो के आगे कोई continue वीडियो भी है l
Shi kha ji
Nice sweet. Om shanti.
आचार्य जी आप ने moti nagar samajdelhi में कहा था आप ७-८ का link भेजो गे पर आपका phoneno नहीं हैं हमारे पास कृपया बताए आप से कैसे जुड़े
Namaste!! 🙏
❤
Baba Bageshwar ji ache insaan hai sanatan dharm ke liye acha kaam kar rahe hai
कुल 33 देवता हैं।12आदित्य/10दिग्पाल/8वसु/3 त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, और महेश भगवान मात्र एक ही हैं श्री नारायण भगवान।
GURU JI KE CHARNO ME KOTI KOTI PRANAM
पंडितजी, आप कह रहे हैं कि देवता 33 प्रकार के होते हैं, 33 करोड नहीं। तो शायद आप ऋग्वेद को नहीं मानते। क्योंकि ऋग्वेद कहता है कि 3339 देवता हैं। त्रीणि शता त्री सहस्राण्यग्निं त्रिंशच्च देवा नव चासपर्यन् । औक्षन्घृतैरस्तृणन्बर्हिरस्मा आदिद्धोतारं न्यसादयन्त ॥ ऋग्वेद 10.52.6. "तीन हजार तीन सौ उनतालीस देव मेरी सेवा करते हैं” अनुवाद पद्मविभूषण डा: श्रीपाद दामोदर सातवलेकर. अब बताइए मैं आपकी बात मानूं या ऋग्वेद की?
Ha he ji
माता पिता सबसे बड़े देवी-देवता हैं ।
आचार्य जी कभी हमारे बयाना या भरतपुर में भी अपने प्रवचन कहिये ऊं शान्ति ऊं ऊं ऊं
Sabasr uper Kavinarayan yani Adinarayan hi Sat parmatma hai !
🙏🙏
👌🏽 🙏🏽🚩.
Pahli bar aisi gyan ki bat suni hai
नमस्ते । आभार ।
Sat satnaman ❤
गुरुदेव में सब लोग भारतवासी हैं जिनके देवता और पूर्वज इस धरती पर पूजे जाते हैं वे सब लोग विदेशी हैं जिनके देवता और पूर्वज विदेश में पूजे जाते हैं इस कथन पर आपके मत से अवगत कारण
Mata pita 🙏🙏🙏🙏
20:17 Akha ibaad was a challenge
Right sir
Kote kote parnam Guru ji ❤❤❤
Bhut hi achcha h vidio
Jai shree Ram
सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏🏻
Aap bhi devta ho gaye aapne gyan rupi prerna de di ❤
जीवन मे सोच विचार कर चलना चाहिए
VA BHAGWAN VA AAP JESE GURUDEVO KI BAHUT JARURAT HAI JAY HINDU RASHTRA
Pranam guruji
ओम नमः शिवाय स्वामी जी नमस्ते हमनें ऐसा कभी कुछ नहीं देखा
ओ३म्
जितने जगत मे नर नारी हॅ सब देवी देवता हॅ
सत सत नमन समझेगा
Saheb,
Yeh ginti utna hai jitna likhte samay ka population.
Harek maanav ek ek Devta.
जय श्री राम 🙏
परब्रह्म श्री राम के चरणो में मेरा प्रणाम
Very good sir ji
33 कोटि मतलब "कई तरह" होता है. जैसे, आम भाषा में "कई तरह" कहना होता है तो आम भाषा में कह देते हैं अरे भाई पचासों तरह के आम होते हैं. इसका मतलब "कई तरह" के आम होते हैं . आज इसका विश्लेषण इसलिए किया जा रहा है कि ईस्लाम धर्म के लोग कटाक्ष के रूप में कहते हैं कि सनातन धर्म कैसा धर्म है जहां 33 करोड़ भगवान् होते हैं. पहले लोग कबिलों मे रहते थे. किसी कबीले में काली माता की पूजा की प्रधानता होती थी तो कहीं दूसरे कबिले में भगवान् शिव की. तो फिर कुछ कबिले के लोग संतोषी माता की तो दूसरे कबीले के लोग गणेश भगवान् की. कहीं सूर्य भगवान् की पूजा की प्राथमिकता होती थी तो कहीं लक्षमी माता, सरस्वती देवी. कहीं भैरव भगवान् की तो कहीं मनसा देवी की. आज भी हम देखते हैं कि महाराष्ट्र में गणेश भगवान् की पूजा की प्रधानता है तो बंगाल में काली माता, दूर्गा माता की. पश्चिम भारत में संतोषी माता की तो दक्षिण में जगन्नाथ भगवान् की. मारवाड़ में लक्ष्मी माता की तो बिहार में सूर्य भगवान् की "छठ" मैया के रूप में. फिर ऐसा नहीं है कि सारे देवी- देवताए विभन्न भागों में बटे थे. कोई भी किसी भगवान् की पूजा करते हैं. बस प्रधानता की बात है. ऐसे भी अंदाज से गिनती की जाए 33 तरह (कोटि) के देवी- देवताएं हो सकती है. अब 33 कोटि का क्या मतलब है 33 तरह के या 33 करोड़ से मतलब है इसमें बिषेश दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है. सनातन धर्म इतने बिशाल भू- भाग में फैला था कि 33 करोड़ क्या 50 करोड़ भी हो सकते है. हम पीपल के पेड़ की भी पूजा करते हैं तो बट बृक्ष की भी. तुलसी माता की तो दूब ( एक प्रकार का घास) की भी. हम गाय ( नंदी) की भी पूजा करते हैं तो गंगा नदी की भी. पर्बत(गोबर्धन) की भी पूजा करते हैं तो सांप (नाग पंचमी) की भी. इस प्रकार 33 करोड़ तो क्या सहस्त्र करोड़ की पूजा होती है. यानि हमलोग हर चीज की पूजा करते हैं भानि कण-कण में भगवान् हैं.
Om ji Om
नमस्ते ❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 आचार्य श्री।
भूत प्रेत आज तक मुझे मिला ही नहीं है
गुरु मंत्र गायत्री गुरु माता पिता आचार्य वेद भगवान्। वैदिक धर्म सत्य सनातन। राम कृष्ण आदि के वंशज आर्य पुत्र कहलाते हैं।। देने वाले देवता
😊
❤❤❤❤
मेरे गांव में लगभग 96 देवियां हैं - जैसे - रोशनी देवी,सबनम देवी,सुचिता देवी,जयदानी देवी,गोरी देवी,अर्चना देवी इत्यादि।😂