यज्ञ व हवन में अन्तर क्या है \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्र \ HARI SHANKAR JI-01 \ARYA SAMAJ MISSION
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- Опубликовано: 25 дек 2024
- यज्ञ व हवन में अन्तर क्या है \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्र \ HARI SHANKAR JI \ARYA SAMAJ MISSION
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●आर्य समाज के नियम/ Principles of Arya Samaj●
1. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
2. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
3. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
4. सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
5. सब काम धर्मानुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिए।
6. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना ।
7. सबसे प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए।
8. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।
9. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिए किन्तु सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए।
10. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।
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निस्संदेह बहुत ही सारगर्भित संदेश! सुनकर आचार्य श्री हरिशंकर अग्निहोत्री जी की विदग्धता को नमन करता हूं! वैदिक विद्वान होते ही प्रणम्य हैं!
Namaste acharya ji bhot hi sundar danyavad
सादर प्रणाम आदरणीय आचार्य जी
ॐ नमस्ते जी
ॐ राम ॥
Bhut sundhr byakyan
Yathayogya Namaste 🙏 ji
सादर नमस्ते जी ✅💥☀️🔥🚩🌺🙏🏼
बहुत ही सुन्दर जानकारी आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏
Ati sundar parv achan . 🙏🙏
Very good your video 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
प्रणाम आचार्य जी 🙏🕉️
आचार्य जी सादर 🙏 बहुत सुंदर संदेश
Acharya ji sadar Naman 🙏🙏
धन्यवाद पूज्य आचार्य जी🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
आचार्य जी की जय हो
namsteji abhar
Om
आचार्य जी उत्तमविचारों के लिए धन्यवाद
जो कर्म किसी मानव के लिए कर्तव्य हो सकते हैं
वे सभी कर्म उस मानव के द्वारा कर्तव्य भाव से करने पर यज्ञ हो जाते हैं ।
बहुत सुंदर आचार्य जी 🙏💐
आचार्य जी नमस्ते बहुत सुन्दर उदबोधन
Saadar namaste
🙏🌷🌷🙏
ओ३म नमस्ते जी
OM
कर्तव्य भाव से किये जा सकने वाले सभी हवन उस कर्ता के लिए यज्ञ हो जाते हैं किन्तु सभी यज्ञ हवन नहीं होते ।
🙏👌👌
यज्ञ, एक कार्य का नाम है, यज्ञ यानी परोपकार के लिए किया गया काम, नाउन है ,और हवन, एक क्रिया है, जिसमें वस्तुओं का त्याग किया जाता है,
आचार्य जी सादर नमस्ते
अगर विडियो पूरा देखने को मिलता तो ओर भी ज्यादा ज्ञान प्राप्त होता मेरा विनम्र निवेदन है कि कृप्या विडियो पूरा उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। आपका बहुत बहुत आभार 🙏🕉️🙏
यज्ञ के विषय में आपकी चर्चा अच्छी रही किन्तु हवन के बारे में आपने कुछ भी नहीं बताया।
अगला भाग आज देख लेना
23:50
Nchiketa ka pura byakyan hrishnkar agnhotee ki abaj me aplod kijiye
Namaste Guruji jin log Arya Samaj ka Dharm Lete Hain To unko Koi Diksha vagaira lene ki jarurat hoti hai kya
I AM NOT HIGHLY EDUCATED IN THE SCRIPTURES BUT I FEEL BY THE PERFORMANCE OF THE AGNIHOTRA IS LIKE MAKING AN URGENT PHONE CALL TO GOD ALMIGHTY.
¥
अर्थात दैनिक यज्ञ 5 हैं। उन में से हवन को अग्नि होत्र कहते हैं
यज्ञ 5हैं।हवन अग्नि होत्र है।
ruclips.net/video/e6pfZmK-X7o/видео.html
पंच महायज्ञ
प्रणाम आचार्य जी🙏🏻🙏🏻