आओ धर्म की परिभाषा सुनो ओर जानो \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री \ HARI SHANKAR JI \ARYA SAMAJ MISSION
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- Опубликовано: 12 сен 2024
- आओ धर्म की परिभाषा सुनो ओर जानो \आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री \ HARI SHANKAR JI \ARYA SAMAJ MISSION
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●आर्य समाज के नियम/ Principles of Arya Samaj●
1. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
2. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
3. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
4. सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
5. सब काम धर्मानुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिए।
6. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना ।
7. सबसे प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए।
8. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।
9. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिए किन्तु सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए।
10. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।
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PUNJALA ,MANDOR
JODHPUR RAJASTHAN-INDIA
PIN-342304
गुरु जी आप को कोटि कोटि प्रणाम
OUM namaste guruji
🙏🙏🙏🙏
namaste aachary ji
namste g Satya vachan
बहुत अच्छा
इससे आगे का भाग बताए
Aacharya harishankar agnutra Ji ko Sadar namaste
व्याख्यान बहुत ही महत्वपूर्ण है
सुन्दर प्रवचन
Jai ho sanatan dharm ki
Bahut sundar Vedic prachar M k Arya
Eknath mahraj
धर्म की परिभाषा------------------- यतो अभ्युदय नि:श्रेयस सिद्धि स: धर्म:
नमस्ते जी आचार्य जी गदनपुर
Acharya Hari Shankar Agnihotri jee ka maholikheda Mainpuri me aapka hardic swagat hai M k Arya
बहुत सुंदर आचार्य जी
Bhut acha definition... DETE RAHIYE
विद्वतापूर्ण व्याख्यान ।
प्रणाम आपके पुरुषार्थ को।
सत्यार्थ प्रकाश अमर रहे।
आचार्य जी विधर्मी नहीं अधर्मियों की संख्या ज्यादा हो जाए तो क्या उस स्थान पर धर्म रह पाएगा।
Bhut sunder ssr.. ! Bolte rahiye !! Sunega bhart !!!
में तो मानता हूँ धर्म 99 % लोग धर्म को नहीं जानते हैं🙏💕🙏💕🙏💕
🙏 नमस्ते जी। इससे आगे का भी प्रवचन भेजना जी ..... 🙏 धन्यवाद।
आनंद आ गया
Dharm ki esi soch hamare men daali gurudev ki dharm adharm ke baadal bilkul chhat gaye
आचार्य जी को सादर प्रणाम
क्लेशों से रहित स्थिति को सुख कहते हैं अधिकतर लोग संतुष्टि को भी सुख मान लेते हैं। जबकि सुख और संतुष्टि दोनों शब्द भिन्न भिन्न पदार्थों के वाचक हैं। बीड़ी पीने से संतुष्टि होती है सुख नहीं।
ll ओ३म ll नमस्ते जी l
Khokhle gyan se bhi dharm siddh nhi hota
इसका दूसरा भाग कहां है?
Acharya Hari Shankar Agnihotri jee ko koti koti Naman M k Arya
धन्यवाद भाई जी🙏💕🙏💕🙏💕🙏💕
आचार्य जी आपको सादर प्रणाम और आप सादर नमस्कार