तृतीय समुल्लास-54 | सत्यार्थ प्रकाश | EPISODE-103 | Aryaveer Arunkumar |
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- Опубликовано: 15 окт 2024
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• Satyarth Prakash
इस चैनल का उद्देश्य वैदिक धर्म का प्रचार प्रसार है। विगत चार वर्षों से महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा लिखित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश तथा इसपर स्वामी विद्यानन्द जी द्वारा लिखित विस्तृत भाष्य सत्यार्थ भास्कर का व्हाट्स एप तथा टेलीग्राम एप के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया। इनके साथ-साथ ऋग्वेदादी भाष्य भूमिका जो भूमिका भास्कर की व्याख्या के साथ तथा महर्षि दयानन्द जी का पावन चरित्र भी प्रसारित हुआ है। दस-दस मिनट की इन श्रव्य कणिकाओं (ऑडियो) को दृश्य श्रव्य (वीडियो) बना कर, यू ट्यूब के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का कार्य, इस चैनल द्वारा आरंभ किया जा रहा है...
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ओउम्🎉🎉🎉🎉🎉 अति उत्तम🙏🙏🙏🙏🙏 प्रणाम आचार्य जी 🌹🌹🌹🌹🌹 बैदिक आर्य सनातन धर्म की जय, नमस्ते
बहुत ही सुंदर
ओउम् सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय बहुत बहुत आभार आदरणीय आचार्य जी
अति सुंदर प्रणाम 🙏
धन्य हो महर्षि दयानंद जी,
🌼🙏🌼
अति सुन्दर शंका समाधान,सादर नमन
Bahut sunder.
❤❤
बहुतसुनदरहै।
નમસ્તે
🎉 आर्य समाज परमात्मा को निराकार मानते हैं और खुद साकार।
🎉 सृष्टि कितनी सुंदर है प्रकृति कितनीसुंदर है तो परमात्मा कितना सुंदर होगा। जिसे सच्चिदानंद कहते हैं। सत है चेतन है और आनंद रूप है। उसे निराकार नहीं कह सकते निराकार कहनाअपराध है। ब्रह्म निराकार है पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद स्वरुप है। निराकार नहीं।
🎉 यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
Hame ye book kaha uplabdh hoigi