भारत में धर्मों का उदय कब हुआ? • Bharat mein dharmon ka Uday kab hua • Hamara Ateet •
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- Опубликовано: 21 ноя 2024
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2.प्राचीन भारत का इतिहास
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8.इतिहास के प्रश्न और उत्तर
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हमारे देश में अनेक इतिहासकार उन्होंने हमारे दिमाग में बचपन से ही यह भर दिया है कि भारत में धर्मों का उदय सृष्टि के प्रारंभ से ही चला रहा है । जब भी हम अपने इतिहास को पढ़ते हैं तब हमारे दिमाग में अनेक प्रश्न पैदा हो जाते हैं परंतु उन प्रश्नों के जवाब देने से इतिहासकार अपना मुंह मोड़ लेते हैं । इस वीडियो में, मैंने भारत में धर्मों का उदय कब हुआ इस विषय पर विस्तार से बात की है । आप इस वीडियो को पूरा देखें, आपको सब कुछ समझ में आ जाएगा ।
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Dear Subscribers - इस वीडियो में, मैंने जो बताया है शायद वह आप लोग समझ नहीं पाए हैं | आप सभी के प्रश्नों के उत्तर अगले वीडियो में मिल जायेंगे | इस वीडियो में, मैंने धर्म के उदय पर बात की है | धम्म बारे बारे में चर्चा नहीं की है | धम्म और धर्म दोनों अलग - अलग हैं | इस पर मैंने एक वीडियो बनाया है आप चाहें तो वह देख सकते हैं | सम्राट अशोक बुद्ध के धम्म को मानते थे | आज जिसे हम बौद्ध धर्म कहते हैं, वो भगवान बुद्ध के धम्म से बिल्कुल विपरीत है | इसी तरह महावीर स्वामी का जो धम्म है, और आज का जो जैन धर्म है उसमें जमीन आसमान का फर्क है |
आप जैसे सच्चे इतिहासकार की बहुत जरूरत है इस देश को, जो बिना किसी विचारधारा से प्रभावित हुए सच्चाई बयां कर सके 🙏
तथ्यों के आधार पर तयार किया गया इस भिडियो के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हुँ । धर्मों का इतिहास के बारे मे सच्ची बाते जानने को मिला । ११औँ १२औ शदी से पहले कोइ धर्म नही था बस परम्परा ही था । इस तथ्य को मैंने नोट कर लिया ।
सर आपको इसी प्रकार कार्य करते रहना चाहिए ताकि हम अपने देश भारत को एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में बना पाए और अपने इतिहास पर गौरव करें और किसी भी राजा का अपमान ना करें उनसे जो गलतियां हुई उनसे सीख ले और आइंदा उसे ना करने की प्रेरणा लें
आपकी ये वाली वीडियो देखी बहुत अच्छी लगी। हमेशा ही आप इतिहास को सही तरीके से लोगों के सामने लाते हो परंतु इस वीडियो में धर्म के प्रति आप ज्यादा ही न्यूटरलाइज्ड नजर आए। मतलब ये बात बिलकुल सही है कि धर्म कोई स्पेशल पैदा नहीं होता है पहले उनका कोई गुरु होता है फिर अनुयाई बनते हैं। फिर बड़ा ग्रुप बनता है पंथ फिर समय के साथ वो धर्म में परिवर्तित हो जाता है समय के अनुसार। आपने इस विडियो में बुद्धिस्म और जैनिज्म के इतिहास को बताया कैसे धर्म बने। इनका इतिहास 2600 साल पुराना है- श्रमण परंपरा का इतिहास। और कैसे कैसे ये धर्म में परिवर्तित हो गए। बिलकुल सही । पर जब आपने हिंदू मंदिरों को जिक्र किया तो ये नहीं बताया कि किस देवी देवताओं के मंदिर बने। और हिंदुओं के गुरु परंपरा , पंथ और धर्म बनने का जिक्र नहीं किया। जिससे के लोगों को पता पढ़े कि भारत का असली इतिहास अभी तक के साक्ष्यों के आधार पर श्रमण परंपरा का इतिहास था जो बुद्धिज्म और जैनिस्म था या कुछ और। कृपया हिंदू धर्म के धर्म बनने पर भी विडियो बनाएं साक्ष्यों के आधार पर। क्योंकि आपने कहा मंदिर उनके भी बनाए गए थे। इसीलिए।🙏
आपका यह प्रयास हमारे लिऐ बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा क्योकि अधिकाँस तो केवल गुमराह करने मैं ही लगे हुए है! बहुजन क्रांति में आपका अमूल्य योगदान भुलाया नहीं जा सकता
बहोत ❤❤ बुद्ध के बारे मे जाणकारी दि सर अपणे प्राचीन बुद्ध स्तूप ओर लेणी ये जाहीर किया
एक सच्चे इंसान और सच्चे रिसर्च को नमस्कार है
ईतिहास पूर्वाग्रह दुषित लोगो द्वारा लिखा जाता है।
कोई ईमानदार व्यक्ती इतिहास लेखन तरफ नही जाता ।आप जैसे लोगो का इतिहास संसोधन मे आना बहुत सुखद अनुभव है।
भारत में विचारों का आदर करने की परंपरा थी, आधुनिक धर्म की परिभासाएं यूरोपीय और इस्लामिक प्रभाव की वजह से गढ़ी गई हैं।
जी आपका वीडियो मनुष्य की चेतना पर बहुत बड़ा प्रभाव डालेगा। मैं भी यही सोचता हूं बुद्ध ने लोगों को जागरूक करना चाहा लेकिन आज भी लोग मूर्ख बने घूम रहे है और अन्धविश्वास को अपना कर अपना धन और समय बर्बाद कर रहे है।
जब हमारे देश में ऐसे तथ्यों से लोग जागरूक हो जाएंगे और धर्म के धंधों में ताले लगने लगेंगे तब सही मायने में आजादी के अर्थ को समझ पाएंगे।
हर व्यक्ति किसी ना किसी विचार में खुदको बाँध रखा है, क्यो ना लोग हर विचार से आजादी हो इंसानियत और विकास की बात करे और पूरे देश में शांति और समृद्धि के वृद्धि में अपना अपना योगदान दे।
Sir आपके सारे videos बहुत निस्पक्ष और प्रभावपूर्ण होते है और आप जो video के लिए परिश्रम करते है आपके हर वीडियो में दिखता है।
धन्यावाद Sir 🙏
बुद्ध ही सत्य है सत्य ही बुद्ध है....
सादर प्रणाम !🙏😊
आपके अनमोल Information के लिए ह्रदय से आभारी हूँ !
बहुत ही खूबसूरत और प्रेरक जानकारी के लिए धन्यवाद सर।
बहुत ही जबरदस्त वीडियो है।
बहुत खूब , आपसे पढ़ने के बाद मेरा भारत के इतिहास को लेकर एक नया view पैदा हो गया
शानदार विश्लेषण है आपका विडियो बहुत पसंद आया है
बहुत शानदार, बहुत मजा आया है। मैं पूर्ण रूप से नास्तिक हूं।
क्या गजब का वीडियो बनाया है। जानकारियों से परिपूर्ण। मजा आ गया
आपके वीडियो से बहुत ही अच्छी जानकारी मिल रही है, जिससे समाज में फैले अंधविश्वास दूर हों रहे है। और अपने सच्चे और वास्तविक इतिहास जानने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद।
।। गुरुवर आपको एक बार और मेरा सादर प्रणाम ।।
आपकी ये बात तो तर्क पूर्ण है कि राजा सभी धर्मों के स्थल , मंदिर आदि बनवाते थे। आज भी राजा (प्रधानमंत्री) हर धर्म को साधने के प्रयास करता है। क्योंकि उसे सत्ता चलाने में हर नागरिक का सहयोग चाहिए होता है।
धर्म से चिपकना लोगों का स्वभाव है और उस स्वभाव का फायदा उठाना राजा का काम रहा है।
🙏
बुहुत आच्छे जाणकारी दी हे सर जी आपने ❤
आपकी ज्ञानवर्धक और तर्कसंगत बातें आमजन तक पहुंचाने के प्रयास को मेरा सत सत नमन। एक बात जो आपने कही "धर्मों का उदगम्' का समय, वो मेरे विचार से धर्म शब्द के दुरूपयोग के प्रारम्भ का समय है ।
आप हमें सच बताकर अच्छा काम कर रहे हैं अन्यथा हमें झूठा इतिहास पढ़ाया जाता है। बहुत अच्छा काम सर, इसे करते रहें। हम आप का समर्थन करते हैं।
बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी दी और इन दुकानों के मालिकों की पोल खोल दी।🙏
Sir आपकी बातें सौ पर्सेंट सत्य है और मुझे इन बातों का पहले ही पता चल गया था कि इतिहास में हुआ क्या ह?
Jay johar jay bheem bhai
विडियो अच्छा लगा sir
धन्यवाद इस हेतु
भारत में मुसलमानों के आने के बाद धर्म की अवधारणा भारत में आई। यह मुसलमान ही हैं जिन्होंने मुसलमानों के अलावा सभी लोगों को हिंदू कहा।
Good job sir आपका बहुत बहुत आभार जो असलियत इतिहास की जानकारी दी है super
इस तरह की जानकारी लोगों को जागरूक करने के लिए बहुत जरूरी है।
सही बात है मुगल आराम से शासन कैसे करते रहे वास्तव मे कुछ समुदाय का योगदान जरूर रहा होगा।भक्ति आंदोलन सारे ग्रंथ इसी समय लिखे गये जो अंग्रेजो के समय तक महाग्रंथ बन गये।
ॐ नमो रत्नत्रयाय। ॐ नमः श्रीसर्वबुद्धबोधिसत्त्वेभ्यः। नमो दशदिगनन्तापर्यन्तलोकधातुप्रतिष्ठितेभ्यः सर्वबुद्धबोधिसत्त्वार्यश्रावकप्रत्येकबुद्धेभ्योऽतीतानागतप्रत्युत्पन्नेभ्यः। नमोऽमिताभाय। नमोऽचिन्त्यगुणान्तरात्मने॥ 🙏🙇📿✨
BOHOT achhi jankari di budhh hi saty hain jaybhim namo budhhay ❤❤ babasahab ne 21 varsh sabhi dharmoka gaharai se adhyayan kiya tha tabhi jakar budhh ko apanaya aap great ho ❤❤❤❤
बहुत बढ़िया 👌👌
Very good presentation 🙏🙏
Nice video for knowledge
Next video wating
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Aapka hamesha aabhari rahenge bhai 🙏🙏🙏
One day views in millions ❤❤
Bahut hi saandar kam kar rahe hai dil se salut namo buddhay
इस धम्मो सनंतनो🙏🙏🙏🙏
S dhammo saatani
एतो:*
Good Morning Sir G,
और जो सम्यक कर्म करता है, वही सदाचारी होता है, और धार्मिक होता हे।
Nice sharing 👍👍
प्रणाम सर जी।।।❤❤❤❤
सर आप को कोटि कोटि प्रणाम सही इतिहास बताने के लिए नमो बुधाय
धन्यवाद भाई जी बहुत ही शानदार जानकारी।
Sir ap to eak acha motivater ho. Thank you.
सर क्या जानकारी से परिपूर्ण वीडियो था।कृपया इस पर वीडियो बनाए की सम्राट अशोक के समय से सम्राट हर्ष के समय के ब्राम्हण जो बुद्ध को अपना आदर्श मानते थे वे आज हिंदू धर्म में कैसे परिवर्तित हो गए।
सर धन्यवाद एसे ही सचेत रहो सबुतो के साथ
Very nice video sir. I couldn't stop appreciate you for your confidence and courage to reveal TRUE Indian historical facts with evidence. Thank you sir
Bahut badhiya 🤗🤗🤗🤗
भारत के प्राचीन राजा सर्वधर्मसमभावी थे, हिंदुत्ववादी नही थे और जनता भी अंधभक्त नही थी, इसलिये तब भारत का विकास हुआ
बुद्ध ही सत्य है ❤💙
नमो बुद्धाय..!
आपके अदम्य साहस को शत शत वंदन ..!
यहां धर्म से तात्पर्य सम्प्रदाय है , इसलिए इस video में जहां धर्म है उसे सम्प्रदाय समझें.. 🙏🙏
- आमोद कुमार आनंद, एक विपस्सना साधक (editor in a publication, New delhi )
बहुत सुंदर
Excellent Sir ji 👍👍
💙💙
I am new follower of u sir 🥰 thousands of clap for u
मेरा सभी से आग्रह है कि सभी लोग विपश्यना का अभ्यास करें और सच्चाई का प्रत्यक्ष अनुभव करें. सत्य को जानना हम सबका कर्तव्य और अधिकार है. भौतिक संसार की वास्तविकता को जानना हमारे लिए इसलिए भी ज़रूरी है ताकि हमलोग किसी भी भ्रम में ना पड़ें.
Please do Vipassana as taught by S N Goenka.
Realy good information 🙏thanks 👌👌
Very interesting sir👍
Thanks sir for providing real history of India.
Bahut achha topic tha sir 🙏🙏 ji
गुफा संख्या 1 से 12 - थेरवादा
गुफासंख्या 13 से 29 - महायान, तंत्रयाण, वज्रयाण,
गुफासंख्या 29 से 34 - जैन
हां उसी महायान से आज के हिंदू देवताओं का जन्म हुआ है | यह बात मैं अपने कई वीडियोस में बता चुका हूं लेकिन फिर भी लोगों को समझ में नहीं आता है |
Hmm good 👍 aap sach mein ek ache vyakti hoo aapki awaaz achi hai sir 😊
Sir, Chankya ke सच में होने का अस्तित्व पर भी वीडियो बनाइये
Thanx Sir
Very Logical and informative videos
Mujhe history me bahut intrest hai, jb aap mile to history ko dekhne samjhne w pdne ka tarika bdal gya thank you, love you sir 🥰
वैसे तो हमारे देश में बहुत से दर्शन हुए है जिसे लोगों ने अपने अपनाया महावीर बुद्ध और शंकर आचार्य सबका अपना अपना दर्शन जिसे लोगो ने बाद मे अपना धर्म मान लिया
Dhanybad ❤😂
सर आपकी जानकारी बहुत बहुत अच्छी लगी है
बहुत बढ़िया ,सर .
सर आपसे निवेदन है कि आप एक video चाणक्य की प्रमाणिकता पर बनाए प्लीज़
सर आपके वीडियो का बहुत इंतजार रहता है❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Very nice stream Thank u so....... much 🙏🙏
Jay Bharat 🇮🇳 Jay Samrat Asoka Mahan 🦁
Superbbb... kam jari rakhe... aapki videos acchi lagti hai... koi bhed bhav nhi hota unme...
बहुत बढीया सरजी आपका बहुत बहुत आभार
Apka video ka bohot he intezar rehta hai
❤❤
Dhanyavaad sir... ❤
Keep going....
जबरदस्त जानकारी
सर अपको नमन 🙏🙏🙏
All Concepts are clear abouts dharma. Thanks for your informative video. 🙏🙏🙏
प्राचीन काल में नाही वर्ण व्यवस्था थी, नाही वेद थे और नाही संस्कृत भाषा थी।
" वैदिक काल एक झूठ" है।
इतिहास जानने के सभी स्त्रोतों से यह साबित हो जाता है कि," वैदिक काल" जैसा कोई समय , प्राचीन कालीन भारतीय इतिहास में नहीं था।
1. पूरातात्विक स्त्रोत:-- वैदिक काल या संस्कृत भाषा का कोई भी अभिलेख या स्त्रोत, प्राचीन कालीन नहीं है।
सभी संस्कृत अभिलेख, बारहवीं सदी के बाद के है जो मध्यकालीन है।
2.भाषा विज्ञान के आधार पर :--- सभी ब्राह्मण साहित्य मध्यकालीन है और संस्कृत भाषा में लिखें गए हैं क्योंकि, संस्कृत भाषा नागरी लिपि से बनी है।
नागरी लिपि बारहवीं सदी में बनी है और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा बनी। वेदों का लेखन तेरहवीं सदी में हूआ है।
3. विदेशी राजदूतों के यात्रा वर्णन के आधार पर:-- भारत में सबसे पहला विदेशी यात्री, मौर्य काल में, आता है, जिसका नाम, मेगस्थनीज है जो इंडिका " नामक किताब में, भारतीय समाज, राजनीति, अर्थ व्यवस्था, का वर्णन करता है।
मौर्य कालीन समाज व्यवस्था का वर्णन करते हुए, मेगस्थनीज कहता है कि, भारतीय समाज,सात वर्गों में विभाजित है।
इसका मतलब यह हूआ की, तब वर्ण व्यवस्था नहीं थी।
उसी प्रकार, सातवाहन काल,कूषाण काल, गूप्त काल , हर्षवर्धन काल में, क्रमशः प्लिनी,स्ट्रैबो, फाह्यान, व्हेनसांग और इत्सियांग जैसे विदेशी यात्री प्राचीन काल में बारहवीं सदी तक भारत आते हैं।
सभी ने भारतीय समाज व्यवस्था का वर्णन किया है। लेकिन किसी भी प्राचीन कालीन, विदेशी यात्री ने वर्ण व्यवस्था और संस्कृत साहित्य तथा वेदों का वर्णन नहीं किया है।
क्योंकि तब वेदों का लेखन ही नहीं हूआ था।
मध्यकाल में तेरहवीं सदी में," अल बरूनी" नामक विदेशी यात्री ने, ब्राह्मणों द्वारा तेरहवीं सदी में वेदों का लेखन और वर्ण व्यवस्था की व्याख्या की है।
4. विदेशों में भारतीय साहित्य का प्रचार :-- विदेशों में, बौद्ध धम्म साहित्य, का प्रचार प्रसार हूआ। मंगोलिया से इंडोनेशिया तक, जापान से यूनान तक, बौद्ध धम्म साहित्य का प्रचार प्रसार हूआ।
लेकिन कहीं भी वेदों का प्रचार प्रसार नहीं हूआ, क्योंकि प्राचीन काल में वेद थे ही नहीं।
5. लेखन कला के विकास के आधार पर:-- बौद्ध धम्म साहित्य, त्रिपिटक का लेखन, तथागत बूद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद " ताड़पत्रों" पर हूआ।
चूंकि तब लेखन कला का विकास नहीं हुआ था।
फिर तथागत बूद्ध से, एक हजार वर्ष पूर्व, वेदों का लेखन कैसे हो गया।
तब नाही कागज़ का विकास हूआ था और नाही लेखन कला का विकास।
6. मानव विज्ञान के आधार पर :-- वैदिक काल से संबंधित कोई भी,मानव वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
नोट:-- सभी तथ्यों के आधार पर यह साबित हो जाता है कि, प्राचीन काल में, नाही वेद थे और नाही वर्ण व्यवस्था थी और नाही संस्कृत भाषा थी।
वेदों का लेखन, तेरहवीं सदी में हूआ है।
संस्कृत भाषा, नागरी लिपि से बनी है और नागरी लिपि बारहवीं सदी में उत्पन्न हूई थी और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा उत्पन्न हूई थी।
सभी संस्कृत साहित्य ( ब्राह्मण साहित्य ) मध्यकालीन है।
2. प्राचीन कालीन इतिहास, आदिम जातियों का इतिहास है और इनके इतिहास का दस्तावेजीकरण, बौद्ध धम्म पाली प्राकृत साहित्य में किया गया है, जो कि प्राचीन काल भारत के इतिहास को जानने का स्त्रोत है
सर एक वीडियो महान सम्राट जयचंद पर भी बनाना जिसे लोग सबसे बड़ा गद्दार कहते हैं।
जी जरूर
Sir aap itihas ke bare me bahut achha beshlesan satik tathyon par adharit hota mai bahut.beshari se intjar karta hu
बुद्ध वंदना की शुरुआत
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा संबुधस्स
Superb! ❤
Woooooow..,.❤️❤️❤️❤️
excellent
You are doing great. Love from nepal 🇳🇵
Jai Sri Ram 🙏 🚩 Namo Buddhay 🙏 ♥️
धर्म सनातन है किन्तु सनातन धर्म नहीं है....
Mai to fan ho gya sir aapka...✨✨
Thanks Sir for wonderful information.
सभी सुभचिंतकों को अंधविश्वास छोड़कर संसार में प्रचलित सभी प्रमुख धर्मों ,उनके ग्रंथों का अध्ययन निस्पाक्छ होकर करना चाहिए ,तुलनात्मक रूप से सही ,वैज्ञानिक वा नैसर्गिक रूप से सही अधिक मानवतावादी होने पर ,उसे अपने जीवन में अंगीकार कर सकते हैं।
Excellent and impressive. These are the real facts.
आपका वीडियो सुपर से भी ऊपर है
An eye opener video.👍
Nice explanation .. Keep educating us .. Jai Hind 🇮🇳
Good job 😊