बाबा साहब ने कहा था कि भारत को एक होने से विश्व की कोई शक्ति नहीं रोक सकती । लगता है अब बाबा साहब के सपनो का भारत बनकर रहेगा जहाँ कोई किसी का अपमान नहीं करेगा । चारों दिशाओं में होगा केवल प्रेम और अपनत्व की भावना । अब समय आ गया है कि देवी देवताओं तथा जातियों का अपमान बंद हो । सब अपने हैं । श्रीमान आपका कार्य अतुलनीय तथा श्रेष्ठ है । 🙏🙏
आपने बताया कि पाली सबसे प्राचीन भाषा है। सम्राट अशोक ने समस्त शिला लेख पाली भाषा एवम धम्म लिपि में लिखवाए। इसका मतलब फिर ये वेद रामायण गीता संस्कृत में भगवान बुद्ध के बाद लिखे गए। कृपया इस की सच्चाई जानने के लिए वीडियो बनाएं।
सर बहुत अच्छी जानकारी दी आपने,बहुत confused था की इतिहासकारों ने सांची स्तूप में महावीर की मूर्ति बताई थी,वो doubt clear हुआ,महावीर का असली नाम निगंता नतपुत्त(निगंठ नागपूत्त) मिलता है,आप ज्ञान के सागर है बहुत कुछ सीखने को मिलता है🙏।
पीपरहवा स्तूप (वास्तविक कपिलवस्तु) जिला सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश से प्राप्त अस्थियों के कार्बन डेटिंग से भी यह सिद्ध हो चुका है कि सुकीति (गौतम सिद्धार्थ) का जन्म-मृत्यु का समय यही है और अस्थि कलश पर नाम (सुकीति) भी लिखा है।
बुद्ध ही महान है आज भी 2600 साल पुराना जयसा उतना ही नया लगता है आज भी दुनिया एक मेव बुद्ध धम्म है सबसे महान मार्ग है आयसा कोई नहीं कोई नहीं सारे जहाँ से अच्छा बुद्ध धम्म मार्ग सद्धा रहे हमारा...
सबसे पहले तो आपको सहृदय धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि देश को आप वास्तविक इतिहास दिखाने और समझने के लिए प्रयासरत हैं। मैं कहना चाहूंगा कि साइंस जर्नी चैनल भी आर्किलॉजिकल एविडेंस देता है जिसमे रियल्टी ही होती है, और मैं जहां तक खुद भी समझ पाया हूं तो सभी जगह सिर्फ बुद्ध ही बुद्ध मिलते हैं और अफसोस कि बुद्धा को ही सबसे ज्यादा देश में छिपाया गया। मेरी बात जरा लंबी हो सकती है इसमें कुछ चर्चा, कुछ जिज्ञासा और कुछ आपसे निवेदन हो सकता है। आपकी वीडियो में जो फायहान ने लिखा ना कि रात्रि में देव आए और बुद्ध की पूजा करके चले गए वो किसी जैन अनुयाई को नहीं लिखा है बल्कि जहां तक मैं समझा हूं ये बात स्वर्गवासी देवताओं की है क्योंकि जैन साहित्यों में भी लिखा है और जैन साधु भी कहते हैं कि वीतरागी भगवानों (जैसे महावीर या बुद्ध जो दुनिया के प्रपंच से मुक्त हैं) की पूजा करने तो खुद देव और गंधर्भ आते हैं और साथ ही जो संभावशरण बनाया जाता है उसमे भी ऐसे दृश्य जैनों के मंदिर में मिलते हैं तो तय है कि वहां पर बुद्ध की पूजा करने भी देवता ही आए ऐसा लिखा है। आपने कहा कि महावीर को हिंदुओ में अवतरादी बनाकर शामिल नहीं किया तो बताना चाहूंगा कि जो ये चौबीसी चल रही है ना हैं तीर्थंकरों की इसमें जो प्रथम हैं "ऋषभ देव" उन्हें ही हिंदुओं ने विष्णु का अवतार बनाया हुआ है शायद ६वा या १०वा अवतार, तो जब सीधा सीधा ब्राह्मणों ने मैन बैंक पर ही अपना दावा ठोक दिया है तो भला ब्रांच से क्या फायदा उनको, उन्होंने तो मूल को ही अपने से छोटा बना दिया। जैनों में अरिहंत से भी ऊंचा तीर्थंकर को माना गया है जिन्हें सिद्ध समझा जाता है और ऐसा समझा जाता है कि अब ये फ्री हो गए अब ना पैदा होंगे ना मरेंगे तो शायद जैनों के तीर्थंकर बौद्धों के बुद्ध अवस्था बराबर ही हो सकते हैं। मुझे ऐसा भी लगता है कि महावीर के आर्किलॉजिकल एविडेंस कम हैं जिस वजह से संभावना है कि महावीर और बुद्ध एक ही पुरुष के दो नाम हैं बस जब उन्होंने परिस्थितिवश कपड़े पहनने और विशेष परिस्थिति में मांस भक्षण करने की बात की तब उन्हें ही बुद्ध कहा। निस्कर्ष में आपसे निवेदन है कि मैं भी बुंदेलखंड का हूं लेकिन नौकरी के लिए इंदौर में हूं। मुझे समय समय पर भारत के प्रारंभ से अब तक के सही इतिहास के लिए दीक्षित करते रहें और जहां तक बात बुद्ध और महावीर की है तो बुद्ध के ध्यान के प्रयोग को मैंने कुछ दिन किया हुआ है वो सबसे अच्छा तरीका है और वैसा कुछ अब तक किसी ने नहीं दिया। मुझे तो लगता है बुद्ध एशिया ही नहीं बल्कि सारे संसार के ही ज्योतिपुंज हैं।
Actually, during my upsc preparation time i had asked this question to my history professor... Why Bhagawan Mahavira not consider as a Vishun's incarnation... Then professor said that who were opposed Brhaminc philosophy only those great personality consider as incarnation of Vishnu..Lord Mahavira never ever Opposed Brahamanic philosophy.. very soon Brahamin going to declare that the next incarnation of Vishnu will be dr Ambedkar..
सवाल 9 - भगवान महावीर अरिहंत होने बाद उन्हे 12 साल तप करने बाद केवलज्ञान (बोधिसत्व) प्राप्त हुवा और वे मोक्ष (बुद्धत्व) प्राप्त किये . जैन मान्यता के अनुसार दीपावली उनके मोक्ष (निर्वाणदिन) प्राप्त करने के दिन आज भी सब जैनी मंदिर मे निर्वाणलाडू चढाकार मनाते है ।
जैन धर्म में और भी २३ तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी से पहले हुए वो कौनसे धर्म के हुए? प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से लेकर श्री पार्श्वनाथ... बताने की कृपा कीजिए धन्यवाद
भारत में धर्म के बारे में इतना आसान नहीं है, सनातन, जैन, बौद्ध,सिख, सभी भारतीय धर्म है, भगवान महावीर के पहले भी जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ,और अन्य भगवान हुए हैं, इस तरीके से आपसी मन खराब हो सकतें हैं, अगर ऐ धर्म वाले इतने बड़े और महान थे तो उन्होंने अपनी महानता/ताकत से मुस्लिम और ईसाई धर्म मनाने वाली शक्तियां के कितना मुकाबला किया,यह सभी को पता है, सभी धर्मों में अच्छाईयां और कमियां हैं, जो दूर करना चाहिए,, सभी सम्माननीय योग्य धर्म आचार्य को सम्मैलन आदि कर यदि कोई गलतफहमी है तो दूर करनी चाहिए,जय हिन्द जय भारत,
मेरा अनुमान है की, मार का विरुद्ध शब्द है राम. मार = बुद्ध के मन के बुरे विचार राम= बुध्द के मन के अच्छे विचार जातक कथा मे इसी राम शब्द का प्रयोग बोधिस्तव के रूप में किया गया.
जैन तीर्थंकर की मूर्ति पर उनके सिंबल दिए रहते हैं जैसे की पहले तीर्थंकर ऋषभदेव सिंपल बेल है , दूसरे तीर्थंकर अजीतनाथ का सिंबल हाथी है , 23 में तीर्थंकर पारसनाथ का सिंबल सर्प है , 24 में तीर्थंकर महावीर स्वामी का सिंबल शेर है , यदि ए सिंबल मूर्ति पर बने हुए हैं तो यह जैन तीर्थंकर की ही मूर्ति होगी
भगवान गौतम बुद्ध का धम्म महामानव की जनतांत्रिक,समतामूलक,सम्यक करुणा, सम्यक ज्ञान, सम्यक कर्मांत,वैज्ञानिक तर्क सम्मत धम्म, सभी प्राणियों के लिये मंगलकारी,दुखो की मुक्ति का मार्गदाता हैं।जो इंसानियत सीखता है।
बुद्ध सीरियल बनाकर लोगों को काफी ज्ञान मिला है। महावीर जैन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। आप लोगों को चाहिए कि महावीर जैन पर भी कोई सीरियल बनाया जाए ताकि लोगों को ज्ञान मिले।
सर अरहत /अरिहंत ज्यों की तिर्थंकर शब्द का ही समानार्थी शब्द है, जिसका अर्थ होता है की सद धम्म / सद मार्ग को बताने वाला। जैन धर्म के अनुसार कोई भी साधक धम्म की साधना करते हुए पहले ब्रम्हचारी बाद में शुल्लक जी, बाद में एलक जी, बाद में मुनि, बाद में उपाध्याय, बाद में आचार्य बनता हैं। आचार्य के बाद का पद है अरहत या तिर्थंकर ज्यों की बहुत कम लोग बन पाते हैं। लेकिन जब अरहत या तिर्थंकर की मुर्त्यू होती हैं तो उसे सिद्ध भगवान कहते हैं। इस तरह से अरहत/ तिर्थंकर पद जैन धम्म में सर्वोच्च पद है। लेकिन आपने इस विडियो में कहा है की अरहत से उपर बोधिसत्व का पद होता हैं और बोधिसत्व के उपर बुद्ध का पद होता है। मुझे लगता है की यह सब अपने अपने धम्म की पदों की शृंखला हैं। यह कहना की जैन अरहत या तिर्थंकर से बड़ा बोधिसत्व या बुद्ध का पद बड़ा होता हैं,यह उचित नहीं है। आप अपना उत्तर मुझे मेरे ईमेल akshaykharkale@gmail पर भेज सकते हैं। धन्यवाद।
मेरा अनुमान है की, मार का विरुद्ध शब्द है राम. मार = बुद्ध के मन के बुरे विचार राम= बुध्द के मन के अच्छे विचार जातक कथा मे इसी राम शब्द का प्रयोग बोधिस्तव के रूप में किया गया.
यह विडियो देखकर बहुत ही अचंभित हूं कि किस प्रकार से भगवान बुद्ध को छोटा बताकर सनातन धर्म को श्रेष्ठ एवं प्राचीन तथा संस्कृत भाषा को अनादि काल की भाषा बताया जा रहा है। इतिहासकार भी ऐसी ही बातें करते हैं।
आपके वीडियो रिसर्च और तर्क पे आधारित होते , आप जो ज्ञान की वर्षा करते वो काफी सराहनीय है , बहुत कुछ सीखा है आपके वीडिओज़ से , आप इसी तरह से हम सबका मार्गदर्शन करते रहे । नमो बुद्धाय ❤❤
बुद्ध ही, पुरे, विश्व में महान, क्यूँ की,दोन, शबीस हजार साल पुराना है,फीर भी,आज,भी, उसके सबुत मिलते पुरा विश्व में बुद्ध विचार धारा चलती है, यही सत्य है
sahi kaha sir baat kadwi he hazam nahi ho rhi.... mene aj tk jo bhi padha, jo bhi suna especially history me vo sabh ek jhut he seems like Indian history is nothing but a lie... Thanks for enlightening .. Great VDO
आपने जो जैन और बौद्ध धम्म के बारे में जो सच्ची जानकारी दि है,ईससे आज के अंधभक्त और मनुवादि इतिहासकार चुल्लूभर पाणीमें मरने की सोच रहें होंगे । नमो बुद्धाय।
एक वीडियो महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा लिखित गुलाम गिरी और बाला साहेब ठाकरे के पिता प्रोबधानकर ठाकरे की देवलंचे धर्म आनी धर्माची देवेले नामक पुस्तक बनाए 🙏🙏
Sir ji aap ka information sahi hai good information for history and knowledge....aapka koi jawab nahi hai....aap jo information late ho wahi best hai.....aapko bhi work karna padta hai aur hum sabhi ko sachchi information dete ho..... thanks sir ji..
सर में अरावली पर्वतमाला से हु यहा एक मदीर है जिसको लोग बोलते है की पांडवो के समय का है में जब मंदिर में गया तब मेने देखा अंदर एक मूर्ति है भगवान कृष्ण की को अधेरे में है बस एक छोटा सा बल्ब है और जब में बाहर आया और मेने मदिर के ऊपर देखा छोटी छोटी मूर्ति थी पर उनके सिर नही थे देखते लग रहा था की किसी ने तोड़े है पर सबसे ऊपर एक मूर्ति थी वो एक दम सही थी जब मेने मेरे मोबाइल से जूम किया तो मेने क्या देखा की ( ये तो बुद्ध है ) शायद वहा तक हाथ नही पूछा होगा तभी आज तक जो की त्यों है
I really appreciate this. Hindus read their texts but don’t understand - all the gods of Hindus are cursed - Brahma Vishnu Shiva. This means their Vedas is also cursed. Lord Buddha saved all these gods and they are now all Buddhist gods and not Hindu gods. Example of this would be Ghata Jataka, where Krishna is reborn as Sariputta who became the chief disciple.
दोनों ही महान हैं एकने धम्म दिया दुसरे ने सुधार किया मगर दोनों ने ही मानव कल्याण की ही बात करते हैं
विश्व में बौद्ध धम्म ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है और यह समता स्वतंत्रता बंधुता और न्याय पर आधारित है
बाबा साहब ने कहा था कि भारत को एक होने से विश्व की कोई शक्ति नहीं रोक सकती । लगता है अब बाबा साहब के सपनो का भारत बनकर रहेगा जहाँ कोई किसी का अपमान नहीं करेगा । चारों दिशाओं में होगा केवल प्रेम और अपनत्व की भावना । अब समय आ गया है कि देवी देवताओं तथा जातियों का अपमान बंद हो । सब अपने हैं । श्रीमान आपका कार्य अतुलनीय तथा श्रेष्ठ है । 🙏🙏
बुद्ध ही सत्य है नमो भगवत शाक्यमुनि तथागत अरहत सम्यक सम्मबुद्ध ❤️❤️🙏
दोनो ही श्रेष्ठ है, सभी धर्मो का आदर एवम सम्मान करना चाहिए।।।
मेरे लिए दोनो श्रेष्ठ है, क्यूंकि दोनो ही अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ थे
बुद्धं शरणं गच्छामि : मैं बुद्ध की शरण लेता हूँ। धम्मं शरणं गच्छामि : मैं धर्म की शरण लेता हूँ। संघं शरणं गच्छामि : मैं संघ की शरण लेता हूँ।
❤बहुत ही सराहनीय कार्य है और जो भी जानकारी देते हैं वह सही और गलत में अंतर पता चलता है।ऐसा इतिहास संसार का सबसे सर्व श्रेष्ठ इतिहास है
आपने बताया कि पाली सबसे प्राचीन भाषा है। सम्राट अशोक ने समस्त शिला लेख पाली भाषा एवम धम्म लिपि में लिखवाए। इसका मतलब फिर ये वेद रामायण गीता संस्कृत में भगवान बुद्ध के बाद लिखे गए। कृपया इस की सच्चाई जानने के लिए वीडियो बनाएं।
दोनो श्रेष्ठ है दोनो की विचार धारा सेम है बौद्ध धर्म और भगवान महावीर मैं तो दोनो को ही मानती हू
सर बहुत अच्छी जानकारी दी आपने,बहुत confused था की इतिहासकारों ने सांची स्तूप में महावीर की मूर्ति बताई थी,वो doubt clear हुआ,महावीर का असली नाम निगंता नतपुत्त(निगंठ नागपूत्त) मिलता है,आप ज्ञान के सागर है बहुत कुछ सीखने को मिलता है🙏।
पीपरहवा स्तूप (वास्तविक कपिलवस्तु) जिला सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश से प्राप्त अस्थियों के कार्बन डेटिंग से भी यह सिद्ध हो चुका है कि सुकीति (गौतम सिद्धार्थ) का जन्म-मृत्यु का समय यही है और अस्थि कलश पर नाम (सुकीति) भी लिखा है।
बुद्ध ही महान है आज भी 2600 साल पुराना जयसा उतना ही नया लगता है आज भी दुनिया एक मेव बुद्ध धम्म है सबसे महान मार्ग है आयसा कोई नहीं कोई नहीं सारे जहाँ से अच्छा बुद्ध धम्म मार्ग सद्धा रहे हमारा...
लोग कुछ इतिहासकारों को pro Buddhist कहते है पर असल में इतिहास ही pro Buddhist है।
हो सकता है भगवान महावीर जैन के विचार बुद्ध के बराबर ना हो लेकिन मैं फिर भी दोनों महापुरुषों समान दृष्टि से देखता हूं 🙏
Jai Shraman sanskruti I respect Both Bhagwan Gautam Buddha and Bhagwan Mahavir 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सबसे पहले तो आपको सहृदय धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि देश को आप वास्तविक इतिहास दिखाने और समझने के लिए प्रयासरत हैं।
मैं कहना चाहूंगा कि साइंस जर्नी चैनल भी आर्किलॉजिकल एविडेंस देता है जिसमे रियल्टी ही होती है, और मैं जहां तक खुद भी समझ पाया हूं तो सभी जगह सिर्फ बुद्ध ही बुद्ध मिलते हैं और अफसोस कि बुद्धा को ही सबसे ज्यादा देश में छिपाया गया।
मेरी बात जरा लंबी हो सकती है इसमें कुछ चर्चा, कुछ जिज्ञासा और कुछ आपसे निवेदन हो सकता है।
आपकी वीडियो में जो फायहान ने लिखा ना कि रात्रि में देव आए और बुद्ध की पूजा करके चले गए वो किसी जैन अनुयाई को नहीं लिखा है बल्कि जहां तक मैं समझा हूं ये बात स्वर्गवासी देवताओं की है क्योंकि जैन साहित्यों में भी लिखा है और जैन साधु भी कहते हैं कि वीतरागी भगवानों (जैसे महावीर या बुद्ध जो दुनिया के प्रपंच से मुक्त हैं) की पूजा करने तो खुद देव और गंधर्भ आते हैं और साथ ही जो संभावशरण बनाया जाता है उसमे भी ऐसे दृश्य जैनों के मंदिर में मिलते हैं तो तय है कि वहां पर बुद्ध की पूजा करने भी देवता ही आए ऐसा लिखा है।
आपने कहा कि महावीर को हिंदुओ में अवतरादी बनाकर शामिल नहीं किया तो बताना चाहूंगा कि जो ये चौबीसी चल रही है ना हैं तीर्थंकरों की इसमें जो प्रथम हैं "ऋषभ देव" उन्हें ही हिंदुओं ने विष्णु का अवतार बनाया हुआ है शायद ६वा या १०वा अवतार, तो जब सीधा सीधा ब्राह्मणों ने मैन बैंक पर ही अपना दावा ठोक दिया है तो भला ब्रांच से क्या फायदा उनको, उन्होंने तो मूल को ही अपने से छोटा बना दिया।
जैनों में अरिहंत से भी ऊंचा तीर्थंकर को माना गया है जिन्हें सिद्ध समझा जाता है और ऐसा समझा जाता है कि अब ये फ्री हो गए अब ना पैदा होंगे ना मरेंगे तो शायद जैनों के तीर्थंकर बौद्धों के बुद्ध अवस्था बराबर ही हो सकते हैं।
मुझे ऐसा भी लगता है कि महावीर के आर्किलॉजिकल एविडेंस कम हैं जिस वजह से संभावना है कि महावीर और बुद्ध एक ही पुरुष के दो नाम हैं बस जब उन्होंने परिस्थितिवश कपड़े पहनने और विशेष परिस्थिति में मांस भक्षण करने की बात की तब उन्हें ही बुद्ध कहा।
निस्कर्ष में आपसे निवेदन है कि मैं भी बुंदेलखंड का हूं लेकिन नौकरी के लिए इंदौर में हूं। मुझे समय समय पर भारत के प्रारंभ से अब तक के सही इतिहास के लिए दीक्षित करते रहें और जहां तक बात बुद्ध और महावीर की है तो बुद्ध के ध्यान के प्रयोग को मैंने कुछ दिन किया हुआ है वो सबसे अच्छा तरीका है और वैसा कुछ अब तक किसी ने नहीं दिया। मुझे तो लगता है बुद्ध एशिया ही नहीं बल्कि सारे संसार के ही ज्योतिपुंज हैं।
Namo buddhay ji all of the Buddhist person 🙏🙏🙏
☸️👌💯%✔️संशोधित सत्य है ! "बुथ" शब्द सिर्फ बुध्दशिल्प/बुध्दमुर्तीयो के लिए बना है ! मथुरा=महाथेरा=महास्थवीर बुध्दस्थल ही है !🇮🇳❤🙏
भारत बुद्ध की धरती है..💙❤
Actually, during my upsc preparation time i had asked this question to my history professor... Why Bhagawan Mahavira not consider as a Vishun's incarnation... Then professor said that who were opposed Brhaminc philosophy only those great personality consider as incarnation of Vishnu..Lord Mahavira never ever Opposed Brahamanic philosophy.. very soon Brahamin going to declare that the next incarnation of Vishnu will be dr Ambedkar..
Proud to be a Buddhist. Buddhism is noble.
सवाल 9 - भगवान महावीर अरिहंत होने बाद उन्हे 12 साल तप करने बाद केवलज्ञान (बोधिसत्व) प्राप्त हुवा और वे मोक्ष (बुद्धत्व) प्राप्त किये . जैन मान्यता के अनुसार दीपावली उनके मोक्ष (निर्वाणदिन) प्राप्त करने के दिन आज भी सब जैनी मंदिर मे निर्वाणलाडू चढाकार मनाते है ।
❤
बहुत अतुलनीय योगदान कर रहे हैं भारतीय इतिहास को जान मानस में पहुंचने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आप को और आपके सहयोगियों को।
साधु साधु साधु 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बुद्ध का पाली में नाम सुकीति था और महावीर स्वामी का नाम निगंठनाथ पुत्त था!
बिल्कुल सही कहा आपने
नमस्कार Hamara Atit सर हमारा ग्यान वर्धन के लिए ह्रदय से आभारी हूँ अपने परिवार के साथ ! 😊😊 ❤❤
जैन धर्म में और भी २३ तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी से पहले हुए वो कौनसे धर्म के हुए? प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से लेकर श्री पार्श्वनाथ... बताने की कृपा कीजिए धन्यवाद
Adbhut ghyan k liye aapko shat shat pranam aur dhannyawad
😭😭😭😭 मुझे रोना आ गया आपकी वीडियो देख कर , कितनी श्रेष्ठ संस्कृती थी हमारी जिसको ब्राह्मणों ने नष्ट कर दी
भारत में धर्म के बारे में इतना आसान नहीं है, सनातन, जैन, बौद्ध,सिख, सभी भारतीय धर्म है, भगवान महावीर के पहले भी जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ,और अन्य भगवान हुए हैं, इस तरीके से आपसी मन खराब हो सकतें हैं, अगर ऐ धर्म वाले इतने बड़े और महान थे तो उन्होंने अपनी महानता/ताकत से मुस्लिम और ईसाई धर्म मनाने वाली शक्तियां के कितना मुकाबला किया,यह सभी को पता है, सभी धर्मों में अच्छाईयां और कमियां हैं, जो दूर करना चाहिए,, सभी सम्माननीय योग्य धर्म आचार्य को सम्मैलन आदि कर यदि कोई गलतफहमी है तो दूर करनी चाहिए,जय हिन्द जय भारत,
Sir Aap Honest teacher hai aur sachche insaan hain Thankyou sir hamara sachcha itihaas batane ke liye🙏🙏🙏
All Indian MUST Unite to Save and Secure its own Heritage and Cultures which will make India once again a Golden Bird..
पूर्णतः सच्ची,निपक्षपाती और महान जाणकारी देणेकेलीये आपके बोहोत आभार...🙏😊
मेरा अनुमान है की, मार का विरुद्ध शब्द है राम.
मार = बुद्ध के मन के बुरे विचार
राम= बुध्द के मन के अच्छे विचार
जातक कथा मे इसी राम शब्द का प्रयोग बोधिस्तव के रूप में किया गया.
जैन तीर्थंकर की मूर्ति पर उनके सिंबल दिए रहते हैं जैसे की पहले तीर्थंकर ऋषभदेव सिंपल बेल है , दूसरे तीर्थंकर अजीतनाथ का सिंबल हाथी है , 23 में तीर्थंकर पारसनाथ का सिंबल सर्प है , 24 में तीर्थंकर महावीर स्वामी का सिंबल शेर है , यदि ए सिंबल मूर्ति पर बने हुए हैं तो यह जैन तीर्थंकर की ही मूर्ति होगी
भगवान गौतम बुद्ध का धम्म महामानव की जनतांत्रिक,समतामूलक,सम्यक करुणा, सम्यक ज्ञान, सम्यक कर्मांत,वैज्ञानिक तर्क सम्मत धम्म, सभी प्राणियों के लिये मंगलकारी,दुखो की मुक्ति का मार्गदाता हैं।जो इंसानियत सीखता है।
सर आपका कार्य बोहोत सराहनीय अत्यंत महत्वपूर्ण और बहादुरी वाला कार्य है ।बोहोत बोहोत साधुवाद
Namo buddhay ❤❤
Buddha sabse shreshta hai ☸️☸️☸️
वाह सर जी, बहुत बहुत धन्यवाद।
इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका आभार।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ग्रेट, बुद्ध, जैसा, कोई, नही, नामोबुध्दाय,
I wanna Deeply Study Buddhism, Please Provide Lists of Books in Your Description..Still I'm studying GONDI SAHITYA
Too good mujha Aaj Tak pata nhi tha ki Vishnu bhagwan bhi Bodhisattva h aaj pta chal gya
बुद्ध सीरियल बनाकर लोगों को काफी ज्ञान मिला है। महावीर जैन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। आप लोगों को चाहिए कि महावीर जैन पर भी कोई सीरियल बनाया जाए ताकि लोगों को ज्ञान मिले।
साधु साधु साधु ।अति उत्तम प्रस्तुति । नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत । 🌹🌹🌹🌹🌹।
सर अरहत /अरिहंत ज्यों की तिर्थंकर शब्द का ही समानार्थी शब्द है, जिसका अर्थ होता है की सद धम्म / सद मार्ग को बताने वाला। जैन धर्म के अनुसार कोई भी साधक धम्म की साधना करते हुए पहले ब्रम्हचारी बाद में शुल्लक जी, बाद में एलक जी, बाद में मुनि, बाद में उपाध्याय, बाद में आचार्य बनता हैं। आचार्य के बाद का पद है अरहत या तिर्थंकर ज्यों की बहुत कम लोग बन पाते हैं। लेकिन जब अरहत या तिर्थंकर की मुर्त्यू होती हैं तो उसे सिद्ध भगवान कहते हैं। इस तरह से अरहत/ तिर्थंकर पद जैन धम्म में सर्वोच्च पद है। लेकिन आपने इस विडियो में कहा है की अरहत से उपर बोधिसत्व का पद होता हैं और बोधिसत्व के उपर बुद्ध का पद होता है। मुझे लगता है की यह सब अपने अपने धम्म की पदों की शृंखला हैं। यह कहना की जैन अरहत या तिर्थंकर से बड़ा बोधिसत्व या बुद्ध का पद बड़ा होता हैं,यह उचित नहीं है। आप अपना उत्तर मुझे मेरे ईमेल akshaykharkale@gmail पर भेज सकते हैं। धन्यवाद।
तुलना नहीं कर सकते, दो विचार प्रवाह भिन्न है, अपने अपने जगह श्रेष्ठ है दोनो.
Thank you sir.नाशिक महाराष्ट्र मेजो कालाराम मंदिर है ऊसमंदिर के चारो और बुद्ध की छोटी मूर्ती है ! क्या राम भी बोधिसत्त्व है ?
Haa... Dasrath Jatak me Ram ek Bodhisatv hai.
Yes Ram is Buddha's one of the past life
मेरा अनुमान है की, मार का विरुद्ध शब्द है राम.
मार = बुद्ध के मन के बुरे विचार
राम= बुध्द के मन के अच्छे विचार
जातक कथा मे इसी राम शब्द का प्रयोग बोधिस्तव के रूप में किया गया.
Sir 🙏🙏 इतिहास की सही जानकारी देने के लिए आपको और आपकी टीम को बहुत - बहुत धन्यवाद l
सर, आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है, हिंदु धर्म के बारे में सारे डाउट किलर हो गए. बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
यह विडियो देखकर बहुत ही अचंभित हूं कि किस प्रकार से भगवान बुद्ध को छोटा बताकर सनातन धर्म को श्रेष्ठ एवं प्राचीन तथा संस्कृत भाषा को अनादि काल की भाषा बताया जा रहा है। इतिहासकार भी ऐसी ही बातें करते हैं।
सूर्य, चन्द्र और सत्य छुपाये नही छुपते..
आपका वीडियो बहुत अच्छा लगा नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत जय संविधान
आप सच में बहुत महान कार्य कर रहे हो ... हमारा अंधकार नष्ट हो रहा है ....
क्या रामायण और महाभारत सब जातक कथाओं से ली गई है,, उसमे जाती और पाखंड मिला दिया गया है??
आपके वीडियो रिसर्च और तर्क पे आधारित होते , आप जो ज्ञान की वर्षा करते वो काफी सराहनीय है , बहुत कुछ सीखा है आपके वीडिओज़ से , आप इसी तरह से हम सबका मार्गदर्शन करते रहे । नमो बुद्धाय ❤❤
आपका बहुत बहुत हार्दिक साधुवाद❤❤❤
बुध्द जी और महाबीर जी के जन्म मे २३ वर्ष का अन्तर है, बुध्द जी २३वर्ष पहले हुऐ थे।।। बुध्द जी का नाम सुकिति था,
बुद्ध ही, पुरे, विश्व में महान, क्यूँ की,दोन, शबीस हजार साल पुराना है,फीर भी,आज,भी, उसके सबुत मिलते पुरा विश्व में बुद्ध विचार धारा चलती है, यही सत्य है
Bharat ki pahchan tathagat Gautam Buddh ka gyan Namo buddhay ❤❤
Dhanyawaad itne sundar gyaan Dene ke liye.. 🙏
जय महावीर भगवान की जय
किसी भी धर्म का आधार सत्य और अहिंसा ही हो सकता है , अन्यथा नहीं।
अखंड भारत बुद्ध की धरती है.
Sir, Canton अभिलेख के बारे में क्या किसी book से जानकारी मिल सकती है ?🙏😊
आपकी वीडियो 95% सत्य के पास है🙏🙏 जो बाकी बचा हिस्सा है वह आप लगातार सुधार रहे हैंl
बड़ी खुशी मिली कि आप बुद्ध और बौद्ध धर्म के बारे में यथार्थ सत्य ज्ञान प्रकाश आलोकित कर रहे हैं। इसलिए हृदय से आभार सहित धन्यवाद।
सर सृष्टी की रचना कैसे हुई , इसके बारे मे बुद्ध के क्या विचार है इस पर व्हिडीओ बनाइये
Great stream. Great reality of history thanks for great knowledge
बुद्ध का वास्तविक नाम सुकिती था
बहुत ही यथार्थ जानकारी।
बहुत सही और सटीक जानकारी दी है आपने बहुत-बहुत आभार 🙏
जय श्रमण संस्कृति , जय निकंठनाथ पूत , नमो बुद्धाय , जय भीम ,,,, जय संविधान ( सबसे बड़ा ग्रंथ )
यह एक दम सही है कि हिंदू धर्म बौद्ध धर्म की महायान शाखा है।1️⃣0️⃣0️⃣ प्रतिशत सही। 35:17
Namo Buddhay 🌷🙏 jay mulniwasi jay 🐍 vanshi 🙏 jay buddha dhamma science 🌷🙏🇮🇳
sahi kaha sir baat kadwi he hazam nahi ho rhi.... mene aj tk jo bhi padha, jo bhi suna especially history me vo sabh ek jhut he seems like Indian history is nothing but a lie... Thanks for enlightening .. Great VDO
दोनों धर्म ही श्रेष्ठ हैं क्योंकि कोई भी धर्म हमें सत्य के मार्ग पर ही ले जाते है और प्रकाशवान करते है
Superb knowledgeable video.
आपने जो जैन और बौद्ध धम्म के बारे में जो सच्ची जानकारी दि है,ईससे आज के अंधभक्त और मनुवादि इतिहासकार चुल्लूभर पाणीमें मरने की सोच रहें होंगे । नमो बुद्धाय।
Sir aapki videos bahut gyanwardhak hai dhanyawad🙏💙❤🤗
जैन धम्म का निर्वाह करना अति कठिन था इसलिए अल्पसंख्यक धम्म बन के रह गया
Bahut acchi jankari thi sir.
मेरे दिमाग में एक प्रश्न है वो ऐसा की अगर बुध्द धर्म इतना अच्छा था तो स्वामी महावीर को अलग धर्म बनाने की जरुरत क्यो थी?
सराहनीय कार्य, आपके कठिन परिश्रम को नमन । नमो बुद्धाय 🙏🏻
One of the most knowledgeable video..सर आपकी ज्ञान की जितनी तारीफ की जाए कम है हम सब को कुछ अच्छे इतिहासिक books bataye सर...🙏🙏🙏
नमो बुद्धाय जय भीम
बहुत ही सटीक और प्रमाणिकता के साथ समझाया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
Namo Tass bhagavato arhato bhagavan budhh hi saty hain or Bharat ke adi ant hain tabhi to vishvguru hain ❤❤❤jaybhim namo buddhay
गजब जानकारी दी सिंह साहब आपकों कोटि-कोटि नमन।
Well explained, beautiful presentation, very informative, well researched. Thanks a lot. Namaskar.
Bharat Jain panth sanatan dharm hai sanatan dharm ki Jai Ho
एक वीडियो महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा लिखित गुलाम गिरी और बाला साहेब ठाकरे के पिता प्रोबधानकर ठाकरे की देवलंचे धर्म आनी धर्माची देवेले नामक पुस्तक बनाए 🙏🙏
Thanks sir for standing Towards truth namo budhay
बहोत सराहनिय कार्य... सही ज्ञानका भांडार...
Sir ji aap ka information sahi hai good information for history and knowledge....aapka koi jawab nahi hai....aap jo information late ho wahi best hai.....aapko bhi work karna padta hai aur hum sabhi ko sachchi information dete ho..... thanks sir ji..
Budha ki dhrti Namo budhay🙏🙏🙏
सर में अरावली पर्वतमाला से हु यहा एक मदीर है जिसको लोग बोलते है की पांडवो के समय का है
में जब मंदिर में गया तब मेने देखा अंदर एक मूर्ति है भगवान कृष्ण की को अधेरे में है बस एक छोटा सा बल्ब है और जब में बाहर आया और मेने मदिर के ऊपर देखा छोटी छोटी मूर्ति थी पर उनके सिर नही थे देखते लग रहा था की किसी ने तोड़े है पर सबसे ऊपर एक मूर्ति थी वो एक दम सही थी जब मेने मेरे मोबाइल से जूम किया तो मेने क्या देखा की ( ये तो बुद्ध है ) शायद वहा तक हाथ नही पूछा होगा तभी आज तक जो की त्यों है
सर आप के अगले विडियो में एक सवाल करूगा आप जवाब जरूर देने plz
ग्रेट सर मै समझ गया ग्रेट वर्क 😍लगे रहो सर 😍
I really appreciate this. Hindus read their texts but don’t understand - all the gods of Hindus are cursed - Brahma Vishnu Shiva.
This means their Vedas is also cursed.
Lord Buddha saved all these gods and they are now all Buddhist gods and not Hindu gods.
Example of this would be Ghata Jataka, where Krishna is reborn as Sariputta who became the chief disciple.
Today's video is very knowledgeable Sir
तीर्थंकर जी की तीन रत्न जो हैं वो तथागत के अष्टांगिक मार्ग में निहित है