@@YADAVSAMMAN अरे नहीं नहीं, किसी भी ग्रंथ में पूरे अहीर यादवों या इस जाति के खिलाफ कुछ गलत नहीं लिखा गया है... दरअसल बाद में कुछ दुष्ट राजाओं और कुल पुरोहितों के द्वारा अहीर यादवों के खिलाफ वेद पुराण में बाद में मिलावट की गई है और जानबूझकर गलत लिखवाया गया है और इस जाति को जानबूझकर बदनाम करवाया गया है... वेद पुराण और महाकाव्य को पूर्ण रूप से आधार मानकर आप एक से डेढ़ हजार वर्ष पहले कह सकते थे लेकिन आज नहीं.... अगर आपको कुछ और आधार लेना है तो दक्षिण भारत के धार्मिक ग्रंथों को ले सकते हैं... यहां के वेद पुराण में तो कुछ दुष्ट ब्राह्मण पुरोहितों ने तो नफरत में अहीर यादवों के महान इतिहास के सारे साक्ष्यों को लगभग पूरी तरह से मिटाने की कोशिश की है... अहीर यादवों का वर्णन ६ पुराण में लिखा है लेकिन सबमें आप कुछ न कुछ अलग पाएंगे इससे साफ पता चलता है कि मिलावट अच्छे से की गई और महाभारत में तो अहीर यादवों के पूरे इतिहास को अलग दिखा दिए हैं और मिटाने की कोशिश किए हैं... और ये मुख्य तौर से हिंदी वाले में किया गया है और १९५० के बाद... हालांकि बहुत सारे बेहतर साक्ष्य मौजूद हैं जो अहीर यादवों के महान इतिहास को दर्शाते हैं इसके अलावा और अन्य साक्ष्यों जैसे महलों और शिलालेख को भी अध्ययन करने की आवश्यकता है जो २ से २५०० वर्षों के अहीर यादवों के इतिहास को दर्शाते हैं जैसे अशोक के शिलालेख में आभीर यादवों के वीरता और पराक्रम को दर्शाया गया है... वाल्मीकि रामायण में और तुलसीदास के रामचरितमानस में १९ वीं शताब्दी में अहीर यादवों के खिलाफ उल्टा सीधा जोड़ा गया है और ये कुछ दुष्ट और नफरती ब्राह्मणों के द्वारा किया गया है... और रामायण महाभारत की अपेक्षा पुराण ज्यादा बेहतर हैं जिसमें कुछ सही तथ्यात्मक चीजें मिल सकती हैं लेकिन पुराना वाला टेक्स्ट होना चाहिए... महाभारत और रामायण सबसे ज्यादा सबके पहुंच में रहा तो इसमें सबसे पहले और सबसे ज्यादा मिलावट की गई और अहीर यादवों का इतिहास के बारे में ग़लत भरा गया... खैर तमाम अनेकों साक्ष्यों से ये बात पूर्ण रूप से प्रमाणित है कि यादव जाति के लोग यदुवंशी क्षत्रिय जाति के लोग हैं जो यदु महाराज के वंशज हैं और चूंकि यदु महाराज ने गौपालन करते हुए अपने बाहुबल से यदुवंश सम्राज्य की स्थापना की थी और उनके निर्भिक योद्धा होने के वजह से उन्हें आभीर की उपाधि मिली थी जो अहीर तद्भव के रूप में प्रचलित है हुई और इस प्रकार से ये उपाधि और गौ पालन यादवों की एक कुल परम्परा बन गई जो आज तक जारी है... हालांकि हम सबको अपने इतिहास को बहुत उजागर करने की आवश्यकता है क्योंकि इसको जानबूझकर दबाया, छिपाया और बदनाम किया गया है... आप इस दिशा में बहुत बेहतर कार्य कर रहे हैं लेकिन ये अकेले का कार्य है नहीं है बल्कि हम सबको मिलकर इस पर कार्य करना होगा... हम भी लगभग १६ से १८ वर्ष से इस पर लगे हुए हैं और इस पर काफी अध्ययन किया है और काफी कुछ साक्ष्य भी मेरे पास मौजूद हैं और अन्य साक्ष्यों के लिए भी तलाश चल रहा है.... और मुझे आप जैसे जागरूक व्यक्तियों की तलाश है जो इसके लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं ताकि हम सब मिलकर अपने गौरवशाली इतिहास को पूरी दुनिया के समक्ष प्रस्तुत कर सकें... जय श्री कृष्ण...🙏
अहीर वो महान क्षत्रिय वंश है जिस वंश में श्री कृष्ण महाराज यदु राव तुलाराम आल्हा ऊदल वीर अहीर लोरिक राव गोपालदेव सिंह हरियर राय बुक्का राय राजा कृष्णदेव राय बलराम वीर अहीर क्षत्रिय देवायत बोडार राजा पोरस और भी बहुत है अहीर एक सबसे शक्तिशाली ऊंचा और महान क्षत्रिय वंश है 🚩🙏 जय यदुवंशी क्षत्रिय ⚔️ साप के फन पर जब भगवान श्री कृष्ण नाचे थे तब भगवान को अहीर नाम कि उपाधि मिली
श्री कृष्ण यादव अहीर थे, यदु को सांप बिना डरे मारने पर अहीर कहा गया, यादव ही अहीर है और अहीर ही यादव। यदु से ही यादव या अहीर और यदुवंशी हैं। गीता में मिल जाएगा पढ़ने को, गीता सबसे बड़ा सत्य है जो विष्णुजी के अवतार द्वारा ऋषि वेदव्यास भगवान जी ने लिखी है। jai Yadav jai Madhav🙏🙏
आपने बहुत ही महान है मुझे सत्य से परिचित कराया बहुत बड़े ज्ञानी हैं आप इस ज्ञान को बताने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम आपने जो भी कहा सब सत्य कहा वेद पुराण जितने भी हैं इन पाखंडीयो का सब पाखंड भरा है❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
ब्राह्मणों ने अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मनवानेऔर सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए ही धर्मग्रन्थों की रचना की है, "अहीर" प्राचीन है और पूरे भारत मे युनाइटेड है लेकिन "यादव" शब्द नया है और ये शब्द आर्यसमाजियों के द्वारा प्रचारित और अहीरों को जाट/गुर्जर/यादव/पाल में विभाजित करने के लिए ही प्रचारित किया गया था!
Right bhai In Manuwadi logo ne khud ko sabse uncha bataya h ye sale nikamme h manuwadi sab k sab , inke granth inhone hi khud likhe h or fir unhe proof kiya ki ye granth adi sanatan h bhagwan ne likhe h 😡😡
क्यों? रामायण गलत और गीता सही है।???? यदुकुल की असली वंशावली मेवाड़ के रजवाड़ों के महल में है। अहीर मूलनिवासी भारतीय हैं, क्षत्रिय नही। ब्राह्मणों ने सभी मूल भारतीयों को शुद्र घोषित किया, जिसका अर्थ है शुर वीर द्रविड़
यादवों को सम्मान देना सामाजिक समरसता के लिए आवश्यक है। ये लोग जहाँ कही भी रह्ते हैं वहां पर अनेकता में एकता का वातावरण तैयार करने की कोशिश करतेहै। लेकिन इनसे पंगा लेना मंहगा पड़ सकता है।
गज़वा ए हिन्द वाले जेहादियों हरामियों हरामखोरो का साथ देकर यह साबित कर रहे हैं कि यह अपने स्वार्थ के लिए जेहादियों का एक देश और बनवा देंगे एक बकलोल नकटेढवा के लिए हिंदुओं का सत्यानाश करवाना भी मंजूर है
बात रही ब्राह्मण समाज के मुनि का आज तक सिर्फ अपना ही बराई की है, चाहे उस या समाज में कितना भी दोष क्यो नहीं हो। दूसरे समाज जात में कोई अच्छाई भी हो तौ भी इनको नजर नहीं आता। यही सोच रहा ब्राह्मण समाज मुनि,जिसे हिंदू धर्म की संख्या कम हो गई। और एक वंश से दूसरे वंश एक जाति से दूसरे जाति का असमानताएं हो गई। जिसका खामियाजा हिंदू धर्म और/हिंदुस्तान भुगत रहा है।
@@YADAVSAMMAN जी , जब इन धूर्तो में पूर्वज खोजना बंद करेंगे तब समझ मे आएगा, न कोई कृष्ण हुआ न ही राम, न कोई गीता ज्ञान हुआ । आज देश का सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी को जरूरत है देवी देवताओं को नकारने की, यहीं मानसिक गुलामी की बेड़ियां हैं, जो इन्हें तोड़ेगा वही अपने पुरखे खोज पायेगा व समाज का उद्धार करेगा। कपटी कृष्ण को आदर्श मानेंगे तो व्यभिचार ही सीखोगे, राम को पूजेंगे तो स्त्री उपेक्षा ही सीखेंगे, देवी देवताओं को जानेंगे तो चरित्र हनन के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा
अभीर का अर्थ निडर भी रामायण इस शव्द को धीवर केवत् जाति लोगो को किया गया था जो किरूर थे उन्हे निडर कहा जो मछलि पालते थे ना की अहीर थे 😍अभीर ओर् अहीर शव्द मिलते जुलते ह तो लोगो ने कहना सुरु कर दिया की अहीर थे 😡
रामायण 300 से भी ज्यादा बार बदली/एडिट हो चुकी है। बाद के लेखको ने उसका मूल स्वरूप ही बदल दिया है।यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई ओरिजिनल रामायण नहीं है।
इन कहानियों के आधार पर क्यों हम अपना अपमान या सम्मान ढूंढते रहें? कहानियों से बाहर निकल वास्तविकता को स्वीकार किया जाना चाहिए न कि कपोल कल्पित काव्यात्मक रचनाओं को।
अरे भाई बात यह नहीं है बात एक आध्यात्मिक पुस्तक में इस तरह से सामूहिक रूप से किसी जाति विशेष को अपमानित करने की बात है इस पर विचार करना चाहिए कि ऐसा क्यों लिखा गया
@@YADAVSAMMAN महानुभाव ब्राह्मणों के सभी ग्रंथो ने भारतीयों को शूद्र क्यों बताया इस तरह आपस मे लोगो को ऊंच नीच बताया फिर भी हमारे लोग को यह बात समझ नहीं आता आखिर क्यों
बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। इन काल्पनिक चमत्कारिक पुराण ग्रंथ रामायण महाभारत गीता आदि को व देवी देवताओं को उसी तरह कूड़े में फेकना होगा जैसे ब्राह्मण ग्रंथों ने समाज को शूद्र कहकर किनारे कर रखा था
@@sanjaykumardwivedisanjayku6628 उन अभीरों और अहीरों में अंतर है महराज। अभीर मतलब दुराचारी जाति जो लूटमार करते थे।। अहीर गायों का दूध निकालने वाले ग्वाले थे।। समझिए और समझाइए।।।।
You are right Manu wadi log Kabhi Cong or Kabhi BJP ki madat se satta kendar ( indar singhashan )tak pahunchane ka prayas karte rahte hain aap inko pehchan nehi payenge ye kon hain dusri baat jisko aap Bhagwan Krishna kehte hain vo ahiron ki numaindgi nehi karte Hain ye bahut bara darama hai
भाई लोगों जब हम लड़ेंगे तो वो लड़ायेंगे , सब फालतू की बात है , जानते हो जब सब ग्रन्थ जला दिये ग्रे तो बचा क्या था ? उसके बाद ग्रन्थों में मिलावट करके मुगलों ने तलवार की नोक पर शिक्षा में जबरदस्ती लागू कराया जो मिलावट थी उसी पर ये सब वामपंथी और इस्लामिक लोग व ईसाई लोग सभी उसी पर उंगली उठाते हैं लेकिन याद रखो इतनी मिलावट के बाद भी केवल भारतीय धर्म ग्रंथों पर वैज्ञानिक खोज करते हैं बाइबिल और कुरान पर कोई खोज नहीं होती है इसलिए धर्म ग्रंथों में सुधार की लड़ाई हमें मिलकर लड़ना चाहिए। जागो एक होकर लड़ो।
भाई साहब राक्षस पापी रावण ब्राह्मण था कंस पापी और राक्षस था और उसके अनुयाई भी राक्षस और पापी थी कुरू वंशी दुर्योधन भी पापी था उसके अनुयाई भी ऐसे ही थे द्वापर युग में कई सूर्यवंशी चंद्रवंशी राजपूत्र पापी थी तो कोई आभीर राजा और उसके अनुयाई पापी क्यों नहीं हो सकता है मीठा-मीठा गप और कड़वा कड़वा तू यह नहीं चलेगा किसी एक राजा और उसके अनुयाई पापी होने से सभी नहीं हो जाते कृपया इसको सुधारें उन्हें वीडियो बनाने की कृपा करें त्रेता सूर्यवंश का उत्थान था द्वापर चंद्रवंशी यों का उत्थान था
*राजा सहस्त्रार्जुन जो चन्द्रवन्शी और हैहय वन्शी था, वह भी तो हत्यारा और उसके सैनिक औरतों पर जबरदस्ती करने वाले थे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, इसी तरह चन्द्रवन्शी राजा नहुष भी और कई बार इन्द्र भी और कई अधर्मी ब्राह्मणों का नाम भी पापी मे आया है*
सत्यता तो यह है कि समुद्र का पानी क्षारीय है, और उसको आभीर तो छोड़िए, पशु तक भी नहीं पीते, पर यह झूठ है, और गले नहीं उतरता है, और तुलसीदास जी ने भी **आभीर ,यवन, किरात खश ,स्वपचादि ,ये अघि रूप जे ** नामक सोरठा में अहीरों को पापी कहा है....🌷🌺🇮🇳🌿🇮🇳🌺🌷
जी आपकी बात बिल्कुल सत्य है किंतु वहां पर कई जाति के लोगों को टारगेट किया गया है इसलिए वहां पर सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए किन्तु समुद्र वाले इस प्रसंग में केवल आभीर जाति को टारगेट किया गया है इसलिए यहां पर केवल अभीर को ही एक्शन लेना होगा क्योंकि इस संबंध में दूसरा कोई नहीं आएगा
ये कथाएं कल्पना लोक की कथाएं हें 🤔जो तथागत पंडित पुरोहितों ने गढ़ी हें और सम्पूर्ण जनमानस को उद्वेलित कर रखा है. जबकि सच्चाई इनसे पृथक है. जिसे जानना हम सबका परम् कर्तव्य है.
मान्यवर आपकी बात बहुत सुंदर हैं, यादव जाति हमारे सनातन धर्म की वह जाति है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता रह गयी बात सम्मान की तो राम ने सबका सम्मान किया हैं। हमें भी सबका सम्मान करना चाहिए ।
जी आपकी बात बिल्कुल सही है किंतु इस वीडियो को भी जरूर देखें तब आपको बात समझ में आएगी कि हवा में बात कर रहे हैं कि कहां कर रहे हैं ruclips.net/video/4vHg9bUJeic/видео.html
मुझे लगता है कि संस्कृत की भाषा समझने में कुछ त्रुटी हुई है। जैसे गीता में एक श्लोक है " सर्वधर्मत्यागस्या" अब इसमें कुछ विद्वान कहते हैं कि भगवान ने सभी धर्मो को त्यागने की बात कही जबकि उस समय तो केवल सनातन ही था। परंतु कुछ विद्वान कहते है की इसका मतलब सर्व+ अधर्म त्यागस्य अर्थात सभी तरह के गलत कार्यों की वोर इशारा करता है। इसी प्रकार बाल्मिकी रामायण की इस श्लोक की सही व्याख्या होनी चाहिए।
वाल्मीकि रामायण का यह प्रसंग पहली बार सुना. रामचरितमानस के इस प्रसंग पर ध्यान नही गया. हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णव्यवस्था का पोषण तो है ही, इसमें कोई संदेह नहीं. वर्णव्यवस्था ही हिन्दू धर्म का आधार है. वर्णव्यवस्था में मानव मानव में समानता की भावना है ही नहीं.जहां समानता की भावना नहीं होगी वहां निष्पक्षता और न्याय कैसे संभव हो सकता है? स्वतंत्रता, समानता, सुविचार,सत्कर्म और न्याय ही धर्म का आधार होना चाहिए. तभी सर्वे भवन्तु सुखिनः का स्वप्न साकार हो सकता है. आपका वीडियो पसंद आया. धन्यवाद.🙏🙏
इस सृष्टि की रचना 'आभीर' शब्द से हुई। जब कुछ भी नहीं था तब सिर्फ #आभीर शब्द ही इस युनिवर्स में गुंजायमान था। तब भगवान कृष्ण ने बिग-बेंग किया और सर्वप्रथम आभीरो (अहीरों) की उत्पत्ति करके उन्हीं को पृथ्वी की रचना करने का कार्यभार सौंपा। तब समस्त अहीरों ने अपने क्षात्र धर्म से पृथ्वी, सूरज, चाँद, ग्रह, नक्षत्र आदि की रचना की।😊 साभार :- #जय_यादव_जय_माधव_क्षत्रियबौद्ध_समिति
Jo man me aaya likh diya yadav to dvapar me ela aur pururuva se yadav madhav vrasani ki utaltti huyi adi ved puran pakhand hai to sat samudra sat dyup hi sansar me aaj bhi hai 6 ya 8 kyo nahi tum jaise bidvan ne bhoogol me likhava do aur prathave ko chapti likha do gol hata do katuo ki bhasa bolo jannath ji k jhande ko hava ki disa me lahra do soorya chandar grahan ko jyotis ki gadit se alg padva to jano kahi ka moorkh raxchas jo man me aaya likh diya grah grih krasn krisn me antar pata nahi chala pakhandee batane moorkh
Shri krishan ne ho 56 karod yaduwanshi ko nash karva diye jo galt karne lagte hai to nash hota hai Jati pati se iska koai sambandh nhi Ravan bhi brimin tha
जय क्षत्रिय भार्गव श्री कृष्णा नमो भगवते वासुदेवाय नमः नमस्कार दोस्तों किसी भाई का दिल नहीं दुखाना चाहते हैं यदि यादव भाई लोग यदु कूल से है तो अभीर जाति को क्यों प्रभावित करना चाहते है यादव मे प्रकर्मी लोग थे वहा के लोग इसके लिए या चोर थे इसके लिए या पापी थे इसलिए या पवित्र स्थान था इस लिए भगवान राम जी और समुंद्रदेव जी कदा भी गलत नहीं कर सकते जहा दुष्ट लोग थे वहा नास तय है जय श्री राम
भाई लोगों जब हम लड़ेंगे तो वो लड़ायेंगे , सब फालतू की बात है , जानते हो जब सब ग्रन्थ जला दिये ग्रे तो बचा क्या था ? उसके बाद ग्रन्थों में मिलावट करके मुगलों ने तलवार की नोक पर शिक्षा में जबरदस्ती लागू कराया जो मिलावट थी उसी पर ये सब वामपंथी और इस्लामिक लोग व ईसाई लोग सभी उसी पर उंगली उठाते हैं लेकिन याद रखो इतनी मिलावट के बाद भी केवल भारतीय धर्म ग्रंथों पर वैज्ञानिक खोज करते हैं बाइबिल और कुरान पर कोई खोज नहीं होती है इसलिए धर्म ग्रंथों में सुधार की लड़ाई हमें मिलकर लड़ना चाहिए। जागो एक होकर लड़ो।
@@sitaramyadav8085 Maharishi Valmiki Present Past Future Teeno dekh sakte the apne Tapobal se Isliye aisi baatein mat kiya karo Ye 2024 ki baat nahi hai Ye Treta yuga ki baat hai Jab Aise Mahaan Rishi common the us Time par Jab 5000 saal pehle hone wale Mahabharat mein Maharishi Ved Vyas Ji mein Itni power thi ki Wo Kurukshetra gaye Bina hi Sara Yudh Live dekha tha
भारत में तीन सौ से जायदा रामायण लिखी गई हैं जो की कवियों ने अपने अपने तरीके से अपने अपने तरीके से लिखीं है लेखक भगवान नही थे कवियों ने अपने अपने समाज को ऊंचा तथा दूसरे समाज को नीचा बताने में पूरा सहयोग किया है इस लिए सारी कथाएं पूरे समाज पर फिट नही बैठती हैं। इसीलिए सारे समाज को इन रामायण की बाते पसंद नहीं है।
सभी कवि को अभिनंदन करता हूं और एक बात पूछना चाहता हूं जिस राम ने यादों में पर बान मारे थे उस यादव का नाम क्या था और उस धरती कहां पर है जहां पर बा न गिरा है
इन ग्रंथों का भारतीय संस्कृत से कोई लेना देना नहीं है, भारतीय संस्कृति बौद्ध , मय थी, जो की खुदाई से भी स्पष्ट हो गया है, जिस संस्कृति की आप बात कर रहे हैं, ब्राह्मणी संस्कृति है, न कि भारतीय......
@@ankitkumar93175 suno bhai 1757 ki kranti first kranti veer ahir alugumute ne ladi 1857 ki kranti veer rao tularam ne ladi vo akele rah gye phir bhi angrejo se lade
@@ankitkumar93175 Tab bhi Veer AHIR..the..Lekin ..Brahmanwadi Byavastha .....ne...Kewal Brahman aur Thakuron ko dikhaya hai..... Desh ki Azadi me .Sabhi jaati Dharam walon ne kandha se kandha mila kar ladai ladi.. ..
कोई भी लड़ाई रही हो मुगल या ब्रिटिश शासन सभी जगह अहीर यादव ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है वो भी एक बड़ी संख्या में वो चीन से भारत की लड़ाई हो या सिकंदर से पोरष की ...लेकिन इनको पीछे कर सारे क्रेडिट ठाकुरों को दे दिया गया और यादवों को नीच बता दिया क्युकी अगली बारी उनकी थी 😂😂😂😂यादव किसी से डरते नही इसीलिए अफवाह फैलाकर आपस में वो लोग अपने को संतुष्ट करने का कार्य करते हैं क्युकी वो जानते हैं कि वो चाह कर भी गुलाम नही बना सकते हैं यादवों को 😎😎😎🙏
Jay Ahir Jay madhav , Good, i support you , let's divide Hindu , on the basis of some word without knowing the real meaning on the basis of local language on that time . Keep it up. I always support you , let's divide hindu 🕉
मेरे विचार से इन सब पौराणिक कथाओं में बहुत ही घाल मेल प्रतीत होता है। आज के विचार मे इसमें कोई दम नहीं लगती है। हमारा मानना है👌 परमात्मा किसी एक प्राणी मात्र नहीं हो सकता। वेद पुराण के अनुसार पहले क्षत्रिय और थे। और आज के और बने घूम रहे हैं। यह सब वेबजह hi लगता है👌
पौराणिक कथाओं में वर्णित समुदाय वर्तमान की जातियों से कैसे जुड़ सकते हैं। अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि वैदिक शूद्र शब्द का वर्तमान जाति से कोई संबंध नहीं है।
व्याकरण में यदि आप तद्भव तत्सम को जानते होगे तो यह भी जानते होंगे की आभीर का अहीर तत्सम शब्द है यानी अहीर का शुद्ध रुप आभीर है। आभीर संस्कृत शब्द है । इसीलिए संस्कृत के श्लोकों में आभीर शब्द का ही प्रयोग होता है। और उसका बिगड़ा हुआ रूप अहीर है ज्यादा जानकारी के लिए हिंदी का व्याकरण देख सकते हैं या फिर गूगल पर सर्च कर सकते हैं।
@@YADAVSAMMAN पर मुझे प्रभु श्रीराम और महर्षि वाल्मीकि पर पूर्ण विश्वास है, वो अकारण तथा अनुचित जैसा कुछ भी नही कर सकते. अब ऐसा किन परिस्थितियों में लिखा गया ईश्वर जाने.
तुलसीदास ने भी अहीरो को पापी लिखा है -"आभीर यवन किरात खस श्वपचादि अति अघरूप जे|"
जी इस पर भी वीडियो अवश्य बनाएंगे
@@YADAVSAMMAN अरे नहीं नहीं, किसी भी ग्रंथ में पूरे अहीर यादवों या इस जाति के खिलाफ कुछ गलत नहीं लिखा गया है... दरअसल बाद में कुछ दुष्ट राजाओं और कुल पुरोहितों के द्वारा अहीर यादवों के खिलाफ वेद पुराण में बाद में मिलावट की गई है और जानबूझकर गलत लिखवाया गया है और इस जाति को जानबूझकर बदनाम करवाया गया है...
वेद पुराण और महाकाव्य को पूर्ण रूप से आधार मानकर आप एक से डेढ़ हजार वर्ष पहले कह सकते थे लेकिन आज नहीं.... अगर आपको कुछ और आधार लेना है तो दक्षिण भारत के धार्मिक ग्रंथों को ले सकते हैं... यहां के वेद पुराण में तो कुछ दुष्ट ब्राह्मण पुरोहितों ने तो नफरत में अहीर यादवों के महान इतिहास के सारे साक्ष्यों को लगभग पूरी तरह से मिटाने की कोशिश की है... अहीर यादवों का वर्णन ६ पुराण में लिखा है लेकिन सबमें आप कुछ न कुछ अलग पाएंगे इससे साफ पता चलता है कि मिलावट अच्छे से की गई और महाभारत में तो अहीर यादवों के पूरे इतिहास को अलग दिखा दिए हैं और मिटाने की कोशिश किए हैं... और ये मुख्य तौर से हिंदी वाले में किया गया है और १९५० के बाद... हालांकि बहुत सारे बेहतर साक्ष्य मौजूद हैं जो अहीर यादवों के महान इतिहास को दर्शाते हैं इसके अलावा और अन्य साक्ष्यों जैसे महलों और शिलालेख को भी अध्ययन करने की आवश्यकता है जो २ से २५०० वर्षों के अहीर यादवों के इतिहास को दर्शाते हैं जैसे अशोक के शिलालेख में आभीर यादवों के वीरता और पराक्रम को दर्शाया गया है...
वाल्मीकि रामायण में और तुलसीदास के रामचरितमानस में १९ वीं शताब्दी में अहीर यादवों के खिलाफ उल्टा सीधा जोड़ा गया है और ये कुछ दुष्ट और नफरती ब्राह्मणों के द्वारा किया गया है... और रामायण महाभारत की अपेक्षा पुराण ज्यादा बेहतर हैं जिसमें कुछ सही तथ्यात्मक चीजें मिल सकती हैं लेकिन पुराना वाला टेक्स्ट होना चाहिए... महाभारत और रामायण सबसे ज्यादा सबके पहुंच में रहा तो इसमें सबसे पहले और सबसे ज्यादा मिलावट की गई और अहीर यादवों का इतिहास के बारे में ग़लत भरा गया...
खैर तमाम अनेकों साक्ष्यों से ये बात पूर्ण रूप से प्रमाणित है कि यादव जाति के लोग यदुवंशी क्षत्रिय जाति के लोग हैं जो यदु महाराज के वंशज हैं और चूंकि यदु महाराज ने गौपालन करते हुए अपने बाहुबल से यदुवंश सम्राज्य की स्थापना की थी और उनके निर्भिक योद्धा होने के वजह से उन्हें आभीर की उपाधि मिली थी जो अहीर तद्भव के रूप में प्रचलित है हुई और इस प्रकार से ये उपाधि और गौ पालन यादवों की एक कुल परम्परा बन गई जो आज तक जारी है... हालांकि हम सबको अपने इतिहास को बहुत उजागर करने की आवश्यकता है क्योंकि इसको जानबूझकर दबाया, छिपाया और बदनाम किया गया है... आप इस दिशा में बहुत बेहतर कार्य कर रहे हैं लेकिन ये अकेले का कार्य है नहीं है बल्कि हम सबको मिलकर इस पर कार्य करना होगा... हम भी लगभग १६ से १८ वर्ष से इस पर लगे हुए हैं और इस पर काफी अध्ययन किया है और काफी कुछ साक्ष्य भी मेरे पास मौजूद हैं और अन्य साक्ष्यों के लिए भी तलाश चल रहा है.... और मुझे आप जैसे जागरूक व्यक्तियों की तलाश है जो इसके लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं ताकि हम सब मिलकर अपने गौरवशाली इतिहास को पूरी दुनिया के समक्ष प्रस्तुत कर सकें... जय श्री कृष्ण...🙏
जो अंडा मांस खाते हैं उनको धर्म ग्रंथ में पापी बताया है
kya joke hai Lord Sri Ram yadi Ahir jati ko Teer marne k liay khte to wh Teer sbse phle Sri Ram aur Laxman ko lgta.
भगवान कृष्ण के मामा भी यदुवंसी ही थे उन्हे भगवान जी ने मारा इस पर कमेंट करो
गुरूजी आपका धन्यवाद महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए 🙏🙏🙏🙏
आपका प्रयास बहुत उत्तम है। इससे आमजन को पौराणिक ग्रंथों के बारे में जानने का अवसर मिल रहा है। आपको को नमन।
आप अपने ज्ञान के माध्यम से दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। बहुत बढ़िया प्रस्तुति है
धन्यवाद
अहीर वो महान क्षत्रिय वंश है जिस वंश में श्री कृष्ण महाराज यदु राव तुलाराम आल्हा ऊदल वीर अहीर लोरिक राव गोपालदेव सिंह हरियर राय बुक्का राय राजा कृष्णदेव राय बलराम वीर अहीर क्षत्रिय देवायत बोडार राजा पोरस और भी बहुत है अहीर एक सबसे शक्तिशाली ऊंचा और महान क्षत्रिय वंश है 🚩🙏 जय यदुवंशी क्षत्रिय ⚔️ साप के फन पर जब भगवान श्री कृष्ण नाचे थे तब भगवान को अहीर नाम कि उपाधि मिली
Bhai aap kaha se ho
@@VartikaYadav-dc7mj I'm Bihari 💪
@@Bhagatsinghofficial1234 Bhai Maine suna hai ki Bihar or purvanchal ke yadav dalit vichar dhara se grahsit hai
@@Bhagatsinghofficial1234 bhai kya ye sach me hai aise
आभीर लिखा गया है अंध भक्तों
राधे राधे सभी यादव भाई के लिए
Atar Singh Yadav datia m.p. yadav saman chennal ko dhanybadh Karta hu Jo aeshi jankari di aapko Radhe Radhe jay shiri krishna
यह स्थान अभी कहा पर है बिसतार से बताया जाय
श्री कृष्ण यादव अहीर थे, यदु को सांप बिना डरे मारने पर अहीर कहा गया, यादव ही अहीर है और अहीर ही यादव। यदु से ही यादव या अहीर और यदुवंशी हैं। गीता में मिल जाएगा पढ़ने को, गीता सबसे बड़ा सत्य है जो विष्णुजी के अवतार द्वारा ऋषि वेदव्यास भगवान जी ने लिखी है। jai Yadav jai Madhav🙏🙏
Evidence 😢 hai k bol diye????
@@KkHindu-x6i ऋग्वेद में लिखा है भाई
@@KkHindu-x6i नन्द बाबा। गोप(ग्वाल) Ahir है। और हरिवंश पुराण में नन्द बाबा और वासुदेव को चचेरा भाई बताया गया है
@@praveshempire8800 yadu se pahle ahir the unki history bata kya yar faked nanda dynsty ko acept kar
आपने बहुत ही महान है मुझे सत्य से परिचित कराया बहुत बड़े ज्ञानी हैं आप इस ज्ञान को बताने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम आपने जो भी कहा सब सत्य कहा वेद पुराण जितने भी हैं इन पाखंडीयो का सब पाखंड भरा है❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
ब्राह्मणों ने अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मनवानेऔर सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए ही धर्मग्रन्थों की रचना की है,
"अहीर" प्राचीन है और पूरे भारत मे युनाइटेड है लेकिन "यादव" शब्द नया है और ये शब्द आर्यसमाजियों के द्वारा प्रचारित और अहीरों को जाट/गुर्जर/यादव/पाल में विभाजित करने के लिए ही प्रचारित किया गया था!
Right bhai
In Manuwadi logo ne khud ko sabse uncha bataya h ye sale nikamme h manuwadi sab k sab , inke granth inhone hi khud likhe h or fir unhe proof kiya ki ye granth adi sanatan h bhagwan ne likhe h 😡😡
@@The-Thief721 hm to inpar viswas karte hain jai sri ram jai maurya
@@sagaryadav1816 kon bol jat gurjar kb ahir ho gye . tm bevkoof logo ke karan ahir samaj ka koi value nhi hai.
क्यों? रामायण गलत और गीता सही है।????
यदुकुल की असली वंशावली मेवाड़ के रजवाड़ों के महल में है।
अहीर मूलनिवासी भारतीय हैं, क्षत्रिय नही। ब्राह्मणों ने सभी मूल भारतीयों को शुद्र घोषित किया, जिसका अर्थ है शुर वीर द्रविड़
यादवों को सम्मान देना सामाजिक समरसता के लिए आवश्यक है। ये लोग जहाँ कही भी रह्ते हैं वहां पर अनेकता में एकता का वातावरण तैयार करने की कोशिश करतेहै। लेकिन इनसे पंगा लेना मंहगा पड़ सकता है।
I am with you
गज़वा ए हिन्द वाले जेहादियों हरामियों हरामखोरो का साथ देकर यह साबित कर रहे हैं कि यह अपने स्वार्थ के लिए जेहादियों का एक देश और बनवा देंगे एक बकलोल नकटेढवा के लिए हिंदुओं का सत्यानाश करवाना भी मंजूर है
बात रही ब्राह्मण समाज के मुनि का आज तक सिर्फ अपना ही बराई की है, चाहे उस या समाज में कितना भी दोष क्यो नहीं हो। दूसरे समाज जात में कोई अच्छाई भी हो तौ भी इनको नजर नहीं आता। यही सोच रहा ब्राह्मण समाज मुनि,जिसे हिंदू धर्म की संख्या कम हो गई। और एक वंश से दूसरे वंश एक जाति से दूसरे जाति का असमानताएं हो गई। जिसका खामियाजा हिंदू धर्म और/हिंदुस्तान भुगत रहा है।
Good baten khi aapne
काल्पनिक कहानियों में भी लोग अपने पूर्वज खोजते हैं, गजब का ज्ञान है,। पाखंडी समाज मे मानसिक गुलामी से कब लोग बाहर निकलेंगे?
काल्पनिक कहानियों से ही तो आज ब्राह्मण अपने को श्रेष्ठ कहते कहते सर्वश्रेष्ठ हो गये
@@YADAVSAMMAN जी , जब इन धूर्तो में पूर्वज खोजना बंद करेंगे तब समझ मे आएगा, न कोई कृष्ण हुआ न ही राम, न कोई गीता ज्ञान हुआ । आज देश का सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी को जरूरत है देवी देवताओं को नकारने की, यहीं मानसिक गुलामी की बेड़ियां हैं, जो इन्हें तोड़ेगा वही अपने पुरखे खोज पायेगा व समाज का उद्धार करेगा। कपटी कृष्ण को आदर्श मानेंगे तो व्यभिचार ही सीखोगे, राम को पूजेंगे तो स्त्री उपेक्षा ही सीखेंगे, देवी देवताओं को जानेंगे तो चरित्र हनन के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा
अभीर का अर्थ निडर भी रामायण इस शव्द को धीवर केवत् जाति लोगो को किया गया था जो किरूर थे उन्हे निडर कहा जो मछलि पालते थे ना की अहीर थे 😍अभीर ओर् अहीर शव्द मिलते जुलते ह तो लोगो ने कहना सुरु कर दिया की अहीर थे 😡
@@anjaliyadav4526 Abhir ka mtlb Ahir nhi huya bhayi ye sb glt bta rhe hai Mai khud Ahir hu bhagvan ram jaisa koyi hai
रामायण 300 से भी ज्यादा बार बदली/एडिट हो चुकी है। बाद के लेखको ने उसका मूल स्वरूप ही बदल दिया है।यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई ओरिजिनल रामायण नहीं है।
इन कहानियों के आधार पर क्यों हम अपना अपमान या सम्मान
ढूंढते रहें? कहानियों से बाहर निकल वास्तविकता को स्वीकार किया जाना चाहिए न कि कपोल कल्पित काव्यात्मक रचनाओं को।
अरे भाई बात यह नहीं है बात एक आध्यात्मिक पुस्तक में इस तरह से सामूहिक रूप से किसी जाति विशेष को अपमानित करने की बात है इस पर विचार करना चाहिए कि ऐसा क्यों लिखा गया
@@YADAVSAMMAN जितना ग्रंथ लिखा गया है वह srif गुलाम बनाने के लिए
@@YADAVSAMMAN महानुभाव ब्राह्मणों के सभी ग्रंथो ने भारतीयों को शूद्र क्यों बताया इस तरह आपस मे लोगो को ऊंच नीच बताया फिर भी हमारे लोग को यह बात समझ नहीं आता आखिर क्यों
Good
बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। इन काल्पनिक चमत्कारिक पुराण ग्रंथ रामायण महाभारत गीता आदि को व देवी देवताओं को उसी तरह कूड़े में फेकना होगा जैसे ब्राह्मण ग्रंथों ने समाज को शूद्र कहकर किनारे कर रखा था
आचरण के आधार pr baat बोली गई महाभारत में यदुवंशी श्रीकृष्ण भगवान है अतः इस बात से कोई विवाद नही होना चाहिए जय श्री कृष्ण
Yaduvansh ka vinash bhagvan khud karke vishnuavtar dharad kiye poora gyan avashyak hai jai shri ram
@@sanjaykumardwivedisanjayku6628 उन अभीरों और अहीरों में अंतर है महराज। अभीर मतलब दुराचारी जाति जो लूटमार करते थे।।
अहीर गायों का दूध निकालने वाले ग्वाले थे।।
समझिए और समझाइए।।।।
मनुवादी इंद्र और न्यायवादी भगवान श्री कृष्ण के बीच युद्ध आज तक चल रहा है , और चलता रहेगा
Manuvadi kaarth jante ho pahle ambedkarvadi Bano tab pata chal jayega
Samaj me nhi aaya hai kya bolna chah rhe hI
Good
Tum to bs hinduo ko bato bs
You are right Manu wadi log Kabhi Cong or Kabhi BJP ki madat se satta kendar ( indar singhashan )tak pahunchane ka prayas karte rahte hain aap inko pehchan nehi payenge ye kon hain dusri baat jisko aap Bhagwan Krishna kehte hain vo ahiron ki numaindgi nehi karte Hain ye bahut bara darama hai
सही शब्द अहीरहैआभीरकोई शब्द नहीं जय गोपाल❤
तत्सम तद्भव पढ़ लो आपको पता चल जाएगा आभीर का मतलब क्या
@@RamakantYadav-ev4uy Sanskrit me ahir ko abhir kahte h
यादव ही एक ऐसी जाति है जो विश्व विजय करने में सक्षम है
आपका समीक्षा बिल्कुल सटीक और तर्कसंगत है जो बिल्कुल निष्पक्ष रूप से किया है
Yeh kori kalpna aur mansik dibaliyapan hai
@@shivchandrayadav4985 इसमें तर्क संगत क्या लगा आपको भेंड़ जी
Yadav is great Marshall community and aryan race💪
जो यादव पाखंडवाद से छुटकारा पा नहीं सकता वह प्राकर्मी कैसे हुआ
@@ISHWARSINGH-rg4yf wo OM. Yadav ho sakta hai 🤣😂
@@gondwana1990 bheemto,😠
Africa wapas jawo😠
@@ISHWARSINGH-rg4yf
Jo jodha Akhbar ki aulad hai wo yaahan aa ke ess pavitra page ko dushit na karein .... mughalput should go pakistan
भाई लोगों जब हम लड़ेंगे तो वो लड़ायेंगे , सब फालतू की बात है , जानते हो जब सब ग्रन्थ जला दिये ग्रे तो बचा क्या था ? उसके बाद ग्रन्थों में मिलावट करके मुगलों ने तलवार की नोक पर शिक्षा में जबरदस्ती लागू कराया जो मिलावट थी उसी पर ये सब वामपंथी और इस्लामिक लोग व ईसाई लोग सभी उसी पर उंगली उठाते हैं लेकिन याद रखो इतनी मिलावट के बाद भी केवल भारतीय धर्म ग्रंथों पर वैज्ञानिक खोज करते हैं बाइबिल और कुरान पर कोई खोज नहीं होती है इसलिए धर्म ग्रंथों में सुधार की लड़ाई हमें मिलकर लड़ना चाहिए। जागो एक होकर लड़ो।
भाई साहब राक्षस पापी रावण ब्राह्मण था कंस पापी और राक्षस था और उसके अनुयाई भी राक्षस और पापी थी कुरू वंशी दुर्योधन भी पापी था उसके अनुयाई भी ऐसे ही थे द्वापर युग में कई सूर्यवंशी चंद्रवंशी राजपूत्र पापी थी तो कोई आभीर राजा और उसके अनुयाई पापी क्यों नहीं हो सकता है मीठा-मीठा गप और कड़वा कड़वा तू यह नहीं चलेगा किसी एक राजा और उसके अनुयाई पापी होने से सभी नहीं हो जाते कृपया इसको सुधारें उन्हें वीडियो बनाने की कृपा करें त्रेता सूर्यवंश का उत्थान था द्वापर चंद्रवंशी यों का उत्थान था
*राजा सहस्त्रार्जुन जो चन्द्रवन्शी और हैहय वन्शी था, वह भी तो हत्यारा और उसके सैनिक औरतों पर जबरदस्ती करने वाले थे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, इसी तरह चन्द्रवन्शी राजा नहुष भी और कई बार इन्द्र भी और कई अधर्मी ब्राह्मणों का नाम भी पापी मे आया है*
सत्यता तो यह है कि समुद्र का पानी क्षारीय है, और उसको आभीर तो छोड़िए, पशु तक भी नहीं पीते, पर यह झूठ है, और गले नहीं उतरता है, और तुलसीदास जी ने भी **आभीर ,यवन, किरात खश ,स्वपचादि ,ये अघि रूप जे ** नामक सोरठा में अहीरों को पापी कहा है....🌷🌺🇮🇳🌿🇮🇳🌺🌷
Likhne wale ko nahi pata tha Samudra ka Pani Khara hota hai 😂😂😂🤣 , or waise bhi Ramayan Mahabharat Kalpnik granth hai
जी आपकी बात बिल्कुल सत्य है किंतु वहां पर कई जाति के लोगों को टारगेट किया गया है इसलिए वहां पर सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए किन्तु समुद्र वाले इस प्रसंग में केवल आभीर जाति को टारगेट किया गया है इसलिए यहां पर केवल अभीर को ही एक्शन लेना होगा क्योंकि इस संबंध में दूसरा कोई नहीं आएगा
@@YADAVSAMMAN काल्पनिक चरित्र काहे ढिखा रहे
Bhai tulsidas ramayan milavati h usme toh uttar kand bhi jhuta h
Sc supremecourt to 1995me hi kalpnik bataya hai ab kab samajh me ayega?
ये कथाएं कल्पना लोक की कथाएं हें 🤔जो तथागत पंडित पुरोहितों ने गढ़ी हें और सम्पूर्ण जनमानस को उद्वेलित कर रखा है. जबकि सच्चाई इनसे पृथक है. जिसे जानना हम सबका परम् कर्तव्य है.
Apke jaisa koi nhi hai jitne ache se ap sb chiz samajhate ho waise koi nhi bta sakta love u bhai ❤
धन्यवाद
बाल्मीकि के समय अहीर का कही भी उल्लेख नही है जब अहीर अपने को यदु के वंशज मानते है तो यदु के बाद ही अस्तित्व मे आये होगे।
ईर्ष्या छोड़ो प्रभु का नाम लो
Harivans puran me hai
सब काल्पनिक है।
सब काल्पनिक है।
Bhai Rajput ko to 12 isvi ko Dikhe he uske Phele kaha the 😅😅
Geeta padhe , bhagwat padhe 😊.
Jai shree Krishna.
मान्यवर आपकी बात बहुत सुंदर हैं, यादव जाति हमारे सनातन धर्म की वह जाति है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता
रह गयी बात सम्मान की तो राम ने सबका सम्मान किया हैं। हमें भी सबका सम्मान करना चाहिए ।
श्रीं कृष्ण का यादवों में बचपन ही नहीं बीता बहुत कुछ बीता और रहा।ruclips.net/video/4vHg9bUJeic/видео.html
बचपन नही बीता मन्यवर यदुवंश मै जन्मे ही थे
श्री मद भागवत गीता अध्याय 11 का श्लोक 41 ,42 पढ़ो यादव जी वही मिलेंगे
हवाओं के भरोसे मत उड़,
चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,
अपने पंखों पर भरोसा रख,
हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं।
जी आपकी बात बिल्कुल सही है किंतु इस वीडियो को भी जरूर देखें तब आपको बात समझ में आएगी कि हवा में बात कर रहे हैं कि कहां कर रहे हैं ruclips.net/video/4vHg9bUJeic/видео.html
,महा मूर्खो वह मरूस्थल अरव भूमि है अभीरो का अर्थ असूर है जो आज मुस्लिम समुदाय है
जय श्री कृष्ण ❣️
इसी कारण मै रामायण नही पढता ,मेरे लिए एकमात्र पवित्र ग्रंथ भगवतगीता है
मुझे लगता है कि संस्कृत की भाषा समझने में कुछ त्रुटी हुई है। जैसे गीता में एक श्लोक है " सर्वधर्मत्यागस्या" अब इसमें कुछ विद्वान कहते हैं कि भगवान ने सभी धर्मो को त्यागने की बात कही जबकि उस समय तो केवल सनातन ही था। परंतु कुछ विद्वान कहते है की इसका मतलब सर्व+ अधर्म त्यागस्य अर्थात सभी तरह के गलत कार्यों की वोर इशारा करता है। इसी प्रकार बाल्मिकी रामायण की इस श्लोक की सही व्याख्या होनी चाहिए।
Radhe radhe 🙏
सर्व प्रथम, मेरा पौराणिक कथाओं में विश्वास बिल्कुल नहीं है. द्वितीय, जिसने अहीर पर बाण चलाये, वह अहीर का भगवान कैसे हो सकता है?
Tera बाप कौन हैं
Jay shree krishna 👍
वाल्मीकि रामायण का यह प्रसंग पहली बार सुना. रामचरितमानस के इस प्रसंग पर ध्यान नही गया. हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णव्यवस्था का पोषण तो है ही, इसमें कोई संदेह नहीं.
वर्णव्यवस्था ही हिन्दू धर्म का आधार है. वर्णव्यवस्था में मानव मानव में समानता की भावना है ही नहीं.जहां समानता की भावना नहीं होगी वहां निष्पक्षता और न्याय कैसे संभव हो सकता है? स्वतंत्रता, समानता, सुविचार,सत्कर्म और न्याय ही धर्म का आधार होना चाहिए. तभी सर्वे भवन्तु सुखिनः का स्वप्न साकार हो सकता है. आपका वीडियो पसंद आया. धन्यवाद.🙏🙏
धन्यवाद 🙏🙏
Ahir bahut Shakti Sali the unse sa mudra bhi darts tha
ओम नमो शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ जय लक्ष्मी माता लक्ष्मी भगवान नारायण
🚩🙏 जय श्री कृष्ण।
बहुत सुन्दर विश्लेषण।
Bhai aap kaha se ho
तर्क,,,सत्यता की कसौटी पर कसना चाहिए,, ,
Jai shree Ramji ki
इस सृष्टि की रचना 'आभीर' शब्द से हुई। जब कुछ भी नहीं था तब सिर्फ #आभीर शब्द ही इस युनिवर्स में गुंजायमान था। तब भगवान कृष्ण ने बिग-बेंग किया और सर्वप्रथम आभीरो (अहीरों) की उत्पत्ति करके उन्हीं को पृथ्वी की रचना करने का कार्यभार सौंपा।
तब समस्त अहीरों ने अपने क्षात्र धर्म से पृथ्वी, सूरज, चाँद, ग्रह, नक्षत्र आदि की रचना की।😊
साभार :- #जय_यादव_जय_माधव_क्षत्रियबौद्ध_समिति
अहिरो ने रचना की, तो
भगवान ब्रह्मा जी ने क्या किया,,,
Jo man me aaya likh diya yadav to dvapar me ela aur pururuva se yadav madhav vrasani ki utaltti huyi adi ved puran pakhand hai to sat samudra sat dyup hi sansar me aaj bhi hai 6 ya 8 kyo nahi tum jaise bidvan ne bhoogol me likhava do aur prathave ko chapti likha do gol hata do katuo ki bhasa bolo jannath ji k jhande ko hava ki disa me lahra do soorya chandar grahan ko jyotis ki gadit se alg padva to jano kahi ka moorkh raxchas jo man me aaya likh diya grah grih krasn krisn me antar pata nahi chala pakhandee batane moorkh
वाह
@@daya_k11 वो सृष्टि रचयिता अहीरों के घर गोबर उठाते थे
ऐसी बातें हीं इन ग्रन्थों को काल्पनिक सिद्ध करता है
bilkul
Guruji Radhe Krishna Radhe Krishna aapane bahut badhiya jankari
Veer Ahir always fight for truth. And video is nice. Jai Sri Krishna.
Shri krishan ne ho 56 karod yaduwanshi ko nash karva diye jo galt karne lagte hai to nash hota hai
Jati pati se iska koai sambandh nhi
Ravan bhi brimin tha
@@chaitramyaduwanshi5834karm hee sarbopari hai jati banshee se kuchh nahi hota 😊
Main biklang ladki ko chalane ki sakti mile Aisa upye btaye plz bhout dukhi ho plz btaye 🙏🏻😢
देखिये ये रामायण एक महाकाव्य है l जिसमें मन की बाते लिखा गया है और मैं इन सब चीजों में विश्वास नहीं रखता l
अहिर ग्रेट और हिंदू धर्म के रखवाले हैं हमें अपने अहीर भाइयों पर गर्व है
Bhai aap kaha se ho
@@VartikaYadav-dc7mj अयोध्या से
रामभक्तों पर जब गोलियां चलीं,
तभी यह बात समझ आ गयी थी |
महाशय आप का यह विष्लेषण मुझे अत्यन्त अर्थहीन तथा पक्षपात पुर्ण लगा।आप के लिए इतना ही काफी है।
जी लगता है अंगुर खट्टे हैं। इसीलिए आपको यह वीडियो अर्थहीन लगा। अब आप प्रयास करो कि इसका कोई नया अर्थ निकाला जाए जिससे रामायण की इज्जत बच जाए
जय क्षत्रिय भार्गव श्री कृष्णा नमो भगवते वासुदेवाय नमः
नमस्कार दोस्तों किसी भाई का दिल नहीं दुखाना चाहते हैं
यदि यादव भाई लोग यदु कूल से है तो
अभीर जाति को क्यों प्रभावित करना चाहते है यादव मे
प्रकर्मी लोग थे वहा के लोग इसके लिए या चोर थे इसके लिए या पापी थे इसलिए
या पवित्र स्थान था इस लिए
भगवान राम जी और समुंद्रदेव जी कदा भी गलत नहीं कर सकते जहा दुष्ट लोग थे वहा नास तय है
जय श्री राम
यादवों के बारे में कुछ और जानें तब अहीर में भेद कर पाएंगे 1--ruclips.net/video/4vHg9bUJeic/видео.html
2-ruclips.net/video/M3wqW7NjM48/видео.html
यह ग्रंथों की पोल है इसी कारण विशेष ग्रंथों में शूद्रों को शिक्षा से वंचित किया गया ताकि यह लोग असलियत को न जान सकें ।
आभीर का संस्कृत में वास्तविक अर्थ क्या है
देखने में तो पढ़े-लिखे लग रहे हैं किंतु अभी तक आपको आभीर का तद्भव रूप का पता नहीं है
जय श्री रामकृष्णा
जय श्री राधे कृष्णा
जय श्री कृष्ण, अहीर और आभीर में गुणात्मक भेद है
😂😂ab isako bhi alag karna chahte ho.. Usi ka apbhrans hai hindi pda karo
अहीर और अभीर एक ही है। अहीर को ही अभीर बोलते है अभीर का मतलब निडर
जय श्री कृष्णा आपके वाक्य में सत्यता है
बिल्कुल सम्मानपूर्वक टिप्पणी होना चाहिए।
जय हो।
धनबाद में रसिया की नई नई जानकारी देने के लिए धन्यवाद
जय यदुवंश जय श्री कृष्ण।
Yadavo ka Krishn se koi lena dena nhi hai
भाई लोगों जब हम लड़ेंगे तो वो लड़ायेंगे , सब फालतू की बात है , जानते हो जब सब ग्रन्थ जला दिये ग्रे तो बचा क्या था ? उसके बाद ग्रन्थों में मिलावट करके मुगलों ने तलवार की नोक पर शिक्षा में जबरदस्ती लागू कराया जो मिलावट थी उसी पर ये सब वामपंथी और इस्लामिक लोग व ईसाई लोग सभी उसी पर उंगली उठाते हैं लेकिन याद रखो इतनी मिलावट के बाद भी केवल भारतीय धर्म ग्रंथों पर वैज्ञानिक खोज करते हैं बाइबिल और कुरान पर कोई खोज नहीं होती है इसलिए धर्म ग्रंथों में सुधार की लड़ाई हमें मिलकर लड़ना चाहिए। जागो एक होकर लड़ो।
Ye log hindu todne ki chal chal rahe hai
बाल्मीकि रामायण राम के जन्म से पहले लिखी गई थी।तो फिर कैसे माना जाए कि सब कुछ सत्य है।
@@sitaramyadav8085
Maharishi Valmiki Present Past Future
Teeno dekh sakte the apne Tapobal se
Isliye aisi baatein mat kiya karo Ye 2024 ki baat nahi hai Ye Treta yuga ki baat hai Jab
Aise Mahaan Rishi common the us Time par
Jab 5000 saal pehle hone wale Mahabharat mein Maharishi Ved Vyas Ji mein Itni power thi ki Wo Kurukshetra gaye Bina hi
Sara Yudh Live dekha tha
जय श्री कृष्ण ।
Best Hai Sir Ham NEPAL
जय श्री कृष्ण जय यदुवंशी
सभी जाति में अधम और महान पुरुष हुए और होंगे।जाति महान नहीं,व्यक्ति महान और नीच होता है।जातिगत पोस्ट मूर्खतापूर्ण है।
सटीक और सारगर्भित जानकारी।जय यादव जय माधव।
मेरे भाई
समुद्र जी भी खड़े होकर मानव की तरह
बोलते है
यह बात मै बिलकुल नही मानता हूँ
जय श्री कृष्ण
भारत में तीन सौ से जायदा रामायण लिखी गई हैं जो की कवियों ने अपने अपने तरीके से अपने अपने तरीके से लिखीं है लेखक भगवान नही थे कवियों ने अपने अपने समाज को ऊंचा तथा दूसरे समाज को नीचा बताने में पूरा सहयोग किया है इस लिए सारी कथाएं पूरे समाज पर फिट नही बैठती हैं।
इसीलिए सारे समाज को इन रामायण की बाते पसंद नहीं है।
मौर्य के बारे में भी कोई पौराणिक कथाएं बताने की कृपा करें।
बहुत अच्छा एवम सुंदर विश्लेषण है।
हर हर महादेव
Yes
Jay samrat jay Koiran
Chandargupta morya was a satriya kul
@@vishalsingla9815maurya jangli log tha
Jai sri krishna
सभी कवि को अभिनंदन करता हूं और एक बात पूछना चाहता हूं जिस राम ने यादों में पर बान मारे थे उस यादव का नाम क्या था और उस धरती कहां पर है जहां पर बा न गिरा है
जय श्री कृष्णा राधे राधे जय यादव जय माधव
Jo video ka link diya hu usme 14 min se dekhe agr pura video nhi dekna to time bachat ke liye
जय श्री कृष्णा
जय जय श्री जय जय यदुवंशम,,😊😊😆😆🌻🌻🌻🙏🙏🙏🙌🙌🙌😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆
Jay Jay Shree Krishna Radhe Radhe
अति सुन्दर।
Bahut hi sunder Khoj hai.
Jay yadav Jay Madhav
Jay shree Ram
Jay. Shri shyam.
Jay shree Astbhuji Durge.
इन ग्रंथों का भारतीय संस्कृत से कोई लेना देना नहीं है,
भारतीय संस्कृति बौद्ध , मय थी, जो की खुदाई से भी स्पष्ट हो गया है,
जिस संस्कृति की आप बात कर रहे हैं, ब्राह्मणी संस्कृति है,
न कि भारतीय......
भारत 1950 से संविधान से चलता है ना की किसी धार्मिक ग्रंथ या जाति से
संविधान से नही धर्म से चलता है इस्लाम धर्म संविधान से उपर है संविधान रद्दी कागज है कुरान महान है कुरान के पैरो में संविधान है
Jai dada krishn 🌙
It is a notion of a Poet, because the sea is a part of the Water can not has the voice of the people..
Sir ji Ramayan kalpnik hai to Ram bhi kalpnik hai Andhvishwas n failaye
दुनिया में भारत की पहचान कृष्ण और बुद्ध से है, किसी काल्पनिक देवी देवताओं से नहीं
बहुत बहुत बहुत अच्छा. जय वासुदेवाय सर्वम
बाल्मीकि रामायण में ये श्लोक मिलावटी है जलधि अर्थात सागर जड है जो बोलने में असमर्थ है अतः प्रसंग मिथ्या है धन्यवाद।
bahut sahi. dhanybad. satymev jyate. jay hind.
वीर केवल अहीर ⚡️⚡️
@@ankitkumar93175 suno bhai 1757 ki kranti first kranti veer ahir alugumute ne ladi 1857 ki kranti veer rao tularam ne ladi vo akele rah gye phir bhi angrejo se lade
@@ankitkumar93175 Tab bhi Veer AHIR..the..Lekin ..Brahmanwadi Byavastha .....ne...Kewal Brahman aur Thakuron ko dikhaya hai.....
Desh ki Azadi me .Sabhi jaati Dharam walon ne kandha se kandha mila kar ladai ladi.. ..
कोई भी लड़ाई रही हो मुगल या ब्रिटिश शासन सभी जगह अहीर यादव ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है वो भी एक बड़ी संख्या में वो चीन से भारत की लड़ाई हो या सिकंदर से पोरष की ...लेकिन इनको पीछे कर सारे क्रेडिट ठाकुरों को दे दिया गया और यादवों को नीच बता दिया क्युकी अगली बारी उनकी थी 😂😂😂😂यादव किसी से डरते नही इसीलिए अफवाह फैलाकर आपस में वो लोग अपने को संतुष्ट करने का कार्य करते हैं क्युकी वो जानते हैं कि वो चाह कर भी गुलाम नही बना सकते हैं यादवों को 😎😎😎🙏
@@ankitkumar93175 lowde Sabse pehle angrejo ke khilaf yadav hi the
@@nitishsingh729 rao balkishan ne keval 5000 ahiro ke sath milkar nadirshah ko haraya tha
Jay Shree Krishna 🚩🚩🙏🏻🙏🏻
Kya nautanki kar rahe ho aap na koi Raam hua aur na hi koi Krishna hua to in sab brahmano ke gapod ka kya matlab hai...?
Ati uttam,outstanding
शंभुक ऋषि के वध में भी रामचंद्र जी का इसी तरह का व्यवहार देखा गया है
Jay Ahir
Jay madhav ,
Good, i support you , let's divide Hindu , on the basis of some word without knowing the real meaning on the basis of local language on that time .
Keep it up. I always support you , let's divide hindu 🕉
अहि (सर्प )अहीर दोनों कठिन, अहि ते कठिन अहीर. अहि तो वाचा में बंधे, वाचा कटे अहीर.
Sachai karwi hoti hai .....jai shree ram
मेरे विचार से इन सब पौराणिक कथाओं में बहुत ही घाल मेल प्रतीत होता है। आज के विचार मे इसमें कोई दम नहीं लगती है। हमारा मानना है👌 परमात्मा किसी एक प्राणी मात्र नहीं हो सकता। वेद पुराण के अनुसार पहले क्षत्रिय और थे। और आज के और बने घूम रहे हैं। यह सब वेबजह hi लगता है👌
मुनुसिमति हटाओ समिविधान लाओ पाखंड भगाओ
Smunder ka paani kya piya ja skta h agr pee bhi liya to jindgi ketne deen bachgi
मनुवादियों ने भगवान श्री कृष्ण और राम का बहुत चरित्र हनन किया है
Very good
Stop bimata agenda
Hum sab bhgwan manu ki shantan hai
झूठ बोलना फेक न्यूज़ फैलाना झूठ पर झूठ
@@vishalsingla9815 Tu hoga sab nhi
पौराणिक कथाओं में वर्णित समुदाय वर्तमान की जातियों से कैसे जुड़ सकते हैं। अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि वैदिक शूद्र शब्द का वर्तमान जाति से कोई संबंध नहीं है।
तब फिर क्यों वर्तमान में बहुतायत लोग शूद्र बने फिर रहे हैं
Jay yaduvanshi💪🏻
निर्मल मन अहीर निज दासा। यहां पर निर्मल मन अहीर की तरह सीधा सच्चा बताया है।
ये भी तुलसी दास जी ने उत्तरकांड में लिखा है।
यह प्रसंग अहिर जाति से संबंधित नही है. आभीर शब्द के और भी अर्थ निकल सकते हैं.
व्याकरण में यदि आप तद्भव तत्सम को जानते होगे तो यह भी जानते होंगे की आभीर का अहीर तत्सम शब्द है यानी अहीर का शुद्ध रुप आभीर है। आभीर संस्कृत शब्द है । इसीलिए संस्कृत के श्लोकों में आभीर शब्द का ही प्रयोग होता है। और उसका बिगड़ा हुआ रूप अहीर है ज्यादा जानकारी के लिए हिंदी का व्याकरण देख सकते हैं या फिर गूगल पर सर्च कर सकते हैं।
@@YADAVSAMMAN पर मुझे प्रभु श्रीराम और महर्षि वाल्मीकि पर पूर्ण विश्वास है, वो अकारण तथा अनुचित जैसा कुछ भी नही कर सकते. अब ऐसा किन परिस्थितियों में लिखा गया ईश्वर जाने.
महोदय आभीर का एक ही सर्वमान्य अर्थ है अहीर ही है
Bhai tum political admi ho kya abhir or Ahir ka difference malum nahi hai kya.SP ka agenda hindu samaj ka ahit karne wala hai