अदिगुरु शंकराचार्य, मंडन मिश्र और माता उभय भारती का शास्त्रार्थ - आचार्य शंकर की कहानी
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- Опубликовано: 17 апр 2023
- आदि शंकराचार्य Jagadguru Adi Shankaracharya जी और श्री मंडन मिश्र तथा उनकी पत्नी उभय भारती जी के मध्य में हुआ शास्त्रार्थ भारत की प्रमुख घटनाओं में से एक है। आदि शंकराचार्य जी को जहां भगवान शिव जी का अंश कहा जाता है तो वहीं मंडन मिश्र ब्रह्मा के तथा उभय भारती जी माता सरस्वती के अंश से उत्पन्न मानी जाती हैं। इसके अलावा अचार्य शंकर की जीवन कहानी भी रोचक और ज्ञानपूर्ण है। तो आइए आज हम अपने इन महान पूर्वजों और पूज्यों की कथा का रसपान करें।
इस वीडियो में उपयोग किए गए दृश्य Aditya Movies के सौजन्य से प्राप्त हुए हैं। आप Adi Shankara सम्पूर्ण फिल्म दिए गए लिंक पर देख सकते हैं।
• Jagadguru Adi Shankara...
भगवान कपिल और देवहूति संवाद को सुनने के लिए यहां क्लिक करें :-
• भगवान कपिल - देवहूति स...
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बहुत बहुत आभार इस विलुप्त होते हुए कथा को आज के इस सनातनी पीढ़ी को सुनाकर एवं यूट्यूब पर प्रसारित कराने के लिए जिससे मैं अपने ६६ वर्ष की आयु तक वंचित था। अन्य सहयोगियों को भी बहुत बहुत धन्यवाद।।
यह कहानी अतिउत्तम है। पहले सुनी थी लेकिन वह अपूर्ण थी आज सम्पूर्ण कहानी सुन कर मन अति प्रसन्न है
आभार आपका 💝🙏
सनातन के प्रवाह को अक्षुण्ण बनाए रखने में जीवन को समर्पित करनें वाले भगवान शँकरकेअवंतार आदि शंकराचार्य जी को कोटि कोटि नमन।
Jai guru dav❤❤❤❤
❤@@veenagoswami2113
ऊं नमः पार्वती पति हर हर महादेव आदिशंकराचार्य ऋषि मुनि के चरणों में प्रणाम है
आदि गुरु शंकराचार्य के योग्दान को कभी नहीं भूलाया जा सकता है!
आपको मेरा हृदय से प्रणाम।
बहुत सुंदर कहानी सुनाई आपने।
आदि गुरु शंकराचार्य को वा विदुषी मां भारती को शत शत नमन है मेरा।
जय श्री राम!
🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏
इस अदभुत ज्ञान के लिए कोटि-कोटि प्रणाम ।
Om
आदि जगतगुरु शंकराचार्य महाराज भगवान शिव के अवतार थे और आपने इस प्रेरणादायक कथा को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है हार्दिक धन्यवाद🚩🚩🚩🚩🚩
P
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Qqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqq1qqqqwqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqqwqqqqqqqqqqqqqqqqq😊
20:31 ❤😊
Kse pta chla?kha likha h?
@@logicaldimag1684aadi shankarachary undefeatable the aur undefeatable kewal mahadev shiv hain
ये कहानी नहीं है ब्रो महान शंकराचार्य का यथार्थ जीवन है। हम भारतीय के वर्तमान तपस्वी की सत्य गाथा है। जय गुरु।
सनातन धर्म की जय शंकराचार्य स्वामी जी की जय
जय 🙏
Ye book ka naam kya h@@kahaniyonkichaupal
अति सुंदर सुनाने वाला भी सुंदर वाणी वाला होतो सोने पर सुहागा होता है 👌👌🙏🙏
हृदय से आभार इस स्नेह के लिए 🙏
कहानी बहुत सुंदर और प्रेरणादायक है आपके लिए साधुवाद❤❤
अति सुन्दर, आचार्य श्री शंकराचार्य जी सम्बन्धित जानकारी प्राप्त हुई। सादर नमन।
आचार्य शंकर साक्षात भगवान शिव के अवतार थे....उन्हें कोटि कोटि नमन
🎉🎉😂😂😂😂😂😂😂😂😂🎉
@@shrikrishnashukla9098iskcon ka chumu hai kya😂
जय सनातन धर्म की.🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩ऐसे ज्ञानी,विद्वान, विज्ञानवादी, आध्यात्मिक ऋषी मुनीयो के भारतवर्ष मे हमने जन्म लिया.हम परम भाग्यशाली है.
🙏💝
Hmm ok mm
. Mm n AA 0 17:18
@@kahaniyonkichaupal y yy mn min ne😅😅i😊😊
नारायण से लेकर जगद्गुरु आदिशंकराचार्य जी , ,
और मौजूदा सभी ज्ञान और तप के सागर शंकराचार्य जी को मेरा प्रणाम है, ,
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज जी को भी बारंबार प्रणाम है, ,
जय जगन्नाथ
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
अद्भुत और अद्वितीय बिषयबस्तु सदैव प्रेरणादायक और सुन्दर ही रहता है।
शिव!
शिवाय !
सनातन संस्कृति की बात ही निराली।इनके अंदर अपार ज्ञान विज्ञान भरा हुआ है जो अद्वितीय ,अनोखा ,अद्भुत और रोचकता से ओतप्रोत है।
🙏💝
जय शिव शंकर❤आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम आदि गुरु शंकराचार्य के वीडियो और ज्ञान को प्रकाशित करिए आपको❤ वीडियो बना आदि गुरु शंकराचार्य का ज्ञान
अनंत प्रणाम अद्वैत वेदांत के पुरोधा जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी 🕉️🙏
लाजवाब,यह सब पवित्र भारत धरा एवं सनातन धर्म में ही संभव है।
धन्य है हमारा सनातन धर्म 🌹जै हो 🚩🙏🙏🙏
बहुत ही सराहनीय ज्ञान बर्धक कहानी। आप का बहुत बहुत आभार।
आदि शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म की पूरे विश्व मे जय जयकार की है नमन प्रभु को🙏
आपकी धन्यवाद सनातन धर्म की जानकारी देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद
वीडियो मेकर जी,,, आप को,, कोटि कोटि प्रणाम,,, मेरा प्रणाम परवान करना जी,, आप ने जबरदस्त कार्यों किया है,,,🙏🙏🙏🙏🙏♥️🙏🙏🙏🙏🚂💯💯🙏
भगवान शंकराचार्यजी की जय हो।
आदिशंकराचार्य सनातन के आधार है।।ॐ।।
कहानी बहुत प्रेरणादायक ज्ञानवर्धक है, ओम् नमः शिवाय ॐ शिव शंकर भोलेनाथ
बहुत सुंदर ढंग से बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। प्रणाम
आचार्य शंकर के जीवन चरित्र के उत्तम वर्णन के लिए कोटि कोटि साधुवाद
बहुत ही अद्भुत,रोचक कथा ऐसा लग रहा था कि सुनते ही जाए, सुनते ही जाए ......आपको कोटि कोटि नमन
जय हो सनातन धर्म की🙏🙏🙏
शंकराचार्य के बारे में बड़ी रोचक जानकारी
ब्रह्माण्ड के समस्त साधु संतो दिव्यात्माओं साधकों सिद्धगणों महात्माओं एवं सभी ऋषि मुनियों को साष्टांग दंडवत प्रणाम।🕉️🚩🙏🏽
बहुत बढ़िया लगा आपका यह वीडियो आप ऐसे ही हमारी भारतीय संस्कृति और इतिहास को समाज के सामने लाते रहेंगे बहुत-बहुत धन्यवाद
अद्भुत, संसारी तथा नैसर्गिक ज्ञान का भण्डार ,सरल भाषा आवाज मे कोई दोष नहीं,जय सनातन धर्म की 🎉
आपकी वीडियो बहुत अच्छी लगी शंकराचार्य जी साक्षात शंकर थे जय श्री राम
बहुत ही सुंदर और आनंददायक कथा रोचक प्रस्तुति हर हर महादेव
जै जै जै आदि गुरु शंकराचार्य जी,, महराज जी की,,,,🙏🙏🙏
अतिउततम सर्वोत्कृष्ट शिक्षाप्रद भावपूर्ण ज्ञान वर्धक कथा सुनाई जय श्रीराम , आदिशंकराचार्य जी माता उभय भारती जी को शत् शत् नमन
जानकारी बहुत अच्छी लगी गुरुवर के चरणों में प्रणाम
आप ऐसी सारगर्भित प्रेरणा दायी ज्ञान वर्धक साहित्यिक निधियां प्रस्तुत कर हमें लाभान्वित कराने के लिए महान् कार्य कर रहे हैं।
अद्भुत
आज ऐसी जानकारी मिली है शायद मैंने सोचा भी नहीं था
❤❤❤❤
आभार आपका इस स्नेह के लिए 💝
राम। बहुत ही सुन्दर सत्य और प्रेरणादायी कथा है
यह कहानी सुनकर मन मंत्रमुग्ध हो गया है यही लगता है कि सुनता ही रहूं इसी तरह और अच्छे वीडियो वीडियो देखने की अपेक्षा रखता हूं हर हर महादेव
आदि गुरु शंकराचार्य स्वामी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि महराज जी के कृपा दृष्टि से ही आज सनातन संस्कृति धर्म जीवित है सनातन धर्म ही सत्य है आप को बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤
बहुत अच्छी लगी धन्यवाद जय श्री कृष्ण हर हर महादेव
सनातन धर्म की इतने विशिष्ट घटना के इतने महान पात्रों का जीवन परिचय और सर्वकालिक श्रेष्ठतम शास्त्रार्थ को इतने रोचक और सटीक ढंग से प्रस्तुत किया है कि मन आनंदित हो गया 🙏 आपको साधुवाद 🙏🙏
यह कहानी बहुत सुंदर है आपने बहुत ही ज्ञानवर्धक शिक्षा प्रधान की इसके लिए कोट कोट धन्यवाद
संक्षेप में आपने इस अद्वितीय संवाद को हमारे लिए प्रस्तुत करने के लिए आभार!
बहुत ही सुन्दर जानकारी प्रदान किया आपने। आपको साधुवाद एवं सद्भावनाएं
हृदय से आभार आपका 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏
आपके विचार, को कर्मो को, ओर आपके भीतर बसे शंकर को चरण वंदन नमन ❤🎉
आपने बहुत ही सुन्दर और विवेक पूर्वक एक अति विशिष्ट अद्भुत विद्वान और उच्च चरित्र व्यक्ति का चरित्र कथन किया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। जय आर्य सनातन वैदिक धर्म की जय। जय भारत माता वंदेमातरम 😊
कहानी बहुत ही सुन्दर और प्रेरणा दायक और शिक्षा प्रद भी है। इस कहानी के लिए धन्यवाद
अति उत्तम किंतु मैंने यह भी की मंडन मिश्र की पत्नी भारती से आदि शंकराचार्य का शास्त्रार्थ हुआ था तथा आदि शंकराचार्य की जीत हुई थी
अत्युत्तम ज्ञान प्राप्त हुआ । कोटि कोटि धन्यवाद ।
आभार आपका
Aadiguru Shankaracharya and MandaMishra ji ko saprem pranam Om namah Shivay
अद्भुत. ऐसी कहानी मैने अब तक नहीं सुनी थी l
मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद
शक्ति का तुम मर्म ना पायो,शक्ति गई तब मन पछितायो
Very enlightening story. एक दिव्य कहानी। हर व्यक्ति को इसे सुनना और इस पर मनन करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय।
ruclips.net/user/shorts1C6-rpx3mhg?si=H0I_l2TYTnFumoLs
बहुत ही ज्ञानवर्धक कहानी हैं। अपको सादर धन्यवाद और प्रमाण 🙏
बहुत सुन्दर जानकारी सभी के लिए ज्ञानवर्धक है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। रमाकांत द्विवेदी, नोएडा। 🙏🏻🙏🏻
,,सभी सनातनियों को यह ज्ञान जानना चाहिये
बहुत सुंदर , प्रभावशाली एवं प्रेणादायक प्रस्तुतिकरण।
आपका आभार... भौतिक चकाचौंध में आप जो काम कर रहें हैं वह ईश्वर का काम है ऐसा करके आप आज भटके हुए अल्पायु युवा जन के लिए हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पहुँचा रहें है... हम क्या है पूरी आयु हम निकाल देते हैं पर हम अपने सनातन मूल्यों को कब जानेगें और हम इधर क्यों है कब जानेगें ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है|
🙏🙏🙏
वाह । बहुत ही स्पष्ट और सादगीपुर्ण आवाज में बहुत सारी बाते खूब अच्छेसे बताई है...
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
आभार आपका 🙏
आपकी ओजमयी वाणी तथा आपके ज्ञान को साधुवाद, भगवान आदि शंकराचर्य को शत् शत् नमन 🙏
आभार आपका इस स्नेह के लिए 💝
यह कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी
यह बहुत ही ग्यानवर्धक कहानी है
बहु बहुत बहुत ही सुंदर, ज्ञानवर्धक, शिष्टता से युक्त, अन्य और बहुत सारी विशिष्टताओं सर युक्त यह कथा जगत के लोगो का कल्याण करे ऐसी मेरी भगवान शंकराचार्य जी के श्रीचरणों में प्रार्थना है।
यह कथा सूनकर मन खुशहुआ और ज्ञान भी पराप्त हुआ
मायामसच्छास्त्रं प्रच्छन्नं बौद्धमुच्यते।
मयैव कथितं देवि कलौ ब्राह्मणरूपिणा॥ Bhaj govindam mudh mate 🙏 Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
बहुत सुंदर आपके आभारी रहेंगे और प्रणाम है
बहुत रोचक तथा सनातन संकृती का थोडी जाणकारी हूयी धन्यवाद प्रणाम
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जमुदीरयेत।।🕉️🚩🙏🏽
बहुत सुंदर।
कथन प्यारा .श्रेष्ठ. अलंकृत. मनोरम और शोध पूर्ण लगा धन्यवाद बहुत बहुत धन्यवाद।
Bahut. Hi. Sunder. Or. Rochak. Jankari. Dene. Ke. Liye. Dhanyawad. 🎉🎉😂❤❤❤❤😂🎉😊
बहुत ही सुन्दर
आपकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है। आभार आपका 🙏💝
हर हर महादेव 🙏🙏
🙏नमस्कार गुरूदेव. आपका ग्यान बहुत ग्येहरा है ग्यान सुननेवाला भाग्यशाली होगा .
प्रयागराज एक देवस्थली है जिसे वेदों को बचाए रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
बलि देना और मांस तो हिंदू बहोत खाते हे, हालाकि 5 बड़ी beef company ब्रामण or हिंदू की ही हे ,
अब में हिंदू ग्रंथ से सबूत देता हु,
देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि का प्रयोग किया जाता है। बलि प्रथा के अंतर्गत बकरा, मुर्गा या भैंसे की बलि दिए जाने का प्रचलन है। हिन्दू धर्म में खासकर मां काली और काल भैरव को बलि चढ़ाई जाती है।
पूर्वी भारत के असम, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों के साथ-साथ नेपाल देश में भी पशु बलि की प्रथा है।.
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
नेपाल, यज्ञ स्थल
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
मनुस्मृति हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय, मौलिक और पवित्र ग्रंथों में एक है. मनुस्मृति के श्लोक 30, अध्याय 5 में लिखा गया है- ‘खाने योग्य जानवरों का मांस खाना पाप नहीं है क्योंकि ब्रह्मा ने खाने वाले और खाने योग्य दोनों को बनाया है.’
मनुस्मृति के श्लोक 3.267 से 3.272 तक में, मछली,हिरण, मृग, मुर्गी, बकरी, भेड़ और खरगोश के मांस को बलि के भोजन के रूप में मंजूरी देता है.
अंबेडकर ने प्राचीन काल में हिंदुओं के गोमांस खाने की बात को साबित करने के लिए हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों का सहारा लिया. अंबेडकर ने लिखा है, "ऋगवेद काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो खुद ऋगवेद से ही स्पष्ट है."
ऋगवेद में (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, "उन्होंने एक बार 5 से ज़्यादा बैल पकाए'. ऋगवेद (10. 91.14) कहता है कि अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि दी गई. ऋगवेद (10. 72.6) से ऐसा लगता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा जाता था
तैत्रीय ब्राह्मण में बताई गई कामयेष्टियों में न सिर्फ़ बैल और गाय की बलि का उल्लेख है बल्कि यह भी बताया गया है कि किस देवता को किस तरह के बैल या गाय की बलि दी जानी चाहिए."
वो लिखते हैं, "विष्णु को बलि चढ़ाने के लिए बौना बैल, वृत्रासुर के संहारक के रूप में इंद्र को लटकते सींग वाले और माथे पर चमक वाले सांड, पुशन के लिए काली गाय, रुद्र के लिए लाल गाय आदि."
"तैत्रीय ब्राह्मण में एक और बलि का उल्लेख है जिसे पंचस्रदीय-सेवा बताया गया है. इसका सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, पांच साल के बगैर कूबड़ वाले 17 बौने बैलों का बलिदान और जितनी चाहें उतनी तीन साल की बौनी बछियों का बलिदान."
Mind blowing history of our ancestors and the wisdom is so pure and heavenly.
जय आदिगुरु शंकराचार्य जी की जय मेरा उनके चरणकमलों में अनन्त कोटि-कोटि दणडवत नमन बारम्बार प्रणाम है पराणाम हैं प्रणाम है।
वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् जयसियारामजी हर-हर महादेव जयहो बहुत सुंदर जयहो हर-हर महादेव ❤❤❤❤❤
अत्यंत प्रेरणादायक है यह आपका vdo जिसके लिए आप सबको कोटिशः साधुवाद धन्यवाद-- आदिगुरू शंकराचार्य जी ने बाद मे ईश्वर के सगुण सविशेष साकार रूप को भी स्वीकार किया भक्तिपूर्ण को ज्ञानमार्ग से श्रेष्ठ बताया --उनके द्वारा रचित ग्रन्थ के द्वारा ही यह ज्ञान पंचम जगतगुरु श्री कृपालु जी महाप्रभु ने बडे ही विशद रूप से व्याख्या की है-- आदि गुरू परम आदरणीय शंकराचार्य जी ने स्वयॅ श्रीकृष्ण भक्ति कर अनेको श्लोको की रचना की है और भक्तिमार्ग को सर्वश्रेष्ठ बताया- क्षमा करे आपके द्वारा यह प्रस्तुति अद्वितीय है अनमोल है _ आशा है आप अगले एपिसोड मे इस विषय पर भी शोधकर इस बात को अवश्य सम्मिलित करेगे -- क्योकि इस्लाम के मानने वाले एकेश्वरवाद के अपने सिद्धांत की तुलना ज्ञानमार्ग के इसी निर्गुण निर्विशेष निराकार ब्रम्ह के सिद्धांत से करते है जब कि भगवान शंकराचार्य जी इसका बडा ही सुंदर ढंग से इसका निराकरण किया है और सगुण साकार परम ब्रम्ह को माना है और अपने शिष्यो को यह ज्ञान दिया है
पुनः पुनः इस अमूल्य प्रस्तुति के लिए नमन , कोटिशः नमन
यह कहानी अति प्रेरणादायक मैं इसे सुनकर मंत्रमुग्ध🎉🎉🎉❤❤❤❤❤😂😂😅
Kahni nahi ha ya ak tajasvi mahpursh ka jivan ha
Bhai tuje trust nahi hoga kyuki ham 1834 se English education me padh rahe he usne hume hamri sanskriti se bahut dur kar diya he agar tujh viswas nahi hota to history books padho fir ese comments karo alp gyan hi vinash ka karan he 😶
अति प्रेरणादायी सीख देने वाली है
Bahut Aachha laga apako pranam🎉🎉🎉🎉🎉
जय सनातन धर्म की⛳🙏
Spread such spiritual messages among young generation radhe radhe
राधे राधे 🙏
🙏प्रणाम महानुभाव आपके द्वारा प्रस्तुत की गई सनातन धर्म के महान पथप्रदर्शक़ आचार्य
शंकराचार्य जी के विषय में अत्यन्त ही रोचक एवं ज्ञानवर्धक है बहुत ही रूचि से हमने यह प्रसंग सुना। हमें यह भी जिज्ञासा रही कि क्या आचार्य शंकर एक महीने बाद अपने शरीर में वापिस चले गए थे?
कृपया हमें उनके बारे में आगे के प्रसंग की भी जानकारी प्रदान करें।
धन्यवाद।🙏
भगवान आदि शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
🌹प्रेरणादायक कहानी 🌹हर हर महादेव 🙏🌹
🙏🙏
Preakness Kahan😊ee
अच्छी लगी। साधुवाद एवं सुन्दर 🎉 सुमधुर 🙏 जयश्रीराधेकृष्ण जयश्रीसीताराम जयश्रीगौरीशंकर।
यह कहानी बहुत ही ज्ञान वर्धक है और प्रेरणा दायक है
बहुत ही सुन्दर। ह्रदय गदगद हो गया। शब्द नहीं है अपना अनुभव व्यक्त करने के लिए।
A very heart touchable story
I tribute to acharya Shankar
Thanks 🙏
Very good speech, today time it learn that people without knowledge, experience must not be able to win any challenge
बहुत सुंदर कथा से मन प्रसन्न हुआ । अति आभार सादर अभिवादन ।