तीन तरह के धर्म हमेशा चलते है रजो गुणी,तमो गुणी,सतो गुणी,,ओर ये तीन तरह की ही बुद्धि है,तीनो तरह के जीवो को समझाने के लिए तीनो ही बुद्धि वालो को परमसत्ता समझाने को आती हैं,, मुसलमान रजो+तमो गुणी हुऐ,किराशचन तमो गुणी+रजो गुणी+सतो गुणी कम, हिंदूओं मै सतो गुणी+रजो गुणी+तमो गुणी कम ऐसे ही जीव चलते रहते हैं
मनुष्य धर्म और ईश्वर की परिचय सही से क्यूं नई कर वाये तुछ मनुष्य तुने ऐसा संसार में ऐसा आकाशवाणी किस लिए किया की (कलि-रछस) होता है। और (कल्की देवता) होता है। धर्म की सतसंगत छल कर रहे हैं।
पूर्व 600 शाल से मनुष्य ईश्वर की अवतार को तय कर दिया की ईश्वर की अवतार होगा । पर क्या कभी किसी स्कूल में यह दिक्शा मनुष्य को दिया है किसी ने कि किसी भी बच्चे की नेम-किस तरह होनी चाहिए
उदाहरण: राम खुद तय करते हैं अपनी नेम ना कि कोई तीसरा तय करता है राम को क्या कहने चाहिए। सभी तरह से बस इतनी सी बात बतावय की प्रयास कर रहे हैं। दलित ऐसा शब्द 2014 से पूर्व किसी को पता नई था पर अभी खुद कौ गौतम से च..*र और च...*र से दलित कह रहे हैं। और बोहोत सारी बात है पर इसके लिए लगातार (काॅमेंटस) किजिए तो सिद्ध करब कि अपने बच्चों की $संस्कार (नामांकन) Name कैसे करते हैं। पूरी सच्चाई की परिचय होगा तो आपकी "पाव की तल से जमीन खिसकने लगेगा"
Sat Sahib Bandagi Saheb Saheb
satsahib
Sat saheb bandagi gurujii
Satsaheb ji, परमात्मा आप का भला करे 🙏
Jai Jai shree kabir saheb ji ki
सतगुरु देव बंदी छोड़
6:11
ram ram
यदि ओ जिव-आतमा ईश्वर दी अंश है।
तो हम सबसे पुर्व उसी जिव-आतमा से यह परिचय करते हैं कि आप अपनी परिचय करवाईए कि आप कौन हैं।
agyaan dur karo, parichay ho jayega
Guru kin ko kare
जिसका ज्ञान सच्चा हो, जो सही राह दिखाए और जिसे आपका विवेक सही बताएं
Sat saheb ji bhai saheb dandabat pranam apku ❤❤🙏🙏
Satsaheb bahan ji 🙏
तीन तरह के धर्म हमेशा चलते है रजो गुणी,तमो गुणी,सतो गुणी,,ओर ये तीन तरह की ही बुद्धि है,तीनो तरह के जीवो को समझाने के लिए तीनो ही बुद्धि वालो को परमसत्ता समझाने को आती हैं,, मुसलमान रजो+तमो गुणी हुऐ,किराशचन तमो गुणी+रजो गुणी+सतो गुणी कम, हिंदूओं मै सतो गुणी+रजो गुणी+तमो गुणी कम ऐसे ही जीव चलते रहते हैं
🙏
सत साहेब की जय हो! सतनाम की जय हो! सत्पुरुष की जय हो! सत्धर्म की जय हो!
मनुष्य धर्म और ईश्वर की परिचय सही से क्यूं नई कर वाये
तुछ मनुष्य तुने ऐसा संसार में ऐसा आकाशवाणी किस लिए किया की (कलि-रछस) होता है।
और (कल्की देवता) होता है।
धर्म की सतसंगत छल कर रहे हैं।
sorry shaktimaan, baaki ssatsang bhi suniye, fir saare bhram door ho jayenge
यह कैसे पता है आपकौ की आखीरी अवतार का नेम कल्की है।
यह आकाशवाणी किस लिए कर रहे हैं।
यदि आप इस छल की केयर नई किये तो त्राहि त्राहि कोरबा
संतों ने बताया है आज से 600 साल पहले
@@satgurugyanganga9475 आप कभी अपने बच्चे को कल्की कहकर पुकारिए फिर आपको पता होगा कि किस प्रकार की छ़ल हो रही है धर्म के सतसंगत पूर्व 600शाल से
पूर्व 600 शाल से मनुष्य ईश्वर की अवतार को तय कर दिया की ईश्वर की अवतार होगा ।
पर क्या कभी किसी स्कूल में यह दिक्शा मनुष्य को दिया है किसी ने कि किसी भी बच्चे की नेम-किस तरह होनी चाहिए
उदाहरण: राम खुद तय करते हैं अपनी नेम ना कि कोई तीसरा तय करता है राम को क्या कहने चाहिए।
सभी तरह से बस इतनी सी बात बतावय की प्रयास कर रहे हैं।
दलित ऐसा शब्द 2014 से पूर्व किसी को पता नई था पर अभी खुद कौ गौतम से च..*र और च...*र से दलित कह रहे हैं।
और बोहोत सारी बात है पर इसके लिए लगातार (काॅमेंटस) किजिए तो सिद्ध करब कि अपने बच्चों की
$संस्कार (नामांकन) Name कैसे करते हैं।
पूरी सच्चाई की परिचय होगा तो आपकी "पाव की तल से जमीन खिसकने लगेगा"
Har jagah aate Hain Bhagwan isa Masih Allah alag alag roop mein aate Hain sab deshon mein bevkuf hai tu bevkuf hai tu bevkuf hai bevkuf ka baccha hai
जय हो ज्ञानी जी, भगवान भला करे