भगवान् जग्गनाथ रथ यात्रा क्यों निकाली जाती है ?

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • जगन्नाथ का अर्थ है 'ब्रह्मांड के भगवान'। भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है। हर साल ओडिशा के पुरी शहर में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस त्योहार के दिन मुख्य रूप से तीन देवताओं की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा शामिल है। उदया तिथि के अनुसार 2024 में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 07 जुलाई से हो रही है।
    ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भगृह से बाहर लाकर स्नान कराया जाता है। माना जाता है कि इसके बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें बुखार आ जाता है, जिस कारण वह 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करते हैं। इस दौरान भक्तों को दर्शन की अनुमति होती। इसके बाद आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन वह स्वस्थ होकर अपने विश्राम कक्ष से बाहर आते हैं। इस खुशी में भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है।आप सभी पर भगवान् जग्गनाथ और गौ माता का आशीर्वाद सदा बने रहे।, इसी मनोकामना के साथ जय भगवान् जग्गंथ की, जय गौ माता की।

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