हेम माली कौन था , और किस कारण उसे श्राप मिला।
HTML-код
- Опубликовано: 2 июл 2024
- राधे राधे दोस्तों। जय गौ माता की। ासाद मॉस के पावन महीने की कृष्णा पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन भगवान् विष्णु की पूजा और अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है , और यह भी कहा जाता है , की इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद भगवान् विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
योगिनी एकादशी निर्जला एकादशी के बाद और देव शयनी एकादशी से पहले की जाती है।
एकादशी के दिन भगवान् विष्णु , और गौ माता की सेवा करने से , पुनिये की प्राप्ति , और सभी कामनाओ की पूर्ति होती है। आप सभी पर भगवान् विष्णु और गौ माता की कृपा सदा बानी रहे। जय श्री भगवान् विष्णु की , जय गौ माता की।