गुप्त नवरात्रे में किन देवियों की पूजा का विधान है , जिससे पूजा का सम्पूर्ण फल मिल जाता है।

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  • Опубликовано: 5 окт 2024
  • सनातन धर्म में नवरात्र मां दुर्गा यानि शक्ति की साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सामान्त: वर्ष में दो ही नवरात्र के बारे में अधिकांश लोग जानते हैं, जबकि इनके सिवाय भी दो और नवरात्र होते हैं।इन दो नवरात्रों के काफी गोपनीय होने के कारण ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इसके अलावा इन गुप्त नवरात्रों में गुप्त विद्याओं की शक्ति प्राप्त करने की मान्यता के चलते भी इन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार वर्ष में कुल चार नवरात्रों की मान्यता हैं।
    नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना आदि के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।
    इस नवरात्रि की जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती है। उत्तरी भारत जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के आसपास के प्रदेशों में गुप्त नवरात्रों में मां भगवती की पूजा की जाती है। मां भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा नवरात्रों के भिन्न-भिन्न दिन की जाती है।नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली एवं दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना जाता है।नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली एवं दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना जाता है।अन्नपूर्णा गौरी गौ माता।
    सनातन धर्म में नवरात्र मां दुर्गा यानि शक्ति की साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सामान्त: वर्ष में दो ही नवरात्र के बारे में अधिकांश लोग जानते हैं, जबकि इनके सिवाय भी दो और नवरात्र होते हैं।इन दो नवरात्रों के काफी गोपनीय होने के कारण ही इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इसके अलावा इन गुप्त नवरात्रों में गुप्त विद्याओं की शक्ति प्राप्त करने की मान्यता के चलते भी इन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार वर्ष में कुल चार नवरात्रों की मान्यता हैं।
    नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना आदि के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।
    इस नवरात्रि की जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती है। उत्तरी भारत जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड के आसपास के प्रदेशों में गुप्त नवरात्रों में मां भगवती की पूजा की जाती है। मां भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा नवरात्रों के भिन्न-भिन्न दिन की जाती है।नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गापाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली एवं दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना जाता है।नवरात्रों में मां भगवती की आराधना दुर्गा सप्तशती से की जाती है, परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी अत्यंत ही प्रभावशाली एवं दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना जाता है।

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