महाभारत इतिहास है सिद्ध करता है बृहद्रथ वंश; Mahabharat is history; Brihadratha Dynasty; EPISODE 176
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- Опубликовано: 29 сен 2024
- प्राचीन भारत के इतिहास की दस में से आठ पुस्तकें हर्यंक वंश से आरम्भ होती हैं। मुझे आश्चर्य है कि बृहद्रथ वंश से क्यों नहीं? बिम्बिसार मगध के शासक कैसे बने थे? हर्यंक वंश की स्थापना कैसे हुई थी? हाँ बिलकुल वैसे ही, जैसे शैशुनाग वंश की हुई, जैसे नंद वंश की हुई, जैसे मौर्य वंश की हुई अथवा जैसे शुंग राजवंश की हुई थी, अर्थात विलासी अथवा कमजोर हो चुके शासक की अलोकप्रियता का लाभ उठा कर किसी नायक, किसी सामंत, अथवा सेनापति ने सिंहासन हथिया लिया। बृहद्रथ वंश के अंतिम शासक थे रिपुंजय जिनकी उसके ही मंत्री पुलिक ने हत्या कर दी। पुलिक ने अपने बेटे ‘बालक’ को सिंहासन पर बैठाया ही था कि बृहद्रथ वंशीय सम्राट रिपुंजय के एक सामंत भट्टिय ने विद्रोह कर दिया। इस बगावत में नये नये राजा बने ‘बालक’ की हत्या कर दी गयी और अब सिंहासन पर भट्टिय ने अपने बेटे बिम्बिसार को बिठा कर राजतिलक किया, इस तरह 543 ईसापूर्व में आरम्भ हुआ हर्यंक वंश। जब इस कडी से आगे के अतीत को गढने वाले इतिहासकार हैं तो फिर अनेकों साहित्यिक और पुरातात्विक साक्ष्यों के उपलब्ध होते हुए भी बृहद्रथ वंश के इतिहास को स्थापितों ने लिखने की जहमत क्यों नहीं उठायी, पाठ्यपुस्तकें इस महत्व के संदर्भ से बच-दुबक कर क्यों निकलती रही? क्या इसलिये कि यदि बृहद्रथ वंश के इतिहास की गहराई में जायें तो महाभारत को इतिहास मानने की बाध्यता हो जाती है? इस विडियो में विस्तार सेे-
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#Mahabharat #Vayupuran #Matsyapuran #Brihadrathdynasty #HaryankDyanasty #Haryank #Brihadrath #Ripunjaya #Bimbisar #महाभारत #बृहद्रथ #रिपुंजय #बिम्बिसार #जरासंध #राजगीर #राजगृह
आज हमारे देश में पढ़ने वाले की संख्या कम है लेकिन अगर जो नहीं पढ़ना चाहते हैं उनके पास समय कम है तो सर वो आपको सुन ले। यही बहुत है मैं तो यही कहूंगा।
Bahut bahut dhanyvad
मगध सम्राट जरासंध महाराज की इतनी जानकारी देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद,आशा और उम्मीद है और अधिक हम सब को अपने इतिहास को आपके माध्यम से जान पाएंगे।
ऑल इंडिया चंद्रवंशी युवा एसोसिएशन भारत(AICYA)
वामपंथी विचारधारा ने महाभारत की पवित्रता को गर्त में धकेलने का प्रयास किया उसपर यह आपकी तथ्यात्मक जानकारी नवीन इतिहास प्रेमियों को श्रेष्ठ पथ प्रदर्शित करेगी । और विडियो की आवश्यकता 🙏
आभार सतीश भाई। महाभारत की ऐतिहासिकता और काल गणना पर मैं कुछ और भी विडियो अपलोड करूंगा। चैनल पर सुझाव भी प्रदान करते रहें।
@@RajeevRanjanPrasad स्वागत सर 🙏
Agree with you
અમો અમારા ભાવી પુસ્તક માં આપની જણાવેલ પુરાણો અનુંસાર ઈતિહાસ નું સંસોધીત માહિતીઓ થી શરુઆત કરીશું અને અંગ્રેજ ઈતિહાસકારોની ભુલો,માર્ક્સવાદી,સામ્યવાદીઓ ની એક વિચારધારા થી ખરડાયેલ કોગ્રેસી ઈતિહાસ ને સુધારી ને લખવાનું ચાલુ કરેલ છે અમારા ભાવી પુસ્તક "ભરકુંડા-કઠલાલ રાજ્ય ની 84ગામ ગોહિલ જાગીરીનો ઈતિહાસ" ની શરુઆત આપના જેવી વિચારધારા શરુઆત કરીશું આભાર જય માતાજી
Greater than greatest.
नमस्कार, धन्यवाद.
हार्दिक आभार धर्मेन्द्र जी।
Jai Bhawani jai Rajputana
Jai bridhrathvanshi Rajput
Bahut sundr bayakhaya kiya bhai
Mahabharata ko sataya n ki kalpnik pr sundr prastuti
व्याख्या की प्रसंशा के लिये आभार।
रवानी (राजपूत)
====== रवानी बाबूआन (राजपूत) क्षत्रियों का इतिहास ========
रवानी राजवंश मगध (बिहार) पर शासन करने वाला प्रथम और प्राचीनतम राजवंश है। रवानी राजवंश बृहद्रथ राजवंश का ही संशोधित नाम है। रकी उत्पत्ति===*
नंद के अत्याचार से रवाना हुए, कुछ रवानी राजपूत बुंदेलखंड आकर बसे उनमे एक रवानी राजपूत राजा नन्नुक (चंद्रवर्मन) प्रतिहार राजाओं के शासन में सामंत थे। समय बीतने के साथ प्रतिहारो का शासन कमजोर पड़ा और नन्नुक ने अपना स्वतंत्र शासन घोषित किया। एवं 8वीं से 12वी सदी तक एक प्रबल राजवंश कहलाया। आज भी चम्बल घाटी एवं बुंदेलखंड में यह साक्ष्य मौजूद है, कि किस प्रकार रवानी राजपूत राजा नन्नुक मगध से बुंदेलखंड आए और चंदेल रवानी राजपूत नाम से शासन किया जो कालांतर में आते- आते चंदेल राजपूत ही रहा गया।
कुछ रवानी राजपूत उत्तर प्रदेश में शासन कर के कलहंस राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।
यहा क्षत्रिय राजपूत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नामो से जाने जाते हैं। :-
*बिहार में कुरुवंशी राजपूत /रवानी या रमानी राजपूत, उप्र में ठाकुर राजपूत/कलहंस राजपूत, मप्र में चंदेल राजपूत /पुरुवंशी राजपूत, राजस्थान में रमानी राजपूत /रावत राजपूत, बंगाल में चंद्रवंशी राजपूत कहलाते हैं।*
कुछ रवानी राजपूत राजस्थान के रावणऻ राजपूत मे भी मिल गएे।
रवानी क्षत्रिय राज वंशावली
1. राजा चंद्र
2. बुद्ध (चंद्र के बृहस्पति कन्या तारा की कोख से जन्म लिया, *बुद्ध ने श्राध्ददेव मुनि की बेटी इला विवाह कर पुरुरवा नामक पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया* )
3. पुरुरवा (इनकी राजधानी प्रयाग थी इनके गुणगान एक बार नारद जी ने इन्द्र सभा में कहे जिसको सुनकर *उर्वशी ने पृथ्वी पर आकर इनसे शादी की,* जिससे आयु, सत्यायु, राय, विजय, वगैरह 7 पुत्र हुए।)
4. आयु ( *वीर प्रतापी राजा*)
5. नहुष (इन्होने 100 बार अश्वमेघ यज्ञ किया था। इन्होने स्वर्ग पर विजय पाई। *इनके बारे में कहा जाता है कि इन्ही की डोली उठाने वाले सप्त ऋषियों के वंशज आज कहार कहलाते हैं।* )
6. ययाति ( *इनकी पत्नी शर्मिष्ठा से 3 पुत्र उत्पन हुए जिसमे से पुरू से आगे वंश चला* । ययाति की दूसरी पत्नी देवयानी के पुत्र यदु से वंश चला जिसमे श्रीकृष्ण हुए।)
7. पुरु (इन राजा के कुल में *जो राजा हुए वो पुरुवंशी कहलाए* ।)
8. जनमेजय
9. प्राचीन्वान
10. प्रवीर
11. मन्यु
12. अरुपद
13. सुदवत
14. बहुचाव
15. संपत्ति
16. अहोगयाति
17. रोद्रख
18. ऋतेयु
19. हन्तिनार
20. तंसु
21. भृत्य
22. सुरोध
23. दुष्यंत
24. भरत ( *इन्ही से इस देश का नाम भारत पड़ा* ।)
25. भुमन्यु
26. अभिमन्यु
27. वृहतक्षेत्र
28. सुहोत्र
29. हस्ती( *इन्होंने हस्तिनापुर की स्थापना की* )
30. अजमीढ
31. ऋक्ष
32. संवरण
33. कुरु ( *इन्होने कुरुक्षेत्र की स्थापना की* )
34. सुधनु
35. सुहोत्र
36. च्यवन
37. कृतक
38. उपरीचर वसु
39. बृहद्रथ
40. जरासंध (पुरुवंश के सबसे शक्तिशाली चक्रवर्ती क्षत्रिय राजपूत सम्राट जिन्होंने पातालपुरी (अमेरिका) के राजा उपाच्य को हरा कर वहाँ तक राज स्थापित किया। एवं क्षत्रिय समाज का लोहा पूरे विश्व में मनवाया। *जरासंध को वायु पुराण, हरिवंश पुराण एवं अन्य कई पुराणों में जरासंधेश्वर महाराज, आदि नमो से देवता एवं अवतारी पुरुष बताया गया है।* परंतु क्षत्रियों के इतिहास को मिटने वाले तत्वों ने इन्हें बदनाम किया। परंतु 18 पुराणों में, महाभारत, भागवत, गीता एवं किसी भी ग्रंथ में इनके बारे मे बुरा नहीं लिखा हुआ है।
Bahut samay se dhoondh Raha tha. Dhanyawad
वामपंतियों व बौद्ध पंतियों अति कर रखा है !
यूट्यूब को अपनी बाप की जागीर समझ बैठे हैं !
जरूरत है आप जैसों की हमारी सभ्यता, संस्कृति व इतिहास को बचाने हेतु !
महाभारत व रामायण को मिथक बताने तुले हैं ये सब !
जय हो आपकी सर !
हार्दिक आभार दिनेश जी।
रवानी (राजपूत)
====== रवानी बाबूआन (राजपूत) क्षत्रियों का इतिहास ========
रवानी राजवंश मगध (बिहार) पर शासन करने वाला प्रथम और प्राचीनतम राजवंश है। रवानी राजवंश बृहद्रथ राजवंश का ही संशोधित नाम है। रकी उत्पत्ति===*
नंद के अत्याचार से रवाना हुए, कुछ रवानी राजपूत बुंदेलखंड आकर बसे उनमे एक रवानी राजपूत राजा नन्नुक (चंद्रवर्मन) प्रतिहार राजाओं के शासन में सामंत थे। समय बीतने के साथ प्रतिहारो का शासन कमजोर पड़ा और नन्नुक ने अपना स्वतंत्र शासन घोषित किया। एवं 8वीं से 12वी सदी तक एक प्रबल राजवंश कहलाया। आज भी चम्बल घाटी एवं बुंदेलखंड में यह साक्ष्य मौजूद है, कि किस प्रकार रवानी राजपूत राजा नन्नुक मगध से बुंदेलखंड आए और चंदेल रवानी राजपूत नाम से शासन किया जो कालांतर में आते- आते चंदेल राजपूत ही रहा गया।
कुछ रवानी राजपूत उत्तर प्रदेश में शासन कर के कलहंस राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।
यहा क्षत्रिय राजपूत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नामो से जाने जाते हैं। :-
*बिहार में कुरुवंशी राजपूत /रवानी या रमानी राजपूत, उप्र में ठाकुर राजपूत/कलहंस राजपूत, मप्र में चंदेल राजपूत /पुरुवंशी राजपूत, राजस्थान में रमानी राजपूत /रावत राजपूत, बंगाल में चंद्रवंशी राजपूत कहलाते हैं।*
कुछ रवानी राजपूत राजस्थान के रावणऻ राजपूत मे भी मिल गएे।
रवानी क्षत्रिय राज वंशावली
1. राजा चंद्र
2. बुद्ध (चंद्र के बृहस्पति कन्या तारा की कोख से जन्म लिया, *बुद्ध ने श्राध्ददेव मुनि की बेटी इला विवाह कर पुरुरवा नामक पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया* )
3. पुरुरवा (इनकी राजधानी प्रयाग थी इनके गुणगान एक बार नारद जी ने इन्द्र सभा में कहे जिसको सुनकर *उर्वशी ने पृथ्वी पर आकर इनसे शादी की,* जिससे आयु, सत्यायु, राय, विजय, वगैरह 7 पुत्र हुए।)
4. आयु ( *वीर प्रतापी राजा*)
5. नहुष (इन्होने 100 बार अश्वमेघ यज्ञ किया था। इन्होने स्वर्ग पर विजय पाई। *इनके बारे में कहा जाता है कि इन्ही की डोली उठाने वाले सप्त ऋषियों के वंशज आज कहार कहलाते हैं।* )
6. ययाति ( *इनकी पत्नी शर्मिष्ठा से 3 पुत्र उत्पन हुए जिसमे से पुरू से आगे वंश चला* । ययाति की दूसरी पत्नी देवयानी के पुत्र यदु से वंश चला जिसमे श्रीकृष्ण हुए।)
7. पुरु (इन राजा के कुल में *जो राजा हुए वो पुरुवंशी कहलाए* ।)
8. जनमेजय
9. प्राचीन्वान
10. प्रवीर
11. मन्यु
12. अरुपद
13. सुदवत
14. बहुचाव
15. संपत्ति
16. अहोगयाति
17. रोद्रख
18. ऋतेयु
19. हन्तिनार
20. तंसु
21. भृत्य
22. सुरोध
23. दुष्यंत
24. भरत ( *इन्ही से इस देश का नाम भारत पड़ा* ।)
25. भुमन्यु
26. अभिमन्यु
27. वृहतक्षेत्र
28. सुहोत्र
29. हस्ती( *इन्होंने हस्तिनापुर की स्थापना की* )
30. अजमीढ
31. ऋक्ष
32. संवरण
33. कुरु ( *इन्होने कुरुक्षेत्र की स्थापना की* )
34. सुधनु
35. सुहोत्र
36. च्यवन
37. कृतक
38. उपरीचर वसु
39. बृहद्रथ
40. जरासंध (पुरुवंश के सबसे शक्तिशाली चक्रवर्ती क्षत्रिय राजपूत सम्राट जिन्होंने पातालपुरी (अमेरिका) के राजा उपाच्य को हरा कर वहाँ तक राज स्थापित किया। एवं क्षत्रिय समाज का लोहा पूरे विश्व में मनवाया। *जरासंध को वायु पुराण, हरिवंश पुराण एवं अन्य कई पुराणों में जरासंधेश्वर महाराज, आदि नमो से देवता एवं अवतारी पुरुष बताया गया है।* परंतु क्षत्रियों के इतिहास को मिटने वाले तत्वों ने इन्हें बदनाम किया। परंतु 18 पुराणों में, महाभारत, भागवत, गीता एवं किसी भी ग्रंथ में इनके बारे मे बुरा नहीं लिखा हुआ है।
Bahut bahut dhanyvad sar aap Jaise logon ke is Desh mein bahut a sakta hai aap Jaise log Mahabharat ko siddh sabit karne mein bahut bada yogdan
Sach baat h jese anya sahitya pustake itihaas ka sabut maani gyi h wese hi ramayan mahabharat b apne samkaaleen samaaj ko darshati h.......
हार्दिक आभार।
Beautiful explanation 🙏 Jai Sanatan
हार्दिक आभार।
@@RajeevRanjanPrasad 🙏
भारत का इतिहास दुबारा लिखा जायेगा माननीय योगी जी के नेतृत्व में🚩🚩🚩
श्रीमान आपका बहुत-बहुत धन्यवाद श्रीमान कृपया अपनी एक किताब लिखें जिसे महाभारत और रामायण से भारतीय इतिहास को जोड़ें
आप मेरी कृति साक्षी है समय पढ़ सकते हैं। इसी विषय पर है।
नमस्ते सर जी 🙏आपकी जय हो
हार्दिक आभार।
Thank you sir.
हार्दिक आभार संग्राम भाई, आपकी उपस्थिति से बहुत साहस मिलता है।
धन्यवाद सर जी
बहुत ही सुंदर ढ़ंग से समझाया गया है.
हार्दिक आभार।
Thanks sir
हार्दिक आभार।
Apki baat se mai puri tarah se sehmat hu , mera ghar RAJGIR hei hai , aur wo sare jagah maine dekhe hai jo apne video me btaya , ek do chiz mai aur batna chaunga wishwashanti stupa ke raste me hei 1-2 km ke andr ek jagah hai jahan pathr pr rath ke chakko aur pau ke nishan hai maine dekha hai, aur aisa kehte hai ki ye bhagwan krishna bheem aur jarasandh ke dwara bne the,.
Whi jis pahad par satparni cave hai whi pe ek bhut purana bhagwan shiv ka mandir hai whan bhi gya hu, kehte hai jarasandh roz wahan bhawan ki puja karne aata tha.
धन्यवाद😃
आभार।
Plzz talk slowly so that everyone can understand
मैं प्रयास करूंगा। आभार।
Who ruled magadha before Brihdratha a simple question in my mind please answer rajeev ranjan sir
SOLID JAANKARI
valmiki ramayan ka har 1 varnan satya hai.
Required more historical evidence
Bharat ka puratan etihas likhajanae Bharat ka prakuta etihas satya ka janakari milaga
हार्दिक आभार।
5000 sal phle btaya jata h mahabharat ka itihas pr apke anusar 2500
महाभारत काल परवर्ती शासकों से न जोड़े। थोड़ी प्रतीक्षा करें मैं काल गणना और साक्ष्यों पर एक वीडियो बना रहा हूँ।
रामायण और महाभारत को मिथक मानने वालों की धज्जियां उड़ाता आलेख, साधुवाद।
हार्दिक आभार गोपाल जी।
रवानी (राजपूत)
====== रवानी बाबूआन (राजपूत) क्षत्रियों का इतिहास ========
रवानी राजवंश मगध (बिहार) पर शासन करने वाला प्रथम और प्राचीनतम राजवंश है। रवानी राजवंश बृहद्रथ राजवंश का ही संशोधित नाम है। रकी उत्पत्ति===*
नंद के अत्याचार से रवाना हुए, कुछ रवानी राजपूत बुंदेलखंड आकर बसे उनमे एक रवानी राजपूत राजा नन्नुक (चंद्रवर्मन) प्रतिहार राजाओं के शासन में सामंत थे। समय बीतने के साथ प्रतिहारो का शासन कमजोर पड़ा और नन्नुक ने अपना स्वतंत्र शासन घोषित किया। एवं 8वीं से 12वी सदी तक एक प्रबल राजवंश कहलाया। आज भी चम्बल घाटी एवं बुंदेलखंड में यह साक्ष्य मौजूद है, कि किस प्रकार रवानी राजपूत राजा नन्नुक मगध से बुंदेलखंड आए और चंदेल रवानी राजपूत नाम से शासन किया जो कालांतर में आते- आते चंदेल राजपूत ही रहा गया।
कुछ रवानी राजपूत उत्तर प्रदेश में शासन कर के कलहंस राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।
यहा क्षत्रिय राजपूत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नामो से जाने जाते हैं। :-
*बिहार में कुरुवंशी राजपूत /रवानी या रमानी राजपूत, उप्र में ठाकुर राजपूत/कलहंस राजपूत, मप्र में चंदेल राजपूत /पुरुवंशी राजपूत, राजस्थान में रमानी राजपूत /रावत राजपूत, बंगाल में चंद्रवंशी राजपूत कहलाते हैं।*
कुछ रवानी राजपूत राजस्थान के रावणऻ राजपूत मे भी मिल गएे।
रवानी क्षत्रिय राज वंशावली
1. राजा चंद्र
2. बुद्ध (चंद्र के बृहस्पति कन्या तारा की कोख से जन्म लिया, *बुद्ध ने श्राध्ददेव मुनि की बेटी इला विवाह कर पुरुरवा नामक पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया* )
3. पुरुरवा (इनकी राजधानी प्रयाग थी इनके गुणगान एक बार नारद जी ने इन्द्र सभा में कहे जिसको सुनकर *उर्वशी ने पृथ्वी पर आकर इनसे शादी की,* जिससे आयु, सत्यायु, राय, विजय, वगैरह 7 पुत्र हुए।)
4. आयु ( *वीर प्रतापी राजा*)
5. नहुष (इन्होने 100 बार अश्वमेघ यज्ञ किया था। इन्होने स्वर्ग पर विजय पाई। *इनके बारे में कहा जाता है कि इन्ही की डोली उठाने वाले सप्त ऋषियों के वंशज आज कहार कहलाते हैं।* )
6. ययाति ( *इनकी पत्नी शर्मिष्ठा से 3 पुत्र उत्पन हुए जिसमे से पुरू से आगे वंश चला* । ययाति की दूसरी पत्नी देवयानी के पुत्र यदु से वंश चला जिसमे श्रीकृष्ण हुए।)
7. पुरु (इन राजा के कुल में *जो राजा हुए वो पुरुवंशी कहलाए* ।)
8. जनमेजय
9. प्राचीन्वान
10. प्रवीर
11. मन्यु
12. अरुपद
13. सुदवत
14. बहुचाव
15. संपत्ति
16. अहोगयाति
17. रोद्रख
18. ऋतेयु
19. हन्तिनार
20. तंसु
21. भृत्य
22. सुरोध
23. दुष्यंत
24. भरत ( *इन्ही से इस देश का नाम भारत पड़ा* ।)
25. भुमन्यु
26. अभिमन्यु
27. वृहतक्षेत्र
28. सुहोत्र
29. हस्ती( *इन्होंने हस्तिनापुर की स्थापना की* )
30. अजमीढ
31. ऋक्ष
32. संवरण
33. कुरु ( *इन्होने कुरुक्षेत्र की स्थापना की* )
34. सुधनु
35. सुहोत्र
36. च्यवन
37. कृतक
38. उपरीचर वसु
39. बृहद्रथ
40. जरासंध (पुरुवंश के सबसे शक्तिशाली चक्रवर्ती क्षत्रिय राजपूत सम्राट जिन्होंने पातालपुरी (अमेरिका) के राजा उपाच्य को हरा कर वहाँ तक राज स्थापित किया। एवं क्षत्रिय समाज का लोहा पूरे विश्व में मनवाया। *जरासंध को वायु पुराण, हरिवंश पुराण एवं अन्य कई पुराणों में जरासंधेश्वर महाराज, आदि नमो से देवता एवं अवतारी पुरुष बताया गया है।* परंतु क्षत्रियों के इतिहास को मिटने वाले तत्वों ने इन्हें बदनाम किया। परंतु 18 पुराणों में, महाभारत, भागवत, गीता एवं किसी भी ग्रंथ में इनके बारे मे बुरा नहीं लिखा हुआ है।
hindu dharm dunia ka saba se purana dharm he
@@kailashmahapatra4977 धम्म लिपि किसी british india के किसी व्यक्ति से पढ़ क्यो नही हुइ ??
@@Prathamjavin kya? Dhamma lipi koi lipi nhi hai
सर आप ब्रेदर्थ और मगध सम्राट जरासंध का इतिहास लिखे और एक वंशावली बनाए जिससे हमारे चंद्रवंशी रवानी का बहुत ही लाभकारी होगा और क्युकी हमारे जाति के लोगों को कहार जाति कहकर लोग बदनाम कर रहे है हमारा एक एनजीओ है जिसका नाम AICYA नाम का है
आपसे नमर्नेवेदन है कि आप जरूर बनाए
🙏🙏🙏
अवश्य प्रयास करूंगा, आपका हार्दिक आभार।
मित्र लोगो के अज्ञानता के लिए
Aap क्यों लज्जित होते हो?
Aap to garv ka हिस्सा है.
सर अधिकतर इतिहासकारों,विचारको और बुद्धिजीवियों ने हिन्दूधर्म को नीचा दिखाने की कोशिश की है,ऐसा क्यो ,पहले में देव दत्त पटनायक को सुनती थी लेकिन अब ऐसा लगता है कि वो भी इसी श्रेणी मै आने लगे है
हार्दिक आभार नम्रता जी, आपसे सहमत।
Devdutta ko basic sanskrit v nahi aati h....uske guru h maxmuller aur Macaulay ke chele.
Jab aise guruo k chele k v chele ko sirf aap isliye dekhiyega aur suniyega q ki uska naam hinduo se mel khata 'Devdutta' h to fir bedagark to ho hi jayega.
Ek baat aur batata hu...Devdutta Rice bag ban chuka h bahut pahle hi aur apne missionary project pe laga hua h... Aur hamare grantho ki galat byakhya kar k usko MYTH sabit karne me laga hua h....jab ki hamare granth ITIHAS ki shreni me aate h.
Devdutt ko dekhna padhna chhodiye aur apne janne walo ko v iss bimari se door rahne ki sikh dijiye.
RUclips pe Nityanand Mishra ji ka ek video Devdutta k gyan pe aadharit h...jisme unke books me likhe shloko ki galat vyakhyao ki Pol kholi gai h...aap jarur dekhe.
देवदत्त पटनायक, असुरदत्त है वह पटकथा लेखक है इतिहासकार नहीं. इतिहास संशोधन करने उमर निकल जाती है, अपनी कही बात को सिद्ध करने साक्ष, प्रमाण जुटाने समय, पैसा, बुद्धी खर्च होती है तब जा कर इतिहास सामने आता है
बहुत ही सुंदर और महत्वपूर्ण तथ्य है अपने इतिहास की, आप ऐसे ही जानकारी हमे देते रहिए 🙏
हार्दिक आभार रमेश जी।
aryon ka Raaj puri duniya mein tha kyo ki aryon ka DNA bahut jagah faila h jabki bhimte Kewal Africa se aye the
मित्र अपनी बात रखनी चाहिए लेकिन किसी भी तरह के विद्वेष को परे कीजिए।
@@RajeevRanjanPrasad okay sir
Haryanka aur mahabharat ke bich ki kadi brihadrath
वामपंथियों ने रामायण.. महाभारत को काल्पनिक तो बता दिया... लेकिन जन - जन के ह्रदय में रामायण - महाभारत की जो छवि है उसे ये दुष्ट लोग नहीं मिटा सकते।
जय श्री राम
हल हर महादेव।
वामपंथी लेखकों ने हजरत को खुश करने के लिए बृहद्ररथ का इतिहास दबा दिया
कुरु वंश का उल्लेख भी मिलता है, जब सिकंदर ने आक्रमण किया था तब परंतु वामपंथी इतिहासकार...
अनेकानेक साक्ष्य हैं मित्र परंतु Agenda जरूरी है...
जी बिलकुल संजय जी।
@@RajeevRanjanPrasad कैकय vansh ka उल्लेख भी मिलता है चाणक्य के शब्दों में... परंतु
इस विडीयो से मेरे मन में मगध के महाभारत काल से नंदवंश के समय तक के सत्य इतिहास जानने की इच्छा पुरी हुई |
एकदम सत्य, सरल और सही जानकारी के लिए आपका बहोत धन्यवाद |
अब समय आगया है कि हमारा असली इतिहास जिसे वामपंथीयोंने मिथक बताकर अब तक संपुर्ण देश के पाठ्यपुस्तकोंमे अंतर्भूत नही किया, उसे समावेश करके आनेवाले सभी विद्यार्थीयोंको पढाया जाये |
हार्दिक आभार।
सुंदर जानकारी। महाभारत पर क्रमवार बात होनी चाहिए। विशेषकर शांतिपर्व व अनुशासन पर्व के संदर्भ में।
आभार पीयूष भाई, प्रयास रहेगा क्रमवार प्रस्तुत करने का।
brihad jankari ke liye Sangam talk ko dekhe
mahabharat bhimasaar koi link nhi h
mahabharat 8000 saal pruna h .
3000 saal nhi h
आपके शोधपरक वीडियो सत्य और इतिहास के बहुत निकट है। लेकिन अभी और गहरी और लंबी शोध की आवश्यकता है।
इससे भारत के वैभव और शौर्य के प्रतीक मगध का इतिहास सामने आएगा।
हार्दिक आभार।
You have less subscribers and less likes because of your Sanskritised Hindi. Try to speak standard Hindi, if you can.
आपके सुझाव का आभार। अवश्य प्रयास करूंगा महावीर जी।
कृपया विस्तार से ऊलेख करे तो बहुत उपकार होंगे नये पीढी पर,, महाभारत को आगे के इतिहास जोड़ेंगे तो भारत भूमि धन्य होग़ी।।
आज सब महाभारत को काल्पनिक कहने लगे,
आपसेआशा करता हूँ
हनुमान गूजर
माहाराष्ट्र अमरावति।।।
अवश्य मित्र, इस विषय पर अभी और भी वीडियो बनाने वाला हूँ। आपका आभार।
Write your surname Gurjar instead gujar please
बृहद्रथ वंश के इतिहास की जानकारी देने के लिए अपका बहुत धन्यवाद |
जय जरासंध 🙏🙏🙏🙏
जय चंद्रवंशी क्षत्रिय रवानी राजपूत 🚩🚩🚩🚩
हार्दिक आभार।
No नागवंशी हे वो
@@battleofknowledge5293 किसको नागवंशी बता रहे हो भाई
@@amarsingh1942 बृहद्रथ
@@battleofknowledge5293 😂😂 kon se book mai padhe ho Brihadrath Vansh nagvanshi dynasty hai😂😂 Brihadrath Vansh Chandravanshi Kshatriya dynasty hai bhai.
अति उत्तम भ्राता जी. मै रवि आर्य आपका धन्यवाद करता हु आपने लोगो के समक्ष सत्य रखने का प्रशंसनीय साहस किया है ।
5000 वर्ष पुर्व की सभ्यता को केवल इसलिए नकारा जाता है क्योंकि बाईबल का सत्य सामने ना आ जाये जो ये दावा करती है के मनुष्य सभ्यता कि शुरूआत 2000,2500 हजार वर्ष पुर्व से ही हुई ।
हार्दिक आभार।
जय मगध सम्राट जरासंध जय चंद्रवंश क्षत्रिय अभी मगध सम्राट जरासंध के वंश बिहार में हैं और हमें बदनाम करने के लिए हमारे जाति प्रमाण पत्र पे कहार शब्द जोड़ दिया गया है और ना जाने कितने वर्षों से हमें बदनाम करने के लिए हमें( कहार ) नाम से बुलाते हैं लेकिन अब हम युवा लोग शब्द बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि हम लोग चंद्रवंशी क्षत्रिय हैं यानी (राजपूत )मगध सम्राट जरासंध के वंश हमारा वंश ययाति से लेके पुरु, से लेके महाभारत।
जिस राजा के नाम पर इस देश का नाम भारत रखा है उस( चंद्रवंशी राजा भरत ) के अंश हैं हम जो हस्तिनापुर के सम्राट हैं हमारा वंश है चंद्रवंश. JAI JARASHANDH JAI RAJPUTANA 👑 JAI CHANDRAVANSH 👑
न सही लेखन में परन्तु जन जन के हृदय में महाभारत की कथा अंकित है उसे कोई मिटा नहीं सकता
अवश्य, हार्दिक आभार।
बिल्कुल सही बात है भाई
जय श्री राम
अति महत्वपूर्ण जानकारी दी। आपकी सारी वीडियो बमपंथियो इतिहासकारो को देखनी चाहिए ताकि उनको अपनी गलती का अहसास हो कि सच्चाई छुपाने से नही छुपती।बहुत खुशी हो रही हैं धीरे धीरेआपको लोग जानने लगे हैं कमेंट और से स्क्राइब बढ़ने लगे.....💐💐💐💐💐
हार्दिक आभार दीपक भाई। इसमें आपकी निरंतरता का भी योगदान है।
मगध के प्रतापी राजा जरासंध महाराज❤❤❤
Jai.Ravani Kshatriya
बोहत बोहत धन्यवाद , आपका आभार इस अनमोल जानकारी के लिए , ऐसे ही असली इतिहास रखे सबके सामने 100 करोड़ लोग अपने इतिहास से अनभिज्ञ हो चले है।
हार्दिक आभार।
मैं सुबोध कुमार चंद्रवंशी मगध किस पावन धरती Nalanda se aapko बहुत-बहुत sadhuvaad aap is per Ek bahut hi vistrit vanshavali tatha aitihasik Samajik chandanvanshi ke bare mein book likhen
वृहद्रथ के वंश ने यदि लगभग 1000 वर्ष शासन किया तो महाभारत युद्ध का काल लगभग 1500 ईसापूर्व माना जाना चाहिए। जबकि कलयुग संवत के अनुसार ये लगभग 3500 ईसा पूर्व होना चाहिए और समुद्र में डूबी द्वारका के अवशेषों को प्रामाणिक माना जाए तो युद्ध का समय लगभग 7000 ईसा पूर्व होना चाहिए तो हम किसे सत्य मानें?
गिरीश जी थोड़ी प्रतीक्षा करें, एक वीडियो इस विषय पर बना रहा हूँ।
Right......mere mind me b ye question tha.....mahabharat ka samey lagbhag 5000 saal kyu bataya jata h.....
@@RajeevRanjanPrasad
Please video banao
जरासंध के वंशज रवानी राजपूत और चंदेल राजपूत है और इसी वंश का परिवर्तित नाम रवानी राजवंश हुआ 🙏🏻🙏🏻
आभार, यह मेरे लिये नयी जानकारी है।
आपका आभार जो आपने हमारे वंश पर यह विडियो बनाया 🙏🏻🙏🏻
मगध पर जब नंद का शासन हुआ तब हमारे पूर्वजों ने चंद्रगुप्त की सहायता युद्ध मे की थी चंद्रगुप्त पहला युद्ध हार कर पंजाब की और चला गया और नंद ने हम क्षत्रियो पर अत्याचार किया रवाना होने के कारण हम रवानी क्षत्रिय कहलाए गढ़वाल के 52 गढ़ो मे हमारा गढ़ रवाणगढ़ भी हुआ।
बिल्कुल अपने सही कहा है
Jarasadh ke vanshaj rawani kshtriya aur chandel Kshatriya rajput he! Jarasadh ke vanshaj
Lekin Mahabharata ko deny kon krta, Hm toh 9th class mein hr Sunday ko Jarasandh ka akhada jaya krte the.
काफी शोध और विश्लेषण किया गया है आपके द्वारा ।आभार
हार्दिक आभार।
आपने फर्जी इतिहासकारों की पोल खोलकर रख दी है।
हार्दिक आभार।
Dhanyabad Hamare vans ke jankari dene ke liye...🙂
हार्दिक आभार।
बोहत बोजोत धन्यवाद सिर जि इस महान जानकारी के लिए । महाभारत तो सत्य ही है कुछ मतभ्रस्त पप्पी मूर्ख लोगों के केहेने से सत्य थोडी बदल जाएगा । महाभारत तो धर्म युद्ध है जहां धर्म की जीत हुवि तो आधर्मीयो
को थोडी पचेगी। बोहत बोहत धन्यवाद।
हरे कृष्ण 🙏❣️❣️🇳🇵
जय श्री कृष्ण 🙏❣️❣️🇳🇵
जय श्री राम 🙏❣️❣️🇳🇵
हार्दिक आभार।
@@RajeevRanjanPrasad धन्यवाद सर जि 🤗🤗।
जय श्री कृष्ण 🙏❣️😊🇳🇵
जय श्री राम 🙏❣️😊🇳🇵
Bilkul satya sir
Pracheen itihash haryak vansh se hi kyon?
Sir,one question,brihadrath dynasty then haryanka dynasty,then where is 16 mahajanapada magadha?kindly clear my confusion
यह विडियो के माध्यम से ही करूंगा।। हार्दिक आभार।
कृपया, आप बृहद्रत वंश के detailed इतिहास पर एक पुस्तक प्रकाशित करे सर । इस इतिहास की कड़ी का दस्तावेजीकरण होना जरूरी है ।
अवश्य। हार्दिक आभार।
sir mera ek question hai . mana ki mahabharat ek real story hai to ye history ke syllabus me q nhi hai ?
sir mera ek question hai . mana ki mahabharat ek real story hai to ye history ke syllabus me q nhi hai ?
sir mera ek question hai . mana ki mahabharat ek real story hai to ye history ke syllabus me q nhi hai ?
sir mera ek question hai . mana ki mahabharat ek real story hai to ye history ke syllabus me q nhi hai ?
राजीव रंजन प्रसाद जी! साधुवाद।आप साहित्य,संस्कृति,इतिहास,पुराण,दर्शन आदि विभिन्न आयामों की पुष्ट पृष्ठभूमि से जो शोधपरक सामग्री के साथ पुनरीक्षण और मूल्यांकन बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हैं,वह बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय है।विस्तार भय से अपनी समग्र प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं।फिर भी कहने से रोक नहीं पा रहा हूं कि कुछ सज्जनों की टिप्पणियां हल्की -फुल्की और हास्यास्पद और स्तरहीन हैं।कु छ लोग अंगूठी पर लट्टू हो जाते हैं,तो कुछ वामपंथियें को कोसने की जुगाली करते हैं,कुछ आदिबुद्धि पुरुष आपको अनर्गल सुझाव और पुस्तकों ,कहानियों का अनावश्यक उल्लेख कर अपना कसैला बघार लगा बैठते हैं ।शंकरजी की बारात ! आप अप्रभावित अपनी रचनात्मकता और विलक्षण विवेचना से लाभान्वित करते रहें।आभार।साधुवाद।
हार्दिक आभार।
Leftisto bhimato ko bhi margdarsan kare
अर्जुन से लेकर आनंगपाल सिंह तोमर तक की वंशावली है और जेम्स तोड़ भी अर्जुन के वंशज तोमर को मानता था 🙏🏻🙏🏻
आभार। मैं इन संदर्भों को अवश्य पढ़ना चाहूँगा।
रवानी (राजपूत)
====== रवानी बाबूआन (राजपूत) क्षत्रियों का इतिहास ========
रवानी राजवंश मगध (बिहार) पर शासन करने वाला प्रथम और प्राचीनतम राजवंश है। रवानी राजवंश बृहद्रथ राजवंश का ही संशोधित नाम है। रकी उत्पत्ति===*
नंद के अत्याचार से रवाना हुए, कुछ रवानी राजपूत बुंदेलखंड आकर बसे उनमे एक रवानी राजपूत राजा नन्नुक (चंद्रवर्मन) प्रतिहार राजाओं के शासन में सामंत थे। समय बीतने के साथ प्रतिहारो का शासन कमजोर पड़ा और नन्नुक ने अपना स्वतंत्र शासन घोषित किया। एवं 8वीं से 12वी सदी तक एक प्रबल राजवंश कहलाया। आज भी चम्बल घाटी एवं बुंदेलखंड में यह साक्ष्य मौजूद है, कि किस प्रकार रवानी राजपूत राजा नन्नुक मगध से बुंदेलखंड आए और चंदेल रवानी राजपूत नाम से शासन किया जो कालांतर में आते- आते चंदेल राजपूत ही रहा गया।
कुछ रवानी राजपूत उत्तर प्रदेश में शासन कर के कलहंस राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।
यहा क्षत्रिय राजपूत विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नामो से जाने जाते हैं। :-
*बिहार में कुरुवंशी राजपूत /रवानी या रमानी राजपूत, उप्र में ठाकुर राजपूत/कलहंस राजपूत, मप्र में चंदेल राजपूत /पुरुवंशी राजपूत, राजस्थान में रमानी राजपूत /रावत राजपूत, बंगाल में चंद्रवंशी राजपूत कहलाते हैं।*
कुछ रवानी राजपूत राजस्थान के रावणऻ राजपूत मे भी मिल गएे।
रवानी क्षत्रिय राज वंशावली
1. राजा चंद्र
2. बुद्ध (चंद्र के बृहस्पति कन्या तारा की कोख से जन्म लिया, *बुद्ध ने श्राध्ददेव मुनि की बेटी इला विवाह कर पुरुरवा नामक पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया* )
3. पुरुरवा (इनकी राजधानी प्रयाग थी इनके गुणगान एक बार नारद जी ने इन्द्र सभा में कहे जिसको सुनकर *उर्वशी ने पृथ्वी पर आकर इनसे शादी की,* जिससे आयु, सत्यायु, राय, विजय, वगैरह 7 पुत्र हुए।)
4. आयु ( *वीर प्रतापी राजा*)
5. नहुष (इन्होने 100 बार अश्वमेघ यज्ञ किया था। इन्होने स्वर्ग पर विजय पाई। *इनके बारे में कहा जाता है कि इन्ही की डोली उठाने वाले सप्त ऋषियों के वंशज आज कहार कहलाते हैं।* )
6. ययाति ( *इनकी पत्नी शर्मिष्ठा से 3 पुत्र उत्पन हुए जिसमे से पुरू से आगे वंश चला* । ययाति की दूसरी पत्नी देवयानी के पुत्र यदु से वंश चला जिसमे श्रीकृष्ण हुए।)
7. पुरु (इन राजा के कुल में *जो राजा हुए वो पुरुवंशी कहलाए* ।)
8. जनमेजय
9. प्राचीन्वान
10. प्रवीर
11. मन्यु
12. अरुपद
13. सुदवत
14. बहुचाव
15. संपत्ति
16. अहोगयाति
17. रोद्रख
18. ऋतेयु
19. हन्तिनार
20. तंसु
21. भृत्य
22. सुरोध
23. दुष्यंत
24. भरत ( *इन्ही से इस देश का नाम भारत पड़ा* ।)
25. भुमन्यु
26. अभिमन्यु
27. वृहतक्षेत्र
28. सुहोत्र
29. हस्ती( *इन्होंने हस्तिनापुर की स्थापना की* )
30. अजमीढ
31. ऋक्ष
32. संवरण
33. कुरु ( *इन्होने कुरुक्षेत्र की स्थापना की* )
34. सुधनु
35. सुहोत्र
36. च्यवन
37. कृतक
38. उपरीचर वसु
39. बृहद्रथ
40. जरासंध (पुरुवंश के सबसे शक्तिशाली चक्रवर्ती क्षत्रिय राजपूत सम्राट जिन्होंने पातालपुरी (अमेरिका) के राजा उपाच्य को हरा कर वहाँ तक राज स्थापित किया। एवं क्षत्रिय समाज का लोहा पूरे विश्व में मनवाया। *जरासंध को वायु पुराण, हरिवंश पुराण एवं अन्य कई पुराणों में जरासंधेश्वर महाराज, आदि नमो से देवता एवं अवतारी पुरुष बताया गया है।* परंतु क्षत्रियों के इतिहास को मिटने वाले तत्वों ने इन्हें बदनाम किया। परंतु 18 पुराणों में, महाभारत, भागवत, गीता एवं किसी भी ग्रंथ में इनके बारे मे बुरा नहीं लिखा हुआ है।
रवानी राजपूत वंशावली
.ब्रह्म
२.अत्रि
३.चंद्र
४.बुद्ध
५.पुरुरवा
६.आयु
७.नहुष
८.ययाति
९.पुरु (पुरुवंश के संस्थापक)
१०.जनमेजय
११.प्राचीन्वान
१२.संयाति
१३.अहंयाति
१४.सार्वभौम
१५.जयत्सेन
१६.अवाचीन
१७.अरिह
१८.महाभौम
१९.अयुतनायी
२०.अक्रोधन
२१.देवातिथी
२२.अरिह
२३.ऋक्ष
२४.मतिनार
२५.तंसु
२६.ईलिन
२७.दुष्यंत
२८.भरत (भरतवंश तथा भारतवर्ष के संस्थापक)
२९.भुमन्यु
३०.सुहोत्र
३१.हस्ती (हस्तिनापुर के संस्थापक)
३२.विकुण्ठन
३३.अजमीढ़
३४.ऋक्ष
३५.संवरण
३६.कुरु (कुरुवंश तथा कुरुक्षेत्र के संस्थापक)
३७.सुधनु
३८.सुहोत्र
३९.च्यवन
४०.कृतक
४१.उपरीचर वसु
४२.बृहद्रथ (बृहद्रथ वंश तथा मगध के संस्थापक)
४३.जरासंध
४४.सहदेव
४५.सोमापी
४६.श्रुतश्रवा
४७.आयुतायु
४८.निरामित्र
४९.सुनेत्र
५०.वृहत्कर्मा
५१.सेनजीत
५२.श्रुतंजय
५३.विपत्र
५४.मुचि सुचि
५५.क्षमय
५६.सुवत
५७.धर्म
५८.सुश्रवा
५९.दृढ़सेन
६०.सुमित
६१.सुबल
६२.सुनीत
६३.सत्यजीत
६४.विश्वजीत
६५.रिपुंजय (मगध के अंतिम शासक) 543 ई.पु
६६.समरंजय
Thanks Sir
हार्दिक आभार।
सत्य है
I found strands of magadh dynasty in every incident of mahabharat
Thank you for this study it will end the so called divisive caste system
Preprated by anti social tribes & hindu bashing leftist gang
Your work on it is very vital for natio
सर् आप बहुत अच्छा काम कर रहे है हमारा इतिहास हमरा सनातन हमारी शिक्षा व्यवस्था मिलावटी है हमे हमारे गोरावन्तित इतिहास से वंचित रखा जा रहा है
आपका हार्दिक आभार
@@RajeevRanjanPrasad सर् आप मेरा spritual channel देखें में अपने channel के माध्यम से आप सबको एक परालौकिक सनातन सत्य से वंचित करवाना चाहता हूं मेरा channel देखिए
@@existenceofgod अवश्य मित्र। मैंने आपका चैनल सब्सस्क्राईब कर लिया है।
Sir mujhe ek question main bhot jada confusion h plzzz help
मगध साम्राज्य के संस्थापक और अंतिम शासक कौन थे?
Brahdrath main confusion h sir plzzz help
महाभारत पर एक नवीन श्रृंखला बना रहा हूं। देखिएगा।
@@RajeevRanjanPrasad कब आएगी गुरु जी?
मान्यवर आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 इस संस्करण में जो जानकारी मिली उससे हम अनभिज्ञ थे । आपसे अनुरोध है कि आप महारानी दुर्गावती जी के पर भी वीडियो बनाएं 🙏 मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं।
Sir mai apse ek sawal puchna chahata hu aap ye to bataye he nahi jarasand to dwapar me tha to bimbisar kis yug me tha dwapar ya phir kalyug me please espar bhi video banaye thank you
अवश्य। हार्दिक आभार।
Bhut achha smjhah rhe h🙏
बहुत ही शानदार जानकारी सर जी👌👌
हार्दिक आभार अशोक जी।
Jai rawani rajput chandravanshi Kshatriya
Jabardast knowledge sir
हार्दिक आभार।
Aap ki bislesan ashsha laga . Science journal naam ki channel budhdha ke pahle sanatan dharm ashtitta nakara hai . Kiya ye sach hai .
एजेंडों से बचें स्वयं पढ़ें।
Ab to aap ko answer karna hi pade ga bcz 10 times comments jo kiya hai 😂😂😂
मित्र अनेक इतिहासकारों ने चतुराई से एक कालखंड सृजित किया है "महाकाव्य युगीन भारत"। इतिहास की पुस्तकों में ही आपको यह विषय मिलेगा जिसे शातिरता के साथ रखा गया है। अतः आपका उत्तर मैने दे दिया कि इतिहास की पुस्तकों में कहां है। अब शातीरता क्या है इसके लिए मेरे कई विडियो हैं महाभारत पर। आपके विषय को केंद्र में रख कर अलग विडियो भी प्रस्तुत करूंगा। आभार।
राजीव जी बृहदथ वंश के महाभारत कालीन (1350 ईसा पूर्व के आसपास)अवशेष कार्बन डेटिंग अनुसार प्राप्त है क्या या सिर्फ जनपद काल (500 ईसा पूर्व)से ही मिलते है यही पुराणों में लिखित इतिहास का सही पुष्टीकरण होगा
Bilkul satik jaankari Aapko kafi ghan jaankari hai Dhnyabad sir
हार्दिक आभार मनीष जी।
सर् पुरातात्विक सक्ष्य क्या है? आप अपने सभी वकतव्य में पौराणिक साहित्य का सक्ष्य दे रहे हैं। लेकिन मुझे इतिहास कुछ और नज़र आ रहा है। कृपया अपने संपर्क नम्बर साझा कीजिये, आपसे बात करनी है।
महाभारत पर मैंने श्रृंखला में अनेक वीडियो बनाएं कृपया सभी को देखें। आप मुझे ईमेल कर सकते हैं rajeevnhpc102@gmail.com
गुरुजी.. मुझे प्रारंभ ( ऑप्शनल सब्जेक्ट ) से ही इतिहास रुचिकर लगता रहा हैं..अब तो इतिहास जितना रुचिकर कुछ नज़र नहीं आता.. क्योंकि इतिहास ज्ञान, यश, विचार, गरिमा, शौर्य सब कुछ समझाता भी है और प्रदान करता भी है।🤔🤔🤔🌎🌎🌎🧐🧐🧐💯💯💯
.
मैंने वृद्रथ वंश ( जरासंध ) को विश्विद्यालय स्तर पर जाना लेकिन संपूर्ण इतिहास ( जरासंध से रिपुंजय और फिर भट्टीय द्वारा बिम्बिसार का राज्यारोहण) ना पाकर नाखुश महसूस किया.. फिर सोचा शायद स्रोत नहीं रहें हो लेकिन फिर सोच के बिम्बिसार का राज्यारोहण थोड़ा बहुत भी कैसे बाहर निकल सकता हैं.. मतलब बीच का इतिहास नहीं बल्कि उसे लुप्त प्राय: किया गया ।🤔🤔🤔🔙🔙🧐🧐🧐💯💯
सही कहा मित्र। हार्दिक आभार।
@@RajeevRanjanPrasad धन्यवाद्
यदि पुलिक के पुत्र बालक को गद्दी पर बैठाया गया तो रिपुंजय को आखिरी शासक क्यों माना जाता है कृप्या इसका उत्तर दे मैं दुविधा में हूं।
sir mera ek question hai . mana ki mahabharat ek real story hai to ye history ke syllabus me q nhi hai ?
Kyoki us time bheemte nhi the symbols milenge kaise
सर अपने बृहदृथ राजवंश पर पंतीया लिखने वाले थे अपके साभी दरसको को ईताजार है सर जी🙏
एक नवीन इतिहासकार है राजेंद्र प्रसाद सिंह उसे ये वीडियो देखना चाहिए
🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुन्दर विवेचना, न जाने किन पूर्वाग्रहों से ग्रस्त हो कर वामपंथी इतिहासकारों जो कि स्वयं भी भारतीय है ने भारत के समृद्ध इतिहास को इतिहास की पुस्तकों में स्थान नहीं दिया। लेकिन झूठ कभी ठहरता नही सच्चाई तो अपने को सामने ले ही आती है।
आपका हार्दिक आभार।
Sab bahar ke yahudi log hi chalate hain unke liye karoron Hindu , muslim, Sikh , isaaai sab kaam karte hain
Sir kindly make a video on each old 16 th mahajapadas which relates mahabharata and describe hasthinapur relates to which mahajanapada
अवश्य।
Thank you sir for your great detailed analysis. We pray that one day the whole world will accept mahabharat as history not as a mythology
हार्दिक आभार।
New subscriber❤
सर बहुत सुंदर, लेकिन बृहदरथ वंश और हरयक वंश के मध्य प्रदोत वंश का जिक्र आप ने नही किया
अरे सर फिर ये वामपंथी इतिहासकार महाभारत और रामायण को काल्पनिक कैसे कहेंगे
उनका एजेंडा जाहिर है। हमें साक्ष्य के साथ बात रखनी ही होगी।
आप जैसे विचारको और इतिहासकारो की देश को जररूत है जो सत्य को दुनिया को दिखा सके।
Jai jarasandh jai rajputana .i am from rajgir
हार्दिक आभार
😂😂
Thanks sir ji. Bahot achhi jankaari di gai aapke dwara.
हार्दिक आभार।
⚔️👑जय जरासंध 👑⚔️ Jay 👑⚔️ chandravanshi ⚔️
Brihdrath maurya dynasty ke the to unka putra jarasandh bhi maurya dynasty ka huaa naki chandravanshi
Humlog apne itihaas se anbhigya hai , aapka abhaar .... aapne hamaare ati praccheen gauravshaali itihaas se paricchit karayaa 🙏🙏🙏