विश्वामित्र की कथा भाग 21 - मुकेश खन्ना, अरुण गोविल - Vishwamitra Katha
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- Опубликовано: 29 авг 2019
- प्रजापति के पुत्र कुश, कुश के पुत्र कुशनाभ और कुशनाभ के पुत्र राजा गाधि थे। विश्वामित्र जी उन्हीं गाधि के पुत्र थे। विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा प्रेम। एक दिन राजा विश्वामित्र अपनी सेना को लेकर वशिष्ठ ऋषि के आश्रम में गये। विश्वामित्र जी उन्हें प्रणाम करके वहीं बैठ गये। वशिष्ठ जी ने विश्वामित्र जी का यथोचित आदर सत्कार किया और उनसे कुछ दिन आश्रम में ही रह कर आतिथ्य ग्रहण करने का अनुरोध किया। इस पर यह विचार करके कि मेरे साथ विशाल सेना है और सेना सहित मेरा आतिथ्य करने में वशिष्ठ जी को कष्ट होगा, विश्वामित्र जी ने नम्रतापूर्वक अपने जाने की अनुमति माँगी किन्तु वशिष्ठ जी के अत्यधिक अनुरोध करने पर थोड़े दिनों के लिये उनका आतिथ्य स्वीकार कर लिया।
वशिष्ठ जी ने नंदिनी गौ का आह्वान करके विश्वामित्र तथा उनकी सेना के लिये छः प्रकार के व्यंजन तथा समस्त प्रकार के सुख सुविधा की व्यवस्था कर दिया। वशिष्ठ जी के आतिथ्य से विश्वामित्र और उनके साथ आये सभी लोग बहुत प्रसन्न हुये।
नंदिनी गौ का चमत्कार देखकर विश्वामित्र ने उस गौ को वशिष्ठ जी से माँगा पर वशिष्ठ जी बोले राजन! यह गौ मेरा जीवन है और इसे मैं किसी भी कीमत पर किसी को नहीं दे सकता।
वशिष्ठ जी के इस प्रकार कहने पर विश्वामित्र ने बलात् उस गौ को पकड़ लेने का आदेश दे दिया और उसके सैनिक उस गौ को डण्डे से मार मार कर हाँकने लगे। नंदिनी गौ ने क्रोधित होकर उन सैनिकों से अपना बन्धन छुड़ा लिया और वशिष्ठ जी के पास आकर विलाप करने लगी। वशिष्ठ जी बोले कि हे नंदिनी! यह राजा मेरा अतिथि है इसलिये मैं इसको शाप भी नहीं दे सकता और इसके पास विशाल सेना होने के कारण इससे युद्ध में भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता। मैं स्वयं को विवश अनुभव कर रहा हूँ। उनके इन वचनों को सुन कर नंदिनी ने कहा कि हे ब्रह्मर्षि! आप मुझे आज्ञा दीजिये, मैं एक क्षण में इस क्षत्रिय राजा को उसकी विशाल सेनासहित नष्ट कर दूँगी। और कोई उपाय न देख कर वशिष्ठ जी ने नंदिनी को अनुमति दे दी।
आज्ञा पाते ही नंदिनी ने योगबल से अत्यंत पराक्रमी मारक शस्त्रास्त्रों से युक्त पराक्रमी योद्धाओं को उत्पन्न किया जिन्होंने शीघ्र ही शत्रु सेना को गाजर मूली की भाँति काटना आरम्भ कर दिया। अपनी सेना का नाश होते देख विश्वामित्र के सौ पुत्र अत्यन्त कुपित हो वशिष्ठ जी को मारने दौड़े। वशिष्ठ जी ने उनमें से एक पुत्र को छोड़ कर शेष सभी को भस्म कर दिया।
अपनी सेना तथा पुत्रों के नष्ट हो जाने से विश्वामित्र बड़े दुःखी हुये। अपने बचे हुये पुत्र को राज सिंहासन सौंप कर वे तपस्या करने के लिये हिमालय की कन्दराओं में चले गये। कठोर तपस्या करके विश्वामित्र जी ने महादेव जी को प्रसन्न कर लिया ओर उनसे दिव्य शक्तियों के साथ सम्पूर्ण धनुर्विद्या के ज्ञान का वरदान प्राप्त कर लिया।
महर्षि वशिष्ठ से प्रतिशोध
इस प्रकार सम्पूर्ण धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त करके विश्वामित्र बदला लेने के लिये वशिष्ठ जी के आश्रम में पहुँचे। उन्हें ललकार कर विश्वामित्र ने अग्निबाण चला दिया। वशिष्ठ जी ने भी अपना धनुष संभाल लिया और बोले कि मैं तेरे सामने खड़ा हूँ, तू मुझ पर वार कर। क्रुद्ध होकर विश्वामित्र ने एक के बाद एक आग्नेयास्त्र, वरुणास्त्र, रुद्रास्त्र, इन्द्रास्त्र तथा पाशुपतास्त्र एक साथ छोड़ दिया जिन्हें वशिष्ठ जी ने अपने मारक अस्त्रों से मार्ग में ही नष्ट कर दिया। इस पर विश्वामित्र ने और भी अधिक क्रोधित होकर मानवास्त्र, मोहनास्त्र, गान्धर्वास्त्र, जूंभणास्त्र, दारणास्त्र, वज्र, ब्रह्मपाश, कालपाश, वरुणपाश, पिनाक धनुष , दण्डास्त्र, पैशाचास्त्र , क्रौंचास्त्र, धर्मचक्र, कालचक्र, विष्णुचक्र, वायव्यास्त्र, मंथनास्त्र , कंकाल, मूसल, विद्याधर, कालास्त्र आदि सभी अस्त्रों का प्रयोग कर डाला। वशिष्ठ जी ने उन सबको नष्ट करके उन पर ब्रह्माण्ड अस्त्र छोड़ दिया। ब्रह्माण्ड अस्त्र के भयंकर ज्योति और गगनभेदी नाद से सारा संसार पीड़ा से तड़पने लगा। सब ऋषि-मुनि उनसे प्रार्थना करने लगे कि आपने विश्वामित्र को परास्त कर दिया है। अब आप ब्रह्माण्ड अस्त्र से उत्पन्न हुई ज्वाला को शान्त करें। इस प्रार्थाना से द्रवित होकर उन्होंने ब्रह्माण्ड अस्त्र को वापस बुलाया और मन्त्रों से उसे शान्त किया।
इस प्रकार विचार करके वे अपनी पत्नीसहित दक्षिण दिशा की और चल दिये। उन्होंने तपस्या करते हुये अन्न का त्याग कर केवल फलों पर जीवनयापन करना आरम्भ कर दिया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें राजर्षि का पद प्रदान किया। इस पद को प्राप्त करके भी, यह सोचकर कि ब्रह्मा जी ने मुझे केवल राजर्षि का ही पद दिया महर्षि-देवर्षि आदि का नहीँ, वे दुःखी ही हुये। वे विचार करने लगे कि मेरी तपस्या अब भी अपूर्ण है। मुझे एक बार फिर से घोर तपस्या करना चाहिये।" Развлечения
धन संपत्ति अनर्थ कारक होती है वो माँ बेटे भाई भाई मित्र मित्र के बीच मे भेद भाव उत्पन्न करती है।
श्री अरूण गोविल जी की वाणी को सुनकर मन प्रसन्नचित हो जाता है।
Mukesh khanna best actor
Om namo vagwate basudeva
Arun govil superb😍
Mukesh khanna
Hiii lv u
I have watched your hindi methology siryal vishwa mitra about katha king harish chandar this katha hindi methology siryal vishwa mitra is very fine interesting for gk i like your hindi methology siryal vishwa mitra very much mukesh khanna and arun govil are very best and great actors his ecting is very nice thanks madhu bhakti
I ❤️ Arun govil
Bahut badia hamara puarn katha
Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna Jay siri radhe kirisna
Ji ji Chu❤ se
Wow super hamere super acter ek sath dekh bahut acha laga dono hi bahut salinta se bat karte he
राजा हरिचंद्र की जय हो 🚩🙏
Both are great actors. Dono ki vani sarsvati ki tarah barasati hai.
Arun govil as king harishchandra
Great king
राजा हरिश्चंद की जय
एक बात समझ नहीं आयी मेरी राजा हरिश्चंद्र तो प्रभु श्रीराम के भी पूर्वज है अर्थात सतयुग में जन्म लिए थे और राजा दुष्यंत तो महाभारत काल अर्थात द्वापर युग में जन्म लिए थे तो दोनों को एक साथ कैसे दिखा रहे हैं
दोनो. महान. पात्र. और कलाकार.
अति सुंदर।
Har Har mahadev
Jai Shri Ram
❤ Jay Mata Di
Jay shiree ram
Raja harishchandra
That's a nice scene when the person got changed on seeing king Harishchandra.Means Harishchandra is that truthful being ! Quite great concept to earn.
Harishchandra is a modest being.
Jai Shri ram 🚩🚩🚩🚩🚩
Ram_ _Ram.jee!
Om namah shivaya
Jay Shree Ram Ji 🙏🙏
It's a true
अरुण गोविल जी ने जो भी किरदार किया हे वो अपने आप मे सर्व श्रेष्ठ है।
ये सचमुच् भगवान की तरह है इनकी वाणी मे वो माधुर्य हे जिससे अरुण जी के रूप मे साक्षात ईश्वर की अनुभूति होती हे
इतने बड़े कलाकार को प्रणाम हे
जय श्री राम
आप ऐसे हि भगवान के प्रति निधि बने रहे
Vishwamitra teaches us that our greatest rival can be our greatest inspiration to push ourselves beyond our limits.
जय श्री राम
Jai Shri ram
Jai Shri Krishna
Importent Book's
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*$ प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें व रचनाकार $*
1-अष्टाध्यायी -पाणिनी
2-रामायण -वाल्मीकि
3-महाभारत -वेदव्यास
4-अर्थशास्त्र -चाणक्य
5-महाभाष्य -पतंजलि
6-सत्सहसारिका सूत्र -नागार्जुन
7-बुद्धचरित -अश्वघोष
8-सौंदरानन्द -अश्वघोष
9-महाविभाषाशास्त्र -वसुमित्र
10- स्वप्नवासवदत्ता -भास
11-कामसूत्र -वात्स्यायन
12-कुमारसंभवम् -कालिदास
13-अभिज्ञानशकुंतलम् कालिदास
14-विक्रमोवंशीयम् -कालिदास
15-मेघदूत -कालिदास
16-रघुवंशम् -कालिदास
17-मालविकाग्निमित्रम् -कालिदास
18-नाट्यशास्त्र -भरतमुनि
19-देवीचंद्रगुप्तम -विशाखदत्त
20-मृच्छकटिकम् -शूद्रक
21-सूर्य सिद्धान्त -आर्यभट्ट
22-वृहत् संहिता -वरामिहिर
23-पंचतंत्र -विष्णुशर्मा
24-कथासरित्सागर -सोमदेव
25-अभिधम्मकोश -वसुबन्धु
26-मुद्राराक्षस -विशाखदत्त
27-रावणवध -भटि्ट
28-किरातार्जुनीयम् -भारवि
29-दशकुमारचरितम् -दंडी
30-हर्षचरित -बाणभट्ट
31-कादंबरी -बाणभट्ट
32-वासवदत्ता -सुबंधु
33-नागानंद -हर्षवर्धन
34-रत्नावली -हर्षवर्धन
35-प्रियदर्शिका -हर्षवर्धन
36-मालतीमाधव -भवभूति
37-पृथ्वीराज विजय -जयानक
38-कर्पूरमंजरी -राजशेखर
39-काव्यमीमांसा -राजशेखर
40-नवसहसांक चरित -पदम् गुप्त
41-शब्दानुशासन -राजभोज
42-वृहतकथामंजरी -क्षेमेन्द्र
43-नैषधचरितम -श्रीहर्ष
44-विक्रमांकदेवचरित -बिल्हण
45-कुमारपालचरित -हेमचन्द्र
46-गीतगोविन्द -जयदेव
47-पृथ्वीराजरासो -चंदरवरदाई
48-राजतरंगिणी -कल्हण
49-रासमाला -सोमेश्वर
50-शिशुपाल वध -माघ
51-गौडवाहो -वाकॖपति
52 सांख्यदर्शन - कपिल मुनि
53-द्वयाश्रय काव्य -हेमचन्द्र
54. अभिनव भारती - अभिनव गुप्त
55. दशरुपकम् - धनञ्जय
56. काव्य प्रकाश - मम्मट
57. भाव प्रकाशन - शारदातनय
58. कवि-कण्ठाभरण - क्षेमेन्द्र
59. साहित्य दर्पण - विश्वनाथ
60. ध्वन्यालोक - आनंदवर्धन
61. नीति शतक - भर्तृहरि
वैराग्य शतक - ~= ~
श्रृंगार शतक - ~= ~
62. अष्टांग हृदयम् - आचार्य वाग्भट
अष्टांग संग्रहम् - ~= ~
63. बौधायन शुल्वसूत्र - बौधायन
64. चरक संहिता - आचार्य चरक
65. विमान संहिता - महर्षि भारद्वाज
(यंत्र सर्वस्व)
🌻🇮🇳🏵️🚩🌥️
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Love
Jai shree Ram
Two great actors
Arun guvid is smart
जय श्री कृष्णा ❤
Nice movies prakash 29 12 20
Satyug m aayu 1 lakh sal hoti thi manvo ki...😊😊wo swarg bhi chale jaa skte h😊
Jai shri Ram
jai Shree Ram
हर हर महादेव
राजा हरिशचंद्र का अगला वीडियो डालें
Bhag 22 bhi upload kro sir
Ye serial bhi dikhaya Jana chahiye
Great🙏🙏
Jai. Shri Ram
Atti uttm jai Sri arun grajaharisvil ji jai S
Goooood
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
विश्वामित्र सत युग मे थे और तिरेता में राम लखन आश्रम लेगये थे। तो दुआपुर मै भी हो सकते है।
Wow
It is true
No 22
राजारामचंद्र जी की जय
brahmrishi vishwamitra aur bhagwan parshuram dono ek hi samay me ek hi saath paida hue
Jay ho
Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram
जय हो जय हो ❤❤
Hi
Ye video ham Rog dekhte hi
❤🙏🙏🙏🙏🙏
😎😊
ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः 👏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय👏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏👏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः 👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिव👏👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏🙏👏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिव🙏ँॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🌹ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏🌹👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏🌹👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः 🌹शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🌹👏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय🙏ॐ नमः शिवाय🙏🌹
Om namah shivaya
Arun govil sahab me sach koi bhagwan ki vani he 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bhagvan Siri ram ka chavi lagte hai ❤❤💅💅🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
राजा हरिशचंद्र का आखिरी पाठ तक डालें भाईया
JAI SHRI RAM
Ye kya he mene kbhi nhi dekha ye tv me
Iske baad ki video kaha h
Yehi Arun ji ki movie dekhi hai....jahan ye owner ko pchvada de k rent chukata tha.....
Mai raja harishchandra bhi si
Good
Arun govil
He gyani Aapko ye to samajhna chahiye ki ye katha vishwamitra ke upar h na ki satyug ya dwapar yug par
Vv
ಠ_ಠ
Ved quran baibil sab ne yahi kaha hai
Mehtar ke Putra ne is srasti ke bij ko bachayA tha maha jalprale me
Jiske Putra ke name par ye hindkush
Name pada
Vo mahjalprale ki nav kailash mansarowar par rukhi thi
Jiske China aaj bhi moved hai
Kailash me kalash jati ka itihas dekhiye
Mehtre chitral dekhiye Kitna prachin hai dhekhiye bhangi type aaj bhi rakhi hai dhekhiye khojiye Nepal ki prachin
Rai jati ka itihas
Afghanistan ka mehtar lam baba ka itihas dhekhiye lam Kara se aaya
Prachin buddy dharma me lam
Islam me lam (alive lam)
Hindu me lam
Dhud ka dhud pani ka pani
Hindu keep value me aay hind kush se ya sindu se Hindu
Chandal jallad dom kalash khijra gumad
Barbar malech ya neech ya bahiskrit
Varah Narayan ( haram janwar)
Suawar plane wali jati chandal
( rai karat nishad)
Jay kirateshawar mahadev pashupati Nath bade dukh ki bat hai ki tum bhul gaye our ham neech hona pashand kar Liya par aaj bhi vahi khade hai
Ye Hamare like koi garv ya gamnd ki bat nahi ik achchha raja hona our ik achchha sewak hona dono hi kam bahut katin hai satiya tumare same khada hai
Ab na raja raja naha harish chandr
Sab ki najar me ham bhangi hai
Baking se bhangi bana
Agls apsod
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Sathy atal h
एक बात समझ नहीं आयी मेरी राजा हरिश्चंद्र तो प्रभु श्रीराम के भी पूर्वज है अर्थात सतयुग में जन्म लिए थे और राजा दुष्यंत तो महाभारत काल अर्थात द्वापर युग में जन्म लिए थे तो दोनों को एक साथ कैसे दिखा रहे हैं क्या कोई मेरी समस्या का समाधान कर सकता है
Mai bhi yahi sochta Hu bhai
@@bundelavinay3039 भाई फिर समस्या का समाधान कैसें होगा
Inhone asli katha ka kram hi badal diya hai. Raja Harishchand ki pariksha Maharshi Vishwamitra nahi baliki Brahmrishi Vishwamitra lene gaye the. Rishi Vishwamitra ko Brahmrishi ki upaadhi treta yug se pehle hi mil gai thi kyuki Bhagwan Shri Ram ko lene Brahmrishi Vishwamitra hi gaye the.
Ye alag alag samay ki katha hai dono sat nahi hai yeh keval darsaya Gaya hai ki yeh bhi hua tha
Dono vansho ki Katha hai bharat hi Chand vansh ke Raja the jabki harishchandr sooye vansh ke
इस बार में मोदी को वोट नहीं दूंगी क्योंकि उन्होंने अरुण गोविल जी का अपमान किया था अयोध्या में अमिताभ बच्चन दर्शन करने गए जितने भी सेलिब्रिटी थे गए अरुण गोविंद जी ने दर्शन नहीं किया जिसमें स्वयं राम दिखते हैं उन्होंने ही राम का दर्शन नहीं किया
Bhai unhone darshan kiya thaa
Uska ayodhya darshan wale video mai hai
Lekin ye bhi sach hai es yug me modiji hi hindu dharm ki raksha kar rahe hai jai shree ram
Jai Shri Ram
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏