सांस तो फेफड़ों तक ही जा सकती है। जब पूरी गहरी सांस लेते हैं तो फेफड़े वायु से आपूरित हो जाते हैं और डायफ़्राम पर दबाव बनता है। डायफ्रॉम के दबाव से पेट पर दबाव बनता है और पेट सांस के कारण बाहर अंदर होता दिखाई देता है। इसे ही यौगिक रूप से उदर श्वसन कहते हैं। जापान में इसे ही "नांदेह " श्वसन कहते हैं। मणिपुर चक्र पर दबाव भी इसी कारण बनता है न कि सांस वहां तक जाती है। खूब गहरी और धीमी श्वास न केवल मणिपुर बल्कि स्वाधिष्ठान और मूलाधार पर भी असर डालती है। सादर।
ध्यान 🔶 स्वर विज्ञान एवं मुद्राएं तत्व
तथागत भगवान गौतमबुद्ध 🙏🙏🙏
✨🔶हमेशा समय पर भरोसा रखें हर चीज किसी कारण से होती है
-तथागत भगवान गौतमबुद्ध 🙏🙏🙏
Pranam sant ji Mera Daya Sar chalta rahata hai har waqt yani Surya nadi bahut kam Chandra Nadi chalti hai kripya Gyan Marg kijiye 🙏🙏🙏
सात्विक आहार लेना शुरू करें , सप्ताह में एक दिन व्रत रखें , हैवी डाइट ना लेवें रात को
*ज्यादा से ज्यादा कपालभाति और अनुलोम विलोम करें*
Jai yog .
हरहरमहादेव
हर हर महादेव जय शिवसम्भु🙏🙏🙏🙏🍎🍄🍄🍄🌹
Bahi shreem beej Mantra ka rahasya bata dijiye ek video dijiye
सांस तो फेफड़ों तक ही जा सकती है।
जब पूरी गहरी सांस लेते हैं तो फेफड़े वायु से आपूरित हो जाते हैं और डायफ़्राम पर दबाव बनता है। डायफ्रॉम के दबाव से पेट पर दबाव बनता है और पेट सांस के कारण बाहर अंदर होता दिखाई देता है। इसे ही यौगिक रूप से उदर श्वसन कहते हैं। जापान में इसे ही "नांदेह " श्वसन कहते हैं। मणिपुर चक्र पर दबाव भी इसी कारण बनता है न कि सांस वहां तक जाती है। खूब गहरी और धीमी श्वास न केवल मणिपुर बल्कि स्वाधिष्ठान और मूलाधार पर भी असर डालती है।
सादर।
हर हर महादेव
Kya khana khane ke baad bhi kr skte h
सुबह खाली पेट करें , रात को खाना खाने के 1 घंटे बाद करें
नमस्कार क्या सांस को अंदर लेकर भी रोके रखना है या सांस को बाहर निकाल कर ही कुछ समय के लिए रुकना है। कुभंक करना है??
जी , बस बाह्य कुंभक करना है , अंदर नहीं रोकना