मनुष्य की रचना भगवान की नहीं है \स्वामी सच्चिदानंद जी \BY SWAMI SACHCHIDANAND JI

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  • Опубликовано: 7 окт 2022
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    ●आर्य समाज के नियम/ Principles of Arya Samaj●
    1. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
    2. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
    3. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
    4. सत्य के ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
    5. सब काम धर्मानुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिए।
    6. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना ।
    7. सबसे प्रीतिपूर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए।
    8. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।
    9. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिए किन्तु सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए।
    10. सब मनुष्यों को सामाजिक सर्वहितकारी नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए और प्रत्येक हितकारी नियम में सब स्वतन्त्र रहें।
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Комментарии • 297

  • @ramcharitrapatel1998
    @ramcharitrapatel1998 Год назад +26

    मनुष्य को मनुष्य सदगुरू बनाते हैं । किसी भी मनुष्य में क्षमता नहीं कि वह स्वयं मनुष्य बन सके।

  • @veerpalsingh8235
    @veerpalsingh8235 Год назад +13

    भ भूमि अ अग्नि ग गगन वा वायु न नीर इन्हीं सब तत्त्व से शरीर की उत्पत्ति हुई है और इन्हीं को भगवान कहते हैं इसलिए पैदा माता पिता करते हैं जिनमें सभी भगवान के गुण हैं

  • @bsp12382

    आप अपने वीडियो को monetize क्यू करवाया आप लोग से काफी उम्मीदें थीं लेकिन आप भी दुकानदारी करने lage

  • @munnalal2128
    @munnalal2128 Год назад +8

    स्वामी जी की बात बिल्कुल सही है बच्चों को नौकरी दीवाना काबिल बनाना ही पूर्ण लक्ष्य नहीं है बच्चों में अच्छे संस्कार परमात्मा में आस्था आदि का संस्कार देना तभी लक्ष्य पूरा होगा

  • @beingperfect9856
    @beingperfect9856 Год назад +7

    देखने में आता है कि लोग एक दुःख से छूटने हेतु दूसरे बड़े दुःख में गिर जाते हैं। जब तक अविद्या रहेगी ऐसा हि होगा। अविद्या से विमुख होना हि विद्या अभिमुख होना कहाता है और विद्या अभिमुख होने का अर्थ है, स्थूल और सूक्ष्म शरीर के विना भी आनन्द से रहने की सामर्थ का विकसित करना। अतः आओ हम सब परस्पर मिलकर इस शरीर और इस शरीर से मिलने वाले भोग से विमुख हो उस सामर्थ का संचय करें जिस सामर्थ के संचय के बाद अन्य सभी इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं और वार वार दुःख के गर्त में गिरना नहीं पड़ता है । जीवन भर ईश्वर की आज्ञा में रहकर पूर्ण यज्ञमय बनने हेतु प्रयास रत रहने वाले भाई बहनों की जय हो। पूर्ण यज्ञमय बनकर ही व्यक्ति पूर्ण ब्रह्मचारी बनता है। न अयम् आत्मा वल हीनेन् लभ्यते।। अर्थात् गैर ब्रह्मचारी उस परम शुद्ध परमेश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता है और कोई भी व्यक्ति पूर्ण यज्ञमय बने बगैर पूर्ण ब्रह्मचारी नहीं वन सकता है। यज्ञमय बनने का अर्थ है, अपने जीवन से जुड़ी सारी समस्याओं का समाधान केवल और केवल अशुक्ला और अकृष्णा कर्म से करने की सामर्थ हांसिल कर लेना। ऐसी सामर्थ प्राप्त होते हि व्यक्ति का कर्माशय पूर्ण रूप से नष्ट हो जाता है और तब उस श्री मान,धीमान, विद्या वान को योगी कहते हैं। योगश्चितवृति निरोध।।

  • @nemichandsharma5324
    @nemichandsharma5324 Год назад +6

    स्वामी जी को बहुत-बहुत नमस्ते

  • @jeevanadhyay2188

    बीस हजार तीन सौ उन्यासी मंत्र

  • @apsingh9872
    @apsingh9872 Год назад

    मनुष्य की रचना मनु बंदर से हुई हड्डापा सभ्यता जो भगवान ने ही की हा

  • @gayatridevi9303

    स्वामी जी बिल्कुल सच कह रही हैं हम वास्तव में ही बच्चों को बड़ा बना रहे हैं लेकिन संस्कार नहीं दे रहे इससे बच्चों का भविष्य खराबहोगा उन्हें हमें संस्कार वन बनाना चाहिए

  • @user-wk5su7tg1x

    स्वामी जी कोई वानप्रस्थ आश्रम बताए जहां हम शेष जीवन रह सकें और समाज की कुछ सेवा कर सकें।

  • @jitendrapurbey8911
    @jitendrapurbey8911 Год назад +7

    ओउम नमस्ते

  • @umasaini7077
    @umasaini7077 Год назад +10

    Achariye g koti koti naman

  • @swarnkantakhanna7596
    @swarnkantakhanna7596 Год назад +12

    स्वामी जी सादर नमस्ते जी

  • @user-mi4gf1lm6f

    parm pojya swami sat sat namn🙏🙏🙏

  • @vinaysharma3267
    @vinaysharma3267 Год назад +7

    उत्तम तर्क

  • @padmanavmahanta9629
    @padmanavmahanta9629 Год назад +7

    Namaste guruji

  • @virendrajha5151
    @virendrajha5151 Год назад +3

    Jay sanatandharm jay jay sitaram bjp ke sath surakshit bharat

  • @mithileshksing7005
    @mithileshksing7005 Год назад

    Sabse nikrist rachna manushya h

  • @deviprasadchaubey2938
    @deviprasadchaubey2938 Год назад

    Om