नमस्ते स्वामी जी आपकी सभी बातें अक्षरशः सत्य है आज दुनिया मार्डन होने के नाम पर सब जायज है ऐसा कहती हैं अब स्वामी दयानंद सरस्वती जी के जन्मोत्सव पर के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री मंत्री जी भी शामिल हुये और वेभी दयानंद सरस्वती जी से वेद से सहमत हैं पाखंड बहुत बढा है एक दूसरे को देख कर कितना समझाये कोई सुनता नहीं मेरा विचार है कि जैसे भागवत कथा सभी जगह खुले मैदान में पूरे साल आयोजित की जाती है उसी तरह जगह जगह आयोजित हो और भंडारे हो वेदों की भाषा सरल हो जैसे सत्यनारायण की कथा हर व्यक्ति को याद है चाहे रिक्शे वाला हो या अमीर उसी तरह या यों कहें जैसे ब्रह्मकुमारी वाले प्रचार कर रहे हैं सभी आयोजन में बताया जाय ओउम क्या है वेद में कितने मंत्र संस्कार ऐसे विषय जो आसानी से याद हो भाषा की कठिनाई का सामना न हो घर घर हवन संध्या हो आर्य समाज के कर्मकांड करवाने वाले लोगों को सरकार मदद करें ताकि उनके परिवार की आजीविका की समस्याओं से जूझना न पडे और वे कर्म काड फ्री करवाये जो अपनी इच्छा से दे दबाव न हो क्योंकि पाखण्डी मांगते हैं तो दुनिया मजबूरी समझ कर देती है कि सभी कराते हैं तो देना है पर यदि फ्री होगा तो लोग आकर्षित होंगे आप सभी से अनुरोध करती हू कि सभी जगह के आर्य प्रचारक भजनोपदेशक सभी हर जगह जगह आयोजन करने घर घर करवाने के लिए जो समस्या आती है वो सुझाव लिख कर आचार्य देवव्रत आर्य जी प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी को भेजे प्रधानमंत्री ऐसा मिला है इस अवसर का लाभ सभी को उठाना चाहिए 🙏🙏
मैं आपकी बात उद्बोधन से बहुत प्रभावित हुई मेरे गुरुदेव का भी यही मत था balsanskarshala हमारी गायत्री परिवार चला रहीं हैं। गुरुदेव का विचार क्रांति अभियान भी इसी तरह का है।
जय श्री राम सबको और सब भारतीय एक होजाओ भारतीय संस्कृति अपनाओ सुख शान्ति पाओ और देशद्रोहियों की सोच से मुक्ति पाओ और बीजेपी के साथ आओ सत्य सनातन धर्म में वापस आजाओ
स्वामी जी प्रणाम।प्रवचन अतिप्रेरणादायकहै देशमे परिवर्तन अवश्य ही आएगा। परिश्रम सफल होगा बहोतसीशुरूवात हो चुकी है।इन 10 वर्षों में दिख रहा है।ईश्वर का आशिष र्हिंदुस्तानपर,भारतपरहै पूर्ण विश्वासहै।🚩🔥🇮🇳🙏 आर्य विष्णुकांत गौड
महाराज जी , कोटि कोटि प्रणाम। आपकी बात शत् प्रतिशत सत्य है। कलियुग का ऐसा असर केबल कलियुग का का है जिसका प्रभाव बच्चों पर नहीं बल्कि माँ पर भीअधिक पड़ता हो।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः । यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।५६।। नारी का सम्मान उसकी पवित्रता से है । वह मनुष्य का प्रथम गुरु होती है । "माता निर्माता भवति", "मातृमान् पितृमानाचार्यमान् पुरुषो वेद ।", "प्रशस्ता धार्मिकी विदुषी माता विद्यते यस्य स मातृमान्" भारतीय नारी विवेकपूर्ण अपने गुण-कर्म-स्वभाव के अनुसार अपने योग्य वर का चुनाव करके समर्पित भाव से वेद, दर्शन, उपनिषदों आदि सनातन सत्य अर्थात् सनातन धर्म, संस्कृति, परम्पराओं, जीवनमूल्यों, नैतिकता, आदर्शों के अनुसार अपने कुल की मर्यादाओं का पालन करते हुये कुलवधु के अपने पतिव्रत धर्म व कर्तव्यों, उत्तरदायित्वों का पालन करना और अपनी संतानों का नैतिक व चारित्रिक निर्माण करना है !!! क्या राष्ट्र निर्माण के महान् कार्य में राष्ट्र को राम, कृष्ण, मैत्रयी, गार्गी, सीता, रुकमणी, कात्यायनी, लोपामुद्रा, अनसूया, मदालसा, प्रभावती गुप्त, उभयभारती, लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर आदि महान् स्त्रियों व महापुरुषों के समान सुसंस्कारी संतान देना हजारों रूपये के नौकर बनने से बहुत ही अधिक सर्वश्रेष्ठ नहीं है !!! परन्तु आज भारतीय नारी के आदर्श, चरित्र व पतिव्रत धर्म के विरुद्ध सनातन कुल व कुलवधु के सम्मान को ठोकर मारकर अधिकांशतः शिक्षण संस्थानों आदि में अनेक ब्वायफ़्रेंड, ब्रैक अप अर्थात् केवल वासनायुक्त स्वार्थ में रखैल बनकर त्याग, तप, समर्पण आदि की भावना का त्याग करके केवल भोग-वासना में लिप्त वहसी दरिंदों, पशु, राक्षस, पैशाच आदि के सामने स्वच्छंद व खुला छोड़ना केवल नारी का घोर अपमान ही है । पश्चिमी प्रभाव की इस आंधी में मातृशक्ति भी अपनी शक्ति व अधिकारों का दुरुपयोग ही कर रही है ।
कलयुग और सत्युग काल माता ओ के हाथ मे है आज कल नारी फोन में रहती है बच्चो को रवाना तो फोन दिखा 2 कर खिलती है कीटि पार्टी टीक टोक मे बीजी है बच्चे संस्कारी --- -
महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम आपने जो ग्यान समाज को दिशा देने का पुनित कार्य करने पर आपको बहुत बहुत बधाई आप जैसे संत महात्मा के कारण ही संस्कार मिल रहा है ताकि मार्ग न भटके आपके प्रवचनों से ही संस्कारवान समाज बनेगा 🙏🏻🙏🏻
*आध्यात्मिक शिक्षा, धार्मिक शिक्षा, संस्कृति शिक्षा, सांस्कृतिक शिक्षा एवं संस्कार की शिक्षा भारतीय समाज मे विकसित करने की आवश्यकता है जिससे भारत तरक्की कर सके* *धन्यवाद*
भारत देश में ही नारी को देती के समान सम्मान दिया जाता है। क्योंकि नारी पाररिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज का निर्माण करती है। पर विदेशों में नारी को वस्तु समझा जाता है आपके उच्च विचार को नमन ।जय भारत
स्वामी जी आज यदि सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह कि भारत में " ब्रह्मचर्य " का पालन करवाना और शिक्षा पद्यति को संशोधित किया जाना चाहिए । आज कल तो विवाह का भी कोई अर्थ/मतलब नही है , क्योंकि युवा आज कल विवाह से पहले ही अनैतिक कृत्य संबंध बनाते हैं और न जाने कितनों से ... जय माँ भारती 🙏🚩
*🌷🙏🌷जयश्री कृष्ण.!-🚩बोलो 🌷🙏🌷जयश्री राम-🚩* *सावधान-👉 "भारत-🇮🇳" में..एक तरफ जहां "हिन्दू-🚩" विवादित बयान देकर मज़हबी-🏴 भावनाओं को आहत करते हैं.. वहीं दूसरी तरफ़ ये मज़हबी-🏴अनुपात के मुस्लिम-🏴☠️ बेचारे.. सर तन से जुदा वाला अहिंसा..,सर्वधर्म समभाव, शांति-सौहार्द और भाईचारे को बनाए रखने का.. "भारत-🇮🇳" ही नहीं..पूरी दुनिया-🌍 में पैगाम देते हैं.!!*
Jbse aarya samaj ko sunna suru kiya h tbse Mera manusya hone ka ansh jaga hai.manusya hone ka arth pata chala h .dharty pr bhi swarg aa sakta h agar aarya samaj k bataye anusar chale jo purnt vedo per adharit h jai ho
बौद्ध कालीन मोरया राजाओं के सासन काल में अच्छे विश्विद्यालय, नेतिकता ,संस्कार,ज्ञान ,आदि सब अच्छा था। श्रमण संस्कृति के समय भारत विश्व गुरु,सोने की चिड़िया,एवम लाईट ऑफ एशिय था ।उनको भगाए जाने पर सब नास हो गया।मानवता फिर से लाओ।देश बचाओ।पाखंड नही ज्ञान विज्ञान की जरूरत है।जिससे दुनियां ने उन्नति की है।
मैने एक पशु से पूछा परमात्मा की सबसे सुंदर रचना क्या है तो उसने कहा पशु , पक्षी से पूछा तो उसने पक्षी बताया तो मुझे लगा हर जीव ने इंसान की तरह ही अपने को सरेष्ट समझा है तो मैंने एक कुत्ते से पूछा , मुझे आपके बारे में बताया गया की आप कुत्ते हैं तो क्या ये सच है तो उस कुत्ते ने मुझे जो बताया आप सुनकर हैरान हो जाएंगे । उसने मुझे बताया कि मेरे बुजुर्गो ने मुझे आपके बारे में यही बताया कि आप कुत्ते हैं। ये सुनकर मुझे ताज्जुब नहीं हुआ बल्कि अपने बुजुर्गो की वो बात याद आई की जो जैसा होता है वो दूसरे को वैसा ही समझता है। जिस तरह इंग्लिश के टीचर को समझने के लिए इंग्लिश का ही टीचर चाहिए । इसी तरह भगवान को समझने के लिए भगवान ही होना चाहिए होता है। अपने को भगवान जानकर ही भगवान के बारे में बोलिए । तब आप भगवान को जान पाओगे और हम जैसे मूर्खों का कुछ भला कर पाओगे । जय श्री कृष्णा।
नमस्ते स्वामी जी आपकी सभी बातें अक्षरशः सत्य है आज दुनिया मार्डन होने के नाम पर सब जायज है ऐसा कहती हैं अब स्वामी दयानंद सरस्वती जी के जन्मोत्सव पर के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री मंत्री जी भी शामिल हुये और वेभी दयानंद सरस्वती जी से वेद से सहमत हैं पाखंड बहुत बढा है एक दूसरे को देख कर कितना समझाये कोई सुनता नहीं मेरा विचार है कि जैसे भागवत कथा सभी जगह खुले मैदान में पूरे साल आयोजित की जाती है उसी तरह जगह जगह आयोजित हो और भंडारे हो वेदों की भाषा सरल हो जैसे सत्यनारायण की कथा हर व्यक्ति को याद है चाहे रिक्शे वाला हो या अमीर उसी तरह या यों कहें जैसे ब्रह्मकुमारी वाले प्रचार कर रहे हैं सभी आयोजन में बताया जाय ओउम क्या है वेद में कितने मंत्र संस्कार ऐसे विषय जो आसानी से याद हो भाषा की कठिनाई का सामना न हो घर घर हवन संध्या हो आर्य समाज के कर्मकांड करवाने वाले लोगों को सरकार मदद करें ताकि उनके परिवार की आजीविका की समस्याओं से जूझना न पडे और वे कर्म काड फ्री करवाये जो अपनी इच्छा से दे दबाव न हो क्योंकि पाखण्डी मांगते हैं तो दुनिया मजबूरी समझ कर देती है कि सभी कराते हैं तो देना है पर यदि फ्री होगा तो लोग आकर्षित होंगे आप सभी से अनुरोध करती हू कि सभी जगह के आर्य प्रचारक भजनोपदेशक सभी हर जगह जगह आयोजन करने घर घर करवाने के लिए जो समस्या आती है वो सुझाव लिख कर आचार्य देवव्रत आर्य जी प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी को भेजे प्रधानमंत्री ऐसा मिला है इस अवसर का लाभ सभी को उठाना चाहिए 🙏🙏
ओम नमः शिवाय
स्वा मी जी को कोटि कोटि नमस्ते
नमस्ते स्वामी जीआर मात्रि शक्ति को जगाने और जागने की ज़रूरत है हमने अपनी संस्कृति को ख़त्म कर दिया है इसके लिये हम सब को मिलकर प्रयास करना चाहिये
धन्य वाद स्वामी जी आपकी वीडियो मै अपने सभी स्टूडेंट्स/ अभिभावक ग्रुप मे भेज कर आपके लिए अपनी कृतज्ञता अर्पित कर रहा हूँ
बहुत ही प्रिय एवं गृहस्थ प्रवचन आपको बारंबार चरण नतमस्तक।
जी सादर प्रणाम🙏🏻🙏🏻🙏🏻
चरित्र निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 अपना स्वरूप ही राष्ट्र का स्वरूप है। चरित्र निर्माण अति आवश्यक है। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
मैं आपकी बात उद्बोधन से बहुत प्रभावित हुई मेरे गुरुदेव का भी यही मत था balsanskarshala
हमारी गायत्री परिवार चला रहीं हैं। गुरुदेव का विचार क्रांति अभियान भी इसी तरह का है।
जय श्री कृष्णा राधे राधे सा
बहनो को संस्कारी होना होगा तभी बचो को सही दिशा मिलेगी
जय श्री राम सबको और सब भारतीय एक होजाओ भारतीय संस्कृति अपनाओ सुख शान्ति पाओ और देशद्रोहियों की सोच से मुक्ति पाओ और बीजेपी के साथ आओ सत्य सनातन धर्म में वापस आजाओ
स्वामी जी प्रणाम।प्रवचन अतिप्रेरणादायकहै देशमे परिवर्तन अवश्य ही आएगा। परिश्रम सफल होगा बहोतसीशुरूवात हो चुकी है।इन 10 वर्षों में दिख रहा है।ईश्वर का आशिष र्हिंदुस्तानपर,भारतपरहै पूर्ण विश्वासहै।🚩🔥🇮🇳🙏 आर्य विष्णुकांत गौड
समाज निर्माण के लिए आप का प्रयास अत्यंत प्रसंसनीय और सराहनीय है। समाज इस आन्दोलन को आगे बढ़ाये।
महाराज जी , कोटि कोटि प्रणाम। आपकी बात शत् प्रतिशत सत्य है। कलियुग का ऐसा असर
केबल कलियुग का का है जिसका प्रभाव बच्चों पर नहीं बल्कि माँ पर भीअधिक पड़ता हो।
जय श्री राम बहुत सुंदर कार्य करने पर शुभकामनाएं ज़ी बहुत अच्छी जानकारी दी गई है जी सत्य सनातन धर्म की जय
Mm
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।५६।।
नारी का सम्मान उसकी पवित्रता से है । वह मनुष्य का प्रथम गुरु होती है । "माता निर्माता भवति", "मातृमान् पितृमानाचार्यमान् पुरुषो वेद ।", "प्रशस्ता धार्मिकी विदुषी माता विद्यते यस्य स मातृमान्" भारतीय नारी विवेकपूर्ण अपने गुण-कर्म-स्वभाव के अनुसार अपने योग्य वर का चुनाव करके समर्पित भाव से वेद, दर्शन, उपनिषदों आदि सनातन सत्य अर्थात् सनातन धर्म, संस्कृति, परम्पराओं, जीवनमूल्यों, नैतिकता, आदर्शों के अनुसार अपने कुल की मर्यादाओं का पालन करते हुये कुलवधु के अपने पतिव्रत धर्म व कर्तव्यों, उत्तरदायित्वों का पालन करना और अपनी संतानों का नैतिक व चारित्रिक निर्माण करना है !!! क्या राष्ट्र निर्माण के महान् कार्य में राष्ट्र को राम, कृष्ण, मैत्रयी, गार्गी, सीता, रुकमणी, कात्यायनी, लोपामुद्रा, अनसूया, मदालसा, प्रभावती गुप्त, उभयभारती, लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर आदि महान् स्त्रियों व महापुरुषों के समान सुसंस्कारी संतान देना हजारों रूपये के नौकर बनने से बहुत ही अधिक सर्वश्रेष्ठ नहीं है !!! परन्तु आज भारतीय नारी के आदर्श, चरित्र व पतिव्रत धर्म के विरुद्ध सनातन कुल व कुलवधु के सम्मान को ठोकर मारकर अधिकांशतः शिक्षण संस्थानों आदि में अनेक ब्वायफ़्रेंड, ब्रैक अप अर्थात् केवल वासनायुक्त स्वार्थ में रखैल बनकर त्याग, तप, समर्पण आदि की भावना का त्याग करके केवल भोग-वासना में लिप्त वहसी दरिंदों, पशु, राक्षस, पैशाच आदि के सामने स्वच्छंद व खुला छोड़ना केवल नारी का घोर अपमान ही है । पश्चिमी प्रभाव की इस आंधी में मातृशक्ति भी अपनी शक्ति व अधिकारों का दुरुपयोग ही कर रही है ।
अति सुन्दर और प्रेरणादायक संदेश आपने दिया है स्वामी जी.
आप को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏
कलयुग और सत्युग काल माता ओ के हाथ मे है आज कल नारी फोन में रहती है बच्चो को रवाना तो फोन दिखा 2 कर खिलती है कीटि पार्टी टीक टोक मे बीजी है बच्चे संस्कारी --- -
नमस्ते स्वामी जी आपके सभी प्रवचन बहुत ही ओजस्वी एवं प्रेरणादायक होते हैं आपके लिए शत शत नमन
स्वामी जी प्रणाम🙏
बहुत सही आप कह रहे हैं माता निर्माता भवति
अति सुन्दर वचन स्वामी जी 🙏🙏🙏
हर हिन्दू को कम से कम सत्यार्थ प्रकाश तो पढ़ना ही चाहिए।।
सही कहा आपने।
जय हो आर्य समाज की स्वामी जी संकार धरती से नहीं मां से खत्म हो गया
Aisa Gyan Aisa pravachan kahin nahin Sanam Raj aapka dhanyvad
बहुत ही ज्ञानवर्धक कथा।🚩🙏
प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
कोटी कोटी वंदन। ईश्वर की कृपा से आपका तेजस्व का प्रभाव सब पर पड़ जाए तो ही राष्ट्र और धर्म का कल्याण हो जाएँ।
00ppp
सनातन धर्म की जय🙏
जय सनातन संस्कृति🙏
महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम आपने जो ग्यान समाज को दिशा देने का पुनित कार्य करने पर आपको बहुत बहुत बधाई आप जैसे संत महात्मा के कारण ही संस्कार मिल रहा है ताकि मार्ग न भटके आपके प्रवचनों से ही संस्कारवान समाज बनेगा 🙏🏻🙏🏻
गुरुजी बहुत बढिया है सत्य वचन है गुरुजी को बार बार नमन करता हूँ
ओम् परनाम आचार्य जीं जय सनातन
ओम् गुरुजी बहुत सुंदर व्याख्यान।
स्वामी जी आपको प्रणाम
बडा आदमी वो है जो उच्छे संस्कार हो पैसा सब कुछ है पर मेहनत इमानदारी से
जय श्री राम जय जय श्री कृष्णा गुरु जी गुरुजी को नमन करते हैं
🕉🚩🙏(1). Shri Gurudeva Datta, (2). Shri Gurudeva Datta, (3). Shri Gurudeva Datta, (4). Shri Gurudeva Datta, (5). Shri Gurudeva Datta, (6). Shri Gurudeva Datta, (7). Shri Gurudeva Datta, (8). Shri Gurudeva Datta, (9). Shri Gurudeva Datta, (10). Shri Gurudeva Datta, (11). Shri Gurudeva Datta.🕉🚩🙏 -- C S Chakravarthy.
*आध्यात्मिक शिक्षा, धार्मिक शिक्षा, संस्कृति शिक्षा, सांस्कृतिक शिक्षा एवं संस्कार की शिक्षा भारतीय समाज मे विकसित करने की आवश्यकता है जिससे भारत तरक्की कर सके*
*धन्यवाद*
भारत देश में ही नारी को देती के समान सम्मान दिया जाता है। क्योंकि नारी पाररिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज का निर्माण करती है। पर विदेशों में नारी को वस्तु समझा जाता है आपके उच्च विचार को नमन ।जय भारत
ओउम सादर नमस्ते जी अति उत्तम जी
मुझे तो लगता है कि समाज पर कोई असर नहि पडने वाला धनयबाद जी
स्वामी जी आज यदि सबसे ज्यादा ध्यान देने
योग्य बात यह कि भारत में " ब्रह्मचर्य " का पालन करवाना और शिक्षा पद्यति को संशोधित किया जाना चाहिए ।
आज कल तो विवाह का भी कोई अर्थ/मतलब नही है , क्योंकि युवा आज कल विवाह से पहले ही अनैतिक कृत्य संबंध बनाते हैं और न जाने कितनों से ...
जय माँ भारती 🙏🚩
Swami Ji aapko कोटि-कोट Naman
वैदिक सत्य सनातन धर्म की जय हो
हमें सत्यनाम धर्मपर चलना चाहिए
स्वामि जी को कोटि कोटि नमन
*🌷🙏🌷जयश्री कृष्ण.!-🚩बोलो 🌷🙏🌷जयश्री राम-🚩*
*सावधान-👉 "भारत-🇮🇳" में..एक तरफ जहां "हिन्दू-🚩" विवादित बयान देकर मज़हबी-🏴 भावनाओं को आहत करते हैं.. वहीं दूसरी तरफ़ ये मज़हबी-🏴अनुपात के मुस्लिम-🏴☠️ बेचारे.. सर तन से जुदा वाला अहिंसा..,सर्वधर्म समभाव, शांति-सौहार्द और भाईचारे को बनाए रखने का.. "भारत-🇮🇳" ही नहीं..पूरी दुनिया-🌍 में पैगाम देते हैं.!!*
Radhe radhe 🌺🌺🙏🙏🌺🌺
राधे राधे छोड़ और ॐ का जाप कर
Om namo narayan JEE, koti koti pranam guruji Om om om om om om om om om om om om om om
Shriman Ji aapko कोटि-कोटि pranam
Bahut achha ji👍👍
महाराज जीके लिए में सत सत नमन करता हूँ जय श्री राम जय श्री कृष्ण जय आर्य समाज जय हिंदू समाज
भगवान की सारी रचनाएं अच्छे हैं,
koti koti naman
आचार्य जी सादर प्रणाम
Swami ji k sabhi pravachan thatyatmak hai or bahut hi sundar
जय श्री कृष्ण🙏🙏
Maharaj ji koti koti naman
आर्य समाज अमर रहे।
स्वामी सच्चिदानंद जी जिन्दाबाद
I m very happy at last guru ji ypu are extraordinar
❤स्वामी जी को कोटि कोटि नमन❤
महाराज जी को नमन
Adbhut Shaili hai aapke pravachan ki,Om Namaste
सुन्दर प्रवचन
Ham aapke kthno se sahmat hai ji . Thank you ji.
सत्य सनातन धर्म की जय हो
Dhanyawad swamiji jagruk karne ke liye..
Very Nice 👍👍👍👍 Ramchand Goyal Ballabgarh
Very nice swami
ओम् तत् सत्
Amar pronam neben swamiji....
अति उत्तम
आचार्य जी ने बहुत सुन्दर विचार रखे ।
Namaste guruji
Jai sawami ji jai hind 🌄🙏🙏🇨🇮
Kotla Kotla Bandhan Swami Ji🙏🙏
Koti koti Naman🙏🙏
Jay Ho gurdev ji great
अतिसुंदर महाराज जी ।। जय श्री राम।।भारत माता की जय।।
ओ३म नमस्ते जी🙏
Nmsteji ji ek bar bat kana ji
🙏बहुत ही सराहनीय बातें गुरूजी🙏
Koti koti parnam guru ji
Ap bahut achhe sanskar de rahe hen apka Charan dhul sadev hamare sar par rahe
Ati sundar pravchan h
❤❤❤ Guru ji ko naman
ओम् 🙏🏻🚩
Sant siromani satguru saheb kabir
Sahi kaha maharaj ji
Jay Ho gurdev ji
❤❤j Satya sanatan dharm shasvat hai j Sri Ram
धन्यवाद धन्यवाद
guru ji Pardam
Om ji guru jii
🙏🙏👍
Sawami.ko.koti.koti.parnam.ji.very.nice.ji
Jay gurudev
🕉 Jay Shri Ram 🔱 maa Ram Ram ji ❤🙏
mera desh mahan hai jai hind
Jbse aarya samaj ko sunna suru kiya h tbse Mera manusya hone ka ansh jaga hai.manusya hone ka arth pata chala h .dharty pr bhi swarg aa sakta h agar aarya samaj k bataye anusar chale jo purnt vedo per adharit h jai ho
Good guru ji
jay shree Naryan
बौद्ध कालीन मोरया राजाओं के सासन काल में अच्छे विश्विद्यालय, नेतिकता ,संस्कार,ज्ञान ,आदि सब अच्छा था। श्रमण संस्कृति के समय भारत विश्व गुरु,सोने की चिड़िया,एवम लाईट ऑफ एशिय था ।उनको भगाए जाने पर सब नास हो गया।मानवता फिर से लाओ।देश बचाओ।पाखंड नही ज्ञान विज्ञान की जरूरत है।जिससे दुनियां ने उन्नति की है।
👌👌👌👌👌👌👌 Radhe Radhe Jayshree Krishna Guruji
Aap mahan mahapurush Hain
सादर नमस्ते जी ✅🚩💥🔥☀️🌺🙏🏼
मैने एक पशु से पूछा परमात्मा की सबसे सुंदर रचना क्या है तो उसने कहा पशु , पक्षी से पूछा तो उसने पक्षी बताया तो मुझे लगा हर जीव ने इंसान की तरह ही अपने को सरेष्ट समझा है तो मैंने एक कुत्ते से पूछा , मुझे आपके बारे में बताया गया की आप कुत्ते हैं तो क्या ये सच है तो उस कुत्ते ने मुझे जो बताया आप सुनकर हैरान हो जाएंगे । उसने मुझे बताया कि मेरे बुजुर्गो ने मुझे आपके बारे में यही बताया कि आप कुत्ते हैं। ये सुनकर मुझे ताज्जुब नहीं हुआ बल्कि अपने बुजुर्गो की वो बात याद आई की जो जैसा होता है वो दूसरे को वैसा ही समझता है। जिस तरह इंग्लिश के टीचर को समझने के लिए इंग्लिश का ही टीचर चाहिए । इसी तरह भगवान को समझने के लिए भगवान ही होना चाहिए होता है। अपने को भगवान जानकर ही भगवान के बारे में बोलिए । तब आप भगवान को जान पाओगे और हम जैसे मूर्खों का कुछ भला कर पाओगे । जय श्री कृष्णा।
Saitey sainten
बच्चों के बिगड़ने में सबसे बड़ा दोष उनके अपने माता पिता का ही होता है।