आप तक निशुल्क वीडीयोज़ पहुँचते रहें, संस्था को आर्थिक योगदान करें: acharyaprashant.org/hi/donate नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app गहराई से जीवन व ग्रंथों को समझें: solutions.acharyaprashant.org/hi/home
आचार्य जी के वीडियो से ही सुबह की शुरुआत होती है और रात्रि भी आचार्य जी को सुनते हुए निद्रा में डूब जाती है। गीता का इतना स्पष्ट और व्यवहारिक बोध आचार्य जी के द्वारा ही संभव हुआ है।❤💐🙏🏻🙏🏻
गीता कोई पुस्तक नहीं कि आप उठा कर उसको पढ़ लेंगे। गीता एक उपलब्धि है जो बड़े श्रम के बाद मिलती है। सबको मिल ही नहीं सकती। पुस्तक तो सब कोई उठा सकता है, उपलब्धियां क्या सबको होती है? गीता को पढ़ा नहीं जाता, गीता को पाया जाता है। गीता के लायक बना जाता है। -आचार्य प्रशांत
मेरी आचार्य जी के सभी शिष्यों से निवेदन है की वो संस्था के हित में अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ सहयोग जरूर करे क्योंकि मुफ्त में मिला ज्ञान समय पर काम नहीं देता इसलिए उसके सम्मान के निमित्त कुछ त्याग अवश्य करना चाहिए। वो चाहे प्रत्यक्ष सेवा हो अथवा धन का दान! आज के इस विडियो ने जीवन में गीता की तरफ देखने का एक नया आयाम प्रदान किया उसके लिए कोटि कोटि धन्यवाद आचार्य जी 🙏🏻
योद्धाओं के लिए है गीता, जिनके सामने बहुत बड़ा लक्ष्य हो उनके लिए है गीता, जो जीवन में विकट स्थितियों में फंसे हुए हों, जिन्होंने किसी बड़े काम का बीड़ा उठाया हो, जिनमें बड़ी चुनौतियां उठाने का दम हो उनके लिए है गीता🙏
बहुत ही सटीक समझाया आचार्य श्री इस प्रकार कहीं सुनने को नहीं मिली श्रीमद भगवद्गीता ऐसे अर्थ के बारे में कभी सोचा नहीं था कि ऐसा अर्थ भी हो सकता है कोटि कोटि नमन आचार्य जी
ये हुयी ना बात ! ऐसे ही और विडियो लाते रहे 🙏🏻 (Kyoki bhut dino se aap logo se personal visyo par baat karke unka margdarshan kar rhe the, lekin aaj aapne amrit nikala h, dhanyawad)
कृपया कम से कम सभी लोग संस्था को योगदान करें अन्यथा केवल ज्ञान लेने से संस्था का काम नहीं चलेगा कुछ तो करीए जैसे ₹150 ,₹200 ,₹300 ,₹400,₹500 पर करिए जरूर ये मत सोचिए की जब कमाऊँगा तब दूँगा ये माया की चाल है इससे बचिए तथा योगदान करिए।। 🙏🙏😔😔
लगभग दस साल से भगवद्गीता का अध्ययन कर रहा था लेकिन आचार्य प्रशांत जी के मुख से सुनने के बाद भगवद्गीता के अर्थ और जीवन के मायने बिल्कुल यथार्थ दिखाई देने लगे। शत शत नमन आचार्य जी धन्यवाद।
कृपया कम से कम सभी लोग संस्था को योगदान करें अन्यथा केवल ज्ञान लेने से संस्था का काम नहीं चलेगा कुछ तो करीए जैसे ₹150 ,₹200 ,₹300 ,₹400,₹500 पर करिए जरूर ये मत सोचिए की जब कमाऊँगा तब दूँगा ये माया की चाल है इससे बचिए तथा योगदान करिए।। 🙏🙏😔😔
@@हरेकृष्ण-श6प मैं एक गरीब परिवार से संबंधित हूं लेकिन हर महिने कम से कम 1000 या 1500 रूपए संस्था को यथासंभव सहयोग जरूर करता हूं कृप्या सभी करें। प्रणाम
रणक्षेत्र में हम सभी हैं, पैदा हम सब संघर्षों में ही होते हैं। कोई नहीं हो जो धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नहीं है। पर सब अर्जुन नहीं हैं कुरुक्षेत्र के मैदान पर। जो एक अर्जुन है उसके लिए गीता है,बाकियों के लिए कुछ नहीं है। -आचार्य प्रशांत
अहम, आत्मा की ओर बढ़ने का पुरज़ोर विरोध करता है यद्यपि अहम की गहरी, अंतिम किंतु प्रच्छन्न ईच्छा भी यही होती है कि वो आत्मस्थ हो जाए। यही जो दोहरी चाल है अहंकार की इससे संसार में सारी गतियाँ देखने को मिलती है। संसार एक शाश्वत गतिशीलता है। -आचार्य प्रशांत
गीता कोई पुस्तक नहीं कि जिसे हम उठाकर पढ़ लेंगे। गीता एक उपलब्धि है जो बड़े ही श्रम से मिलती है। गीता को पढ़ा नहीं जाता। गीता को पाया जाता है। गीता के लायक बना जाता है। 🙏🙏
भगवत गीता पर ओशो के 219 व्याख्यान है....काफी ache तरीके से उन्होंने इसे समझाया है....ब्रह्माकुमारीज का विश्लेषण भी काफी अच्छा है....आपका प्रयास भी सराहनीय है 🌷🌷💓
गीता सिर्फ़ उनके काम आ सकती है जीवन के धर्मयुद्ध में मिटने को तैयार खड़ा हो , जो जीवन में कोई बड़ी चुनौती स्वीकार करने को तैयार खड़ा हो वर्ना गीता कभी काम नहीं आ सकती- आचार्य प्रशान्त 🙏
जाने बिना ही टूट पड़ना ये पाश्विक अहंकार का काम है। आम व्यक्ति पशु के समान ही जीता है, बस टूट पड़ता है। मनुष्य आप तब होते हैं जब आप टूट पड़ने से पहले जानने का प्रयास करो। -आचार्य प्रशांत
Aapko dil se shukriya Acharya ji.....jo karya aap kar rahe hai voh sabhse badi sewa hai......pese ki sewa se bhi badi sewa hai....aapke kahe hue shabdo se na jane kitne mann se tute hue logo ko himmat mil rahi hai..... Jeevan ko ek nayi disha dene ki himmat jaga di aapne ..... aapko charan sparsh guru ji 🙏🙏
रणक्षेत्र में हम सभी हैं, पैदा हम सब संघर्षों में ही होते हैं। कोई नहीं हो जो धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नहीं है। पर सब अर्जुन नहीं हैं कुरुक्षेत्र के मैदान पर। जो एक अर्जुन है उसके लिए गीता है,बाकियों के लिए नहीं है। लाखों नहीं तो हज़ारों योद्धा वहाँ पर खड़े हैं लेकिन गीता सिर्फ अर्जुन के लिए है। ठीक जैसे जगत में इतने लोग हैं, गीता कुछ चुनिंदा लोगों के लिये ही है। गीता के लायक होना पड़ता है, तब गीता आपकी होती है। -आचार्य प्रशांत
1:23:26 "अब क्या समझोगे गीता को?" Felt like a hunter lash on the bare body. औकात दिखा देते हैं, आचार्य जी 🙏🏼 A true teacher is like a mirror who shows you your real reflection.
आम व्यक्ति लगभग पशु के तरह ही जीता है बस टूट पड़ता है जैसे दुर्योधन टूट पड़ने को तैयार है, अर्जुन ने पशुता से ऊपर की किसी चीज का संकेत दिया, कृष्ण की संगत का असर अर्जुन को अवलोकन और जानने में उद्दीप्त किया।
आज आपके श्री मुख से गीता सुनकर मन को अति शान्ति अनुभव हो रही है तथा कुछ bdi चुनौती स्वीकार करने का साहस हो रहा है गुरूदेव।। अगले भाग का बेसब्री से इंतजार है🙏
This is one of the most finest explanation of Gita. Forgive me for my inadequacy of understanding words of Gita. There's a difficult situation in my life that I am finding very enduring as well...but after reading Gita I always find my pain is no where near to Arjun's pain. I have nothing but tears in my eyes. I don't hv the audacity to Thank you Acharya ji, I only can prepare to choose Krishna in every phase.
गीता सुनते हुए रश्मिरथी की कुछ पंक्तियॉं याद आ गयी जो इस प्रकार हैं वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड - विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया। रामधारी सिंह दिनकर
Yadi aise sundar videos hume aage bhi dekhne ko milta rahe to, hum sabko sanstha ko arthik sahyog karna hoga. Sanstha ke karyon ko aage badhane aur acharya ji ke haath majboot karne ke liye ye bahut awashyak hai. Kripya, jitna jyada se jyada sambhav ho sahyog karen.🙏🙏
Parnam Acharya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Bahut Sundar Trike se aap ne yudh ke wich me Dunadhar 🏹 Arjun ke Mann ki vivastha samjha yi hai. Or krishan ke dawara Arjun ko diya gaya "GITA GYAN" samjhaya.😌😌🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊
चाहा तो तुम्हें बृज में था पर तुम तो कुरुक्षेत्र ले आए ये कौन सा रूप तुम्हारा माधव बाँसुरी से रणभेरी सुनाने लगे चित्त चुरा प्रिया बना लिया अब रणक्षेत्र में तीर चलवाने लगे मोहिनी मुस्कान से हृदय लूट के रूखे मुँह से हँसी उड़ाने लगे नेह के मधुर गीत सुना के अब रक्त तिलक लगाने लगे बस में पूरा करके ज़ोर चलाने लगे सखी से कब बना दिया अर्जुन कायर बताने लगे तुम हाथ तो पकड़ो मेरा अंधकार में जो चलाओ तो आज मुझे भी गीता ज्ञान दो आश्रय बन जाओ मेरा विराट रूप तो दिखलाओ मुझे क्षुद्र तो बनाओ फिर ले चलो जहाँ ले चलना परछाँई तो बनाओ मुझे बस एक शब्द तुम्हारा ही हो बस हर वार तुम्हारा हो धर्म अधर्म का भेद तुम करो मेरा न कोई इशारा हो मैं ,मैं रहूँ ही न सब साम्राज्य तुम्हारा हो ऐसा पहले बना तो दो अहंकार मेरा मिटा तो दो फिर तुम जानो क्या करना है पूरा चरणों में झुका तो दो इसके आगे न लिख सकूँ ऐसी मेरी स्याही मिटा तो दो
यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान् । कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे ॥ जब तक मैं इन सब युद्ध करने की कामना से अवस्थित योद्धाओं को देखूँ कि किन वीरों के साथ मुझे युद्ध करना होगा। इस युद्ध में दुष्टबुद्धिवाले धृतराष्ट्रपुत्र दुर्योधन का प्रिय कार्य करने के इच्छुक जो राजा लोग यहाँ उपस्थित हैं, उन युद्धार्थी लोगों को मैं देख लूँ । श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १, श्लोक २२-२३)
Wow ! Infact. Really the lecture is full of super superb excellent brilliant talented fantastic wonderful and divinely philosophy presentation ॐ नमः ॐ नमः शिवाय ॐ नमः ॐ राम रामाय नम ॐ नमः ॐ हं हनुमते नम ॐ नमः ॐ जय हो त्रिकालदर्शी श्री गर्ग मुनि ॐ नमः ॐ जय हो तत्व दर्शि श्री जगन्नाथ मुनि गर्ग A view of an international super superb excellent brilliant talented fantastic wonderful divinely ॐ नमः शिवाय सत्य मेवा जयते वन्दे मातरं जय नेपाल सत्यं शिव सुन्दरं हर हर महादेव जय शंभो कैलाश पते बं बं भोले नाथ भन्डारी
आचार्य जी आपका एक एक शब्द ,आपकी एक एक बात प्रकाश है,ज्योति है,अनंत है,प्रेम का पर्याय है,मुक्ति दायनी है,आपके शब्द से जीवन मे प्रकाश आया है नहीं तो अंधेरा ही अंधेरा था,मैं शब्दों में आपका धन्यवाद नहीं कर पाउँगा।
जीवन में भी जब अपनों से ही संघर्ष करना पड़े तो गीता स्वयं ही जीवन में अवतरित हो जाती है मानव इतिहास में अर्जुन पहले ऐसे व्यक्ति हुए जो गीता के पात्र बन सके आज इस विडियो को सुनकर मुझे बहुत ज्ञानदर्शन हुआ ,जो मुझे अभी तक समझ नहीं आता था
Aap ke dawra Geet maha geet sunne s pahle v Maine Geeta ki kitab padee thi lekin ab aapke mukh se iska arth sunne k baad mere liye v Geeta ek kitab na rah kar jeevan ka geet hoti ja rahi hai
इतने सरल शब्दों में, गीता की इतनी गहरी बात आचार्य प्रशान्त ही समझा सकते हैं। हम सब बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें आचार्य प्रशान्त जैसे प्रतिभाशाली , विद्वान, महान ज्ञानी व्यक्ति द्वारा गीता सुनने को मिली। 🙏💐
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🌼
ये हुयी ना बात !
ऐसे ही और विडियो लाते रहे 🙏🏻
मुझे भी ऐसा काम करना है कि गीता की जरूरत पड़े। मैं शरीर से आगे जाना चाहता हूं। दुनिया में बहुत बड़ा काम करने की इच्छा है मुझे।
🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी के वीडियो से ही सुबह की शुरुआत होती है और रात्रि भी आचार्य जी को सुनते हुए निद्रा में डूब जाती है। गीता का इतना स्पष्ट और व्यवहारिक बोध आचार्य जी के द्वारा ही संभव हुआ है।❤💐🙏🏻🙏🏻
कभी सोचा ही नहीं था कि गीता के इतने गहरे अर्थ होते हैं। नमन आचार्य जी।
Thanks Guruji
गीता कोई पुस्तक नहीं कि आप उठा कर उसको पढ़ लेंगे।
गीता एक उपलब्धि है जो बड़े श्रम के बाद मिलती है। सबको मिल ही नहीं सकती।
पुस्तक तो सब कोई उठा सकता है, उपलब्धियां क्या सबको होती है?
गीता को पढ़ा नहीं जाता, गीता को पाया जाता है।
गीता के लायक बना जाता है।
-आचार्य प्रशांत
Thank you....
गीता के प्रति... आपकी निष्ठा.गजब....
Wha yr madam
मेरी आचार्य जी के सभी शिष्यों से निवेदन है की वो संस्था के हित में अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ सहयोग जरूर करे क्योंकि मुफ्त में मिला ज्ञान समय पर काम नहीं देता इसलिए उसके सम्मान के निमित्त कुछ त्याग अवश्य करना चाहिए। वो चाहे प्रत्यक्ष सेवा हो अथवा धन का दान!
आज के इस विडियो ने जीवन में गीता की तरफ देखने का एक नया आयाम प्रदान किया उसके लिए कोटि कोटि धन्यवाद आचार्य जी 🙏🏻
योद्धाओं के लिए है गीता, जिनके सामने बहुत बड़ा लक्ष्य हो उनके लिए है गीता, जो जीवन में विकट स्थितियों में फंसे हुए हों, जिन्होंने किसी बड़े काम का बीड़ा उठाया हो, जिनमें बड़ी चुनौतियां उठाने का दम हो उनके लिए है गीता🙏
Bilkul shi kaha apne
"Anth aasan hain kyuki wo Krishn kar dete hain, aarambh kathin hain kyuki wo to Arjun ko karna hain" 🕉🧡
बहुत ही सटीक समझाया आचार्य श्री इस प्रकार कहीं सुनने को नहीं मिली श्रीमद भगवद्गीता ऐसे अर्थ के बारे में कभी सोचा नहीं था कि ऐसा अर्थ भी हो सकता है कोटि कोटि नमन आचार्य जी
ये हुयी ना बात !
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(Kyoki bhut dino se aap logo se personal visyo par baat karke unka margdarshan kar rhe the, lekin aaj aapne amrit nikala h, dhanyawad)
कोटि कोटि प्रणाम
Yadi aap Geeta aur vistar me samjhna chahte hain to, sanstha se sampark karen, acharya ji abhi zoom par Geeta padha rahe hain.
कृपया कम से कम सभी लोग संस्था को योगदान करें अन्यथा केवल ज्ञान लेने से संस्था का काम नहीं चलेगा कुछ तो करीए जैसे ₹150 ,₹200 ,₹300 ,₹400,₹500 पर करिए जरूर ये मत सोचिए की जब कमाऊँगा तब दूँगा ये माया की चाल है इससे बचिए तथा योगदान करिए।। 🙏🙏😔😔
Exactly... Esa arth kisine nhi smjhaya. Esa interpretation kisi ka nhi
गीता का इतना गहराई से अर्थ समझाने के लिए धन्यवाद
लगभग दस साल से भगवद्गीता का अध्ययन कर रहा था लेकिन आचार्य प्रशांत जी के मुख से सुनने के बाद भगवद्गीता के अर्थ और जीवन के मायने बिल्कुल यथार्थ दिखाई देने लगे। शत शत नमन आचार्य जी धन्यवाद।
कृपया कम से कम सभी लोग संस्था को योगदान करें अन्यथा केवल ज्ञान लेने से संस्था का काम नहीं चलेगा कुछ तो करीए जैसे ₹150 ,₹200 ,₹300 ,₹400,₹500 पर करिए जरूर ये मत सोचिए की जब कमाऊँगा तब दूँगा ये माया की चाल है इससे बचिए तथा योगदान करिए।। 🙏🙏😔😔
@@हरेकृष्ण-श6प मैं एक गरीब परिवार से संबंधित हूं लेकिन हर महिने कम से कम 1000 या 1500 रूपए संस्था को यथासंभव सहयोग जरूर करता हूं कृप्या सभी करें। प्रणाम
@@हरेकृष्ण-श6पl❤
😊😊😊😊😊❤
Prashant ji aap hi Geeta jase granth ko itani sunder trah se bata sakte hai . Aapko bahut ashirvaad .
रणक्षेत्र में हम सभी हैं, पैदा हम सब संघर्षों में ही होते हैं।
कोई नहीं हो जो धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नहीं है।
पर सब अर्जुन नहीं हैं कुरुक्षेत्र के मैदान पर।
जो एक अर्जुन है उसके लिए गीता है,बाकियों के लिए कुछ नहीं है।
-आचार्य प्रशांत
Mtlb sbko pdhna jaruru nhi hai
धन्यवाद आचार्य जी
bhai isse acha acharya ji ki kitabe le lete
गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाव
बलिहारी गुरु आपने ,दियो गोविंद बताय।।
शत शत नमन युगपुरुष गुरुदेव आचार्य श्री के वंदन पावन शुभ चरणों मैं।
संत और बसंत
, 🙏🙏
में एक ही समानता है जब बसंत आता है तो प्रकृति सुधर जाती है। जब संत आते हैं तो संस्कृति सुधार जाती है।
Bhot khub
Ryt 🙏🙏🕉️🕉️
गीता का नाम तो सुना था लेकिन कभी पढ़ी नही थी अब कोशिश कर रहा हूँ आचार्य जी का ह्रदय से आभार
अहम, आत्मा की ओर बढ़ने का पुरज़ोर विरोध करता है
यद्यपि अहम की गहरी, अंतिम किंतु प्रच्छन्न ईच्छा भी यही होती है कि वो आत्मस्थ हो जाए।
यही जो दोहरी चाल है अहंकार की इससे संसार में सारी गतियाँ देखने को मिलती है।
संसार एक शाश्वत गतिशीलता है।
-आचार्य प्रशांत
दुनिया उल्टी है- बाहर बल नहीं, भीतर प्रेम नहीं।
अर्जुन अति विरल हैं- बाहर अति बलिष्ठ, भीतर सुकोमल।
-आचार्य प्रशांत
🙏🙏
O my god
इसीलिए भगवान ने अर्जुन जी को चुना था।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भगतवत गीता जीवन में एकबार ज़रूर होगा
सब कुछ त्याग करूंगा
गीता कोई पुस्तक नहीं कि जिसे हम उठाकर पढ़ लेंगे। गीता एक उपलब्धि है जो बड़े ही श्रम से मिलती है। गीता को पढ़ा नहीं जाता। गीता को पाया जाता है। गीता के लायक बना जाता है। 🙏🙏
🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी गीता जी का सही बोध कराने के लिए ।
भगवत गीता पर ओशो के 219 व्याख्यान है....काफी ache तरीके से उन्होंने इसे समझाया है....ब्रह्माकुमारीज का विश्लेषण भी काफी अच्छा है....आपका प्रयास भी सराहनीय है 🌷🌷💓
श्रीमद्भगवत गीता को इतनी अच्छी तरह से समझाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी
सत्य के साथ रहो। गीता सही मार्ग पर चलना सिखाती है। आप किसी भी हाल में हो बस सत्य के साथ रहो।
गीता को पढ़ा नहीं जाता, पाया जाता है। गीता के लायक हुआ जाता है।
thanks God मैं यहां तक पहुंच पाया,
मुझे गीता चाहिए आचार्य जी क्योंकि मैं भी आज के उस महाभारत में हूं जो पिछले महाभारत के तुलना मे कहीं अधिक जटिल है।
I must say for the first time in my life I heard the explanation of Bhagwatgeeta like this and it is remarkable.
शुरुआत तो शिष्य को ही करनी पड़ती है अंत तो गुरु ही करेंगें अचार्य श्री गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करता हूं 🙏🙏🙏🙏🙏
10 sal se pehle Bhagavad Geeta padliyatha ... Smaj me nahi ayata ... Derse hi sahi milgaya samjanewala guru
अर्जुन अलग है, विलक्षण है और वो विलक्षणता आरम्भ में ही दृष्टि गोचर हो जाती है।🌿
-आचार्य जी
गीता सिर्फ़ उनके काम आ सकती है जीवन के धर्मयुद्ध में मिटने को तैयार खड़ा हो , जो जीवन में कोई बड़ी चुनौती स्वीकार करने को तैयार खड़ा हो वर्ना गीता कभी काम नहीं आ सकती- आचार्य प्रशान्त 🙏
This session was recorded on 31-03-2022. I was grateful to be a part of that session.
अति सुन्दर व्याख्या।
अर्जुन बनना ही तो वास्तविक साधना है।
प्रणाम गुरुवर
जिसके पास गीता की प्रति है पर बोध नहीं वह भी कृष्ण के समर्थन में नही है धनयवाद आचार्य जी
गीता के लायक बनो
सतनिष्ठ अचार्य जी ।
जाने बिना ही टूट पड़ना ये पाश्विक अहंकार का काम है।
आम व्यक्ति पशु के समान ही जीता है, बस टूट पड़ता है।
मनुष्य आप तब होते हैं जब आप टूट पड़ने से पहले जानने का प्रयास करो।
-आचार्य प्रशांत
प्रारम्भ में कितनी लुभावनी presentation है ,जो कि हर बार बदलती ही रहती है , अद्भुत
Aapko dil se shukriya Acharya ji.....jo karya aap kar rahe hai voh sabhse badi sewa hai......pese ki sewa se bhi badi sewa hai....aapke kahe hue shabdo se na jane kitne mann se tute hue logo ko himmat mil rahi hai..... Jeevan ko ek nayi disha dene ki himmat jaga di aapne ..... aapko charan sparsh guru ji 🙏🙏
प्रणाम आचार्य श्री, बहुत ही हृदयंगम प्रवचन है आचार्य जी आपको शत-शत नमन
रणक्षेत्र में हम सभी हैं, पैदा हम सब संघर्षों में ही होते हैं।
कोई नहीं हो जो धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नहीं है।
पर सब अर्जुन नहीं हैं कुरुक्षेत्र के मैदान पर।
जो एक अर्जुन है उसके लिए गीता है,बाकियों के लिए नहीं है।
लाखों नहीं तो हज़ारों योद्धा वहाँ पर खड़े हैं लेकिन गीता सिर्फ अर्जुन के लिए है।
ठीक जैसे जगत में इतने लोग हैं, गीता कुछ चुनिंदा लोगों के लिये ही है।
गीता के लायक होना पड़ता है, तब गीता आपकी होती है।
-आचार्य प्रशांत
जब लगि भगति सकाम है, तब लग निष्फल सेव।
कह कबीर वह क्यों मिले, निष्कामी तज देव।।
~ संत कबीर साहेब जी ❤️❤️
निः शब्द हु, बस लगातार सुनते रहने का मन कर रहा है , आपको।🙏
1:23:26 "अब क्या समझोगे गीता को?"
Felt like a hunter lash on the bare body.
औकात दिखा देते हैं, आचार्य जी 🙏🏼
A true teacher is like a mirror who shows you your real reflection.
गीता का ऐसा ब्याखान ओर इतनी स्पष्टता ना कभी सुनी होगी धन्यबाद ऐसे ब्याखान् के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य श्री 🙏🙏
आम व्यक्ति लगभग पशु के तरह ही जीता है बस टूट पड़ता है जैसे दुर्योधन टूट पड़ने को तैयार है, अर्जुन ने पशुता से ऊपर की किसी चीज का संकेत दिया, कृष्ण की संगत का असर अर्जुन को अवलोकन और जानने में उद्दीप्त किया।
Acharya g apke jaisa geeta ko sundar dhang se btane vala aj tak nhi mila.
Hare Krishna Hare Krishna, Krishna Krishna Hare Hare.
Hare Ram Hare Ram, Ram Ram Hare Hare.
आचार्य जी जब से आपको सुना है तभी से गीता मेरी समझ आई आचार्य जी को मेरा कोटि कोटि नमन ❤️🙏🙏 स्वीकार करें धन्यवाद
क्या आप गीता फीड में है?❤
अगर नहीं तो आप वहां जाइए गीता का सार वहीं मिलेगा आपको ❤❤
आज आपके श्री मुख से गीता सुनकर मन को अति शान्ति अनुभव हो रही है तथा कुछ bdi चुनौती स्वीकार करने का साहस हो रहा है गुरूदेव।। अगले भाग का बेसब्री से इंतजार है🙏
This is one of the most finest explanation of Gita. Forgive me for my inadequacy of understanding words of Gita. There's a difficult situation in my life that I am finding very enduring as well...but after reading Gita I always find my pain is no where near to Arjun's pain. I have nothing but tears in my eyes.
I don't hv the audacity to Thank you Acharya ji, I only can prepare to choose Krishna in every phase.
महापुरुष को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏
गीता सुनते हुए रश्मिरथी की कुछ पंक्तियॉं याद आ गयी जो इस प्रकार हैं
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखण्ड - विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया।
रामधारी सिंह दिनकर
❤
नमन है आचार्य जी आपको नेत्र खुल गए पहले ही अध्याय में । सत सत नमन ❤
Yadi aise sundar videos hume aage bhi dekhne ko milta rahe to, hum sabko sanstha ko arthik sahyog karna hoga. Sanstha ke karyon ko aage badhane aur acharya ji ke haath majboot karne ke liye ye bahut awashyak hai. Kripya, jitna jyada se jyada sambhav ho sahyog karen.🙏🙏
जी जरूर करेंगे।
Jai Shri Krishna 🙏🙏 dhanyawad acharya ji 🙏🙏
Parnam Acharya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bahut Sundar Trike se aap ne yudh ke wich me Dunadhar 🏹 Arjun ke Mann ki vivastha samjha yi hai.
Or krishan ke dawara Arjun ko diya gaya "GITA GYAN" samjhaya.😌😌🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊
🙏 bahut bahut dhanyawad ap ka Geeta ko etne saral rup me hum tk pahuchane k liye
Best vedio of achary prashant ji 😢
Thanks!
चाहा तो तुम्हें बृज में था
पर तुम तो कुरुक्षेत्र ले आए
ये कौन सा रूप तुम्हारा माधव
बाँसुरी से रणभेरी सुनाने लगे
चित्त चुरा प्रिया बना लिया
अब रणक्षेत्र में तीर चलवाने लगे
मोहिनी मुस्कान से हृदय लूट के
रूखे मुँह से हँसी उड़ाने लगे
नेह के मधुर गीत सुना के
अब रक्त तिलक लगाने लगे
बस में पूरा करके
ज़ोर चलाने लगे
सखी से कब बना दिया अर्जुन
कायर बताने लगे
तुम हाथ तो पकड़ो मेरा
अंधकार में जो चलाओ तो
आज मुझे भी गीता ज्ञान दो
आश्रय बन जाओ मेरा
विराट रूप तो दिखलाओ
मुझे क्षुद्र तो बनाओ
फिर ले चलो जहाँ ले चलना
परछाँई तो बनाओ मुझे
बस एक शब्द तुम्हारा ही हो
बस हर वार तुम्हारा हो
धर्म अधर्म का भेद तुम करो
मेरा न कोई इशारा हो
मैं ,मैं रहूँ ही न
सब साम्राज्य तुम्हारा हो
ऐसा पहले बना तो दो
अहंकार मेरा मिटा तो दो
फिर तुम जानो क्या करना है
पूरा चरणों में झुका तो दो
इसके आगे न लिख सकूँ
ऐसी मेरी स्याही मिटा तो दो
Bhout Sunder
जय श्री कृष्ण जी।
संक्षिप्त में ही बहुत कुछ
Atisundar
Hare Krishna 😢
बहुत कोशिश के बाद मिली आपकी ये वीडियो धन्यवाद जानवर से इंसान बनने की कोसिस मैं का गई हूँ आपके कारण 🙌🫠
कौन -कौन लोग आचार्य जी के video हर दिन सुनते है,,,,,
Me
Me
Mai
आशा करता हूं कि हर दिन सुन्ने से आप सभी का जीवन पहले से बेहतर हुआ होगा
धन्यवाद
मात्र सुन ही रहे हो क्या
आचार्य ने खुद कहा है मुझे श्रोता नहीं योद्धा चाहिए
संत मिलन को चलिए, तज माया अभिमान।
ज्यों- ज्यों पग आगे धरे होय यज्ञ समान।।
✨🙏🙏🙏✨✨✨🙏🙏🙏✨
dhanyavad acharya ji...ap mere guru ji ke guru hai...mai khud ko bohot bhagyashali manti hu ki mai unse mili jinhone mujhe aap tak pohchaya....😇
Thank you Prashant sir, for explaining Bhagavat Geeta to us in a very simple way. We owe you a lot.
Aap ki bate hamesa kuch naya sikhati h ❤️❤️❤️❤️
नमन...शत-शत नमन ❤❤❤❤❤
धन्यवाद!
आचार्य जी,
इतने अच्छे तरीके से गीता का मर्म समझाने के लिए, और हमें सदैव अर्जुन बनने का प्रयास करते रहना चाहिए।🙏🙏
यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान् ।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे ॥
जब तक मैं इन सब युद्ध करने की कामना से अवस्थित योद्धाओं को देखूँ कि किन वीरों के साथ मुझे युद्ध करना होगा। इस युद्ध में दुष्टबुद्धिवाले धृतराष्ट्रपुत्र दुर्योधन का प्रिय कार्य करने के इच्छुक जो राजा लोग यहाँ उपस्थित हैं, उन युद्धार्थी लोगों को मैं देख लूँ ।
श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १, श्लोक २२-२३)
Love you aachariye ji ❤❤
डरा हुआ आदमी अधार्मिक, अनैतिक ही नहीं अतिहिंसक हो जाता है।
-आचार्य प्रशांत
जब बोध ही नहीं होगा गीता का तो करते रहो गीता का पाठ बार बार
श्रोताओं को सोचने पर मजबूर करने वाली गजब बात
अति आभार 🙏🙏🙏🙏🙏
आपसे सच में real motivation मिलता है ❤
14.01-14.18 I was like.. "ये तो आप खुद हैं आचार्यजी "☘️🙏😊
Wow ! Infact. Really the lecture is full of super superb excellent brilliant talented fantastic wonderful and divinely philosophy presentation
ॐ नमः ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः ॐ राम रामाय नम
ॐ नमः ॐ हं हनुमते नम
ॐ नमः ॐ जय हो त्रिकालदर्शी श्री गर्ग मुनि
ॐ नमः ॐ जय हो तत्व दर्शि श्री जगन्नाथ मुनि गर्ग
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ॐ नमः शिवाय
सत्य मेवा जयते वन्दे मातरं जय नेपाल सत्यं शिव सुन्दरं हर हर महादेव जय शंभो कैलाश पते बं बं भोले नाथ भन्डारी
गीता पढ़ा नही जाता उसके लायक बना जाता है। 🙏🙏🙏
Sir you are true Philosopher
आचार्य जी आपका एक एक शब्द ,आपकी एक एक बात प्रकाश है,ज्योति है,अनंत है,प्रेम का पर्याय है,मुक्ति दायनी है,आपके शब्द से जीवन मे प्रकाश आया है नहीं तो अंधेरा ही अंधेरा था,मैं शब्दों में आपका धन्यवाद नहीं कर पाउँगा।
प्रणाम आचार्य जी🙏🏻
गीता के इतने गहरे अर्थ समझाने के लिए 🌼कृष्ण की संगत का असर जरूर होगा।🌼
🌼गीता हमारे लिए तभी उपयोगी है जब हम अर्जुन हो पाए।🌼
जीवन में भी जब अपनों से ही संघर्ष करना पड़े तो गीता स्वयं ही जीवन में अवतरित हो जाती है
मानव इतिहास में अर्जुन पहले ऐसे व्यक्ति हुए जो गीता के पात्र बन सके
आज इस विडियो को सुनकर मुझे बहुत ज्ञानदर्शन हुआ ,जो मुझे अभी तक समझ नहीं आता था
Hame na Prem he na ghera dukh apni halat ko dekh kar. Hum hamesha dono ke beech behosh rehte he kyuki behoshi me insaan sukh pata he.
I will try my best to sit near Guru at slapping distance.
Thanks for your guidance.
Aap ke dawra Geet maha geet sunne s pahle v Maine Geeta ki kitab padee thi lekin ab aapke mukh se iska arth sunne k baad mere liye v Geeta ek kitab na rah kar jeevan ka geet hoti ja rahi hai
इस जगतरूपी कृष्ण आचार्य के चरणों में सत नमन
आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटिनमन भगवत गीता को बहुत ही अच्छी तरह से समझाया🙏🌹🙏
आज के समय अगर कोई 🕉️श्रीमद भगवत गीता📕 जी का यथा रूप व्याख्या कर सकते हैं तो, वे केवल अचार्य प्रशांत जी ही हैं 🙏.. प्रणाम आचार्य जी 😌
भगवद गीता का अर्थ इतने सुंदर तरीके से बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
गीता तो है ही इतनी सुंदर ❤️ जय श्री कृष्णा 🙏
अपलोड करने के लिए धन्यवाद
🙏Jaya Shri Ram ❤❤
प्रणाम गुरुदेव धन्यवाद गुरुदेव गीता इतने अच्छे से समझने के लिए
क्या आप गीता फीड में है
I do listen daily Acharya ji is the true social reformer of this modern age.
I listen everyday from the corner of Manipur state. I understood a lot from you. I bow before you great sir.
इतने सरल शब्दों में, गीता की इतनी गहरी बात आचार्य प्रशान्त ही समझा सकते हैं। हम सब बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें आचार्य प्रशान्त जैसे प्रतिभाशाली , विद्वान, महान ज्ञानी व्यक्ति द्वारा गीता सुनने को मिली। 🙏💐
Geeta ka satik arth aacharya ji se samajh aaya 😌🙏
Adbhut.. Naman apko gurudev🙏🙏
Hey prabhu aap kam se kam 1000 hazar saal jiye kyunki aapki bharat ko zarurat hai 🙏🙏🙏🙏 pranam acharya ji
आचार्य जी के पावन चरणों में बारंबार प्रणाम स्वीकार हो🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤❤❤❤ आचार्य जी इस युग के कृष्ण हैं जो पहचान पाया वह धन्य हो गया🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अर्जुन है हम!
Jai Gurudev!
JAI SHRI RAM!
🙏🙏🙏🕉🕉🕉!