नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: acharyaprashant.org/en/courses?cmId=m00022 संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/en/enquiry?cmId=m00022
Acharya Ji, Haardik Pranaam, Naman evam Abhinandan. Om sahnavavtu sahnaubhunkatu sahveeryam karvavaihe tejasvinavadhitmastu maa vidvishavaihe. Om Shantih Shantih Shantih. Param saubhagya Jo is avismarneeya, adbhut, akalpneeya, maarmik, kendriya, sateek, manohaari, anupam, adviteeya, akalpneeya samvaad ko shravan karne ki ankampa hui.
जिस तरह से आचार्यजी गीताजी कि बातों को जन जन तक ले जाने में सक्षम हो रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब पूरा विश्व एक सूत्र में बंध जायेगा। भेद भाव समाप्त होगा और मानवता की जीत होगी। धर्म की जीत होगी।हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि आचार्य जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। एक सुंदर विश्व की रचना में सहयोग करें।
हम तो साथ चल हि रहे हैं और बाकियो तक भी हम आचार्य जी की बातें पहुंचाने में कौसिस कर रहे हैं। आपने भी बिलकुल सही कहा हम सब को यही समझने कि कौसिस करनी चाहिए कि जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं सिर्फ वही धार्मिक हैं, और धार्मिक इन्सान की कोइ जाती से सम्प्रदाय से कोई ताल्लुक नहीं, उसकी एक ही पहचान वो धार्मिक हैं।
मुझे लगता है ये ज्ञान पचाने की शक्ति विकसित होती है इसके लिए इंसान को पूरा टूटना पड़ता है.।.... पूरे जगत के लिए तो ये पूरा ज्ञान काम का नहीं है ये केवल योद्धाओं के काम की है ❤️❤️❤️❤️
जो लोग आचार्य जी का विरोध करते है, उन पर क्रोध नही, बल्कि तरस आता है कि वो कैसी जिंदगी जी रहे है। उन्हें नही पता कि वो क्या ठुकरा रहे है। दुख इस बात का है कि उनकी मूर्खताओं का खमियाजा समस्त जीव जंतुओं और पृथ्वी को झेलना पड़ रहा है।
Bilkul bhai hm bhi yahi sochte h Kaise lnssan h yaar Ha ye baat v Right h jo oos duukh drrad se gujaar kr acharya ji ko sunenge Tabhi osse smajh paaengee M eek Muslim hu Itni dil se duaa dette hu lsse Kabhi kabhi dekh kr to ronne lgte hu Yaar kaise jindage m ji rhe theee M bhi lsse eek baar RUclips se block kr deyee thee But ye apne oor khenchte gye Abhi ltni muhabbat ho gye h Iske alawwa duniya kuch dekhta he nhe h M pure traah se adhyatmik knowledge lenna chhtee hu
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है l जैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l 🙏 आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️
आचार्य जी मै फार्म नही भर सकती कारण मै 74 साल की बूढ़ी हूँ और आप की ज्ञान वर्धक वाक्य सुनती हूँ। और आध्यात्मिक शक्ति से जीती हूँ और आगे भी वही सहायक है। और उनही की कृपा से ही ज्ञानी बिज्ञानी दिखाई पड़ते हैं। जय श्री त्रिअमबिके नमः।।।।।
अध्यात्म का काम ही यही है- समस्या को सुलझाना। समस्या न हो तो अध्यात्म की कोई आवश्यकता नहीं। अस्तित्व ही समस्या है। जीवन ही समस्या है। जीवन के निर्णय हमारे, सम्बंध हमारे, कर्म हमारे, विचार हमारे, उद्देश्य हमारे यही समस्या है। -आचार्य प्रशांत
Jitne geeta k videos maine dekhe hai itna gehra matlab samne aata hai Jo aaj tak pta nai tha....pta nai acharya ji aap k gyan ko kitna grahan karne ki shamta hai mujh per. Lekin jeevan ab purna roop se badal di aap ne. Koti-koti pranam🙏
U can not include Sri Krishna in this category....He conceived Gita..and others trying to understand Gita, though they hve better understanding than the normal people like us, thus they helping us also to comprehend Gita.....Krishna is GOD.....rest r humans with better IQ and attained higher level of spirituality
श्रीमद्भागवत गीता का इतना उत्कृष्ट और यथार्थ विवेचन आचार्य श्री के मुख से सुनकर बहुत सारे अंधविश्वास हमेशा के लिए समाप्त हो गए, कोटि कोटि नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी आप ही इस युग के श्री कृष्ण हैं भितर से गीता है हमारी वृत्ति को चुनौती देने के लिए और बाहर से गीता है हमारी संस्कृति को चुनौती देने के लिए 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जीवन के जितने भी क्षेत्र है उनका समाधान है अध्यात्म, जीवन के जितने भी क्षेत्र है उनका आधार है अध्यात्म, अध्यात्म से ही शुरुवात है और अध्यात्म में ही अंत❤️🙏
जब से तेरि सत्य के प्रति निष्ठायुक्त गीताअर्थ सुना उस अब्यक्त कि ओर प्रेम बढ्ने लगा ,कभि कभि उस उच्चतम समझ को इस चेतना छुने लगि है ! बच्पन से जिस सत्य को छुना चाहता था मन - वो येहि है ! धन्यबाद आचार्य जी !
कृपया श्रीमद्भागवत गीता पर एक ऐसी प्लेलिस्ट बनाइए जिसमें सारे वीडियो proper sequence में हो और उस प्लेलिस्ट को कोई अगर पूरा देख ले तो गीता पढ़ने की जरूरत ही ना रह जाए....पूरे श्लोक भावार्थ उस प्लेलिस्ट में ही cover हो जाए....और उस भावार्थ को आज के जीवन से जोडके उदाहरण सहित समझाएं.....नई पीढ़ी reading से ज्यादा आसानी से video form को consume & understand करती है। इस तरह से गीता/आध्यात्म की ज्यादा लोगों में reach हो पाएगी।
जुड़ जाओ न दोस्त कुछ समय के लिए संस्था से, खुद ही करो अगर जल्दी हो जानने की तो , इतना प्रेम हो तो, अच्छा विचार है ना? लोगों ki कमी है संस्था में, और काम बहुत है l पता नहीं कब आप की इच्छा पूरी हो l क्षमा करना आपकी समस्याओं से अनभिज्ञ हूं फिर भी कह रहा हूं l
आचार्य जी को कोटि कोटि धन्यवाद जो गीता ज्ञान को इतने सरल ढंग से समझाते हुए बोले है कि संसार ही बदल जायेगा आचार्य जी को मेरा शत् शत् नमन ❤️🙏🙏 स्वीकार करें
समस्या तब आती है जब भीतरी चीज़ को संबोधित करे बिना,भीतरी माने जो सूक्ष्म है को संबोधित करे बिना तुम स्थूल कर्म करते हो और अपने आपको जता देते हो कि इससे कुछ हो जाएगा। -आचार्य प्रशांत
सच्चा हिंदू शेर कुंवारे लोगों का king 👑 अचार्य प्रशांत सर भारत के युवा और ऐसे सच्चे शेर की हमेशा से जरूरत है वेदांत के लिया जन्म लिए ज्ञान के लिए अज्ञानी युवाओं को जगाने के लिए परंतु मूर्ख लोग समय पर समझ नहीं पा रहे जय हिंद वंदे मातरम 🇮🇳
इसे नही सुना, नही गुना, तो करते रहो कुछ भी, पढ़ते रहो कुछ भी, होगा कुछ भी नही, आचार्य जी आपको बार बार नमन है, गीता के महासागर में, campass देने के लिए,,,, SALUTE, GRATITUDE,,, ❤
Sahi kaha... Aacharya ji ne jo kuchh bhi bola geeta ke bare me vo mene likha.... Taki yad rah sake or jb jb geeta padu... Samj aa sake.. Or samjha bhi saku... ❤
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति ईश्वर की प्राप्ति , कृष्ण की प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन इस युगपुरुष को 🙏 आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l नमन है इस युगपुरुष को 🙏♥️
Aacharya ji is Puri Prithvi per hi aap jaisa koi nahin,, aap ki tulna sirf aur sirf Shri Krishna se hi ho sakti h,, meri life mein marte dam Tak sirf aur sirf ek hi Tamanna rahegi aapse Milne ki 🙏🙏
Geeta ke pehle adhyaay ki itni achchi vyakhya maine aaj tak nahi suni! Itni gehrayee se iss chapter ko Acharya ji ne samjhaya! Koti koti dhanywad aur shat shat naman!🙏🙏
आज की कोई समस्या नई नहीं है, क्योंकि आज की कोई वृत्ति नई नहीं है। इसलिए समाधान है- गीता। इसलिए गीता सदा प्रासंगिक रहेगी। जितने धर्म है, जिनको आप धर्म बोलते हो, आयोजित धर्म, संगठित धर्म। सब मिट जाने हैं, मिट जाने चाहिए। गीता शेष रहेगी क्योंकि गीता का किसी विचारधारा से कोई सम्बंध नहीं है।
My life changed, I am fortunate to find u, so lost i was in this world and its debauchery, my mindset is changed forever, my attraction towards world pleasures have started fading, I am trying my best to contribute so that foundation should stand strong
आचार्य जी आप बहुत अच्छा ज्ञान बता रहे हैं बिना आध्यात्मिक शक्ति मनुष्य दो पैरो के जानवर के सामान होते हैं। आज के समय में भगवान ने जो भी बताया है उसको कोई नही मानते अपने मतलबकी बात पकड़ लेते हैं। अपना मतलब पूरा हो ना चाहिए चाहे रूढ़ी हो।।
Everyone should read gita everyday this book have all the knowledge for your personal life your soul, success , money relationships, & most importantly mukti Read this book ven before reading your school books School books will give you knowledge & job But gita will give you peace of mind joy & the clarity to choose right job or any decisions in life... GITA IS SARBOPARI "JAI SHREE KRISHNA"
👆👆👆👆मैं सभी से निबेदन करता हु की अगर आप student है या दूसरे पर निर्भर है तो भी कम से कम 100रुपये और अगर कमाते है तो 500 तक डोनेट जरूर करे.... अद्वैत वेदान्त को दूर तक फैलाने में मदद मिलेगा❤❤❤❤
पर अब समझ आया कि मोह प्रेम नहीं है और अगर हमारे मोह से किसी को नुक्सान हो तो ये बिल्कुल भी प्रेम नहीं है मेरे कृष्ण और आचार्य जी की कृपा से मुझे ये बात समय रहते समझ आ गई😢😢😢
मैं पिछले साल दिसम्बर महीने से जुड़ा हुं गीता समागम में, अभी दुसरे अध्याय का अंतिम चरण पर चर्चा चल रही है तो अभी तक जितना जान पाया समझ पाया उसिको समेटने के लिए मेरी झोली कम पर रही है, मैं यही सोचकर परेशान हुं कि और सोलह अध्याय पर जब चर्चा होगी उसको मैं कहाँ समेटुंगा
संसार रेत की भाँति है, भगवान ने हमको हमसे ही अलग कर दिया है। जन्म जन्म तड़पते हुए आये थे, जब जीवन जीना मुश्किल हो गया तभी भगवान गुरु बन कर हमको हमसे ही मिलने के लिए हमारे समछ prgat हो गए
जिस ढंग से आज गीता को समझा है, अनुभव बताने के लिए शब्द नहीं हैं कि कितना आनंद आया. सबसे अच्छा लगा अंत में दिया सुझाव जिसे आदेश समझा जाए तो ज़िन्दगी बफल जाए.
नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022
उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: acharyaprashant.org/en/courses?cmId=m00022
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/en/enquiry?cmId=m00022
Thanks 🙏
Acharya Ji, Haardik Pranaam evam Abhinandan. Om Namo Naaraaynaay
Acharya Ji,
Haardik Pranaam, Naman evam Abhinandan.
Om sahnavavtu sahnaubhunkatu sahveeryam karvavaihe tejasvinavadhitmastu maa vidvishavaihe.
Om Shantih Shantih Shantih.
Param saubhagya Jo is avismarneeya, adbhut, akalpneeya, maarmik, kendriya, sateek, manohaari, anupam, adviteeya, akalpneeya samvaad ko shravan karne ki ankampa hui.
Anukampa hui
🙏🌻💎☀️🌻🙏
जिस तरह से आचार्यजी गीताजी कि बातों को जन जन तक ले जाने में सक्षम हो रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब पूरा विश्व एक सूत्र में बंध जायेगा। भेद भाव समाप्त होगा और मानवता की जीत होगी। धर्म की जीत होगी।हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि आचार्य जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। एक सुंदर विश्व की रचना में सहयोग करें।
बहुत शुभ लग रही है आपकी बातें❤
हम तो साथ चल हि रहे हैं और बाकियो तक भी हम आचार्य जी की बातें पहुंचाने में कौसिस कर रहे हैं।
आपने भी बिलकुल सही कहा हम सब को यही समझने कि कौसिस करनी चाहिए कि जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं सिर्फ वही धार्मिक हैं, और धार्मिक इन्सान की कोइ जाती से सम्प्रदाय से कोई ताल्लुक नहीं, उसकी एक ही पहचान वो धार्मिक हैं।
❤❤
मुझे लगता है ये ज्ञान पचाने की शक्ति विकसित होती है इसके लिए इंसान को पूरा टूटना पड़ता है.।.... पूरे जगत के लिए तो ये पूरा ज्ञान काम का नहीं है ये केवल योद्धाओं के काम की है ❤️❤️❤️❤️
जो लोग आचार्य जी का विरोध करते है, उन पर क्रोध नही, बल्कि तरस आता है कि वो कैसी जिंदगी जी रहे है। उन्हें नही पता कि वो क्या ठुकरा रहे है। दुख इस बात का है कि उनकी मूर्खताओं का खमियाजा समस्त जीव जंतुओं और पृथ्वी को झेलना पड़ रहा है।
Bilkul bhai hm bhi yahi sochte h
Kaise lnssan h yaar
Ha ye baat v
Right h jo oos duukh drrad se gujaar kr acharya ji ko sunenge
Tabhi osse smajh paaengee
M eek Muslim hu
Itni dil se duaa dette hu lsse
Kabhi kabhi dekh kr to ronne lgte hu
Yaar kaise jindage m ji rhe theee
M bhi lsse eek baar RUclips se block kr deyee thee
But ye apne oor khenchte gye
Abhi ltni muhabbat ho gye h
Iske alawwa duniya kuch dekhta he nhe h
M pure traah se adhyatmik knowledge lenna chhtee hu
बिलकुल सही कहा आपने
सच यही हैं 🙏🏻
Adhyatm roshni jaisa h kuchh bhi dekhe k liye prakash to chahiye hi👍💯❤
Me. Apni. Life. Me. Bahut. Khus. Nasib hu. Ki. Hme. Bolte hui. Krishn. Mil gai.
जब तक मानव मन रहेगा तब तक गीता की प्रासंगिकता भी रहेगी और उपयोगिता भी 🙏
समस्या यदि वृत्ति के तल पर है तो समाधान मात्र आत्मा के तल पर होगा।।
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है l
जैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l 🙏 आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️
आचार्य जी आपकी भगवद गीत की विश्लेषण को सुन कर बहुत गहरी शांति मिली ।
जो अपने आपको मानते हो, वो मानते हुए ही तुम जो कुछ करोगे।
वो तुम्हारी मान्यता को ही और सुदृढ़ कर देगा।
-आचार्य प्रशांत
ऐसे videos किसी हीरे मोती से कम नहीं ❤
आचार्य जी मै फार्म नही भर सकती कारण मै 74
साल की बूढ़ी हूँ और आप की ज्ञान वर्धक वाक्य सुनती हूँ। और आध्यात्मिक शक्ति से जीती हूँ और आगे भी वही सहायक है। और उनही की कृपा से ही ज्ञानी बिज्ञानी दिखाई पड़ते हैं। जय श्री त्रिअमबिके नमः।।।।।
🙏❤🙏❤🙏
आपके के लिए मेरा जीवन कुर्बान है प्रभु
में मुसलिम हूं
में बहुत सहमत हूं आपके बातों
सब धर्म सब इंसान एक ही है
बस उसे हम लोग बाँट दिए हैं
अध्यात्म का काम ही यही है- समस्या को सुलझाना।
समस्या न हो तो अध्यात्म की कोई आवश्यकता नहीं।
अस्तित्व ही समस्या है।
जीवन ही समस्या है।
जीवन के निर्णय हमारे, सम्बंध हमारे, कर्म हमारे, विचार हमारे, उद्देश्य हमारे यही समस्या है।
-आचार्य प्रशांत
Jitne geeta k videos maine dekhe hai itna gehra matlab samne aata hai
Jo aaj tak pta nai tha....pta nai acharya ji aap k gyan ko kitna grahan karne ki shamta hai mujh per.
Lekin jeevan ab purna roop se badal di aap ne. Koti-koti pranam🙏
वृत्ति को मात्र आत्मा के द्वारा ही जीता जा सकता है| _ आचार्य प्रशांत जी🙏
मन के ये चार तल हैं-
सबसे स्थूल और निचला तल होता है- कर्म का।
उसके ऊपर - विचार का।
उसके ऊपर आती है -वृत्ति
और सबसे ऊपर आती है- आत्मा।
Sunder
भगवत गीता को लेकर पूरी दृष्टि परिवर्तित कर दी। आचार्य जी कोटि कोटि नमन ☺️
आचार्य जी के चरणो मे दंडवत् प्रणाम 🙏
मूल समस्याएँ तो यही होती हैं- मोह, भय, आलस, अज्ञान, प्रमाद, उन्माद।
-आचार्य प्रशांत
जीव के लिए सत्य वहीं है जो उपयोगी है,
किस अर्थ में उपयोगी :- "मुक्ति के अर्थ में" ।
:- आचार्य प्रशांत
Shree Krishna, J Krishnamurti, Swami Vivekananda and Achary Prashant Ji these are persons whom I like most. Jai Shree Krishna
Osho too
Same ❤❤here
Krishna nhi bro krishan
U can not include Sri Krishna in this category....He conceived Gita..and others trying to understand Gita, though they hve better understanding than the normal people like us, thus they helping us also to comprehend Gita.....Krishna is GOD.....rest r humans with better IQ and attained higher level of spirituality
Shree Krishna is not a person
आचार्य जी आप जितनी अच्छी गीता समझा रहे है इतना दुनिया में कही नही सुना, आप हर एक श्लोक का बहुत बड़ा मतलब बता रहे है धन्यवाद 🙏
श्रीमद्भागवत गीता का इतना उत्कृष्ट और यथार्थ विवेचन आचार्य श्री के मुख से सुनकर बहुत सारे अंधविश्वास हमेशा के लिए समाप्त हो गए, कोटि कोटि नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पूरी गीता आत्म ज्ञान है, प्रणाम आचार्य।
आचार्य जी आप ही इस युग के श्री कृष्ण हैं
भितर से गीता है हमारी वृत्ति को चुनौती देने के लिए
और बाहर से गीता है हमारी संस्कृति को चुनौती देने के लिए
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जीवन के जितने भी क्षेत्र है उनका समाधान है अध्यात्म, जीवन के जितने भी क्षेत्र है उनका आधार है अध्यात्म, अध्यात्म से ही शुरुवात है और अध्यात्म में ही अंत❤️🙏
प्रणाम आचार्य जी
आपके ज्ञान की वजह से समजने की कोशिश करने चालु है
आज मन तृप्त हुवा इतना सहज सत्य सूनके,,
जब से तेरि सत्य के प्रति निष्ठायुक्त गीताअर्थ सुना उस अब्यक्त कि ओर प्रेम बढ्ने लगा ,कभि कभि उस उच्चतम समझ को इस चेतना छुने लगि है ! बच्पन से जिस सत्य को छुना चाहता था मन - वो येहि है ! धन्यबाद आचार्य जी !
कृपया श्रीमद्भागवत गीता पर एक ऐसी प्लेलिस्ट बनाइए जिसमें सारे वीडियो proper sequence में हो और उस प्लेलिस्ट को कोई अगर पूरा देख ले तो गीता पढ़ने की जरूरत ही ना रह जाए....पूरे श्लोक भावार्थ उस प्लेलिस्ट में ही cover हो जाए....और उस भावार्थ को आज के जीवन से जोडके उदाहरण सहित समझाएं.....नई पीढ़ी reading से ज्यादा आसानी से video form को consume & understand करती है। इस तरह से गीता/आध्यात्म की ज्यादा लोगों में reach हो पाएगी।
जुड़ जाओ न दोस्त कुछ समय के लिए संस्था से, खुद ही करो अगर जल्दी हो जानने की तो , इतना प्रेम हो तो, अच्छा विचार है ना?
लोगों ki कमी है संस्था में, और काम बहुत है l पता नहीं कब आप की इच्छा पूरी हो l क्षमा करना आपकी समस्याओं से अनभिज्ञ हूं फिर भी कह रहा हूं l
भीतरी पीड़ा को मिटाने के लिए जो उपयुक्त कर्म किया जाता है यही धर्म है।।
आचार्य जी को कोटि कोटि धन्यवाद जो गीता ज्ञान को इतने सरल ढंग से समझाते हुए बोले है कि संसार ही बदल जायेगा आचार्य जी को मेरा शत् शत् नमन ❤️🙏🙏 स्वीकार करें
अपना जीवन अपना व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए की अपना जीवन स्वयं अपने तर्क का प्रमाण बन पाए।। :- आचार्य जी🙏🙏
समस्या तब आती है जब भीतरी चीज़ को संबोधित करे बिना,भीतरी माने जो सूक्ष्म है को संबोधित करे बिना तुम स्थूल कर्म करते हो और अपने आपको जता देते हो कि इससे कुछ हो जाएगा।
-आचार्य प्रशांत
सच्चा हिंदू शेर कुंवारे लोगों का king 👑 अचार्य प्रशांत सर भारत के युवा और ऐसे सच्चे शेर की हमेशा से जरूरत है वेदांत के लिया जन्म लिए ज्ञान के लिए अज्ञानी युवाओं को जगाने के लिए परंतु मूर्ख लोग समय पर समझ नहीं पा रहे जय हिंद वंदे मातरम 🇮🇳
सर एक सवाल है क्या सच्चा हिंदू किसी मुस्लिम के कोई सवाल करने पर उसे पाकिस्तान भेजता है ?
even married too here 🙏 bdw all
आचार्य जी प्रणाम ।।।आत्म बोध तो आप ही से प्राप्त हुए ।।शत2 नमन ।।।
मन को सुलझाने से सारी समस्याएं सुलझ जाती हैं.
भीतरी पीड़ा को मिटाने के लिए जो उपयुक्त कर्म किया जाए वो ही धर्म कहलाता है। 🙏🙏🙏
इसे नही सुना, नही गुना, तो करते रहो कुछ भी, पढ़ते रहो कुछ भी, होगा कुछ भी नही, आचार्य जी आपको बार बार नमन है, गीता के महासागर में, campass देने के लिए,,,, SALUTE, GRATITUDE,,, ❤
Sahi kaha... Aacharya ji ne jo kuchh bhi bola geeta ke bare me vo mene likha.... Taki yad rah sake or jb jb geeta padu... Samj aa sake.. Or samjha bhi saku... ❤
आचार्य जी जैसे गुरु की प्राप्ति ईश्वर की प्राप्ति , कृष्ण की प्राप्ति के समान है ,कोटि कोटि नमन इस युगपुरुष को 🙏
आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l
नमन है इस युगपुरुष को 🙏♥️
True....
Very nice,100 % true
आचार्य जी को और आपको भी कोटि कोटि नमन
जीवन की हर समस्या का अंतिम समाधान गीता जी ही है l
अद्वैत संस्था का बहुत -बहुत धन्यवाद आप हमारी मनोदशा समझते हो🙏☀️💓🌍💐💐💐
भीतरी पीड़ा को मिटाने के लिए जो उपयुक्त कर्म किया जाता है, उसे ही धर्म बोलते हैं।
यही धर्म की परिभाषा है।
-आचार्य प्रशांत
Excellent Division of Mana, Vichar, Briti, Atma 🙏🙏
Aacharya ji is Puri Prithvi per hi aap jaisa koi nahin,, aap ki tulna sirf aur sirf Shri Krishna se hi ho sakti h,, meri life mein marte dam Tak sirf aur sirf ek hi Tamanna rahegi aapse Milne ki 🙏🙏
मोह की वृत्ति को, कर्तव्य का विचार नहीं परास्त कर सकता।
-आचार्य प्रशांत
He is the person who reads between the lines.
Let's get acharya prashant 100 million subscribers.
Let this be our big goal to help the world .
तीसरी बार इस व्याख्यान को सुन रहा हु , सचमुच आनंद ाा गया ।
कोटी कोटी नमन आचार्य जी 💯🙏😌😌 सभी मुसीबतों की एक जड़ और उसी पर गीता एकमात्र उपाय है 🙏
आपकी चेतना को नमन आचार्य जी 🙏
आचार्य श्री सदगुरुदेव के श्री चरणों में बारम्बार प्रणाम है मेरा 🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बाहर की बीमारी संयोग होती है, भीतर की बीमारी चुनाव होती है🙏
Mujhe lgta h sanyog se hi .chunav utpan hota hai
शत् शत् नमन गुरुदेव 🙏🙏
Geeta ke pehle adhyaay ki itni achchi vyakhya maine aaj tak nahi suni! Itni gehrayee se iss chapter ko Acharya ji ne samjhaya! Koti koti dhanywad aur shat shat naman!🙏🙏
जो अपने आपको मानते हो,उसे मानते हुए जो भी कर्म करोगे वही तुम्हारी मान्यता को और पुख्ता कर देगा - धन्यवाद आचार्य प्रशांत 🙏
आचार्य जी कोटि कोटि नमन आपको
भीतर गीता है हमारी वृत्ति को चुनौती देने के लिए,और बाहर गीता है हमारी संस्कृति को चुनौती देने के लिए।👍🏻👍🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जिसकी समस्या मोह हो उसे कर्तव्य याद दिलाना ही व्यर्थ जाना है।
-आचार्य प्रशांत
आज की कोई समस्या नई नहीं है, क्योंकि आज की कोई वृत्ति नई नहीं है।
इसलिए समाधान है- गीता।
इसलिए गीता सदा प्रासंगिक रहेगी।
जितने धर्म है, जिनको आप धर्म बोलते हो, आयोजित धर्म, संगठित धर्म।
सब मिट जाने हैं, मिट जाने चाहिए।
गीता शेष रहेगी क्योंकि गीता का किसी विचारधारा से कोई सम्बंध नहीं है।
Me likhta hu acharya ji, aapke har point ko avlokan k sath, pranam acharya ji
जिन्होंने जीवन को समझा है उन्होंने कहा है की जीवो के लिए वही सत्य है, जो उपयोगी है। किस अर्थ में उपयोगी? तो मुक्ति तक ले जाने में। प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
❤🙏💐 अति सुन्दर प्रस्तुति आचार्य जी
@ 1.39.46 इतना स्पष्ट समझाने के बाद भी अपनी ही हार स्वीकार कर लेना, इतने साहसिक आप ही हो सकते हैं ।। सादर नमन ।।
My life changed, I am fortunate to find u, so lost i was in this world and its debauchery, my mindset is changed forever, my attraction towards world pleasures have started fading, I am trying my best to contribute so that foundation should stand strong
pahle mein sochti thi ki mein Buddha ya Sai ke samay mein kyun paeda nahi hui, par ab main jyada khush hoon 🙏 Acharya ji🙏 ke samay mein ho kar
आचार्य जी आप बहुत अच्छा ज्ञान बता रहे हैं बिना आध्यात्मिक शक्ति मनुष्य दो पैरो के जानवर के सामान होते हैं। आज के समय में भगवान ने जो भी बताया है उसको कोई नही मानते अपने मतलबकी बात पकड़ लेते हैं। अपना मतलब पूरा हो ना चाहिए चाहे रूढ़ी हो।।
Everyone should read gita everyday this book have all the knowledge for your personal life your soul, success , money relationships, & most importantly mukti
Read this book ven before reading your school books
School books will give you knowledge & job
But gita will give you peace of mind joy & the clarity to choose right job or any decisions in life...
GITA IS SARBOPARI
"JAI SHREE KRISHNA"
👆👆👆👆मैं सभी से निबेदन करता हु की अगर आप student है या दूसरे पर निर्भर है तो भी कम से कम 100रुपये और अगर कमाते है तो 500 तक डोनेट जरूर करे.... अद्वैत वेदान्त को दूर तक फैलाने में मदद मिलेगा❤❤❤❤
This should have gone viral. Acharyji explained it so well.
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
गुरुदेव शत शत नमन
We love Acharya Prashant's full lecture.
Eye opener 🙏aaj se pahle kabhi god samj hi nahi aaye lekin jab se aapko suna life aur god dono samj aa rahe h..aap great hai sir
Pranam aacharya ji ❤
(1) गीता लड़ रही हैं आपकी संस्कृति से ओर वूर्ति से मोह
(२) गीता चुनौती देती हैं भीतर से वूर्ति को ओर बाहर से संस्कृति को
आचार्य जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन🙏🙏🙏🙏🙏🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤❤❤❤❤❤❤❤
आपके बहुमूल्य ज्ञान साझा करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हमेशा आपके आभारी रहें।
यह नहीं समझा तो गीता नहीं समझेंगे बहुत ही अच्छी वीडियो थी धन्यवाद ऐसी वीडियो
हम आज के अर्जुन ,दुर्योधन आदि है और आचार्य जी है श्री कृष्ण वो ही मुक्ति के पद पर आगे ले जा सकते हैं
Pranam Acharya ji ..
Apko soonker achha lagta .maan sant ho jata hai . Hamare liye aap krishna bhagwan ke jaise ho ❤
Thank you acharya jii
संपूर्ण मानव सृष्टि की समस्या इस एक वीडियो में धन्यवाद आचार्य जी💐🙏🙏🙏
गीता के विषय में इतना सुंदर आज तक किसी ने नहीं बताया ना समझाया आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी, 💯🙏🌞
Ye video mujhe phir se dhyaan me le jayega dhanyawad acharya ji❤
Oh my god!
I m so happy after having learnt the following,
आत्मा- व्रती- विचार- कर्म
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी...🙏❤😍😊
गीता है भीतर से वृत्ति को चुनौती देने के लिए बाहर से संस्कृति को चुनौती देने के लिए ।
Acharya prashant means truth, truth and only truth
सही कहा आचार्य जी आपने
आप ही श्री कृष्ण हैं जो हम
सब को आत्मज्ञान दे रहे हैं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप बहुत ज्ञानी हो गुरूजी और आप को सुनकर मैने बहुत कुछ सीखा है धन्यवाद आप को 🙏🙏😊😊
Best teacher of all the scriptures.
Aap Krishna ho aaj ke jamane ke ❤️
पर अब समझ आया कि मोह प्रेम नहीं है और अगर हमारे मोह से किसी को नुक्सान हो तो ये बिल्कुल भी प्रेम नहीं है मेरे कृष्ण और आचार्य जी की कृपा से मुझे ये बात समय रहते समझ आ गई😢😢😢
Gurudev🙇♂️ you open my eyes everytime 😢❤
गीताका पहला अध्यायही आपने इतने सरलतासे सिखाया कि अब आगेके अध्यायोंको सिखनेकी इच्छा है. धन्यवाद. 🙏🏻
पूरी गीता यही है- आत्मज्ञान।
उसके बिना कोई समाधान नहीं है।
-आचार्य प्रशांत
भीतर से गीता है हमारी वृत्ति को चुनौती देने के लिए और बाहर है गीता हमारी संस्कृति को चुनौती देने के लिए!!
मैं पिछले साल दिसम्बर महीने से जुड़ा हुं गीता समागम में, अभी दुसरे अध्याय का अंतिम चरण पर चर्चा चल रही है तो अभी तक जितना जान पाया समझ पाया उसिको समेटने के लिए मेरी झोली कम पर रही है, मैं यही सोचकर परेशान हुं कि और सोलह अध्याय पर जब चर्चा होगी उसको मैं कहाँ समेटुंगा
संसार रेत की भाँति है, भगवान ने हमको हमसे ही अलग कर दिया है। जन्म जन्म तड़पते हुए आये थे, जब जीवन जीना मुश्किल हो गया तभी भगवान गुरु बन कर हमको हमसे ही मिलने के लिए हमारे समछ prgat हो गए
अब पता चला कि श्रीमद्भागवत गीता में श्राद्ध का वर्णन क्यों किया गया है धन्यवाद आचार्य जी ,🙏🙏🙏
जिस ढंग से आज गीता को समझा है, अनुभव बताने के लिए शब्द नहीं हैं कि कितना आनंद आया. सबसे अच्छा लगा अंत में दिया सुझाव जिसे आदेश समझा जाए तो ज़िन्दगी बफल जाए.
प्रणाम आचार्य जी! बहुत कुछ सीखने को मिलता है आप से।
Aachrya prasant operates himself on God mode . Your enlightenment is fantastic.