आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
कृष्ण के विरुद्ध खड़े होना मतलब सत्य के, आत्मा के विरुद्ध खड़े होना, धर्म और न्याय के विरुद्ध खड़े होना,जीवन सिर्फ उसका है जो कृष्णमय हो गया, जो कृष्ण के विरुद्ध है वो तो जीवन के ही विरुद्ध है।
आत्मा की बात करना आवश्यक क्यों है? इसलिए क्योंकि अहम यदि प्रकृति में ही फंसा रह जाता है तो जीवनभर दुःख पाता है। इसलिए आत्मा आवश्यक है। आत्मा सत्य हो न हो पर आवश्यक बहुत है। -आचार्य प्रशांत
आचार्य जी आपका वेदांत, गीता या अन्य ग्रन्थ, पुराण पर सरलता और सहजता से व्याख्या करना अत्यंत अद्भुत लगता है। आपकी समझाने की शैली बहुत ही स्पष्ट और शुद्ध होती है। हमें आप जैसा कोई चाहिए जो क्लिष्ट से क्लिष्ट श्लोकों को उनके शुद्धतम अर्थ एवं ज्ञान तक ले जाए। 🙏❤️🕉🚩
अभी तक सुना था कि श्रीमद्भगवद्गीता को जिसने समझ लिया उसने जीवन को समझ लिया....लेकिन हर जगह श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ के नाम पर भजन, हवन ,भोजन यही चलते देखा है... आम जिन्दगी में इसके श्लोकों को समझने की कोई जगह नहीं और न ही किसी को समझाने या समझने में कोई रुचि बल्कि बैठ कर सिर्फ ढोलक भोग और चढावे के साथ गाने की प्रक्रिया चलती रहती है.... आपने इन श्लोकों की इतनी जमीनी और व्यवहारिक व्याख्या की है जिसे सुन कर गीता की उपयोगिता जीवन के सन्दर्भ में दिखाई देती हैं, जैसे प्रतिपल हम सब अर्जुन जैसी चुनाव की ही स्थिति में जीते हैं और श्री कृष्ण सजग चेतना रूप में हमारे भीतर ही विद्यमान् हैं........🙏🙏
धर्म का उद्देश्य मात्र है- आत्मा। धर्म का उद्देश्य मात्र है- अहंकार से मुक्ति। अहंकार जब चलते-चलते आत्मा तक पहुँचता है तो मिट जाता है। तो इसीलिए धर्म को कहते हैं- धर्म माने मुक्ति। आत्मा को पाना या स्वयं से मुक्त हो जाना ये दोनों एक ही बात है। -आचार्य प्रशांत
गीता की इतनी सुन्दर व्याख्या.... कुछ कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे मुझे.... बचपन से हम तो बस इतना ही सुन और समझ पाये कि बस तू बस अपना कर्म किये जा... फल की इच्छा मत कर.. तू जैसा कर्म करेगा.. उसी के अनुसार तूझे फल मिलेगा... इससे ज्यादा ना कुछ जाने ना समझे... लेकिन आज आपकी व्याख्या सुनकर लगा... अमूल्य जीवन अध्यात्म के बिना व्यर्थ ही जा रहा था.. चलो देर आये दुरस्त आये.... जल्द ही आपके सानिध्य में हाजिर होने का प्रयास करता हूँ.... प्रणाम 🙏🙏
प्रणाम आचार्यजी🙏🙏 "धर्म कहता है अहम के लिए आत्मा के अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण नहीं है" जब आचार्यजी गीता का अर्थ समझाते है तब गीता का असली अर्थ समझ में आता है. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अध्यात्म आपके इस जन्म के लिए है। हा कृष्ण हमेशा रहेंगे अब तुमको अर्जुन की तरह ज्ञान लेना है या दुर्योधन की तरह उस ज्ञान से चूक जाना हैं। मन को बहुत ऊंचाई देने वाला व्याख्यान।। 🙏 आपको कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏
गीता को सही और शुद्धतम रूप में हम तक लाने के लिए एवं गीता के विभिन्न श्लोकों को हम तक व्यवहारिक रूप में स्पष्टीकरण के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार। प्रणाम आचार्य श्री। 🙏🕉🚩
नमस्कार आचार्य जी आपने जिसप्रकार तर्कों द्वारा हमें आध्यत्म की गहराई को समझाया वह वास्तव में अनमोल है ,हम इस तरह से कभी न सोच पाए थे और न ही कहीं पढ़ने सुनने में आया था -जो आपने शारीर और चेतना में स्पस्ट विभाजन करके जो सही लक्ष्य आपने सामने रखा सायद ही कभी जान पाता और जीवन भी बर्बाद कर लेता इसके लिए दिल से धन्यवाद लेकिन कुछ प्रश्न अभी भी शेष बच गएँ है यदि आप इसका उत्तर दे देते तो कृपा होता -- 1.पुनर्जन्म के बारे में आपने जो बताया की आत्मा का गमन नहीं होता है ,और जो मर जाता है वह पूर्णत खत्म हो जाता है ,जबकि हम पढ़े है की जो जिस चेतन अवस्था में मरता है अगला जन्म उसके आगे की चेतना का निर्धारण करता है और इसलिए ही व्यक्ति विशेष में अलग -अलग प्रतिभा होता है और उसी क्षेत्र में वह अपनी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है 2.क्या आत्मा एवं अहम् -क्रमश super ego और id का मामला नहीं है ? कोई सुपर पॉवर इस ब्रह्माण्ड को संचलित करने वाला है यह आप किस आधार पर कह सकते है ,क्या एसा नहीं है की ये जो कुछ भी है सभी मात्र संयोग मात्र है ? जय हिन्द
गुरूजी की व्याखानों की बात ही कुछ और है, प्रत्येक गूढ़ विषय को जमीनी शब्दों में सहज और सरल तरीके से हम तक ले आते हैं, सहृदय धन्यवाद गुरूजी मार्गदर्शन के लिए🙏
पूरे विश्व में वर्तमान में एकलौते आचार्य जी ही हैं जो मोहरहित शब्दों से सत्य का स्पष्ट प्रकटीकरण करते हुए मोहांधो की कुंठित बेड़ियाँ तोड़ने में सक्षम दिख रहे हैं 🥰🥰🙏🙏
Acharaya ji main aapko apni yaatra k dauran sun raha hu,, Meri yatra dhany ho gyi , ki aapne bhagwad Geeta pe video daali 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Aapko bahut bahut dhanyawad aur pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🥰🥰🥰🥰
प्रणाम आचार्य जी हमारी मानयता कंडीशनिंग और भ्रांतियां इतनी गहरी है की बार-बार वह हमारे समझने की शक्ति को क्षीण कर देते हैं और आपके यह वीडियो बार-बार सुनकर ही हमारे मन में सफाई होती है धन्यवाद आचार्य जी
🙏🙏🙏 प्रणाम आचार्य जी जैसे प्रतीक रूप से हमने माता रानी को अपना गुरु माना है उत्तराखंड में देव डोली द्वारा इस मुक्ति के मार्ग में हमें जाने में मदद करती है आप जैसों के द्वारा आप शरीर धारी कृष्ण हो और हम शरीर धारी अर्जुन |🙏🙏
सादर प्रेम हम सब अहंकार अर्थात व्यक्ति गत तल पर अलग अलग है, जैसे शरीर, रूप,रंग,आकार,प्रकार और जब व्यक्ति गत तल से अहमवृति तल पर फिर एक हो जाते है जैसे क्रोध और क्रोध में कोई अंतर नही,कारण अलग अलग हो सकते है लेकिन आपका क्रोध और मेरा मोह दोनो एक ही केंद्र से प्रकट हो रहे है अहमवृती के तल से इसीलिए हम सब वृति के तल पर एक है, फिर जब आगे बढ़ते है तो हम सब आत्मा के तल पर कुछ भी नही है न शरीर है, न मन है, न बुद्धि, है तो क्या है जो है सो है लेकिन आत्मा के तल पर हम सब कुछ भी नही है मार्ग दर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर को।
शिव शक्ती समावेश नमन इती संत ज्ञानेश्वर🙏 अमृतानुभव ग्रंथ,शिव शक्ती एकदम अनुरूप है, किंचित भेद है, हा शक्ती शिव के कान पीछे से आके आगे चली और तेज हो गयी,प्रकृती विस्तार 🙏 प्रणाम गुरुजी, है भी, नही भी 👌👌👌 कुछ भी नही 🙏
कृष्ण जो करे वो धर्म। अर्जुन को धर्म का पालन करना है और धर्म को कृष्ण का। जड़ और चेतन एक है। संसार सत्य की छाया हैं। विचार सूक्ष्म कर्म हैं। अज्ञात से प्रेम का नाम अध्यात्म है। समाधि का अर्थ जागृत सुसुप्ति।
Acharayaji he himself is within a divine.. He is Aware of Boudh n also He has experienced divine..He is very serious to teach the people to awake from Self Soul.. All other things are Maya(prakritik) .. And it will get destroyed after sometime n we are losing our life n time behind the things which is very soon going to get destroyed,, we are blind in this world,, I, e why shri krishn donated spiritual Eyes to Arjun at krukshetra to see the Brahmand Vishva Swaroop of Shri krishn.. This Saying is for Each n every one in the world 😇😇😇🌈🌈🌈💐💐💐💐
सार... संसार में रहते हुए... अपने सभी कर्तव्यों को करते हुए भी संसार से निर्लिप्त रहना ही आत्म/मुक्ति की तरफ जाना है... अनंत कोटि धन्यवाद सत्य की राह के मार्गदर्शक महोदय... 🙏
maine apke Gita samagam k 9 videos rakhe hai.. unko lgatar sunti hu aur smjhne ka paryas kr rahi hu....maine kai dafa Gita padh k smjhne ka paryas kiya but smjh ni pati thi thk se..apke videos ki vjah se m thoda smjh pa rahi hu. m khush hu ki m bhi Bhagvat gita ko smjh paungi is duniya ko alvida kahne se pahle
मुझे जीवन में कुछ बहुत अच्छा कार्य मिल गया है,जो सांसारिक जीवन से बहुत ज्यादा सार्थक मालूम होता है,,, वो है आचार्य जी को सुनना 😇😇😇 मेरी उम्र है 20 साल,, और जहां मेरी उम्र के लोगों को सोशल मीडिया प्रभावित कर रहा है,,वहीं मैं आचार्य जी से प्रभावित हुई हूं 😊😊😊geeta अध्याय 5,,, और मै बहुत ज्यादा अच्छा महसूस कर रही हूं की जीवन कोजैसा हम देखते हैं उस से इतना अलग भी हो सकता है😊😊,,, धन्यवाद आचार्य जी
कुछ है तुम्हारे जीवन में जो तुम्हें आत्मस्थ होने से रोकता है तो उसको त्याग दो, प्रकृति में जो कुछ भी है वो बिलकुल त्याज्य है अगर वो आपकी सहायता नहीं कर सकता और प्रकृति में जो कुछ भी वो शिरोधार्य है अगर वो आपकी सहायता कर सकता है।
तो क्या दुनिया मे जातातर दुरयोधन,और धृतराषठही है.और जो की अर्जून की तरह प्रकृती है उनके लिए आप कृष्ण की तरह भ्रम से निकलनेकेलिए बहुत बडीसेबडी कोशीश कर रहे है.आप पर श्री कृष्ण की कृष्ण कृपा बनी रहे.
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः। भागवत गीता में जिन श्लोकों का सबसे ज़्यादा दुरुपयोग हुआ है ये उनमें से एक श्लोक है। शस्त्र, अग्नि, जल, वायु ये प्रकृति में पाए जाते हैं इससे सिद्धांत क्या बना? कि आत्मा प्रकृति से परे हैं। इस श्लोक का मात्र इतना अर्थ है।
आचार्य जी ,प्रणाम 2 महीने पहले एक वीडियो स्क्रॉल लिस्ट में अटक गया बार बार देखा मानो कई सारे झटके एक साथ लग गए उसके बाद से तो बस मानो अब लगता है वो 2 माह पहले का 23 वर्ष का जीवन इधर है और बाकी का इधर कुछ समझ नहीं आता क्या किया अब तक मानो जन्म 2 माह पहले ही हुआ हो किसी गहरी नींद से ,जनमानस को गहरी से गहरी नींद से जगाने वाले आचार्य को शत शत नमन आपके पूरे दर्शन साहित्य का फैलाव इतना अधिक है सामान्य मनुष्य यदि कुछ प्रतिशत भी इससे परिचित हो जाए तो वास्तव में वो बोध प्राप्ति की ओर स्वत : अग्रसर हो जायेगा !
Krishna is now in Acharya s form in this world.. We all Arjuns should utilize this opportunity ...we should listen atleast this time or else no liberation for us.
नमस्ते भाइयों और बहनों, 🙏 हमारे सहयोग से किया गया प्रचार लाखों लोगों का जीवन बदल रहा है, कृपया करके आर्थिक योगदान दें। अगर आचार्य जी की वीडियो देखने वाले सभी लोग 100 रुपये भी दे तो 1 करोड़ हो गया क्योंकि लगभग 1 लाख लोग तो देखते ही है ज़्यादा से ज़्यादा तो समझो तो सही इस बात को मेरे दोस्त जनों। धन्यवाद
Acharya ji saradia and navrat ki pranam I am listening the most difficult topic Aatma and prakriti . you have described the same between the Aaham who came to your session to understand aatma and prakrti . But to reach at Satya is very difficult. however your version is unique in vedanta Namaskar.
आचार्य जी चरण स्पर्श।। मैं अपने भैया को समझा समझा के थक चुका हूं की आप किताबें पढ़े, आध्यात्म से जोड़े ये आपको हर क्षेत्र में सफलता के काबिल बनायेगा पर वह लाइफ को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं और बोलते हैं आध्यात्म से कुछ नही हो उन्हें कैसे समझाए।। जय श्री कृष्ण।।
आपके समय का क्या उपयोग होना चाहिए? आपको आत्मा की ओर ले जाए। आपके रुपये का क्या उपयोग होना चाहिए? आपको आत्मा तक ले जाए। आपकी रिश्तेदारी का क्या उपयोग होना चाहिए? आपको आत्मा तक ले जाए। -आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ हर महीने 30 लाइव सत्र
✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी
✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
मानो भारत में फिर से धर्म का सूर्योदय हुआ है 🙏
Right
❤
bikul sahi ❤
Bahut sahi baat. Bole aap ❤😊
कृष्ण के विरुद्ध खड़े होना मतलब सत्य के, आत्मा के विरुद्ध खड़े होना, धर्म और न्याय के विरुद्ध खड़े होना,जीवन सिर्फ उसका है जो कृष्णमय हो गया, जो कृष्ण के विरुद्ध है वो तो जीवन के ही विरुद्ध है।
❤❤❤
आत्मा की बात करना आवश्यक क्यों है?
इसलिए क्योंकि अहम यदि प्रकृति में ही फंसा रह जाता है तो जीवनभर दुःख पाता है।
इसलिए आत्मा आवश्यक है।
आत्मा सत्य हो न हो पर आवश्यक बहुत है।
-आचार्य प्रशांत
आचार्य जी आपका वेदांत, गीता या अन्य ग्रन्थ, पुराण पर सरलता और सहजता से व्याख्या करना अत्यंत अद्भुत लगता है। आपकी समझाने की शैली बहुत ही स्पष्ट और शुद्ध होती है। हमें आप जैसा कोई चाहिए जो क्लिष्ट से क्लिष्ट श्लोकों को उनके शुद्धतम अर्थ एवं ज्ञान तक ले जाए। 🙏❤️🕉🚩
अभी तक सुना था कि श्रीमद्भगवद्गीता को जिसने समझ लिया उसने जीवन को समझ लिया....लेकिन हर जगह श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ के नाम पर भजन, हवन ,भोजन यही चलते देखा है...
आम जिन्दगी में इसके श्लोकों को समझने की कोई जगह नहीं और न ही किसी को समझाने या समझने में कोई रुचि बल्कि बैठ कर सिर्फ ढोलक भोग और चढावे के साथ गाने की प्रक्रिया चलती रहती है....
आपने इन श्लोकों की इतनी जमीनी और व्यवहारिक व्याख्या की है जिसे सुन कर गीता की उपयोगिता जीवन के सन्दर्भ में दिखाई देती हैं, जैसे प्रतिपल हम सब अर्जुन जैसी चुनाव की ही स्थिति में जीते हैं और श्री कृष्ण सजग चेतना रूप में हमारे भीतर ही विद्यमान् हैं........🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
भगवद् गीता और भगवद् कथा दो अलग अलग हैं
धर्म का उद्देश्य मात्र है- आत्मा।
धर्म का उद्देश्य मात्र है- अहंकार से मुक्ति।
अहंकार जब चलते-चलते आत्मा तक पहुँचता है तो मिट जाता है।
तो इसीलिए धर्म को कहते हैं- धर्म माने मुक्ति।
आत्मा को पाना या स्वयं से मुक्त हो जाना ये दोनों एक ही बात है।
-आचार्य प्रशांत
गीता की इतनी सुन्दर व्याख्या.... कुछ कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे मुझे.... बचपन से हम तो बस इतना ही सुन और समझ पाये कि बस तू बस अपना कर्म किये जा... फल की इच्छा मत कर.. तू जैसा कर्म करेगा.. उसी के अनुसार तूझे फल मिलेगा... इससे ज्यादा ना कुछ जाने ना समझे... लेकिन आज आपकी व्याख्या सुनकर लगा... अमूल्य जीवन अध्यात्म के बिना व्यर्थ ही जा रहा था.. चलो देर आये दुरस्त आये.... जल्द ही आपके सानिध्य में हाजिर होने का प्रयास करता हूँ.... प्रणाम 🙏🙏
प्रणाम आचार्यजी🙏🙏
"धर्म कहता है अहम के लिए आत्मा के अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण नहीं है"
जब आचार्यजी गीता का अर्थ समझाते है तब गीता का असली अर्थ समझ में आता है.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अहम के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण आत्मा है और कुछ नही यही धर्म है अर्जुन।🍁❤🌿
अर्जुन मन है,श्री कृष्ण आत्मा।
atma dhar ke uspar ka hai or prakritik isidhar ka hai
अध्यात्म आपके इस जन्म के लिए है। हा कृष्ण हमेशा रहेंगे अब तुमको अर्जुन की तरह ज्ञान लेना है या दुर्योधन की तरह उस ज्ञान से चूक जाना हैं। मन को बहुत ऊंचाई देने वाला व्याख्यान।। 🙏
आपको कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏
अपनी मुक्ती और संसार का कल्याण 🪔
गीता को सही और शुद्धतम रूप में हम तक लाने के लिए एवं गीता के विभिन्न श्लोकों को हम तक व्यवहारिक रूप में स्पष्टीकरण के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार। प्रणाम आचार्य श्री। 🙏🕉🚩
😊
अंधाकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए कोटि कोटि प्रणाम ऐसे व्याख्या गीता की पहले न सुनी न समझी
ग्रंथ एक ही होता है,जो जैसा होता है वो वैसा व्याख्या कर लेता है, आचार्य जी की नजर जिन जिन ग्रंथो पर पड़ेगी,उसका असली/मूल तत्व सबके सामने आएगा 🙏🙏🙏
Acharya JEE pranam love you 🙏❤️
‘दुनिया’ पेट्रोलपंप है , उससे ईंधन लेना है और ‘मंजिल’ की ओर आगे बढ़ते जाना है ।🙏
श्रीमद्भगवदगीता को आपके मुख से सुनना मन को आनंदित कर देता है गुरुदेव। 🙏🙏
आपके मुख से गीता सुनकर हम और चैतन्य होते जा रहे हैं। आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। 🙏🙏
नमस्कार आचार्य जी
आपने जिसप्रकार तर्कों द्वारा हमें आध्यत्म की गहराई को समझाया
वह वास्तव में अनमोल है ,हम इस तरह से कभी न सोच पाए थे और न ही
कहीं पढ़ने सुनने में आया था -जो आपने शारीर और चेतना में स्पस्ट विभाजन
करके जो सही लक्ष्य आपने सामने रखा सायद ही कभी जान पाता और जीवन
भी बर्बाद कर लेता इसके लिए दिल से धन्यवाद
लेकिन कुछ प्रश्न अभी भी शेष बच गएँ है यदि आप इसका उत्तर दे देते तो कृपा होता --
1.पुनर्जन्म के बारे में आपने जो बताया की आत्मा का गमन नहीं होता है ,और जो मर जाता
है वह पूर्णत खत्म हो जाता है ,जबकि हम पढ़े है की जो जिस चेतन अवस्था में मरता है
अगला जन्म उसके आगे की चेतना का निर्धारण करता है और इसलिए ही व्यक्ति विशेष
में अलग -अलग प्रतिभा होता है और उसी क्षेत्र में वह अपनी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है
2.क्या आत्मा एवं अहम् -क्रमश super ego और id का मामला नहीं है ?
कोई सुपर पॉवर इस ब्रह्माण्ड को संचलित करने वाला है यह आप किस
आधार पर कह सकते है ,क्या एसा नहीं है की ये जो कुछ भी है सभी मात्र संयोग मात्र है ?
जय हिन्द
आचार्य जी प्रणाम आपकी बाते पुर्व की सारी मान्यताओ को समाप्त कर देती हैं |लेकिन हतम नहीं होती | इसलिए बार बार सुनना पड़ता हैं|
गुरूजी की व्याखानों की बात ही कुछ और है, प्रत्येक गूढ़ विषय को जमीनी शब्दों में सहज और सरल तरीके से हम तक ले आते हैं, सहृदय धन्यवाद गुरूजी मार्गदर्शन के लिए🙏
🙏 aacharya jii har school college mai ek teacher aap jesa ho jay tou har kisi ka jeevan safal ho jay
पूरे विश्व में वर्तमान में एकलौते आचार्य जी ही हैं जो मोहरहित शब्दों से सत्य का स्पष्ट प्रकटीकरण करते हुए मोहांधो की कुंठित बेड़ियाँ तोड़ने में सक्षम दिख रहे हैं 🥰🥰🙏🙏
"आचार्य जी" इस युग के"शंकर आचार्य" हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आत्मा की तरफ बढ़ना ही धर्म हैं 😊
Acharaya ji main aapko apni yaatra k dauran sun raha hu,,
Meri yatra dhany ho gyi , ki aapne bhagwad Geeta pe video daali 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aapko bahut bahut dhanyawad aur pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🥰🥰🥰🥰
कुछ ऐसा होना चाहिए अपने पास भी , शस्त्र जिसे काट नहीं सकता और आग जिसे जला नहीं सकता।🙏🏾❤️
प्रणाम आचार्य जी हमारी मानयता कंडीशनिंग और भ्रांतियां इतनी गहरी है की बार-बार वह हमारे समझने की शक्ति को क्षीण कर देते हैं और आपके यह वीडियो बार-बार सुनकर ही हमारे मन में सफाई होती है धन्यवाद आचार्य जी
युद्ध बुरा है ,पर युद्ध से भी ज्यादा बुरा है कि दुर्योधन राजा बन जाएगा।🙏🏾
पूरा ही अंधकार मिटा दिया आपने dear dear sir♥️♥️♥️♥️♥️
अब तक कीसबसे स्पष्ट व्याख्या
प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏
ये गीता शृंखला कभी ख़त्म ना होने पाए । इसमें ही हमारे प्राण बसते हैं । 🙏🙏
आत्ममस्त वही जो जीवन का संबंध ऐसा रखे जैसे गाड़ी और पेट्रोलपंप का, बाकी सब राम भरोसे।✨
आचार्या जी को प्रणाम 🙏🙏
जो समझ गए उनके लिए ये ज्ञान अमृत है।
नमन है गुरुवर🙏🙏
🙏🙏🙏 प्रणाम आचार्य जी जैसे प्रतीक रूप से हमने माता रानी को अपना गुरु माना है
उत्तराखंड में देव डोली द्वारा इस मुक्ति के मार्ग में हमें जाने में मदद करती है आप जैसों के द्वारा आप शरीर धारी कृष्ण हो और हम शरीर धारी अर्जुन |🙏🙏
आंख खुली है फिर भी सो रहे हैं, "राम के भरोसे",धन्यवाद आचार्य जी इतना महान ज्ञान देने के लिए🙏 love you acharya ji❤️
अध्यात्म व्यक्तिगत जीवन / व्यक्तिगत अहंकार को लाभ देने के लिए है। मन विचारों के अतिरिक्त कुछ नहीं है। मन भी भौतिक ही है।
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏
Acharya ji Demag sunn kar diya aapne mera , Aisa Geeta ka arth maine aaj tak nahi suna
इतनी स्पष्टता से आज ही समझ में आया। जबकि इतने समय से गीता पढ़ रहे थे और बहुत ही महान लोगों की टीका भी पढ़ी पर समझ में आज आया 🙏
बस आपकी कृपा बनी रहे 🙏
प्रणाम आचार्य जी आपने उत्तम एवं उत्कृष्ट प्रसंग को सरल बिधि से समझाकर सर्ब हितकारी समाधान समझाया हैं बहुत बहुत आभार धन्यवाद
अहं प्रकृति मे दुःखी है इसीलिये आत्मा चाहिए
सादर प्रेम
हम सब अहंकार अर्थात व्यक्ति गत तल पर अलग अलग है, जैसे शरीर, रूप,रंग,आकार,प्रकार और जब व्यक्ति गत तल से अहमवृति तल पर फिर एक हो जाते है जैसे क्रोध और क्रोध में कोई अंतर नही,कारण अलग अलग हो सकते है लेकिन आपका क्रोध और मेरा मोह दोनो एक ही केंद्र से प्रकट हो रहे है अहमवृती के तल से इसीलिए हम सब वृति के तल पर एक है, फिर जब आगे बढ़ते है तो हम सब आत्मा के तल पर कुछ भी नही है न शरीर है, न मन है, न बुद्धि, है तो क्या है जो है सो है लेकिन आत्मा के तल पर हम सब कुछ भी नही है
मार्ग दर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर को।
आचार्य जी ने शून्यता के दर्शन करवा दिये। हमको किस भाव रहना है ये हमको समझा दिया।
अहम या मन और आत्मा पर ऐसी स्पष्टता अद्वितीय है..कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏
Very clear explanation
गीता का इतना गहरा और सरल अर्थ ,बस आचार्यजी ही समझा रहे हैं।
में खुद भी गीता 3 साल से पढ़ रहा था पर आचार्य जी ने बहुत सटीक अर्थ के साथ समझाया 🙏🙏🙏🙏
समझदारी के प्रति सो जाना ही अध्यात्म हैं।बहुत सुंदर बात।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
श्रीमद्भगवद्गीता का *इतना गहरा, साफ और सुनदर* अर्थ, आपने बताया *आचार्य जी* ।🙏🙏
संदीप महेश्वरी जी के साथ आचार्य जी का एक session का बहुत ही बेसब्री से इंतज़ार है।
🙏🙏🤩🤩
Aachary parsant ji Geeta ko intne ache trike se samjhane k liye tks❤
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन पांच मा गीता काअधधाय आप के द्वारा सुना बहुत बहुत अच्छा लगा इतने सुन्दर ढंग से समझाते हैं धन्यवाद मेरा ❤️🙏🙏
गुरु जी भ्रम दूर कर देते हैं वेदांत दर्शन का ज्ञान देकर
चरण स्पर्श गुरु जी
शिव शक्ती समावेश नमन इती संत ज्ञानेश्वर🙏 अमृतानुभव ग्रंथ,शिव शक्ती एकदम अनुरूप है, किंचित भेद है, हा शक्ती शिव के कान पीछे से आके आगे चली और तेज हो गयी,प्रकृती विस्तार 🙏 प्रणाम गुरुजी, है भी, नही भी 👌👌👌 कुछ भी नही 🙏
आपने शंका दूर कर दी
युद्ध बुरा है पर उससे भी ज्यादा बुरा है कि दुर्योधन राजा बन जाए
आचार्य प्रशांत
एकदम साफ साफ समझाए है मूल बात को एक ही वीडियो में पूरे गीता के सार को
शानदार जबरदस्त
कृष्ण जो करे वो धर्म। अर्जुन को धर्म का पालन करना है और धर्म को कृष्ण का। जड़ और चेतन एक है। संसार सत्य की छाया हैं। विचार सूक्ष्म कर्म हैं। अज्ञात से प्रेम का नाम अध्यात्म है। समाधि का अर्थ जागृत सुसुप्ति।
बहुत ही अद्भुत व्याख्यान। कोटि कोटि धन्यवाद गुरुदेव। 🙏🙏
गीता का सारा है आत्मा। जो आत्मा को नहीं जानता, वो सनातनी नहीं हो सकता। 💯
Dhanya hai acharyaji k Mata pita jinhone aisi santan ko janm diya 🙏🏻
Acharayaji he himself is within a divine.. He is Aware of Boudh n also He has experienced divine..He is very serious to teach the people to awake from Self Soul.. All other things are Maya(prakritik) .. And it will get destroyed after sometime n we are losing our life n time behind the things which is very soon going to get destroyed,, we are blind in this world,, I, e why shri krishn donated spiritual Eyes to Arjun at krukshetra to see the Brahmand Vishva Swaroop of Shri krishn.. This Saying is for Each n every one in the world 😇😇😇🌈🌈🌈💐💐💐💐
सार...
संसार में रहते हुए... अपने सभी कर्तव्यों को करते हुए भी संसार से निर्लिप्त रहना ही आत्म/मुक्ति की तरफ जाना है...
अनंत कोटि धन्यवाद सत्य की राह के मार्गदर्शक महोदय...
🙏
बहुत ही जबरदस्त!!! गीता को बिलकुल जमीन पे उतार दीया। ❤️🙏
I never had such a clarity. Thank you Acharya ji for giving this clarity 🙏❤️
Aatma satya ho naa ho... Avashyak zarur hai !! Very enlightening 💯💯
इतना महत्वपूर्ण ग्यान सरलतासे समझाया है,आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
maine apke Gita samagam k 9 videos rakhe hai.. unko lgatar sunti hu aur smjhne ka paryas kr rahi hu....maine kai dafa Gita padh k smjhne ka paryas kiya but smjh ni pati thi thk se..apke videos ki vjah se m thoda smjh pa rahi hu. m khush hu ki m bhi Bhagvat gita ko smjh paungi is duniya ko alvida kahne se pahle
मुझे जीवन में कुछ बहुत अच्छा कार्य मिल गया है,जो सांसारिक जीवन से बहुत ज्यादा सार्थक मालूम होता है,,, वो है आचार्य जी को सुनना 😇😇😇 मेरी उम्र है 20 साल,, और जहां मेरी उम्र के लोगों को सोशल मीडिया प्रभावित कर रहा है,,वहीं मैं आचार्य जी से प्रभावित हुई हूं 😊😊😊geeta अध्याय 5,,, और मै बहुत ज्यादा अच्छा महसूस कर रही हूं की जीवन कोजैसा हम देखते हैं उस से इतना अलग भी हो सकता है😊😊,,, धन्यवाद आचार्य जी
कुछ है तुम्हारे जीवन में जो तुम्हें आत्मस्थ होने से रोकता है तो उसको त्याग दो, प्रकृति में जो कुछ भी है वो बिलकुल त्याज्य है अगर वो आपकी सहायता नहीं कर सकता और प्रकृति में जो कुछ भी वो शिरोधार्य है अगर वो आपकी सहायता कर सकता है।
आचार्य जी को कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🙏
सभी को भगवद गीता पढ़नी चाहिए।
Acharyaji is the true lover of mankind .he is blessed and fortunate to understand such true knowledge..!!!.bless us the same .. 🙏🙏🙏🙏
आप नए युग के ओशो हे जो लोगो का मार्गदर्शन कर रहे हो ,
Sir ji aap great ho, mujhe app ki baat samaj aa rahi hai 😊
आत्मा के टुकड़े नहीं हो सकते है मतलब सबकी आत्मा एक ही है।
इतनी स्पष्टता से किसी ने नहीं समझाया श्रीमद्भागवत गीता को 🙏🙏🙏🙏
तो क्या दुनिया मे जातातर दुरयोधन,और धृतराषठही है.और जो की अर्जून की तरह प्रकृती है उनके लिए आप कृष्ण की तरह भ्रम से निकलनेकेलिए बहुत बडीसेबडी कोशीश कर रहे है.आप पर श्री कृष्ण की कृष्ण कृपा बनी रहे.
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।
भागवत गीता में जिन श्लोकों का सबसे ज़्यादा दुरुपयोग हुआ है ये उनमें से एक श्लोक है।
शस्त्र, अग्नि, जल, वायु ये प्रकृति में पाए जाते हैं इससे सिद्धांत क्या बना?
कि आत्मा प्रकृति से परे हैं।
इस श्लोक का मात्र इतना अर्थ है।
आचार्य जी ,प्रणाम
2 महीने पहले एक वीडियो स्क्रॉल लिस्ट में अटक गया बार बार देखा मानो कई सारे झटके एक साथ लग गए उसके बाद से तो बस मानो अब लगता है वो 2 माह पहले का 23 वर्ष का जीवन इधर है और बाकी का इधर कुछ समझ नहीं आता क्या किया अब तक मानो जन्म 2 माह पहले ही हुआ हो किसी गहरी नींद से ,जनमानस को गहरी से गहरी नींद से जगाने वाले आचार्य को शत शत नमन आपके पूरे दर्शन साहित्य का फैलाव इतना अधिक है सामान्य मनुष्य यदि कुछ प्रतिशत भी इससे परिचित हो जाए तो वास्तव में वो बोध प्राप्ति की ओर स्वत : अग्रसर हो जायेगा !
Krishna is now in Acharya s form in this world.. We all Arjuns should utilize this opportunity ...we should listen atleast this time or else no liberation for us.
Acharya ji apne sabhi bhram door kar diye🙏 behoshi me ji rhe the aap ko sun kar hosh aaya hai
अज्ञात से जिसको डर लगता हो उसके लिए नहीं है अध्यात्म
अज्ञात की गोद में जो सो सकता हो छोटे बच्चे की तरह, उसके लिए है अध्यात्म
🙏 acharya ji, atma se aham ka milna aj samjh aaya bohot saari baate spast huyi apko koti koti dhanyawad 🙏
गूढ़ तात्विक अर्थो से साक्षात्कार बेहतर है इसे हम व्यवहारिक जीवन में सिद्ध करें 🇮🇳🙏🌷👏✌👌😊
आचार्य जी के श्रीे चरणों में मुझ दास का प्रणाम। 👏👏 आपके ज्ञान रूपी प्रकाश से हम प्रकाशित हो जाए हमारा सौभाग्य होगा।
Itna gahra gyan parbhu aap he de sakte hai mai har subha aapki video dekhta hu aur mera din kaisa bhi jaye koi dukh nahe hota 🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤
Adbhut Gyan, etni Divya aur spast vyakhya Gita ka kisi se bhi nhi shuna, thank you sir...
आचार्य जी❤🌟
माया के वायरस से बचाने के लिए आज आचार्य जी ने गीता के वैक्सीन की पचवी डोज लगा दी । धन्यवाद आचार्य जी
कृष्ण महाभारत में जीने का तरीका सिखा रहे हैं।
कुछ है तुम्हारे जीवन में जो आत्मस्थ होने से रोकता है तो उसे त्याग दो।
-आचार्य प्रशांत
नमन आचार्य जी🙏,,, #राम_भरोसे होकर जीना हमारी नियत पर निर्भर करता है ये समझ आने लगा है
नमस्ते भाइयों और बहनों, 🙏
हमारे सहयोग से किया गया प्रचार लाखों लोगों का जीवन बदल रहा है, कृपया करके आर्थिक योगदान दें। अगर आचार्य जी की वीडियो देखने वाले सभी लोग 100 रुपये भी दे तो 1 करोड़ हो गया क्योंकि लगभग 1 लाख लोग तो देखते ही है ज़्यादा से ज़्यादा तो समझो तो सही इस बात को मेरे दोस्त जनों।
धन्यवाद
मैं 500 रुपये हर महिना देना चाहुंगी 🙏🙏
Acharya ji saradia and navrat ki pranam
I am listening the most difficult topic Aatma and prakriti . you have described the same between the Aaham who came to your session to understand aatma and prakrti . But to reach at Satya is very difficult. however your version is unique in vedanta
Namaskar.
Bahut sundar Vachan hai guru ji 🙏
आचार्य जी चरण स्पर्श।।
मैं अपने भैया को समझा समझा के थक चुका हूं की आप किताबें पढ़े, आध्यात्म से जोड़े ये आपको हर क्षेत्र में सफलता के काबिल बनायेगा पर वह लाइफ को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं और बोलते हैं आध्यात्म से कुछ नही हो उन्हें कैसे समझाए।। जय श्री कृष्ण।।
आपके समय का क्या उपयोग होना चाहिए?
आपको आत्मा की ओर ले जाए।
आपके रुपये का क्या उपयोग होना चाहिए?
आपको आत्मा तक ले जाए।
आपकी रिश्तेदारी का क्या उपयोग होना चाहिए?
आपको आत्मा तक ले जाए।
-आचार्य प्रशांत
कबीर सब ने लिखा मां मर ना माया मरी
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी को मेरा कोटि कोटि नमन बस आप की कृपा असे ही प्राप्त होती रहें ज्ञान समझने के लिए धन्यवाद मेरा शत् शत् नमन ❤️🙏🙏
तुम ये देखो ना कि सही क्या है, सही आत्मा है, सत्य है🙏
A very beautiful session. Acharya ji's words have penetrative quality, they directly touch the core of my heart. Gratitude 🙏😇
🙏🙏🙏आत्मा ही सत्य है।🙏🙏🙏