"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ हर महीने 5 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
जो तु चाहे मुक्ति को, छोड़ सकल की आस। मुक्त जैसा हो रहे, सब कुछ तेरे पास।। दौड़त दौड़त दौड़िया, जेति मन की दौड़। दौड़ी थके मन धिर भया, वस्तु ठौर की ठौर।।
🍁आचार्य प्रशांत संग श्रीमद्भगक्ट्रीता🍁 जा मुझसे दूर जितना जाएगा टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा (अध्याय 4, श्लोक 7)
"जब धर्म है तब तो सत्य है ही परंतु जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है।" "जब धर्म है तब सत्य शांत,स्निग्ध,मौन रूप में है। और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक और विध्वंसात्मक रूप में है , दोनों ही दशाओं में है तो सत्य ही।" या तो अपनी समझदारी से मान लो कि वो है नहीं तो उसका थप्पड़ खा कर मानो। - आचार्य जी।🌿
अधर्म बच जाता है जब अधर्म छुपा रहता है। अधर्म बच जाता है जब अधर्म धर्म का नाम ले लेता है। आज अधर्म धर्म का नाम लेकर छुपी हुई है । प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾❤️❤️❤️
समाज में जब जब अधर्म फैलेगा तो कोई न कोई ऐसा होगा जिसमें कृष्णत्व उदित होगा ही होगा , कोई न कोई ऐसा होगा,जिसका अंहकार टूटेगा , और कोई न कोई ऐसा होगा ही जिसकी समझ जग जायेगी,
तथ्य सत्य का द्वार है , जिसने अधर्म को देख लिया हो, वह ही कृष्णत्व का वाहक और वाहन बन जाता है , उसके भीतर से ही एकदम नयी,अनूठी और अनोखी उर्जा फूट रही है,
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा। यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
जब धर्म की हानि होती है तब धर्म की रक्षा करने के लिए किसी न किसी के अंदर कृष्णत्व का जन्म होता है। और आज के समय में वो कृष्णत्व आपके अंदर है आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
(श्रीमद्भागवत गीता) ~श्री कृष्ण मात्र सत्य है - यह युद्ध तुम मेरे लिए कर रहे हों अर्जुन अपने लिया नहीं तुम सत्य के लिए धर्म के लिए कर रहे हों अपने लिए नहीं, य़ह है [निष्काम कर्म योग] अपने आप को जिताने से कहीं बेहतर है सच्चाई को जीतना l ~श्रीमद्भागवत गीता~
अहम चाहता है कि मैं आत्मा के समान अनंत हो जाऊ लेकिन जब वह फुलता है तो सोचता है कि मैं अनंत हो रहा हूँ लेकिन वह नहीं जानता है कि वह अनंत नही हो रहा है उसका अंत हो रहा है जब तक अहम का अंत होता है तभी वह आत्मा के समान होता है।
🏃🏼♂️😩🤕😞😵💯🔥जा मुझसे दूर जितना जाएगा, टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को, तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा (आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ) भगवद् गीता - 4.7
अहम् की दुर्दशा जितनी बढ़ती जाती है उसको उतना ही नशा दिया जाता है, ताकि उसे अपनी दुर्दशा पता ही न चले, और जब दुर्दशा पता नहीं चलती तो वह कराहता नहीं पुकारता नहीं, और जब वह पुकारता नहीं तो कृष्ण आते नहीं,
गीता भीतर से वह मुक्त करती है वृत्ति से और बाहर से मुक्त करती है संस्कृति से जब आप मुक्त हो जाते हो तब आप जगत और प्रकृति के लिए {निष्काम कर्म } हो जाते हो l ~आचार्य प्रशांत
हमने श्री कृष्ण को सिर्फ बांसुरी बजाने वाले ,माखन खाने वाले और गोपियों के साथ रासलीला करने वाला बना दिया है क्योंकि इसमें अहंकार को सुविधा मिलती है, कृष्ण वो है जिन्होने धर्म युद्ध कराया, कृष्ण वो है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है ,कृष्ण वो है जो हमे सही काम के लिए प्रेरित करते है 🙏🙏
जब धर्म है तब सत्य है ही लेकिन जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है, जब धर्म है तो सत्य अपने शांत, संदिग्ध और मौन रुप में है, और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक,विध्वासंक रुप में है , दोनो ही दशाओं में है तो सत्य ही,
आपके दिल में एक मोमबत्ती है, जो जलने के लिए तैयार है। आपकी आत्मा में एक शून्य है, जो भरने के लिए तैयार है। आप इसे महसूस करते हैं, है ना?” आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼🕊️
श्री कृष्ण बाहर नहीं है कहीं वो हमारे अंदर ही है, जिसने ये जान लिया उसके लिए हो ही नहीं सकता कि वह अपनी उच्चतम सम्भावना की तरफ़ ना बढ़ पाए,दूसरों के प्रति करुणा ना आए 🙏🙏🙏🙏
ये मुफ्त की रोटी मेहेंगी पड़ेगी मेरे देश को किसी के भीख देने से मेरा घर नहीं चला मेरी नौकरी, मेरी डिग्री , मेरी काबिलियत मेरे बक्से में है ये बेरोजगारी मेरी मौत का फंदा हो चला ये नौजवानों को खुदकुशी करता नहीं देख पा रहा किसी ने मेरे देश का गला घोट दिया या मेरा देश अंधा हो चला
"अहम का होना ही अहम के लिए दण्ड है।" अहंकार बढ़ते ही बढ़ता रहना चाहता है ताकि वो किसी तरह से अपने नकली नाम को सार्थक कर सके । उसको आत्मा जैसा विराट बनना है । " अहम आत्मा हो सकता है मिट करके ", "परंतु उसे आत्मा होना है फैल कर के।" अहम जितना ज्यादा बढ़ रहा है उसका दुःख भी बढ़ता जा रहा है।
🪔 जैसे रोशनी के सामने अंधेरे का होना वर्जित होता है , वैसे ही सच्चाई के सामने झूठ का होना वर्जित होता है । 🪔 आप रोशनी के सामने अंधेरे को तुलना के लिए भी नहीं ला सकते । 🪔 एक है तो दूसरा बिल्कुल नहीं , दूसरे का होना बिल्कुल वर्जित हो जाता है ।
I follow Mr acharya Prashant since 3 years on utube. I do not know what is truth and how it is but after hearing acharya Prashant I understand that before finding the truth a man can find the ugliness in his own mind that suffer him and try to reduce the ugliness. I follow this process since 3 years and my life is much better better than previous 3 years from the prospective of understanding the ugliness. Thanks a lot to the warrior.
"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ हर महीने 5 लाइव सत्र
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✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
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🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya ji ke charno me koti koti naman
🙏🏼🌷❤
🙏🙏🙏🙏
What an awareness❤🙏🏼Vande Bharatam 🌷🌷🌷🌷🌷🇮🇳🙏🏼
Hum bhot anadi log h bhot kuch sikhna h abhi apse acharya ji 🙏
Pranam Acharya Ji ! Hum sab k jeevan ko prakash se bharne k liyea bohot bohot dhanyawad. 🙏
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ❤
प्रणाम आचार्य जी!
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
नियम है की अहम हो नही सकता , उसका दंड है अहम का होना| जितना ज्यादा उतना ज्यादा दंड
गीता को जाने बिना तुम, कैसे पाओगे आत्मा
कृष्णत्व से होगा मिलन, बस अहम् का करते रहों खात्मा... 🙏
Ab Gita ka raaj hogi....🙏🙏🙏🙏🙏
हमारे आचार्य जी की आवाज अब हर घर घर में गूंजेगी बहुत सुकून मिलता हैं ये देखकर 💯🙏❤️
Aabhar bahut bahut Abhar
Kaas Pehle Mile Hote Acharya Prashant Ji🙏
जो तुम चाहते हो वो तुम्हे मिल तो जायेगा, मगर तुम्हारे तरीके से नही ❤❤🙏🙏
नमन आचार्य जी 💖💖🙏🏻🙏🏻🌼🌼
Namaste 🙏 Acharya ji
जेसे आप हमें जगाने का काम कर रहे हैं
शत शत नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏❤️
Jay Shree Krishna 🙏❤️ Dear Sir 🙏❤️
धन्यवाद acharya ji ❤❤
अहम बढ़ाकर अनंत नही अंत होता है ,आत्मा हो जायेगे अनंत होकर नही अंत होकर
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
कृष्णा भगवान जी को धन्यवाद आई लव आई
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
जो खुद से लड़ने की हिम्मत रखता हो कृष्ण उसके साथ हैं ।
~आचार्य प्रशांत
जो तु चाहे मुक्ति को, छोड़ सकल की आस।
मुक्त जैसा हो रहे, सब कुछ तेरे पास।।
दौड़त दौड़त दौड़िया, जेति मन की दौड़।
दौड़ी थके मन धिर भया, वस्तु ठौर की ठौर।।
अंधकार में अज्ञान में, अंहकार में मति भ्रष्ट हैं,
कल उन्हें क्या कष्ट हो, वो आज ही जब नष्ट हो।
बहुत सुंदर विवेचन ❤
जो तुम(अहम्) चाहते हो, तुम्हें मिल जाएगा। पर वेसे नहीं, जैसे तुम चाहते हो। फूलकर नहीं, मिटकर मिलेगा (विगलन)। 🙏🏻🪔
जैसे रोशनी के सामने अंधेरे का होना वर्जित होता है , वैसे ही सच्चाई के सामने झूठ का होना वर्जित होता है। 🌞
आचार्य जी संग गीतासत्र में जुड़ने के बाद अब लोगों में कृष्णत्व के जन्म की सम्भावना उपजने लगी है। और ये शुभता आचार्य जी की ही देन है।🙏
This is one of the best videos of Geeta ❤❤
मद अभिमान न कीजिए,
कहें कबीर समुझाय।
जा सिर अहं जो संचरे,
पड़े चौरासी जाय ।।
~संत कबीर
🍁आचार्य प्रशांत संग श्रीमद्भगक्ट्रीता🍁
जा मुझसे दूर जितना जाएगा
टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा
मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को
तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा
(अध्याय 4, श्लोक 7)
Pranam acharya ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अहम कभी भी अनंत नही हो सकता है मगर अहम चाहता है अनंत होना।
Let this system fail and let acharya ji our ruler..we all the beings will put step on heaven in live body . 🙏 ..our king acharya prashant ❤
जो व्यक्ति चुनौती और संघर्ष स्वीकारता है। उसी की मुक्ति की संभावना अधिक है।
"जब धर्म है तब तो सत्य है ही परंतु जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है।"
"जब धर्म है तब सत्य शांत,स्निग्ध,मौन रूप में है।
और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक और विध्वंसात्मक रूप में है , दोनों ही दशाओं में है तो सत्य ही।"
या तो अपनी समझदारी से मान लो कि वो है नहीं तो उसका थप्पड़ खा कर मानो।
- आचार्य जी।🌿
अहम् अपने दुख में डूबा ही रह गया, ये पाप है।
अहम् दुख से मुक्त हो गया, यही पुण्य है।
~~Acharya ji 🙏🏻🙏🏻♥️♥️
अधर्म बच जाता है जब अधर्म छुपा रहता है। अधर्म बच जाता है जब अधर्म धर्म का नाम ले लेता है। आज अधर्म धर्म का नाम लेकर छुपी हुई है ।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾❤️❤️❤️
Parnam Acharya ji.
Good morning acharya ji
कृष्ण हमारे ही भीतर जन्म लेंगे, जब अहंकार कटेगें, मिटाएंगे।
आपका एक एक शब्द जागरूकता लाता हैं और स्वयं को बदलणे के लिये प्रेरित करता हैं.. 💯❤
समाज में जब जब अधर्म फैलेगा तो कोई न कोई ऐसा होगा जिसमें कृष्णत्व उदित होगा ही होगा ,
कोई न कोई ऐसा होगा,जिसका अंहकार टूटेगा ,
और कोई न कोई ऐसा होगा ही जिसकी समझ जग जायेगी,
Jay shree krishna sabko ji 🤗
तथ्य सत्य का द्वार है , जिसने अधर्म को देख लिया हो,
वह ही कृष्णत्व का वाहक और वाहन बन जाता है ,
उसके भीतर से ही एकदम नयी,अनूठी और अनोखी उर्जा फूट रही है,
जब धर्म की हानि स्पष्ट हो तब कृष्ण का प्रदुर्भाव होता है
🍀"धर्म का अर्थ यही थोड़े होता है कि हम आप आनंद से रहें , दुनिया के बाकी सब प्राणी जो हमसे अलग हैं वो भी आनंद से रहें ये भी तो धर्म की ही बात है ना। "
Sir good morning
One of my favorite video
Ek ek shabd Geeta ka Gyan lagta Hai, mere sochne ka v tarika kafi badal gya h, pr kisi aur ko apko sunne ko kahti hoon to koyi sunta hi nahi,
मेरे अंदर बदलाव maine देखा और यही कोशिस मै दुसरो पर भी करूंगी 🙏 आचार्य जी
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏
सराहना दिल से, हस्तक्षेप दिमाग से और समीक्षा विवेक से करने में ही समझदारी है अन्यथा मौन ही उत्तम है ।
🙏🌹प्रणाम जी🌹🙏
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
अहम आत्मा के समान अनंत होना चाहता है पर वह जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाता है वह अनंत नहीं होता है उसका अंत हो जाता है...🙏
वाह वाह वाह बहोत बहोत धन्यवाद 🙏🙏
जब धर्म है तो सत्य है,, सत्य है तो धर्म है जय श्री राम श्री कृष्ण जय जय जय श्री राम जय हिन्द जय भारत जय श्री राधे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जय जै जै श्री राम 🙏🙏🙏❤️❤️
जब धर्म की हानि होती है तब धर्म की रक्षा करने के लिए किसी न किसी के अंदर कृष्णत्व का जन्म होता है।
और आज के समय में वो कृष्णत्व आपके अंदर है आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice explanation ❤😊😊🙏🙏🙏🙏 Krishna toh hamare vitar se hin Aayenge....😊😊
(श्रीमद्भागवत गीता) ~श्री कृष्ण मात्र सत्य है - यह युद्ध तुम मेरे लिए कर रहे हों अर्जुन अपने लिया नहीं तुम सत्य के लिए धर्म के लिए कर रहे हों अपने लिए नहीं, य़ह है
[निष्काम कर्म योग] अपने आप को जिताने से कहीं बेहतर है सच्चाई को जीतना l
~श्रीमद्भागवत गीता~
अहम चाहता है कि मैं आत्मा के समान अनंत हो जाऊ लेकिन जब वह फुलता है तो सोचता है कि मैं अनंत हो रहा हूँ लेकिन वह नहीं जानता है कि वह अनंत नही हो रहा है उसका अंत हो रहा है जब तक अहम का अंत होता है तभी वह आत्मा के समान होता है।
जो तुम चाहते हो वो तुम्हें मिल तो जाएगा, मगर तुम्हारे तरीके से नहीं,🙏🏼
चूंकि नियम तोड़ने की सजा मिलती है, इसलिए अहम् को सजा मिलती है, अहम् जितना ज्यादा होगा उतना ही वह दर्द में होगा,
उसकी हस्ती ही उसका दण्ड हैं,
🏃🏼♂️😩🤕😞😵💯🔥जा मुझसे दूर जितना जाएगा, टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को, तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा (आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ)
भगवद् गीता - 4.7
👌👏🏽🌟
अहम् की दुर्दशा जितनी बढ़ती जाती है उसको उतना ही नशा दिया जाता है, ताकि उसे अपनी दुर्दशा पता ही न चले, और जब दुर्दशा पता नहीं चलती तो वह कराहता नहीं पुकारता नहीं, और जब वह पुकारता नहीं तो कृष्ण आते नहीं,
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
इस कल्युग के कृष्ण आप है, आचार्य जी 🙏🙏🤗
जब धर्म है तो सत्य है ही लेकिन जब अधर्म है तो सत्य बहुत ही विस्फोटक स्तिथि में होता है।
beautiful discourse .... ❤
आधुनिक युग के बुद्ध को मेरा प्रणाम
🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️
17/12/2024
तथ्य सत्य का द्वार है।
गीता भीतर से वह मुक्त करती है वृत्ति से और बाहर से मुक्त करती है संस्कृति से जब आप मुक्त हो जाते हो तब आप जगत और प्रकृति के लिए {निष्काम कर्म } हो जाते हो l
~आचार्य प्रशांत
Jay shree Ram
सुप्रभात आचार्य श्री एवम समस्त स्रोतागड़ 🙏🙏🙏
Pranaam acharya ji 🙏
हमने श्री कृष्ण को सिर्फ बांसुरी बजाने वाले ,माखन खाने वाले और गोपियों के साथ रासलीला करने वाला बना दिया है क्योंकि इसमें अहंकार को सुविधा मिलती है, कृष्ण वो है जिन्होने धर्म युद्ध कराया, कृष्ण वो है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है ,कृष्ण वो है जो हमे सही काम के लिए प्रेरित करते है 🙏🙏
अहम का फूलना ही उसका अंत है
जब धर्म है तब सत्य है ही लेकिन जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है,
जब धर्म है तो सत्य अपने शांत, संदिग्ध और मौन रुप में है, और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक,विध्वासंक रुप में है , दोनो ही दशाओं में है तो सत्य ही,
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारतः !
जिंदा महापुरुष आग होता है | जिनमें जलने का दम होता है | वही उनके पास आते हैं |
आपके दिल में एक मोमबत्ती है, जो जलने के लिए तैयार है। आपकी आत्मा में एक शून्य है, जो भरने के लिए तैयार है। आप इसे महसूस करते हैं, है ना?”
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏🏼🕊️
श्री कृष्ण बाहर नहीं है कहीं वो हमारे अंदर ही है, जिसने ये जान लिया उसके लिए हो ही नहीं सकता कि वह अपनी उच्चतम सम्भावना की तरफ़ ना बढ़ पाए,दूसरों के प्रति करुणा ना आए 🙏🙏🙏🙏
ये मुफ्त की रोटी मेहेंगी पड़ेगी मेरे देश को
किसी के भीख देने से मेरा घर नहीं चला
मेरी नौकरी, मेरी डिग्री , मेरी काबिलियत मेरे बक्से में है
ये बेरोजगारी मेरी मौत का फंदा हो चला
ये नौजवानों को खुदकुशी करता नहीं देख पा रहा
किसी ने मेरे देश का गला घोट दिया
या मेरा देश अंधा हो चला
सच्चाई चुप नही सकती अंधेरी के सामने Khusbu Aa Nhi Sakti🙏❤️💖💖💖💖💖💖💖💕💕
नमस्कार आचार्य श्री
तथ्य सत्य का द्वार है।
Jay ho aachary Prashant ji
अहम जितना ज्यादा होता जाता है उतना ही वो दर्द में होता जाता है उसकी हस्ती ही दंड है।
❤❤❤ Jay shree Krishna 🚩🚩
"अहम का होना ही अहम के लिए दण्ड है।"
अहंकार बढ़ते ही बढ़ता रहना चाहता है ताकि वो किसी तरह से अपने नकली नाम को सार्थक कर सके ।
उसको आत्मा जैसा विराट बनना है ।
" अहम आत्मा हो सकता है मिट करके ", "परंतु उसे आत्मा होना है फैल कर के।"
अहम जितना ज्यादा बढ़ रहा है उसका दुःख भी बढ़ता जा रहा है।
Wow mam 👍👍👍🙏
Namaste acharya ji
सुंदर 🧡
अंधे कर्म सब त्याग दो । ताप रहित बस युद्ध हो।
Tqq sir ❤
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Koti koti pranam guruji ke charno me
कृष्ण के आने की शर्त: ये है कि तुमको दिखे की धर्म की ग्लानि और अधर्म का अभ्युदय हो रहा है।✨
🪔 जैसे रोशनी के सामने अंधेरे का होना वर्जित होता है , वैसे ही सच्चाई के सामने झूठ का होना वर्जित होता है ।
🪔 आप रोशनी के सामने अंधेरे को तुलना के लिए भी नहीं ला सकते ।
🪔 एक है तो दूसरा बिल्कुल नहीं , दूसरे का होना बिल्कुल वर्जित हो जाता है ।
I follow Mr acharya Prashant since 3 years on utube. I do not know what is truth and how it is but after hearing acharya Prashant I understand that before finding the truth a man can find the ugliness in his own mind that suffer him and try to reduce the ugliness. I follow this process since 3 years and my life is much better better than previous 3 years from the prospective of understanding the ugliness. Thanks a lot to the warrior.
Hey, I'd love if you read his books and join live sessions too,, please it will give you clarify you can't imagine ❤❤
❤ Jai parmatma naman je