नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: acharyaprashant.org/en/courses?cmId=m00022 संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/en/enquiry?cmId=m00022
आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏💐 हमारा नाम अनुराग सागर है, और हम उत्तर - प्रदेश के उन्नाव जिले के मैनीखेड़ा गांव से हैं। हमारा प्रश्न है कि हम हर परिस्थिति में सामान्य कैसे रहें, चाहे सुख हो अथवा दुख, चाहे अपमान हो या सम्मान, चाहे लाभ हो अथवा हानि, चाहे जय हो या पराजय। हम खुद को सामान्य कैसे रखें? कृपया अधिक से अधिक शब्दों में मार्ग दर्शन करें। धन्यवाद आचार्य जी 🙏
देश भर के कट्टर लोग अब तिलमिला रहे हैं क्योंकि एक बार फिर कबीर लौट आए हैं। भले ही हमारे बाप दादाओं ने ओशो जैसे व्यक्तिव का विरोध करके उन्हें दबा दिया लेकिन हम आचार्य जी को कुछ नहीं होने देंगे। आचार्य जी हमको श्रीकृष्ण तक लेकर गए हैं, अब आगे का युद्ध हमे खुद ही लड़ना है। 💪
साधारण धर्म का लक्ष्य होता है- कामनापूर्ति और वेदांत का लक्ष्य है- मुक्ति। साधारण धर्म का लक्ष्य है- सुख और वेदांत का लक्ष्य है- मोक्ष। जिसको तुम संस्कृति कहते हो, वो साधारण धर्म पर ही तो चलती है साधारण संस्कृति तुम्हारे सुख के लिए तैयार की गई एक व्यवस्था मात्र है। इसीलिए जो साधारण धर्म के अनुयायी होते हैं उनके लिए धर्म और संस्कृति में कोई भेद नहीं रह जाता। -आचार्य प्रशांत।
गुरूजी दुनिया के तमाम दर्शन से लेकर शास्त्र तक प्रत्येक विषयों में आपकी इतनी गभीरता, दृढ़ जड़ की भांति प्रखर पकड़ और सूक्ष्म तल से जांचने परखने की आपकी प्रक्रिया की गरिमा ही दूसरी
जानना ही सर्वोच्च बात है| और यदि वो सर्वोच्च है तो कौन चिंता करे उसके परिणाम या दुष्परिणाम की| जो सबसे ऊंचा है अगर उसका भी दुष्परिणाम आता है तो आने दो न..आने दो| फिर तो यह अस्तित्व ही विकृत है, चिंता करके भी फिर क्या होगा? और यदि बोध ही सर्वोच्च है तो जानने के परिणाम की हमको कोई परवाह नहीं! -आचार्य जी
बचपन से गीता के श्लोक ओं का पाठ संस्कृत में किया है मगर जीवन में गीता कभी भी सार्थक नहीं हो पाई । आचार्य जी के सानिध्य में गीता के 1-1 श्लोक का अर्थ समझने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ है इस मनुष्य जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य दूसरा नहीं हो सकता । आचार्य जी ने जो बीडा उठाया है हम सब को सब तरफ से उनका भरपूर सहयोग करना है , यह विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें ज्ञान के साथ साथ निष्काम कर्मठता भी कूट कूट कर भरी है। आचार्य जी को शत शत नमन🙏🙏🙏
कर्मकाण्ड के पीछे का मनोविज्ञान समझा जाए तो वो भी मुक्ति के उद्देश्य में सहायक हो सकता है पर निराधार व अमनोवैज्ञानिक कर्मकाण्ड तो अंधविश्वास और बंधन ही देता है।
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l कोटि कोटि नमन 🙏🙏 आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है,फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l 🙏
मजा आ गया! बहुत रस पिलाया! कभी सोचा नही था कि नीम लड्डू में भी इतना रस होता होगा! कोई हवा हवाई बाते नहीं। बिलकुल ठोस, जमीनी बाते! अध्यात्म को बिलकुल जमीन पर उतार दिया! बहुत सालों से गीता पढ रहा था लेकिन इतना वैज्ञानिक विश्लेषण पहले कभी नही सुना था!!! 👌 🎯 ❤ 🙏
आपका गीता वाला प्रवचन हम लोग मानसूनी जलवायु में जैसे किसान बारिश का इंतजार करते है,वैसे ही हम सब आपके गीता का प्रवचन का इंतजार दिलो जान से करते है। हरे कृष्णा।
प्रणाम गुरुजी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾 ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ हम सब का ये परम सौभाग्य है कि हम आपसे इस सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को सुन रहे हैं। प्रशांत अद्वैत संस्था को मेरी बारम्बार प्रणाम।🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
कुल धर्म हमारे लिए बस इतना ही है , एक ऊंची शक्ति है जिसको कोई नाम दे दो उस ऊंची शक्ति ने निर्देश दिए हैं, नियम बनाए हैं, वो ऊंची शक्ति कहती है ऐसे-ऐसे आचरण करो। अगर हम उसके प्रकार से आचरण करेंगे, तो वह हमें सुख देगी और हमारी कामनाएं पूरी करेगी। सुख है ही कामनाओं की पूर्ति में। तो मेरी जो भी कामनाएँ हैं वो ऊँची शक्ति पूरी कर देगी और मैं अधिकार से बोल पाउँगा देखो, 3 साल तक मैंने तुम्हारे सभी नियमों का पालन किया है अब मेरी इच्छाएं पूरी करो। और अगर मैंने उसके बनाए नियमों का उलंघन करा, तो दुःख मिलेगा, पाप लगेगा, नर्क मिलेगा। कुल मिलाजुलाकर आम आदमी का धर्म इतना ही है। कृष्ण अर्जुन को वास्तविक धर्म की ओर ले जाना चाहते हैं। कृष्ण कह रहे हैं ये तुम कहाँ फंसे हुए हो बाल कथाओं में?ये थोड़े ही धर्म है। आचार्य प्रशांत
बहुत बहुत आभार आचार्य जी, गीता के अर्थों को एकदम गहराईयों में लाने की, अगर सही मायनों में इस गीता का अर्थ जन जन में उतर जाए और उसे जीने लग जाए, तो जनसंख्या अपने आप नियंत्रण में आ जाएगी
Achraya ji deserve the highest place in Indian constitutional places. He really deserve to be Prime Minister of India or the President of India for a lifetime.🙏🙏🙏
आज के समय में हम कहेंगे कि हम मुक्ति के लिए पैदा हुए हैं हमें मुक्ति चाहिए। यह बातें बड़ी विचित्र लगेंगी लोगों को सुन के। हमको सिर्फ बचपन से ही बताया गया है कि खाना कपड़ा रोटी रहना ही होना चाहिए शरीर के लिए सारी व्यवस्थाएं बता दी लेकिन मन के लिए कोई व्यवस्था नहीं बता पाए। और पूरी जिंदगी हमें जीना मन में ही होता है मेरा सौभाग्य जो मैंने मुक्ति और आत्मा आचार्य जी शिखा 🙏🙏🙏🙏🍀🍀
Bhagavad Gita, Chapter 2, Verse 47, Lord Krishna says: "Your right is to perform your duty only, but never to its fruits. Let not the fruits of action be your motive, nor let your attachment be to inaction."🥰🙏🏻
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।। का अर्थ आज समझ आया मुझे गुरु की तलाश थी तलाश खत्म हुआ आज। मैं आपको दिल से गुरु स्वीकार करता हूँ। आपके चरण में कोटि कोटि नमन गुरुदेव🙏🙏🙏
18.55 19.57 24.38 26.45 28.49 32.09 33.51 34.32 42.31Karmakand kr rhe ho tum 59.51 1.02.02 🧡♥ sukh nhi mukti, bhog nhi moksha 1.20.30 1.23.15 1.24.50 For me I was doing this mistake🖤🤍 1.30.00 1.32.53 1.34.24 Ankhe 1.39.39 Experiences achieves everything 8.24 13.31 16.28 Religion has importance of culture and tradition and not to uprise over the mind 17.35 2.19.21
Great Gurudev is explaining on the higher level of Niskam yogi consciousness to ego centric mortals as weare, the pious verses of Geetajee chapter2. 🙏🏼🙏🏼
सत् शाश्वतपरमात्मा*सतगुरूकी सिख--🙏 अ.२के ५२श्लोकमें गीता कहने वाला भगवान् कह रहाहै-हे अर्जुन,ईस मृत्युलोक में ऐसा कुछ कर्म है के-"सबकुछ करते हुए भी,कुछ ना करना & कुछभी ना करते हुएभी सबकुछ कर लेना.. पाना..!"-उस गोपनीय कर्म वहीं बताएगा जो ४थेअध्यायके श्लोक ३४मे बताया गया तत्वदर्शी पूर्णज्ञानीपुरुष*जीसके सतज्ञानानेअ.७श्लोक१४ मे कह रहा है काल-के मेरी ख़तरनाक, दुस्तर जादूई मायानशा उतर,पार होता है जींवत्मा..!मानवजन्मयोनी ऊसी सनातनधामी- हिरण्यगर्भ पुराणपुरुष का ज्ञान जानने ऊस ज्ञानीमहात्मा को ढुंढने मिला है।....सत् सेवा सतगुरु चरणोंमें।
उसको ज्ञान कभी भी समझ नहीं आएगा, जो संसार की वासनाओं में घिरा हुआ है, उस इंसान को आप कितनी भी ऊंची बात बता दो वो कुछ नहीं समझना चाहेगा ओर ना ही उसको कुछ समझ आएगा। प्रमाण आचार्य जी 🙏🙏
6 million hi kara do aachary ji ke 😊😊 kyoki aachary ji to bolenge nhi subscribe ko to tum log karte bhi nhi ho 😢😢 please take it Adit -- vaah yaar video dekhte dekhte 6 million hogaye thanks 🎉😢❤
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Jo sirf Brahma (ब्रह्म) ko Jane wahi Brahman Hain.
🙏Waheguru🙏
❤❤
आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏💐
हमारा नाम अनुराग सागर है, और हम उत्तर - प्रदेश के उन्नाव जिले के मैनीखेड़ा गांव से हैं।
हमारा प्रश्न है कि हम हर परिस्थिति में सामान्य कैसे रहें, चाहे सुख हो अथवा दुख, चाहे अपमान हो या सम्मान, चाहे लाभ हो अथवा हानि, चाहे जय हो या पराजय।
हम खुद को सामान्य कैसे रखें?
कृपया अधिक से अधिक शब्दों में मार्ग दर्शन करें।
धन्यवाद आचार्य जी 🙏
देश भर के कट्टर लोग अब तिलमिला रहे हैं क्योंकि एक बार फिर कबीर लौट आए हैं। भले ही हमारे बाप दादाओं ने ओशो जैसे व्यक्तिव का विरोध करके उन्हें दबा दिया लेकिन हम आचार्य जी को कुछ नहीं होने देंगे। आचार्य जी हमको श्रीकृष्ण तक लेकर गए हैं, अब आगे का युद्ध हमे खुद ही लड़ना है। 💪
आचार्य जी स्वयं श्री कृष्ण हैं इस युग के।
Osho ko kon dbaa saka hai Osho Aaj bhi jinda hai apne baato se apne Gyan se . Aur unke jesa koi insan dusra abhi tk bs mene Prashant ji ko dekha hai
@@atreyshuklavlogs1695 krishna atma hai , bramha hai , unko iss bhautik sansaar se mat jodo
Hamlog ready hai
Kabir sahab hi nahi unhe Satya ke paksh me rehne wale ek ek vyakti se bair hai. Unhe krishna hi nahi pasand toh Kabir sahab ki kya baat karte ho.
न सुख की आस, न दुःख का डर।
जो सही है, वो चुप-चाप कर।।
~ आचार्य प्रशांत
❤️❤️❤️
अति सुन्दर सत्य मान लो
साधारण धर्म का लक्ष्य होता है- कामनापूर्ति
और वेदांत का लक्ष्य है- मुक्ति।
साधारण धर्म का लक्ष्य है- सुख
और वेदांत का लक्ष्य है- मोक्ष।
जिसको तुम संस्कृति कहते हो, वो साधारण धर्म पर ही तो चलती है
साधारण संस्कृति तुम्हारे सुख के लिए तैयार की गई एक व्यवस्था मात्र है।
इसीलिए जो साधारण धर्म के अनुयायी होते हैं उनके लिए धर्म और संस्कृति में कोई भेद नहीं रह जाता।
-आचार्य प्रशांत।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय!
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो मिलाय! 🙏❤️🥀
गुरूजी दुनिया के तमाम दर्शन से लेकर शास्त्र तक प्रत्येक विषयों में आपकी इतनी गभीरता, दृढ़ जड़ की भांति प्रखर पकड़ और सूक्ष्म तल से जांचने परखने की आपकी प्रक्रिया की गरिमा ही दूसरी
🌺🙏🏼🙏🏼
Sat sat naman gurujee
हम तो गीता जी की पूजा ही करते थे, आचार्य जी ने तो गीता जी को जीना भी सिखा दिया ।नमन गुरुदेव !
ज्ञान से भारत अछूता ही राह जाता यदि आचार्य जी ने होते,आज जितने भी आपको जानते हैं, एक दिन समस्त दुनिया आपको सुनना चाहेगी।
अपूर्ण मन हर चीज़ को संसाधन की तरह देखता है कि इसका इस्तेमाल करके मुझे पूर्णता मिल जाए।
-आचार्य प्रशांत
जानना ही सर्वोच्च बात है|
और यदि वो सर्वोच्च है तो कौन चिंता करे उसके परिणाम या दुष्परिणाम की|
जो सबसे ऊंचा है अगर उसका भी दुष्परिणाम आता है तो आने दो न..आने दो|
फिर तो यह अस्तित्व ही विकृत है, चिंता करके भी फिर क्या होगा?
और यदि बोध ही सर्वोच्च है तो जानने के परिणाम की हमको कोई परवाह नहीं!
-आचार्य जी
न सुख की आस, न दुख का डर
जो सही, है वो चुप चाप कर। 🙏🙏🙏
रोज रोज के परिवार के सुख दुख मैं आदमी मस्त है उसको अंत मे मरते समय ही अहसास होता है के गलत जीवन जिया मेने
सुख दुख दोनों के प्रति समभाव, आत्मा बोध स्वरूपा है।।🙏
जितना समय आचार्य जी के सानिध्य में रहोगे उतना ही सत्य के लिए प्रेम बढ़ेगा, शक्तिशाली हो जाओगे।
⚡🌟
बचपन से गीता के श्लोक ओं का पाठ संस्कृत में किया है मगर जीवन में गीता कभी भी सार्थक नहीं हो पाई । आचार्य जी के सानिध्य में गीता के 1-1 श्लोक का अर्थ समझने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ है इस मनुष्य जीवन में इससे बड़ा सौभाग्य दूसरा नहीं हो सकता । आचार्य जी ने जो बीडा उठाया है हम सब को सब तरफ से उनका भरपूर सहयोग करना है , यह विश्व के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें ज्ञान के साथ साथ निष्काम कर्मठता भी कूट कूट कर भरी है। आचार्य जी को शत शत नमन🙏🙏🙏
कर्मकाण्ड के पीछे का मनोविज्ञान समझा जाए तो वो भी मुक्ति के उद्देश्य में सहायक हो सकता है पर निराधार व अमनोवैज्ञानिक कर्मकाण्ड तो अंधविश्वास और बंधन ही देता है।
न सुख की आस, न दुःख का डर
जो सही है वो चुपचाप कर!
आचार्य प्रशांत
(श्रीमद्भगवतगीता, सांख्य योग, निष्काम कर्म)
जो आत्मा में स्थित है मात्र वही अनुगृहीत (blessed) है।
छान्दोग्य उपनिषद
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l कोटि कोटि नमन 🙏🙏
आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है,फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l 🙏
बिल्कुल सही कहा बहन आपने ❤❤
सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय।
भ्रम का भाँडा तोड़ी करि, रहै निराला होय।।
😊
🙏
केंद्र में स्थापित होकर जब आप अपना किरदार निभाते हो, उस अभिनय में बात दूसरी होती है, आपका जो भी किरदार होता है उसकी माध्यम से आत्मा मुखरित होती है।।
"समझ के क्षण में अपने आप को समझ से बांध लो"
- आचार्य जी का धन्यवाद आभार 🙏
आप की आवश्यकता आज पूरे विश्व को हैं।। ❤❤🙏🙏❣️❣️
न सुख की आस,न दुख का डर |
जो सही है, वो चुप चाप कर |
आचार्य जी 🙏
मजा आ गया! बहुत रस पिलाया! कभी सोचा नही था कि नीम लड्डू में भी इतना रस होता होगा! कोई हवा हवाई बाते नहीं। बिलकुल ठोस, जमीनी बाते! अध्यात्म को बिलकुल जमीन पर उतार दिया! बहुत सालों से गीता पढ रहा था लेकिन इतना वैज्ञानिक विश्लेषण पहले कभी नही सुना था!!! 👌 🎯 ❤ 🙏
आचार्य प्रंशात सर आप उस बिंदु का नाम हैं
जहाँ धरती आकाश से मिलती है🙏🙏🙏
👏👏🙏🙏🙏😌😌👍👌🙏🙏🙏
Acharya Prashant Sir is not a normal person, he is a great person, I always support him 🙇👫👬👭👬
जहाँ कामना है- वहाँ मोह और अज्ञान है।
-आचार्य प्रशांत
We need 10M subscribers this year ✨️
सहमत🎉🎉🎉
Ho jayega is saal 🎉
Ho gye bhai 😂
आपका गीता वाला प्रवचन हम लोग मानसूनी जलवायु में जैसे किसान बारिश का इंतजार करते है,वैसे ही हम सब आपके गीता का प्रवचन का इंतजार दिलो जान से करते है। हरे कृष्णा।
i request the foundation to release more videos from 2014 if available, his sessions with students during that year are just so special.
प्रणाम गुरुजी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
हम सब का ये परम सौभाग्य है कि हम आपसे इस सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को सुन रहे हैं।
प्रशांत अद्वैत संस्था को मेरी बारम्बार प्रणाम।🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
मेरा सौभाग्य है कि हमे आपको सुनने को मौका मिला
Na sukh ki aasha na dukh ka darr Jo sahi wo chupchaap kar
Acharya prashant❤🙏🙏🙏
गीता का सही अर्थ जान कर जीवन में बहुत ही स्पष्टता आ रहा है धन्यवाद आचार्य जी ❤🙏
Jis tarah aapko Krishna itne pasand hai....usi tarah Krishna ko bhi aap bahut pasand honge.... Geeta ko itne achhe se aap hi samjha sakte hai sir...🙏🙏
ना सुख की आश ना दुख का डर जो सही है चुप चाप कर 🕊❤ यही निष्काम कर्म योग है
कुल धर्म हमारे लिए बस इतना ही है ,
एक ऊंची शक्ति है जिसको कोई नाम दे दो
उस ऊंची शक्ति ने निर्देश दिए हैं, नियम बनाए हैं,
वो ऊंची शक्ति कहती है ऐसे-ऐसे आचरण करो।
अगर हम उसके प्रकार से आचरण करेंगे, तो वह हमें सुख देगी और हमारी कामनाएं पूरी करेगी।
सुख है ही कामनाओं की पूर्ति में।
तो मेरी जो भी कामनाएँ हैं वो ऊँची शक्ति पूरी कर देगी और मैं अधिकार से बोल पाउँगा देखो, 3 साल तक मैंने तुम्हारे सभी नियमों का पालन किया है अब मेरी इच्छाएं पूरी करो।
और अगर मैंने उसके बनाए नियमों का उलंघन करा, तो दुःख मिलेगा, पाप लगेगा, नर्क मिलेगा।
कुल मिलाजुलाकर आम आदमी का धर्म इतना ही है।
कृष्ण अर्जुन को वास्तविक धर्म की ओर ले जाना चाहते हैं।
कृष्ण कह रहे हैं ये तुम कहाँ फंसे हुए हो बाल कथाओं में?ये थोड़े ही धर्म है।
आचार्य प्रशांत
Aaj ki yuva pidi ko sambhalne ke liye acharya prashant ji ka bahoot bahoot dhanyawad 👍👍
सादर प्रणाम आचार्य श्री,।।
आप जैसे लोगो की भारत को बहुत आवश्कता है 🙏
Ram ram bhai
बहुत बहुत आभार आचार्य जी, गीता के अर्थों को एकदम गहराईयों में लाने की, अगर सही मायनों में इस गीता का अर्थ जन जन में उतर जाए और उसे जीने लग जाए, तो जनसंख्या अपने आप नियंत्रण में आ जाएगी
धर्म है मन को उसकी इतिश्री तक ले जाना। उसे वहाँ तक ले जाना जहाँ वह लय हो जाता है मिट जाता है। 🙏🙏
साधारण धर्म का लक्ष्य है सुख और वेदांत का लक्ष्य है मोक्ष। 🙏🙏🙏
Asli gyaan aur Geeta ji ka satik arth bataya Acharya ji ne❤
Pata nahi log Acharya ji ke gyaan ko kyon nahi grahan Kar rahe hain...
धर्म का आशय मुक्ति से है। सुख, भोग या कर्मकांड से नहीं। 🙏🙏
एक ही अधर्म है- मन को कामनाओं पर चलने देना।
तो ऐसे धर्म को तुम अधर्म ही जानो जो मात्र तुम्हारी कामनापूर्ति का साधनभर हो।
-आचार्य प्रशांत
Achraya ji deserve the highest place in Indian constitutional places. He really deserve to be Prime Minister of India or the President of India for a lifetime.🙏🙏🙏
#IamWithAcharyaPrashant 💙🕉️💙
👍👍
आज के समय में हम कहेंगे कि हम मुक्ति के लिए पैदा हुए हैं हमें मुक्ति चाहिए।
यह बातें बड़ी विचित्र लगेंगी लोगों को सुन के।
हमको सिर्फ बचपन से ही बताया गया है कि खाना कपड़ा रोटी रहना ही होना चाहिए शरीर के लिए सारी व्यवस्थाएं बता दी लेकिन मन के लिए कोई व्यवस्था नहीं बता पाए।
और पूरी जिंदगी हमें जीना मन में ही होता है
मेरा सौभाग्य जो मैंने मुक्ति और आत्मा आचार्य जी शिखा 🙏🙏🙏🙏🍀🍀
100% truth I have experienced. but the world is not ready to accept this one.
हमारे लिए तो आप ही कृष्ण हो गुरुदेव, नमन है आपको 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤
आचार्य जी प्रणाम! सच है एक सुख अनेक दुःख, तथा एक दुःख अनेक सुख लेकर लाता है
Jay Shree Krishna 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
Pranam Acharya ji
!! नमन आचार्य जी !!
Bhagavad Gita, Chapter 2, Verse 47, Lord Krishna says:
"Your right is to perform your duty only, but never to its fruits. Let not the fruits of action be your motive, nor let your attachment be to inaction."🥰🙏🏻
धन्यवाद आचार्य जी। गीता पर 10वा वीडियो का मै बेसब्री से इंतजार कर रहा था ।
Finally acharya prashant is back in his old dressing style
It's an old video of 2022🥲
Kuch shabd hi nhi he mere pass , itne mahan vyakti ki bahot zaroorat he ham sab ko.
Thank u God muze aachrya Tak pohchane k liye👏
It is the accurate reply to those who are opposing Acharya ji..22:00 Gita ka ek slok kafi hota hein jhuth ko expose karne k liye ❤
मेरे जीवन के दीपक... आचार्यजी को कोटि कोटि वंदन
गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
का अर्थ आज समझ आया मुझे गुरु की तलाश थी तलाश खत्म हुआ आज। मैं आपको दिल से गुरु स्वीकार करता हूँ। आपके चरण में कोटि कोटि नमन गुरुदेव🙏🙏🙏
18.55 19.57 24.38 26.45 28.49 32.09 33.51 34.32 42.31Karmakand kr rhe ho tum 59.51 1.02.02 🧡♥ sukh nhi mukti, bhog nhi moksha
1.20.30 1.23.15 1.24.50 For me I was doing this mistake🖤🤍
1.30.00 1.32.53 1.34.24 Ankhe
1.39.39 Experiences achieves everything
8.24 13.31 16.28 Religion has importance of culture and tradition and not to uprise over the mind
17.35
2.19.21
कृपया timestamps में . का नहीं बल्कि : का प्रयोग करें
कोटि कोटि नमन और आभार आचार्य जी🙏🙏🙏🙏
सादर अभिवादन आचार्य जी को।
Gurudev ko koti koti naman!
Bohot lucky feel hota hai guru ji aapka channel dekh ke
Pranam acharya ji 🙏🙏
आचार्य जी बात समझ में आ रही है।आपको बहुत-बहुत धन्यवाद व चरणों में नमन 🙏🙏🙏
आचार्य श्री गुरुदेव के चरणों में बारम्बार प्रणाम है मेरा 🙏🙏🙏🙏🙏
शत् शत् नमन आचार्य जी🙏🙏
Sat sat Naman Aacharya ji🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤⚘⚘
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏
Hare Krishna hare Krishna
Krishna Krishna hare hare
❤️you Achary ji🙏🙏🙏
Pranam Acharya ji 🙏💗💗💗🙏
नतमस्तक हूँ, सत्य के समक्ष 🙏🌷🙏🌷🙏
" प्रकृति माॅ है, पत्नी नहीं; नमन करो, भोग नहीं " ~आचार्य प्रशांत जी प्रणाम 🙏
Jay Shree Krishna 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
गीता सुख नही देती, गीता स्वतंत्रता देती है। आचार्य प्रशांत जी।। प्रणाम आचार्य जी
Aapki jitni sarahana ki jaye kam hai guru dev duniya ko saty ke marge par lane ke liye koti koti naman 🥀🙏
Aacharya ji aap hi hamare liye krishna hai 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री कृष्ण
आचार्य जी नमन,🙏🙏🙏
Koti koti naman aacharya ji 🙏 🙏🙏❤😍
आचार जी आपने जो सत्य दर्शन दिया हे गीता के बरे मे उस्को ऑर आपको शत शत नमन
"आचार्य जी"*
साक्षात श्रीकृष्ण आचार्य जी के रूप में भगवद्गीता सुना रहे है. हम दृड संकल्प करके अर्जुन बन जाए.
अन्तिम सत्य ! जय श्रीकृष्ण !!!
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
Acharya ji Anant hai or atulniya
Great Gurudev is explaining on the higher level of Niskam yogi consciousness to ego centric mortals as weare, the pious verses of Geetajee chapter2. 🙏🏼🙏🏼
Bheedh hi bheedh me koi 1 chamakta hua dikha, roshni se bhara dikha... wo aap hai Acharya ji... aapke gyaan ki roshni se kaash ye andhera mit jaaye 🙏
आचार्य जी के चरणों मे कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन 🙏🙏🙏🙏
सत् शाश्वतपरमात्मा*सतगुरूकी सिख--🙏
अ.२के ५२श्लोकमें गीता कहने वाला भगवान् कह रहाहै-हे अर्जुन,ईस मृत्युलोक में ऐसा कुछ कर्म है के-"सबकुछ करते हुए भी,कुछ ना करना & कुछभी ना करते हुएभी सबकुछ कर लेना.. पाना..!"-उस गोपनीय कर्म वहीं बताएगा जो ४थेअध्यायके श्लोक ३४मे बताया गया तत्वदर्शी पूर्णज्ञानीपुरुष*जीसके सतज्ञानानेअ.७श्लोक१४ मे कह रहा है काल-के मेरी ख़तरनाक, दुस्तर जादूई मायानशा उतर,पार होता है जींवत्मा..!मानवजन्मयोनी ऊसी सनातनधामी- हिरण्यगर्भ पुराणपुरुष का ज्ञान जानने ऊस ज्ञानीमहात्मा को ढुंढने मिला है।....सत् सेवा सतगुरु चरणोंमें।
Naman acharya ji
उसको ज्ञान कभी भी समझ नहीं आएगा, जो संसार की वासनाओं में घिरा हुआ है, उस इंसान को आप कितनी भी ऊंची बात बता दो वो कुछ नहीं समझना चाहेगा ओर ना ही उसको कुछ समझ आएगा।
प्रमाण आचार्य जी 🙏🙏
6 million hi kara do aachary ji ke 😊😊 kyoki aachary ji to bolenge nhi subscribe ko to tum log karte bhi nhi ho 😢😢 please take it
Adit -- vaah yaar video dekhte dekhte 6 million hogaye thanks 🎉😢❤
गुरु जी प्रणाम। 👏
What a magical massage in gita today I know through our legendary, respected guru acharya prashant
Thanks
Thank you so much Acharya Prashant ❤
Prnam aachary ji
Na sukh ki aas na dukh ka dar 🙏🙏🙏