संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209 जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
आचार्य जी जैसा आपने कहा की लाखो जनम नहीं मिलेंगे एक ही मिलेगा परन्तु जब तिये की बैठक में पंडित जी 84 लाख योनियों का उल्लेख करते हैं क्या वो बात सही नहीं है वह भी तो शास्त्रों में लिखा है कृपया मार्गदर्शन करें
मैने एक बार जन्म लिया है,एक बार मृत्यु होगी समझ आ गया ,तो हमारी जीवात्मा का क्या होता है ? वह कहा जाती है ?क्या मेरी जीवात्मा मेरी देह छोड़ने के बाद किसी दूसरे शरीर को धारण नहीं करेगी?कृपया मार्गदर्शन करें गुरुजी🙏
वेद(सत्य विद्या) कर्मफल सिद्धान्त को मानता है!! जीवात्मा अपने कर्मो के अनुसार पुनर्जन्म लेती है अर्थात दूसरा शरीर धारण करती है जो जैसा कर्म करता है वैसा उसे जन्म मिलता है! बुरे कर्म वाला नीच यौनि में तथा अच्छे कर्मों वाला श्रेस्ठ योनि में जाता है✔️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रवीण जी कर्मफल का सिद्धांत आपको बहुत स्पष्ट है। गुरु से मिलना कर्मफल के सिद्धांत से आगे का है। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
सब संतो को एक जगह इकट्ठा कर मंत्रणा करनी चाहिए कि क्या सत्य है सब अलग अलग तरीके से बताते हैं मुझे संत कहते हैं की आत्मा की बिगड़ी अवस्था जीव यदि वह स्वभाव में आ जाए तो वही आत्मा हो जाती हे
आचार्य जी से मिलकर आप और अच्छे तरीके से प्रणाम कर सकते हैं। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
वेद प्रकाश जी बहुत अच्छा लगा की आप आचार्य जी को फूल भेंट करना चाहते हैं। इससे अच्छा तरीका आप स्वयं आचार्य जी से मिलना है। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
जब भी मैं गीता पढ़ता था। तो मुझे आत्मा को समझने में बहुत समस्या होती थी। आचार्य जी ने एक ही वीडियो में आत्मा और जीवात्मा का बहुत ही मार्गदर्शक विश्लेषण किया है। 🙏 🙏 शत शत नमन गुरुदेव 🙏 🙏
Aatma ke baare main sirf yahi bata rahe hai ki aatma ka na janam na mrithyu matlab aatma bhagwan hai Ya kya hai.... Aur agar aatma bhagwan hai to shrikrishna bhi to bhagwan hai par wo to sharir se jode hue the
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जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान हेतु: solutions.acharyaprashant.org
आत्मा - न जन्म न मृत्यु
प्रकृति - अनंत जन्म अनंत मृत्यु
व्यक्ति - एक जन्म एक मृत्यु (जीव)
जीव+प्रकृति=जीवात्मा = पुनर्जन्म।
Well done
मन उलज़ गया. फिर जो लोट के ना आये वो कोन
इतने सरल रुप में समझाने के लिये धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏
Aap jis aatma ki bat kar rhe h ham use parmatma 🙏khte h...
Great! Life changing video
आचार्य जी जैसा आपने कहा की लाखो जनम नहीं मिलेंगे एक ही मिलेगा परन्तु जब तिये की बैठक में पंडित जी 84 लाख योनियों का उल्लेख करते हैं क्या वो बात सही नहीं है वह भी तो शास्त्रों में लिखा है कृपया मार्गदर्शन करें
🙏 Pranam Guru Ji 🇮🇳
मैने एक बार जन्म लिया है,एक बार मृत्यु होगी समझ आ गया ,तो हमारी जीवात्मा का क्या होता है ? वह कहा जाती है ?क्या मेरी जीवात्मा मेरी देह छोड़ने के बाद किसी दूसरे शरीर को धारण नहीं करेगी?कृपया मार्गदर्शन करें गुरुजी🙏
य एनं वेत्ति हन्तारं यश्र्चैनं मन्यते हतम् |
उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते ||
❗प्रणाम आचार्य जी❗ 🕯🌻🌻🕯
〰〰〰〰〰〰〰〰〰
जीव का केन्द्र वासना और अहं होता है।
प्रणाम आचार्य जी...🙏🙏🙏❤😊
Acharya ji aap ke video dekh ke sch me bahot acha feel hota hai🙏
धन्यवाद आचार्य जी 🙏💐🌻🌹🌷❤💐🙏
Ohm tat sat🙏
वेद(सत्य विद्या) कर्मफल सिद्धान्त को मानता है!!
जीवात्मा अपने कर्मो के अनुसार पुनर्जन्म लेती है अर्थात दूसरा शरीर धारण करती है
जो जैसा कर्म करता है वैसा उसे जन्म मिलता है! बुरे कर्म वाला नीच यौनि में तथा अच्छे कर्मों वाला श्रेस्ठ योनि में जाता है✔️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रवीण जी कर्मफल का सिद्धांत आपको बहुत स्पष्ट है। गुरु से मिलना कर्मफल के सिद्धांत से आगे का है। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
सब संतो को एक जगह इकट्ठा कर मंत्रणा करनी चाहिए कि क्या सत्य है सब अलग अलग तरीके से बताते हैं मुझे संत कहते हैं की आत्मा की बिगड़ी अवस्था जीव यदि वह स्वभाव में आ जाए तो वही आत्मा हो जाती हे
Guru ji pranam🙏
Acharya ji pranam 🙏
आचार्य जी से मिलकर आप और अच्छे तरीके से प्रणाम कर सकते हैं। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
Acharya ji Naman💐💐💐💐🙏🏽
वेद प्रकाश जी बहुत अच्छा लगा की आप आचार्य जी को फूल भेंट करना चाहते हैं। इससे अच्छा तरीका आप स्वयं आचार्य जी से मिलना है। आप इन मोबाइल नंबर पर +919643750710, +919650585100 आचार्य जी से जुड़ने के लिए संपर्क कर सकते हैं I वेबसाइट acharyaprashant.org/enquiry?formid=203 पर फॉर्म भी भर सकते हैं। स्वयंसेवक आप से स्वयं संपर्क कर लेंगे।
Guru ji . 🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏😊
True
जब भी मैं गीता पढ़ता था। तो मुझे आत्मा को समझने में बहुत समस्या होती थी। आचार्य जी ने एक ही वीडियो में आत्मा और जीवात्मा का बहुत ही मार्गदर्शक विश्लेषण किया है।
🙏 🙏 शत शत नमन गुरुदेव 🙏 🙏
🙏
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Aatma ke baare main sirf yahi bata rahe hai ki aatma ka na janam na mrithyu matlab aatma bhagwan hai
Ya kya hai....
Aur agar aatma bhagwan hai to shrikrishna bhi to bhagwan hai par wo to sharir se jode hue the
🙏