Sajeev se nirjeev ki nirmiti hoti hai ya Nirjeev se sajeev ki nirmiti hoti hai? Antkaran man buddhi aur ahankar ka sthan kanha hai. Vyapti veg kys hai + sajeev hai ya Nirjeev hai? Jad hai ya chetan hai?
अहंकार का बहुत सुंदर व्याख्या किया आप ने किया ,मेरे मन में कही दिनों से प्रश्न उठ रहा था कि मैं कि जो अनुभूति होती है अहंकार के कारण ही होती है यदि अहंकार न रहे तो मैं का बोध कैसे होगा ।आप को कोटि कोटि प्रणाम
क्या मनुष्य चित्त का परिमार्जन कर आगामी जीवन सुधार सकता है ... चित की वृत्ति तो कई जन्मों के कर्मो का फल क्या हम अभी भी सुधार सकते है इसी जीवन मे...गुरुजी प्रकाश डाले🙏
Jeev ka tahkhana kahiye atma eis kichrkhana se alag maniye atma ke pas koi hade nahi asparsha karti ek jeev hi atma me samrpit bandhan mukta ho sakta hai ise hi muki kahate haiaub aatma aman ho jati hai apne param sattame samrpit ho jati hai
आप अहंकार को गलत परिभाषित कर रहे हो। यह ह्रदय के भीतर स्थित होता है जो 1. वैकारिक/सात्विक अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे न्यूट्रॉन कहते है। 2. तैजस अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे इलेक्ट्रॉन कहते है और 3. भूतादि/ तामस अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे प्रोटोन्स कहते है, जो पंच महाभूतो ( आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी) के पदार्थ रूप को प्रस्तुत करता है।
श्रीमान जी,आप आध्यात्म को पदार्थवाद से परिभाषित करके सबसे बडी गलती कर रहे है। अहंकार को आप न्यूट्रोन इलेक्ट्रोन व प्रोटोन से परिभाषित कर रहे है जब कि अहंकार /क्रोध/काम/मद/लोभ इनका पदार्थवाद से कोई संबंध नही है। चित्त मन बुध्दि अहंकार ये प्रत्येक शरीरधारी के लिए स्वयं के चित्त की खंडित दशा के कारण है। चित्त से मन, मन के द्वारा लिये गये निर्णय को बुद्धि कहते है बुद्धि से कर्म करने की प्रेरणा मिलती है और यह कर्म की प्रेरणा ही अहंकार है।कर्म की प्रणिती ही अहंकार है।
बहुत आनन्द आया। चित्त की उचित व्याख्या ।
जय हो 🙏🙏🙏
@@dahyabhaipatel426Jai ho
Sajeev se nirjeev ki nirmiti hoti hai ya Nirjeev se sajeev ki nirmiti hoti hai?
Antkaran man buddhi aur ahankar ka sthan kanha hai. Vyapti veg kys hai + sajeev hai ya Nirjeev hai? Jad hai ya chetan hai?
Namaskar guru jee.Aise ghan,aisa words mujhe aaj tak sunane ko khabi nahin mile the. thank you. god bles you
बहुत बहुत धन्यवाद बहुत दिनो से यह ज्ञान चाह रहा था जो आपके माध्यम से मिल गया ,जय श्री सीताराम।
जय हो सबका कल्याण हो, ऐसी वाणी जिसे सुनकर कोई भी धन्य हो जाए, शत् शत् नमन 🙏🙏🙏
Very nice of chit sanskar ki behaff of rebarth
Aap bahut saral tarike se samjhate hai aisehi sabhi guru ko samjhana chahiye
Dhanyavaad Acharyaji babut shanti mili
आचार्य जी शत शत नमन
अद्भुत ज्ञान
❤
अत्यंत तार्किक महत्वपूर्ण एवं उपयोगी प्रवचन।
Such clarity 🙏🙏🙏
आपको कोटि कोटि धन्यवाद गुरु जी आपने जो अच्छा ज्ञान दिया है इसे मैं बहुत समय तक मेहरूm था❤🙏
Aqpko pardam ke leye koi sabda nahi hay🙏🙏🌹🌹🙏🙏
What an inspirational discourse! A crystal clear presentation of cause and effect and vicious cycle of life and death.Regards.
Great, excellent,thanks for better spiritual understanding.❤❤❤
Shresht, dhanyvad.
Bahut hi sunder bahut badia❤
Itna satik gyan thanks a lot sir ❤❤❤❤❤❤❤❤
अहंकार का बहुत सुंदर व्याख्या किया आप ने किया ,मेरे मन में कही दिनों से प्रश्न उठ रहा था कि मैं कि जो अनुभूति होती है अहंकार के कारण ही होती है यदि अहंकार न रहे तो मैं का बोध कैसे होगा ।आप को कोटि कोटि प्रणाम
Koti Koti प्रणाम
लगता है विवेकानंद जी होते तो आप की तरह होते।🤔🤔🤔🤔❤️🌹❤️
बहुत सुंदर विचार प्रभु जी प्रणाम
जय गुरुदेव
आदरणीय आचार्य जी आप हर बातो को बहुत ही सरल तरीके से समझाते हैं
the best explaination
VERY NICE SIR
Koti koti naman 🙏🙏 aise mahapurush ko 🙏🙏🙏🙏🚩
Excellent sir
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
विश्व का कल्याण हो
आज आपसे बहुत ही अच्छा ज्ञान मुझे सीखने को मिला है। युगल परसाद। बिहार।
Jai Ho Bala Ji ki Jai
Aho Aho bhav 🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
Hari Om very nice explanation
बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत ही आसान शब्दों में समझाया, नमन है
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
pranam guruji wonderful explanation thanks god blass u.
Thank you guruji kot kot kot this experience of you Ram Ram Ram Ram sa 🥀🥀🥀🥀🌹
કોટી કોટી વંદન સર
Very good I agree 100%with you
हरि ॐ गुरु जी
अदभुत ज्ञान दिया आपको प्रणाम
Parnam.
इन्हमे 3 महापुरूष का झलक मिलता है दयानंद सरस्वती,विवेकानंद और संत रामसुखदास
Excellent
जय श्री कृष्णा गुरूजी
Guru ji 🙏
Brilliantly explained. Thank you so much sir…
Very well explained Thank you 🙏🙏🙏
Upendra ❤❤
🙏thanks for beautiful explanation 🙏
Sadhu, sadhu, sadhu,❤❤❤
चित्त की पुरानी वृत्तियों ( प्रारब्ध) से छुटकारा कैसे पाएं ?
Very nice and clear explanation 👌
🙏🙏🙏🙏
Guru ji pranam,
Pranaam!!
❤
क्या मनुष्य चित्त का परिमार्जन कर आगामी जीवन सुधार सकता है ... चित की वृत्ति तो कई जन्मों के कर्मो का फल
क्या हम अभी भी सुधार सकते है इसी जीवन मे...गुरुजी प्रकाश डाले🙏
V. Good explanation of the terms with examples for understanding of the topic
Thx
Pranam sir very nice thank
बहुत सुंदर व्याख्या ,
Kya chetna aur Atma ek hai agar ek nahi to es main kya antar hai kirpa kar ke es ke bare batyie
🙏🙏🙏🌹🌹🌹
❤❤❤❤
es terha video ko mujhe talash thaa mujhe milgaya sir proud of you guruji..
💐🙏🙏❣
अगर चित की वृत्तियों या कर्मों के कारण अगला जन्म मिलता है तो हमारा सबसे पहला जन्म क्यों हुआ थाI नास्तिक होने के लिए इतना संकेत ही काफी हैI
नमस्कार!
मन की इच्छाए और जीवात्मा की इच्छाएं अलग अलग होती है क्या गुरूजी ? और मन की और जीवात्मा की इच्छाएं क्या क्या है बताएं जी ? प्लीज़ गुरुजी।
मन की इच्छाए और जीवात्मा की इच्छाएं अलग अलग होती है क्या गुरूजी ? और मन की और जीवात्मा की इच्छाएं क्या क्या है बताएं जी ? प्लीज़ गुरुजी।
Excellent
मानो या ना मानो मुझे तमोगुणी बनने की आवश्यकता नहीं होगी वर्तमान काल पर यह दोहा लागू होता है कबीरा मन तो एक है चाहे जहां लगा या तो ज्ञान या फिर कर्म
Jeev ka tahkhana kahiye atma eis kichrkhana se alag maniye atma ke pas koi hade nahi asparsha karti ek jeev hi atma me samrpit bandhan mukta ho sakta hai ise hi muki kahate haiaub aatma aman ho jati hai apne param sattame samrpit ho jati hai
💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏
रामायण का अर्थ
मन चित्त बुद्धि और अंहकार जीव के अंतर करण है
Guruji part 2 ke baad wala video konsa hai plz bataiea
Shighra hi upload Kiya jaega. Jigyasa ke liye dhanyvaad🙏
Dhanyawad guruji
Guruji Bohot din se raah dek raha hu video kabhi upload karnewale hai, plz jaldi kijiye 🙏
@@ravindraewmost probably 2 April 2023 ko upload kar di jaegi. Thanks❤
Dhanyawad guruji 🙏
आप अहंकार को गलत परिभाषित कर रहे हो। यह ह्रदय के भीतर स्थित होता है जो
1. वैकारिक/सात्विक अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे न्यूट्रॉन कहते है।
2. तैजस अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे इलेक्ट्रॉन कहते है और
3. भूतादि/ तामस अहंकार, जिस को विज्ञान की भाषा मे प्रोटोन्स कहते है, जो पंच महाभूतो ( आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी) के पदार्थ रूप को प्रस्तुत करता है।
श्रीमान जी,आप आध्यात्म को पदार्थवाद से परिभाषित करके सबसे बडी गलती कर रहे है। अहंकार को आप न्यूट्रोन इलेक्ट्रोन व प्रोटोन से परिभाषित कर रहे है जब कि अहंकार /क्रोध/काम/मद/लोभ इनका पदार्थवाद से कोई संबंध नही है। चित्त मन बुध्दि अहंकार ये प्रत्येक शरीरधारी के लिए स्वयं के चित्त की खंडित दशा के कारण है। चित्त से मन, मन के द्वारा लिये गये निर्णय को बुद्धि कहते है बुद्धि से कर्म करने की प्रेरणा मिलती है और यह कर्म की प्रेरणा ही अहंकार है।कर्म की प्रणिती ही अहंकार है।
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Mohammd ne kafiro ko kab joda. Batayen
Ye Soch sahi nai 🖐
aap bihari hai ?
महाराजजी आपने एक आतंकी+डकेत +हवसी-रसूले-शैताने -सूवरे-मुहम्मद को पैगंबर कीस ज्ञान से बोला स्पष्ट किजीये.
❤